नहीं रहे पूर्व मुख्याध्यापक राव भगवान सिंह
-गुढ़ा गांव में शनिवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार, छोड़ गए भरा पूरा परिवार
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव गुढ़ा निवासी एवं शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वाले राव भगवान सिंह का निधन हो गया। वे करीब 80 साल के थे। वे राजकीय विद्यालय ककराला में अंतिम समय में कार्यरत थे तथा मुख्य अध्यापक पद से 2004 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका पैतृक गांव मेघनवास है तथा वे अपने परिवार में छह भाई होते थे। आज के दिन सभी भाइयों की मौत हो चुकी है। जिनमें से दो भाई सेना में, एक गुजरात पुलिस, एक सीआरपी तथा एक जमींदार थे। अंतिम भाई का भगवान सिंह भी अब मौत हो गई है। 1942 के में मेघनवास में जन्मे भगवान सिंह ने हर क्षेत्र में नाम कमाया है। पूर्व मंत्री राव बंशी सिंह के बहुत करीबी रहे भगवान सिंह अपने पीछे तीन पुत्र,पत्नी, पौत्र एवं पौत्रों सहित भरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका एक पुत्र पवनवीर भडफ़ स्कूल कार्यरत है वहीं दूसरा पुत्र रविंद्र डॉक्टर है तथा तीसरा पुत्र जयपाल डेरी के नाम से विख्यात है। उनकी एक पोती एमबीबीएस कर रही है तथा एक पुत्रवधू कॉलेज कनीना में प्रोफेसर है। उनके चार पोते और दो पोतिया हैं। उनकी पत्नी संतरा देवी आज भी स्वस्थ है।
मेघनावास से संबंध रखने वाले सूबेदार करण सिंह, कप्तान महावीर सिंह, डीएसपी जगदीश, बाबूलाल प्रधान एवंराजकुमार मुख्य अध्यापक ने बताया कि राव भगवान सिंह मेघवनवास गांव के प्रथम शिक्षक लगे थे, तत्पश्चात प्रथम प्रथम ही प्राध्यापक उएवं प्रथम मुख्याध्यापक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी एक पुत्रवधू नीतू राष्ट्रपति से सम्मानित है। दूरदराज तक पुत्र जयपाल की डेरी प्रसिद्ध है। अति सौम्य प्रकृति तथा सीधी बात को रखाने वाले राव भगवान सिंह का दूर दराज तक नाम रहा है। कितने ही अध्यापकों को उन्होंने अपनी प्रयास से सेवा में तथा एनसीसी दिलवाने में अहं भूमिका निभाई। वह करीब 30 साल तक शिक्षा विभाग से जुड़े रहे। कनीना में अधिक समय तक प्राध्यापक बतौर रहे हैं। वे गौशाला, गरीब एवं दीन दुखियों के लिए अपनी पेंशन का अधिक भाग दान दे देते थे। गुढ़ा गांव में उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा।
फोटो कैप्शन: राव भगवान सिंह
यदुवंशी शिक्षा निकेतन कनीना में नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का किया गया आयोजन
-शिविर में करीब एक हजार नेत्र रोगियों ने जांच करवा उठाया स्वास्थ्य लाभ
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कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन स्कूल कनीना में शुक्रवार को नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया गया। जिसमे एक हजार लोगों ने लाभ उठाया। शिविर के शुभारंभ पर मुख्यातिथि रविंद्र सिंह मटरू, विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पार्षद वीरेंद्र सिंह व कर्ण सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह के द्वारा की गई। इस दौरान मुख्यातिथियों ने रिबन काटकर शिविर का शुभारंभ किया। संस्था के चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने बताया कि चिकित्सकों की टीम इंदिरा गांधी आई हॉस्पिटल गुरुग्राम से बुलाई गई है। उन्होंने शिविर में नेत्र जांच के लिए आए लोगों का स्वागत किया और कहा कि इस प्रकार के सार्वजनिक कार्य यदुवंशी ग्रुप करता रहा और आगे भी करता रहेगा। कैंप में एक हजार लोगों की आंखों की जांच कर दवाई वितरित की गई। चिकित्सा कैंप में आए मरीजों की आंखों की जांच के बाद नि:शुल्क आंखों के ऑपरेशन करने की तारीख भी दी गई। चिकित्सकों की टीम ने लगभग 500 से अधिक लोगों को नि:शुल्क चश्मे भी वितरित किए। नेत्र चिकित्सक डॉक्टर साजिद खान व उनकी टीम में