सीबीएसई नेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप का भव्य शुभारंभ
-एसडी विद्यालय, ककराला ने की मेजबानी
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कनीना की आवाज। सीबीएसई नेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप का एसडी स्कूल ककराला में शुभारंभ हो गया है।
शुभारंभ के अवसर पर गिर राज सिंह उप-निदेशक स्पोर्टस हरियाणा सरकार व प्रथम भीम अवार्डी बाक्सर सुषमा यादव मुख्य अतिथि रहे। मुख्य अतिथि ने कहा कि खेल ही खिलाड़ी का कर्म होना चाहिए। पहले दिन लीग मुकाबले खेले गये।
17 से 19 नवंबर तक चलने वाली चौंपियनशिप में 9 जान से आये खिलाडिय़ों ने अपना नामांकन कराया। गिर राज सिंह ने कहा की खेलों के माध्यम से आज हम किसी भी क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकते हैं, मैं स्वयं इसका एक उदाहरण हूं। सुषमा यादव भीम अवार्डी ने कहा कि खेलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व हैं। इस क्षेत्र से संबंधित होने के नाते ये बड़े गर्व का विषय हैं कि दक्षिण हरियाणा का एसडी. विद्यालय, ककराला तीसरी बार नैशनल चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा हैं। मुख्य अतिथि गिर राज ने कहा कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब व खेलोगे कूदोगे बनोगे उनके भी नवाब। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने चंैंपियनशिप के लिए विद्यालय परिसर में की गयी तैयारियों की प्रशंसा की व विद्यालय को निरंतर आगे बढऩे के लिए विशेष स्पोर्टस सुविधायें प्रदान करने का आश्वासन दिया व अवगत कराया कि सुषमा यादव स्वयं उनकी एक शिष्या हैं, जो आज बुलंदियों को छू रही हैं। इस भव्य शुभारंभ के अवसर पर तहसीलदार कनीना सुरेन्द्र यादव, एइओ रमेश कुमार, चेयरमैन रोशन लाल, चेयरमैन सुनील यादव आदि उपस्थित रहे। विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने विद्यालय की उपलब्धियों के साथ इस चैंपियनशिप के अवसर पर आने वाले सभी बाक्सर खिलाडिय़ों का उत्साहवर्धन किया व विशिष्ट अतिथियों का अभिनन्दन किया।
पंजीकृत 898 बॉक्सर खिलाड़ी जो सीबीएसई के 265 स्कूलों के नौ जोन से आये हैं के मध्य मुकाबला होगा। चैंपियनशिप में लड़को की अंडर-17, अंडर 19 आयु वर्ग में अलग-अलग भार वर्ग में मुकाबले होंगे। इसी तरह लड़कियों की स्पर्धा भी अंडर-17 व अंडर 19 के मध्य खेली जायेंगी। 40 किग्र से लेकर 75$ किग्रा भार वर्ग के मुकाबले होंगे। चैंपियनशिप के लिए फारेन जान से दुबई के बाक्सर ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रतियोगिता की शुरूआत की गयी। मुख्य अतिथि गिरराज सिंह व सुषमा यादव द्वारा सरस्वती मां को दीपक प्रज्वलित किया गया। रामधारी यादव, प्राचार्य ओमप्रकाश यादव, नरेन्द्र कुमार सीएओ, विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने मां सरस्वती के चरणों में दीपक प्रज्वलित कर नमन किया। मुख्य अतिथि द्वारा रंग-बिरंगे गुब्बारे आसमान में छोड़कर प्रतियोगिता को शुरू करवाया गया। एसडी स्कूल के चेयरमैन जगदेव यादव ने खिलाडिय़ों को प्रेरित करते हुये कहा की उन्हें खेल को खेल की भावना से खेलना चाहिए व मन में किसी भी प्रकार का द्वेष नही रखना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर समस्त एसडी विद्यालय स्टाफ व गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
