149 किसानों का 3514 क्विंटल बाजरा खरीदा गया
- बाजरे की आवक हुई कम
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कनीना की आवाज। चेलावास स्थित कनीना की नई अनाज मंडी में मुगलवार को 149 किसानों का 3514 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार तक 168477 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है जबकि मंगलवार दिन में 13000 बैग की लिफ्टिंग की गई। कुल 313000 बैग की लिफ्टिंग की जा चुकी है। आज कनीना अनाज मंडी में पुराने और नये किसानों का बाजरा खरीदा गया। बाजरे की आवक कम होती जा रही है।
कला उत्सव ने कनीना में बिखेरें रंग
-समूह नृत्य में दौंगड़ा अहीर की टीम रही प्रथम
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कनीना की आवाज। खंड स्तरीय कला उत्सव 2023 का आयोजन स्थानीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए खंड शिक्षा अधिकारी विश्वेश्वर कौशिक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भी अनेक प्रतिभाएं छिपी हुई है तथा कला उत्सव जैसे मंच उन्हें बहुत अच्छे अवसर प्रदान करते है।,
आज के कार्यक्रम में लोक नृत्य एकल व समूह लोक नृत्य के अलावा लघु नाटिका व हरियाणवी रागिनी प्रस्तुति में भी खंड
के विद्यार्थियों ने सराहनीय प्रदर्शन किया है तथा उपस्थित दर्शकों का मन मोहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड संसाधन समन्वयक दिलबाग सिंह ने की तथा विद्यार्थियों की सराहनीय प्रस्तुतियों की मुख्य कंठ से तारीफ की ,कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मॉडल संस्कृति स्कूल के प्राचार्य सुनील खुडानिया थे ।
संपन्न प्रतिस्पर्धा में समूह नृत्य में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर प्रथम, राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना द्वितीय तथा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुंदरह तीसरे स्थान पर रहे। सांत्वना पुरस्कार मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला। समूह नृत्य कक्षा 6 से 8 वर्ग में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी प्रथम ,राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह द्वितीय तथा मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना तृतीय स्थान पर रहे , सांत्वना पुरस्कार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर को मिला।
9 से 12 कक्षा वर्ग में एकल नृत्य में प्रथम स्थान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर, दूसरा स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला। सांत्वना पुरस्कार राजकीय उच्च विद्यालय भडफ को मिला।
5 से 8 कक्षा वर्ग में एकल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना ,द्वितीय स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी तथा तीसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौगडा अहीर को मिला सांत्वना पुरस्कार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह को मिला।
रागिनी प्रतियोगिता में 9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेहलंग को मिला दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह तथा तीसरा स्थान मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला। सांत्वना पुरस्कार पीएमश्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल भोजावास को मिला।
