शुक्रवार को 384 किसानों का 7184 क्विंटल बाजरा खरीदा गया
-शनिवार को बाजरे की नहीं होगी खरीद
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी में शुक्रवार के दिन 384 किसानों का 7184 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड के भरपूर सिंह ने बताया कि 7184 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। अब तक बाजरे की कुल खरीद 106289 क्विंटल पहुंच चुकी है। शुक्रवार को 11000 बैग की लिफ्टिंग की गई। अब तक 140000 बैग की उठान की जा चुकी है।
खरीद में तेजी आ गई है जिससे कनीना अनाज मंडी बाजरे से अंटती जा रही है। शनिवार को बाजरे की खरीद नहीं होगी जबकि अगले दिन रविवार होगा। दो दिनों में उठान कार्य जारी रहेगा।
फोटो कैप्शन 10: कनीना अनाज मंडी में बाजरे को बेचने के लिए मंडी में प्रवेश करता किसान।
राष्ट्रीय के कपास दिवस -7 अक्टूबर
किसानों को कपास दिवस की कोई जानकारी नहीं
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कनीना की आवाज। 7 अक्टूबर को क्षेत्र में राष्ट्रीय कपास दिवस मनाया जा रहा है। कपास के प्रति लोगों का रुझान दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। आज से करीब 20 वर्ष पहले किसान कपास न के बराबर उगाते थे किंतु धीरे-धीरे कपास के प्रति रुझान जागृत हुआ और किसान अधिक मात्रा में कपास उगाने लग गए हैं। अकेले कनीना में दो मिले कपास की लगी हुई है जिससे किसानों को किसी प्रकार की कपास बेचने में समस्या नहीं आ रही है। एक वक्त था जब किसानों को कपास बेचने के लिए चरखी दादरी, भिवानी, गुरुग्राम आदि स्थानों पर जाना पड़ता था। यही कारण है कि कपास के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है।
विगत वर्ष 4900 हेक्टेयर पर उगाई गई थी जबकि इस वर्ष 6900 हेक्टेयर पर कनीना क्षेत्र में कपास उगाई गई है जो सिद्ध करता है कि कपास के प्रति किसानों का लगाव बढ़ता ही जा रहा है। कपास को एक बार नहीं बल्कि तीन बार चुनना पड़ता है। इस समय कपास पककर तैयार है और किसानों ने दो बार चुन लिया है। फिर से तीसरी बार बचे हुए डोडो को चुन लेंगे। क्या कहते हैं किसान--
***कपास न केवल खेत में खाद की पूर्ति करती है, अपितु इसके पत्ते हरे होते तो उससे भी पशु चारे के काम में लेते हैं परंतु जब यह कटाई हो जाती है तो कपास के पौधे ईंधन का काम करते हैं। वही इसके डोडो से जो रूई प्राप्त होती है वह मिलों पर बेच दी जाती है। अन्य फसलों के मुकाबले मेहनत अधिक करनी पड़ती है किंतु लाभ अच्छा मिलता है।
--- किसान सुभाष
यही कोई 20 वर्ष पहले कुछ किसानों का ही रुझान कपास उगाने के लिए होता था क्योंकि कपास की मंडियां आसपास नहीं होना भी एक दिक्कत देता था। कोई मिल न होने के कारण दूर दराज कपास ले जाना पड़ता था परंतु अब आसपास ही मिले स्थापित हो गई है जहां कपास को ले जाया जाता है और अच्छे दाम प्राप्त हो जाते हैं। यही कारण कि वह कपास उगते हैं।
---किसान कण सिंह
कपार्स एक किला जमीन पर सात से 10 क्विंटल पैदावार देती है जिसका भाव 7000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि बाजरे का भाव 2500 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में कपास उगना ज्यादा कारगर साबित होता है किंतु मेहनत अधिक करनी पड़ती है। किसानों को कपास से खाद बनाना हो तो वह बन जाता है और ईंधन भी तैयार मिलता है। यही कारण है कि किसान इसकी और आकर्षित हो रहे हैं।
--किसान रवि कुमार
कपास की फसल अन्य फसलों के मुकाबले कुछ ज्यादा लाभप्रद है। कपास की तुड़ाई 20 रुपये किलो अधिक होने से परेशानी जरूर होती है। कपास की बड़ी मिल दादरी, भिवानी और बहरोड़ आदि में स्थित है। इसलिए ले जाना महंगा पड़ता है, वरना कपास के मुकाबले अन्य कोई फसल इतनी कारगर और लाभप्रद नहीं है।
--महिला किसान सरिता
फोटो कैप्शन 09: कपास की खड़ी फसल
साथ में किसान सुभाष,कर्ण सिंह, सरिता एवं रवि कुमार।
7 को चेलावास मंडी में बाजरे की खरीद रहेगी बंद
