Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, October 15, 2023

 
हरियाणा के स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी की जरूरी
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों मेें बायसोमट्रिक हाजिरी जरूरी कर दी है। जहां मशीन खराब है उसकी सूचना भी मांग ली है। ऐसे में एक बार फिर से मशीन से हाजिरी लगा करेगी । पहले भी यह हाजिरी लगा करती किंतु अधिकांश स्कूलों में मशीन खराब हो जाने से हाजिरी मैन्युवल लग रही है।






मां को चुनरी ओढ़ाकर मांगी मन्नत
- वर्षों से ओढ़ाती आ रही है चुनरी
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कनीना की आवाज। वर्षों से कनीना मंडी की सुमन रोहिल्ला संत मोलडऩाथ आश्रम परिसर में स्थित माता मंदिर में मां को चुनरी ओढ़ाती आ रही है। इस बार उन्होंने मां को चुनरी ओढ़ाकर मन्नत मांगी । एक और जहां सुमन रोहिला अति धार्मिक प्रवृत्ति की महिला है और वो मंदिरों में अक्सर जाकर सर झुकाती है वही उनके पति मनोज कुमार भी धार्मिक प्रवृत्ति के है।  उल्लेखनीय है कि संत शिरोमणि मोलडऩाथ आश्रम में जाकर जो कोई मन्नत मांगता है, माना जाता है उसकी मन्नत पूर्ण होती है। यही कारण है कि इस बार सबसे पहले प्रथम नवरात्रि के अवसर पर ही सुमन रोहिला सुबह सवेरे मन्नत मांगने मां मंदिर पहुंची और अपने मन की इच्छा पूर्ण करने की मां से प्रार्थना की।
 फोटो कैप्शन 09: सुमन रोहिल्ला मां को चुनरी ओढ़ाकर मन्नत मांगते हुये।








विश्व खाद्य दिवस- 16 अक्टूबर
हर प्रकार से भोजन और अनाज को खराब होने से बचना चाहिए -भगत सिंह
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कनीना की आवाज। दुनिया भर में खाद्य दिवस 16 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। वैश्विक भुखमरी से निपटाना और पूरी दुनिया से उसे खत्म करना यही इंसान का लक्ष्य होना चाहिए। आज के दिन कितने लोग भूखे और कुपोषित जी रहे हैं। कुपोषण के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। लोगों को जागरूक करके ही खाद्य सामग्री को खराब होने से बचा सकते हैं। विवाह समारोह स्थल हो या किसी घर में बहुत अधिक खाना बेकार चला जाता है।
न केवल इंसान अपितु आवारा जंतु, रोडेंट जिनमें चूहे गिलहरी और कितने ही पक्षी खाद्य पदार्थों को खराब कर रहे हैं। जागरूकता के चलते इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है और खाद्य सामग्री को खराब होने से बचा सकते हैं। कुछ प्रमुख लोगों से इस संबंध में चर्चा हुई-
**खाद्य सामग्री हर इंसान तक पहुंचाने का एक ही तरीका है कि चूहों गिलहरी आदि से अनाज एवं खाद्य सामग्री को बचाना चाहिए। यहां तक की भंडारण उचित ढंग से किए जाने चाहिए ताकि भंडार में किसी प्रकार की नमी न पहुंचे और खाद्य पदार्थ खराब होने से बच सके। आवारा जंतु और रोडेंट आदि से सुरक्षा के लिए प्रबंध करने चाहिए। जब इंसान के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री होगी तो वह दूसरों तक पहुंचा सकेंगे और गरीबी खत्म करने में अहम योगदान होगा।
--- डा. देवराज यादव पूर्व कृषि अधिकारी
 हर घर में रोटी बर्बाद हो जाती है। वैसे तो बहुत से घरों में अब चूल्हे की बजाय गैस की रोटी बनती और गरमा गरम रोटी खाकर खुश होते हैं वहां रोटियां बर्बाद कम होती हैं परंतु कुछ घरों में आज भी अधिक रोटियां बन जाती है। जिसके कारण उन्हें फेंकना पड़ता है उन्होंने कहा गायों के लिए अलग से रोटी बनाना अच्छी बात है किंतु जो रोटियां बच जाती है उनको गायों तक पहुंचाना चाहिए। जितनी भूख हो उसी अनुसार सारे परिवार के लिए रोटियां बनाई जाए फिर भी यदि कोई रोटी बच जाती है तो उसे गो-ग्रास गाड़ी आती है उसमें डाल देना चाहिए। अक्सर लोग इधर-उधर रोते को फेंक देते हैं इससे बचना चाहिए क्योंकि आवारा जंतु पनपते हैं जो कभी भी किसी इंसान को काट सकते हैं।
   -- भगत सिंह समाज सेवी
 मैरिज प्लेस में एक नियम बना रखा है कि अधिक मात्रा में खाद्य पदार्थ विवाह शादी समारोह आदि में बन जाते है तो उनको गौशाला एवं सुअर पालने वालों तक पहुंचाया जाता है। अगर वह सूखा पदार्थ है तो गौशाला की गाड़ी आती है उसमें डाल दिया जाता है। लोग जूठन अधिक छोड़ते हैं। इस जूठन में बचे हुये सभी पदार्थ सुअर पालन केंद्र वाले मुफ्त में ले जाते हैं। इससे खाद्य पदार्थ चाहे सुअर या गायों को उपलब्ध होते हैं। इससे खाद्य पदार्थों को कुछ खराब होने से बैचा सकते हैं। उनका यह नियम लंबे समय से चला आ रहा है।
    --हनुमान सिंह मैरिज प्लेस संचालक
विवाह शादियों और समारोह  में जाने वाले लोगों को पहले समझाया जाए। हो सकता है कुछ लोगों पर प्रभाव पड़े और वह खाने की प्लेट में अधिक खाना न छोड़ें। इसे भोजन की बचत हो सकती है। यहां तक की विवाह शादियों में भारी मात्रा में भोजन खराब होता है उसे पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को अधिक खाना प्लेट में एकबार न डालने प्रेरित करना चाहिए। तभी ऐसा संभव हो सकता है कि खाना खराब होने से बचाया जाए।
----संजय कुमार, किसान
 फोटो कैप्शन: संजय, हनुमान सिंह, डा देवराज ,भगत सिंह।






एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन
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कनीना की आवाज। एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में 852 से अधिक अभिभावकों ने भाग लेकर छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी एवं अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व को समझने का परिचय दिया। सभी अभिभावकों ने अग्रिम सोच का परिचय देते हुए बच्चों के भविष्य के लिए विद्यालय प्रबंधन व सभी संबंधित अध्यापकों के साथ अध्ययन संबंधी समस्याओं के समाधान, शैक्षिक उपलब्धियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों व विषयों पर विमर्श किया। अभिभावकों ने अपने बच्चों की दिनचर्या उनके व्यवहार समय-सारिणी, रुचि आदि से संबंधित पहलुओं से प्रबंधन व संबंधित अध्यापकों से परिचित करवाया और अपने बच्चों की रिपोर्ट लेने में काफी रुचि दिखाई।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने अध्यापक-अभिभावक बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बैठक जागरुक अभिभावकों के लिए अध्यापकों से समय-समय विचार विमर्श करने व बच्चों के लिए सही मार्ग का चुनाव व सहयोग का आधार है। जिस प्रकार तीन .भुजाए एक साथ मिलकर त्रिभुज का आकार बनाती है उसी प्रकार अभिभावक के सहयोग से बच्चे बड़े से बड़े लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते है।  
उन्होंने यह भी बताया कि यह बैठक शैक्षिक जानकारी के साथ-साथ सम्पूर्ण व्यवहार, सामथ्र्यता से संबंधित बातों के आदान-प्रदान के लिए आयोजित की जाती है। अध्यापक एवं अभिभावकों  का विचार-विमर्श छात्र के जीवन को नई दिशा प्रदान करता है। बच्चे के शैक्षणिक विकास में विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम् भूमिका होती है। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यवाद कर बैठक का समापन किया।
फोटो केप्शन 07: पीटीएम का नजारा।





नौ दिनों तक अनवरत जलती रहेगी ज्योति
-मां मंदिर में जलाई जोत

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कनीना की आवाज।
कनीना के परम संत बाबा मोलडऩाथ प्रांगण में स्थित माता दुर्गा के मंदिर में नवरात्रों का शुभारंभ अखंड ज्योति जलाकर किया। यह ज्योति लगातार नौ दिनों तक जलती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रों में मां दुर्गा का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां पर 9 दिन तक महिलाओं बच्चों की लगातार भीड़ रहती है। ज्योति महंत रामनिवास ने अपने हाथों से जलाई जो संत मोलडऩाथ आश्रम के संत हैं। दिनेश कुमार ने बताया कि अष्टमी के दिन जागरण होगा तत्पश्चात नवमी को सुबह हवन और भंडारा आयोजित होगा।  इस मौके पर मंदिर कमेटी के प्रधान दिनेश कुमार ,महंत रामनिवास रमेश कुमार, राजेंद्र भेलिया, अनिल कुमार, मुकेश शर्मा, सोनू पवन, कुमार लाल सिंह व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: मां दुर्गा मंदिर कनीना में अखंड ज्योति जलाकर अर्चना करते भक्त।








शक्ति आराधना के नवरात्रे प्रारंभ होने पर मां की आराधना कर धरना शुरू
-217वें दिन जारी रहा अनिश्चितकालीन धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों ने मां केनवरात्रों में पहले मां की आराधना की और फिर धरने पर बैठ गये। धरने की अध्यक्षता पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि  केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है, हमें सरकार पर पूरा भरोसा है कि कट का काम जल्द शुरू करवा दिया जाएगा।         
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 217 दिन हो गए हैं किंतु अभी तक कट निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।  केंद्रीय सड़क,परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 9 मार्च 2022 को पचगांव गुरुग्राम रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की गई और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा घोषणा करवाई गई। दोनों मंत्रियों की जुबान पर सभी धरना देने वालों की नजर टिकी है। हम धरना स्थल पर शांतिपूर्वक तरीके से बैठकर मां दुर्गा से यही प्रार्थना करते हैं कि उन्हें वह शक्ति प्रदान करें जिससे कट का काम जल्द शुरू हो जाए। उन्होंने कहा कि कि केंद्र सरकार को किसानों की भावना और उनकी जरूरतों को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के लिए जल्दी विचार- विमर्श करके आगे की कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए। आस पास के 40-50 गांवों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट बनने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, नए उद्योग धंधे स्थापित होंगे, शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में चार चांद लग जाएंगे।
इस मौके पर सूबेदार श्रीराम बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, प्रधान कृष्ण कुमार सेहलंग, ठेकेदार शेर सिंह, जिला पार्षद लीलाराम, महिपाल बाबूजी नौताना, प्रीतम सिंह, वेद प्रकाश, पहलवान धर्मपाल,मनोज कुमार करीरा, मुंशी राम, डॉ राम भक्त, सूबे सिंह पंच, डॉ लक्ष्मण सिंह, मास्टर विजय पाल, कैप्टन ओमप्रकाश, डॉ सुरेंद्र सिंह, रामकिशन, हंस कुमार, रामकुमार,   करण सिंह, सतनारायण साहब,ओम प्रकाश, बाबूलाल, सूबेदार हेमराज अत्री, प्यारेलाल,  रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, सीताराम व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।








