गौ सेवा भगवान श्री कृष्ण की सच्ची भक्ति है -स्वामी शिवानंद
--धनौंदा में आयोजित हुआ यज्ञ
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कनीना की आवाज। गौ माता की सेवा भगवान श्रीकृष्ण की सच्ची भक्ति है। इसलिए हमें गौ सेवा अवश्य ही करनी चाहिए और अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गौ सेवा में भी लगाना चाहिए। ये विचार शिवानंद महाराज ने बाबा दयाल गौशाला में यज्ञ के उपरांत संबोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि गो सेवा करके मानव भवसागर से पार उतर जाता है । इसलिए हमें गौ सेवा में बढ़-चढ़कर कोई सेवा नहीं है। वही गौशाला के प्रधान ठाकुर पूर्ण सिंह तंवर ने बताया की गांव धनौंदा में श्री बाबा दयाल गौशाला पिछले लंबे समय से यहां चल रही है जिसमें झाड़ली, छितरौली, उच्चत, बाघोत, सीहोर, गाहड़ा खरकड़ाबास, खेड़ी तलवाना, अगियार एवं पाथेडा के अलावा क्षेत्र के लोगों का इस गौशाला में बड़ा ही सहयोग है। समय-समय पर गौशाला में ये लोग आकर सहायता व सहयोग करते हैं जिसके बलबूते पर आज यहां लगभग 400 के करीब गोधन सुख शांति से रह रही है। शनिवार को गौशाला में विशाल जागरण का कार्यक्रम भी कराया गया जिसमें क्षेत्र के गायकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बजरंग सिंह, डा विनयपाल सिंह गौशाला प्रधान, ठाकुर पूर्ण सिंह तंवर, ठाकुर बीर सिंह, सोनू तवर, नरेंद्र शर्मा, जगदीश सिंह, जीतपाल सिंह, कर्मवीर सिंह, गो भगत दिनेश कुमार शर्मा ग्रामीणों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 06: स्वामी शिवानंद जी के साथ गो भक्त
संत मोलडऩाथ मेला 20 मार्च को
-19 मार्च को आयोजित होगा जागरण
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कनीना की आवाज। कनीना के परम संत एवं कनीना के अतिरिक्त आधा दर्जन विभिन्न गांवों में पूजे जाने वाले संत मोलडऩाथ का मेला 20 मार्च बुधवार को कनीना में आयोजित होगा। इससे पूर्व 19 मार्च की रात को कनीना के फुटबाल खेल के मैदान में जागरण आयोजित होगा।
संत मोलडऩाथ ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि जागरण में विकास पासोर, सिंगर रजनी शर्मा, मुकेश करनावासिया, अंजू शर्मा, सरिता, सोनू रुद्रा, मनोज शर्मा आदि पहुंच रहे हैं जो संत मोलडऩाथ का गुणगान करेंगे।
इसी क्रम में 51000 रुपये तक की ऊंटों की दौड़ जिसमें दूसरा पुरस्कार 41000 रुपये, तीसरा 31000 रुपये तथा चौथा 21000 रुपये तथा पांचवां इनाम 11000 रुपये का दिया जाएगा। देसी घोडिय़ों की दौड़ भी 11000 रुपये से लेकर 51000 रुपये तक की तक की आयोजित होगी। 31000 रुपये तक की कुश्ती, 21000 रुपये तक घोड़ी चाल आयोजित होंगी। घोड़ी चाल में दूसरा इनाम 15000 रुपये तीसरा इनामी 7100 रुपये का दिया जाएगा। ऊंट एवं घोडिय़ों की दौड़ सीहोर-छीथरोली सड़क मार्ग पर आयोजित होगी। कश्तियां 51 रुपये से लेकर 31000 रुपये तक की होंगी। पर्व तीन दिन चलता है जहां केवल शक्कर का प्रसाद ही चढ़ाया जाता है।
फोटो कैप्शन 05: संत मोलडऩाथ आश्रम
विश्व वन्यजीव दिवस-03 मार्च
वन्य जीवों का है इंसान से गहरा संबंध
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कनीना की आवाज। वन्य जीवों का इंसान से गहरा संबंध है। सदा जीव इंसान के साथ साथ विचरण करते आये हैं। परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाले जीव जंतु लुप्तप्राय हो गये हैं। इनकी सुरक्षा इंसान की सुरक्षा होती है। इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ जीवों के लिए मुसीबत बन रही है। चिडिय़ा, फाख्ता, कौवा, बुलबुल ग्रामीण क्षेत्रों में खूब मिलती थी किंतु अब वो भी विलुप्त होती जा रही हैं। पर्यावरण प्रदूषण,भीषण गर्मी एवं जल अभाव, अभ्यारण्यों का अभाव, जंगलों की सफाई, आखेट आदि जंगली जीवों की संख्या को कम करती जा रही है। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
कौन कौन से जीव मिलते हैं जिला महेंद्रगढ़ के वनों में-