अनुराग त्रिपाठी, निजाम, अभिषेक यादव, विकास, पंकज, देवरारी व निसार मौजूद रहे। चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने बताया कि जिन लोगों को कार्ड दिए गए हैं उनके नि:शुल्क ऑपरेशन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब-जब आपको मेरे साथ की जरूरत होगी मैं आप सभी लोगों के साथ रहूंगा व अगला नेत्र चिकित्सा शिविर यदुवंशी शिक्षा निकेतन सतनाली में जल्द ही करवाया जाएगा। प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने मुख्यातिथि व यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह का तहदिल से धन्यवाद किया। इस दौरान विजय सिंह, धर्मपाल, राजा, पुर्व सरपंच सुमेर सिंह चेलावास, हरीश यादव भडफ़, सुरेश शर्मा गाहड़ा, जितेंद्र शास्त्री, मोनिका शर्मा, निशा यादव सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।
भारी मात्रा में पटाखे पकड़े, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। दीपावली का त्योहार करीब है ऐसे में पटाखों का कारोबार करने वाले चोरी-छिपे पटाखे एकत्र कर बेचने में जुट गए हैं। कनीना पुलिस ने कनीना स्थित एक मकान में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पटाखे बरामद किए हैं। पटाखों का अवैध भंडार करने के आरोपित के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कनीना शहर थाना की पुलिस को टीम को मुखबिर खास से कनीना में दुकान के ऊपर रिहायशी मकान में अवैध तौर पर पटाखे रखे जाने की गुप्त सुचना मिली। जिस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बतलाए हुए स्थान पर रेड की, इस दौरान दुकान पर खड़ा व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर वहां से भाग गया। दुकान के ऊपर मकान को चेक करने पर मकान में बने एक कमरे में प्लास्टिक के कट्टे में रखे विस्फोटक पटाखे बरामद हुए। पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
फोटो कैप्शन 07: पटाखों के साथ पटाखे बेचने वाला।
बसपा की अधिकार यात्रा 6 नवंबर से
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कनीना। बसपा ककी अधिकार यात्रा 6 नवंबर से 6 दिसंबर तक चलेगी। यह यात्रा 6 नवंबर को रामबास से शुरू होगी तथा 6 दिसंबर को बिहाली गांव में संपन्न होगी। यह जानकारी देते हुए बसपा हल्का प्रधान सतपाल दहिया तथा यात्रा के संयोजक शेर सिंह यादव ने बताया कि यात्रा अटेली के 104 गांवों में जाएगी। कनीना और अटेली की मांगे उठाई जाएंगी। इसमें मुख्य भूमिका अतरलाल निभाएंगे।
कस्बे में बंदरों का आतंक, लोगों ने जिला उपयुक्त से मांग कर पकड़वाने की गुहार लगाई
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कनीना की आवाज। कनीना में बंदरों का आतंक बना हुआ है। इन्हें पकड़वाकर दूर छुड़वाने की जिला उपायुक्त से मांग की है। कनीना के दीपक, दीपांशु राज, नरेंद्र, मनोज, बादल आदि लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि कस्बा कनीना में सैकड़ों की तादात में बंदर है जो आए दिन किसी न किसी को काट लेते हैं जिसके कारण भय के साये में जीने पर मजबूर हैं। उन्होंने यह भी बताया इनकी शिकायत कई बार प्रशासन को देखकर मामले से अवगत कराया है लेकिन प्रशासन द्वारा अब तक उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है जिसके कारण आए दिन कोई ना कोई बच्चा, बड़ाख् युवा महिलाएं इनकी शिकार होती रहती हैं। ये बंदर फ्रिज और मशीन आदि को भी या खोल देते हैं पटक देते हैं जिसे काफी नुकसान हो रहा है। आवारा घूमने वाले बंदर लोगों का नुकसान कर रहे हैं वहीं लोगों ने यह भी कहा है जब बंदर किसी को काट लेता है तो उसके लिए फिर उसे रेबीज के टीके लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं और वहां टीके ना होने की सूरत में उन्हें मोल लेकर टीके लगवाने पड़ते हैं। कनीना मंडी के समाजसेवी शिवकुमार अग्रवाल ने कई बार आरटीआई लगाकर बंदरों को पकड़वाकर दूर छोडऩे की प्रशासन से मांग की है किंतु अब तक एक बार ही नगरपालिका ने बंदरों को पकड़वाकर दूर छुड़वाया है।