 एक बार फिर से नगरपालिका के चुनाव की हुई सुगबुगाहट
-पांच वार्ड रहेंगे महिलाओं के लिए आरक्षित,चुनाव 2024 में संभावित
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कनीना की आवाज।  कनीना नगरपालिका को भंग हुये करीब 5 माह बीत गये हैं किंतु अभी तक पालिका चुनावों की कोई संभावना नहीं। चुनाव अगले साल में होने की संभावना जताई जा रही है। जब पालिका भंग की गई तब चुनावी चर्चा जोरों पर रही किंतु एक वार्ड बढ़ा देने के बाद से चुनावी चर्चाएं शांत हो गई हैं। परंतु वार्डों के आरक्षण की बात चलते ही फिर से चुनावी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कनीना नगरपालिका चुनावों को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा वार्डबंदी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
कनीना पालिका में इस बार 13 के स्थान पर 14 वार्ड बनाए गए है। वार्ड नम्बर 14 को वार्ड नम्बर एक व 13 के अन्दर से बनाया गया है। इस बार 14 वार्डों पर चुनाव करवाए जाएंगे। नपा के तहत अब महिलाओं के लिए 5 वार्ड आरक्षित रहेंगे। इसमे एक एससी महिला सहित चार अन्य महिलाओ के लिए वार्ड आरक्षित रहेंगे। जिनके ड्रा निकालने की तिथि निर्धारित हो चुकी है।
बाबू सुरेन्द्र कुमार वशिष्ठ ने बताया कि नपा चुनावों को लेकर ईवीएम मशीन भी करीब चार माह पहले आ चुकी है और सभी करीब 40 मशीनों को महेंद्रगढ़ आईटीआई से सुरक्षित रखवाया गया है। 13 मई 2018 को कनीना नपा के चुनाव हुए थे और 14 जून को पहली बार पार्षदों की बैठक हुई थी जिसके आधार पर नपा का कार्यकाल 14 जून को पूरा हो गया था और बतौर एडमिस्ट्रेटर एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने 15 जून को कार्यभार ग्रहण कर आगे की प्रक्रिया शुरु कर दी थी। जिसके बाद से कस्बे के दो जर्जर सड़क मार्गों के टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। वहीं अन्य कार्यों पर भी तेज गति से कार्य किए जा रहे है। ताकि कस्बे में ज्यादा से ज्यादा विकास करवाया जा सके।
अगले वर्ष हो सकते है नगरपालिका के चुनाव-
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार जनवरी 2024 में नगरपालिका के चुनाव करवा सकती है। क्योंकि इसके बाद सरकार लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर चुकी है और हर क्षेत्र में रैलियां करके माहौल बनाने में लगी है। वर्तमान में कनीना पालिका का कार्यभार एसडीएम कनीना को दिया हुआ है तथा विकास कार्य भी वो ही करवा रहे हैं। कनीनावासी जल्द ही चुनाव चाहते हैं किंतु अभी तक वार्डों का आरक्षण भी नहीं हुआ है। प्रदेश की 22 नगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं।
 एक बार फिर से नगरपालिका के चुनाव की हुई सुगबुगाहट-वार्डों के आरक्षण की सूचना पाकर एक बार फिर से कनीना में पालिका चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। अभी वार्डों का आरक्षण होगा फिर प्रधान पद का आर क्षण करने के बाद यह संभावित है कि प्रदेश की कम से कम 22 पालिकाओं के चुनाव एक साथ कराये जाये।
कनीना सहित प्रदेश के 22 नगर पालिकाओं में जहां महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित कियं जाने हैं। कनीना में जहां नगरपालिका के 14 वार्ड है वहां 5 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किये जाने हैं। पहली बार पंचायतों के तर्ज पर यह वार्ड आरक्षित किए गए हैं। आरक्षण का ड्रा 17 अक्टूबर को होना है। परिवार पहचान पत्र के आधार पर पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के आंकड़ों का आधार बनाया गया है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर सीटें आरक्षित की गई हैं।
नगरपालिका के चुनावों में देरी की संभावना से चुनाव लडऩे वाले मायूस-
कनीना पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में होने की संभावना से जिस कद्र उत्साह चुनाव लडऩे वालों में देखने को मिल रहा था वो ढीला पडऩे लगा है। चुनाव तिथि भविष्य के गर्भ में हैं पर चुनाव लडऩे वाले जल्दी चुनाव चाहते हैं।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है। भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं।
फोटो कैप्शन 03: कनीना पालिका।