कार्यक्रम में अमर सिंह निमहोरिया दौगडा अहीर के प्राचार्य,राजकीय वरिष्ठ मध्य विद्यालय करीरा के प्राचार्य रामस्वरूप ,राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक ,सहायक ओमप्रकाश कौशिक ,यदुवंशी कनीना के उपनिदेशक धर्मेश कौशिक ,यूरो स्कूल कनीना के प्राचार्य सुनील कुमार ,गुलशन कुमार ,प्रवक्ता सुरेंद्र मोरवाल ,पूनम रानी , दीपक शर्मा अंग्रेजी अध्यापक शालिनी प्रधान प्रवक्ता सुनीता देवी ,एबीआरसी ओमरती ,गुलशन कुमार ,प्रवक्ता नितिन मुद्गल, मुख्याध्यापक राजकुमार, मंच संचालक नरेश कुमार यादव,राकेश कुमार डीपी ,शुभ कुमारी ,भडफ के कार्यकारी मुख्य अध्यापक सत्य प्रकाश सहित अनेक विद्यालयों के शिक्षक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10: मंच पर नृत्य करती बाला।
शिक्षकों की 6 दिवसीय ट्रेनिंग शुरू
--खंड संसाधन समन्वयक दिलबाग सिंह ने किया संबोधित
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कनीना की आवाज। प्राथमिक शिक्षा जीवन का आधार है तथा बच्चों को प्राथमिक स्तर से सही ज्ञान देकर उन्हें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप प्रगति के मार्ग पर आगे ले जाया जा सकता है। उक्त विचार खंड संसाधन समन्वयक दिलबाग सिंह ने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में प्राथमिक अध्यापकों के 6 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शिक्षकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया उन्होंने अध्यापकों का आह्वान किया कि वह एफएलएन का भी सही ढंग से ज्ञान प्रदान करें जिससे इस लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सके। इस अवसर पर एबीआरसी श्रुति आर्य ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा जीवन का आधार है तथा बच्चों की पहली गुरु के बाद प्राथमिक अध्यापक ही सबसे बड़ा ज्ञान का साधन है। इस अवसर पर खेड़ी तलवाना के एबीआरसी देवेंद्र सिंह मनोज कुमार , रोशनी देवी सहित खंड के 70 प्राथमिक शिक्षक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 09: खंड संसाधन समन्वयक दिलबाग सिंह संबोधित करते हुए।
मां सरस्वती की मूर्ति का अनावरण 19 अक्टूबर को
-निकाली कलश यात्रा एवं मूर्ति की झांकी
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर में मां सरस्वती की मूर्ति का अनावरण 19 अक्टूबर 2023 को अटेली के विधायक सीताराम यादव व जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता के कर कमल द्वारा किया जाएगा। आज मां सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा की गई तथा भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसके जिसमें गांव की करीब 150 महिलाओं ने भाग लिया। विद्यालय के प्राचार्य हरीश यादव ने बताया कि गांव के दानवीरों के सहयोग से करीब 10 लाख 50 हजार की लागत से एक भव्य हाल का निर्माण करवाया गया है। उसका भी उद्घाटन 19 अक्टूबर को किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 08: सरस्वती मूर्ति अनावरण से पूर्व सिहोर में झांकी निकालते हुए।
महिपाल नम्बरदार बाघोत बने जेजेपी युवा हलका प्रधान अटेली
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कनीना की आवाज। महीपाल नम्बरदार बाघोत को जेजेपी युवा हल्का प्रधान अटेली बनाया गया है। नवनियुक्त युवा हलका प्रधान अटेली हीपाल नम्बरदार बाघोतने अपने नई जिम्मेदारी के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा अजय सिंह चौटाला, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय युवा प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र सांगवान व जिला महेंद्रगढ के सभी नेताओ का आभार व्यक्त किया।
महीपाल नम्बरदार ने कहा हल्का अटेली मे एक बूथ एक योद्धा कार्यक्रम चला रखा है। जल्दी ही हर बूथ पर बूथ योद्धा तैयार कर दिए जाएंगे।
