Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, November 6, 2023




 

भारत विकास परिषद ने अनाथ आश्रम में बांटे फल
-मोड़ी में स्थित है अनाथ आश्रम
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कनीना की आवाज। शांति कुंज अनाथ आश्रम मोड़ी में  भारत विकास परिषद शाखा कनीना के समस्त सदस्यों ने वहां पहुंच कर बेसहारा लोगों को फल,दाल चावल, चीनी, बिस्कुट,आटा, कपड़े, बर्तन, मिठाई आदि से मदद करने की। मोड़ी स्थित आश्रम में अनाथ लोग रहते हैं। इन लोगों की सेवा करके मन को संतुष्टि मिलती है।
फोटो कैप्शन 06: फल वितरित करते भारत विकास परिषद के सदस्य।






रामबास से शुरू की मांगों के लिए यात्रा
-6 दिसंबर को होगी संपन्न
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कनीना की आवाज। बसपा ने रामबास गांव से बहुजन अधिकार यात्रा शुरू की। यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने गांव के आंबेडकर पार्क में स्थापित भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। यहां अतरलाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने इलाके की मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया।
     कनीना और अटेली की मांगों को लेकर यह यात्रा शुरू हुई है। इस मौके पर संदीप, अनिल, सतपाल, हंसराज यादव, महेन्द्र सिंह, कर्णसिंह, सोमबीर, राजबीर, पुष्पेंदर, अतरसिंह, सूरजभान, विकास, धर्मपाल, तेजपाल, हरद्वारीलाल, ईश्वरसिंह, वेदप्रकाश, रामकिशन, बलजीत, विरेन्द्र, चन्द्रभान, सुभाश, रमेश, सुभाश, मंजीत, नितानंद, सुरजभान, रामौतार, कर्ण शास्त्री, मुनेश, कैलाश सेठ, राजबीर गौड़, पवन धनखड़ आदि उपस्थित थे।    



