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Wednesday, November 15, 2023


 

17 को  होगा सीबीएसई राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप का आगाज
-एसडी ग्रुप आफ स्कूल करेगा तीसरी बार मेज़बानी
-28 राज्य, सभी केंद्र शासित प्रदेश और 6 अन्य देश लेंगे भाग
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कनीना की आवाज। सीबीएसई 2023 राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप का भव्य शुभ आरंभ एसडी विद्यालय ककराला के प्रांगण में 17 से 19 नवम्बर को होने जा रहा है। इस बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लड़के व लड़कियां दोनों प्रतिभागी भाग लेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में गिरीराज सिंह ,डिप्टी डायरेक्टर स्पोर्टस, गवर्नमेंट ऑफ हरियाणा, जो पैरालिम्पियन ध्यानचंद अवार्ड व भीम अवार्ड से सम्मानित है। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुषमा यादव जो पहली महिला भीम अवार्डी है सिरकत करेंगी। चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि एसडी ऑफ  स्कूल तीसरी बार सीबीएसई राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप की मेज़बानी करने जा रहा है। इस बाक्सिंग चैंपियनशिप के महाकुंभ के लिए एसडी विद्यालय कैंपस पूर्ण रूप से तैयार है। प्रतिभागियों के स्वागत के लिए चारों दिशाओं के मुख्य मार्गों पर स्वागत गेट के साथ रोड मैप को प्रतिभागियों की सुविधाओं व आगमन के लिए व्यवस्थित किया गया है। अन्य देशों व विभिन्न राज्यों से आने वाले बाक्सिंग खिलाडिय़ों व उनके कोच व मैनेजर के लिए ठहरने का विद्यालय में विशेष प्रबंध किया गया है। इस चैंपियनशिप में सीबीएसई द्वारा आवंटित कुल 9 जोन से 555 बाक्सर व फोर्न जोन से 2 बाक्सर अपने दमखम का प्रदर्शन करेंगे। 17 से 19 नवम्बर तक तीन दिन चलने वाले बाक्सिंग चैंपियनशिप के इस महाकुंभ में सभी प्रतिभागियों के लिए उनके खाने व मनोरंजन का विशेष प्रबंध किया गया है। बाक्सिंग चैंपियनशिप के द्वंद्व के लिए राष्ट्रीय मानकों पर आधारित तीन बाक्सिंग रिंग को तैयार कराया गया है।






लंबे संघर्ष की दास्तान कह रहा है कनीना अनाज मंडी सड़क मार्ग निर्माण कार्य
-अनीता सड़क मार्ग के बाद बन रहा है कनीना मंडी सड़क मार्ग
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कनीना की आवाज। लंबे संघर्ष तक बार-बार प्रशासन से मांग करने के बाद आखिरकार कनीना अनाज मंडी मार्ग बनना शुरू हो गया है। सड़क मार्ग को साफ करके तथा नालियों को ठीक किया गया है। तत्पश्चात ही सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ है।
कनीना निवासी समाजसेवी हरेंद्र शर्मा आपने बताया कि उन्होंने 9 दिनों तक मार्च 2023 में इस सड़क मार्ग को निर्मित करने के लिए आंदोलन चलाया था। सैकड़ों बार उच्च अधिकारियों के नोटिस में भी यह सड़क मार्ग डाला गया था तथा बार-बार लोग परेशान होकर ज्ञापन भेज रहे थे। अनेकों दुर्घटनाएं भी घटी, आखिरकार विधायक तथा अधिकारियों ने इसे जल्द से जल्द निर्मित करने की बात कही थी किंतु उसके सात महीने बाद ही सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ है।
नगर पालिका के रहते हुए यह सड़क मार्ग नहीं बन पाया। नगरपालिका भंग होने के बाद एसडीएम ने कार्यभार संभाला है उसके बाद सड़क मार्ग के निर्माण का कार्य शुरू हुआ है जिसको लेकर के हरेंद्र शर्मा ने खुशी जताई है कि उनकी मेहनत अब रंग लाई है। इस सड़क मार्ग को बनवाने के लिए पूर्व पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि उनके वक्त ही सड़क की राशि आ गई थी, टेंडर छुड़वाने के प्रयास भी किये थे परंतु उस समय यह सड़क मार्ग नहीं बन पाया था।
फोटो कैप्शन 06: कनीना मंडी मार्ग का निर्माण कार्य शुरु होने खुशी जताते हरेंद्र कनीना एवं अन्य।