जिस तरह युवाओं के लिए प्राइवेट नौकरियों मे 75 प्रतिशत आरक्षण दिया जिससे देश व प्रदेश का हर युवा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की युवा सोच से नतमस्तक है।
फोटो कैप्शन 4त्न महिपाल बाघोत नियुक्ति पत्र लेते हुए।
भागवत कथा 18 से
-24 अक्टूबर तक चलेगी कथा
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कनीना की आवाज। बाघोत में भागवत कथा 18 अक्टूबर से शुरू होगी। बाघेश्वर धाम प्रमुख मंदिर समिति सदस्य महिपाल नम्बरदार बाघोत ने बताया
बाघेश्वर धाम के मठाधीश,महादेव गौशाल संस्थापक,महंत रोशन पुरी महाराज के सानिध्य मे होने जा रहे गणपति मूर्ति स्थापना एवं श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव होने जा रहा है। 18 अक्टूबर से 24 अक्टूबर विजय दशमी तक
18 अक्टूबर को प्रात 9 बजे मंदिर प्रांगण से भव्य कलश व शोभा यात्रा निकाली जाएगी और दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक श्रीमदभागवत कथा होगी। कथा व्यास पंडित श्याम सुंदर वाजपेयी हरदोई वाले द्वारा की जाएगी। संगीत ग्रुप कानपुर से पहुंच रहा है।
5 वार्ड महिलाओं के लिए हुए नगर पालिका में आरक्षित
--नारनौल में निकाला गया ड्रा
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका में भविष्य में होने वाले चुनावों के दृष्टिगत 14 विभिन्न वार्डों में से 5 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए हैं। वार्ड आरक्षण का नारनौल में ड्रा निकल गया । मौके पर उपस्थित पूर्व पार्षद कमल कुमार ने बताया कि उन्हें ड्रा में शामिल किया गया था जिसमें वार्ड नंबर 8 एससी महिला के लिए, वार्ड नंबर 6 एससी पुरुष के लिए, वार्ड नंबर 4 बीसी महिला के लिए, वार्ड नंबर 3,7 और 12 सामान्य महिला के लिए आरक्षित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि विगत योजना में कनीना नपा में 13 वार्ड होते थे। वार्ड 8 सामान्य के लिए, 6 एससी पुरुष के लिए, 10 नंबर एससी महिला के लिए आरक्षित था। वार्ड नंबर 4 सामान्य महिला के लिए,वार्ड 3 महिला के लिए, 7 और 12 सामान्य के लिए आरक्षित किया गया था। वार्डों के आरक्षण के बाद ही चुनावी चर्चाओं में तेजी आ गई है।
महाराजा अग्रसेन जयंती 22 को कनीना में
-बैठक कर लिया गया फैसला
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कनीना की आवाज। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन शाखा कनीना की एक बैठक हरियाणा प्रदेश संगठन मंत्री ओमप्रकाश लिसानिया के प्रतिष्ठान पर हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधान शिव कुमार अग्रवाल ने की। बैठक में यह तय हुआ कि महाराजा अग्रसेन जयंती दिनांक 22 अक्टूबर 2023 सांय 4 बजे लाला शिवलाल धर्मशाला कनीना मंडी में मनाई जाएगी। बैठक में सुरेंद्र बंसल, राकेश सिंगला, विजय जिन्दल, नवीन मित्तल, योगेश अग्रवाल आदि पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 08: बैठक का एक नजारा
अनिश्चितकालीन धरने पर कट की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
-ग्रामीणों का धरना 219वें दिन जारी रहा
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को धरने की अध्यक्षता मनोज राजपाल सेहलंग ने की और उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों की पीड़ा को समझें और राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम अति शीघ्र शुरू करवाया जाए। किसान एवं ग्रामीण अपना काम छोड़कर धरने पर बैठे हैं। आंधी-वर्षा एवं विषम परिस्थितियों को झेलते आ रहे हैं।