Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, November 20, 2023




 रोषित ग्रामीणों का धरना 253वें दिन रहा जारी
-कट बनवाकर ही दम लेंगे चाहे सहनी पड़े यातनाएं-विजय सिंह
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 253वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच हंस कुमार सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमें केंद्र सरकार का इंतजार करते हुए धरना स्थल पर बैठे 8 महीने 13 दिन हो गए हैं। धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों में उदासी का माहौल छाया हुआ है। बदलते मौसम के कारण कुछ पहले से बीमार चल रहे हैं और दूसरी बीमारी केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट शुरू न होने के कारण हो गई है। केंद्र सरकार धरना स्थल पर बैठे किसानों की पीड़ा को समझे और जल्दी से जल्दी राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट का काम शुरू करवाया जाए। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा हम धरना स्थल पर बैठे रहेंगे।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 253 दिन हो गए हैं परंतु अभी तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने धरने पर बैठे ग्रामीणों से बताया आपकी उदासी और नाराजगी जायज है। आप जो कष्ट झेल रहे हो उसका फायदा जरूर मिलेगा, मेहनत बेकार नहीं जाएगी, समय लग सकता है, लेकिन कट अवश्य बनेगा। हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए और हम बनवा कर ही रहेंगे चाहे हमें कितनी भी यातनाएं सहनी पड़े। हमने कट बनवाने के लिए कदम आगे बढ़ा लिए हैं, जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, हम धरना स्थल पर डटे रहेंगे।
 इस मौके पर  डॉ लक्ष्मण सिंह,  नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, करण सिंह, दाताराम, डॉक्टर राम भक्त, मास्टर विजयपाल, मुंशीराम, मास्टर विजय सिंह, भागमल, बाबूलाल,  पहलवान रणधीर सिंह, शेर सिंह, मास्टर विजयपाल , सूबेदार हेमराज,    रोशन लाल आर्य, थानेदार रामकुमार,  सीताराम,    सुरेंद्र सिंह ,ओम प्रकाश,  दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण ,  वेद प्रकाश, करतार सिंह, सुंदरलाल,पंडित संजय कुमार ,प्यारेलाल,  सूबे सिंह पंच, रामभज, मास्टर धर्मपाल  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 01: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।






बाबू राजेन्द्र को जिला कष्ट निवारण समिति का सदस्य बनाए जाने पर जताया आभार
-स्याणा के निवासी हैं राजेंद्र सिंह
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कनीना की आवाज। हाल ही में हरियाणा सरकार ने बाबू राजेन्द्र सिंह स्याणा निवासी को जिला महेन्द्रगढ़ जनसंपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के सदस्य मनोनीत किए जाने पर माननीय केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का सुरेन्द्र सिंह नम्बरदार, पूर्व सरपंच सुमेर सिंह, रोहतास प्रधान इंसाफ़ मंच,ललित नम्बरदार, विरेन्द्र सिंह पंचायत समिति सदस्य स्याणा,संजय सिंह पूर्व पंचायत समिति सदस्य, चंद्रकला पूर्व जिला पार्षद, सत्यवीर सिंह पूर्व सरपंच, धर्मवीर सिंह पूर्व प्राध्यापक पोता, सूरत सिंह प्रधान, ब्रह्मप्रकाश प्राचार्य, विनीत सरपंच सेहलंग, लीलाराम जिला पार्षद प्रतिनिधि,राम सिंह नम्बरदार , प्रवीण अत्रि बागोत,विनोद