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Saturday, November 4, 2023
पुलिस ने गांव पोता में कराया क्रिकेट मैच का आयोजन
--ग्रामीणों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी देकर किया जागरूक
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कनीना की आवाज। प्रदेश सरकार की हरियाणा उदय मुहिम के तहत पुलिस अधीक्षक नितिश अग्रवाल के कुशल मार्गदर्शन में आज शनिवार को गांव पोता, कनीना में जिला पुलिस की तरफ से क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। इस दौरान गांव के सरपंच ने पुलिस प्रशासन द्वारा जिले भर में चलाए जा रहे इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को नशे के दुष्प्रभावों बारे जागरूक करना है। सरपंच ने कहा कि हमें अपने बच्चों के ऊपर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव और उसके परिणामों की जानकारी देकर जागरूक करना जरूरी है ताकि बच्चे नशे से दूर रह पाएं।
पुलिस द्वारा जिले में हरियाणा उदय मुहिम के तहत नशा विरोधी अभियान चलाया हुआ है। जिसके तहत गांव पोता कनीना में पुलिस की तरफ से क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में थाना सदर कनीना प्रबंधक निरीक्षक हरदेव मौजूद रहे। इस दौरान एसआई हरीश, सरपंच हरिओम, हरिपदम, अमित, विकास व गांव के मौजीज व्यक्ति और क्रिकेट के खिलाड़ी मौजूद रहे। क्रिकेट मैच गांव की टीम और पुलिस की टीम के बीच हुआ, दोनों टीमों के बीच 8 ओवरों का मैच खेला गया, जिसमे गांव पोता की टीम ने जीत हासिल की। क्रिकेट मैच जीतने वाली टीम को मुख्य अतिथि व सरपंच के द्वारा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। मैन ऑफ द मैच रहे खिलाड़ी को भी ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। थाना सदर कनीना प्रबंधक के द्वारा ग्राम पंचायत पोता व गांव के सरपंच को मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर थाना प्रबंधक ने सरकार द्वारा नशे के खिलाफ चलाए गए अभियान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए युवाओं को जागरूक किया और लोगों से नशा बेचने वालों, नशे का व्यापार करने वालों और किसी भी अपराधिक घटना के बारे में पुलिस को सूचित करने की अपील की। उन्होंने युवाओं से भी अपील करते हुए कहा कि युवा नशे के दलदल से बच सकते हैं और देश व समाज के निर्माण में अहम योगदान दे सकते हैं। इसलिए वह नशे से दूर रहे और नशा न करें।
उन्होंने कहा प्रदेश सरकार की हरियाणा उदय मुहिम के तहत पोता कनीना में जिला पुलिस द्वारा खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस तरह के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आमजन का प्रशासन के प्रति तालमेल बना रहे। संप्रदायिक सद्भावना का उद्गम हो ताकि जिले में शांति व्यवस्था कायम रहे और लोगों में प्रेम भाव बना रहे। उन्होंने कहा खेल प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को खेल की तरफ जागरूक करना है और उन्हें नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रखना है। ताकि वह शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बन सकें। जिला पुलिस प्रशासन की तरफ से इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाते रहेंगे।
फोटो कैप्शन 07:लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस का अभियान।
सर्व भारतीय ब्राह्मण महासभा ने मनाया दीपावली मिलन समारोह
-विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा
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कनीना की आवाज। नेताजी सुभाष चंद्र बोस क्लब पार्क में सर्व भारतीय ब्राह्मण महासभा का दीपावली मिलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि अनुकूल शर्मा प्रदेश अध्यक्ष सर्व भारतीय ब्राह्मण सभा रहे व विशिष्ट अतिथि एसएन शर्मा, नेहा शर्मा, सरिता शर्मा व रूबी तिवारी रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन कमर्शियल वशिष्ठ ने किया। मुख्य अतिथि अनुकूल शर्मा ने उपस्थित जन समूह को दीपावली के शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि युवाओं को सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए। इस दौरान उन्होंने दहेज न लेने व न देने की शपथ भी दिलवाई। उप सचिव मनीष कौशिक ने कहा कि आज हमें जरूरत है कि समाज के युवा, नौजवान राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि सर्व भारतीय ब्राह्मण महासभा गांव गांव जाकर सभी ब्राह्मणों को जोड़ेगी जल्द ही सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्व भारतीय ब्राह्मण महासभा आमजन की समस्या उठायेगी।
नेहा शर्मा ने कहा त्योहार आपस में एक दूसरे से मेल-जोल और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का बेहतर जरिया है। इससे आपसी सामाजिक एकता मजबूत होती है। कार्यक्रम में पंकज भारद्वाज, मनीष कौशिक, गिरवर कौशिक, मनोज भारद्वाज, नागेंद्र शर्मा, सुरेश शर्मा, राजेश शर्मा, दिनेश शर्मा, अशोक शर्मा, रविंद्र कौशिक, रवि, अरुण दत्त, श्यामलाल, प्रतीक वशिष्ठ, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, राजेश, रविकांत शर्मा, नकुल शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: दीपावली मिलन समारोह में मुख्य अतिथि वशिष्ठ तिथि का सम्मान करते हुए स्थानीय कस्बावासी।
ग्रामीण क्षेत्रों में सिर चढ़कर बोलता है अहोई अष्टमी का पर्व
--चांदी की बनवाई जाती है अहोई
- माता पार्वती का ही रूप होती है अहोई
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कनीना की आवाज। कनीना के ग्रामीण क्षेत्रों में अहोई अष्टमी का त्योहार दिवाली से पहले मनाया जाता है। त्योहार दिवाली से एक सप्ताह पहले मनाया जाता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में सिर चढ़कर बोलता है। प्रत्येक घर में चांदी की बनी हुई अहोई होती है इसे माता पार्वती का ही रूप कहा जाता है। साथ में जितने परिवार के सदस्य होते हैं उतने चांदी के मनके भी धागों में पिरोये जाते हैं। सबसे पहले स्याऊ माता की फोटो चांदी की लगाई जाती है।
जिस घर में संतान दुख दर्द झेलती रही हो उस घर में तो जरूर नियम अनुसार स्याऊ का पूजन किया जाता है। माना जाता है कि माता सभी के दुख दर्द दूर कर देती है। स्याऊ की दीपावली पर्व से पहले पूजा की जाती है, कहानी सुनाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे कमोई का व्रत भी कहती है। दिन भर व्रत किया जाता है और रात को यह व्रत पूर्ण किया जाता है।
अहोई पूजन का क्या अर्थ है-
ग्रामीण क्षेत्र के लोग बताते हैं की अहोई का अर्थ है माता पार्वती। माता पार्वती सभी का पालन पोषण करती है। जिस प्रकार शिव भोले सभी का पालन पोषण करते हैं उसी प्रकार माता पार्वती को सभी परिवारों के बच्चे बहुत पसंद है और उनका पालन पोषण करती है। यही कारण है कि बच्चों के पालन पोषण के लिए, अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए महिलाएं दिनभर का व्रत करती है रात को व्रत पूर्ण करती हैं। अहोई हर घर में टंगी होती है जिसे आमतौर पर स्याऊ मात कहा जाता हैं। यह एक परिवार में एक बार ही बनवाई जाती है जो चांदी की बनी होती है। परिवार के जितने सदस्य होते हैं उतने ही स्याऊ माता के मनके लगे होते जो सभी चांदी के बनाए जाते हैं। परिवार में जब कोई सदस्य बढ़ जाता है तो उतने ही मनके और बढ़ा दिए जाते हैं। एक वक्त था जब संयुक्त परिवार होते थे उस समय स्याऊ माता बहुत लंबी चौड़ी होती थी परंतु धीरे-धीरे हम दो हमारे दो पर सिमट कर परिवार रह गए। इसलिए मनके अधिकतम चार ही पाए जाते हैं। अहोई अष्टमी के दिन पूजा करने वाली महिलाएं इस माला को अपने गले में पहनती और विधि विधान से पूजा करती है। पूजा करने के बाद फिर से उसी स्थान पर रख दिया जाता है जहां इसे से उठाया है।
