मंगलवार को अनाज मंडी में हुई 9413 क्विंटल बाजरे की खरीद
--नये किसानों की खरीद रही बंद, पुराने टोकनधारी किसानों का खरीदा गया बाजरा
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कनीना की आवाज। मंगलवार को चेलावास स्थित कनीना अनाज मंडी में पुराने टोकनधारी किसानों के बाजरे की ही खरीद हो पाई। नये किसानों का कोई बाजरा नहीं खरीदा गया है। इस दौरान 357 किसानों का 9413 क्विंटल बाजरे की खरीद की गई। अब तक कुल खरीद 128333 क्विंटल पहुंच गई है। हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मंडी में बाजरे का उठान कार्य चल रहा है। इस दौरान जो गेट पास पेंडिंग थे उनके बाजरे की खरीद की जा रही है। मंगलवार को 9413 क्विंटल बाजरे की खरीद की गई । वहीं 750 टोकन अभी तक पेंडिंग चल रहे हैं। मंगलवार तक उठान कार्य 102675 क्विंटल तक कर लिया गया है। मंगलवार को 24800 बैग का उठान किया गया। 25658 क्विंटल अभी उठान कार्य बाकी है। किसानों को बाजरे की किस दिन खरीद होगी, की सूचना पहले से न मिल पाने से भारी रोष पनप रहा है। किसान इधर उधर से सूचना प्राप्त करने के लिए फोन करते देखे जा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 07:अनाज मंडी में उठान कार्य के दौरान का दृश्य
भागवत कथा का तीसरे दिन आचार्य जगदीश शास्त्री ने सुनाया ध्रुव चरित्र की कथा का सुनाया प्रसंग
-लेखराम बाग में कथा का तीसरा दिन
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कनीना की आवाज। पितृपक्ष में होलीवाला जोहड़ कनीना के समीप लाला लेखराम बाग में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन का प्रसंग सुनाया गया। कथा वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद्भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रूप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के दौरान भजन गायकों ने व्यास ने भजनों की प्रस्तुति दी। छबिलचन्द व सुरेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया सात दिवसीय संगीत में श्रीमद्भागवत कथा का समापन 14 अक्टूबर को किया जाएगा तत्पश्चात 15 अक्टूबर को हवन यज्ञ करके भंडारा किया जाएगा। इस दौरान सेठ छबील चंद, लक्की सेठ, जगमाल सिंह, महावीर चौधरी, देवेंद्र, कैलाश चंद्र गुप्ता, पंडित कन्हैयालाल रमेश, ओमप्रकाश, रामचंद्र, सुरेश गुप्ता, विजय गुप्ता, अजय कुमार, देवकीनंदन, फूलचंद, अमित कुमार, अंकुर, विकास, हितेश, लाल गणपत राम का परिवार, मूलचंद गुप्ता, पवन कुमार, पंडित डूंगरमल, मनोज, गीता देवी, इंद्रमणि, सुनीता, संजू, मोनिका, पूजा, पूनम, ममता, कुमकुम, भावना,सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: भागवत कथा के तीसरे दिन का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास आचार्य जगदीश शास्त्री ।
घटती जा रही ग्वार की खेती, किसान इस वक्त कर रहे हैं लावणी
- विभिन्न उद्योगों में तथा प्रसाधन में आता है काम
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कनीना की आवाज। किसी वक्त कनीना क्षेत्र में अच्छी पैदावार ग्वार की ली जाती थी किंतु वर्तमान में ग्वार की खेती घटती जा रही है। वर्तमान में 20 हेक्टेयर से भी कम पर खेती की गई है।
ग्वार का अर्थ है गऊ का आहार अर्थात गाय का बेहतरीन चारा माना जाता है किंतु अब यह बहुत कम क्षेत्रफल पर उगाया जाता है। इसको अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। पशुओं के लिए ग्वार की चूरी उपयोगी है इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है। ग्वार का गोंद कपड़ा, खाद्य पदार्थ शृंगार का सामान बनाने, विस्फोट, तेल उद्योगों में किया जाता है।
अपनी उपयोगिता के कारण यह लोकप्रिय है। डा देवराज पूर्व कृषि अधिकारी बताते हैं कि ग्वार की गिरी में 35 फीसदी तक गम पाया जाता है। इसका उपयोग खाद्य प्रसंस्करण ,वस्त्र उद्योग सौंदर्य प्रसाधन, विस्फोटक उद्योग, कागज उद्योग में किया जाता है। बेकरी बनाने, आइसक्रीम ,पनीर के रखरखाव, चटनी बनाने में उपयोगी है। ग्वार पौष्टिक जा रहा है इसलिए विभिन्न पशुओं को खिलाने के काम आता है, इसके चूरी पशुओं को खिलाते हैं वहीं ग्वार की फलियां सब्जी के काम आती है। यह फलीदार दलहनी कम होने के कारण वायुमंडल की नाइट्रोजन को अवशोषित करता है।
पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज का कहना है कि ग्वार में जड़ गलन सहित कई रोग बहुत जल्दी धावा बोल देते हैं जिसके चलते पैदावार घटती जा रही हैं जो घाटे का सौदा बन गई है। इसलिए कम किसान इसकी ओर आकर्षित होते हैं।
