सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी आज
-कनीना में तिरंगा हाथों में लेकर दौड़ेंगे रन फार यूनिटी
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कनीना की आवाज। मंगलवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर खंड स्तर पर आयोजित होनी वाली रन फॉर यूनिटी में एक हजार की संख्या में नागरिक भाग लेंगे। एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हो बताएं कि रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक सीताराम यादव होंगे। कार्यक्रम में तकरीबन 1000 लोग भाग लेंगे। कार्यक्रम में पहले दूसरे व तीसरे स्थान पर आने वाले विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम को वरिष्ठ नागरिक जन, युवा व विद्यार्थी तीन कैटेगरी में विभाजित किया गया है। कार्यक्रम सदर थाना से लेकर अटेली रोड तक बनाए गए नए मार्ग पर होगा इसके साथ ही रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटर के पास बने हुए मार्ग पर समापन किया जाएगा।
एसडीम सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सभी प्रतिभागियों को सुबह 6 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा। सुबह ठीक 7 बजे इस रन फार यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस बार रन फॉर यूनिटी में चार श्रेणी बनाई गई हैं। इन चारों श्रेणियां में पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेड क्रास को समिति के माध्यम से प्रतिभागियों को तिरंगा दिया जाएगा। वही विजेता प्रतिभागियों को खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में पुलिस की ओर से ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय एकता दिवस -31 अक्टूबर
-लोह पुरुष के रूप में जाने जाते हैं पटेल- प्रोफेसर कर्मवीर
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कनीना की आवाज। भारत के लोग पुरुष के रूप में प्रसिद्ध वल्लभभाई पटेल ने केवल स्वतंत्रता सेनानी थे अपितु भारत के प्रथम गृहमंत्री एवं उप-प्रधानमतंत्री थे। 1875 को 31 अक्टूबर के दिन गुजरात में जन्मे पटेल प्रसिद्ध वकील थे और वे न्याय, समानता और एकता के लिए हमेशा खड़े रहते थे। उनका योगदान भारतीय संविधान के निर्माण में भी अहं रहा है क्योंकि उन्हें संविधान सभा के प्रमुख सदस्य के रूप में कार्य किया।
राष्ट्रीय एकता में तक गहन विश्वास -प्रोफेसर कर्मवीर
प्रोफेसर कर्मवीर कंवाली बताते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के विविध समुदाय की एकता में बहुत विश्वास करते थे। आजादी के बाद उन्हें रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने के चुनौती पूर्ण कार्य का सामना करना पड़ा। उनकी कूटनीति कौशल और राजनीतिक कौशल ने नवीन राज्यों को शामिल होने के लिए मनाने में अहम भूमिका निभाई। जिससे देश की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में भव्य स्टैचू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन भी किया था। पटेल का एक ही प्रसिद्ध नारा रहा है जिसमें कहा गया है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत जो आज भी लोगों को प्रेरणा दे रहा है।
2014 में हुई थी राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत -
प्रोफेसर कर्मवीर बताते हैं कि सरदार वल्लभभाई पटेल की भारत सरकार ने 2014 में अधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत की थी क्योंकि पटेल एक एकजुट, मजबूत भारत के कट्टर समर्थक थे इसलिए उसके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सरदार सरदार वल्लभभाई पटेल भारत केे लोह पुरुष नाम से जाना जाता है जो पहले गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री रहे हैं। जिन्होंने 550 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राष्ट्रीय एकता की ओर भारत को बढ़ाया। भारत जैसे विधाता पूर्ण देश में एकता महत्वपूर्ण है इसलिए उन्होंने इस कदम को बढ़ाया और विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया।