विश्व कैंसर जागरूकता दिवस--7 नवंबर
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता ही जा रहा है कैंसर
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कनीना की आवाज। कैंसर को लाइलाज बीमारी माना जाता है। अब तो ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर पैर पसार रहा है। कैंसर रोग आए दिन जिंदगियां लील रहा है। डाक्टरों को कहना है कि इस रोग के पीछे दूषित खान पान, गलत आदतें एवं विकिरण हैं। शरीर में प्रतिरक्षी पदार्थों की कमी आने से रोग हो जाता है। बीमारी की पहचान से पहले तो अनेक अंगों  को अपना शिकार बना चुकी होती है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारत में प्रत्येक दस में से एक कैंसर का केस मिलता है वहीं प्रत्येक 15 में से एक की मौत कैंसर से हो रही है। हर वर्ष करीब 7.84 लाख मौतें कैंसर से हो रही हैं।
  कभी ग्रामीण क्षेत्र बेहतर खान पान के लिए विख्यात रहे हैं और कैंसर जैसे रोग का तो नाम तक नहीं सुना था। किंतु अब ग्रामीण क्षेत्रों में अब शूगर के मरीज, दिल की बीमारी के रोगी तथा कैंसर के रोगी बढऩे लगे हैं।
कनीना की लील ली कई हस्तियां-    
  कस्बा कनीना में ही नजर डाले तो आए दिन कोई न कोई कैंसर से पीडि़त व्यक्ति नजर आता है। अकेले कनीना में कई महत्वपूर्ण हस्तियांं कैंसर जैसी घातक बीमारी ने लील लिये हैं जिनमें क्षेत्र के ही नहीं आस पास के प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं इतिहासकार प्रो हंसराज यादव, कनीना की प्रथम महिला पत्रकार एवं कई पुस्तकों की लेखिका सुमन यादव, प्रसिद्ध समाजसेवी एवं नेता विनोद अग्रवाल सहित एक दर्जन लोग इस रोग ने लील लिये हैं। वैसे तो यह रोग किसी भी उम्र में मिल सकता है किंतु अधेड़ उम्र के अधिक रोगी उभर रहे हैं।
  जैविक खेती पर बल-
रोगों से बचने के लिए जैविक खेती करने व फल सब्जियों उगाने में कनीना क्षेत्र के किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह,अजय इसराणा, अजीत सिंह , गजराज सिंह मोड़ी, महाबीर सिंह करीरा जुटे हुए हैं। वहीं कई गौशालाओं में जैविक खेती का खाद तैयार किया जा रहा है। उनकी मुहिम कैंसर जैसी घातक बीमारियों पर काबू पाने का एक सरल तरीका है।   खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग कर जमीन एवं खाद्य पदार्थों को विषैला बना दिया है। यही एक बड़ा कारण है जिनमें कैंसर भी एक रोग बढ़ा है। सब्जियों जहरीली दवाओं के छिड़काव से पैदा होती हैं। ये दवाएं कैंसर, हृदयघात, मिरगी, दमा एवं कई घातक बीमारियों का कारण बन रही हैं।
क्या कहते हैं डा अंकित गर्ग--
कनीना के डा अंकित गर्ग आंकोलोजिस्ट(कैंसर का डाक्टर) का कहना है कि बेहतर एवं संतुलित खान पान न होने से रोग बढ़े हैं। बीड़ी सिगरेट पीने वाले भी फेफड़ों के कैंसर से पीडि़त हो सकते हैं। फास्ट फूड एवं प्रोसेसड खाद्य पदार्थ भी कैंसर की ओर धकेलते हैं। अगर संतुलित आहार नियमित रूप से मिलता रहे और भोजन में सब्जी, फल का मिश्रण हो तो रोग कम होने की संभावना बन जाती है।
करीरा के वैद्य बालकिशन खेतों में डाले जाने वाली रासायनिक दवाइयां, उर्वरक, वातावरण प्रदूषण एवं हानिकारक विकिरण के चलते कैंसर जैसे रोग बढ़े हैं। अभी तक कैंसर पर काबू नहीं पाया गया है।  गहरे रंग की सब्जियां, ब्रोकली सादा खाना कैंसर होने से बचाती हैं।
क्या कहते हैं वैद्य श्रीकिशन-
धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन न करें,अत्यधिक वजन या मोटापे से बचें, अल्कोहल और फास्ट फूड से बचें,  रोज कसरत करें और पोषाहार लें, नियमित हेल्थ चेकअप कराएं, अल्ट्रावायलेट किरणों से बचें, हेपेटाइटिस-बी और एचआईवी से प्रतिरक्षित रहें ।   
फोटो कैप्शन: डा अंकित गर्ग एवं श्रीकिशन वैद्य                    






