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Wednesday, November 8, 2023





 

 राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस -9 नवंबर
सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष न्याय के प्रति जागरूकता सुनिश्चित करना है उद्देश्य-एडवोकेट पंकज
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कनीना की आवाज। सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तथा जागरूकता फैलाने के लिए देश में हर वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त, कुशल कानूनी सेवाएं प्रदान करना है। यह कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त सेवाओं की उपलब्ध का निश्चित करने के साथ-साथ उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने का भी प्रयास है। इस दिवस के संबंध में कुछ अधिवक्ताओं से चर्चा हुई जिनके विचार निम्न थे -
नागरिकों को कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों और अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रत्येक क्षेत्राधिकार में कानूनी सहायता शिविर, लोक अदालत, कानूनी सहायता कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं। इस दिन का लक्ष्य वादियों के अधिकारों के साथ-साथ कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के विभिन्न वर्गों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है।
 --  पंकज एडवोकेट
 गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने के लिए 1995 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शुरू किया गया यह दिन महिला, विकलांग व्यक्ति, अनुसूचित जाति बच्चों, अनुसूचित जातियों, मानव तस्करी पीडि़तों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों को सहायता प्रदान करता है।
  एडवोकेट संदीप कनीनवाल
 नालसा के अनुसार अप्रैल 2017 से जून 2018 के मध्य देश में करीब 8. 22 लाख लोग कानूनी सहायता के माध्यम से लाभ पाने वाले थे परंतु भारत में निशुल्क विधिक सेवाओं को लेकर जागरूकता का अभाव है। इन सेवाओं को लेकर ऐसा माना जाता है कि ये सेवाये पर्याप्त नहीं हैं। निशुल्क विधिक सेवा का लाभ पुलिस जांच के दौरान उपलब्ध नहीं होता। लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के पास पर्याप्त वकील नहीं है या फिर ऐसे वकीलों को मामले सौंप दिए जाते जिनको कम अनुभव होता है।
--दिनेश एडवोकेट
विधिक सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले वकीलों का एक अलग कैडर बनाया जाना चाहिए। विधिक सेवाओं से जुड़े स्वयं सेवकों को प्रोत्साहित करना चाहिए। कॉलेज में विधिक परामर्श केंद्र ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायती तैयारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विधिक सेवाओं उपलब्ध कराने का प्रयास हर संभव स्थान पर कराना चाहिए।  राष्ट्रीय विधिक सेवा के समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा और प्रावधानों का वादा करता है। इससे विवादों की निपटारे में मदद मिलती है
--एडवोकेट राजेश कुमार
 फोटो कैप्शन राजेश कुमार एडवोकेट,पंकज एडवोकेट, दिनेश एडवोकेट,,संदीप एडवोकेट।





केंद्र सरकार के भरोसे पर बैठे किसान, 241वें  दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का धरना जारी है। बुधवार को धरने की अध्यक्षता दाताराम बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि हम केंद्र सरकार के भरोसे पर धरना स्थल पर बैठे हुए हैं, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि धरने को चलते 241 दिन हो गए हैं। धरने पर बैठे बुजुर्ग किसानों को आज से नौवां महीना शुरू हो गया है। केंद्र सरकार  किसानों के दुख-दर्द को समझे और जितना जल्दी हो सके  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू करवाया जाए ।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन,  संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह बाघोत ने बताया कि हम केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद शांतिपूर्वक और संयम के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट अवश्य बनेगा, लेकिन अब तक सरकार के द्वारा कट का काम शुरू नहीं किया गया है। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, धरना जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को लग रहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर अनदेखी कर रही है। आश्वासन के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू ना होने के कारण  किसानों को शंका होना स्वाभाविक है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट का काम शुरू करें, जिससे किसान चैन की सांस ले सके। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार को बुजुर्ग किसानों की मांग पर गौर किया जाए और जल्दी से जल्दी आगे की कार्रवाई करके कट का काम शुरू करवाया जाए।
 इस मौके पर धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष   विजय सिंह चेयरमैन,  संघर्ष समिति के सदस्य नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पहलवान धर्मपाल सेहलंग, संघर्ष समिति के सदस्य सरपंच हरिओम पोता, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह नौसवा, डा. लक्ष्मण सिंह, पूर्व सरपंच हंस कुमार,  रामकुमार , पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, ओमप्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्री, नंद कुमार, ईश्वर सिंह, मास्टर  विजयपाल , डॉ ओमप्रकाश, मनफूल, रघुवीर पंच, भरत सिंह, रामभक्त,  शेर सिंह,  मुख्तार सिंह,  सीताराम, रामभज, करण सिंह, बाबूलाल, दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण , सूबेदार भोले राम , वेद प्रकाश, सत्य प्रकाश, रामकिशन, रोशन लाल आर्य,  प्यारेलाल,  सूबे सिंह पंच, डॉ राम भक्त  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01:कट की मंग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।






