Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, March 27, 2024


 
 मोबाइल कम प्रयोग करें वरना आंखें और कान की बढ़ जाएगी समस्याएं-डा. जितेंद्र
--मोबाइल बगैर हो रहा है चिड़चिड़ा स्वभाव
************************************************************
******************************************************************
*************************************
***********************
कनीना की आवाज। कोरोना काल के बाद शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी वर्ग मोबाइल से ज्यादा जुड़ता चला जा रहा है। परंतु इसके कु-प्रभाव धीरे-धीरे बढऩे लगे हैं। कहने को तो मोबाइल एक बुरी चीज है किंतु बच्चों से इसका पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं। एक मिनट भी फोन दूर हो जाता है तो बच्चे पागल से हो जाते हैं। इस संबंध में कुछ विद्वानों से बात ही और उनके विचार निम्न हैं-
**विद्यार्थी अनुशासित तरीके से करें स्मार्टफोन का प्रयोग करें। मोबाइल व संचार सुविधा का आधुनिक जीवन में विशिष्ट स्थान है तथा यह संचार के क्षेत्र में बहुत ही चमत्कारी घटना है। वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में ही मोबाइल का अपना विशिष्ट स्थान है परंतु विद्यार्थी अगर अनुशासित तरीके से इसका उपयोग करें तो यह उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज दुनिया भर की सभी महत्वपूर्ण पुस्तकें इस छोटी सी मशीन में कैद है जिनको विद्यार्थी घर बैठे पढ़ सकते हैं। उन्हें घर से दूर किसी लाइब्रेरी में जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा बहुत से शैक्षणिक एप्स आनलाइन पाठ्यक्रम तथा अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्य सामग्री विद्यार्थी निशुल्क घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। परंतु इसके लिए आवश्यक है कि विद्यार्थी अनुशासित ढंग से इसका इस्तेमाल करें। फालतू की ऐप्स व नोटिफिकेशन बंद कर दें तथा अनावश्यक चैट से बचें परंतु अगर इसके दूसरे पहलू पर ध्यान दें तो यही मोबाइल फोन हमारे लिए अभिशाप भी बन जाता है। इसके अत्यधिक प्रयोग से मस्तिष्क में चिड़चिड़ापन अनिद्रा तथा कानों व आंखों पर  दुष्प्रभाव पड़ता है तथा आनलाइन गेमिंग की बुरी लत भी लग सकती है। यही कारण है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों तथा युवाओं में इसके दुरुपयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है। अत: में संयमित और अनुशासित तरीके से मोबाइल फोन का प्रयोग करना चाहिए
---मदनमोहन कौशिक प्राध्यापक
 आजकल अभिभावकों ने कैसी आदत डाल दी है कि छोटे बच्चों को चुप कराने के लिए मोबाइल दे देते हैं ताकि वह रोना बंद कर दे। परंतु इसका कु-प्रभाव छोटी उम्र से ज्यादा पड़ रहा है। आंखें खराब हो रही हैं, बच्चे मोबाइल के नशे में पागल से हो रहे हैं जिनका भविष्य में अधिक कु-प्रभाव पड़ सकता है। उनका कहना है कि बच्चों को मोबाइल नहीं देना चाहिए। खाने पीने और स्वस्थ आदतों में लगाना चाहिए। पुस्तक पढऩे पर जोर देना चाहिए। शिक्षकों को भी अधिक से अधिक पुस्तक प्रयोग करते हुए विद्यार्थियों को पुस्तक पढऩे पर बल देना चाहिए ताकि पुस्तकों की कदर भी बढ़े और मोबाइल से कुछ दूरी भी घटे।
-- लक्ष्मी देवी शिक्षिका
उधर डाक्टर का कहना है कि मोबाइल का बहुत बुरा प्रभाव आंखों पर डाल रहा है, वही कानों में लीड लगाने से कानों से भी सुनाई कम देने लग जाता है। अधिकांश बच्चे आंखों के मरीज बनते जा रहे हैं। चिड़चिड़ा स्वभाव हो रहा है। बात-बात पर ऊलजलूल बकते हैं तथा उनकी आदतों में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यदि बच्चों को किताबें अधिक पढऩे पर जोर दिया जाए तो आंखें और कान खराब होने से बच सकते हैं। उनका कहना है कि यदि मोबाइल प्रयोग करना है तो जितनी आवश्यकता हो प्रयोग करें, मोबाइल में बड़ी स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए तथा इस पर भी गिलास लगवा लेना चाहिए जो आंखों पर कम प्रभाव डालता है और रेडिएशन को रोकता है। उन्होंने कहा कि समय रहते मोबाइल पर काबू नहीं किया तो भविष्य में इसके बहुत घातक प्रभाव सामने आएंगे।
-- डाक्टर जितेंद्र मोरवाल
फोटो कैप्शन: डाक्टर जितेंद्र मोरवाल, मदन मोहन कौशिक और लक्ष्मी देवी शिक्षिका






