Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, November 27, 2023



 


नवंबर 2022 की चुनावी तैनाती का पारिश्रमिक पाने का कर रहे हैं शिक्षक इंतजार
-एक वर्ष बीत जाने पर भी नहीं मिला है पारिश्रमिक
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कनीना की आवाज। एक और जहां नवंबर 2022 के पंचायती चुनावों में शिक्षा विभाग के लगभग सभी शिक्षकों को चुनावी तैनाती में लिया गया था किंतु शिक्षकों को पंचायत चुनाव में पारिश्रमिक नकद न दिए जाने का भारी रोष पनपा था और आज तक पारिश्रमिक दिये जाने का इंतजार है। शिक्षकों का कहना है कि नवंबर 2022 से पहले भी मतगणना तथा अन्य तैनातियों  का पारिश्रमिक भी अभी तक नहीं मिला है। नवंबर 2022 के चुनावों में पारिश्रमिक देने के लिए महज पेई कोड लिया गया था जिससे पारिश्रमिक मिलना उन्हें कठिन नजर आ रहा है क्योंकि ओ एवं शून्य आपस में मिलते हैं वहीं कई पीठासीन अधिकारियों ने पारिश्रमिक फार्म में आधी अधूरी जानकारी दी हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी शिक्षकों को अविलंब पारिश्रमिक भिजवाने सुनिश्चित किया जाए। वैसे भी नवंबर 2022 में दीपावली के दिनों में तथा अवकाश के दिनों में रिहर्सल एवं चुनाव पूर्ण करवाये गये थे। शिक्षक पूरी पूरी रात चुनावी तैनाती में लगे रहे यहां तक की सामान जमा करवाते समय भी पूरी रात कागज कार्रवाई करते रहे परंतु उन्हें पारिश्रमिक बतौर पीठासीन अधिकारी को खाने के नाम पर 350 रुपये तथा अन्य को 250 रुपये प्रतिदिन के दिये गये हैं जिनमें से प्रतिदिन का किराया भी एक सौ रुपये तक खर्चा आया था।  एक और मजदूरों को भी प्रतिदिन के 600 रुपये के हिसाब से मजदूरी दी जाती है किंतु चुनावी तैनाती जो सबसे कठिन कार्य होता है उसके लिए पारिश्रमिक 2000 रुपये प्रतिदिन दिया जाना चाहिए। परंतु पारिश्रमिक भी समय पर नहीं दिया जाता। अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा, अध्यापक नेता सुनील कुमार, अध्यापक नेता निर्मल आदि ने इस संबंध में चुनाव आयोग से प्रार्थना की है कि अविलंब पारिश्रमिक सभी शिक्षकों को स्कूलों में जाकर प्रदान किया जाए।


27 नवंबर गीता प्रश्रोत्तरी के संभावित उत्तर देखे यहां

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27 नवंबर 2023 गीता प्रश्नोत्तरी के संभावित उत्तर निम्र हैं--
1- सी , 2- ए , 3- बी , 4- डी,  5- बी
1. आज भी इस प्रतियोगिता में जुड़ सकते हैं। इसके लिए कोई पैसा नहीं लगेगा।
2. नीचे दिये गये लिंक को क्लिक करें। लाल रंग में रजिस्टर लिखा है उसे क्लिक करें।                            रजिस्ट्रेशन के लिए निम्न को क्लिक करें                                                     http://igmquiz.in/
3. पांच कालम आएंगे। विद्यार्थी/पब्लिक में से एक चुने, गांव का नाम, विद्यार्थी का नाम, अपने फोन नंबर भरे।
4. सबसे महत्वपूर्ण कालम मोटिवेटर का है जिसमें मेरे फोन नंबर 9416348400 भरें।
5. हरियाणा में मेरा नंबर 15 पर चल रहा है। अगर आप अधिक से अधिक रजिस्ट्रेशन करवाओगे तो हो सकता है प्रदेशभर में टाप-10 में आ जाऊं जिससे अपने क्षेत्र एवं जिले का नाम होगा।
6: मोटिवेटर में मेरा नंबर 9416348400 भरकर सहयोग करें।
7.  27 नवंबर 2027 के प्रश्नोत्तरी के संभावित उत्तर निम्र हैं--
 1- सी , 2- ए , 3- बी , 4- डी,  5- बी
इन उत्तरों को जांचकर भरें। रात 12 बजे तक कितनी बार उत्तर बदल सकते हैं।
धन्यवाद,
डा होशियार सिंह, कनीना खास
9416348400.               