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया की धरने को चलते 219 दिन हो गए हैं पर सरकार ने कट का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया है। धरना स्थल पर बैठे किसान, केंद्र सरकार पर आस लगाए बैठे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए, जिससे किसानों को चैन की सांस मिल सके। धरना स्थल पर बैठे किसानों ने पक्का इरादा बना रखा है,जब तक केंद्र सरकार कट का काम शुरू नहीं करती है, हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से इसके साथ लगने वाले एनटीपीसी प्लांट झाड़ली, सीमेंट प्लांट झाड़ली और चिडिय़ा, सेंट्रल यूनिवर्सिटी पाली, बाघेश्वर धाम बाघोत, यहां पर आने -जाने वालों के लिए दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत होगी।
उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार के द्वारा आश्वासन दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक धरातल पर काम शुरू नहीं किया गया है। सरकार को हम बार-बार याद दिला रहे हैं कि हमारी मांग जायज है और इसे जल्द पूरा किया जाए।
इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री ,पूर्व सरपंच हंस कुमार और पहलवान धर्मपाल सेहलंग सरपंच हरिओम पोता, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, जिला पार्षद लीलाराम, धर्मपाल,रघुवीर पंच,पंडित संजय कुमार, मास्टर ओम प्रकाश, प्रधान कृष्ण कुमार, ठेकेदार शेर सिंह, डॉ लक्ष्मण सिंह, दाताराम,वेद प्रकाश, मास्टर विजयपाल, डॉ राम भक्त, सूबे सिंह पंच, मास्टर विजय सिंह, मुंशी राम, हंस कुमार, रामकुमार, सतनारायण साहब, सूबेदार भोले राम, सूबेदार श्रीराम, सत्य प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्रि, प्यारेलाल, रोशन लाल आर्य, शेर सिंह, राज सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।
राष्ट्रीय दाढ़ी निषेध दिवस -18 अक्टूबर
लंबी दाढ़ी कभी-कभी बनती है रोगों का कारण
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कनीना की आवाज। 18 अक्टूबर को राष्ट्रीय दाढ़ी निषेध दिवस मनाया जाता है। पुरुषों में लंबी-लंबी दाढ़ी बढ़ाने की आदत बनी हुई है। युवा वर्ग विवाह शादी में भी अपनी दाढ़ी नहीं कटवाते परंतु डॉक्टर और विज्ञान के जानकार मानते हैं की दाढ़ी बढ़ाना कोई विशेष लाभप्रद नहीं होता अपितु नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। दाढ़ी को रेजर की सहायता से काट लेने से न केवल चेहरे की रौनक नजर आती है अपितु रोगों से भी बचा जा सकता है।
कनीना के कृष्ण प्रकाश बताते हैं कि जिस प्रकार रसोई घर के पास गंदगी पड़ी हो तो रोगाणु रसोई घर में जल्दी प्रवेश करेंगे इसी प्रकार यदि हमारे मुंह के चारो ओर दाढ़ी हो तो उसमें रोगाणु मुंह में प्रवेश कर जाएंगे। मुंह के जरिए किसी रोग का कारण बन सकती है। ऐसे में उनका कहना है कि दाढ़ी बढ़ाना बेहतर नहीं होता है। वैसे भी दाढ़ी बढ़ते रहने पर उसकी अधिक देखरेख करने की जरूरत होती है।
डॉक्टर जितेंद्र मोरवाल बताते हैं की दाढ़ी बढऩे से कोई लाभ नहीं अपितु नुकसान होने का खतरा बना रहता है। दाढ़ी बढ़ जाने से जहां रोगाणु इनमें चिपक जाते हैं और कभी मुंह के जरिए रोग फैला सकते हैं। दाढ़ी रखने का फैशन कोई अच्छा फैशन नहीं है।
उधर समाज से नरेश कुमार बताते हैं की दाढ़ी न होने पर चेहरा आकर्षक नजर आता है। वैसे भी दाढ़ी कोई काम नहीं आती अपितु स्मार्ट लुक के लिए दाढ़ी नहीं होनी चाहिए। आजकल दिखावे का युग है परंतु युवा पीढ़ी दाढ़ी दिखाने के युग में प्रवेश कर चुकी है और दाढ़ी बढ़ाने की होड़ देखने को मिलती है। यहां तक की शादी करने जाते समय भी युवा दाढ़ी बढ़ाकर जाते हैं जो एक नया फैशन बनता जा रहा है। इस फैशन से कोई लाभ नहीं होगा। दाढ़ी आना यौवन की निशानी जरूर है परंतु लगातार बढ़ते रहना उसे काटना भी जरूरी है। जिस प्रकार एक पेड़ लगातार अपनी टहनियां बढ़ाते जाएगा तो वह पेड़ एक दिन गिर सकता है। ऐसे ही अधिक लंबी दाढ़ी होना नुकसान साबित कर सकती है।