ग्रामीण विकास बैंक के जोन 3 से उपेंद्र की जीत हुई निश्चित
-अशोक ठेकेदार कनीना ने दिया समर्थन
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ जिला प्राथमिक सहकरी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक महेंद्रगढ़ के जोन तीन से ढाणा निवासी उपेंद्र की जीत निश्चित हो गई है। इस जोन से महज दो प्रत्याशी मैदान में हंै जिनमें से अशोक ठेकेदार ने उपेंद्र ढाणा को अपना समर्थन दे दिया है।
इस बैंक के 19 नवंबर के होने जा रहे चुुनावों के दृष्टिगत  जहां पूरे जिले से 7 जोन बनाए गए हैं तथा कनीना एवं आस पास के गांव जोन तीन में आते हैं। यहां से चुनाव हेतु कुल छह नामांकन किये गये थे।  किंतु तीन रद्द हो गए एक में 6 नवंबर को नाम वापस लेने वाले दिन नाम वापस ले लिया। ऐसे में दो नाम उपेंद्र और अशोक ठेकेदार के बचे हैं। अब उपेंद्र ढाणा की जीत निश्चित हो गई है क्योंकि अशोक ठेकेदार ने अपना समर्थन उपेंद्र को देने का निर्णय ले लिया किया है।
 अशोक ठेकेदार ने बताया कि उपेंद्र उनके ही परिवार में विजयपाल चेयरमैन कनीना के रिश्तेदार है। विजयपाल चेयरमैन  और अशोक ठेकेदार के परिवार के लोगों ने निर्णय लिया है कि इस वक्त उपेंद्र को समर्थन दिया जाए ताकि उपेंद्र जोन 3 से निदेशक बन सके। तत्पश्चात भविष्य में कनीना नगर पालिका चुनाव में प्रधान पद के लिए पूरा परिवार अशोक ठेकेदार की मदद करेगा जिससे अशोक ठेकेदार जीत की ओर बढ़ सकेगा। ऐसे में आपसी सहयोग के निर्णय से अशोक ठेकेदार ने अपना समर्थन उपेंद्र को देने का अंतिम निर्णय ले लिया है और इस प्रकार जोन 3 से उपेंद्र कुमार की जीत लगभग तय हो गई है।
 फोटो कैप्शन: उपेंद्र कुमार ढाणा, अशोक ठेकेदार कनीना।





चार लोगों के विरुद्ध मार पिटाई का मामला दर्ज
-मारपीट के पीछे पुरानी रंजिश
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव नौताना निवासी नरेंद्र कुमार ने चार लोगों पर मारपीट करने एवं जान से मारने की धमकी देने का माला दर्ज करवाया है। चार लोगों के भी मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया है।
 पुलिस में दी शिकायत में नरेंद्र कुमार नौतना ने कहा कि मैं ड्राइवर हूं तथा 12 नवंबर को शाम के करीब 6 बजे मेरी मौसी संतोष नौतना के घर जा रहा था। जब घर के पास पहुंचा तो विक्रांत, फंडी, सूबे सिंह तथा एक अन्य जा हाथों में लाठी, डंडे, चाकू, तलवार ले रखे थे, हमला बोल दिया। जब शोर मचाया तो महिपाल नौताना ने छुड़वाया। जाते वक्त जान से मारने की धमकी दे गये।  मौके पर पुलिस को सूचित किया तथा एंबुलेंस को बुलाया। एंबुलेंस से घायल नरेंद्र को सेहलंग के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया जहां में मरहम पट्टी करके उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। स्वजन उसे पीजीआइएमएस रोहतक ले गए जहां उनके इलाज चल रहा है। उन्होंने मारपीट के पीछे पुरानी लड़ाई झगड़ा कारण बताया। कनीना पुलिस ने नरेंद्र के बयान पर चार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।