पूर्व फोरेस्टर जसवंत सिंह बताते हैं कि 1948 में जब महेंद्रगढ़ बना था उस वक्त भारी संख्या में वन्य जीव होते थे किंतु अब संख्या घटती ही जा रही है। कभी सेही, तीतर, बटेर, काला तीतर, हिरण, नील गाय, पक्षियों की विभिन्न प्रकार, जरख, गीदड़, जावामूसा, काला नाग, गिद्ध, चील, मोर , शशक , लोमड़ी और कई अन्य जीव मिलते थे जो धीरे धीरे या तो लुप्त हो गये या बहुत कम बचे हैं। उनको उचित वातावरण नहीं मिल रहा है।
--जसवंत सिंह पूर्व फोरेंस्टर
जब महलों की बजाय झोपड़ी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लग पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
----सूबे सिंह, किसान
अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित करने की अनुमति दी जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे। जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं।
----सुरेश कुमार, पर्यावरणविद
पर्यावरणविद रविंद्र कुमार बताते हैं किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं। शशक एवं गीदड़ क्षेत्र में भारी मात्रा में देखने को मिलते थे किंतु जंगलों की सफाई कर देने से सुरक्षित स्थल बचे नहीं हैं जिसके चलते वे विलुप्त होने के कगार पर हैं। जंगली जीवों को बचाने के लिए जंगलों की आग पर काबू पाना होगा वहीं पर्यावरण को दूषित होने से बचाना जरूरी हो गया है। जीवों को पिंजरे में बंद करने वाले या सांप आदि दिखाने वाले सपेरों, जीवों के साथ मजाक करने वाले मदारी आदि पर सख्त नजर रखनी होगी ताकि पक्षियों, सरीसृपों एवं जंगली जीवों को बचाया जा सके। जब जीवों का प्रजनन चलता है तो उस वक्त आखेट करने वाले कुत्ते एवं कुछ आखेट करने वाले जन उनके अंडे चोरी कर लेते हैं या फिर पक्षियों को मारकर खा जाते हैं। कानून सख्त नहीं होने से आखेट चोरी छिपे जारी है। जंगली जीवों को बचाने के लिए जंगलों की आग पर काबू पाना होगा वहीं पर्यावरण को दूषित होने से बचाना जरूरी हो गया है।
----रविंद्र कुमार, पर्यावरणविद
जंगली जीवों को समाप्त करने में घरों में पाले जाने वाले कुत्ते भी अहं भूमिका निभा रहे हैं। कहीं इंसान अपने मनोरंजन के लिए जीवों को पकड़ रहा है जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। जंगल जहां जीव जंतु छुपकर प्रसव करते थे वो स्थल अब बचे नहीं हैं। जिस जगह इंसान दिन के समय भी जाने से डरता था वहां रात के वक्त भी जगमगाहट दिखाई पड़ती है। इंसान जीवों को रक्षा की नजर से नहीं देखेगा तब तक जीवों का यूं ही अंत होता चला जाएगा।
----सुनील कुमार, बिसोहा
फोटो कैप्शन: रविंद्र कुमार, सूबे सिंह, सुनील कुमार, जसवंत सिंह, सुरेश कुमार।
रेलवे विभाग द्वारा फिर से साधारण किराया लागू करने पर रेल यात्रियों ने खुशी जताई
--कोरोना से पूर्व किराया फिर से बहाल
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कनीना की आवाज। रेलवे विभाग ने जहां शनिवार से कोरोना काल में साधारण गाडिय़ों का किराया बढ़ा दिया था वह फिर से वापस लेते हुए पुराना किराया लागू कर दिया है। जिससे यात्रियों को लाभ मिलेगा तथा अब उन्होंने खुशी जताई है। अब तक साधारण गाडिय़ों को भी एक्सप्रेस नाम से चलाया जा रहा था तथा किराया बढ़ा दिया था जिसके कारण कम से कम दोगुना अधिक किराया लिया जा रहा था। वह वापस ले लिया है। फिर से साधारण गाडिय़ों का किराया घटा दिया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए स्टेशन मास्टर कंवरपाल शर्मा ने बताया कि दो मार्च से पुराना किराया लागू हो गया है। जो गाडिय़ां साधारण गाडिय़ां थी उन्हें कोरोना कल में धीरे-धीरे फास्ट एक्सप्रेस गाड़ी का नाम दे दिया गया था। अब उनका किराया वापस पहले वाला लागू कर दिया है।
इस संबंध में कुछ ट्रेन से सफर वाले यात्रियों से बात की गई तो उन्होंने खुशी जताई।