यादव युवा नेता, महेंद्र सिंह सरपंच भडफ, कृष्ण कुमार सरपंच ककराला, विजेन्द्र सरपंच इसराणा,पूर्ण सिंह परमार धनौन्दा, जसमेर कोच खेड़ी, वेदपाल खंड शिक्षा अधिकारी सिसोठ, रमेश बोहरा एडवोकेट, बाबू धर्मवीर झूक, गोधाराम सरपंच मालडा, संजयराव रिवासा,बाबू रंगराव, पवन यादव युवा कार्यकर्ता पालड़ी, बलवान पूर्व चेयरमैन मुंडिया खेड़ा, रमेश अहलावत उपाध्यक्ष पंचायत समिति कनीना, पूर्व चेयरमैन मार्केट कमेटी कुन्दन सिंह, पूर्व सरपंच सुधा यादव, वरिष्ठ साहित्यकार समशेर कोसलिया इत्यादि गणमान्य लोगों ने आभार जताया।
फोटो कैप्शन: बाबू राजेंद्र सिंह






विश्व नमस्कार दिवस- 21 नवंबर
अभिवादन का वर्तमान शब्द नमस्ते है -सतीश आर्य
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कनीना की आवाज। 21 नंबर को विश्व नमस्कार दिवस मनाया जाता है। इसे हेलो दिवस के नाम से जाना जाता है। इस एक शब्द के बोलने से ही एक दूसरे की पुरानी दुश्मनी खत्म हो जाती है और मित्रता को बढ़ावा मिलता है। वास्तव में हेलो एक सामान्य शब्द है। लगभग फोन पर पहला शब्द हेलो बोलते हैं लेकिन हेलो शब्द का प्रयोग 1973 में इजरायल और मिस्र के बीच लंबे समय चल रहे युद्ध के समाप्त होते ही शांति और मित्रता के लिए प्रयोग किया था।  जिस शब्द का पहले इस्तेमाल किया गया था वह हेलो था और उसी समय से विश्व हेलो दिवस मनाने की शुरुआत हो गई थी। युद्ध के दौरान हजारों सैनिक एवं नागरिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों में शांति स्थापना के लिए पहला शब्द हेलो प्रयोग किया गया था जो वर्तमान में नमस्ते का रूप ले चुका है। इस संबंध में विभिन्न आर्य समाज और  प्रबुद्ध जनों से बात की गई।
** नमस्ते शब्द प्रयोग करने से दिल के भाव पैदा होते हैं। दिल के किसी प्रकार की कटु भावना समाप्त हो जाती है। हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं तो यह एक्सरसाइज भी हाथों की हो जाती है जो मन और हाथ, मुंह, आंख सभी का प्रयोग करते हुए बेहतरीन प्रभाव छोड़ती है। नमस्ते अपने आप में एक पूर्ण शब्द है इसका उपयोग करने से शरीर पर बेहतर प्रभाव पड़ता है।
-- राव मोहर सिंह आर्य
नमस्ते करने से किसी का कुछ घटता नहीं परंतु यह पता चल जाता है कि नमस्ते करने वाले के मन में क्या भाव है। अगर नमस्ते का तरीका, हावभाव सब कुछ बता देता है। यदि हावभाव अच्छे हैं और चेहरे पर खुशी है तो नमस्ते सार्थक है। नमस्ते करने से मन के सभी तार प्रसन्नचित हो जाते और खुशी एक पल भी शरीर के लिए लाभ पहुंचती है। नमस्ते का उपयोग करना तन और मन दोनों के लिए जरूरी है।
-- बलवान आर्य,कनीना
नमस्ते एक व्यापक शब्द है। राम राम जी बोलते हैं उसका कोई विरोध तो नहीं है परंतु अधूरा शब्द है। इसकी बजाय जय राम जी की बोल दिया जाए तो एक पूर्ण शब्द बन जाता है। इसी प्रकार यदि हम नमस्ते बोलते हैं तो यह आपसी भाईचारे, एकता और खुशी का प्रतीक है। यदि छोटे बड़े को नमस्ते करता है तो बड़ा बदले में छोटे को नमस्ते करता है जिसके कारण दोनों के बीच कटुता चली आ रही है वह भी समाप्त हो जाती है। घर में यदि सुबह सवेरे उठकर नमस्ते की जाए तो रात भर से किसी प्रकार की मन में कड़वाहट को समाप्त हो जाती है। नमस्ते का सार्थक प्रभाव यह है कि एक दूसरे से परिचित हो जाते हैं और प्रसन्नता मन में घर कर जाती है जो प्रत्येक के लिए भी जरूरी है। एक प्रकार की व्यायाम भी हो जाता है और मन भी खुश हो जाता है।