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कनीना की आवाज। नई अनाज मंडी कनीना (चेलावास) में 7 अक्टूबर को बाजरे की खरीद बंद रहेगी।
यह जानकारी देते हुए सचिव एवं कार्यकारी अधिकारी मार्केट कमेटी ने बताया कि 7 अक्टूबर को खरीद किए गए बाजरे का उठान कार्य किया जाएगा। 7 अक्टूबर को कोई भी किसान नई अनाज मण्डी में बाजरा ना लेकर आएं। उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर को बाजरे की खरीद के लिए कोई नया गेट पास जारी नहीं होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री के नाम ज्ञापन कनीना स्टेशन मास्टर को सौंपा ज्ञापन
-ट्रेन रोके जाने की मांग
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कनीना की आवाज। बसपा के प्रतिनिधिमंडल ने कनीना खास रेलवे स्टेशन से सम्बन्धित मांगों को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम ज्ञापन स्टेशन मास्टर अशोक कुमार को सौंपा।
ज्ञापन में कनीना खास रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल करने, रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज बनाने तथा सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव कनीना खास रेलवे स्टेशन पर करने की मांग की गई। ज्ञापन देने के बाद अतरलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अनेक रेलवे स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल कर वहाँ सुविधाएं बढ़ाने का कार्य किया है परन्तु कनीना खास रेलवे स्टेशन जो काफी पुराना है उसको इस योजना में शामिल न करने से कनीना उपमंडल के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। रेलवे स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज न होने के कारण यात्रियों को दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ती है। दो ट्रेन एक साथ आने पर यात्रियों को दूसरी तरफ जाने का समय नहीं मिलता और ट्रेन छूट जाती है। दिव्यांगों को भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए हमने ज्ञापन में रेल मंत्रालय से कनीना खास स्टेशन पर फुट ओवर ब्रिज बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कनीना रेलवे स्टेशन से अनेक सुपरफास्ट ट्रेने गुजरती हैं परन्तु सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव न होने के कारण इलाके की जनता, सैनिकों तथा व्यापारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए गाड़ी नम्बर 12457 दिल्ली बीकानेर एक्सप्रैस, गाड़ी नम्बर 12458 बीकानेर दिल्ली एक्सप्रैस, गाड़ी नम्बर 22472 दिल्ली बीकानेर, गाड़ी नम्बर 22471 बीकानेर दिल्ली, गाड़ी नम्बर 22422 जोधपुर दिल्ली और गाड़ी नम्बर 22421 दिल्ली जोधपुर सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव कनीना खास रेलवे स्टेशन पर किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि एक महीने के अंदर उक्त मांगों को पूरा करने की अधिसूचना जारी नहीं की तो विरोध प्रदर्शन होगा।
फोटो कैप्शन 08: स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपते बसपा कार्यकर्ता।
कनीना के आधा दर्जन गांवों में होती है फूलों की खेती
-त्योहारों पर रहती है मांग
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कनीना की आवाज। कनीना खंड के करीब आधा दर्जन गांवों के किसान फूलों की खेती करके हजारों से लाखो रुपये प्रति एकड़ कमा रहे हैं। इस फल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत नहीं होती। नवरात्रों के बाद दीपावली पर भारी मांग होगी। भाव घटते बढ़ते रहते हैं।
कनीना उपमंडल के गोमला, गोमली, रामबास,भोजावास, मोड़ी आदि गांवों के किसान कुछ वर्षों से गेंदा की खेती करते आ रहे हैं। करीब तीन माह की इस खेती में अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है वहीं इस क्षेत्र में बेहतर पैदावार होती है। कभी कभी तो भाव बेहतर मिलते हैं। कम से कम 40 रुपये तो अधिकतम 200 रुपये प्रति किलो तक भाव मिल जाते हैं।
