गर्भावस्था में मधुमेह जागरूकता दिवस -10 मार्च
गर्भावस्था दौरान संतुलित आहार लेने से बचा जा सकता है जीडीएम से-डा.धर्मेंद्र
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। प्राय: महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मधुमेह से पीडि़त होती है, इस रोग को जीडीएम नाम से जाना जाता है। यह रोग बहुत सी महिलाओं में मिलता है जिसके कारण यदि सही ध्यान नहीं दिया जाए तो उनकी होने वाली संतान पर कु-प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में इन महिलाओं को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस संबंध में पीजीआईएमएस के रेजीडेंट डा. धर्मेंद्र से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस रोग को गर्भवती मधुमेह मेलिटस/जीडीएस नाम से जाना जाता है। गर्भावस्था दौरान यदि महिला मधुमेह से पीडि़त है तो उनकी संतानों पर कु-प्रभाव पडऩे की संभावना बढ़ जाती है। अक्सर ऐसी महिलाओं की संतान ध्यान नहीं दिया जाए तो अधिक वजन की मिलती है और यह भविष्य में चलकर मधुमेह से पीडि़त हो सकती है। यहां तक कि इन बच्चों में अन्य कोई कु-प्रभाव पड़ सकता है जैसे उनकी शारीरिक वृद्धि भी सही ढंग से नहीं हो पाती है। यदि ऐसे समय में महिला सावधानी बरते तो इस रोग से बचा जा सकता है। ऐसे में नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें, संतुलित आहार ले और आवश्यकता पडऩे पर मधुमेह शुगर को कम करने के लिए डाक्टर की सलाह से ही कोई दवा ले तो इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
डा के अनुसार ऐसी महिलाओं को हर तिमाही पर अपने रक्त शर्करा की जांच करनी चाहिए। इस रोग के बढऩे के पीछे शादी की उम्र बढऩा भी है। अधिक उम्र में गर्भधारण में देरी हो जाती है जिससे तनाव बढ़ जाता है साथ में अनुचित जीवन शैली भी मधुमेह का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें दूध और दूध से बने उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजा फल, नींबू वाला आदि शामिल करने चाहिए, नियमित रूप से हल्का व्यायाम करें जिससे मधुमेह को कम किया जा सकता है जो भविष्य में प्रभावी कदम माना जाता है।
फोटो कैप्शन: डा. धर्मेंद्र
चेलावास की सुमित कुमारी का किया सम्मान
--कुश्ती में स्वर्ण पदक लेकर लौटी है
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। जिला के चेलावास गांव निवासी तथा राजकीय महाविद्यालय कनीना की बीए. तृतीय वर्ष की छात्रा सुमित कुमारी द्वारा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम 2024 में 68 किलोग्राम कुश्ती भार वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर गांव में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इलाके के गणमान्यों के साथ सुमित कुमारी को शाल ओढ़ाकर स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने छात्रा के पिता सूबेदार राजबीर सिंह को साफा ओढ़ाकर तथा माता सुनिता देवी, दादी छनकौर देवी को भी शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। समारोह की अध्यक्षता चौधरी सुभाचंद ने की।
उल्लेखनीय है कि सुमित कुमारी ने गत 22, 23, 24 फरवरी को नागालैंड की राजधानी कोहिमा में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम 2024 में 68 किलोग्राम कुश्ती भार वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त कर न केवल गांव चेलावास व जिला महेन्द्रगढ़ का नाम रोशन किया बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है। सुमित कुमारी ने फाइनल राउंड में महाराष्ट्र प्रदेश की पहलवान शिवानी को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। इस अवसर पर केदारसिंह, रणजीत सिंह दादा, सुभाचंद दादा, जयसिंह पंच, अमरसिंह, राजवीर सिंह, डॉ. संजय सेहरावत, सुबेदार सुरेन्द्र सिंह, गोलिया पहलवान, सत्यवीर, उमेद सिंह, बलजीत, सतपाल, प्रितम सिंह, सुखबीर, परविन्द्र, धर्मवीर, राकेश कुमार, जयविन्द्र, रमेश, महेन्द्र, देवेन्द्र, पवन कुमार, नरेन्द्र, अर्जुन, सुधीर, मंजीत, पूर्णचंद, राजेश नाई, जगदेव, लीलाराम, लालसिंह पंच, ठाकुर मीर सिंह आदि अनेक जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: चेलावास की सुमित कुमारी को सम्मानित करते ग्रामीण।
गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की की जाती है जांच-डा. तमन्ना
--दी स्व्स्थ भोजन की जानकारी
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व योजना के तहत स्थानीय उप नागरिक अस्पताल कनीना में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैंप का आयोजन किया गया जिसमें आस-पड़ोस के 50 गांवों की 106 महिलाओं ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई और उपचार लिया।
मिली जानकारी के अनुसार उप नागरिक अस्पताल की महिला चिकित्सक डा. तमन्ना ने बताया कि हर महीने की 9 तारीख को उप नागरिक अस्पताल कनीना में प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व योजना के तहत कैंप का आयोजन किया जाता है जिसमें अस्पताल की वरिष्ठ महिला चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच कर उनको निशुल्क दवाइयां वितरित की जाती है। डा. तमन्ना ने यह भी बताया इस कैंप का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे को स्वस्थ रखना व उनकी माताओं को स्वस्थ रखना है ताकि स्वस्थ माता ही स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके। इसलिए गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए उनकी सभी प्रकार की जांच वह दवाइयां दी जाती हैं।
उनकी शुगर, थायराइड, हिमोग्लोबिन, आरबीसी शुगर आदि के अलावा अन्य कई प्रकार की जांच स्थानीय अस्पताल में ही कराई जाती हैं। डा. तमन्ना ने बताया इस समय में महिलाओं को मानसिक रूप से व शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक है क्योंकि मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने वाली महिलाओं के पेट में पल रहे शिशुओं पर उनका गहरा असर पड़ता है। इस कैंप में आई महिलाओं में पांच हाई रिस्क मिली जिनको जिला नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया गया है।
सेहलंग में भी लगा कैंप-
उधर ग्राम सेहलग में प्रधानमंत्री सुरक्षा सुरक्षा मातृत्व योजना के तहत आज सीएचसी सेहलग में गर्भवती महिलाओं को लेकर कैंप का आयोजन किया गया जिसमें गर्भवती महिलाओं की विभिन्न प्रकार की जांच की गई और उनको दवाइयां वितरित कराई गई। अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सक महिला डा. प्रभात यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि हर महीना लगने वाले इस गर्भवती महिला कैंप में आज लगभग चार दर्जन महिलाओं ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई तथा उनके पेट में पल रहे शिशु को स्वस्थ जीवन मिल सके। डा. यादव ने बताया आजकल महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं होने के कारण उनको विभिन्न प्रकार की बीमारियां पकड़ लेती हैं। कैंप में आई महिलाओं को विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज खाने की भी सलाह दी गई ताकि वह कई बीमारियों से बच सके।
फोटो कैप्शन 06: गर्भवती महिलाओं की जांच करती डाक्टर।
कट को लेकर ग्रामीणों का जोश बरकरार, 363वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरना है जारी
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को जारी रहा। को धरने की अध्यक्षता डा. लक्ष्मण सिंह सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमने कट के लिए प्रतिज्ञा ले रखी है, जब तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा। दिनांक 11 मार्च 2024 को ग्रामीणों को धरना स्थल पर बैठे पूरा एक साल हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर 11 मार्च को सुबह 9 बजे डा. प्रेमराज आर्य प्रधान वेद प्रचार मंडल महेंद्रगढ़, भूपेंद्र सिंह आर्य और रंगराव सिंह पालड़ी की अध्यक्षता में हवन का आयोजन किया जाएगा। हवन करने से वातावरण शुद्ध होगा और हमें विश्वास है जिस उद्देश्य के लिए ग्रामीण धरना स्थल पर बैठे हैं, उस काम को गति मिलेगी, कट का काम जल्द शुरू होने पर ग्रामीण राहत की सांस लेंगे।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 363 दिन हो गए है। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की हुई है लेकिन आज तक कट का काम शुरू न होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश है लेकिन हौसला बरकरार है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को हम बार-बार याद दिला रहे हैं की राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर चढऩे- उतरने का मार्ग होना इन 40 गांवों के लिए बहुत जरूरी है, कट बनने के बाद ही इस क्षेत्र का विकास होगा।