--सतीश आर्य, रसूलपुर
फोटो कैप्शन: राव मोहर सिंह,बलवान आर्य तथा सतीश आर्य।








विश्व टीवी दिवस -21 नवंबर
80 के दशक में देखा था टीवी, रेडियों से होता था प्रेम
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कनीना की आवाज। यूं तो टेलीविजन/टीवी का आविष्कार ने 1942 में जेएल बेयर्ड ने कर दिया गया था लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में टीवी आते-आते लंबा समय लग गया। 1980 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों में टीवी इक्का-दुक्का मिलता था जो बाद में इस कदर फैला कि टीवी को आज भुलाते चले जा रहे हैं। आज टीवी की जगह हर जगह मोबाइल का युग आ गया है। कभी टीवी को महत्वपूर्ण समझा जाता था और लोग समाचार या चित्रहार देखने के लिए लंबी कतार में बैठे मिलते थे किंतु आज टीवी एवं रेडियो आदि कबाड़ का सामान बन गए हैं और उनके स्थान पर आधुनिक एलइडी और मोबाइल में ले लिया है। पुराने समय में जब श्वेत-श्याम टीवी चले थे तब के दर्शन आज भी उन दिनों को याद कर प्रसन्न हो जाते हैं। 21 नवंबर का दिवस के विषय में जब कई लोगों से चर्चा की गई तो उनके विचार अलग-अलग थे।
***1984 में जब हमने टीवी को देखा तो आश्चर्यचकित रह गए थे कि इस प्रकार के यंत्र भी खोज लिए गए हैं। उस समय चित्रहार देखने के लिए दूर दराज जाते थे, बाद में जहां वीसीपी एवं वीसीआर  आदि चले तब तो सिनेमा हाल की लगभग छुट्टी ही हो गई थी परंतु टीवी की क्रांति ने लोगों का जीवन ही बदल कर रख दिया। उसे समय ब्लैक एंड व्हाइट टीवी होते थे परंतु उनको देखने के लिए भी दूरदराज तक सफर करना पड़ता था और घंटों इंतजार करके तब कार्यक्रम देख पाते थे।
  --- रूप शर्मा, 63 वर्ष,कनीना
टीवी की क्रांति के चलते उन्होंने पहले श्वेत-श्याम टीवी देखें तत्पश्चात रंगीन टीवी देखें फिर एलसीडी देखते हुए आधुनिक एलइडी और वर्तमान में हम मोबाइल क्रांति देख रहे हैं। आने वाले समय में टेलीविजन को भुला दिया जाएगा। बेयर्ड जिन्होंने इसका आविष्कार किया उसकी कल्पना और सोच को भी इंसान द्वारा भुलाने में देर नहीं लगेगी। मोबाइल ने सब कुछ बदल दिया है। धीरे-धीरे लोग टीवी के को भुला रहे हैं और मोबाइल के आदि होते जा रहे हैं। जहां टीवी में निश्चित दूरी से देखते थे आंखें कम नुकसान पहुंचता था परंतु आजकल मोबाइल में जितनी नजदीकी से देखते इतनी आंखें कमजोर होती जा रही है। यह दुर्भाग्य है परंतु विज्ञान की क्रांति है।
-- देशराज 57 वर्षीय
टेलीविजन अपने जमाने में महान क्रांति लेकर आया था। कभी रेडियो का प्रचलन होता था वह जमाना भी हमने देखा। रेडियो सुनने के लिए आतुर होते थे। दूर दराज से रेडियो खरीद कर लाते थे परंतु जब से टीवी का आविष्कार हुआ और ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहुंचा तब रेडियो को भुलाना शुरू कर दिया और रेडियो कबाड़ की वस्तु बन गई।अब तो ब्लैक एंड व्हाइट टीवी कबाड़ की वस्तु बन चुकी है। कहीं श्वेत-श्याम टीवी शायद ही कहीं मिल जाए। परंतु उसे जमाने में इस ब्लैक एंड व्हाइट टीवी ने लोगों को के मनोरंजन में अहम भूमिका निभाई थी। आज मोबाइल में सब कुछ बदल कर रख दिया, कितने ही यंत्रों को की छुट्टी कर दी है। उन यंत्रों का आज मोबाइल के जरिए लाभ उठा रहे हैं।
-- रामनिवास, अधेड़,कोटिया निवासी