ग्रामीण महिला संतरा, शकुंतला, नीलम देवी आदि ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्याऊ माता का व्रत एक प्रमुख पर्व है। इस दिन हर घर में यह पर्व मनाया जाता है, व्रत रखा जाता है, पूजा की जाती है और फिर स्याऊ माता को यथा स्थान पर रख दिया जाता है। स्याऊ माता सभी के हितकारी और मंगलकारी होती है। यदि परिवार का कोई सदस्य अलग हो जाता है तो उसकी स्याऊ माता अलग से बनवानी पड़ती है। जिसमें एक चौकोर आकृति की मां पार्वती की प्रतिमा लगी होती है। वही उसके ऊपर दो भागों में मनके लगे होते हैं या मनको को गिनकर पता लगाया जा सकता है कि इस परिवार में कितने सदस्य होंगे।
अक्सर इस दिन एक छोटी मटकी ली जाती है। जो इस दिन पूजा के काम में लाई जाती है। बाद में यह मटकी घर में प्रयोग की जाती है। इसमें पानी आदि प्रयोग करते हैं। पाना जाता है इसका पानी स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरानी समय इस पर्व के प्रति लगाव है। अपने पुत्र और बच्चों की दीर्घायु की कामना लेकर के माता पार्वती की पूजा की जाती है। वैसे तो स्याऊ माता के साथ-साथ बच्चों की चित्र बनवाने का भी प्रावधान है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक ध्यान मनके बनवाने पर दिया जाता है। इस दिन अष्टमी का व्रत कहा जाता है और पूजा करने के अलावा कहानी सुनाने का प्रावधान है।
कैसे की जाती इसकी पूजा-
पंडित सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि इसकी पूजा करने के लिए एक मटकी में पानी भर लिया जाता है। स्याऊ माता को साथ रखा जाता है। रोली, दूध, चावल आदि से माता की विधि विधान से पूजा की जाती है। यह कलश का पानी पवित्र माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन की खीर बनाई जाती है और गरीबों को खिलाई जाती है। अलग-अलग पकवान बनाने का रिवाज है।
फोटो कैप्शन 4: स्याऊ माता की एक तस्वीर।
वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के बीच 237वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना 237वं दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता डा रामभक्त स्वामी बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक धरना जारी रहेगा।
उन्होंने बताया कि धरने को चलते 237 दिन हो गए हैं। मौसम खराब है, प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, आंखों में जलन हो रही है,लेकिन किसानों ने पक्का इरादा बना रखा है कि हमें कुछ भी हो जाए, हम अपने मकसद से पीछे नहीं हटेंगे। हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन एवं संघर्ष समिति के सदस्य सरपंच हरिओम पोता ने बताया कि इस क्षेत्र में आने वाले 40-50 गांवों के लिए यह कट बहुत जरूरी है। एक जिम्मेवार नागरिक होने के नाते केंद्र सरकार को यह बताना चाहते हैं कि किसानों की मांग जायज है, लोगों को कट की जरूरत है, उसके बाद ही इस क्षेत्र का विकास हो सकता है।