फोटो कैप्शन 04: ग्वार की लावणी करते किसान।
अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस -11 अक्टूबर
-आज के दिन लड़के लड़कियों में भेदभाव भावना बहुत कम-नरेश कौशिक
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कनीना की आवाज। 11 अक्टूबर अन्तर्राष्ट्रीय
बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और उनके अधिकारों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। आज के दिन बालिकाओं के अधिकारों, लैंगिक समानता जैसे विषयों के प्रति लोगों को जागरूक करके मुहिम चलाई जाती है। आज के दिन बालिकाएं किसी प्रकार किसी से काम नहीं है चाहे धरती या समुद्र की गहराई का मसला हो या चांद पर पहुंचने का मसला हो। हर जगह बालिकाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। एक वक्त था जब लड़कियों को कम चाहते थे और लड़के को अधिक चाहते थे किंतु आज के दिन लड़के और लड़कियों को बराबर समझा जाता है। प्रदेश सरकार ने जैसे मुहिम बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दिया और मुहिम चलाई तब से बालिकाओं का नाम अग्रणी है। क्षेत्र में विभिन्न बच्चियों नाम कमा रही है, इस बात को इंगित करता है लड़कियां आज हर क्षेत्र में आसमान छू रही है। इस संबंध में लोगों से प्रबुद्ध जनों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्न हैं-
**विभिन्न स्कूलों में जहां लड़कियों के लोगों लगे हुए हैं। बेटी बचाओ बेटी बचाओ तथा बच्चियों के साथ होने वाले किसी प्रकार की अन्य को रोकने के लिए सरकार कटिबद्ध है। विभिन्न स्कूलों में जहां बालिका मंच कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनके जरिए स्कूली बच्चियों को जागरूक किया जाता है। बाल श्रमिक रोकने भ्रूण हत्या रोकने, समाज की विकृत मानसिकता को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम लगाए जाते हैं। लड़कियों के लिए दहेज पे्रथा, बाल विवाह पर पूर्ण रोक लगाई हुई है बच्चियों का हर प्रकार से आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है।।
-----लक्ष्मी देवी समाजसेविका
बेटियां हर घर की शान होती हैं, बेटियां ईश्वर का वरदान होती हैं। बेटियां सबके नसीब में कहां होती हैं, भगवान को जो घर पसंद हो वहां होती हैं। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं है। बात चाहे चंद्रयान-3 की स्वर्णिम सफलता की हो या सिविल सर्विस की परीक्षा में टॉपर आने की ,ओलंपिक में मैडल लाने की बात हो या फिर सरहदों पर पहरा देने की व फाइटर प्लेन उड़ाने की। बेटियां आज हर क्षेत्र में बेटों के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलें तथा उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा देने की पहल करें उनके जन्म पर उत्सव मनाए तथा उनकी कल्पना की उड़ान को मूर्त रूप देने में उनकी मदद करें। ये निश्चित ही एक दिन आकाश छू लेंगी तथा माता-पिता व देश का नाम रोशन करेंगी।
----मदन मोहन कौशिक प्राध्यापक
बालिका शिक्षा के बढ़ावे से ही समाज का विकास संभव है। सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर बालिका सशक्तिकरण, बालिका जागृति, बालिका स्वावलंबन, बाल विवाह, दहेज प्रथा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ आत्म रक्षा स्वावलंबन भी बनने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। राज्य में लिंगानुपात पिछले वर्षों में लगातार सुधार हुआ है वहीं बाल विवाह में भी कमी आई है। प्रदेश की बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर नित नये कीर्र्तिमान रच रही है। हमें बेटियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
----लक्की सिगड़ा समाजसेवी
अगर हमारी बालिकाएं स्वस्थ और सशक्त होगी तो आने वाला देश का कल भी सशक्त होगा। बालिकाओं के विकास के लिए व उनके लिए सहयोगी वातावरण बनाने के लिए और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए अनेक प्रयासों की आवश्यकता है और इसके लिए हमें प्रतिबद्ध भी रहना चाहिए। बालिकाओं का घटता लिंगानुपात भी चिंता का विषय है। माता-पिता को बेटे बेटी में फर्क नहीं समझना चाहिए। सरकार की योजनाएं भी बालिका के जन्म को बढ़ावा देने उनके विकास के लिए प्रेरणादायक हो सकती हैं।
----नरेश कुमार हिंदी शिक्षक