  रजिस्ट्रेशन के लिए निम्न लिंक क्लिक करें
http://igmquiz.in/
Motivator 9416348400


न खुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम
-अभी तब न तो बन पाया सड़क मार्ग और न हीं रहा बेहतर दर्जे का भूमिगत जल
-मुद्दा कनीना मंडी की रामपुरी नहर का
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी से गुजरने वाली रामपुरी नहर को भूमिगत करने के बाद अब दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। रेवाड़ी एवं अटेली सड़क मार्गों को आपस में जोडऩे के लिए मिनी बाइपास की मांग थी जिस पर काम हुआ किंतु न तो बाइपास बन पाया और न भूमिगत जल बेहतर रह पाया है। करीब 2 वर्ष पहले कनीना मंडी में पुलिस स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच पर भूमिगत जल का टीडीएस 450 होता था जो अब नहर के भूमिगत होने से और पाइपों से नहर का पानी गुजारने से टीडीएस 1200 तक पहुंच गया है। जब 2 साल पहले नहर को भूमिगत करने की बात चली तभी से आने वाली समस्या के बारे में लोग जागरूक थे। नहर को भूमिगत करने का विरोध भी जमकर चला, एक बार नहीं अपितु दो बार विरोध हुआ, काम भी बंद हुआ किंतु आखिरकार नहर को भूमिगत कर ही दिया गया। परिणाम अब सामने आने लगे हैं।
 उल्लेखनीय है कि अटेली सड़क मार्ग से रेवाड़ी सड़क मार्ग के बीच गुजरने वाली रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटरी को भूमिगत करके चौड़े पाइपों से पानी गुजारने की योजना बनाई ताकि भूमिगत की हुई नहर के दोनों तरफ सड़क मार्ग बनाया जा सके। करीब दो किमी दूरी की यह नहर कनीना मंडी एवं आस पास के लोगों के घरों के पास से गुजर रही है। नहर को भूमिगत करने की शुरुआत होते ही अनेक कारणों से लोगों ने विरोध किया। कुछ नेताओं ने विरोध किया, दो बार काम बंद भी हुआ किंतु जैसे तैसे नहर को भूमिगत कर दिया गया। उस वक्त पूर्व सीपीएस अनीता यादव, पंकज एडवोकेट सहित विभिन्न लोगों ने भूमिगत की जा रही नहर पर जाकर इसको भूमिगत करने का विरोध किया गया था, कारण चाहे कुछ भी हो किंतु कनीना मंडी के लोग आने वाली समस्या को पहले ही भाप गए थे कि अब भूमिगत जलस्तर और गहरा भी होगा तथा भूमिगत जल पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। महज 2 साल बीते हैं किंतु जल के टीडीएस में भारी बदलाव आ गया है।
***दो साल पहले कनीना पुलिस स्टेशन से रेलवे स्टेशन के बीच भूमिगत जल का टीडीएस 450 से 500 होता था जो पानी पीने योग्य मान लेते थे क्योंकि नहरी पानी का रिसाव होकर भूमिगत जल में जा रहा था जिससे भूमिगत जल का टीडीएस सही था परंतु जब नहर को भूमिगत करके चौड़े पाइपों से ले जाया गया है तब से टीडीएस में लगातार बदलाव होता जा रहा है।  अब टीडीएस नहर के आसपास जहां अभी भी 800 है किंतु रेलवे स्टेशन की ओर जाते हैं तो बढ़कर 1200 पहुंच चुका है। आने वाले समय में एटीडीएस और भी बढऩे की संभावना है जिसके चलते अब कनीना मंडीवासी परेशान होने लगे हैं।
   ---अशोक कुमार टीडीएस पर लंबा अनुभव
नहर को भूमिगत करके कोई लाभ नहीं मिला है। न तो सड़क निर्माण हो पाया है और न हीं कनीना मंडीवासियों को बेहतर पानी मिल रहा है क्योंकि अधिकांश लोगों ने अपने घरों में बोर किया हुआ है। उसका पानी का स्वाद बिगडऩे से बार-बार टीडीएस चेक करवा रहे हैं और लोग आरओ लगवाने लगे हैं।
---रवि कुमार ग्रामीण
 जब से नहर को भूमिगत करके पाइपों से गुजारा है तभी से कनीना क्षेत्र के कुछ क्षेत्र में जल का टीडीएस लगातार बढ़ रहा है जिसके पीछे नहर के पानी का रिसाव न होना है। जब तक नहरी पानी रिसाव हो रहा था तब तक पानी का स्वाद अच्छा था अब धीरे-धीरे पानी का स्वाद बिगडऩे लगा है। पानी भी गहराने लगा है।
---भीम सिंह समाजसेवी
 बड़ा विश्वास था कि जल्द ही भूमिगत की हुई नहर के दोनों तरफ से सड़क मार्ग बना दिया जाएगा जो बाईपास का काम भी करेगा और आवागमन में कम से कम छोटा हो जाएगा। अब पानी का टीडीएस तो बिगड़ा ही किंतु रास्ता भी छोटा नहीं हुआ। दोनों ही चीजें नसीब नहीं हुई है। नहर को भूमिगत कर दिया गया किंतु दो सालों में भी नहर के दोनों ओर सड़क नहीं बन पाई है।
  ---मुकेश नंबरदार
 उधर इरिगेशन विभाग की माने तो हर वर्ष एक से डेढ़ मीटर भूमिगत जल गहरा हो जाता है। आने वाले समय में कुछ और गहरा हो सकता है।
फोटो कैप्शन 07: उबड़ खाबड़ बना नहर का सड़क मार्ग
फोटो कैप्शन 08: भूमिगत की गई नहर दिखाता हुआ जन।
साथ में अशोक कुमार, रवि कुमार, भीम सिंह, मुकेश नंबरदार







दिनभर चला देवदीवाली का पर्व
-गुरु नानकदेव को भी याद किया
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कनीना की आवाज।  कनीना क्षेत्र में देव दीवाली का पर्व विभिन्न गांवों में श्रद्धा एवं भक्ति से मनाया गया। इस मौके पर मंदिरों में पूजा अर्चना चली तथा एक माह से चला आ रहा कार्तिक स्नान पूर्ण हो गया। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। गुरु नानक देव को भी याद किया।
भगवान से डर कर कार्य करने वालों को कभी पश्चात नहीं करना पड़ता है क्योंकि जो भगवान से डरता है वह हमेशा शुभ कर्म ही करता है। ये विचार लालदास महाराज ने गंगा पर्व व पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित एक यज्ञ के उपरांत व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि शुभ कार्य का फल हमेशा शुभ ही मिलता है इसलिए शुभ कर्म ही करने चाहिए। संत ने कहा कि देवदीवाली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है जो यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मनाया जाता है। यह काशी शहर में दीपावली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि देवदीवाली की परम्परा पंचगंगा घाट 1915 मे हजारों दीये जलाकर की गयी थी। माना जाता है कि देवता भी इस उत्सव में भाग लेते हैं। दीये जलाकर शहर जगमग हो उठता है जैसे काशी में पूरी आकाश गंगा ही उतर आयी हों।  
 संत लालदास ने बताया कि तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया और त्रिपुरारि कहलाये। इससे प्रसन्न देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देवदीवाली मनायी जाने लगी। इस दिन सभी देवताओं ने काशी में प्रवेश कर दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। देवदीवाली एक दिव्य त्योहार है। धनौंदा आश्रम में भी देव दीवाली पर यज्ञ एवं प्रवचन किये गये।
फोटो कैप्शन 05: देव दीवाली पर्व पर धनौंदा में भंडारा लगाते।






कनीना क्षेत्र में हुई 10 एमएम वर्षा
-दस नवंबर को हुई थी 5 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सोमवार की शाम 10 एमएम वर्षा हुई। नौ नवंबर की रात को भी बूंदाबांदी होती रही है। दस नवंबर को 5 एम एम वर्षा हुई। इस समय सरसों एवं गेहूं की फसल खड़ी हुई है जिसको लाभ होने का अंदेशा बन गया है।
 कनीना क्षेत्र में करीब 20000 एकड़ पर सरसों उगाई गई है और इस समय बारिश होना अति लाभप्रद माना जा रहा है तथा किसान सरसों की सिंचाई कर रहे हैं। क्योंकि किसान वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इस वक्त गेहूं  की फसल को उगाये 15 दिन के करीब हो गये हैं। इस समय वर्षा गेहूं की फसल के लिए भी लाभप्रद साबित होगी क्योंकि एक और जहां प्रदूषण बढ़ गया था जिससे राहत मिलेगी वहीं खड़ी सरसों की फसल को भी लाभ होगा। किसान प्रसन्नचित नजर आ रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक भी इस बारिश को फसल के लिए अच्छा रहे हैं। क्षेत्र मेें दो एमएम वर्षा हुई तथा समाचार लिखे जाने तक आकाश में घने बादल छाए हुए थे। सर्दियों में अधिक वर्षा अक्सर नहीं होती। यही कारण है कि दो एमएम वर्षा अच्छी बारिश मानी जा रही है।
किसान सूबे सिंह, रवि कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि यह वर्षा फसलों के लिए फायदा करेगी। किसान कुछ और वर्षा होने का इंतजार कर रहे हैं। सरसों की फसल पर आब आ गई है।
फोटो कैप्शन 06: कनीना क्षेत्र में वर्षा होने का नजारा।