एक वक्त था जब लोग इनको हनुमान जी की फौज मानते हुए इनको खाना खिलाने बंदरों के गांवों में जाते थे किंतु अब उन्होंने भी जाना छोड़ दिया । पहले बंदर खाना खाते थे किंतु अब इंसानों को काट खाते हैं। जीवों को पकड़कर खा जाते हैं वहीं पक्षियों के अंडों को खा जाते हैं। पेड़ नष्ट करने में तो इनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है।
जोहड़ों के गंदे जल की कुव्यवस्था के चलते हैं खत्म हो रहे हैं सैकड़ों पेड़
-जोहड़ों की खोदाई की आवश्यकता
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे के का अधिकांश गंदा जल होलीवाला और कालरवाली जोहड़ में जमा हो रहा है किंतु जोहड़ों की खोदाई न होने और जल की को सही ढंग से न सहेजे जाने के कारण गंदा जल दूर-दराज तक फैल रहा है और सैकड़ों हरे पेड़ों को लील लिया है। वर्षों पुराने दोनों जोहड़ों का आयाम बढ़ता ही जा रहा है। कालरवाली जोहड़ में तो काई एवं शैवाल के चलते दूर तक पीला-हरा नजर आता है तथा बदबू दूर तक फैल रही है।
सरकार द्वारा जोहड़ों का पानी सहेजने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं किंतु अभी तक कनीना के लिए जोहड़ों के पानी को सहेजने के लिए अनुदान नहीं आया है। अप्रैल माह में यह अनुदान आए जाने की संभावना जता रहे थे किंतु अभी तक राशि नहीं पहुंची है। इन जोहड़ों को देखा जाए तो इनका आयाम इतना बढ़ता जा रहा है कि कभी प्रमुख सड़क मार्गों को नष्ट कर दिया है तो कभी पेड़ों को। इनमें एक व्यक्ति की गिरकर भी जान तक भी जा चुकी है। लगातार गंदा जल जमा रहने से हरे पेड़ खत्म रहे हैं। यद्यपि कनीना नगर पालिका कुछ प्रयास करके इनका गंदा जल एसटीपी तक पहुंचाने की कोशिश की गई किंतु सफलता आंशिक मिली है। जब तक जोहड़ों का जल सहेजने के लिए खोदाई नहीं की जाएंगी तब तक दूर तक फैलता रहेगा। किसानों के लिए भी समस्या बनेगा।
समाजसेवी महेंद्र कुमार, दिनेश कुमार, राज सिंह रविंद्र कुमार आदि बताते हैं कि कालरवाली जोहड़ के किनारे कभी स्व. मंगल सिंह ने अनेक पीपल के पेड़ लगाये थे जब समाप्त हो चुके हैं तथा पानी में गिरकर गल चुके हैं। अब तो दूर दराज तक फैलती बदबू समस्या बन चुकी है। इन जोहड़ों को साफ करवाने की मांग उठ रही है।
फोटो कैप्शन 06: जोहड़ों का फैलता गंदा जल एवं बदबू देते
कनीना क्षेत्र में अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर को
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कनीना की आवाज। रविवार 5 नवंबर अक्टूबर को कनीना क्षेत्र में अहोई अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह व्रत संतान के बेहतर जीवन एवं लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस व्रत में स्याऊ मां की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पूजा से परिवार के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं और लंबी उम्र प्राप्त होती है। दिनभर दानपुण्य की परंपरा चलती है।
सुरेंद्र वशिष्ठ ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस व्रत में सेठ सेठानी की कहानी सुनाई जाती है जिसमें एक सेठानी के हाथों से अनजाने में एक सेही के बच्चे मिट्टी खोदते वक्त मर जाते हैं। जब सेही अपने बच्चों को मृत देखती है तो मारने वाले को श्राप दे देती है जिसके चलते सेठानी के बच्चे भी मर जाते हैं। सेठ व सेठानी तप करने और शरीर को गलाने के लिए चल पड़ते हैं। अंत में वे थक जाते हैं तो आकाशवाणी होती है कि तुम अगले इसी पर्व तक दान दक्षिणा देना, दया रहम दिखाना तब कहीं जाकर तुम्हें पुत्र होंगे। अंतत: सेठ एवं सेठानी ने वैसा ही किया और वे पुत्रवान हो गए।
माना जाता है कि तभी से यह व्रत चला आ रहा है जिसमें महिलाएं व्रत रखती हैं और दान दक्षिणा देती हैं।
कट के लिए धरने का 236वां दिन