प्रतियोगिता के शुभारंभ पर छात्राओं ने हरियाणवी संस्कृति की छटा को बिखेरते हुए विभिन्न रंगा-रंग कार्यक्रमों, हरियाणवी लोकगीत नृत्य देशभक्ति गीत माइन आदि का आकर्षक मंचन कर सबको भाव विभोर कर दिया। राजस्थानी गीत पर शानदार नृत्य ने बाहर से आये हुये खिलाडिय़ों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पहले दिन की परिणाम इस प्रकार रहे-
अंडर 17 लड़की 36 से 40 किलोग्राम भार वर्ग में नॉर्थ जोन ए से साक्षी एवं नॉर्थ जोन बी से एसडी विद्यालय ककराला की छात्रा खुशी , 40 से 44 किलोग्राम भार वर्ग वर्ग में ककराला की खिलाड़ी अमीशा ने प्रतिद्वंदी को हराकर विजय हासिल की।
अंडर 17 लड़को के 38 किलोग्राम भार वर्ग में सेंट्रल जोन काव वैभव, 40 से 40 किलोग्राम हर वर्ग में ईस्ट जॉन का विवेक, 40 से 51 किलोग्राम भार वर्ग में सेंट्रल जोन ए से शाहीद विजयी रहे।
फोटो कैप्शन 09 से 11: एसडी स्कूल से संबंधित हैं।
जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक धरना जारी रहेगा-सफाई कर्मचारी
--सफाई कर्मियों की हड़ताल जारी
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कनीना की आवाज। कनीना ब्लाक के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपना धरना खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में जारी रखा,जिसकी अध्यक्षता मोनू कुमार की रही।
मुख्य रूप से धरने में जिला कोषाध्यक्ष अमित कुमार रहे। जिन्होंने कहा कि हमारा धरना अभी 20 नवंबर तक है ।अगर सरकार हमारी अभी भी मांगों को नहीं मानती है या हमसे वार्ता नहीं करती है तो हमारी हड़ताल और भी लंबे समय तक चलेगी।
अमित कुमार ने बताया कि हमारी मुख्य मांगों में नौकरी नियमित की जाये, शहर की तर्ज पर 400 की आबादी पर एक कर्मचारी लगाया जाए, जब तक ग्रामीण सफाई कर्मचारी को पक्का ना करें तब तक न्यूनतम वेतन 26000 रुपये लागू किया जाए, ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बच्चों को 1125 रुपये प्रतिमाह शिक्षा भत्ता दिया जाए आदि प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन 08: धरना देते सफाई कर्मी।
तीन हजार गायों की, की जा रही है देखरेख
-2003 में बनी थी कनीना की श्री कृष्ण गौशाला
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कनीना की आवाज। कनीना की बड़ी बणी नजदीक रेलवे स्टेशन, श्रीकृष्ण गौशाला की वर्ष 2003 में स्थापना की गई थी। उस वक्त महज 400 गायें होती थी। तत्कालीन गौशाला संस्थापक एवं संरक्षक राव सतवीर सिंह बोहरा थे जिनका निधन हो चुका है जबकि वर्तमान में श्रीकृष्ण गोशाला के प्रधान हुकम चंद आर्य करीरा हैं। इससे पूर्व में ओमदत, मनफूल आर्य, डा मेहरचंद, यादवेंद्र, हुकुमचंद,जगमाल सिंह, यादवेंद्र एवं वर्तमान में हुकुम सिंह करीरा प्रधान हैं।
वर्ष 2003 से पहले क्षेत्र में कोई गौशाला नहीं थी। गाय जंगलों में घूमती रहती थी और किसानों के खेतों में मिलती थी जिसके चलते कनीना के लोगों ने एक गौशाला स्थापित करने की बात रखी जिसको सिरे चढ़ाते हुए कनीना की बड़ी बणी में गौशाला स्थगित कर दी गई जो वर्तमान में कार्य कर रही है।