संतों की शरण में जाने के बाद सभी दुखों से मिल जाता है छुटकारा-देव
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कनीना की आवाज। परमपिता का सहारा लेने के बाद कोई और सहारा लेने की आवश्यकता ही नहीं रह जाती। इसलिए मानव को भगवान के सच्चे सहारे के समीप रहकर जीवन में आगे बढऩा चाहिए। ये विचार संत अनुराग देव महाराज ने ब्रह्मचारी कृष्णानंद धाम पर एक विशाल यज्ञ के उपरांत संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा आज का दिन गंगा स्नान का दिन है और अच्छे तीर्थ स्थलों पर जाने से मानव के दुख तकलीफ दूर हो जाते हैं। इसलिए तपस्वी संत स्वामी कृष्णानंद महाराज की तप स्थली पर जो आज यज्ञ किया है इसका फल हजारों गुना फालतू होकर भक्तों को मिलेगा।
 उन्होंने कहा कि संतों की तप स्थली में जाने के बाद कोई तर्थ करने की जरूरत  नहीं रह जाती है। इसलिए हमें संतों के आश्रमों में जाकर अपने दुख और तकलीफों को मिटाना चाहिए। कृष्णानंद  महाराज एक महान विद्वान थे जो स्थूल शरीर से तो अवश्य ही हमसे दूर हो गए लेकिन आत्मा रूपी सूक्ष्म  शरीर से हमारे साथ है और सदा ही साथ रहेंगे। आज यज्ञमान गिरदावर उमेद सिंह जाखड़ व उनकी धर्मपत्नी माया देवी रहे।
 इस अवसर पर भूपेंद्र सिंह यादव, सुरेश प्रधान,अनूप सिहाग पटवारी, राजेश पटवारी, विजेंद्र ढिल्लो, महावीर पहलवान,  कर्मवीर सिंह, विजय कुमार आर्य, फतेहचंद दायमा, डा. आनंद सिंघल रवि कुमार शर्मा, राबिन शर्मा, सत्येंद्र यादव, सुरेंद्र, डा.सत्येंद्र यादव रेवाड़ी के अलावा अन्य ग्रामीण लोग उपस्थित थे।
फोटो केप्शन 03: धनौंदा में यज्ञ करते अनुराग देव महाराज।





जनशक्ति विकास संगठन ने फूलों की पौध की तैयार
-मुफ्त वितरण की तैयारी
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कनीना की आवाज। जनशक्ति विकास संगठन कनीना द्वारा फूलदार पौधे निशुल्क वितरण की तैयारी शुरू कर दी है।  संगठन द्वारा दिसंबर माह में वितरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। गत वर्ष भी संगठन द्वारा फूलदार पौधे वितरण  किए थे।
संगठन के अध्यक्ष दीपक ने बताया कि इस समय उप मंडल कनीना और गांव मुंडिया खेड़ा के पावर हाउस में फूलदार पौधों की पौध तैयार करने के बीज लगाए जा चुके है। इस कार्य में डॉ. रामजीलाल और जेई विकास कुमार का अहम योगदान रहा। फूलदार पौधों में 18 प्रकार के कासमास, स्वीट विलियम ,गजानिया ,आइस , पणजी  पीटुनिया ,फ्लॉकस  डायनथस  और कैंडुला आदि सुंदर एवं मोहक फूलों के पौधे हैं। पिछले वर्ष फूलों की पौध तैयार की थी और निशुल्क वितरित की गई थी। अबकी बार संस्था द्वारा यह कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है। पौध पूरे जिले में निशुल्क वितरण की जाएगी। कोई भी व्यक्ति, सरकारी संस्था और गैर सरकारी संस्था उनकी नर्सरी से पौधे लेकर उनकी देखभाल की पूर्ण  जिम्मेदारी के साथ लगा सकती है। पौधे वितरण से पूर्व पौधे लेने वाले को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि नियमित रूप से पौधों की देखरेख एवं रखरखाव हो सके। इस मौके पर जनशक्ति विकास संगठन के सुधीर , अनुज, अशोक, सुनील मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: पौध तैयार करते हुए संगठन सदस्य।