-धरने पर अडिग हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 236वं दिन में प्रवेश कर गया है। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता चेयरमैन सतपाल पोता ने की और उन्होंने बताया कि हम केंद्र सरकार को याद दिलाते रहेंगे कि आपके द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की गई, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं किया गया है। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 236 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर यह सोचकर बैठते हैं कि आज राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू हो जाएगा। शाम तक इंतजार करने के बाद जब केंद्र सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नजर नहीं आती,तब धरना स्थल पर बैठे किसानों को निराश होना पड़ता है। केंद्र सरकार को किसानों के बारे में जल्द से जल्द सोच विचार करके और कट के काम को अतिशीघ्र शुरू करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार पर पूरा भरोसा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनाया जाएगा ढ्ढ कट की घोषणा पहले ही हो चुकी है। हम केंद्र सरकार को याद दिलाना चाहते हैं कि रास्ते में आने वाली रुकावटों को दूर करते हुए कट का काम जल्द शुरू किया जाए।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने पर नारनौल और चंडीगढ़ की दूरी कम हो जाएगी, समय की बचत होगी, उद्योग-धंधे और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
इस मौके पर संघर्ष समिति के सदस्य डॉक्टर लक्ष्मण सिंह ,मास्टर विजयपाल सेहलंग ,संघर्ष समिति के सदस्य पूर्व सरपंच सतवीर सिंह नौसवा, दाताराम बाघोत सरपंच हरिओम पोता, पहलवान रणधीर सिंह, नरेंद्र शास्त्री, मास्टर धर्मपाल, सूबेदार हेमराज अत्री, रामकुमार थानेदार, ईश्वर सिंह, रामभज, करण सिंह, बाबूलाल, शेर सिंह, सीताराम, डॉ राम भक्त, प्रधान कृष्ण कुमार, इंस्पेक्टर सतनारायण , सूबेदार भोले राम ,वेद प्रकाश, रामकिशन, मुख्तार सिंह, रोशन लाल आर्य, ओम प्रकाश, प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच
व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: कट के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण।
छेड़छाड़ का मामला दर्ज,
-चाकू से किया वार
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव सीहोर से एक विवाहित महिला ने एक व्यक्ति के विरुद्ध छेड़छाड़ का मामला दर्ज करवाया है।
कनीना पुलिस में दी गई शिकायत में रानी/काल्पनिक नाम सीहोर की रहने वाली है और एक नवंबर को दोपहर बाद के उसके पति किसी काम से बाहर गए हुए थे तभी रविंद्र नामक व्यक्ति घर में घुस गया। गलत हरकत करने जिसका महिला ने विरोध किया तथा अपने पति को फोन करके घटना की जानकारी दी। ऐसा करने पर वह व्यक्ति गुस्से में आ गया और चाकू निकालकर चार-पांच बार वार किया और कहा कि मैं कहता हूं वैसा करो वरना तुम्हें खत्म कर दूंगा। चोट लगने के कारण महिला जोर-जोर से चिल्लाने लगी तभी पीडि़ता के पति आ गए और वह व्यक्ति मौके से फरार हो गया। जाते-जाते परिवार को खत्म करने की चेतावनी दे गया। पीडि़ता के पति ने 112 पर फोन किया,मौके पर पुलिस आई तथा उसे सरकारी अस्पताल ले गए जहां से उन्हें नारनौल रेफर कर दिया। पुलिस में मामला दर्ज कर लिया है। जांच जारी है।
दिन का तापमान बढऩे से किसान चिंतित
--फसल को हो रहा है नुकसान
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कनीना की आवाज। एक और जहां शरद पूर्णिमा का दिन जा चुका है वहीं सर्दी प्रारंभ हो गई है किंतु रात को न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच पाता है तथा दिन के समय बढ़कर 32 डिग्री पहुंच जाता है।