श्री कृष्ण गौशाला में जहां 200 मण सूखा चारा प्रतिदिन प्रयोग हो रहा है वही पर्याप्त मात्रा में तूड़ी स्टोर की हुई है। 15 विभिन्न गांवों से गो-ग्रास रथ गो ग्रास इक_ा करके लाते हैं। 6 गाडिय़ां विभिन्न गांवों में जाती है और प्रतिदिन 30 मण गो ग्रास इक_ा करके लाती हैं। यही नहीं 6 गाडिय़ों के अतिरिक्त 5 ट्रैक्टर भी नित्य प्रति गायों की सेवा में लगे हुये हैं। जहां पहले सरकार द्वारा बहुत मामूली सा अनुदान दिया जाता रहा है जबकि वर्तमान में कुछ अधिक अनुदान मिल रहा है। वर्तमान में जहां एक सौ सदस्य श्रीकृष्ण गौशाला के बने हुए जो प्रतिमाह एक निर्धारित राशि प्रदान कर गौशाला के लिए मदद करते हैं।
क्या कहते हैं प्रधान-
गौशाला के वर्तमान के प्रधान हुकुमचंद आर्य करीरा ने बताया कि गौशाला में 33 गायें दूध देने वाली है जिनके लिए अलग से प्रबंध किया जाता है। गायों की देखरेख के लिए एक वीएलडीए रखा हुआ है जो 12 हजार रुपये वेतन लेता है वही 35 कर्मचारी प्रतिदिन गायों की सेवा करते है जिन पर तथा डीजल,गाडिय़ों की मरम्मत,रसोई आदि पर 5 लाख रुपये प्रतिमाह खर्चा आता है।
विस्तृत जानकारी देते हुए प्रधान हुकुमचंद आर्य करीरा ने बताया गायों के लिए पेयजल की व्यवस्था के लिए 10 खेल चार ट्यूबवेल कार्यरत है।
गायों के लिए हरा चारा अलग से प्रबंध किया गया है। 20 एकड़ नगर पालिका की जमीन पर गायों के लिए हरा चारा उपलब्ध करवाया जाता है। सबसे बड़ी बात है कि दूध देने वाली गायों के लिए चाट बनाकर दी जाती है। 3 लाख रुपये का बॉयलर लाया गया था जो चाट बनाने के काम में आता है। कुल मिलाकर श्रीकृष्ण गैशाला के प्रधान ने कहा कि सरकार को कुछ और अनुदान देना चाहिए ताकि गायों की सेवा की जा सके। वैसे तो गायों को हर घर में पालना चाहिए जो ज्यादा बेहतर होगा, परंतु जो अपने घरों में गाय नहीं रख सकते उन्हें गौशाला में आकर सेवा प्रदान करनी चाहिए। दूध देने वाली गायों को तूड़ी के अतिरिक्त हरा चारा भी दिया जाता है। दस लाख रुपये प्रतिवर्ष गोबर का खाद बिक जाता है। इस वक्त 15 हजार मण कड़बी इकट्ठी है। प्रति वर्ष 70 हजार मण चारे की जरूरत होती है। अब दस लाख रुपये की पराली ढाकला सुबाना से खरीदी जाएगी। दो गोदाम 15 हजार मण क्षमता के हैं जिन्हें भरा जाएगा। गोशाला नो प्रोफिट नो लोस पर चल रही है।
फोटो कैप्शन 07: गौशाला कनीना का मुख्य द्वार
06:गौशाला में सेवा करते प्रधान गौशाला
30 यूनिट किया गया रक्तदान
-रेडक्रास की ओर से आयोजित हुआ शिविर
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कनीना की आवाज। कनीना सरकारी अस्पताल में जनशक्ति विकास संगठन तथा जिला रेड क्रॉस और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर नगर पालिका के पार्षद मनीष यादव रहे ।
मुख्य अतिथि ने कहा कि रक्तदान पुण्य का कार्य होता है। इंसान को समय -समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। इस शिविर में सभी लोगों ने शैक्षिक रक्तदान किया । रक्तदाता धरेंद्र ,मास्टर मनमोहन सिंह,योगेश शर्मा ,प्रदीप आदि लोग आए। इस मौके पर 30 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस मौके पर डॉ अंकित शर्मा , दीपक वशिष्ठ,रेड क्रॉस के मनोज कौशिक, बीजेपी पार्टी के कर्मचारी प्रकोष्ठ के सुरेश कुमार वशिष्ठ ,सुनील कुमार टेक्निकल अधिकारी ,पवित्र काउंसलर, सुरभि नर्सिंग अधिकारी,राजकुमारी, अमित कुमार वशिष्ठ, प्रवीण ,धनुष शर्मा ,मोहित इसराना आदि लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: रक्तदान के अवसर पर विभिन्न अधिकारी।