इस मौके पर नरेंद्र शास्त्री, वेद प्रकाश, पहलवान रणधीर सिंह, पूर्व सरपंच हंसकुमार, मुंशीराम, बाबूलाल, चेयरमैन सतपाल, ओम प्रकाश, सीताराम, डा. रामभक्त, अशोक, महेंद्र, दाताराम, इंस्पेक्टर सतनारायण, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, प्यारेलाल, पहलवान धर्मपाल, मनफूल, प्यारेलाल, डा. राम भक्त, प्रधान कृष्ण कुमार, रोशन लाल आर्य, अशोक व गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: धरने पर बैठे ग्रामीण।
न्यूरोलोजी का कनीना के फुटबाल ग्राउंड में लगेगा मुफ्त जांच शिविर
---दस मार्च को लगेगा शिविर
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना कस्बे के फुटबाल ग्राउंड के सामने 10 मार्च रविवार को न्यूरोलोजी (मस्तिक रोग ) का विशाल कैम्प प्रयास फाउंडेशन के तत्वाधान से सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक लगेगा। यह जानकारी विक्रांत यादव कनीना ने देते हुए बताया की इस कैम्प में गुरुग्राम के न्यूरोलाजी (मस्तिक रोग) विशेषज्ञ डा. समीर अरोड़ा (सीनियर कंसलटेंट न्यूरोलाजी डीएम ऐम्स न्यू दिल्ली) पहली बार कनीना कैंप में पहुंचेंगे। इस मौके पर वो मिर्गी, सर दर्द, चक्कर, लकवा, घबराहट, नींद ना आना, बेचैनी होना, भूलने की बीमारी, पीठ और गर्दन में दर्द, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, तांत्रिक एवं मांसपेशी विकार, पार्किंसांस, संचलन संबंधित विकार, न्यूरोमसेकुलर विकार से पीडि़त मरीजों की निशुल्क ओपीडी करेंगे।
साहित्य की लुप्त हो चुकी चम्पू-विधा आई सामने
--राधेश्याम गोमला ने इस विधा में आत्मकथा लिखकर एक नया इतिहास रचा -रोहित यादव
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम गोमला ने साहित्यिक क्षेत्र में एक नया ऐतिहासिक रिकार्ड उदाहरण स्थापित कर जिला का नाम रोशन किया है। उन्होंने साहित्य की लुप्त हो चुकी चम्पू-विधा में आत्मकथा लिखकर एक नया इतिहास रचा है । वे मित्र राधेश्याम गोमला नाम से साहित्य रचना कर रहे हैं ।
आजीवन साहित्य साधना सम्मान, महाकवि सूरदास सम्मान और बाबू बालमुकुंद सम्मान से सम्मानित लोकसाहित्यकार रोहित यादव ने उनके आवास सैदपुर में एक साहित्यिक गोष्ठी में उक्त बात कही।
उन्होंने कहा कि मित्र राधेश्याम गोमला द्वारा लिखित - गांव का महंत, चंपू शैली में एक ऐतिहासिक कदम है। हिंदी भाषा में विश्व में इस रचना से पूर्व कोई ग्रंथ नहीं लिखा गया। हिंदी साहित्य क्षेत्र में उन्होंने एक ऐतिहासिक रिकार्ड स्थापित किया है ।
लोक साहित्यकार रोहित यादव ने बताया कि साहित्य तीन प्रकार से लिखा जाता है । गद्य, पद्य और चम्पू। गद्य और पद्य में हजारों लाखों पुस्तकें लिखी गई हैं और लिखी जा रही हैं। मगर चम्पू शैली में अब तक गिनी चुनी रचनाएं ही प्रकाशित हुई हैं। जिनमें हिंदी में केवल मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखित यशोधरा ही मिलती है। वह ऐतिहासिक पात्र बुद्ध और यशोधरा की कहानी पर आधारित है। चंपू शैली में हिंदी में लिखने का एकमात्र श्रेय मिला मैथिलीशरण गुप्त द्वारा लिखी गई यशोधरा को , जिसे यह यश प्राप्त हुआ और जिसे एक चम्पू प्रबंध-साहित्य की श्रेणी में गिना जाता है। हिंदी साहित्य में चम्पू विधा में मैथिलीशरण गुप्त लिखित यशोधरा ही एकमात्र प्रबंध-साहित्य उपलब्ध है। इसके अतिरिरिक्त हिंदी में चम्पू शैली में कोई रचना प्रकाशित नही हुई ।
एक विशेष बात यह है कि आज तक चंपू शैली में किसी भी भाषा में अब तक कोई आत्मकथा नही लिखी गई है ।
उन्होंने बताया कि संस्कृत में प्रथम प्रमाण अर्थववेद को माना जाता है, जिसमें गद्य और पद्य दोनों के माध्यम से विषय को समझाया गया है। माना जाता है कि 10 वीं से 17वीं सदी में सोमदेव सुरि का यश:तिलक, भोजराज की चम्पू रामायण, कवि कर्णपूरि की आनन्दवृन्दावन, जीव गोस्वामी की गोपाल चम्पू, नीलकंठ दीक्षित की नीलकण्ठ चम्पू और अनंत कवि की चम्पू-भारत रचनाएं, गद्य और पद्य दोनों में लिखीं गईं। ये सभी रचनाएं संस्कृत में लिखीं गईं । इसके बावजूद चंपू शैली में संस्कृत में भी कोई आत्मकथा नही लिखी गई है ।
अनेक विषयों के लेखक रोहित यादव ने बताया कि निर्मला प्रकाशन दादरी हरियाणा से प्रकाशित मित्र राधेश्याम गोमला द्वारा लिखित -गांव का महंत आत्मकथा चम्पू शैली में लिखी विश्व की प्रथम आत्मकथा है। साहित्यिक क्षेत्र में नया इतिहास रचने वाली यह रचना सामयिक ग्रामीण ऐतिहासिक दस्तावेज भी है। गांवों में घटने वाली घटनाओं का क्रमवार साहित्यिक ऐतिहासिक विवरण है गांव का महंत में। इस पुस्तक में गद्य और पद्य दोनों के मिश्रण से बड़े रोचक सचित्र तथ्यों के साथ विषय का चित्रण किया है ।
रोहित यादव ने बताया कि मित्र राधेश्याम गोमला द्वारा लिखित ग्रंथ गांव का महंत भारत की लोक-व्यवस्था, पंचायती-राज प्रणाली और पद्धति के तथ्यों को पुष्ट करने में समर्थ प्रतीत होता है। सन 1960 में सामुदायिक सहभागिता लागू होने से अब तक पंचायती-राज व्यवस्था के दौरान हुए बदलावों की दृष्टि से भी यह ग्रंथ महती भूमिका रखता है। इस ग्रंथ के अंतर्गत संस्मरणात्मक दृष्टि और आख्यानों के परिप्रेक्ष्य से गांव की घटनाओं को माध्यम में रखकर, उस समय और इस समय के लोकजीवन में, जीवन यापन के लिए जी तोड़ मेहनत व संस्कृति, मान्यताएं, परम्पराएं और लोक विश्वास का जुड़ाव, जीवन में छाए अंधकार के लिए शिक्षा की रोशनी, राजनैतिक पृष्ठभूमि, सामाजिक-सांस्कृतिक ढाचा, पारिवारिक दायित्व, सामुदायिक मंच की पराकाष्ठा, श्रेष्ठ व्यक्तित्व के चरित्र-चित्रण तथा धार्मिक व आर्थिक उतार-चढ़ाव आदि कितनी ही घटनाओं का जिक्र या उल्लेख मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ साहित्य प्रेमियों के साथ साथ हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों शोद्यार्थियों के लिए तो कारगर सिद्ध होगी ही बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ताओं प्रतिनिधियों कर्मचारियों व अधिकारिकारियों के लिए भी बेहद सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने बताया कि मई महीने में बड़े स्तर पर इस पुस्तक का विमोचन किया जाएगा ।
फोटो कैप्शन 04: चंपू विद्या में लिखी गांव का महंत पुस्तक का नजारा।
शराब के ठेके पर तोडफ़ोड़ करने, मारने पीटने का मामला दर्ज
-शराब की बोतलें तथा नकदी ले उड़े
******************************************************************
*********************************************************************
****************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना-अटेली सड़क मार्ग पर स्थित ठेके पर नौकरी करने वाले अमन के साथ उन्हानी गांव के दो लोगों द्वारा ठेके पर तोडफ़ोड़ करने, मार पिटाई करने पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत दोनों ही लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। कनीना पुलिस में अमन नरेला, दिल्ली निवासी ने कहा है कि वह कनीना-अटेली सड़क मार्ग पर अटेली मोड़ के पास स्थित शराब के ठेके पर नौकरी करता हूं। सात मार्च को रात के वक्त उन्हाणी की दो लड़के नवीन तथा जोगेंद्र गाली गलौच करने लगे और धमकी दी कि मुफ्त में शराब देनी होगी और इसके अतिरिक्त हर महीने का खर्चा भी देना होगा। गाली गलौच करते देख, अमन ने ठेके के दरवाजे बंद कर लिए। आरोपितों ने नीले रंग की टेंपो गाड़ी से बार-बार ठेके को टक्कर मारकर तोडफ़ोड़ की जिससे ठेके की जाली और अंदर रखी बियर की पेटी नष्ट हो गई। जाली टूटते ही दोनों लड़के अंदर घुसे, लोहे की धारदार पत्ती से अमन पर हमला किया, बचाव कर्रते वक्त हाथ पर चोट आई। अमन मौत के डर से बाहर निकालने की कोशिश करने लगा तभी वे लोग 6- 7 बोतल रायल स्टैग दो-तीन बोतल ब्लेंडर प्राइड और गल्ले से 7 से 8 हजार की नकदी उठा ले गए। जाते जाते धमकी दे गये कि अपने ठेकेदारों से कह देना कि मुफ्त में शराब और खर्च के लिए दो से 3 हजार रुपये देने होंगे। अगर नहीं दिए तो गोली से उड़ा देंगे। इतना कहकर गाड़ी में बैठ भाग खड़े हुए। अमन की शिकायत पर कनीना पुलिस में दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।
No comments:
Post a Comment