रंगीन टीवी को देखते हुए एलसीडी और एलईडी देखी है और आज भी एलईडी प्रयोग की जा रही है। पुराने वक्त के लोग आज भी एलईडी तक ही सीमित है। मोबाइल से दूर है किंतु हम ऐसे युग को देख रहे हैं जिसमें मोबाइल और एलइडी दोनों बरकरार है। आने वाले समय में एलईडी को भुला दिया जाएगा। वास्तव में मोबाइल की क्रांति में तो बच्चे, बूढ़े और हर वर्ग, हर लिंग के व्यक्तियों को प्रभावित ही नहीं किया अपितु बदल कर रख दिया है। ऐसे में टीवी आने वाले समय में कबाड़ की वस्तु बनकर रह जाएगी।
-- अजीत कुमार, युवा वर्ग
फोटो कैप्शन: अजीत कुमार, देशराज, रामनिवास और
फोटो कैप्शन अजीत कुमार देशराज रामनिवास और रूप शर्मा।







गांव उन्हानी में आयोजित कराई रस्साकशी प्रतियोगिता, नशा न करने के प्रति किया जागरूक
-उन्हाणी की टीम ने मारी बाजी
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कनीना की आवाज। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा उदय मुहिम के तहत पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के निर्देशानुसार नशे से दूर रहने हेतु पुलिस द्वारा एक विशेष अभियान की शुरुआत की हुई है। जिस अभियान के तहत पुलिस युवाओं को नशे से दूर रखने में खेल-कूद प्रतियोगिताएं तथा अन्य जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करके नशे से मुक्ति व युवाओं को खेलों को बढ़ावा देने के लिए जागरूक कर रही है।
आज इस अभियान के तहत पुलिस द्वारा थाना शहर कनीना क्षेत्र में गांव उन्हानी के युवाओं की टीम और हरियाणा पुलिस की टीम के बीच टग आफ वार प्रतियोगिता करवाई गई। रस्साकशी की प्रतियोगिता में गांव उन्हानी की टीम ने बाजी मारी, जीतने वाली टीम को थाना शहर कनीना प्रबंधक निरीक्षक कमलदीप के द्वारा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान थाना प्रबंधक ने युवा वर्ग को नशे की दुनिया से हटकर खेल व समाजिक कार्यों में योगदान करनें हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने में खेल-कूद प्रतियोगिताएं अहम भूमिका निभाती हैं। हमारी युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे, इसके लिए उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि स्वयं भी नशे से दूर रहें और अपने साथियों को भी नशे से दूर रखें। नशे से जुड़े किसी भी पदार्थ का उपयोग शौक के रूप में भी नहीं करना चाहिए। हमें जितना हो सके इससे दूर ही रहना चाहिए और ज्यादातर युवाओं को जागरूक करना चाहिए। अगर हमें एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है तो हमें हर प्रकार के नशे को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। नशा करने से परिवार में आर्थिक नुकसान होने के साथ उसके स्वास्थ्य पर भी गलत असर पड़ता है। नशे की लत इंसान को खोखला बनाती है। आज के युवाओं को नशे से दूर करने के लिए हमें समाज को जागरूक करने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम के दौरान गांव के सरपंच ने कहा कि वह समाज को नशा मुक्त बनाने में पूर्ण सहयोग देंगे। समाज को नशा मुक्त बनाने में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में हर एक व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है, तभी हम आने वाली पीढ़ी और समाज को नशे से बचा सकते हैं और आश्वासन दिया कि नशे के खिलाफ इस अभियान में वह पुलिस का हर संभव सहयोग करेंगे।
फोटो कैप्शन 05: उन्हाणी में रस्साकशी खेल का नजारा।







बेटियों के जन्म पर कुआं पूजन परंपरा को लगातार मिल रही हैं गति