शिव भोले के जयकारे के साथ 239वें  दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 239वें दिन भी जारी रहा। धरने कि  अध्यक्षता मास्टर विजयपाल सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को ज्यादा इंतजार नहीं करवाना चाहिए, सर्दी का मौसम शुरू हो रहा है, प्रदूषण बढ़ रहा है, बुजुर्ग किसानों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, केंद्र सरकार  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू करें जिससे किसानों को राहत मिल सके।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते 239 दिन हो गए हैं। सोमवार का दिन है। बाघेश्वर धाम में बाबा शिव भोले के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। महिपाल बाबूजी, महावीर सिंह सेठ और पूर्व सरपंच पुनिचंद नौताना बाबा भोले के दर्शन करके, मन्नत मांगकर धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि आप लोगों की मेहनत बेकार नहीं जाएगी, बाबा शिव भोले की कृपा से यह कट बनेगा। बाबा शिव भोले अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते।
 उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है, उसके बाद आश्वासन दिया गया कि कट का काम जल्द शुरू हो जाएगा। अब तक सरकार के द्वारा कट का काम शुरू नहीं किया गया है। सरकार के प्रति किसानों का विश्वास खत्म हो रहा है। केंद्र सरकार को हम याद दिलाना चाहते हैं कि जनता के बीच की गई कट की घोषणा को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए,जिससे सरकार के प्रति किसानों का विश्वास बना रहे।
 उन्होंने बताया कि हमारे 40- 50 गांवों की वह हालत है जैसे इनको चारदिवारी में बंद कर दिया गया हो। किसी भी आदमी को राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी  से  नारनौल और चंडीगढ़ जाना हो तब उसे बुचावास- महेंद्रगढ़  या दादरी -संसपुर पहुंच कर राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर चढ़ सकता है। दूरी ज्यादा होगी और अधिक समय लगेगा। क्षेत्र का विकास तभी होगा जब अच्छे रोड़ होंगे, उनकी कनेक्टिविटी होगी और आवागमन के साधन होंगे।
 इस मौके पर  संघर्ष समिति के सदस्य डा. लक्ष्मण सिंह सेहलंग, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान धर्मपाल सेहलंग, चेयरमैन सतपाल पोता,पहलवान रणधीर सिंह,   कृष्ण कुमार पंच, मास्टर विजयपाल, पूर्व सरपंच हंस कुमार, रामकुमार , सूबेदार हेमराज अत्रि, ईश्वर सिंह, ठेकेदार शेर सिंह, मुख्तार सिंह, संजय कुमार, सीताराम, प्रधान कृष्ण कुमार, बाबूलाल, ओम प्रकाश, दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण , सूबेदार भोले राम ,वेद प्रकाश, अशोक चौहान, रामकिशन, रोशन लाल आर्य,  प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच, डा राम भक्त व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।






शिशु संरक्षण दिवस- 7 नवंबर
विभिन्न टीको और बेहतर सुरक्षा के चलते शिशु मृत्यु दर में आई है कमी
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कनीना की आवाज। शिशु संरक्षण दिवस के तहत शिशु की सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। शिशुओं की देखभाल करना इसका मुख्य उद्देश्य है। प्रत्येक बच्चे को आगे बढऩे का अधिकार सुनिश्चित करना वर्ष 2023 का थीम है। शिशु मृत्यु दर और बाल मृत्यु दर को कम करना इसको प्रमुख उद्देश्य होता है। शिशु संरक्षण दिवस उन कमजोरी की याद दिलाता है जिनका सामना नवजात शिशुओं को करना पड़ता है और समाज उनके भविष्य की सुरक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 1990 में दुनिया में 50 लाख शिशुओं की जान चली गई थी जिसके चलते यह दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में कुछ समाजसेवियों से बात हुई जिनका सारांश निम्र है।
*** शिशु मृत्यु दर के प्रति जागरूकता बढ़ाना हम सभी का फर्ज बनता है। प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित वातावरण में बड़ा होना चाहिए, देखभाल कर्ताओं को शिशु के लिए आवश्यक ज्ञान हो, समस्या को समाधान करने का तरीका भी मालूम होना चाहिए। वैसे तो शिशु् मृत्युदर आज के दिन दुनिया भर में 100 से घटकर 10 पर आ गई है किंतु अभी और घटाने की जरूरत है। शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए समय-समय पर टीके लगवाने चाहिए जो लगाये भी जा रहे हैं। यदि किसी प्रकार की शिशु को रोग की संभावना है तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। सर्दी, गर्मी आदि का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस संबंध में लोगों को विशेष कर गरीब तबके और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे अपने बच्चों पर ध्यान दे सके। यदि शिशु का ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में फिर से समस्या उत्पन्न हो सकती है।
-- वेद प्रकाश समाजसेवी
 शिशु संरक्षण दिवस के तहत हर बच्चे की देखरेख करना, सुरक्षा प्रदान करना और उसे उचित माध्यम में आगे बढ़ाना, सभी का फर्ज बनता है। शिशु संरक्षण के प्रति जागरूकता को लेकर सरकार ने शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए हैं। आज के दिन चाहे अफगानिस्तान   सोमालिया आदि में 2021 तक मृत्यु दर अधिक थी किंतु सिंगापुर, आइसलैंड आदि में शिशु मृत्यु दर बहुत कम थी। भारत एक ऐसा देश है जिसमें शिशु मृत्यु दर न तो अधिकार और न हीं कम
है। 1990 और 2019 के बीच भारत में शिशु मृत्यु दर अधिक थी वर्तमान में 2020 में 1000 जन्म बच्चों के जन्म पर मृत्यु दर 30 रह गई है। सरकार द्वारा उठाए गए शिशु संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदमों के चलते मृत्यु दर में कमी आ रही है। शिशु के पोषण के बारे में जागरूकता पढ़ाई है वहीं टीकाकरण पर ध्यान दिया जाता है। वहीं सरकार की प्रभावी स्वास्थ्य प्रणालियों के चलते  शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। अभी कुछ और ध्यान देने की जरूरत है ताकि शिशु मृत्यु दर शून्य के बराबर पहुंच जाए।
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अजीत कुमार झगड़ोली समाजसेवी
 फोटो कैप्शन: अजीत कुमार तथा वेद प्रकाश