सर्दी का मौसम शुरू, 250वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता डॉ लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमने पक्का इरादा बना रखा है,जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करवाती है, तब तक हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 250 दिन हो गए हैं। सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को ठंड के कारण खांसी- जुकाम बढ़ रहा है। जैसे-जैसे धरने का समय बढ़ता जा रहा है, किसान निराश हैं और सरकार के प्रति उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्हें लग रहा है कि केंद्र सरकार ने कट के लिए घोषणा की हुई है, उससे पीछे हट रही है। किसानों ने पक्का निश्चय कर लिया है कि हम राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनवाने के बाद ही दम लेंगे है। इन 40-50 गांवों के बीच में शिक्षा के क्षेत्र मे, उद्योग के क्षेत्र में और रोजगार के क्षेत्र में तभी विकास होगा जब राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनकर तैयार हो जाएगा। केंद्र सरकार किसानों की परेशानी को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए।
इस मौके पर पूर्व सरपंच हंस कुमार, दाताराम, डॉक्टर राम भक्त, पहलवान रणधीर, मास्टर विजयपाल , सूबेदार हेमराज, पहलवान धर्मपाल,जिला पार्षद लीलाराम, रामकुमार, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, वीरेंद्र सिंह, बाबूलाल, करण सिंह, राम भक्त, प्रधान कृष्ण कुमार, रोशन लाल आर्य, थानेदार रामकुमार, सत्य प्रकाश, सूबेदार भोले राम ,संजय कुमार, सीताराम, कृष्ण कुमार पंच, सुरेंद्र सिंह, मनफूल ,ओम प्रकाश, दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण , वेद प्रकाश, मास्टर विजय सिंह, प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।
किसानों ने सौपा जेई को ज्ञापन, बिजली कनेक्षन देने की मांग
--किसानों ने किया प्रदर्शन
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के बीस गांवों के किसानों ने सोलर कनेक्षन देने की बजाए बिजली कनेक्षन देने तथा लोढ़ बढ़ाने की मांग को लेकर बसपा ने बिजली बोर्ड कनीना कार्यालय पर प्रदर्शन किया। किसानों ने बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्षनकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर जिले में 40 से 110 भूमिगत जल स्तर वाले 257 गांवों के किसानों को बिजली कनेक्षन देने तथा 10 बीएचपी से अधिक लोढ़ बढ़वाने की सुविधा दी है। इस नोटिफिकेशन में कनीना खंड के सेहलंग, पोता, स्याणा, नौताना, बाघोत, सिहोर, गाहड़ा, कोटिया, करीरा, कनीना, खेड़ी, तलवाना, अगिहार, कैमला, धनौन्दा, पाथेड़ा, झाड़ली, छितरोली, उच्चत, उन्हाणी आदि 20 गांवों के किसानों को इस योजना से वंचित किया गया है। इससे इन गांवों के प्रभावित किसानों में भारी रोश व्याप्त है। इसी तरह जिला के 117 गांवों के किसानों को इस योजना से वंचित किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि 10 दिन के अंदर उक्त वंचित गांवों के प्रभावित किसानों को इस योजना में शामिल कर उनको बिजली कनेक्षन देने तथा 10 बी.एच.पी. से अधिक लोढ़ बढ़वाने की सुविधा नहीं दी गई तो किसान बड़ा आंदोलन छेडऩे पर मजबूर होंगे। किसान योगेश, सतपाल कनीना, राजेष, राजबीर सिहोर, नरेश उच्चत, हरिराम सिहोर, मदनलाल सिहोर, राजबीर गाहड़ा, मीरसिंह धनौन्दा ने कहा कि सरकार ने भूमिगत जल स्तर का जो सर्वे किया है वह 2020 का है। उसके 3 साल बाद तो अनेक गांवों को भू-जल स्तर और नीचे चला गया है। इसलिए सरकार का सर्वे और नोटिफिकेशन बेमानी, भेदभावपूर्ण तथा प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है। इसलिए इस नोटिफिकेशन को रद्द किया जाए तथा जिला के सभी गांवों के किसानों को बिजली कनेक्षन दिया जाए। इस अवसर पर दर्शन, मनोज कुमार, बाबूलाल षर्मा, राजबीर, पवन, भद्रपाल, पूर्णदेव आदि सैकड़ों किसान मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: जेई कनीना को ज्ञापन सौंपते किसान।