**कोरोना कल में साधारण गाडिय़ों को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया था तथा फिर से उन्हें चलाया गया तो एक्सप्रेस नाम दिया गया था। किराया भी अधिक लिया जाता रहा है जिसके कारण साधारण गाडिय़ों में आम आदमी का चलना भी कठिन हो गया था किंतु अब फिर से पुराना किराया लागू कर देने से उन्हें खुशी है। वे अक्सर महेंद्रगढ़ जाने के लिए साधारण गाडिय़ां पकड़ती है परंतु कोरोना कल के बाद से बसों का किराया भी ट्रेन जितना कर दिया गया था जिसके कारण ट्रेनों की मांग घटी थी।
--- विमला देवी ट्रेन यात्री
ट्रेनों का किराया फिर से कोरोना काल से पूर्व वाला कर देने से उन्हें खुशी है क्योंकि ट्रेन सफर के लिए अच्छा साधन है किंतु बसों के बराबर ही उनका किराया रख देना उन्हें दिक्कत दे रहा था। बार-बार किराया वापस घटाने की मांग चल रही थी आखिरकार रेलवे विभाग ने किराया घटा दिया है, पहले जैसा ही कर दिया है जिसकी उन्हें खुशी है।
--- सुनहरी देवी रेल यात्री
फोटो कैप्शन: सुनहरी देवी एवं विमला देवी
तेज हवाओं ने बढ़ाई किसानों की चिंता
-अभी भी 20 हजार हेक्टयर पर खड़ी है सरसों
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में जहां शुक्रवार की रात को हल्की बारिश हुई वहीं शनिवार को दिनभर तेज हवाएं चली जिसको लेकर किसान चिंतित है। एक और जहां सरसों फसल की लावणी शुरू हो गई है वहीं गेहूं की फसल पकान पर है। गेहूं की फसल में अभी भी पानी दिया जा रहा है जिसके कारण तेज हवा से फसलें गिरने का डर सता रहा है।
किसान सूबे सिंह,महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि इस वक्त बारिश सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक साबित होगी वहीं तेज हवाएं भी नुकसानदायक साबित होंगी। क्योंकि किसान अभी खेतों में पानी दे रहे हैं, गेहूं की फसल तेज हवा के कारण गिर जाने का खतरा है। वहीं तेज हवाओं के कारण लावणी की हुई सरसों की फसल उड़कर भी देर जाने की संभावना बन गई है। ऐसे में किसान की चिंता बढ़ गई है। मौसम विभाग ने पहले ही 3 मार्च तक मौसम के बदलने की संभावना जता रखी है और मौसम पल-पल बदल रहा है। विगत दिनों से जहां तेज गर्मी पड़ रही थी वहीं मौसम में बदल आ रहा था। किसानों का कहना है कि पहले भी जहां एक महीने तक सूर्य का प्रकाश न मिलने से फसल को नुकसान हुआ है और अब लावणी के वक्त भी फसलों को नुकसान होने की संभावना बना दी है।
कृषि अधिकारी गेहूं की फसल में पानी न देने की बात कर रहे हैं ताकि तेज हवाओं का कुप्रभाव न पड़े।
फोटो कैप्शन 03: तेज हवाओं में अपनी पछैती सरसों फसल को निहारता किसान
महिलाओं का नारा कट बने हमारा के साथ, 356वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर हैं ग्रामीण
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शनिवार को धरने कि अध्यक्षता बाबूलाल सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे और उतरने का मार्ग शुरू न होने के कारण महिलाओं ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। गोदावरी पोता और रामकला सेहलंग महिलाओं के साथ धरना स्थल पर पहुंची और सरकार के विरोध में नारे लगाए। राज्य सरकार और केंद्र सरकार हमारी मांग पूरी करें, महिलाओं का नारा कट बने हमारा। जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं करती है, तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। महिलाओं ने सरकार को चुनौती दी कि हमें और हमारे परिवारों को कट न होने के कारण कितनी परेशानियां हो रही हैं, हम ही जानती हैं, केंद्र सरकार हमारी पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके कट का काम शुरू करवाया जाए। महिलाओं ने बताया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने कट के लिए समय से चेत नहीं किया तब हमें अपने वास्तविक रूप में सरकार के विरोध में आना है और कट बनवाना है।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 356 दिन हो गए हैं किंतु कट का काम शुरू नहीं करती है तब तक हम यहीं पर डटे रहेंगे और सरकार का विरोध करते रहेंगे। जब तक कट नहीं बनेगा हमारा क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता।