देर आए दुरुस्त आए
होने लगे हैं सपने साकार- निवर्तमान प्रधान सतीश जेलदार
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कनीना की आवाज। नगर पालिका के निवर्तमान प्रधान सतीश जेलदार ने खुशी जताई कि उनके समय में जिन कनीना की सड़कों के टेंडर और बजट आया था उनमें से कुछ बननी शुरू हो गई है। यद्यपि नगरपालिका र्म 2023 में भंग हो चुकी हैं किंतु सड़के पुन: निर्मित करवाने के लिए जी जान एक करके बजट पास करवाया था और सड़कें मंजमर हो गई थी। सतीश जेलदारने बताया की कनीना के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय से अटेली सड़क मार्ग को जोडऩे वाला संपर्क मार्ग सीमेंटेड बनाए जाने की उनकी मनसा थी। उन्होंने बार-बार प्रयास किया था जिसके चलते यह सड़क मार्ग सीमेंटेड लगभग बनकर तैयार हो गई है। उन्होंने बताया कि दूसरी सड़क उप-नागरिक अस्पताल से लेकर रेलवे स्टेशन तक की थी जो अब काम प्रारंभ हो गया है, पेड़ों की कटाई हो चुकी है तथा यह जल्दी उन्हें निर्मित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले बहुत प्रयास हुए थे, उच्च अधिकारियों के संबंध में लिखा था जिसके चलते 49 सड़कों के पैसे भी आ गए थे तथा टेंडर होने में कुछ देरी हो गई है। इसी प्रकार नहर के साथ-साथ बनने वाला मिनी बाईपास भी जल्दी बन जाएगा। उनके कार्यकाल में नगर पालिका सभी सड़क मार्ग पास हो चुके थे पैसे भी आ चुके थे परंतु किसी कारण वश उनके रहते हुए ये सड़क मार्ग नहीं बन पाए। अब इनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्हें खुशी है कि उनका लगाया हुआ पौधा अब वृक्ष बनने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जितना प्रयास कनीना की सड़क मार्ग को पुन: निर्मित करने के लिए उन्होंने किया वह अपने आप में एक उदाहरण है और जल्द ही सभी सड़के पुन: निर्मित होने की उम्मीद है।
फोटो कैप्शन: सतीश जेलदार निवर्तमान प्रधान कनीना नपा।
मां का चौथा स्वरूप कूष्मांडा मां
कुम्हड़ा की बलि देने से प्रसन्न होती हैं देवी कूष्मांडा-शर्मा
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कनीना की आवाज। मां कूष्मांडा को शक्ति का चौथा स्वरूप माना जाता है। उसका नाम उसकी मुख्य भूमिका का संकेत देता है। कूष्मांडा का मतलब है थोड़ी ही उष्मा से पूरे ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली, इसलिए यह स्वरूप कूष्माण्डा के नाम से जाना जाता है।
पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि इस दिन उपासक का मन अनाहत चक्र में उपस्थित रहता है जो हृदय के मध्य स्थित होता है।
इस देवी की उपासना के लिए भक्तों को हल्के नीले रंग के वस्त्रों को धारण करना चाहिए ; जो इस चक्र को जागृत करने में सहायक होता है। मां कूष्मांडा के स्वरूप के बारे में कहा जाता है कि यह अष्ट भुजाओं वाली देवी हैं। इनकी भुजाओं में बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल शोभा पाते हैं। वहीं दूसरी भुजा में वह सिद्धियों और निधियों से युक्त माला धारण करती हैं। मां कूष्मांडा की सवारी सिंह है।
मां कूष्मांडा का निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहां निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है।
इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं। मां कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है।
इस दिन पूजा में बैठने के लिए हरे रंग के आसन का प्रयोग करना बेहतर होता है. कुम्हड़ा पेठा की बलि देने से देवी कूष्मांडा बेहद प्रसन्न होती हैं.