नमो देवी........
अपनी मेहनत के बल पर पहले प्रयास में पहुंची एसआई पद तक
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कनीना की आवाज। एक ओर जहां निठल्ले लोग किस्मत का रोना रोते हैं और हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं वहीं कनीना की लड़की एकता ने अपनी मेहनत के बल पर प्रथम प्रयास में एसआई पद पर पहुंच गई है। अब ट्रेनिंग कर रही है।
एकता यादव वार्ड नंबर एक निवासी कनीना जिसने एक साधारण से किसान परिवार में नवम्बर 2000 में जन्म लिया। उसकी माता राजबाला देवी व पिता राजकुमार जो कि घर पर ही खेती बाड़ी का कार्य करते हैं। छोटा भाई रोहित बीएससी कर रहा है पहीं दादा सीआरपीएफ से इंस्पेक्टर से सेवानिवृत्त है। दादी कलावती एक अनपढ़ होते हुए हम सबको अच्छी शिक्षा की कहती रहती थी।
एकता ने पहले प्राथमिक शिक्षा सरकारी स्कूल से लेने के बाद 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं 2016 व 2018 में अव्वल नंबरों से जीआर इंटरनेशनल स्कूल कनीना से प्राप्त की। उसके बाद बीएससी गार्गी कॉलेज दिल्ली से 2021 में करके घर पर रहकर मां के कामों में हाथ बंटाते हुए अपनी भविष्य की तैयारी शुरू की। सुबह-शाम मां के साथ घूमने जाना खेतों में दौड़ लगाने का काम करना, उसके बाद अपनी स्पर्धा/कंपीटीशन की तैयारी करना होता था। घर के काम में भी हाथ बंटवाना और खुद की तैयारी भी करना एक कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ा है। काफी मेहनत के बाद सीपीओ/सिविल पुलिस आफिसर की परीक्षा पास करने के बाद आज वो दिल्ली पुलिस में एसआई की पोस्ट पर मौजूद है।
एकता यादव चाहे अपनी इस सफलता के लिए अपने माता-पिता का धन्यवाद करना चाहूंगी जिन्होंने मेरी कदम कदम पर मदद की मेरे को किसी भी काम के लिए कोई दबाव नहीं डाला किंतु दिन-रात माता पिता के सपने को साकार करने के लिए लगातार मेहनत करती रही। अपने सभी गुरुजनों को भी धन्यवाद किया है जिन्होंने उन्हें शिक्षित किया और आज इस मुकाम तक पहुंचाया।
फोटो कैप्शन 04: राव अभय सिंह यादव एकता को बधाई देते हुए
      साथ में एकता यादव की पासपोर्ट।








बीते समय की बात बनी कनीना की रामलीला
-कनीना पालिका चुनावों के कारण 1991 में बंद हो गई थी रामलीला
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी में 14 वर्षों तक चली रामलीला के प्रमुख किरदार निभाने वाले कई किरदार आज भी जिंदा हैं और रामलीला मंचन का समय आने पर अपनी पुरानी यादें ताजा करके प्रसन्न हो जाते हैं। उनके पास अपने द्वारा अभिनीत भूमिकाओं के संग्रह मौजूद हैं।
  रामलीला के मुख्य लीलाएं धनुष यज्ञ, कोप भवन, सीता हरण, लक्ष्मण मूर्छा की लीलाएं अपने इलाके में प्रसिद्ध थी। कनीना की रामलीला में मंच पर मदिरा सेवन करने वालों तथा नृतकियों को कभी नहीं आने दिया गया। कनीना की रामलीला पूर्णरूप से मर्यादित होती थी। रामलीला यशवंत सिंह व राधेश्याम रामायण पर आधारित मंचित होती थी। रामलीला में कोई भी महिला पात्र नहीं होती थी। महिला पात्रों की भूमिका भी पुरुष ही निभाते थे।
   कनीना में वर्ष 1977 से 1991 तक चली रामलीला में विष्णु, राम एवं वेदमति आदि की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि राम को चौदह वर्षों का वनवास मिला था ठीक उसी प्रकार 14 सालों तक ही रामलीला चली थी। उनको सारे संवाद मौखिक याद थे और राम का रोल करके अति प्रसन्न होते थे किंतु कनीना पालिका के वर्ष 1991 के चुनावों के कारण रामलीला को बंद करना पड़ा था। 8 अक्टूबर 1991 से नवरात्रि लगे थे। ठीक रामलीला के बीच में कनीना पालिका के चुनाव आ रहे थे जिसके कारण आपसी सहमति से उस वर्ष रामलीला नहीं हुई और फिर आपसी मनमुटाव इतना बढ़ा कि रामलीला फिर नहीं हो पाई। अपने जमाने के प्रसिद्ध कलाकार एवं रावण की भूमिका निभाने वाले कलाकार मुरारीलाल बलकरिया आज इस दुनिया में नहीं है किंतु उनकी यादें आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं। उनकी मोटी एवं तेज आवाज और 'मर गया तो अपने घर गया यहां क्या धर गयाÓ व 'गाने वाली को पेश किया जाएÓ आज भी लोगों के कानों में गूंजते हैं। क्षेत्र की प्रमुख रामलीला कनीना की मानी जाती थी।
  कनीना की रामलीला में जहां रावण की भूमिका निभाने वाले मुरारीलाल, हास्य कलाकार की भूमिका निभाने वाले जगदीश प्रसाद एवं श्रीचंद आज भगवान को प्यारे हो चुके हैं किंतु लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले महेंद्र चेलावास, सीता की भूमिका निभाने वाले सुभाष एवं रमेश, परशुराम, मंथरा की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश सहगल, सुग्रीव एवं बाली की भूमिका निभाने वाले केदार नाथ, कामदेव, श्रवण, सुमंत, केकैई, मेघनाद आदि की भूमिका निभाने वाले शेर सिंह टेलर, अंगद एवं हनुमान की भूमिका निभाने वाले पवन गोयल, भरत की भूमिका निभानेवाले नवीन मित्तल, मारिच, कुंभकर्ण तथा कई अन्य रोल निभाने वाले शिब्बू पंसारी, कौशल्या एवं अन्य भूमिकाएं निभाने वाले महाबीर दुधिया आदि कलाकार आज भी अपने पुराने किरदारों को महज अपने एलबम में देख प्रसन्न हो जाते हैं। साधु महात्माओं के रोल में डूंगरमल पंडित, मंच संचालन, मंच निर्माण एवं कई अन्य सहायक कार्यों में यादराम, राधेश्याम बहुवाला, मुरारीलाल बहुवाला, राधेश्याम चेलावासिया, निदेशक की भूमिका में नत्थूराम नसीबपुर वाले प्रमुख थे। उनका कहना है कि उस वक्त की रामलीला आज की रामलीला में बहुत अंतर आ गया है। उस वक्त दर्शक भी अधिक होते थे और एकता एवं भाईचारा एक मिसाल थी।
क्या कहते हैं उस जमाने के कलाकार
राम -ओमप्रकाश लिसानिया जो राम की भूमिका निभाते थे का कहना है कि राम का रोल शीतलता, मधुरवाणी एवं मर्यादित रहकर निभाते थे। उन दिनों पर मां मेदिनी पर ही सोते थे और एक वक्त का भोजन लेते थे तत्पश्चात शुद्ध विचार लेकर ही रोल निभाते थे।
केकैई व मेघनाद-
 केकैई व मेघनाद का रोल निभाने वाले शेर सिंह का कहना है कि रामलीला करने वाले एवं देखने वालों में इतना भाईचारा था कि उन 14 वर्षों में रामलीला मंचन के वक्त कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई तथा कोई विवाद नहीं छिड़ा।
नवीन मित्तल का कहना है कि उस वक्त 2500 तक भक्त आते थे। भावना अच्छी होती थी। उनके मन में एक जुनून होता था। वो दिन आज भी नहीं भुला सकता।
शिब्बू पंसारी का कहना है कि काश, वो दिन फिर लौट आये और पुन: रामलीला शुरू हो जाये तो भक्तिभाव जागृत हो जाएगा।
फोटो कैप्शन: कलाकार ओमप्रकाश लिसानिया, शेर सिंह , नवीन मित्तल, शिब्बू पंसारी की फोटो साथ हैं।






 मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से कौशल में निखार आता एवं दिमाग को मिलती है शांति-पंडित ऋषिराज
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कनीना की आवाज। शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का होता है। दुर्गा के दूसरे स्वरूप में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली।  माता के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन समय में भी इंसान अपने पथ से विचलित नहीं होता है।
मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से कौशल में निखार आता है साथ ही दिमाग को शांति भी मिलती है। माता ब्रह्मचारिणी को  प्रसाद में गुड़ ,चीनी, मिश्री का भोग लगा सकते हैं। नौ दिनों तक घर में मां दुर्गा के नाम की ज्योत अवश्य जलाएं। पूजन में हमेशा लाल रंग के आसन का उपयोग करना उत्तम होता है
 पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि पूजन में देवी- को सोलह वस्तुएं अर्पित की जाती है। जिनमें देवी का आवाहन करना ,देवी को आसन देना, चरण धोने के लिए जल देना,देवी को हाथ धोने के लिए जल देना,आचमन के लिए जल देना,स्नान  देवी पर जल चढ़ाना, देवी को वस्त्र देना,देवी को दो वस्त्र अर्पित करें। एक वस्त्र देवता के गले में अलंकार के समान पहनाएं तथा दूसरा देवता के चरणों में रखें। देवी को उप-वस्त्र अर्पित करना,देवी को गंध  लगाना, पुष्प अर्पित करना, धूप दिखाना , दीप-आरती करना तथा नैवेद्य निवेदित करना। नैवेद्य दिखाने के उपरांत दीप-आरती और फिर कर्पूर-आरती करें। देवी को मन:पूर्वक नमस्कार करना, परिक्रमा करना,मंत्रपुष्पांजलि,मंत्र उच्चारण कर, देवी को अक्षत अर्पित करें। फिर पूजा में हमसे हुई ज्ञात-अज्ञात चूकों तथा त्रुटियों के लिए अंत में देवता से क्षमा मांगें और पूजा का समापन करें। अंत में विभूति लगाएं, तीर्थ प्राशन करें और प्रसाद ग्रहण करें ।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा।






 दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में दो घायल, अस्पताल ले जाते समय एक की हुई मौत
-अज्ञात बाइक चालक के विरुद्ध मामाला दज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव कोक के पास दो मोटरसाइकिल सवारों को सामने से आ रही है एक मोटरसाइकिल सवार ने टक्कर जड़ दी जिससे मोटरसाइकिल पर सवार दोनों घायल हो गए। बाद में एक की हायर सेंटर ले जाते मौत हो गई। कनीना पुलिस ने अज्ञात मोटरसाइकिल चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। कनीना उपमंडल के गांव रसूलपुर की पूनम ने मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि मैं प्राइवेट स्कूल हेरिटेज नांगल मोहनपुर में पढ़ती हूं । 13 अक्टूबर को शुक्रवार के दिन जब पूनम अपने ससुर महेंद्र की मोटरसाइकिल पर सवार होकर शाम के समय घर की ओर जा रही थी तो कोका गांव के मंदिर के पास सामने से तेज रफ्तार से चला रहे मोटरसाइकिल चालक ने अपनी साइड में चल रहे मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर जड़ दी।  उछलकर पूनम दूर गिर गई तथा उसका ससुर मोटरसाइकिल सहित सड़क पर गिर गया। दोनों को चोट आई परंतु पूनम के ससुर को अधिक चोट आई। राहगीरों ने उठाकर दोनों को कनीना को उप-नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया जहां स्वजन पहुंच गए। गंभीर चोटों के चलते महेंद्र को हायर सेंटर रेफर कर दिया। स्वजन उसे रेवाड़ी ले जा रहे थे कि रास्ते में महेंद्र ने दम तोड़ दिया। कनीना पुलिस ने अज्ञात मोटरसाइकिल चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। तत्पश्चात मृत देह को महेंद्रगढ़ अस्पताल में रखवा दिया गया अगले दिन पोस्टमार्टम करवा कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया।








जाटी के ईंधन को लेकर झगड़े में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा पुलिस चौकी के तहत खैराणा गांव में जाटी के पेड़ से काटे गई ईंधन को लेकर झगड़ा बढ़ गया जिसके चलते मारपीट हो गई। पीडि़त पक्ष ने पांच लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया गया है। मामला सुरेंद्र खैराना निवासी ने दर्ज करवाया है।
 उसने पुलिस में बताया कि मैंने अपने खेत में जाटी पेड़ की टहनियों काटी थी जिन्हें राहुल नामक व्यक्ति उठा ले गया। तत्पश्चात आरोप लगाया कि ईंधन तुमने जला दिया। शुक्रवार को जब सुरेंद्र ने सरपंच को फोन किया कि हमारा नाम ईंधन जलाने में मत लो, हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता तो सरपंच ने मैंने पूछा कि तुम कहां हो? सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मैं अपने कुएं के पास बैठा हूं जहां कुलदीप राजबीर और बबलू भी बैठे थे। शाम के समय एक ट्रैक्टर एवं एक पिकअप गाड़ी में राहुल, रमन, नवीन, नरेश, सुरेश व अन्य व्यक्ति सवार थे जिनके हाथों में लाठी, डंडे, कुल्हाड़ी थी।
 उन्होंने आकर शिकायतकर्ता,राजबीर एवं कुलदीप के साथ मारपीट की। धमकी दी कि मेरे खिलाफ कुछ भी किया तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। तत्पश्चात घायलों को कनीना के उप नागरिक का ले जाया गया। जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। रात के समय कुलदीप को ज्यादा दर्द होने से एक निजी अस्पताल महेंद्रगढ़ ले जाया गया। शनिवार को उनको इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। सुरेंद्र की शिकायत पर पांच लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।







महाराजा अग्रसेन जयंती मनाई
-समाजवाद के अग्रदूत थे अग्रसेन
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कनीना की आवाज। अग्रवाल समाज के तत्वावधान में भोजावास गांव में महाराजा अग्रसेन की जयंती धूमधाम से मनाई गई। सैकड़ो श्रद्धालुओं ने अग्रसेन महाराज की आरती में शामिल होकर उनका गुणगान किया। मुख्य अतिथि अतरलाल एडवोकेट में अग्रसेन महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महाराजा अग्रसेन समाजवाद के अग्रदूत थे। समता मूलक समाज की स्थापना के लिए उनका एक रुपया और एक ईंट का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने महाराजा अग्रसेन की जयंती पर भव्य समारोह आयोजित करने के लिए अग्रवाल समाज का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से समाज को प्रेरणा मिलती है। समारोह में हवन यज्ञ तथा भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर गंगाराम सेठ, विजय गर्ग, विनोद कुमार, राधेश्याम, उमेश अनिल, ऋतिक, प्रमोद, प्रेमचंद योगेंद्र, अमरीश, चेयरमैन भाग सिंह तंवर, कैलाश सेठ, प्रदीप कुमार व प्रवीण शर्मा सहित सैकड़ों मौजीजान उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 08:.अग्रसेन महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत करते अतरलाल