दिवाली पर खर्च की जाने वाली राशि खर्च होगी जनहित में
-पटाखों के प्रदूषण से बचना चाहते हैं समाजसेवी
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कनीना की आवाज। दीपों का त्योहार दिवाली मनाने के ग्रामीण क्षेत्रों में अलग ही ढंग हैं। जहां पटाखों से आम आदमी दूर भागता है वहीं दूसरों को भी प्रदूषण से बचने की बात कहने लगा है। सरकार ने तो पटाखों पर कुछ प्रतिबंध लगा रखा है। किसानों के अगली फसल में व्यस्त रहने के कारण दिवाली की रौनक फीकी ही नजर आती है। अधिकांश लोग पटाखे चलाने के विरुद्ध हैं। पटाखों पर खर्च होने वाली राशि को जनहित में खर्च करना चाहते हैं। प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।
दिवाली के दिन जहां दीपों व मोमबत्तियों से घर की रौनक बढ़ती है वहीं पटाखों के चलते वातावरण दूषित हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो पटाखे चलाने की परम्परा देर रात तक चलती है। पटाखे चलाने में बालक, युवा तथा वृद्ध नियम रहित होकर गलियों में व्यस्त देखे जा सकते हैं। जहां        अधिकांश जन प्रदूषण से बचने के लिए घरों में एकांत में बैठ जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से पटाखे चलाने के बारे में पूछे जाने पर अधिकांश ने पटाखे चलाना अनुचित बताया है। आम लोगों का कहना है कि पटाखे चलाने से जहां कर्णफोड़ू ध्वनि में जीना हराम हो जाता है वहीं प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि सांस लेना भी दूभर हो जाता है।
क्या कहते हैं समाजसेव
दिवाली के दिन प्रदूषण नहीं करेंगे। पटाखे स्वयं नहीं चलाएंगे और पटाखे न चलाने की प्रेरणा देंगे। इस बार पटाखों पर खर्च की जाने वाली राशि को सरकारी स्कूल के छोटे बच्चों पर खर्च कर उन्हें कापी, किताब, पेंसिल एवं पेन देकर उन पर खर्च करेंगे। इससे बच्चों का मनोबल बढ़ेगा और प्रदूषण भी कम होगा।
   --कंवरसेन वशिष्ठ पूर्व मुख्य शिक्षक
 न तो पटाखे चलाएंगे और न अपने साथियों को चलाने देंगे। वे प्रदूषण के विरुद्ध है। दिवाली के पर्व पर सांस लेना दूभर हो जाता है। ऐसे में प्रदूषण नहीं करने देंगे।  इस बार पटाखों पर खर्च होने वाली राशि को पेड़ पौधों पर खर्च करेंगे साथ में उससे प्राप्त अन्न से जंगली पक्षियों एवं जीवों की सुरक्षा पर खर्च करेंगे। आने वाली गर्मियों में जंगली जीवों के लिए अन्न एवं जल का प्रबंध करेंगे।
    ----राजेंद्र सिंह वृक्षमित्र
 प्रदूषण को रोकने के लिए सार्थक प्रयास करेंगी। वे पटाखों पर खर्च होने वाली राशि को गायों के लिए दान देंगी। इससे पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर भी काबू पाया जाएगा वहीं पटाखों की राशि गायों की सेवा में लग जाएगी।  महिलाओं से भी कम से कम प्रदूषण करने की प्रार्थना की है। दिवाली के दिन पटाखों के प्रदूषण से जीना मुहाल हो जाता है। पटाखों पर खर्च होने वाली राशि से फल एवं फूलदार पेड़ एवं पौधे खरीदकर अपने प्लाट में लगाकर प्रदूषण को रोकेंगे। पटाखे चलाना अनुचित है जिससे प्रदूषण होता है और सांस लेना भी कठिन हो जाता है।
----कमला देवी,कनीना मंडी
फोटो कैप्शन:  कमला देवी, कंवरसेन वशिष्ठ, राजेंद्र सिंह