पंडित ऋषिराज शर्मा का कहना है कि परिस्थिति के अनुरूप हम छोटी या बड़ी पूजा पद्धति के साथ देवी की पूजा उपासना कर सकते हैं शास्त्रों में पूजा के कई प्रकार बताए गए हैं. पूजा के लिए मुख्यत: पंचोपचार, षोडशोपचार व अभिषेक पूजन इत्यादि विधियों के द्वारा साधक यथा शक्ति यथा श्रद्धा पूजन कर सकते हैं।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा
बूंदाबांदी ने घटाया ताप, किसानों के चेहरे खिले, 3 एमएम हुई वषा
-सरसों की बीजाई के लिए बना मौसमर्
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सोमवार की देर शाम हल्की बूंदाबांदी हुई। दिनभर से बादल छाये हुये थे तथा तेज हवाएं चल रही थी जिसके चलते तापमान में गिरावट आ गई। क्षेत्र में 3 एमएम वर्षा हुई। तापमान 20 से 32 डिग्री के बीच उछल कूद करता देखा गया। पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि सरसों बीजाई का सही वक्त 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच होता है किंतु तापमान 28 डिग्री होना चाहिए। ऐसे में किसानों का इंतजार खत्म हो गया। अभी तक दिन में 35 डिग्री से ऊपर ताप रहा है जिससे सरसों उगाकर किसानों की सरसों खराब हो गई या धोलिया का शिकार हो गई किंतु सोमवार को दिनभर मौसम ठीक रहा। हल्की ठंड का अहसास भी हुआ। किसान त्वरित गति से सरसों की बीजाई कर रहे हैं। कनीना क्षेत्र की बावनी अर्थात 52 हजार हेक्टेयर भूमि मानी जाती है। इस पर खरीफ फसल किसानों द्वारा लेने के पश्चात रबी फसल की तैयारी में किसान जुट गए हैं। त्वरित गति से अपने खेतों की सिंचाई फव्वारों द्वारा करेते आ रहे हैं क्योंकि रबी फसल पूर्ण रूप से ट्यूबवेलों पर निर्भर करती है। किसान सरसों और गेहूं और गेहूं उगते हैं। सरसों की अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छे बीजों एवं खादों की तलाश कर रहे हैं। 10 अक्टूबर से सरसों की बीजाई प्रारंभ हो जाती है जबकि 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू कर दी जाती है। वर्तमान में किसानों ने बीजों की दुकानों पर जहां खाद एवं बीज लाकर खेतों में डाल रखा है वही बीजों को बीजाई करने के लिए अपने घर में सुरक्षित रख रहे ताकि समय आते ही बिजाई कर दी जाए।
किसान सुरेंद्र सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि अब बीजाई का काम पूरे यौवन पर होगा। अभी तक अधिक ताप रहता आया है जिसके चलते कुछ बीजाई की वो खराब हो गई किंतु अब बीजाई करेंगे वो अच्छी रह सकती है। मौसम बदल चुका है। ठंड का अहसास होने लगा है।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज यादव बताते हैं कि सरसों की बिजाई 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाती है जो 25 अक्टूबर तक जारी रहती है। इसके लिए तापमान 28 से 30 डिग्री होना चाहिए। तत्पश्चात 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू हो जाती है। देसी किस्म सी-306 सात नवंबर तक बीजाई की जा सकती है तथा बाद में गेहूं की बीजाई 25 नवंबर तक जारी रहेगी जिसके लिए तापमान 22 डिग्री चाहिए। गेहूं के लिए सरसों के मुकाबले तापमान कम चाहिए। अब मौसम में बदलाव हो चुका है। अब बीजाई का समय भी उचित हैं।
उधर सोमवार के दिन से ही किसान खेतों में त्वरित गति से बीजाई करने में जुट गये हैं। मंगलवार को तापमान 25 डिग्री तक पहुंच गया जो सरसों के लिए स्वर्था उचित है।