प्रोफेसर कर्मवीर बताते हैं कि वह भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री हुई है उनके लिए विभिन्न गांवों एवं शहरों में रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है।
कनीना में आयोजित होगा रन फॉर यूनिटी-
कनीना में एसडीएम सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम होगा। प्राचार्य राजकीय माडल स्कूल सुनील खुडानिया ने बताया कि उनके 72 से अधिक विद्यार्थी रन फार यूनिटी में भाग लेंगे वहीं नरेश कौशिक मुख्य अध्यापक ने बताया कि उनकी 50 के करीब छात्राएं रन फॉर यूनिटी में भाग लेंगी। कार्यक्रम सुबह सवेरे कनीना में आयोजित होगा।
फोटो कैप्शन: प्रोफेसर कर्मवीर यादव
दादी सती माता मन्दिर पर हुआ रात्रि सत्संग व विशाल भंडारा
-कनीना कालेज के पास है माता का भव्य मंदिर
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कनीना की आवाज। बाबा लालगिरी आश्रम पर कनीना पर निर्मित दादी सती माता मंदिर पर रात्रि सत्संग का आयोजन हुआ तथा सोमवार केो विशाल भंडारे का आयोजन किया गया । जानकारी देते हुए आश्रम कमेटी के प्रधान बाबा कैलाश शर्मा ने बताया कि माता के मंदिर की अपनी अलग की महिमा है। यहां आकर भक्त मन्नत मांगते हैं। इसी कड़ी में सोमवार को हवन आयोजित हुआ जिसमें दूर दराज से आये लोगों ने पूर्ण आहुति दी वहीं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे का प्रसाद दूर दराज से आये भक्तों ने ग्रहण किया। दादी सती कनीना की रहने वाली थी जो वर्षों पहले सती हो गई थी। उनकी ही याद में यह मंदिर बना है।
इस मौके पर सुरेंद्र शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, साधुराम शर्मा,दीपक शर्मा,
टीटू शर्मा, प्रवक्ता सचिन शर्मा, मुकेश शर्मा,नीलम शर्मा,हरेंद्र शर्मा,जगमाल बोहरा,बलवान सिंह आर्य,कमल पार्षद,
पंकज यादव, प्रीतम काला,नीतेश गुप्ता, श्याम मित्र मंडल प्रधान अनिल गर्ग,राव बहादुर सिंह सहित विभिन्न जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: सती मंदिर पर हवन करते हुए
06: भंडारे का नजारा।
हरियाणा वेयरहाउस द्वारा बाजरे के खरीदे 5110 बैग
-कुल खरीद पहुंची एक लाख 95 हजार क्विंटल
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कनीना की आवाज। कनीना की चेलावास स्थित नई अनाज मंडी में बाजरे की खरीद जारी है। पहले जहां हैफेड द्वारा बाजरे की खरीद की गई थी वर्तमान में 2500 रुपय प्रति क्विंटल के हिसाब से हरियाणा वेयरहाउस बाजरे की खरीद कर रहा है।
सोमवार को 5110 बैग बाजरे की खरीद की गई। अब तक हरियाणा वेयरहाउस द्वारा 47000 बैग बाजरे की खरीद कर ली है। विस्तृत जानकारी देते हुए वेयरहाउस मैनेजर रूबी हुड्डा ने बताया कि कनीना की अनाज मंडी में अब तक एक लाख 95000 क्विंटल अर्थात 390000 बैग बाजरे की खरीद की जा चुकी हैं जिनमें से 47000 बैग वेयरहाउस ने खरीदे है जबकि 3,43000 बैग हैफेड द्वारा खरीद की गई है। बाजरे की खरीद जारी है किंतु किसानों की आवक धीमी पड़ती जा रही है। उठान का कार्य त्वरित गति से चल रहा है।
बाजरे की खरीद के दौरान मार्केट कमेटी की सचिव नकुल यादव, वेयरहाउस मैनेजर रूबी हुडा, सतीश कुमार, विनायक कंप्यूटर ऑपरेटर, रविंद्र बंसल, बालूराम प्रधान कोका, महेंद्र कुमार, श्रीभगवान, दीपक, राजेश आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 7: बाजरे की खरीद करते वेयरहाउस अधिकारी एवं अन्य।
अपनी मांगों के समर्थन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कनीना को दिया ज्ञापन
--चौकीदारों ने भी सौंपा ज्ञापन
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कनीना की आवाज। आंगनवाड़ी कुक कार्यकर्ता यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सूबे सिंह व जिला प्रधान सोमिना के नेतृत्व में कनीना एसडी को एक ज्ञापन देकर अपनी मांग पूरी किये जाने की गुहार लगाई है। ज्ञापन में कहा गया है कि 15 महीनों का मानदेय अभी तक नहीं मिला है जिसे दीपावली से पूर्व दिलाने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है