कनीना की प्रथम महिला पत्रकार को 13वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
-गौशाला में दान पुण्य कर,पौधारोपण भी किया गया
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बा की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की 13वीं पुण्य पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी, हवन आयोजित हुआ तथा उनकी पुस्तक कष्टों की देवी का विमोचन किया,विभिन्न स्थानों पर पौधे लगाये गये। कनीना की श्रीकृष्ण गोशाला में दान किया।
सुमन यादव पत्रकार को उनके निवास कनीना पर क्षेत्र के विभिन्न लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। घर पर हवन आयोजित हुआ। उनके नाम पर चले आ रहे श्रीमती सुमन यादव चेरिटेबल ट्रस्ट के नये कमरे का उद्घाटन भी किया गया। कार्यालय का उद्घाटन, राजकुमार कनीनवाल, भगत सिंह समाजसेवी, पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार एवं कंवरसेन वशिष्ठ ने किया और उनकी याद में कार्यालय परिसर में एक पौधा लगाया गया वहीं गौशाला में दानपुण्य किया। वे राष्ट्रीय समाचारपत्र की लंबे समय तक पत्रकार रही थी वहीं विभिन्न पत्रिकाओं में लेखन का काम भी किया था।
इस मौके पर पालिका पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि महिला होते हुए भी वो गंभीर प्रकृति की लेखिका एवं निष्पक्ष पत्रकार थी। उन्होंने सदा मर्यादित रहकर लेखनी का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यूं तो सभी को कभी न कभी जाना ही पड़ता है किंतु असामयिक मौत ने उनकी लेखन की एवं बौद्धिक क्षमता को अधूरा कर दिखाया। उन्होंने कहा कि गंभीर एवं निर्भीक पत्रकारिता के गुणों से परिपूर्ण सुमन यादव के पदचिह्नों पर अन्य पत्रकारों को भी चलने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सुमन यादव के पुत्र अमीश यादव सांत्वना देते हुए उनके बचे हुए कार्य को अमल में लाने पर बल दिया। इस मौके पर भारत विकास परिषद के संरक्षक एवं पूर्व प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने कहा कि एक महिला पत्रकार होते हुए भी उनकी लेखनी अति स्टीक एवं हर पहलू को उजागर करने वाली थी। उन्हें सच कहते हुए कोई हिचक नहीं थी। समाजसेवी भगत सिंह एवं जसवंत सिंह ने हवन में पूर्ण आहुति देकर उन्हें याद किया।
इस मौके पर पार्षद मोहन सिंह ने कहा कि महिला होते हुए भी निष्पक्ष लिखने में कोई चूक नहीं की। वे निडर पत्रकार रही है। उन्होंने कहा कि यूं तो सभी को कभी न कभी जाना ही पड़ता है किंतु असामयिक मौत ने उनकी लेखन एवं बौद्धिक क्षमता को नुकसान पहुंचाया।
अलवर में में पैदा हुई सुमन यादव की शादी कनीना के लेखक होशियार सिंह से हुई थी। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए कैंसर के चलते एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें 'मानव बाडी कविताएं तथा आस्थाÓ