घर की मिठाई खाकर मनाएंगे दिवाली
-हो रही हैं दिवाली की तैयारी
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कनीना की आवाज। इस बार क्षेत्र के युवा घर की बनी मिठाई खाकर,चाइनीज आइटम नहीं खरीदेंगे और दीपावली सादगी से मनाएंगे।  दिवाली को घी के दीये जलाकर एवं आपस में मिलकर दिवाली मनाना चाहते हैं। वे एक नारा लगा रहे हैं कि घर की मिठाई खाकर, आपस में मिलकर घी के दीये जलाएंगे। देसी घी के भाव अधिक होने से मजबूरन लोग मोमबत्ती जलाते हैं किंतु मुख्य दीया घी का ही जलाते आ रहे हैं। उनका मानना है कि लाखों रुपये चाइनीज आइटम पर खर्च होते हैं वे खर्च नहीं किए जाएंगे।  क्या कहते हैं दिवाली मनाने वाले-
 चीन के बने सामान, लाइट आदि नहीं खरीदेंगे। देसी घी को दीये में डालकर दिवाली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। पर्व पर तेल या मोमबत्ती जलाना अशुभ मानते थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दिवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।  
--भीम सिंह समाजसेवी
वे कई वर्षों से देसी घी के दीये जलाते आ रहे हैं। न केवल बड़ी या छोटी दिवाली अपितु मुख्य दिवाली के दिन घर में विभिन्न स्थानों पर रखे जाने वाले समस्त दीये देसी घी से ही जलते हैं। उनके अनुसार देसी घी का दीया जलाने का अर्थ है कि वातावरण की देखभाल करना तथा सभी के जीवन की मंगलकामना करना। उन्होंने इन दीयों को अंधकार दूर करने वाला तथा दिलों में शुद्धता भरने वाला प्रतीक बताया। चीन के बने दिवाली के आइटमों से दूर रहने की सलाह दी है।
 -- नरेश कुमार शिक्षक
चाइनीज कोई आइटम नहीं खरीदेंगे। वे न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
  ---मुकेश नंबरदार कनीना मंडी
हमारी संस्कृति के अनुसार घी के दीये जलाना शुभ माना जाता है और ऐसे में वे देशी घी के दीये स्वयं भी जलाते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की मिठाई नहीं खरीदेंगे, चाइनीज आइटमों का बहिष्कार करेंगे, पटाखों को नहीं चलाएंगे, दीये खरीदने पर बल देंगे।
---- कैलाश पाली समाजसेवी
फोटो कैप्शन : भीम सिंह, कैलाश पाली, नरेश कुमार, मुकेश नंबरदार