फोटो कैप्शन 01 व 02: ट्रैक्टर से किसान खेत की तैयारी करते हुए।
नमो देवी
पति की मृत्यु के बाद अपने संघर्ष की लिखी दास्तान
- अपने दो पुत्रों को बनाया कामयाब एक आईआईटी खडग़पुर से बीटेक तो दूसरा कर रहा है रोहतक से एमबीबीएस
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कनीना की आवाज। यदि इंसान में संघर्ष करने का जज्बा हो तो कठिनाइयां अपने आप परास्त होती चली जाती है। इंसान उन ऊंचाइयों को छू जाता है जिसको देखकर आम आदमी यह कहते हुए नहीं शर्माता की संघर्ष रंग लाया है। कनीना की एक ऐसी महिला रेणू प्रजापत है जिनके दो पुत्र जब बचपन में थे तभी रेणू के पति का देहांत हो गया। पति के देहांत के बाद दोनों बच्चों को पाल पोषकर न केवल अपनी मेहनत के बल पर बड़ा किया अपितु दोनों को कामयाबी के राह पर भेज दिया। दोनों ही उनके पुत्र निकट भविष्य में ऊंचाइयों को छूने जा रहे हंै। एक पुत्र आईआईटी खड़कपुर से बीटेक कर रहा है वही दूसरा पुत्र नीट की परीक्षा में बेहतरीन अंक लेकर एमबीबीएस कर रहा है। दोनों ही उनके पुत्रों ने मेहनत की दास्तान लिख डाली है। कहीं पर कोई कोचिंग आदि न लेकर खुद घर पर रहकर मेहनत की और यह नाम कमाया है।
रेणू प्रजापत की शादी 2002 में राजेंद्र प्रजापत से हुई थी जो टाइल बनाने का काम एवं सड़कों का ठेका लेने का काम करते थे। उनकी आय भी कोई बेहतर नहीं थी किंतु राजेंद्र सिंह की 2013 में असामयिक मौत हो गई। देहांत के समय बड़ा पुत्र दस तो छोटा 7 साल का था। रेणू के सामने एक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा क्योंकि पहले ही कोई बेहतर आय नहीं थी उस पर जमीन जायदाद भी नहीं थी। उनकी मौत ने रेणू को सदमे में धकेल दिया परंतु जल्द ही सदमे से बाहर आ गई चूंके अब उनके सामने अनेक चुनौतियां मुंह बाये खड़ी थी। सबसे बड़ा काम था बच्चों की पढ़ाई लिखाई और घर को चलाना। उन्होंने हिम्मत से काम लिया। जिनकी जिनके हाथों में हिम्मत का हथियार होता है वह कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं। ऐसा ही रेणू प्रजापत ने किया।
उन्हें सिलाई कढ़ाई का काम थोड़ा बहुत आता था। ऐसे में अपने दो पुत्रों को पालने के लिए उन्होंने घर पर सरकार की बगैर किसी मदद की सिलाई-कढ़ाई का काम शुरू कर दिया। हाथों से चलने वाली सिलाई मशीन से काम शुरू किया। धीरे-धीरे आसपास के क्षेत्र के लोगों के कपड़े सीलकर अपने बच्चों को पढ़ाया। बच्चे पढऩे लगे तो खर्चा भी बढ़ता चला गया। ऐसे में उन्होंने सिलाई कढ़ाई के साथ.साथ एक दुकान भी खोली जिसमें वह सिले हुये कपड़े बेचने का काम करने लगी। इस प्रकार अपना भी पेट पालती और बच्चों को पढऩे का काम किया। क्योंकि अपनी मां की आर्थिक हालात की तंगी देखते हैं बच्चों ने भी जी तोड़ मेहनत की। बाद में रेणू ने अपनी दुकान में ब्यूटी पार्लर का काम शुरू कर दिया। उनका बड़ा पुत्र दिन रात मेहनत करके जेइइ की परीक्षा में बिना किसी कोचिंग के बैठा और चयन आईआईटी खड़कपुर में हो गया। मां को इसकी कुछ तसल्ली हुई कि कम से कम यह पुत्र तो एक दिन कामयाब होकर लौटेगा। रेणू के छोटे पुत्र ने अपने बड़े भाई के पदचिह्नों पर चलते हुए और कड़ी मेहनत करनी पड़ी और वर्ष 2023 में नीट की परीक्षा में 730 में से 636 अंक लेकर एमबीबीएस की यह परीक्षा पास कर ली। सबसे बड़ी बात यह रही कि 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए बिना किसी कोचिंग के यह सफलता पाई जो अपने आप में एक रिकार्ड है। अब वो रोहतक के पीजीआइएमएस से एमबीबीएस कर रहा है। सरकार ने कोई मदद नहीं की फिर भी रेणू खुश है कि उसने अपने दोनों बेटों को कामयाब कर दिया है।