संघर्ष समिति के सदस्य पहलवान धर्मपाल और ओमप्रकाश सेहलंग ने बताया कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर, धरातल पर क्या स्थिति है, उसकी जांच करनी चाहिए। महेंद्रगढ़ - बुचावास कट से चरखी दादरी - समसपुर कट के बीच की दूरी 35 किलोमीटर है। चंडीगढ़ और नारनौल जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी का इस्तेमाल किया जाता है, तब दूरी ज्यादा तय करनी होगी और समय भी ज्यादा लगेगा। केंद्र सरकार को किसानों की परेशानी को देखते हुए जल्द से जल्द कट का काम शुरू करना चाहिए।
इस मौके पर पहलवान रणधीर सिंह, नरेंद्र शास्त्री , मास्टर विजय सिंह, सत्य प्रकाश ,चेयरमैन सतपाल, बाबूलाल, पूर्व सरपंच हंस कुमार,राजेंद्र सिंह, संजय, सूबेदार हेमराज अत्रि, रामकुमार , ईश्वर सिंह, रामभज, शेर सिंह, सीताराम, प्रधान कृष्ण कुमार, इंस्पेक्टर सतनारायण , सूबेदार भोले राम , वेद प्रकाश, रामकिशन, मुख्तार सिंह, रोशन लाल आर्य, प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06: धरने पर बैठे ग्रामीण।
भव्य दिवाली मेले का आयोजन 5 को
-एसडी स्कूल ककराला का आयोजन
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कनीना की आवाज। विद्यालय ककराला में भव्य दिवाली मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विद्यार्थियों द्वारा 150 से अधिक स्टाल लगाई गई हैं जिसमें विभिन्न वस्तुओं की स्टाल जैसे कैलेंडर, फोटो, मिट्टी के बने दीये, कपड़े, खिलौने, पुस्तकेंए सजावट का सामान, खाद्य सामग्री, मिठाइयां, सॉफ्ट ड्रिंक्स, हाथ से बने रुमाल, पायदान, कैंडल स्टैंड, पेपर कलश अन्य उपयोगी सामान आदि सम्मिलित किए गयेे हैं।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि विश्व भर में जो तीव्र गति से बदलाव हो रहे हैं आप भी उनसे परिचित हैं। नई शिक्षा नीति में पूरी तरह से तकनीकी पर फोकस किया गया है जो स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी हमें प्रेरित करती है। प्रतियोगिता के इस दौर में एक विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ.साथ अन्य क्षेत्र में भी कुशल होना अति आवश्यक है। परोपकार व दूसरों की परेशानी को अनुभव करना जैसे गुणों को विकसित होना जरूरी है। समय में तेजी से होने वाले परिवर्तन अनुसार बच्चों के सफल जीवन के लिए चिंतन करना उन्हें सन्मार्ग पर बनाए रखना व भविष्य की संभावनाओं व चुनौतियां अनुसार तैयार करना माता.पिता एवं विद्यालय का प्रथम कर्तव्य हैं। वर्तमान समय में बच्चे सामाजिक घटनाओंए प्राचीन कहानियां पारिवारिक पृष्ठभूमि की समझ आदि से अनभिज्ञ रह जाते हैं। कुछ अभिभावक बच्चों को घर की छोटी.छोटी जिम्मेदारियां न देकर केवल पढ़ाई का दबाव बनाते हैं जिससे उनके कौशल विकास मे कमी आती है व बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुपात में संगठित क्षेत्र में नौकरी के अवसरों में दिन प्रतिदिन कमी आ रही है। भारत में सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या लगभग 2 प्रतिशत ही है। इसलिए प्रतियोगिता के इस दौर में एक विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य क्षेत्र में भी कुशल होना अति आवश्यक है। विद्यालय में मंच के माध्यम से बार.बार बच्चों को घरेलू कार्य में माता.पिता का सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है व अभिभावकों से भी अनुरोध है कि बच्चों को छोटे.छोटे कार्यों की जिम्मेदारी दें।
नहीं रहे पूर्व मुख्याध्यापक राव भगवान सिंह