किसान कई वर्षों से गेंदा उगाते आ रहे हैं जो क्षेत्र को मुफ्त में खुशबू दे हैं तथा दिल्ली एवं गुरुग्राम जैसे शहरों में फूलों की मांग अधिक रहती हैं। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में फूलों की मांग बहुत कम है और फूलों की मंडी का अभाव है। ऐसे में अधिक किराया वहन करके दिल्ली व गुरुग्राम जैसे शहरों में ही फूलों को ले जाया जाता है। नवरात्रों के अलावा दीपावली, जन्माष्टमी, होली पर फूलों भारी मांग होती है।
पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज का कहना है कि खरीफ फसल बतौर फूलों की खेती को कैश क्राप नाम से जाना जाता है जो 90 दिनों की ही फसल होती है। इस क्षेत्र की मिट्टी में बेहतर पैदावार होती है। यही कारण है कि क्षेत्र के कई गांवों के किसान अब परंपरागत खेती की बजाय कैश क्राप की ओर आकर्षित हो रहे हैं। पर्वों पर विशेष मांग होती है। फूलों की खेती करने वाले किसानों से चर्चा की गई--
**नवरात्रों पर फूलों की बेहतर मांग के बाद दीपावली जैसे पर्वों पर भारी मांग होती है। कनीना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी आदि में अगर फूलों की मंडी हो तो किसानों की रुचि इस ओर बढ़ सकती हैं। फूलों की खेती के लाभ अधिक मिलने की संभावना होती है।
----किसान गजराज सिंह
फूल उगाकर मन भी प्रसन्न रहता है वहीं खुशबू भी दूर दराज तक फैल जाती है। पर्वों पर फूलों की मांग हर घर में होती है वहीं शनिवार को हर दुकान पर फूलों की माला बदली जाती है। अगर गेंदा जैसे फूल उगाये तो अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद होती है। तीन माह की खेती पर अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
-----महिला किसान कांता देवी, फूल उत्पादक
कई बार किसान परंपरागत फसलें उगाते रहते हैं, इससे फायदो की जगह नुकसान अधिक होता है। फसलों को बदल कर बोना चाहिए। गेंदा फूल की खेती पारम्परिक खेती की तुलना में कई गुणा लाभ किसानों को दे सकती है। गेंदा फूल सिर्फ कम खर्च में अच्छा लाभ देता है, बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। गर्मी के सीजन में जनवरी माह में फूल लगाए जाते है। जिनका नवरात्रों के दिनों में पूजा पाठ में खूब इस्तेमाल होता है और बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है। इसके बाद अप्रैल मई और फिर सर्दी शुरू होने से पहले अगस्त-सितंबर में फूलों की बिजाई की जाती है। इससे अच्छा उत्पादन भी मिलता है।
------किसान अजय कुमार, फूल उत्पादक
फोटो कैप्शन 07: गेंदा की खेती।
साथ में किसान गजराज, कांता, अजय
कनीना में आयोजित हुआ कपास मेला
-500 किसानों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। उप- मंडल कनीना के संत मोलडऩाथ ग्राउंड परिसर में कपास मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ब्लॉक समिति अध्यक्ष जयप्रकाश यादव रहे जबकि अध्यक्षता उप-मंडल कृषि अधिकारी महेंद्रगढ़ डा.अजय यादव ने की। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ संयोजक डा. रमेश यादव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डा. रमेश यादव ने अपने संबोधन में खरीफ एवं रबी के विभिन्न फसलों की पैकेज के बारे में विस्तार से चर्चा की। न्होंने कहा कि समय पर बीजाई और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग के बल पर अच्छी फसल पैदावार अच्छी ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि कपास फसल की खेती बड़ी तकनीकी खेती है। वैज्ञानिक विधि से ही पूरी पैदावार ली जा सकती है। इसी मौके पर पशुपालन विभाग के डा. अजय कुमार ने मवेशियों की देखरेख एवं पशुपालन की जानकारी दी। पौध रोग विशेषज्ञ डा. नरेश ने खरीफ और रबी फसल में लगने वाले रोगों के बारे में चर्चा की।
उपमंडल उप मंडल कृषि अधिकारी डा. अजय यादव ने किसानों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की और मौके पर निवारण किया। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेट का युग है, अत: किसान पोर्टल पर अपना पंजीकरण करें और विभाग से मिलने वाली सभी स्कीमों का लाभ प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि किस तुरंत प्रभाव से पीएम किसान में केवाईसी करवाई ताकि उन्हें समय पर स्कीम का लाभ मिल सके।