लड़की हुई गुम, अज्ञात लड़के पर छुपाने का आरोप
************************************************************
******************************************************************
*************************************
***********************
कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल 12वीं कक्षा में पढऩे वाली एक लड़की रात को खाना खाकर सोई थी। सुबह गुम हो गई। लड़की के पिता ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उसकी पुत्री 12वीं कक्षा में पढ़ती है। रात को खाना खाकर सोई थी सुबह अपने बिस्तर पर नहीं मिली। काफी तलाश की गई किंतु कहीं नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि अज्ञात लड़के ने उसे कहीं छुपा कर रखा हुआ है। कनीना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।






तालाब पर सीमेंट की चेयर मात्र चार दिन बाद ही क्षतिग्रस्त, ग्रामीणों में रोष
--तालाब में नहीं भरा गया है पानी
************************************************************
******************************************************************
****************************************
********************
कनीना की आवाज। पंचायती राज विभाग द्वारा गांव धनौंदा में तालाब के चारों तरफ लगाई गई सीमेंट की चेयर समय से पहले क्षतिग्रस्त हो गई जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष है।
गांव के पूर्व सरपंच ठाकुर रतन सिंह तंवर, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार, रमेश कुमार, बालबीर सिंह, सरजीत सिंह, रणजीत सिंह, भूपेंद्र सिंह, सुधीर कुमार, शिवकुमार, प्रवीण कुमार, रामविलास आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पूर्व में पंचायती राज विभाग द्वारा एक तालाब की खुदाई कराई थी जिसको साफ सुंदर दिखने के लिए उसके चारों तरफ सीमेंट की चेयर लगाकर सुशोभित की थी ताकि गांव के लोग सुबह शाम इन पर बैठकर पर्यावरण का आनंद ले सके लेकिन जोहड़ के चारों तरफ लगाई गई बैठने की यह सीमेंट की चेयर समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई। जोहड़ में साफ पानी भरकर  पौधे लगाये जाने की बात कही  थी जो अभी तक पूरी नहीं की गई है। जिसको लेकर ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
 उन्होंने जिला उपायुक्त से मांग कर धनौंदा में बनाए गए तालाब की जांच करने व उसके चारों तरफ लगाई गई सीमेंट की चेयर की जांच कराने की गुहार लगाई है। इस तालाब बननेके बाद इसमें एक बूंद भी पानी नहीं आया जिसको लेकर ग्रामीण परेशान है ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस तालाब से पानी लेकर बाबा दयाल के मंदिर में पूजा की जाती थी लेकिन जब से इस तालाब में पानी नहीं आया है जिससे पशु पालक भी परेशान हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया था कि गांवों के पशुधन को ध्यान में रखते हुए गांव के तालाबों में नहर से पानी भरवारा जाएगा ताकि पशुधन को पीने के पानी की समस्या ना हो। प्रशासन कुएं की मोटर चलाकर जोहड़ में थोड़ा सा पानी एकत्रित कर रहा है।
फोटो कैप्शन 4 व 5:गांव के समाजसेवी लोग टूटी सीमेंट की कुर्सियों को दिखाते हुए तथा रोष जताते हुए।





कट की मांग को लेकर 381वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीण अनिश्चितकालीन धरने पर है
************************************************************
******************************************************************
***************************************
*********************
कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए धरने कि  अध्यक्षता मास्टर विजयपाल  सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि चुनावी माहौल के बीच राज्य सरकार और केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच एग्जिट और एंट्री मार्ग  की तरफ ध्यान नहीं दे रही है ढ्ढ ग्रामीणों को धरना स्थल पर बैठे एक साल से ज्यादा समय हो गया है, हमें लग रहा है कि केंद्र सरकार हमारी मांग को अनदेखा कर रही है। युवा वर्ग को कट की जरूरत है, नारनौल और चंडीगढ़ आने -जाने का काम आम आदमी का हो गया है। ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट का काम जल्द शुरू नहीं किया गया, तब इसका  खामियाजा  सरकार को भुगतना पड़ेगा ।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 381 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से  राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण ग्रामीणों में निराशा है लेकिन पक्के इरादे के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर  बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे उतरने का मार्ग शुरू नहीं होता है, तब तक धरना स्थल पर  अडिग रहेंगे।
इस मौके पर सरपंच हरिओम पोता, सरपंच वीरपाल श्याणा, सरपंच विकास नौताना, ठेकेदार शेर सिंह, सतपाल चेयरमैन, नरेंद्र शास्त्री, रामकिशन, बाबूलाल, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, पूर्व सरपंच हंस कुमार, मनफूल, पहलवान धर्मपाल,ओमप्रकाश,  मुंशी राम, सीता राम,  रामावतार, सत्य प्रकाश, इंस्पेक्टर सत्यनारायण,   पंडित संजय कुमार,अशोक चौहान, शेर सिंह, सज्जन सिंह, सूबेदार ओम प्रकाश,  राजू उर्फ राजेश, राम भक्त, प्रधान कृष्ण कुमार,   सूबेदार हेमराज अत्री, रोशन लाल आर्य  व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान






दुल्हेंडी के खेल खेलकर सोए व्यक्ति की, अगले दिन हुई मौत
-तीन हुए नामजद
************************************************************
******************************************************************
*****************************************
*******************
कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव सेहलंग में निवासी 69 वर्षीय लकवा और एलर्जी के शिकार ताराचंद पड़ोस मेकं हो रहे होली के हुड़दंग से परेशान रहा। अगले दिन उसकी मौत हो गई।
मृतक के पुत्र विजयपाल की शिकायत पर तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल पोस्टमार्टम करवा करवा दिया गया है तथा रिपोर्ट आने पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। तब तक 174 की कार्रवाई करते हुए शव उसके परिजनों को दे दिया है जिनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
 मिली जानकारी विजयपाल सेहलंग निवासी ने पुलिस मेंकहा कि मैं मेहनत मजदूरी करता हूं। 25 मार्च को दुल्हेंडी थी। पड़ोस के अशोक, अजय तथा सोनू शराब पीकर हुड़दंग बाजी कर रहे थे, गाली गलौज कर रहे थे। विजयपाल का पिता ताराचंद लकवा और शरीर पर एलर्जी से पीडि़त था, रात को खाना खाकर सोया था किंतु मंगलवार की सुबह नहीं उठ पाया और उसकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने मौत का कारण अज्ञात बताया है। कनीना पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर उनके परिजनों को दे दिया है तथा आगामी कार्रवाई विसरा रिपोर्ट आने पर की जाएगी। डाक्टर की रिपोर्ट प्राथमिक के अनुसार तीन लोगों पर अभियोग अंकित किया गया है। डाक्टर की प्राथमिक रिपोर्ट अनुसार दफा 302 का मामला दर्ज करने की बात कही है।



जागो वोटर, जागो
वोट की अहमियत को समझे वोटर-कृष्ण कुमार
************************************************************
******************************************************************
*************************************
***********************
कनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव 25 मई को होने हैं। चुनाव आयोग भी इस संबंध में यह कार्रवाई में जुटा हुआ है। समय समय पर नये वोटर कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा लिये है।
इस संबंध में कृष्ण कुमार मुख्य शिक्षक मतदाताओं को जागरूक करते हुए कहते हैं कि वोट जरूर बनवाना है, वोट बनवाने के लिए घर बैठे भी आनलाइन वोट बनवा सकते हैं। परंतु वोट बनवा लेने से ही काम पूरा नहीं होता वह डालना भी जरूरी होता है और अपने मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव करना होता है। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट डालना जरूरी हो जाता है, वह डालकर हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता नहीं चुना जा सकता। परिणाम यह निकलता है कि चुना गया प्रत्याशी हमारी भावनाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा। वोट डालने के लिए भी जरूर जाए, जिनके वोट नहीं बन पाए हैं वह अभी भी वोट बनवा सकते हैं।
अपनी मनपसंद के प्रत्याशी को बिना किसी लोभ लालच के वोट देना चाहिए। हर एक वोट की कीमत होती है, वोट डालकर प्रत्याशी का चुनाव किया जाता है।
 चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर  जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए। वह डालते समय अपनी पसंद को ध्यान में रखना चाहिए और उसे वोट देना चाहिए।  सभी नेता आपका वोट पाने के लिए आते हैं, जिसका निर्णय भी स्वयं करना होता है कि वह किसे पसंद करते हैं।
 फोटो कैप्शन: कृष्ण कुमार मुख्य शिक्षक