-गुढ़ा में किया गया अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव गुढ़ा निवासी एवं शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वाले राव भगवान सिंह का निधन हो गया। वे करीब 81 वर्ष के थे। वे राजकीय विद्यालय ककराला से बतौर मुख्य अध्यापक पद से 2004 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनका पैतृक गांव मेघनवास है तथा वे अपने परिवार में छह भाई होते थे। आज के दिन सभी भाइयों की मौत हो चुकी है। जिनमें से दो भाई सेना में, एक गुजरात पुलिस, एक सीआरपी तथा एक जमींदार थे। अंतिम भाई का भगवान सिंह भी अब मौत हो गई है। 1942 के में मेघनवास में जन्मे भगवान सिंह ने हर क्षेत्र में नाम कमाया है। पूर्व मंत्री राव बंशी सिंह के बहुत करीबी रहे भगवान सिंह अपने पीछे तीन पुत्र,पत्नी, पौत्र एवं पौत्रों सहित भरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका एक पुत्र पवनवीर भडफ़ स्कूल कार्यरत है वहीं दूसरा पुत्र रविंद्र डॉक्टर है तथा तीसरा पुत्र जयपाल डेरी के नाम से विख्यात है। उनकी एक पोती एमबीबीएस कर रही है तथा एक पुत्रवधू कॉलेज कनीना में प्रोफेसर है। उनके चार पोते और दो पोतिया हैं। उनकी पत्नी संतरा देवी आज भी स्वस्थ है। राव भगवान सिंह संयुक्त पंजाब के समय फुटबाल के अग्रणी खिलाड़ी रहे हैं। कालेज के दौरान भी अन्तर विश्वविद्यालय फुटबाल खेलों में कालेज का प्रतिनिधित्व किया है।
मेघनावास से संबंध रखने वाले सूबेदार करण सिंह, कप्तान महावीर सिंह, डीएसपी जगदीश, बाबूलाल प्रधान एवं राजकुमार मुख्य अध्यापक ने बताया कि राव भगवान सिंह मेघवनवास गांव के प्रथम शिक्षक लगे थे, तत्पश्चात प्रथम प्रथम ही प्राध्यापक एवं प्रथम मुख्याध्यापक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी एक पुत्रवधू नीतू राष्ट्रपति से सम्मानित है। दूरदराज तक पुत्र जयपाल की डेरी प्रसिद्ध है। अति सौम्य प्रकृति तथा सीधी बात को रखाने वाले राव भगवान सिंह का दूर दराज तक नाम रहा है। कितने ही अध्यापकों को उन्होंने अपनी प्रयास से सेवा में तथा एनसीसी दिलवाने में अहं भूमिका निभाई। वह करीब 30 साल तक शिक्षा विभाग से जुड़े रहे। कनीना में लंबे समय तक प्राध्यापक बतौर रहे हैं। वे गौशाला, गरीब एवं दीन दुखियों के लिए अपनी पेंशन का अधिक भाग दान दे देते थे। गुढ़ा गांव में उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया। उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्रि उनके बड़े पुत्र पवनवीर ने दी।
उनके अंतिम संस्कार में प्राचार्य रमन शास्त्री,अभय राम यादव यादव सभा प्रधान, संजय रिवासा,कंवर सिंह खातोद चेयरमैन, कंवर सिंह कनीना,विजय चेयरमैन, राजेंद्र सिंह लोढ़ा, अशोक ठेकेदार, रोशनलाल यादव,डा दयाराम, महेंद्रगढ सिंह एडवोकेट, पूर्व सरपंच बलवंत सरपंच, धर्मपाल पूर्व सरपंच, देवेंद्र यादव, वीरेंद्र कैमला, सूबेदार कर्ण सिंह, कप्तान महाबीर सिंह, डीएसपी जगदीश, बाबूलाल प्रधान, नरेश अध्यापक, रमेश चेयरमैन ,राजू पंच आदि भारी संख्या में गणमान्य जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: राव भगवान सिंह फाइल फोटो
अगिहार स्कूल में चला सफाई अभियान
-कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों ने लिया भाग
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार के प्रांगण में शनिवार को स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमें विद्यालय के कमरों तथा प्रांगण की सफाई की गई। इस स्वच्छता अभियान में कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने विद्यार्थियों को सफाई के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि स्वच्छता ईश्वर की भक्ति से भी बढ़कर है हमें अपने घर व स्कूल को ही नहीं अपितु आसपास के प्रांगण को तथा गलियों को भी साफ रखना चाहिए ताकि मच्छर, मक्खी जैसे बीमारियां फैलाने वाले जीव न पनपे तथा हम स्वस्थ जीवन यापन कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे बदलते हुए मौसम में अपने स्वास्थ्य का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें। इस स्वच्छता अभियान में विद्यालय के प्रवक्ता अजय बंसल प्रवक्ता गणित, निशा प्रवक्ता भूगोल, राजेंद्र कटारिया प्रवक्ता इतिहास, पूनम कुमारी, शशि कुमारी, रतनलाल, मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, चंद्रशेखर सहित सभी अध्यापकों ने योगदान दिया।