 अंतर्राष्ट्रीय रेडियोग्राफी दिवस -08 नवंबर
एक्सरे की खोज करने वाले की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है यह दिवस -डा धर्मेंद्र
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कनीना की आवाज। 8 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय रेडियोग्राफी दिवस मनाया जाता है। आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल में चिकित्सा इमेजिंग की भूमि को बढ़ावा देता है। 1895 में रोंटेंज ने एक्सरे का आविष्कार किया था जिसकी वर्षगांठ के रूप में यह दिवस मनाया जाता है। टूटी हुई हड्डियों एवं शरीर की हड्डियों की हालात का पता लगाने में अहम भूमिका निभाता है। इसे रेडियोलोजी दिवस के नाम से जाना जाता है। इसी दिन रोंटेंटज ने एक्सरे की खोज की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब तो एक्स-रे मशीन लगाई जा चुकी है। एक वक्त था जब एक्सरे के लिए  दूर दराज जाना पड़ता था लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक-रे की मशीन लगा दी गई है। इस बाबत रोहतक से रेडियोलोजी का अध्ययन कर रहे  डॉक्टर धर्मेंद्र यादव, जो कनीना उप नागरिक अस्पताल में एसएमओ की भूमिका भी निभा चुके हैं, ने बताया कि 8 नवंबर 1895 को एक्सरे की खोज की थी और अमूल्य उपहार दिया था। यही कारण की 1901 में भौतिक शास्त्र में रोंटेंज को नोबेल पुरस्कार दिया था। उन्होंने बताया कि कभी कभी इंसान दयालु होने के नाते बहुत कुछ कर जाते हैं। ऐसे ही दयालु इंसान जब रोंटेंज थे जिन्होंने एक्सरे की खोज कर दी किंतु पेटेंट करवाने की बात आई तो उन्होंने मना कर दिया था तथा पुरस्कार में मिली हुई राशि को भी दान कर दिया था। ऐसे महान व्यक्तियों के कारण ही आज चिकित्सा क्षेत्र में कितने ही लोगों की जान बचाई जा रही है।
डा. धर्मेंद्र बताते हैं कि रेडियोग्राफी चिकित्सा प्रतिबिंबन की वह तकनीक है जो दृश्य प्रकाश के अतिरिक्त विद्युत चुंबकीय का उपयोग करती है। यह तकनीक विधि मानव शरीर के अंगों को देखने का एक जरिया है। ये किरणें जनित्र द्वारा पैदा की जाती है और जिस वस्तु का चित्रण करना होता है उसे पर प्रक्षेपित किया जाता है। एक्स किरणें वस्तु की दूसरी तरफ एक फोटोग्राफिक फिल्म या डिजिटल डिटेक्टर द्वारा ग्रहण की जाती है जिसकी छाप 2-डी के रूप में प्राप्त होती है। इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा, किए गए अविनाशकारी परीक्षण, खाद्य निरीक्षक सुरक्षा ,पुरातात्विक सर्वेक्षण आदि में किया जाता है।
उन्होंने बताया कि रेडियोग्राफर मशीन का उपयोग सही ढंग से करें ताकि लोगों को खतरनाक किरणों से से बताएं बचाया जा सकता है। इस समय रेडियोग्राफी के विषय में लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। विशेष ध्यान एक्सरे रूम में जाए तो विशेष कपड़े जरूर पहनें, वहां यदि कोई गर्भवती महिला सीटी स्केनिंग करवाती तो डाक्टर को जरूर बताएं। एक्स-रे मशीन में मरीज होना चाहिए यदि अटेंडेंट भी जाता है तो विशेष कपड़े पहनना चाहिए।
 फोटो कैप्शन: डॉक्टर धर्मेंद्र रेडियोलोजी के पीजी कोर्स के विद्यार्थी एवं कनीना उपनागरिक अस्पताल के पूर्व एसएमओ।

 

 



जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कनीना ब्लॉक का दौरा कर रामबास गांव के विकास कार्यों की जानकारी ली
--पंचायती राज एवं विकास से संम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराइ
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कनीना की आवाज। हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी की टीम ने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कनीना ब्लॉक का दौरा कर रामबास गांव के विकास कार्यों की जानकारी ली एवं ग्रामवासियों का मार्गदर्शन भी किया। टीम में ट्रेनर रामचंद्र पूनिया एवं पिंकी यादव ने उपस्थित लोगों को पंचायती राज एवं विकास से संम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई।
ट्रेनर रामचंद्र आरसी पूनिया ने कहा कि गांव में विकास कार्यों के लिए हो रहे प्रयासों को देखकर अच्छा लगा। खासकर बेस्ट टू वेस्ट का उदाहरण देते हुए कहा की युवाओं के प्रयास से ग्राम पंचायत ने जो खाली पड़ी जगह पर बाग बनाया है यह बहुत ही सराहनीय कदम है। हरियाणा सरकार से की जा रही ग्राम पंचायत योजना का उद्देश्य गांव का समुचित विकास करना है। ट्रेनर ने सलाह भी दी की ग्राम के सभी लोगों की भागीदारी से गांव के विकास एवं निर्माण कार्य को किया जाए। जो पंचायत जो प्लान बनाकर भेजते हैं उन्हें एफएफसी की ग्रांट जारी होती।  ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत अपनी ग्राम पंचायत का प्लान तैयार करें ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड अवश्य करें।
ट्रेनर पिंकी यादव ने कहा कि केवल गली और नाली का निर्माण ही विकास नहीं है आप सतत विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से गांव में कार्य करें। पंचायत पांच वर्षों का लक्ष्य बनाकर निरंतर विकास कार्यों के लिए प्रयासरत रहे।  ग्राम विकास की परिकल्पना का दायरा बेहद व्यापक है। हरियाणा और भारत सरकार की योजनाओं के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि गांव का समग्र विकास करा सकते हैं। इंद्रधनुष ग्राम योजना भी समग्र ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम साबित हुआ है। पिंकी यादव ने उपस्थित ग्रामीणों से आह्वान करते हुए अनुरोध भी किया कि ग्राम पंचायत में पेयजल की बर्बादी को रोकने के लिए भी अभियान चलाएं ताकि पेयजल की बर्बादी ना हो।  हर घर तक पेयजल पहुंचाएं एवं अन्य लोगों को भी जागरूक करें ।
इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि कुलदीप सिंह, ग्राम सचिव दिनेश कुमार, सतीश कुमार, अनिल कुमार, राजपाल, जितेंद्र, संजीव कुमार, नंबरदार वेदप्रकाश, रमेश चौकीदार, मनोज, अमित, लालाराम, राकेश, राजेंद्र यादव, इंद्रजीत, यशवंती सरपंच इसराना, पंच मोहित कुमार सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 09: टीम खेतों का दौरा करते हुए।
             10: स्कूल का दौरा करते हुए टीम। 