 मेरा पहला वोट
वोट डालने के लिए उत्सुक है प्रेरणा
************************************************************
******************************************************************
****************************************
********************
कनीना की आवाज। युवा वर्ग विशेष कर जिनके नए वोट बने हैं और पहली बार वोट डालेंगे प्रसन्नचित नजर आते हैं क्योंकि 25 मई को लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं और जिन लोगों की उम्र 18 साल की हो गई और अभी तक वोट नहीं बनवाया है तो वोट बनवा सकता है। चुनाव आयोग समय-समय पर वोट बनवाने का समय निर्धारित करता है। उस अवधि में अपने वोट जरूर बनवा लेने चाहिए। वोटर कार्ड बनने के बाद  वोट डालने का अधिकारी बन जाता है। वोट जब भी किसी प्रत्याशी को दिया जाए सोच समझ कर ही देना चाहिए क्योंकि सभी प्रत्याशी एक जैसे नहीं होते उनके गुण दोष जरूर जान ले।  जिन लोगों की उम्र 18 साल हो चुकी वह अपना वोट बनवा सकता है। वोट बनवाकर उसका दुरुपयोग नहीं करना है। अभी तक उपयोग से काम लेना है।
चुनाव हर 5 साल बाद आते इसलिए युवा वर्ग उत्साह होता है कि वे अपने वोट का पहली बार मतदान करेंगे। कनीना की प्रेरणा वर्तमान में एमबीबीएस कर रही है और वह पहली बार वोट देंगी। वे चाहती हैं कि उनका पहला वोट जीत में जाए ताकि आने वाले समय में वह नेता उनकी मांगों को पूरा कर सके। उनका कहना है कि वोट जरूर डालने जाएंगे ताकि अपने मनपसंद का प्रत्याशी का चुनाव हो सकेगा।
फोटो कैप्शन: प्रेरणा





नामांकन से पहले ही मोबाइल फोन बना प्रचार एवं वोट पाने का बेहतर विकल्प
************************************************************
******************************************************************
***************************************
*********************
कनीना की आवाज। 25 मई को चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव लडऩे के इच्छुक तथा उनके समर्थक मोबाइल के जरिये अपनी दावेदारी तथा वोट पाने की अपील कर रहे हैं।  
 नामांकन से पूर्व ही चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशियों के समर्थकों ने कई तरीके अपनाए हैं जिनमें घर घर जाकर वोट पक्के करना,  मातमपूर्सी के बहाने, चाय पानी के बहाने, यारी दोस्ती के बहाने, बहन बेटियों से मिलने के बहाने, बूढ़े बड़ों से आशीर्वाद पाने, मंदिर आदि में धोक लगाने के बहाने, मेले एवं उत्सव में शामिल होकर, थाने आदि में मदद करने के बहाने या फिर युवा पीढ़ी द्वारा आधुनिक इलेक्ट्रोनिक माध्यम के जरिए प्रचार कर रहे हैं। व्हाटसअप एवं फेसबुक पर भारी संख्या में चुनाव लडऩे वाले तथा उनके समर्थक अपनी अपनी फोटो दिखाने लग गये हैं और दावेदारी जता रहे हैं। हुक्का, चाय, बीड़ी, सिगरेट, खान पान से सेवा करके वोटरों का मन टटोल रहे हैं।
 युवाओं के सिर चढ़कर बोला मोबाइल-
युवा पीढ़ी  चुनावों में बढ़ चढ़कर भाग ले रही है जो आधुनिक इलेक्ट्रोनिक यंत्रों को पीछे नहीं छोड़ रही है। मोबाइल पर  संदेश आते रहे हैं। मोबाइल पर संदेशों के अलावा ई-मेल के जरिए, वाट्स एप, फेस बुक आदि पर परोक्ष रूप से वोट देने की अपील होने लगी है।  युवाओं को बेशक वोट मिले या न मिले उन्होंने आधुनिक यंत्रों की जमकर मदद ली है। चुनाव की पूरी तैयारियां हैं और 30 अप्रैल से नामांकन शुरू हो जाएंगे।




             तू डाल-डाल तो मैं पात-पात
************************************************************
******************************************************************
************************************
************************
कनीना की आवाज। 25 मई के लोक सभा चुनावों के दृष्टिगत लोगों के चेहरों पर बहार आ गई है। नेता के समर्थक मारे मारे फिरने लगे हैं और उनकी हालात भी पूर्व मुख्यमंत्री चौ बंसीलाल की कहावत भैंस के साथ चिचड़ वाली हो गई है । नेता दल बदलता है तो बेचारे समर्थक भी पाला

















बदलने को मजबूर हो जाते हैं। भावी चुनावों के दृष्टिगत कुछ चुनावी चटखारे देखने को मिल रहे हैं।
जो कल तक थे गैरों में वो आज पड़े हैं पैरों में-
बहुत से छुटभैया नेताओं पर यह कहावत शत प्रतिशत सही उतरती है। कल तक जिन्हें गालियां देते थे, कटाक्ष करते थे और एक दूसरे के दुश्मन नजर आते थे आज वो पैरों में पड़े देखे जा सकते हैं। घुट-घुटकर यूं बातें करते हैं जैसे श्रीकृष्ण और सुदामा की जोड़ी हो और उनकी दोस्ती किसी लैला मजनूं से कम न हो।




No comments: