Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, November 19, 2023




 
गोपाष्टमी पर्व-20 नवंबर
गायों की सेवा का पर्व गोपाष्टमी
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कनीना की आवाज। 20 नवंबर को गोपाष्टमी के पर्व पर कनीना एवं आस पास गौशालाओं में कई कार्यक्रम होंगे। कहीं हवन आयोजित होगा कहीं गायों की पूजा करके उन्हें मीठा चारा चराया जाएगा। गायों की सेवा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं
  गायों की सेवा के चलते भगवान श्रीकृष्ण गोविंद नाम से जाना जाता है। गाय को माता का दर्जा दिया हुआ है और उसमें सभी देवता निवास करते हैं। गायों की सेवा करने से संताप नष्ट होते हैं वहीं जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर में कोई आपदा एवं गरीबी नहीं आती है।
  गोपाष्टमी का पर्व मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। लालदास महाराज ने बताया  कि इंद्र का गर्व चूर करने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाए रखा था जिसके चलते इंद्र का गर्व आठवें दिन चूर चूर हो गया और वे भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आ गए थे। तभी से भगवान श्रीकृष्ण का नाम गोविंद पड़ा था। इस दिन भगवान को कामधेनु ने अपनी दुग्ध धारा से नहलाया था और भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की सेवा करने का वचन दिया था। तभी से यह पर्व चला आ रहा है।
  एक दूसरी कहानी सुनाते हुए सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि बलराम एवं श्रीकृष्ण ने गोकुल में गायों की सेवा करने का प्रशिक्षण लिया था और गोपाष्टमी के दिन माता यशोदा एवं नंद बाबा से आज्ञा पाकर गायों को जंगल में चराने का निर्णय लिया था। उस वक्त भगवान श्रीकृष्ण की उम्र महज छह-सात वर्ष थी। उनके द्वारा गाए चराने पर ही उनका नाम गोपालक पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण जीवनभर गायों के रक्षक एवं सेवक बने रहे थे। यह भी माना जाता है कि राधा ने इसी दिन से जंगल में गाए चरानी शुरू की थी चूंकि लड़कियों को गाये चराने की अनुमति नहीं थी किंतु उन्होंने पुरुष ग्वाले के वस्त्र धारण किए और भगवान श्रीकृष्ण के साथ वन में गाए चराने निकल पड़ी थी।
गोपाष्टमी का पर्व गायों की विधि विधान से पूजा का पर्व है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा चलाए गए इस पर्व पर गायों को विभिन्न प्रकार का चारा खिलाया जाता है और सुबह सवेरे से ही पूजा शुरू कर दी जाती है। उनको छापे लगाए जाते हैं तथा रोली एवं मेहन्दी लगाकर पूजा की जाती है।
  कार्तिक शुक्ल अष्टमी यानी 20 नवंबर को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व पर ही भगवान श्रीकृष्ण का एक नाम गोविंद पड़ा था। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी बताते हैं कि गोपाष्टमी पर गायों की विधि विधान से पूजा की जानी चाहिए। घर में अगर गाय न हो तो गौशाला में जाकर भी पूजा की जा सकती है। उनके अनुसार गाय में सभी देवता निवास करते हैं और उनके गोबर में भी लक्ष्मी का निवास पाया जाता है। यही कारण है कि कच्चे घरों को गाय के गोबर से लीप पोतकर साफ सुथरा बनाया जाता है। सुबह से शाम तक उनकी इस दिन पूजा करनी चाहिए। गाय को मां का दर्जा दिया हुआ है। ऐसे में गायों की पूजा करने का विधान भी है।
 




गोपाष्टमी पर विशेष
20 सालों से गायों की रक्षा के लिए अहम भूमिका निभा रही है कनीना गौशाला