अंबाला में रोडवेज बस चालक की हत्या के विरोध में कनीना में भी रहा चक्का जाम, यात्री धक्के खाते रहे इधर-उधर
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कनीना की आवाज। अंबाला में रोडवेज बस चालक की हत्या के विरोध में बुधवार को कनीना बस स्टैंड पर यूनियन के डिपो सचिव कर्मवीर यादव की अध्यक्षता में धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
 इस अवसर पर उनके साथ महेश चालक अध्यक्ष, महेश कैशियर, सुदेश कुमार, तेजेंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, संजीव, शीशपाल, सुरेंद्र, मदन, अनिल, प्रेम राम, भगत, सतपाल आदि ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर कर्मवीर डिपो सचिव ने कहा कि अंबाला में रोडवेज बस चालक की हत्या कर दी गई तथा आज तक के उसकी हत्या में शामिल लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिसको लेकर पूरे प्रदेश में हरियाणा रोडवेज का चक्का जाम किया गया है। इसी कड़ी में कनीना बस स्टैंड पर भी रोडवेज बस नहीं चलाई गई तथा चक्का जाम रहा। उन्होंने यह भी कहा की रोडवेज बस चालक की हत्या करने वाले लोगों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए व मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए, परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए तथा उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाए ताकि मृतक के परिवार अपना गुजर बसर कर सकें ।
वही इस मामले को लेकर भैया दूज  मनाने वाली बहने अपने भाइयों से मिलने के लिए लालायित रही। साधनों के अभाव में उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा तथा प्राइवेट बसों की चांदी रही। उन्होंने सवारियों को ठोक ठोक कर भेड़ बकरियों की तरह ले जाने का कार्य किया। वही परेशान सुनीता, शारदा, मंशा रानी, खुशी, संतोष, हिंदू, मनीष यादव, रेशमा, पूजा रानी, मीनाक्षी कमला देवी, विधि यादव, राजकुमारी, संतोष, रतन देवी के अलावा अन्य महिलाओं ने बताया कि जिस भाई को मारा गया है वह बहुत बुरी बात हुई लेकिन आज रोडवेज द्वारा जो चक्का जाम किया गया है उसे हमें जितना दुख उठाना पड़ा है वह भी किसी बड़े दुख से कम नहीं है इस बात पर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए था और प्राइवेट बसें या अन्य साधनों की व्यवस्था कराकर हमें अपने गंतव्य पर पहुंचाना चाहिए था। उन्होंने यह भी बताया आज भाइयों से मिलने के लिए हमें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। यह सरकार के लिए बड़ी ही शर्म की और बुरी बात है। उन्होंने यह भी कहा सरकार एक तरफ तो बहनों के लिए निशुल्क बसें चलाती है और मान सम्मान करने के लिए कोशिश करती है लेकिन इस तरह के हालात पर सरकार व प्रशासन को ध्यान रखना चाहिए था और अन्य साधनों की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
फोटो कैप्शन 08: अपनी मांग को लेकर नारे लगाते हुए रोड़वेज कर्मी।





अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस .16 नवंबर
शांतिए समानता और अहिंसा के आधार पर इंसान आगे बढ़ सकता है आगे
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कनीना की आवाज। संयुक्त राष्ट्र वर्ष 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय सही सहिष्णुता दिवस मनाता है इसके तहत शांतिए अहिंसा और समानता के महात्मा गांधी के मूल्यों को बढ़ावा दिया जाता है। ऐसा ही असहिष्णुता का मुकाबला करने के लिए सरकार मानव अधिकार कानून को लागू करकेेए अपराध और भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने और दंडित करनेए विवाद निपटान के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करने की जिम्मेदार होनी चाहिए। असहिष्णुता मुकाबला करने के लिए पर्याप्त कानून जरूरी है तथा शिक्षित करना जरूरी है। नफरत फैलाने वालों के प्रभाव को सीमित करने के कारगर तरीके अपनाने चाहिए वही व्यक्तिगत जागरूकता बहुत जरूरी हैए जो व्यक्तियों को अपने व्यवहार और समाज के विश्वास और हिंसा के क्रचक्कर के बीच कड़ी की काम करती है। स्थानीय समाधान भी इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस संबंध में कुछ लोगों से बात हुई.
समाज में सहिष्णुता बढ़ावा देने के लिए और जन.जन में जागरूकता फैलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाने का उद्देश्य होता है। हिंसा की भावना को खत्म करना प्रमुख उद्देश्य होता है। महात्मा गांधी की 125 की जयंती के अवसर पर 1995 में अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय दिवस का उद्देश्य है दुनिया बढ़ते अत्याचारए हिंसा अन्य को रोकना। आजकल बदलते दौर में जहां समाज कई कुरीतियोंए हिंसा से हघिरा हुआ है वहीं अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस काफी मायने रखता है।
..लक्की सिगड़ा समाजसेवी
सहिष्णुता दिवस का उद्देश्य समाज की बुराइयों पर विचार कर लोगों को सहिष्णुता के प्रति जागरूक करना है। इसके लिए बैठकों और चर्चाओं का आयोजन किया जाना चाहिए जिसमें समस्या पर विचार किया जाए। समाज में बढ़ती भेदभाव और हिंसा की भावना के दुष्परिणाम और भयानक नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस मनाया जाना चाहिए। सहिष्णुता दिवस सभी धर्म अलग.अलग संस्कृति को एक होने की प्रेरणा देता है ताकि समाज में एकता कायम रहे और समाज आगे बढ़ सके।
  ..दिनेश कुमार समाजसेवी कनीना
हर इंसान को मौलिकता का अधिकार है। कुछ लोग छोटी सी घटना पर बिना सोचे समझे  बड़ी प्रतिक्रिया दे देते हैं। यह असहिष्णुता का परिणाम है। वास्तव में इस दिन मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता और विश्वास को प्रोत्साहित करना भी एक उद्देश्य है।  सहिष्णुता का विकास होना चाहिए नहीं तो भविष्य में परिणाम बुरे निकलेंगे। दूसरों का सम्मान करना उनसे सीखनाए अनुचित रूढिय़ों को अस्वीकार करना प्रमुख हैं।
...नरेश कुमार शिक्षक
यदि आप सहिष्णु है तो इसका मतलब है उन लोगों को स्वीकार करते हैं जो आपसे भिन्न है। उन चीजों को स्वीकार करते जो आपको पसंद नहीं है। यदि आप अपने व्यापक सोच और खुली सोच का इंसान होना चाहिए। सहिष्णुता सीखने के लिए स्कूलों में छात्रों को पाठों में प्रतिनिधित्व संदेशों के बारे में संदेश दिए जाना चाहिएए दूसरे लोग कैसे कपड़े पहनते हैं या कैसे बात करते उसके आधार पर निर्णय लेने से बच्चे लोगों का वर्णन करने के लिए सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें। यदि विद्यार्थी सहिष्णुता का पालन करेंगे तो अधिक एकजुट शांतिपूर्ण समाज प्रदान करेंगे। सहिष्णुता विकसित करने के लिए खुले दिमाग का विकास करके अन्य संस्कृतियों और लोगों के बारे में सीख कर एक दूसरे को समझ कर बनाया जा सकता है।  सहिष्णुता इंसान का कर्तव्य है। सहिष्णुता का रचनात्मक उत्पादकताए विश्वास और साथ की सम्मान बढ़ावा देना है।
..भागत सिंह समाजससेवीएककनीना।
फोटो कैप्शन.भगत सिंहए लक्की सिगड़़ाए नरेश कुमार एवं  दिनेश कुमार




रोडवेज की बसें न चलने से यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में हरियाणा रोडवेज बस इतने चलने से निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मिली जानकारी अनुसार 2 दिन पूर्व अंबाला में एक रोडवेज चालक की हत्या कर दी गई थी जिसको लेकर रोडवेज यूनियन प्रतिनिधि उच्चाधिकारियों से से मिला था तथा कुछ बातों पर सहमति होनी थी किंतु इस संबंध में सहमति नहीं हो पाई और अंतत: रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर रहे। रोडवेज की बसें नहीं चलाई गई। यात्री निजी बसों का सहारा लेकर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचे।