राजकीय महाविद्यालय



















कनीना में रक्तदान शिविर का आयोजन
-45 यूनिट रक्त किया इकट्ठा
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय कनीना में राष्ट्रीय स्वयंसेवा योजना के तत्वाधान में मंगलवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो -वाइस चांसलर केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा डा. सुषमा यादव उपस्थित रही। उन्होंने बताया कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं।  इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया एनएसएस यूनिट द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन कर युवाओं को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक करने का काम किया। इससे दिल की बीमारी तथा दिल के दौरे के खतरे को कम  किया जा सकता है । कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर संदीप ककरालिया ने बताया कि रक्तदान शिविर में 45 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया । राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के अलावा कई आम लोग भी शामिल हुए। शिविर में रक्तदान करने वालों के लिए दूध, केले आदि जलपान की व्यवस्था की गई।  उन्होंने बताया पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने तथा रक्त एकत्रित करने के लिए पांच डाक्टरों की टीम नियुक्त किया गया। जिला रेड क्रास सोसाइटी से सुनील कुमार, मनोज कौशिक,डाक्टर तमन्ना शर्मा, दीपक वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे। महाविद्यालय प्राचार्य डा सुरेंद्र सिंह यादव ने सभी स्वयसेवक का धन्यवाद किया। इस मौके पर डॉ विनोद यादव, प्रो हरिओम, प्रो भारती यादव, प्रो घनश्याम, डा यतेंद्र राव, प्रो मंजू, प्रो मनीषा, प्रो ननिता आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: रक्तदानकर्ता के साथ प्रो वाइस चांसलर एवं अन्य।