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कनीना की आवाज। कैंपेन कल्पना के तहत बीएमडी फाउंडेशन द्वारा गांव रामबास में वैशाली की दूसरी नवजात बेटी भार्गवी के जन्मोत्सव पर कुआं पूजन के अवसर पर परिवार का सम्मान किया।    लक्की सीगड़ा, इन्द्रजीत शर्मा, एडवोकेट रेखा यादव, काउंसलर पिंकी यादव, एडवोकट बबली यादव,शशि बाला,रचना शर्मा,सुजाता शेखावत एवं इंद्रजीत यादव ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर नवजात बेटी के माता-पिता को प्रशस्ति-पत्र देकर परिवार के इस प्रयास की सराहना की। नवजात कन्या के पिता विनय और मां वैशाली ने कहा कि दूसरी बेटी के जन्म से परिवार में खुशी का माहौल है। बेटी के जन्म पर परिवार के सदस्यों ने कुआं पूजन की इच्छा जताई थी, जिसके पश्चात सभी रस्में निभाते हुए बेटी का कुआं पूजन सहित प्रतिभोज समारोह का आयोजन किया गया।
प्रतिनिधियों ने परिवार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा की लड़कियों के जन्म पर कुआं पूजन समाज में कायम बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाएगा। आज के समय में बेटियां लड़कों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। लड़कियों को भी हमें आगे बढऩे को प्रेरित करते हुए ऐसे आयोजन करने चाहिए। बेटा-बेटी के बीच भेद-भाव करने जैसी सोच नहीं रखनी चाहिए। कुआं पूजन समारोह बेटियों को सशक्त बनाने का एक सार्थक प्रयास है। गांव के लिंगानुपात में बीते वर्ष से अब तक काफी सुधार हुआ है। इस प्रकार के आयजनों से और भी सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है।
काउंसलर पिंकी यादव एवं एडवोकट बबली यादव ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व अपने बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षा प्रदान करने का भी आह्वान किया।
 इस अवसर पर दादी मुन्नी देवी, सत्या देवी, सावित्री देवी, दादा लालाराम,ताऊ हंसराज, अजय, ताई उर्मिला, सरोज, सुशीला, रामकला, सरोज, फूलबाई, ग्यारसी, काशवी, चन्द्रकान्त सहित क्षेत्र के सामाजिक एवं राजनैतिक परिवेश संबंधित अनेकों गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।
फोटो कैप्शन 04: बच्ची की मां को पुरस्कृत करते हुए फाउंडेशन के सदस्य।







गोपाष्टमी पर गौशालाओं में हुए कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। गोपाष्टमी के पर्व पर कनीना एवं आस पास गौशालाओं में कई कार्यक्रम संपन्न हुए। कहीं हवन आयोजित हुआ वहीं गायों की पूजा करके उन्हें मीठा चारा चराया गया।
  श्रीकृष्ण गौशाला कनीना, भोजावास में दिनभर गो सेवकों का तांता लगा रहा और गायों की सेवा की। इस मौके पर लोगों ने गायों के लिए विशेष मीठा भोजन बनाकर खिलाया। गौभक्त भगत सिंह ने कहा कि गायों की सेवा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। गायों की सेवा के चलते भगवान श्रीकृष्ण गोविंद नाम से जाना जाता है। गाय को माता का दर्जा दिया हुआ है और उसमें सभी देवता निवास करते हैं। गायों की सेवा करने से संताप नष्ट होते हैं वहीं जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर में कोई आपदा एवं गरीबी नहीं आती है। इस मौके पर दूर दराज से भक्तजन पहुंचे।