फोटो कैप्शन 05: सफाई अभियान चलाते छोटे बच्चे।
यूरो स्कूल में हुआ वाल हैंगिंग व साफ्ट बोर्ड डेकोरेशन प्रतियोगिता का आयोजन
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में अपने बेहतर परिणाम के लिए जाना जाता है। यह स्कूल शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ कराता रहता है। आज कक्षा तीन से कक्षा पाचँवीं तक वॉल हंैगिंग व तोरण वंदनवार और कक्षा छठी से आठवीं तक सॉफ्ट बोर्ड डेकोरेशन का आयोजन किया गया। इन दोनों प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने अपनी कौशल कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। बच्चों ने सुंदर-सुंदर व रंग बिरंगी वॉल हैंगिंग व तोरण वंदनवार बनाकर सभी को मंत्र-मुग्ध किया। इसी कड़ी में कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने अपनी कला कौशन से कक्षा के साफ्ट बोर्ड को अपनी उत्कृष्ट कला से सज्जित कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। इस शुभावसर पर प्रधानाचार्य सुनील यादव ने विजेताओं को बधाई दी और पुरस्कृत कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि आज के इस वैज्ञानिक युग में अच्छी शिक्षा के साथ-साथ हमें अपनी संस्कृति का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है। अगर हम अपनी संस्कृति से जुड़े रहेंगे तभी हम अपनी जड़ों को मजबूत कर सकेंगे। प्रधानाचार्य जी ने इस प्रतियोगिता को सफल बनाने का श्रेय कोर्डिनेटर संजू यादव, तनू गुप्ता व गतिविधि प्रभारी रितु तंवर को दिया और साथ ही सभी अध्यापकों का आभार व्यक्त किया।
फोटो साथ है।
भारी मात्रा में पटाखे पकड़े, मामला दर्ज
-दीपावली पर बेचे जाने थे
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कनीना की आवाज। दीपावली का त्योहार करीब है ऐसे में पटाखों का कारोबार करने वाले चोरी-छिपे पटाखे एकत्र कर बेचने में जुट गए हैं। कनीना पुलिस ने कनीना स्थित एक मकान में गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर पटाखे बरामद किए हैं। पटाखों का अवैध भंडार करने के आरोपित के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कनीना शहर थाना की पुलिस को टीम को मुखबिर खास से कनीना में दुकान के ऊपर रिहायशी मकान में अवैध तौर पर पटाखे रखे जाने की गुप्त सुचना मिली। जिस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बतलाए हुए स्थान पर रेड की, इस दौरान दुकान पर खड़ा व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर वहां से भाग गया। दुकान के ऊपर मकान को चेक करने पर मकान में बने एक कमरे में प्लास्टिक के कट्टे में रखे विस्फोटक पटाखे बरामद हुए।
मिली जानकारी अनुसार एक सफेद प्लास्टिक के कट्टे में 30 पैकेट ग्राउंड के चक्कर मुर्गा छाप, आठ पैकेट लियोपार्ड किंग, 5 पैकेट रॉकेट मुर्गा छाप, 6 पैकेट रॉकेट बम युवा मार्का, दो पैकेट टिकड़ी राजा मार्का, 14 पैकेट फुलझड़ी, दो पैकेट ओरिजिनल पॉप माका मिकी माउर्स, तीन पैकेट वोल्कानो बम, सात पैकेट मिनी बुलेट बम तथा 50 पैकेट डक छाप पटाखा बरामद किये।पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत दुकानदार के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
फोटो कैप्शन 02: पटाखों के साथ पटाखे बेचने वाला।
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