मौसम में हो रहा है उतार चढ़ाव
--महेंद्रगढ़ में छाये रहेंगे बादल, अतिशबाजी पर लगा प्रतिबंध
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कनीना की आवाज।। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम में बदलाव और तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। नवंबर  महीने का पहला सप्ताह बीत चुका है अभी भी  सर्दी के तेवर नरम चल रहे हैं।  सम्पूर्ण इलाके में तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, हालांकि रात्रि तापमान में हल्की गिरावट और दिन में गर्माहट महसूस हो रही है अभी पंखे चल रहे हैं। रात में भी सर्दी के तेवर अभी ढीले रहे हैं नवंबर महीने में कड़ाके की सर्दी देखने को मिलती हैं जबकि इस बार  केवल सुबह के समय मीठी गुलाबी ठंड ही देखने को मिल रही है । वहीं लगातार जहरीली हवाओं और धुआं धुंध और धूल ने सम्पूर्ण इलाके में लगातार वायु गुणवत्ता में गिरावट दर्ज हो रही है।  मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्रमोहन ने  बताया कि एक के बाद सिरियल में कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से लगातार और बार बार हवाओं की दिशा में बदलाव देखने को मिल रहा है  जिसकी वजह से मौसम में बदलाव साथ ही साथ तापमान में और वायु गुणवत्ता सुचकांक में आंशिक उतार चढाव भी दर्ज हो रहा है ।  वर्तमान परिदृश्य में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है।जो आज रात्रि को आगे निकल जाएगा इसके पीछे बैक टू बैक  एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से  अगले 24- 48 घंटे में सक्रिय होने पर एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन दक्षिणी पंजाब और उत्तरी राजस्थान पर बनने से  हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव होने  की संभावना बन रही है। जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली के 25-30 प्रतिशत हिस्सों में 9-10 नवंबर के दौरान विशेषकर पंजाब से सटे हिस्सों सिरसा फतेहाबाद हिसार कैथल जींद पंचकूला अंबाला और साथ ही साथ यमुनानगर कुरुक्षेत्र करनाल पानीपत रोहतक और एनसीआर दिल्ली में  हल्की बारिश/ बूंदाबांदी की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। इस दौरान एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ ओलावृष्टि और तेज गति से हवाएं चलने की संभावना है। जबकि शेष हरियाणा में  भिवानी महेंद्रगढ़ रेवाड़ी झज्जर चरखी दादरी गुडग़ांव फरीदाबाद पलवल सोहना तावडू नूंह मेवात में केवल बादल वाही और बिखराव वाली हल्की बूंदाबांदी/ बारिश की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। इस दौरान हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बढ़े हुए प्रदूषण और जहरीली हवाओं से आमजन को राहत मिलेगी। साथ ही सम्पूर्ण इलाके में वायु गुणवत्ता सुचकांक में सुधार होने की संभावना बन रही है। इसके अलावा 11 नवंबर को यह मौसम प्रणाली आगे निकल जाएगी। जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में गिरावट, धुंध कोहरा अपने रंग दिखाएंगे और एक बार फिर से  वायु गुणवत्ता सुचकांक में गिरावट दर्ज होगी। आज  दोपहर बाद 3.30 बजे जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल का वायु गुणवत्ता सुचकांक 290 रहा  है।वायु गुणवत्ता मापने के लिए उपयोग किया जाने वाला सबसे आम माप पीएम 2.5 और पीएम 10 है। यह कणों को माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में मापता है। पीएम 2.5 का तात्पर्य 2.5 माइक्रोन से कम व्यास वाले सूक्ष्म कणों की सांद्रता से है और पीएम 10 का तात्पर्य 10 माइक्रोन से कम व्यास वाले कणों की सांद्रता से है। शून्य और 50 के बीच वायु गुणवत्ता सुचकांक को अच्छा माना जाता है, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर  माना जाता है  वर्तमान परिदृश्य में जिला महेंद्रगढ़  में नारनौल का  वायु गुणवत्ता सुचकांक 290 है जो खऱाब स्थिति में है । जिला महेंद्रगढ़ में पहले से ही खनन प्रक्रिया, क्रेशर जोन, बड़े पैमाने पर हाईवे और सड़कों का निर्माण, निर्माण कार्य, ईंट भ_े, और अनियंत्रित यातायात  जो जिला महेंद्रगढ़ विशेषकर नारनौल के चारों ओर निर्माणाधीन हाईवे और सड़कों पर  बड़े स्तर पर परिवहन के साधनों  विशेषकर ट्रोला और ट्रकों  से हालात गंभीर बने हुए हैं । परिवहन के साधनों के  जाम जिसकी वजह से महावीर चौक पर तो वायु गुणवत्ता सुचकांक 300 को पार कर रहा है , बड़े पैमाने पर ट्रेफिक जाम और दिपावली त्योहारी सीजन पर अवशिष्ट पदार्थों को जलाने का काम, साथ ही अवैध रूप से पड़ोसी राज्यों से आतिशबाज़ी का सामान  और उसके प्रयोग  से जिला महेंद्रगढ़ में प्रदूषण स्तर को और बढ़ा देते हैं  और काफी दिनों से अति खऱाब और खऱाब स्थिति में चल रही है। हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन लगातार इस समस्या को हल करने हेतु हरसंभव प्रयास कर रहा है । इस बढ़े हुए प्रदूषण के मद्देनजर जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने जिला महेंद्रगढ़ में धारा 144 लागू कर दी है और दिपावली त्योहारी सीजन  में  प्रदूषण को देखते हुए जिला के तमाम क्रेशर, माइनिंग,  तमाम कंस्ट्रक्शन और आतिशबाजी आदि पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं।

एक को न्यायालय ने किया भगोड़ा घोषित, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय में राकेश नामक व्यक्ति के समय पर न पहुंचने के चलते भगौड़ा घोषित किया है। साथ में पुलिस को आदेश दिया कि राकेश पर मामला दर्ज किया जाए। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित करते हुए मामला दर्ज कर लिया है।


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