मुख्य अतिथि जयप्रकाश ब्लॉक समिति अध्यक्ष ने किसानों की समस्याओं को तत्पर से निदान करने के निर्देश दिए और इस प्रकार का आयोजन समय-समय पर करवाने हेतु निर्देश भी दिये। इस मौके पर खंड कृषि अधिकारी संदीप यादव ,कृषि विकास अधिकारी विकास कुमार, मनीष यादव, अरविंद कुमार, राहुल, शंकर, बंसी, परमवीर, निक्की, प्रवेश, कुलदीप, रवि, सचिन आदि 500 किसानों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 4 और 6: कृषि मेले में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कृषि अधिकारी।
गाहड़ा के पूर्व सरपंच सत्यवीर सिंह का आकस्मिक निधन इलाके में शोक की लहर
-गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव गाहड़ा के पूर्व सरपंच सतबीर सिंह यादव 62 वर्षीय का अचानक हल्के बुखार के कारण गुडग़ांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अचानक उनके निधन की खबर से उनके गांव व इलाके में लोगों के लिए काफी दु:खद भरी खबर बनी हुईं हैं। उनके पुत्र कर्मबीर यादव (यूनियन प्रधान) हरियाणा रोडवेज नारनौल ने जानकारी देते हुए बताया की वे पिछले तीन-चार दिन से बुखार से ग्रस्त थे। उनका इलाज रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में चल रहा था तबियत ज्यादा खराब होने पर गुरुग्राम के निजी अस्पताल में लेकर गए। जहां पहुंचने पर उनका देर रात उनका निधन हो गया । गांव के लोगों ने बताया कि सत्यबीर सिंह प्रधान भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद ग्राम सरपंच बने व उसके बाद भी वो लगातार समाज सेवा से जुड़े रहे थे। वे अपनी पाक साफ व बेबाक छवि के साथ साथ बहुत ही धार्मिक व सामाजिक प्रवृत्ति के मिलनसार परवर्ती के धनी थे ।वे अपने पीछे पत्नी एक पुत्र दो पोते सहित भरा पुरा परिवार छोड़ गए। बीते दिन उनका दाह संस्कार गमगीन माहौल में गांव में ही किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में
उनकी अंतिम यात्रा में सरपंच श्रीपाल यादव, ऋषिराज नंबरदार, कंवर सिंह सूबेदार मोहर सिंह, मनफूल, ओमप्रकाश, रविन्द्र, लूखी के प्रधान विक्रम आर्य, पंडित सुरेश चंद शर्मा, पंडित अरविंद शर्मा, मास्टर बुधराम, वेद प्रकाश आर्य, ठेकेदार ओमप्रकाश, उमेश यादव, समाजसेवी शुक्रमापाल यादव, सरपंच राजवीर, दारा सिंह, सतवीर, राजू, आरडी शास्त्री, सुमेर सिंह, धीरेन्द्र शर्मा, जगन्नाथ, सुरेश शर्मा, मेजर घीसाराम, रामपत शर्मा, अनिल परदेशी, नवीन डाबर, सुरेंद्र यादव, विक्की, सहित गांव व आसपास के सैकड़ों लोग शामिल हुए।
फोटो कैप्शन: सत्यवीर सिंह पूर्व सरपंच।
पैसों से भरा पर्स लौटाकर दिया ईमानदारी का परिचय
-पूर्व इंस्पेक्टर ने जताया आभार
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कनीना की आवाज। पूर्व इंस्पेक्टर सत्यराज यादव का खोया हुआ पर्स वापस लौटाकर युवक ने इमानदारी का परिचय दिया है। हुआ यूं कि कनीना के पूर्व इंस्पेक्टर सत्यराज यादव शुक्रवार को अपने घर आ रहे थे कि रास्ते में उनका पर्स गिर गया जो करीरा के मोनू को मिला। मोनू ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए पर्स में लिखे पते व फोन नंबर पर फोन करके पूर्व इंस्पेक्टर सत्यराज यादव का उनका खोया हुआ पर्स लौटा दिया। मोनू ने बताया कि यह पर्स धर्मशाला नजदीक मोलडऩाथ के पास पड़ा मिला था। उन्होंने सोचा क्यों न इसके असली मालिक तक पहुंचाया जाए। जिसके चलते उन्होंने तुरंत फोन किया। फोन सुनकर सत्यराज यादव पर्स लेने पहुंचे। पर्स में 5000 रुपये की राशि तथा अनेकों महत्वपूर्ण कागज भरे हुए थे। सत्यराज साहब ने युवक का आभार जताया।
फोटो कैप्शन 3: पूर्व इंस्पेक्टर सत्यराज यादव का पर्स लौटाते हुए मोनू।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, अगिहार में जल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