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला वर्ष 2003 से गायों की रक्षा के लिए अहं भूमिका निभा रही है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्रो, गौशाला के वार्षिकोत्सव तथा गोपाष्टमी आदि पर लोग दूर दराज से आकर गायों की सेवा करते हैं। एक ओर जहां गायों की सेवा हो रही है वहीं गायों का दूध लोगों के रोगों को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना वासियों के सहयोग से स्थापित हुई थी जो 2003 की रजिस्टर्ड है। यहां करीब 3500 गाये हैं जिनमें से करीब 50 गायें दुधारू है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हुकुम सिंह प्रधान गोशाला कनीना ने बताया कि कनीना गौशाला में कुछ गाय दुधारू है। गाय के दूध की भारी मांग है। दूर दराज के लोग दूध ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 35 वर्कर गायों की सेवा कर रहे हैं। 5 ट्रैक्टर ट्रॉली गायों की के लिए अन्न एवं चारा लाकर उनकी सेवा में लगी हुई हैं।
 कनीना गोशाला में राव सत्यवीर बोहरा,देवराज महाशय,जगमाल सिंह, हुकुम सिंह, डा मेहरचंद, यादवेंद्र यादव, मनफूल सिंह, हुकुम सिंह आदि कनीना गौशाला के प्रधान रह चुके हैं। वर्तमान में हुकुम सिंह करीरा निवासी गौशाला के प्रधान हैं। गौशाला बड़ी बणी नामक स्थान पर स्थापित है। जहां के लिए गौशाला द्वार बनाया गया है वहीं गायों को रखने के लिए धूप एवं छाया तथा हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। गौशाला प्रतिवर्ष अपना वार्षिक उत्सव मनाती है तथा लोगों में देसी गाय पालने की प्रवृत्ति को पैदा कर रही है। गौशाला के प्रधान ने बताया कि वह गायों की सेवा करके बहुत प्रसन्न हैं। जहां गाय के गोबर से खाद बनाया जा रहा है वहीं गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया था जो खराब पड़ा है। कनीना के विभिन्न समाजसेवी ने समय समय पर दान दक्षिणा देकर इसमें सहयोग किया हुआ है।  देसी गाय का दूध, घी, मक्खन आदि की भारी मांग है। यही कारण है एक बार फिर से गायों की सेवा करने में लोग जुट गए हैं। पुराने समय में गाय को माता का दर्जा देते थे वैसे ही गायों के प्रति एक बार फिर से रोगों से बचने के लिए उनकी सेवा की प्रवृत्ति बढ़ी है।
  हुकुमचंद आर्य करीरा ने बताया गायों के लिए पेयजल की व्यवस्था के लिए 10 खेल चार ट्यूबवेल कार्यरत है।
गायों के लिए हरा चारा अलग से प्रबंध किया गया है। 20 एकड़ नगर पालिका की जमीन पर गायों के लिए हरा चारा उपलब्ध करवाया जाता है। सबसे बड़ी बात है कि दूध देने वाली गायों के लिए चाट बनाकर दी जाती है। 3 लाख रुपये का बॉयलर लाया गया था जो चाट बनाने के काम में आता है। कुल मिलाकर श्रीकृष्ण गैशाला के प्रधान ने कहा कि सरकार को कुछ और अनुदान देना चाहिए ताकि गायों की सेवा की जा सके। वैसे तो गायों को हर घर में पालना चाहिए जो ज्यादा बेहतर होगा, परंतु जो अपने घरों में गाय नहीं रख सकते उन्हें गौशाला में आकर सेवा प्रदान करनी चाहिए। दूध देने वाली गायों को तूड़ी के अतिरिक्त हरा चारा भी दिया जाता है। दस लाख रुपये प्रतिवर्ष गोबर का खाद बिक जाता है। इस वक्त 15 हजार मण कड़बी इकट्ठी है। प्रति वर्ष 70 हजार मण चारे की जरूरत होती है।  अब दस लाख रुपये की पराली ढाकला सुबाना से खरीदी जाएगी। दो गोदाम 15 हजार मण क्षमता के हैं जिन्हें भरा जाएगा। गोशाला नो प्रोफिट नो लोस पर चल रही है।
  गौशाला के प्रधान हुकुम सिंह ने बताया कि पर्याप्त हरा एवं सूखा चारा है। समय समय पर गायों की सेवा करने लोग आते हैं। गौशाला में कनीना के समाजसेवी भगत सिंह ने पौधारोपण भी किया है तथा वे स्वयं भी पौधों की देखभाल के लिए गौशाला में जाते हैं।
फोटो कैप्शन 11: कनीना की गौशाला।




10 दिसंबर को दौंगड़ा अहीर पहुंचने का दिया न्यौता
-कर्ई नुक्कड़ सभाएं की गई आयोजित
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कनीना की आवाज। नांगल चौधरी विधायक डा. अभय सिंह यादव ने आगामी 10 दिसंबर को दौंगड़ा अहीर में आयोजित जिला स्तरीय रैली का निमंत्रण कनीना में करीब आधा दर्जन नुक्कड़ सभाओं के मार्फत दिया।
 उन्होंने कनीना पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार के घर से अपना कार्यक्रम प्रारंभ किया। जहां उन्होंने विभिन्न लोगों को संबोधित किया। फलों से डा अभय सिंह यादव को तोलकर फल वितरित किए गए वही उन्हें पूरा आश्वासन मिला कि इस रैली में वे भारी संख्या में पहुंचेंगे। तत्पश्चात उन्होंने आर्य समाज मंदिर के पास नुक्कड़ सभा को संबोधित किया जिसमें कमल पार्षद, कृष्ण प्रकाश राव मोहर सिंह,कंवरसेन वशिष्ठ सहित अनेक जन उपस्थित थे। मौके पर उपस्थित जनसमूह भारी संख्या में पहुंचने का आश्वासन दिया। इससे पूर्व कनीना के विक्रम सिंह के घर पर भी उन्होंने लोगों को दौंगड़ा अहीर पहुंचने की अपील की।
 तत्पश्चात आरएस वाटिका में उन्होंने एक ही बड़ी नुक्कड़ सभा को संबोधित किया। नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा कि यह जिला स्तरीय रैली है जिसके लिए उनका कनीना क्षेत्र का निमंत्रण का काम पूर्ण हो गया है। अब यह कार्य महेंद्रगढ़ में पूर्ण किया जाएगा। महेंद्रगढ़ में 29 नवंबर से नुक्कड़ सभाएं एवं निमंत्रण का काम प्रारंभ किया जाएगा। तत्पश्चात रैली से पूर्व सभी गांव में और खंड स्तर पर यह नियंत्रण कार्य पूर्ण हो जाएगा।
  उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों में भी कोई राजनीति से नहीं जुड़ा हुआ था अपितु स्वयं नौकरी छोड़कर जनसेवा का मन बनाया था। लोगों का अपार स्नेह उन्हें मिला जिसके चलते वे आज उनके बीच हैं।  बस एक ही बात का स्मरण कराया कि इस जिला स्तरीय रैली में पहुंचना है।
 इस मौके पर जहां फूल मालाओं से जगह-जगह उनका स्वागत किया गया, भारी संख्या में युवा और बुजुर्ग पहुंचे। वही आरएस वाटिका में व्यापार मंडल कनीना, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समिति, महर्षि वाल्मीकि युवा समिति, बाबा रविदास समिति की और से डा. अभय सिंह यादव का पगड़ी व स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया गया। इस दौरान व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल, समाजसेवी शिब्बू पंसारी, पार्षद मुकेश रॉकी,प्रधान विनोद गुड्डू चौधरी, प्रधान बलवान सिंह, डॉक्टर अजित शर्मा, पार्षद कमल यादव, प्राचार्य अशोक पैकन, रामजीलाल, अनिल, सुनील, तुषार,  रूप शर्मा,रवी यादव, सुशील मित्तल सहित भारी संख्या में जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: कनीना के प्रधान सतीश जेलदार के घर संबोधित करते डा अभय सिंह यादव।
            06: आरएस वाटिका कनीना में डा अभय सिंह यादव को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए।




 राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप का हुआ समापन
- एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रहा ओवर आल चैंपियन
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कनीना की आवाज।  मेजबान एसडी स्कूल, ककराला में आयेजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता का शानदार समापन रविवार को किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भीम अवार्डी ज्योतसना यादव, रेवाड़ी, सतवीर सिंह उप-निदेशक स्पोर्टस हिसार जोन भीम अवार्डी ने शिरकत की। सीबीएससी से अमित सिंह राजपूत पर्यवेक्षक ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। जिला खेल अधिकारी मनोज कुमार मेजबान अधिकारी के रूप में सभा को संबोधित किया व खिलाडिय़ों का उत्साह वर्धन किया। प्रतियोगिता के अंतिम दिन कुल 42 लीग मैच खेले गए। प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को मेडल्स देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ज्योतसना यादव ने खेलों को अपने जीवन में अहम हिस्सा बनाने का सुझाव दिया।
भीव अवार्डी सत्यवीर सिंह ने जीतने वाले खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि यहां कोई हारता नही सिर्फ सीखता हैं। ये स्पोस्र्टस का कल्चर है। कार्यक्रम के अंत में चेयरमैन जगदेव यादव ने सम्पूर्ण भारतवर्ष व विदेशों से आए खिलाडिय़ों का अभिनंदन कर आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि बाक्सिंग मैचो के मुकाबले काफी रोमांचक रहे हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इससे छात्रों के समूह में कार्य करने की क्षमता का विकास होता हैं। बाक्सिंग में सहन शक्ति व एकाग्रता के साथ-साथ अनुशासन का बड़ा महत्व हैं। प्रतियोगिता के दौरान खिलाडिय़ों की सुुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई व रात्रि के समय तक पीसीआर भी उपलब्ध रही व खिलाडिय़ों के लिए विशेष चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर विद्यालय के सी इ ओ रामधारी सिंह, प्राचार्य ओमप्रकाश यादव, उप प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ नरेन्द्र यादव, पीआरओ एम कुमार, समन्वयक ईश्वर सिंह, जोगेन्द्र कुमार, इंदू गेरा, स्नेहलता व समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।
 तीसरे व अंतिम दिन अंडर-17 पुरुष वर्ग में 11, अंडर-19 पुरुष वर्ग में 10 व अंडर-17 महिला वर्ग में 11, अंडर-19 महिला वर्ग में 10 रोमांचक मैच खेले गए।
 खिलाडिय़ों के चेहरों पर दिखी खुशी
नार्थ जॉन-2, सोनीपत से आए बाक्सर रिधुमन ने बताया कि एसडी विद्यालय के द्वारा की गई प्रबंधन व्यवस्था काफी अच्छी लगी। जब हम घर से चले तो सोच रहे थे कि हमें जाने में कितनी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। लेकिन विद्यालय द्वारा की गई परिवहन व्यवस्था की बदौलत हम बड़ी सुगमता से गन्तव्य स्थान तक पहुंच गए।
देहरादून से आई महिला बाक्सर तृप्ती ने कहा कि यह चैंपियनशिप पूर्ण रूप से भेद-भाव रहित हैं। इससे हमारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है।
रिंग ने हमें बहुत कुछ सिखाया
साउथ जान-2 महाराष्ट्र से आई महिला बॉक्सर पूरूथा तोडकारी ने बताया कि रिंग में हमें अच्छे खिलाडिय़ों से बहुत कुछ सीखने को मिला। इस तरह के खेलों के माध्यम से नए ऊर्जावान खिलाड़ी आगे बढ़ते हैं।
वेस्ट जान, राजस्थान से आए बाक्सर दक्ष ने बताया कि तीन दिन से चल रही इस स्पर्धा के हर चरण में प्रत्येक खिलाड़ी के साथ पारदर्शिता बरती गई हैं इसके लिए हम एसडी स्कूल, ककराला प्रबंधन के आभारी हैं।
ये रहे विजेता-
पुरुष वर्ग अंडर-19 में नार्थ जान-2 से 46 किग्रा सौरव, राजन 49 किग्रा, जनसू 52 किग्रा, सेन्ट्रल जान से विवेक सांगवान 56 किग्रा, नार्थ जान से 60 किग्रा से धु्रव ने गोल्ड मेडल प्राप्त किये। नार्थ जॉन-1 से 46 किग्रा. से ओम मेहता, वेस्ट जोन 49 किग्रा से समर सिंह, साउथ जोन 52 किग्रा से बी आकाश, फार इस्ट जोन 56 किग्रा से तृषित यालममानचीली व नार्थ जोन-2 60 किग्रा से अभिषेक ने सिलवर मेडल प्राप्त किया।
महिला वर्ग अंडर-19 में नार्थ जोन-2-ए से 45 किग्रा डिमपल, सेन्ट्रल जोन-ए से 48 किग्रा प्रियंका, सेन्ट्रल जोन-बी 51 किग्रा से खानक, नार्थ जोन-2ए से 54 किग्रा, मुस्कान, वेस्ट जोन-ए से 57 किग्रा स्नेहा चौधरी, नार्थ जोन-2ए 60 किग्रा से अंकुर यादव, सेंट्रल जोन-बी 60 किग्रा से गारगी तोमर, नोर्थ जोन-2ए से 69 किग्रा नेहा सैनी, नार्थ जोन-2ए से 75 किग्रा पायल जाखड़ व नार्थ जान-2ए से 81 किग्रा मुस्कान ने गोल्ड मेडल जीते।  नार्थ जॉन-2बी से अंजली, नार्थ जोन-2ए से सुषमा, सेन्ट्रल जोन-ए से द्विया, नॉर्थ जॉन-1ए से अदिती नेगी, वेस्ट जोन-बी से संजरी सिंहवी, साउथ जोन-2ए से पूजा प्रताप पाटिल, सेन्ट्रल जोन-ए से शिवानी, साउथ जोन-2ए से समदिशा दीपक नैनवानी, साउथ जोन-2ए से प्रीति उदय महादिक व वेस्ट जोन ए से र्निजरा बाना ने सिल्वर मेडल पर कब्जा किया।
पुरुष वर्ग अंडर-17 में नार्थ जोन-1बी 38 किग्रा से रोहन जोसी, साउथ जोन-1ए 38 किग्रा से केतनिष, साउथ जोन-1ए 42 किग्रा से क्रिती वासन ए के, नार्थ जोन-2ए 46 किग्रा से साहिल मोर, नोर्थ जोन-2ए 51 किग्रा से वरूण शर्मा, ने गोल्ड मेडल प्राप्त किये। क्रमश: नोथ जोन-1ए से दक्षेश सिंह, नोर्थ जॉन-2 बी से साहिल, नोर्थ जोन-2ए से पारस, सेन्ट्रल जोन-ए से सिध सप्रा, सेन्ट्रल जॉन-ए से पियूष पंवार ने सिल्वर मेडल प्राप्त किये।
महिला वर्ग अंडर-17 से नार्थ जोन-1ए 32 किग्रा से अंशिका, नोर्थ जोन-2ए 36 किग्रा से गूंजन, नार्थ जोन-2ए 40 किग्रा से जीया, सेन्ट्रल जोन-ए 44 किग्रा से आहना शर्मा, सेन्ट्रल जोन-ए 48 कि. ग्रा से हिमानी, नोर्थ जोन-2ए 52 कि. ग्रा से कंचन, नॉर्थ जोन-2ए 56 किग्रा से हंसिका वेस्ट जोन-ए 60 किग्रा से जिज्ञासा पटेल, नोर्थ जोन-2ए 65 किग्रा से खुशी व नोर्थ जोन-2ए 70 किग्रा से शिवानी तूर ने गोल्ड मेडल प्राप्त किये। इस प्रतियोगिता में वेस्ट जोन-बी से दिक्षिता कुमारी एचटी से खुशी, नोर्थ जोन-2 बी से दीक्षा सेन्ट्रल जोन-बी से तनीषा, नोथ जोन-2ए से प्राची, नार्थ जोन-1 ए से ग्रीषिका, वेस्ट जोन-ए से द्वियांशी, सेन्ट्रल जोन-ए से आरती कुमारी, साउथ जोन-2ए से कृषिका महेशकर नॉर्थ जॉन-2बी से अंजली यादव ने सिल्वर मेडल प्राप्त किये।
फोटो कैप्शन 8 से 10: बाक्सिंग प्रतियोगिता से संबंधित हैं।




ई-लाइब्रेरी एवं धर्मशाला के निर्माण में की गई तोडफ़ोड़
-पुलिस में दी गई शिकायत
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कनीना की आवाज। शिक्षा समिति कनीना, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के सामने नव्वा कुआं की जगह पर एक ई- लाइब्रेरी और धर्मशाला का निर्माण करवाया जा रहा है। यह जगह कनीना नंदराम और उमराव थोक के हिस्सेदारों की है। हिस्सेदारों की सहमति से निर्माण कार्य ठेकेदार नेपाल सिंह के मार्फत हो रहा है। शिक्षा समिति द्वारा करवाये जा रहे निर्माण को कनीना के एक व्यक्ति द्वारा तोडफ़ोड़ किए जाने की सूचना ठेकेदार नेपाल सिंह द्वारा की गई है। जिसके चलते शिक्षक समिति के प्रधान मा. दलीप सिंह द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कर मामले की जांच करने और कार्रवाई किए जाने की मांग की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
 उधर निर्माण कार्य में अहं भूमिका निभा रहे विनय एडवोकेट का कहना है कि दस फुट ऊंचाई पर सेटरिंग की गई थी जिसे शोम के समय पठक दिया जिसमें सेटरिंग की टूट फूट होने से करीब दस हजार रुपये का नुकसान हो गया है। पांच हजार रुपये प्रतिदिन के तो लेबर के थे जिन्होंने सेटरिंग को लगाया था।
फोटो कैप्शन 07: गिराई गई सेटरिंग का नजारा।





वाटर सप्लाई केंद्र के मुख्य द्वार को समतल कर पौधारोपण करने की लगाई गुहार
-हाल ही में हटवाया गया है अतिक्रमण, पुन: अतिक्रमण की संभावना
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कनीना की आवाज। कनीना -रेवाड़ी सड़क मार्ग पर स्थित वाटर सप्लाई केंद्र के मुख्य द्वार पर लंबे समय से अतिक्रमण चल रहा था जिसको संज्ञान में लेकर उच्च अधिकारियों ने कूड़ा कचरा डालने वाले, कृषि यंत्र आदि रखने वाले लोगों को दो बार नोटिस दिया गया। नोटिस को संज्ञान में लेते हुए किसानों ने अपना-अपना ईंधन एवं कृषि यंत्र आदि हटा लिए है परंतु अब इस जगह को समतल नहीं किए जाने के चलते कोई भी आवारा जानवर केंद्र के अंदर घुस सकता है क्योंकि चारदीवारी अभी छोटी है ,साथ में जगह को समतल नहीं किया गया है इसके चलते बारिश का पानी केंद्र में घुस सकता है।
आसपास के लोगों शेर सिंह, बाबा गोसाई, महेश कुमार, सुरेंद्र दिनेश आदि ने मांग की है कि वाटर सप्लाई के मुख्य द्वार को समतल किया जाए और यहां पर पेड़ पौधे लगाने की व्यवस्था की जाए। यहां एक बार फिर से अतिक्रमण बढऩे लगा है। यदि जगह को समतल करके पेड़ पौधे नहीं लगाए गए तो फिर से अतिक्रमण हो जाएगा। शेर सिंह, मनीष, देवेंद्र ने बताया कि वे संबंध में एसडीएम कनीना से भी मिले हैं जो नगर पालिका के प्रशासक बतौर कार्यरत है किंतु उन्होंने महज आश्वासन दिया है किंतु अभी तक कार्रवाई शुरू नहीं की है। यदि कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी तो लोग फिर से अतिक्रमण कर लेंगे, इसके कारण वाटर सप्लाई केंद्र की दुर्दशा बढ़ जाएगी। यदि इसके मुख्य द्वार को समतल कर दिया जाए और चारदीवारी को ऊंचा उठाकर पेड़ पौधे लगा दिए जाए तो यह स्थल वातावरण को साफ तो रखेगा ही अपितु पेयजल केंद्र  आकर्षण का केंद्र बन जाएगा।
 फोटो कैप्शन 05: वाटर सप्लाई केंद्र के बाहर जगह दिखाई लोग।






कट शुरू न होने के आक्रोश में हैं किसान
-अनिश्चितकालीन धरना 252वें दिन रहा धरना जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना रविवार को भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता डा रामभक्त बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि दिन भर वाहनों के आवागमन से धरना स्थल पर धूल के बादल छाए रहते हैं। किसानों को सांस लेने में दिक्कत होती है, बीमार भी हो रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं किया जा रहा है। केंद्र सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश है और दिन प्रतिदिन  गुस्सा बढ़ता जा रहा है ढ्ढ किसानों का एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए उसके बाद ही चैन की सांस लेंगे।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते 252 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को परेशानी हो रही है और उनका  आक्रोशित होना जायज है। मौसम में बदलाव हो रहा है, वाहनों के आने- जाने से दिन भर धूल उड़ती रहती है, किसानों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है और सर्दी जुकाम के रोग बढ़ रहे हैं।  विजय सिंह चेयरमैन ने धरना देने वालों को बताया कि आपको जो परेशानी हो रही है, जिसका आप सामना कर रहे हैं, उसका फायदा अवश्य मिलेगा। आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी। हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए। नारनौल और चंडीगढ़ आने- जाने वालों के लिए बहुत परेशानी हो रही है, कट बनने के बाद ही इन गांवों को पूरा फायदा मिल सकता है। दूरी कम हो जाएगी और समय की बचत होगी और इस क्षेत्र के विकास के सभी रास्ते खुल जाएंगे। हम केंद्र सरकार को बताना चाहते हैं कि हमारी पीड़ा को समझे और जल्दी से जल्दी  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग  के बीच  कट का काम शुरू करवाया जाए।
 इस मौके पर  सरपंच हरिओम पोता, पूर्व सरपंच सतवीर नौसवा, पहलवान धर्मपाल,  नरेंद्र शास्त्री छिथरौली, डॉ लक्ष्मण सिंह,पूर्व सरपंच हंस कुमार, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, करण सिंह, दाताराम, मुंशी राम , पहलवान रणधीर सिंह, राहुल, शेर सिंह, मास्टर विजयपाल , सूबेदार हेमराज, रामकुमार,   राम भक्त,  रोशन लाल आर्य, थानेदार रामकुमार,  सीताराम,   कृष्ण कुमार पंच, सुरेंद्र सिंह ,ओम प्रकाश, दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण , वेद प्रकाश, करतार सिंह, प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच, रामभज, कृष्ण कुमार पंच, मास्टर धर्मपाल, नंदकुमार व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।





ग्राम पंचायत छिथरोली पूर्व सरपंच बलवान सिंह आर्य ने अपने बेटे की शादी से दहेज के विरुद्ध मुहिम शुरू की
-सरपंच ने की इस कार्य की प्रसंशा
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कनीना की आवाज। ग्राम पंचायत छिथरोली पूर्व सरपंच बलवान सिंह आर्य ने अपने बेटे की शादी से दहेज के विरुद्ध मुहिम शुरू की है। वर्तमान महिला सरपंच ने इस कार्य की प्रसंशा की।
पूर्व सरपंच बलवान सिंह आर्य छिथरोली ने 18 नवंबर 2023 को अपने सुपुत्र योगेश की शादी बिना दहेज के, दान के रूप में  सिर्फ एक सिक्का लेकर आरती सुपुत्री जसवीर सिंह, गांव- सौंफ,जिला -चरखी दादरी से की है। पूर्व सरपंच बलवान सिंह आर्य ने गांव के लिए एक मिसाल पेश की है, गांव का जिम्मेवार व्यक्ति होने के नाते, प्रत्येक  आदमी को सीख मिलेगी कि बिना दहेज के शादी करने से दोनों परिवारों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा और आपसी प्रेम बना रहेगा। शादी में शामिल सभी लोगों ने, दोनों पक्षों की लड़का पक्ष और लड़की पक्ष की बहुत प्रशंसा की। वर्तमान महिला सरपंच मुकेश देवी ने कहा कि दिन के समय विवाह करने से पठाखे डीजे आदि की जरूरत नहीं रही वहीं एक सिक्का लेकर बिना दान दहेज के यह शादी की है। कोई सामान भी नहीं लिया और महज 20-25 बाराती ही शादी में गये थे। उन्होंने इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की है।
 शादी समारोह में छिथरोली गांव से रामफल, रामकुमार,  कप्तान सिंह, नरेंद्र शास्त्री, सूबेदार सुखबीर सिंह, रामकिशन,  सरपंच सुरेश झाड़ली, मातुराम इमलोटा, इंस्पेक्टर अशोक मातनहेल, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री गाहड़ा, सौंफ गांव से पंडित रमेश, भूप सिंह, जयवीर, जितेंद्र आदि गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: बिना दहेज के शादी के बंधन में बंधते योगेश एवं आरती।



पुलिस ने पकड़ी 96 पव्वा एवं 12 बोतल अवैध शराब
-दो लोग हुए नामजद
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कनीना की आवाज। पुलिस ने मुखबिरी के आधार पर सूचना मिली कि दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार हो उन्हाणी की तरफ अवैध शराब ले जा रहे हैं। पुलिस ने नाकाबंदी की तो मोटरसाइकिल पर दो व्यक्ति सवार होकर आए किंतु पुलिस को देखकर तेजी से मोटरसाइकिल को उन्हाणी की तरफ भाग ले गए जब पुलिस में उनका पीछा किया था एक गली मोटरसाइकिल और कंबल में लिपटी देशी शराब छोड़कर भाग गए। जब कंबल की पोटली में चेक किया तो 96 पव्वा और 12 बोतल शराब देसी बरामद की। पुलिस ने संदीप तथा रूपेश नामक दो व्यक्तियों के विरुद्ध आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।



हिसार जिले से रिश्तेदारी में आई हुई लड़की हुई गुम