इस मौके पर मुकेश,सुशीला, रामेश्वरी, कांता,मंजू संतोष,लक्ष्मी, प्रमिला, लाडो देवी, मनीता, बबली,उर्मिला, अनीता, बाला,सविता,सुमन,नरेंद्र शास्त्री, डा लक्ष्मण सिंह,चेयरमैन सतपाल,मास्टर विजयपाल, प्रधान कृष्ण कुमार , पहलवान रणधीर सिंह, मुंशी राम, सूबेदार हेमराज अत्री, सीताराम, मास्टर विजय सिंह, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, वेद प्रकाश, डा राम भक्त, दाताराम, पंडित संजय सिंह, रोशन लाल आर्य, मनफूल , पूर्व सरपंच हंस कुमार, अशोक चौहान, रामकिशन, करतार सिंह व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट की मांग को लेकर धरना स्थल पर नारे लगाती महिलाएं।
अपने जन्म दिवस पर प्राचार्य ने किया विद्यालय प्रांगण में पौधारोपण
-पाथेड़ा प्राचार्य की नई पहल
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कनीना की आवाज। पाथेडा स्कूल के प्राचार्य विष्णु प्रकाश जोशी ने अपना जन्मदिन स्कूल प्रांगण राजकीय वरिष्ठ ममाध्यमिक विद्यालय में पेड़ लगाकर मनाया। उन्होंने पेड़ों के महत्व को समझाते हुए प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में अधिक से अधिक पेड़ लगाने की शिक्षा दी। अपने स्कूल में हरियाली बनी रहे इसी को अपना मुकाम बनाया है।
उन्होंने कहा कि हम सब सकल्प ले कि हर व्यक्ति जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगाएं तभी हम सभी पेड़ों के महत्व को समझ पाएंगे तथा पर्यावरण संरक्षण संभव होगा। प्राचार्य को बचपन से ही पेड़ पौधों से प्रेम रहा है। जहां भी रहे हैं वहीं पौधारोपण किया है। उन्होंने सभी कर्मियों को अपने जन्म दिन पर एक एक पौधा लगाने की अपील की। और साथ में बड़ा होने तक सेवा करने की अपील भी की।
इस अवसर पर राजनीति प्रवक्ता सुरेश शर्मा, अंग्रेजी प्रवक्ता राजेश कुमार,गणित प्रवक्ता ओम कुमार, सस्कृत प्रवक्ता मुनेश कुमार, भूगोल प्रवक्ता राज बाला, हिन्दी प्रवक्ता डि पल, सुरेन्द्र कुमार, शारीरिक शिक्षक सुलक्षणा, मुकेश ,वन्दना ,रीना राजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: पाथेड़ा स्कूल प्रांगण में प्राचार्य पौधारोपण करते हुए।
परीक्षा केंद्र का खंड शिक्षा अधिकारी ने किया शुभारंभ
- राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला में बना है 10वीं और 12वीं का परीक्षा केंद्र
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कनीना की आवाज। शहीद शिव कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ककराला के नवनिर्मित 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा के केंद्र का शुभारंभ खंड शिक्षा अधिकारी कनीना डा.विश्वेश्वर कौशिक द्वारा किया गया। इस मौके पर पंचायत समिति अध्यक्ष जयप्रकाश भी उपस्थित रहे।
खंड शिक्षा अधिकारी ने सुंदर प्रांगण तथा अच्छी व्यवस्था के लिए ग्रामवासियों एवं विद्यालय स्टाफ को बधाई दी तथा परीक्षा केंद्र को सुचारू रूप से चलने के लिए ग्राम पंचायत ग्राम विकास कमेटी के सदस्यों से विशेष आग्रह भी किया।
इस मौके पर प्राचार्य रामेश्वर दयाल ने परीक्षा केंद्र बनवाने के लिए ग्राम विकास कमेटी तथा ग्राम पंचायत के विशेष सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया तथा बोर्ड चेयरमैन वीपी यादव के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया। प्राचार्य ने बताया कि परीक्षा केंद्र में 209 विद्यार्थी दसवीं कक्षा के तथा 177 विद्यार्थी 12वीं कक्षा की परीक्षा देंगे। उन्होंने सभी अतिथियों का आभार जताते हुए ग्राम विकास कमेटी एवं ग्राम पंचायत के सदस्यों से परीक्षा केंद्र को सुचारु रूप से चलने के लिए विशेष सहयोग की अपील की। इस मौके पर पर ग्राम सरपंच नीलम देवी, नंबरदार कंवर सिंह, शांतिलाल, ग्राम पंचायत एवं ग्राम विकास कमेटी के सदस्य सूबेदार रंगराव, प्राचार्य ओमपाल, प्राचार्य रामस्वरूप, केंद्र अधीक्षक सुरेंद्र सिंह, विद्यालय स्टाफ एवं गांव के अनेक व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: परीक्षा केंद्र का शुभारंभ करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी कनीना
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