विगत दिनों से दिन का तापमान बढ़ रहा है जिसके कारण किसान चिंतित हो गए हैं। इस समय सरसों की फसल बिजाई की हुई है। सरसों की फसल को कम तापमान चाहिए वहीं किसान गेहूं की बिजाई में लग गए हैं। एक नवंबर से 10 नवंबर तक गेहूं की बिजाई की जाती है। गेहूं की फसल के लिए काम होना चाहिए किंतु अभी तक तापमान कम नहीं आया है। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि 28 डिग्री ताप पर गेहूं की पैदावार अच्छी होती है किंतु अभी तक तापमान बढ़ा हुआ है जिसके कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। एक और जहां सरसों की फसल को नुकसान होने का अंदेशा वहीं गेहूं की बिजाई भी प्रभावित हो सकती है।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, महेश कुमार आदि ने बताया कि गेहूं की बीजाई के लिए बुीज एवं खाद सुरक्षित रख रखा है जो तापमान कम आता है तुरंत गेहूं की बिजाई कर दी जाएगी। उल्लेखनीय कनीना क्षेत्र में सबसे अधिक सरसों की की बीजाई की संभावना है। सरसों 29 हजार हेक्टेयर से अधिक पर किये जाने की संभावना है वहीं गेहूं की बिजाई 10000 हेक्टेयर के होने की उम्मीद है। किसान चिंतित हैं पर मौसम पर उनका कोई जोर नहीं चलता है।
बूचावास स्कूल प्रांगण में स्थापित हुई मां सरस्वती की प्रतिमा
-बीइओ रहे मुख्य अतिथि
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बूचावास में मां सरस्वती प्रतिमा की स्थापना स्व बेगराज जांगिड़ की पुण्य स्मृति में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सावित्री देवी के सुपुत्र श्री सुनील कुमार ठेकेदार व सतीश कुमार प्रवक्ता इतिहास ने करवाई । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. विश्वेश्वर सिंह खंड शिक्षा अधिकारी कनीना रहें। दिलबाग सिंह खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कनीना विशिष्ट अतिथि रहे और स्वामी कृष्ण मनीषी वृंदावन और स्वामी विष्णु गिरी अति विशिष्ट अतिथि रहें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बृजेश प्राचार्य ने की डा. विश्वेश्वर शर्मा जी ने अपने हाथों से रिबन काटकर ज्ञान की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा का अनावरण किया और बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि शिक्षा ही के बिना मनुष्य शून्य है शिक्षा के द्वारा ही विद्यार्थी अपने परिवार के साथ-साथ समाज को गौरवान्वित करता है। आज आधुनिक युग में नवीनतम तकनीकी और उपचारात्मक शिक्षा आधारित पाठ्यक्रम से संबंधित होने वाले विभागीय क्रियाकलापों के माध्यम से आयोजित किए जाते है जिससे विद्यार्थी बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सकता है। विद्यालय में अपने निजी कोष से विद्यादायनी प्रतिमा की स्थापना विद्यालय करने के लिए आयोजन करता परिवार का धन्यवाद किया और बताया कि इन्होंने अच्छे संस्कार और परिवार का परिचय दिया की अवसर पर मनीषी कृष्णा वृंदावन ने अपने उद्बोधन में बच्चों को शिक्षा, संस्कार, अनुशासन,मानव सेवा -नारायण सेवा के प्रति प्रेरित किया विद्यालय की छात्रों के द्वारा सरस्वती वंदना और राधा -कृष्ण की झांकी प्रस्तुत की, जो पूरे कार्यक्रम का आकर्षित का केंद्र रही। जिसको सभी ने सराहा कार्यक्रम का संचालन वीरेंद्र सिंह जांगिड़ मौलिक मुख्याध्यापक ने किया पूरा कार्यक्रम रोचक ,दिव्य और भव्य रहा।
इस अवसर पर सतपाल यादव प्राचार्य, सतीश कुमार प्राचार्य ,शुभकरण मुख्य अध्यापक, रामकिशन सेठ, रवि छाबड़ा, विनोद शर्मा, कमल शर्मा, सूबे सिंह चौहान, सुक्ररामपाल, सुरेंद्र कुमार ,कृष्ण कुमार मुख्य शिक्षक, शर्मिला डीपीई ,प्रमिला,निर्मला संस्कृत प्रवक्ता, पूनम, नीलम मिश्रा, प्रवीण कुमार सरपंच, विजय कुमार , रामनिवास, अशोक कुमार शर्मा, नरेंद्र सैनी, सतेन्द्र, राधाकृष्णन,स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान एवं सम्मानित ग्रामीण जन मेहमान आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: बूचावास स्कूल में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हुए।
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