बालिका दिवस मनाते समय हम इस बात का मनन करें कि क्या हम वास्तव में बालिकाओं को वह स्थान दे पाए हैं जो मानव जाति को जन्म देने वाली गरिमामयी शख्सियत को मिलना चाहिए था । प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत जोरदार की लेकिन बेटियों के साथ होने वाले हादसे काम नहीं हुए। कड़े कानूनी प्रावधानों के बावजूद बालिकाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है। सही मायने में बालिका दिवस की सार्थकता तब मानी जाएगी जब हर गरीब, बेसहारा की बेटी को शिक्षा स्वास्थ्य तथा जीवन यापन बेरोजगार के उचित अवसर मिलेंगे।
--- नरेश कुमार कौशिक हेड मास्टर राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, कनीना
फोटो कैप्शन: नरेश कुमार, लक्की सिगड़ा, लक्ष्मी देवी,मदनमोहन, नरेश कुमार मुख्याध्यापक
घुमंतू एवं विमुक्त जाति के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए लगाए जाएंगे कैंप
---कनीना में कैंप 12 से
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कनीना की आवाज। जिला उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नारनौल द्वारा घुमंतू एवं विमुक्त जाति के लोगों को मुख्य धारा मेें लाने के लिए विभागीय योजना का लाभ देने हेतु विभिन्न स्थानों पर कैंप आयोजित करने संबंधित योजना बनाई है। इस संबंध में कनीना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय कनीना में 12 व 13 अक्टूबर को कैंप आयोजित होंगे जिसमें सुशील कुमार तथा राजेश कुमार शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार नगर पालिका कनीना में 19 और 20 अक्टूबर को कार्यक्रम आयोजित होंगे जिनमें राजू सिंह शिक्षक तथा सतीश कुमार संस्कृत अध्यापक को कैंप के लिए तैनात किया गया है।
पेट्रोल पम्प से सेल के पैसे लेकर भाग गया था सेल्समैन, पुलिस ने यूपी से पकड़ा
---पूछताछ है जारी
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कनीना की आवाज। पेट्रोल पम्प से पैसे लेकर भागने के मामले में थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने आरोपित सेल्समैन को गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान रसीद अली वासी गांव बरही जिला जालौन यूपी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपित को उसके गांव क्षेत्र से पकड़ा है। आरोपित कनीना क्षेत्र में पेट्रोल पम्प पर सेल्समैन के रूप में कार्य करता था और पेट्रोल पम्प से पैसे लेकर भाग गया था। पूछताछ में आरोपित ने पैसे चोरी की वारदात को अंजाम देना कबूल किया है। आरोपित को आज न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अक्षय वासी गांव सरोहल ह्यद्गष्. 17/18 जिला गुरुग्राम ने थाना शहर कनीना में शिकायत दर्ज कराई, जिसमे उसने बताया कि मंगलदीप फिलिंग स्टेशन के नाम से उसने पेट्रोल पम्प खोल रखा है। पेट्रोल पम्प पर रसीद अली गावं बरही जिला जालौन उतर प्रदेश बतौर सेल्समेन उसके पेट्रोल पम्प पर काम करता था। शिकायतकर्ता ने बताया कि सेल्समैन दिनांक 2 अक्टूबर की रात्रि सुबह करीब 4 बजे रात की सेल के पैसे 98,800 रुपये लेकर पम्प से भाग गया और जिसका मोबाइल नम्बर भी बंद आ रहा है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।
नशा सभ्य समाज के नाम पर कलंक
--दिलवाई नशा न करने की शपथ
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में मंगलवार को नशा एक अभिशाप विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों को नशे के कुप्रभावों के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्य पूनम यादव ने की। विद्यालय के लीगल लिटरेसी क्लब के इंचार्ज मदन मोहन कौशिक ने अपने संबोधन में बताया कि नशा एक बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है जो व्यक्ति को अंधकार के गहरे गर्त में धकेल देती है उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे हुक्का,बीड़ी गुटका जर्दा खैनी सुपारी इत्यादि मादक पदार्थों से दूर रहें तथा स्वस्थ जीवनचर्या को अपनाएं नशे से न केवल शारीरिक नुकसान होता है अपितु यह आर्थिक रूप से भी व्यक्ति को तबाह कर देता है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों तथा स्टाफ सदस्यों ने जीवन में कभी भी नशा न करने की शपथ ली। विद्यालय में गणित के प्रवक्ता अजय बंसल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया नशा उस टूटी नाव की तरह से है जिसका डूबना निश्चित है। इसलिए विद्यार्थी जीवन से ही अच्छी संगति में रहें ताकि नशे के कुप्रभावों से बचा जा सके। इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता राजेंद्र कटारिया, निशा, पूनम कुमारी शशि कुमारी, धर्मेंद्र डीपी, मुख्य शिक्षक रतनलाल, चंद्रशेखर, प्रमोद कुमार, मुकेश कुमार सहित विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 04: नशे से दूर रहने की शपथ दिलवाती प्राचार्या पूनम यादव।