--जल ही जीवन बताया
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल की ग्राम पंचायत अगिहार के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्या पूनम यादव की अध्यक्षता में स्वच्छता एवं जल जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की ओर से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने जल जीवन मिशन, जल संरक्षण एवं जल गुणवत्ता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत भारत व हरियाणा सरकार द्वारा हर घर तक नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। एचटूएस किट के माध्यम से जीवाणु परीक्षण विधि के बारे में जानकारी दी गई।
खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने सभी विद्यार्थियों को स्वच्छता एवं जल प्रहरी की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। अंग्रेजी प्रवक्ता मदनमोहन कौशिक े बताया की जल जनित बीमारियों से बचना है तो पानी शुद्ध होना बहुत आवश्यक है। इसके लिए छात्र भी अपनी भूमिका निभा सकते हैं। सभी को मिलकर पानी को व्यर्थ बहने से रोकना होगा।
पेयजल से संबंधी कोई भी तकनीकी समस्या जैसे पाइपलाइन में लीकेज आदि हो तो तुरंत विभाग के टोल फ्री नंबर 1800 180 5678 पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज कराए ताकि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी को सूचना मिली सकें और समस्या का निदान समय पर हो सकें ।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को जल शपथ दिलाई गई ।
इस अवसर पर प्रवक्ता राजेंद्र, अध्यापिका पूनम कुमारी, प्रवक्ता निशा, अध्यापक राकेश, प्रवक्ता अजय, शारीरिक शिक्षक धर्मेन्द्र, मुख्य शिक्षक रतनलाल, प्रमोद, मुकेश, समाजशास्त्री विनय कुमार सहित अन्य शिक्षक गण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: जल संरक्षण की जानकारी देते मोहित कुमार।
केंद्र सरकार के भरोसे पर 208वें दिन जारी रहा ग्रामीणों का धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। कट की अपनी एकमात्र मांग को कर ग्रामीण राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच 208 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता मास्टर विजयपाल सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि कट शुरू करने का काम अब केंद्र सरकार के भरोसे पर है। केंद्र सरकार के द्वारा कट की घोषणा की हुई है, उसके बाद सरकार की तरफ से किसानों को आश्वासन मिला हुआ है कि जल्दी ही राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू हो जाएगा। अब तक धरातल पर कट का काम शुरू नहीं हुआ है।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 208 दिन हो गए हैं फिर भी किसान खुशी के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। उन्हें केंद्र सरकार पर पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152 डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट अवश्य बनाया जाएगा। धरने पर बैठे किसानों को 7 महीने होने जा रहे हैं, सरकार की तरफ से कट का काम शुरू नहीं किया गया है, किसानों का चिंतित होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू करवाया जाए, जिससे किसानों का सरकार के प्रति विश्वास बना रहे।
डॉक्टर कुलदीप यादव और महावीर यादव पालड़ी धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि आप नेक काम के लिए धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। इस इलाके के लिए कट बहुत जरूरी हैढ्ढ आप लोगों की मेहनत बेकार नहीं जाएगी। हम धरने को समर्थन देते हैं और तन-मन-धन से आपके साथ हैं।
इस मौके पर पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पहलवान धर्मपाल सेहलंग, चेयरमैन सतपाल पोता, डॉ लक्ष्मण सिंह,सूबे सिंह पंच, बाजे भगत, करण सिंह, पंच कृष्ण कुमार,राज,सतनारायण साहब, ठेकेदार शेर सिंह, मास्टर विजय सिंह,ओम प्रकाश, मुंशीराम, प्रधान कृष्ण कुमार, मनोज कुमार करीरा, बाबूलाल,वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, अशोक चौहान, सज्जन सिंह, दाताराम,