उनके जीवन व चरित्र को उजागर करने वाली कनीना के लेखक डा एचएस यादव की कृति कष्टों की देवी का दूसरा संस्करण एवं आइएसबीएन संस्करण का विमोचन सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने किया। जिसमें सुमन यादव का संक्षिप्त जीवन का चरित्र-चित्रण किया गया है। 2010 को वे स्वर्ग सिधार गई। उनकी पुण्यतिथि पर कनीना में नये कार्यालय परिसर में पौधारोपण किया। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है।
अलवर में दो अक्टूबर 1979 में पैदा हुई सुमन यादव की विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने अपने काम को विराम नहीं दिया। एक ओर जहां गृहस्थ आश्रम वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता एवं लेखन कार्य को बखूबी से निभाया। उन्होंने अपने पत्रकारिता के दौरान आम आदमी एवं किसान आदि की समस्याओं को अधिक उठाया।
कनीना पत्रकार परिषद की सदस्य सुमन यादव अपने जीवन के अंतिम समय में पीएचडी कर रही थी। एमए. इतिहास के अलावा पीजीडीसीए धारक सुमन यादव स्वभाव से अति मृदु एवं अति हिम्मत वाली साहसी स्त्री थी। उनकी हिम्मत की दाद उस वक्त देखने को मिली जब वे वर्ष 2008 में गंभीर रोग से पीडि़त हो गई। जिसकी परवाह न करते हुए भी उन्होंने अपना दैनिक कार्य विशेषकर समाचार संकलन एवं प्रेषण का काम नहीं छोड़ा। जब उन्होंने जग को छोड़ा उन्होंने अपने अंतिम समय के तीन वर्षों में घोर कष्ट सहन किए। अपने छोटे पुत्र अमीश को भी घोर संकटों में डालकर समाचार संकलन में लगी रहती थी।
कभी बचपन में कोई दवा नहीं लेने वाली कष्टों की देवी ने तीन वर्षों में छह बार आपरेशन करवाना पड़ा और भारी मात्रा में दवाएं खानी पड़ी किंतु उनकी जिंदगी फिर भी नहीं बच पाई। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। पालिका प्रधान ने कहा कि जल्द ही सरकारी दर पर उनके नाम पर लाइब्रेरी खोलने की जगह दी जाएगी।
वे घर गृहस्थी के काम के अलावा समय निकालकर लेखन कार्य में जुट जाना और वो भी उस वक्त जब भयंकर रोग ने उन्हें घेर रखा हो। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार को विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया था। उनके साहित्य को अभी प्रकाशित किया जाना बाकी है। लोग विशेषकर महिलाएं उनको आज तक नहीं भूला पाए हैं। वे सभी से शालीनता से बातें करती थी और सभी का मन जीत लेती थी।
सुमन यादव के नाम से कनीना में चेरिटेबल ट्रस्ट का गठन किया गया है। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार की दर्दनाक मौत ने अदम्य साहस का परिचय दिया है।
डा मुंशीराम एवं सुमेर सिंह चेयरमैन का कहना है कि शायद ही भावी पीढ़ी विश्वास करेगी कि एक महिला होकर भी इतने बोल्ड कदम उठा सकती होगी। उनका मानना है कि वो एक महान लेखिका एवं पत्रकार थी। राष्ट्रीय समाचार पत्रों में लंबे अर्से तक काम किया। कई गणमान्य लोगों ने सुमन यादव को पुष्प अर्पित किए।
इस मौके पर डा जोगेंद्र सिंह, सुमेर सिंह चेयरमैन, थान सिंह, सवाई सिंह, भगत सिंह समाजसेवी, धर्मवीर बिल्लू, आशा यादव, कृष्ण सिंह, सुनील कुमार, डा मुंशीराम, शकुंतला देवी, अमीश कुमार, हर्ष कुमार, निर्मल शास्त्री, योगेश कुमार, रोहित, सतपाल सिंह, पार्षद मोहन कुमार सहित विभिन्न जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 01: सुमन यादव की याद में पौधारोपण करते हुए पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार।
02: सुमन यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए लोग।
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