  गौशाला संचालक लालदास महाराज ने बताया  कि इंद्र का गर्व चूर करने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाए रखा था जिसके चलते इंद्र का गर्व आठवें दिन चूर चूर हो गया और वे भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आ गए थे। तभी से भगवान श्रीकृष्ण का नाम गोविंद पड़ा था। इस दिन भगवान की कामधेनु ने अपनी दुग्ध धारा से नहलाया था और भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की सेवा करने का वचन दिया था। तभी से यह पर्व चला आ रहा है।







थाना सदर कनीना की पुलिस टीमों व कमांडो के जवानों ने कनीना क्षेत्र में चलाया सर्च ऑपरेशन
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कनीना की आवाज। थाना सदर कनीना की पुलिस टीमों व कमांडो के जवानों ने कनीना क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए थाना सदर कनीना की पुलिस टीमों व कमांडो के जवानों ने सोमवार को कनीना के सेहलंग, धनौंदा और अगिहार में सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस ने यहां पर जाकर संदिग्ध स्थानों पर जांच की।
थाना सदर कनीना प्रबंधक निरीक्षक हरदेव सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर और अवैध गतिविधियों में संलिप्त को काबू करने के लिए यह सर्च अभियान चलाया। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के दिशा-निर्देश पर पुलिस की टीमें लगातार सर्च अभियान चला रही हैं और संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर रही है। सोमवार को अल सुबह जिला पुलिस द्वारा गठित थाना सदर कनीना और कमांडो की टीमों ने कनीना क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर काम्बिंग सर्च अभियान चलाया। इस दौरान धनौंदा और अगिहार के पावर प्लांटो में भी सुरक्षा की दृष्टि से सर्च अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस को किसी प्रकार की आपत्तिजनक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। जिला में अपराधो पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे।
पुलिस अधीक्षक ने जनता से अपील है करते हुए कहा कि अगर कोई नशीला पदार्थ बेचता है तो उसकी सूचना पुलिस को दें, पुलिस तुरंत एक्शन लेगी। उन्होंने कहा कि यदि आपके आसपास कोई भी असामाजिक तत्व संदिग्ध व्यक्ति या वाहन दिखाई दे या किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत संबंधित थाना या डायल 112 पर इसकी सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
फोटो कैप्शन 06: पुलिस कनीना सर्च आपरेशन करते हुए।






विश्व मत्स्य दिवस-21 नवंबर
-साफ पानी के जोहड़ों में पाली जा सकती है मछलियां-पिंकी यादव
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कनीना की आवाज। साफ पानी में मत्स्य पालन किया जा सकता है। अधिकांश गांवों में जोहड़ नहर के पानी से भरे जाते जो साफ माना जाता है। इससे न केवल रोजगार मिल सकता अपितु मत्स्य पालन करके जोहड़ों का सदुपयोग भी किया जा सकता है। ग्राम पंचायत और नगर पालिका इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कहने को तो कनीना में 6 जोहड़ है और अधिकांश जोहड़ों का पानी होलीवाला और कालरवाली जोहड़ में डाला जा रहा है किंतु कालरवाली जोहड़ का पानी इतना दूषित हो गया है कि इसमें शैवाल भरा हुआ है। कभी इसमें साफ पानी भरा होता था। होलीवाला जोहड़ भी साफ पानी का नहीं है। दोनों ही जोहड़ों में घरों से निकलने वाला गंदा पानी भरा हुआ है। यदि ये जोहड़ बारिश के पानी से भरे होते तो यहां मत्स्य पालन किया जा सकता था। कनीना में अगर नजर डालें तो संत शिरोमणि मोलडऩाथ जोहड़ पक्का है इसमें मत्स्य पालन किया जा सकता है और अच्छा