हंस कुमार,सीताराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
कालेज में पढऩे वाले विद्यार्थी के 22599 रुपये ठगे, पुलिस ने किया मामला दर्ज
--आये दिन बढ़ रहे है ठगी के मामले
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव रामबास से स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थी अमित कुमार के आनलाइन ठगी करके 22599 रुपये ठग लिये। कनीना पुलिस ने उनके बयान पर मामला ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।
अमित कुमार रामबास निवासी ने पुलिस में बताया कि वह बीए अंतिम वर्ष का विद्यार्थी है। 7 सितंबर को टेलीग्राम से लिंक पर क्लिक करके अपने मोबाइल नंबर के व्हाट्सएप पर संदेश भेजा तो ठगी करने वाले ने उन्हें इन्वेस्टमेंट प्लान समझाया और कहा कि 5000 रुपये के बदले 35000 रुपये मिल जाएंगे। तत्पश्चात उसने पीडि़त के पास एक मोबाइल नंबर भेजा जिस पर उन्होंने 5000-5000 दो बार गूगल पे द्वारा राशि भेज दी। इसके 75 मिनट के बाद ठग ने अकाउंट की डिटेल मांगी तो वो भी भेज दी गई। इसके बाद ठग ने चार्ज बतलाया। एक नये मोबाइल नंबर से ठग ने व्हाट्सएप पर फोन किया जिस पर पीडि़त ने अपने दोस्त मनीष कुमार के फोन पे से 12599 रुपये भेज दिए। 10 मिनट पश्चात जीएसटी मांगने लगा। इसके बाद फिर पीडि़त ने कोई रुपया नहीं भेजा। पीडि़त के बैंक का अकाउंट और मनीष का बैंक का अकाउंट पीएनबी रामबास में है। इस प्रकार उनके साथ आनलाइन 22599 का फ्राड हो गया। उन्होंने अपनी राशि वापस दिलवाने की पुलिस में गुहार लगाई है। उन्होंने 1930 नंबर पर रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पीडि़त ने पुलिस से ठगी किये पैसे वापस दिलवाने की मांग की है जिस पर पुलिस में ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।
कट्टे के बल पर घर से अगवा करके मारपीट करने व जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज
--5700 रुपये भी छीने गये
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कनीना की आवाज। कट्टे के बल पर घर से अगवा करके मारपीट करने, लूटपाट करने व जान से मारने की धमकी देने का चार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। मामला बाघोत के एक व्यक्ति ने दर्ज करवाया है। मामला राकेश कुमार बाघोत निवासी ने दर्ज करवाया है।
पुलिस में राकेश नेे कहा है कि 4 अक्टूबर को रात के करीब आठ बजे जब घर पर खाना खा रहा था तो तभी गांव का रवि और कालू घर आए तथा कहा कि तुम्हारा बैंड बाजे को बुक करना है बाहर चलो हमारे साथी खड़े हैं जिसके कारण राकेश बिना चप्पलों के सिर्फ बनियान में बाहर आया तो रवि के बुआ के लड़के ने कट्टा सिर पर लगा दिया और कहा कि चुपचाप मोटरसाइकिल पर बैठ जाओ। अगर आवाज की तो गोली मार देंगे। इसके बाद वह पीडि़त को गांव से बाहर ले गए और जेब से 5700 रुपये थे वे छीन लिए जान से मारने की धमकी दी, अंगूठी भी उतरवा ली। चारों लोगों ने पीडि़त के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि रवि के पिताजी के खिलाफ तुम्हारा जो मुकदमा चल रहा है उसे वापस उठा लो वरना सभी को जान से मार देंगे। चारों लोगों ने पीडि़त को करीब एक घंटे तक बंधक बनाए रखा, लगातार मारपीट की धमकियां देते रहे। इसके बाद पपीडि़त का आरोप है कि उन्होंने उसकी पत्नी को भी थप्पड़ जड़ दिया। रवि और कालू भोंडसी जेल से जमानत पर आए हैं। तत्पश्चात सीआईए की गाड़ी पीडि़त का मेडिकल करवाने कनीना लेकर गई किंतु मेडिकल नहीं नहीं हो सका, अगली सुबह फिर से बुलाया गया। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है जिसके चलते रवि, कालू और दो अनजान व्यक्तियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।






































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