 17 अक्टूबर को नारनौल में अनुसूचित जाति, पिछडे् वर्ग महिला वार्डों का किया जाएगा आरक्षण
-आमंत्रि किये हैं कई अधिकारी
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कनीना की आवाज। नगरपालिका कनीना की नवीनतम वार्ड बंदी अनुसार पार्षद पद के लिए अनुसूचित जाति, पिछडे वर्ग-क व महिला वार्डों के आरक्षण को लेकर 17 अक्टूबर को तदर्थ समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इस विषय में जानकारी देते हुए कनीना नगरपालिका सचिव समय पाल सिंह ने बताया कि नगरपालिकाओं में वार्ड बंदी का कार्य 18 सितम्बर को ही पूर्ण हो गया था। अब अनुसूचित जाति, पिछडे वर्ग-क व महिला वार्डों के आरक्षण निर्धारित किए जाने है। जिसके लिए तदर्थ कमेटी की बैठक 17 अक्टूबर को जिला नगर आयुक्त महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल कार्यालय में की जानी है। जिसमे समिति के सभी सरकारी व गैर सरकारी सदस्य बैठक में बुलाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कि इससे पहले ड्रा की तिथि 3 अक्टूबर को निर्धारित थी लेकिन डीएमसी को सरकारी कार्य में कही बहार जाना पड़ गया था। फिर 11 अक्टूबर निर्धारित की गई थी जिसे अब बदलकर 17 अक्टूबर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधान पद के लिए पंचकुला मे ड्रा निकाला जाएगा।
 उल्लेखनीय है कि कनीना नगरपालिका में इस बार 13 के स्थान पर 14 वार्ड बनाए गए है। वार्ड नम्बर 14 को वार्ड नम्बर एक व 13 के मतदाताओं में से बनाया गया है। इस बार पार्षद पद के लिए 14 वार्डों पर चुनाव करवाए जाएंगे। अबकी बार नगरपालिका चुनावों में 13 के स्थान पर 14 वार्डों से पार्षद मैदान में उतरकर चुनाव लड़ सकेंगे।
नपा सचिव समयपाल सिंह व एमई दिनेश कुमार ने बताया कि नपा के तहत अब महिलाओं के लिए 5 वार्ड आरक्षित रहेंगे। इसमें एक एससी महिला सहित चार अन्य महिलाओं के लिए वार्ड आरक्षित रहेंगे। जिनके ड्रा निकाले जाएंगे कि कौन-कौन सा वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। उन्होंने बताया कि एक वार्ड पार्षद पद के लिए बीसी-ए का वार्ड भी आरक्षित किया जाएगा।
परिवार पहचानपत्र के तहत कनीना कस्बे की जनसंख्या 14 हजार 91 है, लेकिन कुल वोट 9626 ही, नए वोट शामिल हुए तो मतदाताओ की संख्या 10 हजार से ऊपर हो जाएगी।
17 अक्टूबर को नारनौल में पार्षद पद के लिए अनुसूचित जाति, पिछडे वर्ग-क व महिला वार्डों के आरक्षण को लेकर तदर्थ समिति की बैठक मे प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सुरेंद्र सिंह, तहसीलदार बतौर उपायुक्त प्रतिनिधि, नपा सचिव समयपाल सिंह, पूर्व उप प्रधान अशोक यादव वार्ड नं 13, पूर्व पार्षद अरुणा कौशिक वार्ड 11, वार्ड नं 12 से पूर्व पार्षद राजेंद्र प्रसाद, वार्ड 10 से रीना देवी व वार्ड नंबर 4 से पूर्व पार्षद मंजू देवी भी बैठक में भाग लेंगे।





299 किसानों का 7695 क्विंटल बाजरा खरीदा गया
- रविवार को चला उठान का कार्य, सोमवार को होगी बाजरे की खरीद
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कनीना की आवाज। चेलावास स्थित कनीना की नई अनाज मंडी में शनिवार को 299 किसानों का 7695  क्विंटल बाजरा खरीदा गया। विस्तृत जानकारी देते हुए हेड मैनेजर वीरेंद्र को मारने बताया कि शनिवार तक 159400 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है जबकि शनिवार दिन में 10000 बैग की लिफ्टिंग की गई। रविवार को भी 15 हजार बैग के उठान की संभावना है। कुल 260500 बैग की लिफ्टिंग की जा चुकी है। आज कनीना अनाज मंडी में पुराने और नये किसानों का बाजरा खरीदा गया किंतु किसानों ने बताया की बाजरे की खरीद के बारे में उनके पास कोई सूचना नहीं आती। न तो हैफेड कार्यालय से और न ही मार्केट कमेटी किसानों को सही समय पर सूचना नहीं दे पाती जिसके कारण उन्हें पता ही नहीं चलता कि कब नये किसने की बाजरे की खरीद होगी और कब पहले से टोकन प्राप्त किसानों का बाजरे की खरीद हो पाएगी। अभी भी सैकड़ो की संख्या में किसान टोकन लिए बाजरा बिकने का इंतजार कर रहे हैं।  मिली जानकारी अनुसार सोमवार को नये तथा पुराने टोकनधारी किसानों के बाजरे की खरीद होगी।




सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन
-हवन एवं भंडारा आयोजित
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कनीना की आवाज। पितृपक्ष में होलीवाला जोहड़ कनीना के समीप लाला लेखराम बाग में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन हुआ। रविवार को हवन यज्ञ करने के उपरांत प्रसाद वितरित किया गया। कथा वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन भगवान श्रीकृष्ण के संपूर्ण जीवनवृत पर चर्चा की और इससे मिली सीख को अपने जीवन में उतारने की नसीहत दी। वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने श्रीकृष्ण और उनके पुत्रों के बीच के एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार श्रीकृष्ण अपने पुत्रों के साथ ही जा रहे थे। इसी बीच एक कुंए में एक गिरगिट देख श्रीकृष्ण के पुत्र रुक गए। बच्चों ने तोतली आवाज में कहा कि कुयें में कोई बड़ा जानवर गिरा पड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते ही गिरगिट अपने स्वरूप में आ गया और कहा कि मैं राजा हूं और मैंने अपने जीवनकाल में सिर्फ दान किया। लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से आज मेरा स्वरूप बदल गया है। अपने अभिमान में मैंने एक ब्राह्मण का अपमान कर दिया। जिससे मेरी यह दुर्गति हुई। भगवान श्रीकृष्ण ने बच्चों को कहा कि सत्कर्म करना बेहद अच्छी बात है लेकिन अभिमान में चूर होना गलत। वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने श्रोताओं से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र की भांति भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से सीख लेकर हम खुद के जन्म को धन्य बना सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धा से किसी भी जीव की सेवा करने वाले कभी दुख नहीं भोगते। कथा वाचन कार्यक्रम के अंतिम दिन कथा परिसर में श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। कथा के संयोजक गणपत राम परिवार के छबिलचन्द व सुरेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया सात दिवसीय संगीत में श्रीमद् भागवत कथा का समापन हो गया। रविवार को हवन यज्ञ करके भंडारा किया जाएगा। इस दौरान सेठ छबील चंद, नरेंद्र कुमार विजय कुमार, देवकीनंदन, अभय कुमार, समाजसेवी रविंद्र यादव, पवन तंवर, मदन सिंह, लक्की सेठ, जगमाल सिंह, महावीर चौधरी, देवेंद्र, कैलाश चंद्र गुप्ता, पंडित कन्हैयालाल रमेश, ओमप्रकाश, रामचंद्र, सुरेश गुप्ता, फूलचंद, अमित कुमार, अंकुर, विकास, हितेश, लाल गणपत राम का परिवार, मूलचंद गुप्ता, पवन कुमार, पंडित डूंगरमल, मनोज, गीता देवी, इंद्रमणि, सुनीता, संजू, मोनिका, पूजा, पूनम, ममता, कुमकुम, भावना सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य जगदीश शास्त्री श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए।


राजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश तंवर ने गांवों का दौरा कर क्षत्रिय महाकुंभ का दिया निमंत्रण
-18 अक्टूबर को कैथल में होगा महाकुंभ
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कनीना की आवाज। कैथल में 18 अक्टूबर को होने वाले क्षत्रिय महाकुंभ को लेकर रविवार को राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह तंवर ने 14 गांवों का दौरा कर निमंत्रण दिया लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस महाकुंभ में भाग लेने की अपील की। उसके बाद कनीना स्थित आरएस वाटिका में पत्रकार वार्ता की। राकेश सिंह तंवर ने बताया कि 19 जुलाई को क्षत्रिय समाज के ऊपर बर्बरतापूर्वक जिस सरकार ने लाठी चलाई, आंसू गैस के गोले छोड़े, सैकड़ों युवाओं को अवैध तरीके से हिरासत में रखा और सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति पर जाति सूचक शब्द लिखे, इन सबसे समाज में बहुत भारी रोष है। इसका विरोध प्रदर्शन 18 अक्टूबर को कैथल में होगा। उन्होंने बताया कि इस तरीके के नाराज क्षत्रिय समाज में रोष है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस के विरोध में विशाल रोष प्रदर्शन करने और भविष्य में भी कोई राजनीतिक दल या सरकार ऐसा दुशास करने की कोशिश पर उसका अंजाम भुगतने की बात कही। इस दौरान खेड़ी सरपंच पंकज हिंदू ने कहा कि कोई भी महापुरुष किसी जाति के नहीं होते वह सर्व समाज के होते हैं। सम्राट मिहिर भोज सर्व समाज के हैं उन पर कोई जाति सूचक शब्द नहीं लगना चाहिए। इस दौरान उनके साथ शिवकुमार, अशोक सिंह, कृष्ण राजा, रविंद्र सिंह झगड़ोली, पंकज, ओम सिंह खेड़ी सहित अन्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन: पत्रकार वार्ता में अपनी बात रखते हुए राष्ट्रवादी जन लोकपाल पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष राकेश तंवर व अन्य।



हवन यज्ञ और भंडारे के साथ हुआ श्रीमद् भागवत कथा का समापन
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कनीना की आवाज। होलीवाला जोहड़ कनीना के समीप लाला लेखराम बाग चल रही श्रीमद्भागवत कथा का विश्व शांति एवं सर्वकल्याण की कामना से समापन हुआ। कथा के समापन पर हवन यज्ञ और विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस दौरान कथा वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मन वांछित फल प्रदान करते हैं। कथा वाचक आचार्य जगदीश शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। श्रीमद्भागवत से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर
 यजमान गणपत राम परिवार के छबिलचन्द व सुरेश गुप्ता एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने व्यासपीठ पर आरती की। कथा समापन पर भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर सेठ छबील चंद, नरेंद्र कुमार विजय कुमार, देवकीनंदन, अभय कुमार, समाजसेवी रविंद्र यादव, पवन तंवर, मदन सिंह, लक्की सेठ, जगमाल सिंह, महावीर चौधरी, देवेंद्र, कैलाश चंद्र गुप्ता, पंडित कन्हैयालाल रमेश, ओमप्रकाश, रामचंद्र, सुरेश गुप्ता, फूलचंद, अमित कुमार, अंकुर, विकास, हितेश, लाल गणपत राम का परिवार, मूलचंद गुप्ता, पवन कुमार, पंडित डूंगरमल, मनोज, गीता देवी, इंद्रमणि, सुनीता, संजू, मोनिका, पूजा, पूनम, ममता, कुमकुम, भावना सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर हवन यज्ञ करते हुए।
















































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