दीवाली के नाम पर बढऩे लगा है भीड़ भड़क्का
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कनीना की आवाज। दीवाली की रौनक बाजार में लौटने लगी है। बाजार में हलवाइयों के यहां भारी मात्रा में मिठाइयां बनाई जा रही हैं। सर्वाधिक मांग मिठाइयों की होगी। दीवाली के लिए टेंट लगाकर सभी दुकानदार अपने सामान को अधिक से अधिक बेचने के चक्कर में देखे गए। यहां के सामान्य बस स्टैंड पर वाहनों की भीड़ एवं जाम की समस्या बढ़ गई है। दीवाली के दिनों तक यही स्थिति बने रहने की संभावना है।
   दुकानदार पुराना और घिसा पिटा सामान बेचने का मौका मिल गया है। वर्ष भर जिस माल को किसी ने नहीं खरीदा उसे वे छूट एवं दीपावली उपहार आदि शब्द लिखकर बेचने में तेजी ला रखी है। हलवाइयों के यहां पर माहौल देखने लायक ही बन रहा है। जिन कढ़ाइयों में कुत्ते एवं बिल्ली दूध को पी रही हैं और हजारों मक्खियां भिनभिनाकर गंदा कर रही हैं उन्हीं कढ़ाइयों में विभिन्न घटिया पदार्थ डालकर विशेषकर घटिया मावा, मैदा एवं  रासायनिक पदार्थ डालकर रातोंरात घोटा जा रहा है और डब्बों सहित मिठाई के रूप में तोलकर ग्राहकों को दिया जाएगा।
    उल्लेखनीय है कि उपहार के रूप में मिठाइयों का ही लेनदेन सर्वाधिक किया जाता है और मिठाइयां ही सबसे घटिया बेची जाएंगी। लोग खुश होकर इन पदार्थों को खरीदते हैं। दीवाली पर अतिक्रमण यह विकट समस्या एवं जाम की स्थिति पैदा हो जाती है।
 दीवाली पर जहां सादगी का लेबल लगाने का प्रयास किया जा रहा है वहीं घटिया मिठाइयां बेचकर दुकानदार वर्ष भर की कमाई एक दिन में ही करना चाह रहे हैं।