ठंड के माहौल में गर्माया कट का मामला
-ग्रामीणों का धरना 248वें दिन रहा जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रमीणों का धरना बुधवार को भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता पहलवान धर्मपाल यादव सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि धरना स्थल पर बैठे किसानों को नौवां महीना शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के इंतजार में लोग बैठे-बैठे ऊब चुके हैं, सरकार के प्रति लोगों का विश्वास खत्म हो रहा है, लेकिन इन सब परेशानियों का सामना करते हुए किसान और ज्यादा मजबूत हो रहे हैं, उन्होंने सोच रखा है, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करेगी तब तक वे यही डटे रहेंगे। ठंड के मौसम में भी माहौल गर्माने लगा है।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष  विजय सिंह चेयरमैन  ने बताया कि धरने को चलते 248 दिन हो गए हैं । दिनभर वाहनों के आवागमन से धरना स्थल पर धूल के बादल छाए रहते हैं, ठंड का मौसम शुरू हो गया है, प्रदूषण बढ़ रहा है, किसानों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है और खांसी-जुकाम होना आम बात हो गई है। केंद्र सरकार धरना स्थल पर बैठे बुजुर्ग किसानों की मांग पर ध्यान दें। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट की घोषणा पहले हो चुकी है,लेकिन अब तक कट का काम शुरू नहीं किया गया है। किसानों ने पक्का इरादा बना लिया है कि केंद्र सरकार से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट बनवाने के बाद ही दम लेंगे।
 इस मौके पर रामभज, पहलवान रणधीर सिंह, नरेंद्र शास्त्री छिथरोली, मास्टर विजयपाल , नंबरदार नाथूराम, जिला पार्षद लीलाराम, रामकुमार, मनोज कुमार करीरा, जय सिंह पंच, पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह, डॉ लक्ष्मण सिंह, बाबूलाल, करण सिंह, राम भक्त,  प्रधान कृष्ण कुमार,  रोशन लाल आर्य, थानेदार रामकुमार, सत्य प्रकाश, ठेकेदार शेर सिंह, सूबेदार भोले राम , पंडित संजय कुमार,  सूबेदार हेमराज,  सीताराम,   कृष्ण कुमार पंच, सुरेंद्र सिंह, मनफूल, मुंशी राम  ,ओम प्रकाश,  दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण ,   सूबेदार भोले राम ,  वेद प्रकाश, मास्टर विजय सिंह,   प्यारेलाल,   सूबे सिंह पंच   व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।



कनीना की प्रथम महिला पत्रकार को दी जाएगी श्रद्धांजलि
-उनके नाम पर ट्रस्ट कार्यालय का भी होगा उद्घाटन
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बा की प्रथम महिला पत्रकार सुमन यादव की 13वीं पुण्य पर 17 नवंबर को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस अवसर पर सुमन यादव के आवास पर हवन आयोजित होगा वहीं विभिन्न जन उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। उनके नाम पर चले आ रहे श्रीमती सुमन यादव चेरिटेबल ट्रस्ट के नये कमरे का उद्घाटन भी किया जाएगा। वे राष्ट्रीय समाचार पत्र की लंबे समय तक पत्रकार रही थी। पौधारोपण करके गौशाला में दान किया जाएगा।
 उनके जीवन व चरित्र को उजागर करने वाली कनीना के लेखक डा एचएस यादव की कृति  कष्टों की देवी का दूसरा संस्करण एवं आइएसबीएन संस्करण भी आ चुका है। जिसमें सुमन यादव का संक्षिप्त जीवन का चरित्र-चित्रण किया गया है। 2010 को वे स्वर्ग सिधार गई। उनकी पुण्यतिथि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। जहां उनके निवास मोदीका मोहल्ला में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है।
अलवर में दो अक्टूबर 1979 में पैदा हुई सुमन यादव की शादी कनीना के लेखक होशियार सिंह से हुई थी। अपनी शादी के महज आठ वर्षों के बाद ही गहरा घाव देते हुए एक छोटे से पुत्र अमीश को छोड़कर सदा के लिए आंखों से ओझल हो गई। उनकी दो पुस्तकें मानव बाडी कविताएं तथा  आस्था प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें उन्होंने सहायक लेखिका बतौर काम किया है। उनकी विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में लेख एवं कहानियां प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कहानी दरिंदा अति प्रसिद्ध हुई। हरियाणा सरकार ने उनकी कहानी पर प्रदेश स्तरीय द्वितीय पुरस्कार भी दिया था। उनके उदात चरित्र एवं गुणों को एक पुस्तक  कष्टों की देवी में विस्तृत प्रकाशन किया गया है। बीमार होते हुए भी कभी उन्होंने अपने काम को विराम नहीं दिया। एक ओर जहां गृहस्थ आश्रम वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता एवं लेखन कार्य को बखूबी से निभाया। उन्होंने अपने पत्रकारिता के दौरान आम आदमी एवं किसान आदि की समस्याओं को अधिक उठाया।
  कनीना पत्रकार परिषद की सदस्य सुमन यादव अपने जीवन के अंतिम समय में पीएचडी कर रही थी। एमए. इतिहास के अलावा पीजीडीसीए धारक सुमन यादव स्वभाव से अति मृदु एवं अति हिम्मत वाली साहसी स्त्री थी। उनकी हिम्मत की दाद उस वक्त देखने को मिली जब वे वर्ष 2008 में गंभीर रोग से पीडि़त हो गई। जिसकी परवाह न करते हुए भी उन्होंने अपना दैनिक कार्य विशेषकर समाचार संकलन एवं प्रेषण का काम नहीं छोड़ा। जब उन्होंने जग को छोड़ा उन्होंने अपने अंतिम समय के तीन वर्षों में घोर कष्ट सहन किए। अपने छोटे पुत्र अमीश को भी घोर संकटों में डालकर समाचार संकलन में लगी रहती थी।
कभी बचपन में कोई दवा नहीं लेने वाली कष्टों की देवी ने तीन वर्षों में छह बार आपरेशन करवाना पड़ा और भारी मात्रा में दवाएं खानी पड़ी किंतु उनकी जिंदगी फिर भी नहीं बच पाई। ट्रस्ट द्वारा उनके नाम पर एक लाइब्रेरी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।  
   उनके चरित्र एवं गुणों पर आधारित कनीना के साहित्यकार होशियार सिंह की पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक कष्टों की देवी में उनके बचपन से लेकर अंतिम समय तक विभिन्न कष्टों के बारे में विस्तार से वर्णित किया गया है। उनके साहस का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि घर गृहस्थी के काम के अलावा समय निकालकर लेखन कार्य में जुट जाना और वो भी उस वक्त जब भयंकर रोग ने उन्हें घेर रखा हो। कनीना कस्बा की पहली महिला पत्रकार को विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें समय-समय पर सम्मानित भी किया था। उनके साहित्य को अभी प्रकाशित किया जाना बाकी है। लोग विशेषकर महिलाएं उनको आज तक नहीं भूला पाए हैं। वे सभी से शालीनता से बातें करती थी और सभी का मन जीत लेती थी।  आज उनकी बस यादें शेष हैं।
फोटो कैप्शन :सुमन यादव