साल्हावास की टीम रही प्रथम
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कनीना की आवाज। जिला के अगिहार गांव में बाबा भैया क्लब के तत्वावधान में दो दिवसीय नेशनल कबड्डी 50 किलोग्राम भार वर्ग प्रतियोगिता संपन्न हुई।  सेमीफाइनल मैच साल्हावास तथा पाई कैथल के बीच शुरू हुआ। इसमें साल्हावास टीम 6 अंकों से विजयी रही। फाइनल मैच साल्हावास तथा हिसार टीम के बीच में खेला गया। जिसमें हिसार टीम ने 11 अंकों से साल्हावास की टीम को हराया। मुख्य अतिथि ने विजेता हिसार टीम को  शील्ड तथा 8100 रुपये नगद ईनाम देकर सम्मानित किया। साल्हावास की उपविजेता टीम 7100 रुपये तथा शील्ड प्रदान की गई। तृतीय स्थान पर रही पाई कैथल की टीम को सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर 1600, 800 तथा बुजुर्गों की 100 मीटर की दौड़ करवाई गई जिसमें 1600 मीटर में मोहन झीगावन प्रथम, अमित नारनौल द्वितीय तथा आशु अगिहार तृतीय स्थान पर रहे। 800 मीटर दौड़ में मोहन झिगावन प्रथम, अमित नारनौल द्वितीय तथा 100 मीटर बुजुर्गों की दौड़ में रोशनलाल, विजय तथा सुभाश ने क्रमश: पहला, दूसरा तथा तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर बाबा भैया का मेला लगा जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा भैया मंदिर में माथा टेका। श्रद्धालुओं के लिए भंडारा भी आयोजित किया गया। इस दौरान अतरलाल धनौंदा,सरपंच दलबीर सिंह, पूर्व सरपंच लीलाराम, राजेश पंच, बलबीर, विक्रम पंच, राहुल, संदीप, रामकरण सिंह, मोहित, नीरज, सुरेश, अनिल, हरिश, सुरेन्द्र, मनोज, कर्मबीर, अनिल, विकास, गौरव, उज्जवल, राजेश सिंह आदि मौजीजान तथा अनेक ग्रामीण व खिलाड़ी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: विजेता हिसार टीम को पुरस्कार प्रदान करते मुख्य अतिथि।






हर हर महादेव के जयकारे के साथ 260वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चित
























कालीन है धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना 260वें दिन जारी रहा। सोमवार को धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच हंस कुमार सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि सोमवार का दिन है, शिव भक्त बाघेश्वर धाम में बाबा शिव भोले के दर्शन करके धरना स्थल पर पहुंचे। शिवभक्त सीताराम सेठ नौताना ने बताया कि हमने बाबा शिव भोले के दर्शन करके यही प्रार्थना की, बाबा आपके भक्तों को आपके दर्शन करने के लिए बहुत परेशानी होती है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कुरुक्षेत्र से आने वालों को दादरी और नारनौल से आने वालों को बूचावास उतरना पड़ता है। शिवभक्तों को बाघेश्वर धाम पहुंचने में दूरी बढ़ जाती है और समय ज्यादा लगता है। हमने बाबा शिव भोले से यही प्रार्थना की है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए। बाबा भक्तों को कभी निराश नहीं करते। हमें विश्वास है कि बाबा शिव भोले हमारी मुराद अवश्य पूरी करेंगे।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते 260 दिन हो गए हैं। ठंड बढ़ रही है और आसमान में बादल छाए हुए हैं। सरसों की खेती में पानी की सिंचाई जारी है, बरसात होने से किसानों को काफी राहत मिल सकती है। किसानों को एक तरफ खेती की चिंता और दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम केंद्र सरकार के द्वारा शुरू नहीं किया गया । कट का काम शुरू ना होने से किसानों में निराशा है,केंद्र सरकार किसानों के दुख तकलीफ को समझे और जितना जल्दी हो सके राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू किया जाए। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, धरना जारी रहेगा।
  राव अभिजीत सिंह रेवाड़ी, सरपंच धर्मवीर गबरू, अंकित और मास्टर सज्जन सिंह धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि आप जिस उद्देश्य से यहां बैठे हो, कामयाबी अवश्य मिलेगी। हम आपके साथ हैं।
 इस मौके पर  फ्लाइंग ऑफिसर जेएस यादव,पहलवान रणधीर सिंह, सरपंच हरिओम पोता, नरेंद्र कुमार शास्त्री छिथरोली, चेयरमैन सतपाल , डॉ लक्ष्मण सिंह, मनफूल, पहलवान धर्मपाल,  ओमप्रकाश, प्रधान कृष्ण कुमार, सत्य प्रकाश, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, रामभज,  करण सिंह, पंडित मनीराम अत्रि, दाताराम, डॉक्टर राम भक्त,  मास्टर विजयपाल,  सूबेदार हेमराज अत्रि,  रोशन लाल आर्य, सीताराम, प्यारेलाल, सूबे सिंह पंच  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।




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