2 व 3 दिसंबर को बनवा सकते हैं नए वोट
-चार व पांच नवंबर को बन चुके हैं कुछ वोट
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कनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले वोट बनाने की कार्रवाई जारी है। 1 जनवरी 2024 को जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है वह अपने वोट 27 अक्टूबर से 9 दिसंबर के बीच बूथ लेवल अधिकारी से मिलकर फार्म नंबर 6 भर कर बनवा सकते हैं। विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार बीएलओ ने बताया कि चार और पांच नवंबर 2023 को बूथों पर बैठे तथा अब अब दो व 3 दिसंबर 2023 को सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्र पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे से उपस्थित रहेंगे। उस समय भी वोट बनवाई जा सकती हैं।
  उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत नया वोट बनवाने के लिए 6 नंबर फार्म, शुद्धिकरण के लिए फार्म आठ तथा वोट कटवाने के लिए फार्म नंबर 7 भर सकते हैं। उनको आधार कार्ड की एक प्रति, एक जन्मतिथि का प्रमाण , एक फोटो तथा एक रिफ्रेंस के लिए परिवार के किसी भी सदस्य का वोटिंग कार्ड की प्रति देना जरूरी है। साइट काम न करने की भी शिकायत मिल रही है।
फोटो कैप्शन 01: बूथों पर वोट बनाते हुए बीएलओ।


किसान कर रहे हैं फव्वारों द्वारा सिंचाई में
-गेहूं की चल रही है बीजाई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में गेहूं की बीजाई को लेकर के जोर-शोर से तैयारी चल रही है क्योंकि बारिश नहीं हुई इसलिए हर वर्ष की भांति फव्वारों द्वारा सिंचाई चल रही है। तत्पश्चात किसान बीजाई का काम करेंगे।
 किसान सुनील कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार, सूबे सिंह आदि ने बताया की बीजाई 10 नवंबर तक बेहतर मानी जाती है। ऐसे में किसान पूरे जोर-शोर से जुटे हुए हैं। अच्छे-अच्छे बीज लाकर घरों में रख रखे हैं तथा खाद का प्रबंध किया हुआ है ताकि बिजाई के तुरंत बाद खाद आदि प्रयोग करके बेहतर पैदावार ले सके। पहले सरसों की बीजाई आती है तत्पश्चात गेहूं का नंबर आता है। कनीना क्षेत्र में इस बार करीब 12000 हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई होने की संभावना बताई जा रही है क्योंकि अभी भी दिन के समय तापमान अधिक पड़ रहा है जिसके कारण बीजाई प्रभावित हो रही है। किसान मौसम के बदलने का इंतजार कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि बाजरे की अच्छी पैदावार लेने के बाद उसे अनाज मंडी बेच दिया है। अब किसान सरसों की बीजाई के बाद गेहूं की बिजाई में लग गए हैं।
 फोटो कैप्शन 03: फव्वारों द्वारा सिंचाई करते किसान।



 हाल ही में लेफ्टिनेंट बने प्रदीप सोनी को लालगिरी सोसाइटी ने किया पुरस्कृत

















-स्मृति चिह्न देकर किया सम्मानित
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी तुलसीराम सोनी उर्फ पाली सोनी के पुत्र प्रदीप सोनी का हाल ही में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है जिसको लेकर के संत लालगिरी सोसाइटी कनीना ने उनके घर पर जाकर उन्हें सम्मानित किया।
 इस मौके पर सोसाइटी के कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि लेफ्टिनेंट पद पर अपनी मेहनत के बल पर पहुंचना कोई छोटी बात  नहीं है। अपितु बड़ी मेहनत का काम है। ऐसे होनहार युवा को सम्मानित करना भी हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि कनीना क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। समय-समय पर अनेक प्रतिभाएं उजागर हो रही है उनमें से प्रदीप सोनी का नाम भी एक अंकित हो गया है। ऐसे इस मौके पर उन्होंने स्मृति चिह्न देकर  सम्मानित किया।
 इस मौके पर जगदीश साहब, कैलाश चंद शर्मा, जगमाल सिंह बोहरा, श्रीभगवान, सुनील ठेकेदार, पंकज, नितेश गुप्ता, मनोज, महेंद्र सतबीर सिंह आदि मौके पर मौजूद रहे।
 फोटो कैप्शन 02: प्रदीप सोनी को सम्मानित करते लालगिरी समिति पदाधिकारी।


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