भैया दूज का पर्व मनाया, बहनों ने किया भाइयों को तिलक,
--रोड़वेज बसों की रही हड़ताल
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में बुधवार को भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता भैया दूज का पर्व मनाया जा गया। बहनों ने भाइयों को तिलक किया। दूर दराज से बहने अपने भाइयों तक पहुंची किंतु रोड़वेज की हड़ताल होने से निजी साधनों का सहारा लेना पड़ा तथा भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
  वर्ष में दो बार भाई बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाने वाले पर्व भैया दूज का आगाज होता है। होली एवं दीपावली के पर्व के बाद यह पर्व आता है। महिलाएं अपने भाई के आने का बेसब्री से इंतजार किया और व्रत रखकर उनके आने पर खाना खाया।
  इस दिन बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए यम से प्रार्थना की। भाई चलकर बहनों से मिलने के लिए गए। कनीना के सुरेंद्र वशिष्ठ का कहना है कि यह पर्व सभी पर्वों में सबसे बड़ा होता है। इस दिन बहना कहीं भी हो उससे मिलने भाई जरूर जाता है और बहने उन्हें तिलक कर अपने हाथों से मीठा भोजन कराकर फिर भोजन ग्रहण करती हैं। इस पर्व पर बहने अपने भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए यमराज से प्रार्थना की।
बताया कि भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालता रहा। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।अयमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया। यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करें, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।
फोटो कैप्शन 01: भाई को तिलक करके लंबी उम्र की कामना करती बहने।
 फोटो में अपने भाई सीया को तिलक करती शीनू, आरू, तक्षु



















स्कूली बच्चों ने कमाया नारनौल में नाम
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कनीना की आवाज। आरआरसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल के बाल भवन में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओ में जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता रहे विद्यार्थियों को बालभवन नारनौल में उपायुक्त वैशाली सिंह के द्वारा सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि अक्टूबर माह में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपना स्थान बनाया जिसमें नव्या ने हस्तलेखन में, प्रिंस ने पेंटिंग में, खुशी और पायल ने कार्ड मेकिंग में, कशिश और नकुल ने क्ले माडलिंग में, तरुण ने स्केचिंग में, प्रिंस ने फैंसी ड्रेस में, हर्ष ने साड़ी बांधने में और योगिता ने एकल गायन में अपना स्थान बनाया। इस सभी विद्यार्थियों को बालभवन के प्रांगण में बालभवन के स्टाफ और उपायुक्त वैशाली सिंह के द्वारा सर्टिफिकेट और इनाम दिया गया। इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशनलाल ने सभी विजेता बच्चों को बधाई दी और इसी प्रकार से आगे बढऩे और सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। संस्था के प्रधानाचार्य हरिप्रकाश शर्मा ने भी सभी विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
फोटो 01: अव्वल रहे आरआरसीएम के विद्यार्थी।


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