रोजगार भी मिल सकता है। यही नहीं कनीना का सिरसवाला जोहड़ जो पक्का किया हुआ है इसमें भी मत्स्य पालन किया जा सकता है। मत्स्य की मांग कनीना क्षेत्र में भी बढ़ती जा रही है क्योंकि दूसरे राज्यों से भारी संख्या में लोग कनीना और आसपास गांवों में रह रहे हैं जो मछली को उपयोग करते हैं। ऐसे में भी मछली खरीद कर ले जाते हैं। कनीना और आसपास जितने भी मत्स्य पालन केंद्र है उनमें बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों की मांग सबसे अधिक देखने को मिलती है। मत्स्य पालन के लिए कनीनाा क्षेत्र में पहले भी प्रयास हुए थे। इस संबंध में  पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार से बात हुई।
** कनीना के सिरसवाला जोहड़ में मत्स्य पालन के लिए चर्चाएं चली थी। परंतु यह बात सिरे नहीं चढ़ पाई क्योंकि न पट्टे पर जोहड़ छोड़ा गया और न हीं बात को आगे बढ़ाया। मेरे कार्यकाल में यह चर्चा अवश्य चली थी और इस पर विचार भी हुआ था परंतु योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। इससे भी कालरवाली जोहड़ को भी पट्टे पर मछली पालन छोड़ जाना था जिसके लिए स्टार भी छपवाए गए किंतु मछली पालने वाला कोई भी व्यक्ति यहां हाजिर नहीं हुआ जिसके कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई थी। अब इन जोहड़ों में साफ पानी होने के कारण दो जोहड़ों में मत्स्य पालन किया जा सकता है। उधर मछली की मांग भी अधिक है।
--सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान
कनीना में लंबे समय तक मछली पालन कर रही पिंकी यादव से चर्चा की गई। गांव और शहरों के जोहड़ नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत के तहत आते हैं वहां पट्टे पर मछली पालन के लिए छोड़ सकते हैं। इसके लिए एक प्रस्ताव पारित करना होता है। मछलियां वैसे तो हर प्रकार के पानी में पाली जाती है। नहर का पानी जिन जोहड़ों में जाता है उनमें आसानी से मछली पाली जा सकती है। ऐसे में सिरसवाला जोहड़ जो नहर के पानी से भरा है वहीं मोलडऩाथ जोहड़ जो डीप बोर के पानी से भरा है, में मछली पालन किया जा सकता है। े मछली पालन के लिए पट्टे पर छोड़ी गई जगह के लिए बोली दाता आते हैं। जो बोलीदाता कम बोली पर जोहड़ छुड़वाते हैं उन्हें पट्टे पर नगर पालिका या ग्राम पंचायत जोहड़ छोड़ सकती है पांच साल के लिए कम से कम पट्टे पर छोडऩा जरूरी होता है। हरियाणा के किसी भी जिले से कोई मछली पालन करने वाला व्यक्ति जोहड़ पट्टे पर ले सकता है और मछली पालन करके लाभ प्रदान कर सकता है। मछली मछली की मांग दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
        --पिंकी यादव
मछलियां नए केवल खराब जल में अभी तो साफ जल में भी पाली जा सकती है जहां साफ जल में मछलियों के लिए दाना डालना पड़ेगा वही खराब जल में कुछ खाद्य पदार्थ मछलियों को जल से प्राप्त हो जाते हैं सरकार मत्स्य पालन पर अनुदान भी देती है जो महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग है मत्स्य पालन एक बेहतरीन कार्य है यदि मत्स्य पालन करना चाहे तो वह इसके लिए आवेदन भी कर सकता है मत्स्य पालन में जहां रोजगार भी मिल जाता है वह सरकार भी पूरी मदद करती है।
       --- वेदपाल जिला मत्स्य अधिकारी रेवाड़ी
 फोटो कैप्शन: पिंकी यादव, सतीश जेलदार तथा
03: कनीना का सिरसवाला जोहड़।






























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