जहां उनका बड़ा पुत्र सचिन आईआईटी खडग़पुर में वर्तमान में बीटेक कर रहा है जहां प्रवेश लेना बहुत कठिन कार्य है। चार वर्षों में बीटेक करके लौटेगा। वही भवनीश सरकारी तौर पर एमबीबीएस करके लौटेगा। रेणू को अब प्रसन्नता हो रही है तथा अपने दोनों पुत्रों पर नाज है। बीतें दिनों को याद कर रेणू की आंखों में आंसू आ लाते हैं किंतु पुत्रों की कामयाबी पर प्रसन्न हो जाती है।
बड़े लड़के सचिन ने जेइइ परीक्षा पास करके एक उदाहरण पेश किया वहीं भवनीश ने नीट की परीक्षा पास कर एक उदाहरण पेश किया है। वही रेणू प्रजापत ने अपने पति के देहांत के बाद अपने घर पर ही रहकर काम को बढ़ाया सिलाई कढ़ाई के बाद सिले हुए कपड़े बेचने तथा तत्पश्चात ब्यूटी पार्लर का उसी दुकान में ब्यूटी पार्लर का काम भी शुरू कर दिया। क्षेत्र में मां और बेटे नाम कमा रहे हैं। जब भी कभी चर्चा चलती है तो तीनों का नाम आदर्श लिया जाता है।
फोटो कैप्शन: रेणू सिलाई करते हुए तथा दोनों पुत्र भवनीश एवं सचिन।
24 घंटे बीतने के बाद में नहर में कूदे युवक का सुराग नहीं
-बचाव दल ल
गातार तलाश मेेंं, एनडीआरएफ की टीम ढूंढ रही है युवक को
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कनीना की आवाज। सोमवार को शाम के वक्त कनीना मंडल के गांव धनौंदा एक युवक सत्येंद्र ने गत दिवस जवाहरलाल नेहरू नहर में छलांग लगा दी थी जिसका अभी तक सुराग नहीं मिला है। प्रशासन और रेस्क्यू ऑपरेशन प्रशासन मौके पर मौजूद है तथा इसके ऑपरेशन जारी है उनका लेफ्टिनेंट पद पर चयन हो गया था अभी नौकरी ज्वाइन करने लिए जाना था। गत दिवस जहां उन्होंने अपने फोन के द्वारा काल की थी तथा नहर के पास नजदीक पंप हाउस उसकी मोटरसाइकिल, चप्पल और मोबाइल बरामद कर लिए गए थे किंतु सत्येंद्र का कोई सुराग नहीं मिला।
उनकी तलाश पहले ग्रामीणों ने अपने स्तर शुरू की बाद में प्रशासन को सूचना दी। प्रशासन सूचना पाकर मौके पर पहुंच गया। मौके पर एसडीएम सुरेंद्र सिंह, थाना अध्यक्ष कमल दीप, नायक तहसीलदार हरिओम तथा तहसीलदार ब्रह्म प्रकाश सहित विभिन्न अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मंगलवार को भी तलाश अभियान जारी रहा। नौका एवं कोताखोरों की मदद ली गई है किंतु समाचार लिखे जाने तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है।
उल्लेखनीय है कि चरखी दादरी सड़क मार्ग पर धनौंदा के पास जवाहरलाल नेहरू नहर है, वहीं पर वाटर पंप है। इस जगह करीब एक दर्जन लोगों ने अब तक आत्महत्या कर ली है। इसलिए इसे
सुसाइड नहर नाम दिया गया है। पास में वाटर पंप है किंतु भारी रेस्क्यू दल गोताखोरों की मदद से उनकी तलाश कर रहा है। परंतु अभी तक सुराग नहीं चल पाया है जिसको लेकर अनेकों प्रकार की चर्चायें जारी है।
मंगलवार को वाटर पंप पर पूर्व सीपीएस अनीता यादव भी पहुंची तथा समस्त जानकारी ली। उन्होंने बचाव दल की संख्या बढ़ाकर अविलंब युवक की तलाश करने की मांग की है
फोटो कैप्शन 5 और 6 लेफ्टिनेंट पद पर चयनित सत्येंद्र की नहर में तलाश करते एवं विभिन्न बचाव दल।
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