- गुमशुदगी का मामला हुआ दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के एक गांव में हिसार जिले से आई हुई एक लड़की गायब हो गई। स्वजनों ने उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। स्वजनों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि वह रिश्तेदारी में हिसार जिले से आई हुई थी है तथा 17 नवंबर को रात के करीब 12 से लापता है। हर जगह तलाश की गई किंतु कोई पता ठिकाना नहीं मिला। पुलिस में उसे ढूंढने की गुहार लगाई है। कनीना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।





किसान जुटे निराई कार्यों में
-अगेती सरसों की






















फसल की हो रही है गुड़ाई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में किसान जहां सरसों से संबंधित कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। जिन्होंने अगेती बिजाई की है वे निराई कार्यों में लगे हुए हैं।
अगेती बिजाई करने वाले किसान खेतों में अवांछनीय पौधे, खरपतवार आदि को हटाने का कार्य कर रहे हैं। किसान, अजीत सिंह, सूबे सिंह और राजेंद्र सिंह ने बताया कि खेतों में निराई का कार्य चल रहा है ताकि बारिश के बाद फसल को अधिक लाभ हो सके। उन्होंने बताया कि अभी जा पछेती बिजाई की गई है उन खेतों की निराई में समय लगेगा। अगेती बीजाई की फसल बड़ी हो चुकी है। अगर बारिश होती तो उसे ज्यादा लाभ होगा। ऐसे में किसान अपने खेतों से निराई करके सरसों की फसल में खाद आदि डालने का प्रयास  हैं।  उल्लेखनीय है कि किसानों के खेतों में जंगली घास,प्याजी, बथुआ एवं जंगली पौधों सहित कई अवांछनीय पौधे फसल के साथ पैदा हो गए हैं और फसल को कमजोर कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि निराई करने के बाद पैदावार बढऩे की संभावना होती है।
 किसान अगेती फसल उगा कर खुश है जो अब बड़ी हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि नवंबर माह में जो बारिश हुई है उससे फसल में आब आ गई है। कनीना क्षेत्र में करीब 19670 एकड़ पर सरसों की फसल बीजाई की हुई है जबकि 8250 एकड़ पर गेहूं की बीजाई हुई है।
 खेतों में निराई करने के लिए भारी पैसा खर्च करना पड़ता है। विभिन्न प्रकार की दवाई डालकर इन पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। खरपतवार पशुचारे के रूप में जरूर काम आते हैं किंतु किसानों ने पशु रखने ही कम कर दिए हैं।
कुछ खरपतवार तो किसी काम की नहीं है तो कुछ खरपतवार को किसान पशुचारे के रूप में प्रयोग कर रहे हैं। बारिश के बाद तो इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। इनको नष्ट करने के लिए दिनरात किसानों को खेतों में काम करना पड़ता है तथा उन्हें हाथों से उखाड़कर फेंकना पड़ रहा है।
   किसानों ने बताया कि बाजार से महंगे दामों पर खरपतवारनाशी खरीदकर लानी पड़ती है। दुकानदार महेश कुमार, कुलदीप सिंह ने बताया कि अलग अलग खरपतवार को नष्ट करने के लिए दवाओं की जरूरत पड़ती है। किसान इनको डालकर खरपतवार से निजात पा सकते हैं।
अच्छे भाव मिलेंगे
 विगत रबी फसल में जहां सरसों का समर्थन मूल्य 5450 रुपये तो गेहूं का 2135 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया था वो वर्तमान रबी फसल के लिए क्रमश: 5650 एवं 2275 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है।  विगत वर्षों से सरकारी तौर पर सरसों खरीदी जा रही है जिसके चलते भी किसान उत्साहित है और रुझान सरेसों की ओर है।
फोटो कैप्शन एक : कनीना क्षेत्र में निराई करते किसान परिवार।

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