11 बोतल देशी शराब पकड़ी,मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस को सूचना मिली कि सुरेंद्र उर्फ लंगड़ा मालड़ाबास निवासी शराब बेचने का काम करता है और प्लास्टिक के बोरे में शराब रखकर बेच रहा है। पुलिस ने तुरंत छापेमारी की मालड़ाबास में बताए गए स्थान से एक व्यक्ति को प्लांट के सामने खड़ा पाया जो पुलिस पार्टी को देखकर तेज कदमों से चलने लगा। पुलिस ने उसे पकड़ लिया, नाम पूछे जाने पर सुरेंद्र उर्फ लंगड़ा बताया। उसके प्लास्टिक की थैले से 11 देसी शराब की बरामद की। आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
152-डी सड़क मार्ग पर खरखड़ावास के पास हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत, दूसरा घायल
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर खरकड़ा बांस गांव के पास एक गाड़ी दूसरी गाड़ी से जा टकराई जिसके चलते गाड़ी में सवारी एक व्यक्ति की मौत हो गई, दूसरा घायल हो गया। मृतक के परिजनों ने कनीना पुलिस में अज्ञात गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस में सतवेंद्र चेलावास ने कहा है कि मेरे ताऊ का लड़का विनोद कुमार चेलावास निवासी सरकारी अस्पताल भोजावास में कार्यरत था। 9 अक्टूबर को फोन पर सूचना मिली कि विनोद कुमार चेलावास तथा सोनू वासी सुंदरह की गाड़ी 152-डी खरकड़ा बास की सीमा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। विनोद कुमार की एक्सीडेंट में लगी चोटों के कारण मृत्यु हो गई। विनोद कुमार चेलावास तथा सोनू सुंदरह निवासी गाड़ी में सवार होकर भिवानी से वापस कनीना की ओर आ रहे थे। ज्यों ही खरकड़ाबास की सीमा के पास पहुंचे थे आगे चल रही गाड़ी चालक ने अपनी गाड़ी को तेज रफ्तार से गलत दिशा में दबा दिया जिसके कारण पीछे चल रही गाड़ी दुर्गागंज दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना में लगी चोटों कारण विनोद कुमार की मृत्यु हो गई जबकि सोनू सुंदरह को काफी छोटे लगी जिनका इलाज चल रहा है। कनीना पुलिस ने अज्ञात गाड़ी चालक के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
केंद्र सरकार की तरफ से सकारात्मक रुख किंतु कट निर्माण कार्य शुरू नहीं
-ग्रामीणों का 212वें दिन जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 212वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता मुंशीराम सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है,तब तक हम धरना स्थल पर अडिग हैं।
उन्होंने बताया की धरने को चलते 212 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए सकारात्मक जवाब मिल रहा है। किसान केंद्र सरकार के भरोसे पर शांतिपूर्वक धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। सरसों की बिजाई का समय नजदीक आने से, पानी देकर भूमि को तैयार किया जा रहा है और साथ-साथ किसान धरने पर भी अपना समय दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से चंडीगढ़ और नारनौल आने-जाने में दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत होगी। शिव भक्तों को बागेश्वर धाम आने-जाने में आसानी हो जाएगी और इस इलाके में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
ब्रह्मप्रकाश और सुमेर सिंह नौताना धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का होना इन 40-50 गांवों के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करेगा। कट बनने से ही इन गांवों का विकास हो सकता है।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, बीरेंद्र सिंह सेहलंग, पंडित गौरी शंकर, संजय, पहलवान रणधीर, नरेंद्र शास्त्री,राज सिंह, सुंदर लाल, सुरेंद्र सिंह, मास्टर धर्मपाल, श्री राम, भरत सिंह , पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, मास्टर विजय सिंह, जिला पार्षद लीलाराम, सत्यप्रकाश,चेयरमैन सतपाल, पहलवान धर्मपाल, मास्टर विजय पाल, डॉ लक्ष्मण सिंह, डॉ सुरेंद्र सिंह, सूबे सिंह पंच, हंस कुमार, रामकुमार, करण सिंह, पंच कृष्ण कुमार,सतनारायण साहब,ओम प्रकाश, भोले राम साहब, प्रधान कृष्ण कुमार, रामकिशन, बाबूलाल,वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्री, मास्टर ओम प्रकाश, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, दाताराम, सीताराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।




















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