हम आंगनवाड़ी कुक आंगनवाड़ी केन्द्र पर खाना बनाने का काम करती है। हम बेहद गरीब परिवारों से हैं अत: हमें दीपावली त्यौहार से पूर्व 15 महीनों का मानदेय भुगतान खातों में जमा करवाया जाए।
इस अवसर पर एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सूबे सिंह, आंगनवाड़ी कुक कम हैल्पर जिला प्रधान सोमिना, शकुन्तला, अकबरी,कोशल्या, बिमला आदि उपस्थित रहे।
चौकीदारों ने भी सौंपा ज्ञापन-
ग्रामीण चौकीदार संगठन हरियाणा सम्बन्धित एआईयूटीयूसी ब्लाक कनीना ने भी एसडीएम कनीना के मार्फत एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है तथा मांग की है कि उनकी मांगे अविलंब पूर्ण की जाए। कमेटी ने आज एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह, ब्लाक प्रधान लालचंद निनानियां के नेतृत्व में ग्रामीण चौकीदारों के यह ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि कनीना ब्लाक की मृत्यु पंजीकरण राशि माह 2019 से अब तक
का भुगतान नहीं किया गया है। यह भुगतान अविलंब करवाया जाए। इस अवसर पर ब्लाक प्रधान लालचंद निनानियां, सचिव रमेश कुमार, राज्य कैशियर, रमेश कुमार निम्बल उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 04: ग्रामीण चौकीदार ज्ञापन देते हुए।
क्रेन चालक के विरुद्ध मृतक के पिता ने करवाया मामला दर्ज
--रविवार को दुर्घटना में हो गई थी एक की मौत, किया अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव धनौंदा निवासी मदन सिंह ने अपने पुत्र विक्रम की दुर्घटना में मौत के लिए के्रन चालक को जिम्मेदार ठहराते हुए मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत क्रेन चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
मदन सिंह ने पुलिस में दी शिकायत में कहा गया है कि मेरे तीन लड़के हैं। सबसे बड़ा लड़का विक्रम सिंह गांव के बस स्टैंड पर टायर पंचर की दुकान कर रखी है तथा शादीशुदा है, जिसके तीन बच्चे जो पढ़ते हैं। मुझे सोमवार को सूचना मिली कि लड़का विक्रम सिंह विक्रम एवं विनय धनौंदा निवासी अल्टो में सवार होकर धनौंदा से अटेली निजी काम के लिए जा रहे थे। जब मेरा लड़का इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के पास पहुंचा तो विनय साथ में बैठा था। सामने अटेली की तरफ से एक क्रेन चालक बड़ी तेजी से गफलत में क्रेन को चलते हुए गलत दिशा से आकर अल्टो को टक्कर मार दी। जिससे विक्रम सिंह की मौके पर मौत हो गई। विनय को चोट लगने से घायल हो गया। सूचना पाकर मैं मौके पर पहुंचा तो मौके पुलिस गाड़ी खड़ी थी मेरा लड़का विक्रम सिंह मृत अवस्था में अल्टो गाड़ी में फंसा हुआ था। जब मैं अपने तौर पर पता किया तो इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के कर्मचारी मनजीत चेलावास मौके पर खड़ा था जिसने यह घटना अपनी आंखों से अच्छी प्रकार देखी थी। उसने सारी घटना बताई। क्रेन मौके पर खड़ी थी और क्रेन का चालक जिसका नाम पता मालूम नहीं है क्रेन छोड़कर टक्कर मारने के बाद मौके से फरार हो गया। विनय कुमार का पीजीएस रोहतक में इलाज चल रहा है। उन्होंने क्रे चालक के मालिक के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की जिस पर कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत क्रेन चालक के मालिक पर मामला दर्ज कर लिया है। उधर गमगीन माहौल में विक्रम सिंह का महेंद्रगढ़ से पोस्ट मार्टम करवाकर,गांव धनौंदा में सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया है।
हर हर महादेव के जयकारे के साथ 232वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना 232वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान धर्मपाल सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक धरना जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि धरने को चलते 232 दिन हो गए हैं। सोमवार का दिन है, शिव भक्त बाघेश्वर धाम में बाबा शिव भोले पर जल चढ़ाकर, मन्नत मांग कर, धरना स्थल पर पहुंचे। पंडित संजय कुमार तलवाना ने बताया कि बाबा शिव भोले से हमारी एक ही मांग है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए। बाबा भोले भक्तों को कभी निराश नहीं करते,उनकी बात अवश्य मानी जाएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करने से धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को राहत मिल सकती है। एक तरफ खेती की बिजाई का काम चल रहा है और दूसरी तरफ धरना स्थल पर अपना समय दे रहे हैं। केंद्र सरकार किसानों के दु:ख दर्द को समझे और कट का काम जल्द शुरू करवाए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन, संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत, संघर्ष समिति के सदस्य डा लक्ष्मण सिंह सेहलंग,नरेंद्र कुमार शास्त्री
छिथरोली सरपंच हरिओम पोता, सरपंच विनीत कुमार सेहलंग, प्रधान कृष्ण कुमार, पूर्व सरपंच हंस कुमार, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह बाघोत,करण सिंह, बाबूलाल, मनफूल , शेर सिंह, सूबेदार हेमराज अत्री, डा सुरेंद्र सिंह, सीताराम, डा राम भक्त, रामकुमार , मास्टर विजयपाल, इंस्पेक्टर सतनारायण , कृष्ण कुमार पंच , सूबेदार भोले राम , मास्टर विजय सिंह, वेद प्रकाश, रामकिशन, मुख्तार सिंह, रोशन लाल आर्य, ओम प्रकाश, दाताराम, प्यारेलाल, मास्टर विजयपाल, सूबे सिंह पंच, रामावतार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट के लिए धरना देते ग्रामीण।
प्याज के भाव पहुंचे 80 रुपये किलो
-सब्जी एवं सलाद से गायब हुई प्याज, कभी टमाटर ने रुलाया था
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में प्याज के भाव जहां एक माह पहले जहां 20 रुपये किलो थे परंतु अब विगत 15 दिनों में अचानक उछाल आने से भाव 80 रुपये प्रति किलो पहुंच गये हैं। जिसके पीछे कम बीजाई होना, किसानों की प्याज खत्म होना और व्यापारियों द्वारा स्टोर किया जाना जैसे कई अहं कारण माने जा रहे हैं। कभी टमाटर ने रुलाया और 200 रुपये किलो तक पहुंचा और अब प्याज आंसू निकाल रहा है।
प्याज विके्रता दिनेश, सुरेंद्र ,योगेश, रोहित आदि ने बताया कि उन्होंने अब थोक में महंगे दामों पर 60 रुपये किलो के भाव से मिल रही है जिसके चलते खुरदरा मूल्य पर अधिक दामों पर बेचने को मजबूर हैं। दुकानदार प्याज महेंद्रगढ़ , रेवाड़ी एवं दिल्ली सब्जी मंडी से मंगवाते हैं या फिर खरीदते हैं। क्षेत्र के किसानों की प्याज खत्म हो गई है जिसके चलते यह महंगे दामों पर उन्हें थोक में मिल रही है।
प्याज महंगी होने के कारणों पर प्याज पैदावार करने वाले मोड़ी के किसान अजय, कांता और गजराज सिंह ने बताया कि इस बार उन्होंने आधा एकड़ में प्याज उगाई थी जिसको हरी प्याज तथा सुखाकर दोनों रूपों में बेचा है। जितनी भी प्याज थी उनमें से अधिकांश का स्टाक कर लिया है जिसके चलते वे महंगे दामों पर बेच रहे हैं।
किसान अजय कुमार मोड़ी का कहना है कि बिजाई कम होना एक कारण प्याज महंगी होना है। क्षेत्र में प्याज कम उगाई जाती है। कभी-कभी प्याज के दाम इतने गिर जाते किसान दोबारा प्याज उगाने का नाम नहीं लेते। यही कारण है कि अब प्याज महंगी हो गई है। अब दिसंबर में पुन: नई प्याज बाजार में आ जाएगी तब भाव फिर गिर जाएंगे।
करीरा के अग्रणी किसान महावीर सिंह ने बताया कि प्याज महंगी होने के पीछे कारण किसानों का स्टाक खत्म होना है। अब अधिकांश प्याज व्यापारियों के हाथों में जा चुकी है। उनका कहना है कि आगामी 20 नवंबर के बीच सीकर की प्याज आनी शुरू हो जाएगी। तब प्याज के भाव गिर जाएंगे तब तक प्याज के भाव महंगे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई को देखते हुए सीकर, राजस्थान के लोग अब जल्दी उत्पादन लेंगे और बाजार में जल्दी प्याज आने से भाव गिर सकते हैं। क्षेत्र के किसान प्याज उगाते हैं परंतु मांग अधिक होने के कारण प्याज के भाव बढ़ते जा रहे हैं।
फोटो कैप्शन 01: प्याज।
करवा चौथ पर्व पर आई खांडसारी के करवों की बहार
-एक नवंबर को हैं करवा चौथ व्रत
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कनीना की आवाज। बुधवार एक नवंबर को कनीना क्षेत्र में करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। बाजार में खांडसारी के करवों की बहार आ गई है वहीं कपड़ों की दुकानों तथा ब्यूटी पार्लरों पर भीड़ लगने लगी है। इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं एवं साज शृंगार करती हैं।
कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाओं का पर्व करवा चौथ मनाया जा रहा है जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में गटक चौथ आदि नामों से जाना जाता है। सर्दी के प्रारंभ में आने वाले इस पर्व का विशेष महत्व माना जाता है। यह व्रत पति, पुत्र की मंगलकामना, धन एवं धान्य के लिए किया जाता है जिसका समापन चन्द्रदेव को अघ्र्य देकर पूर्ण किया जाता है। दान पुण्य करने की भी परम्परा चली आ रही है।
यह व्रत विवाहित एवं अविवाहित दोनों के लिए ही फलदायक माना जाता है। अविवाहित महिलाएं अपने सुपति की कामना से तो विवाहित महिलाएं अपने पुत्र, भाई एवं पति की मंगलकामना के लिए व्रत करती हैं। चांद को देखकर तथा उसे अघ्र्य देकर ही इस व्रत का समापन किया जाता है जिसके पीछे माना जाता है कि महिलाएं चांद जैसी शीतलता एवं चमक अपने इष्टïदेव में देखना चाहती हैं। इस दिन श्रीगणेश की पूजा करने का विशेष विधान है।
क्या खाया जाता है-
करवा चौथ के दिन खांडसारी के बनाए हुए करवे खाए जाते हैं। इस दिन पूजा के लिए भी करवा खरीदे जाते हैं। करवा नामक औरत की कथा भी सुनी एवं सुनाई जाती है। खांडसारी के बने हुए करवे बाजार में कई दिन पूर्व ही उपलब्ध हो जाते हैं जिन्हें खरीदकर महिलाएं लाती हैं। ये खांडसारी के करवे ही लेने देन में काम आते हैं। महिलाएं अपने से बड़ी महिलाओं को करवे दिए जाते हैं।
क्या कहानी सुनाई जाती है
पंडित सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि इस दिन करवा नामक औरत की कहानी सुनाई जाती है जिसमें उस औरत के भाई अपनी बहन की भूख की व्याकुलता देखकर परेशान हो जाते हैं। वे उसे आग जलाकर छलनी में से नकली चंद्रमा का आभास कराते हैं और करवा खाना खाने के लिए तैयार होती है तो अपशकुन होते हैं किंतु दुख उस वक्त होता है जब करवा को उसके पति की मृत्यु का समाचार मिलता है। आखिरकार वह अपने पति को जीवित करने के लिए घोर तप करती है और पुन: इस व्रत के आने का इंतजार करती है। आखिरकार करवा अपने पति को जीवित कराने में सफल हो जाती है। उसी दिन से करवा खाने और करवा चौथ का पर्व चला आ रहा है।
कब तक चलेगा यह व्रत
कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि यह व्रत दिनभर चलेगा किंतु शाम करीब 8:15 बजे पर चंद्रमा दिखाई देने लग जाएगा। महिलाएं इसी चंद्रमा को अघ्र्य देकर अपना व्रत पूर्ण कर सकती हैं। दिनभर कहानी सुनने, दान पुण्य करने तथा बड़े बूढ़ों से आशीर्वाद पाने की परंपरा चली आ रही है। खांडसारी के करवे ही दान दिए जाते हैं।
कौन करता है करवा चौथ व्रत -
एक वक्त था जब केवल महिलाएं ही करवा चौथ का व्रत करती थी। अब तो इसमें पुरुष भी भागीदार बन गए हैं। महिलाएं जहां अपने पति के लिए तो पति अपने पत्नी के लिए लंबी उम्र की कामना करते हैं। अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को करने लगी हैं। पले केवल विवाहित महिलाएं ही व्रत करती थी। धीरे धीरे ऐसे में बदलाव आ गया है और पुरुष की भागीदारी बढ़ती जा रही है
बाजार सजने लगे हैं और खासकर करवा चौथ पर बाजारों में बिक्री की ज्यादा उम्मीद है।
फोटो कैप्शन 02: खांडसारी के करवे बेचता दुकानदार।
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