अचानक तबियत बिगडऩे से महिला की मौत
--पीजीआईएमएस ले जाते वक्त रास्तें में मौत
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स्रनीना की आवाज। अचानक बीमार हुई लड़की की मौत हो जाने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार अंजलि कनीना जो अचानक गत दिवस बीमार हो गई थी जिसे परिजनों ने सरकारी अस्पताल पहुंचाया वहीं चिकित्सकों ने अंजलि की हालत को गंभीर देखते हुए उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। लेकिन विधाता को कुछ और ही मंजूर था और अंजलि ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। वहीं परिजनों ने इस मामले की जानकारी कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जिस पर कनीना शहर थाने के उप निरीक्षक सतीश कुमार ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया तथा 174 के तहत कार्रवाई कर दी है।
राष्ट्रीय गोभी दिवस -17 मार्च
-अति पौष्टिक सब्जी होती है गोभी
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स्रनीना की आवाज। सुपर फूड के साथ गोभी स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में जानी जाती है। 17 मार्च को राष्ट्रीय गोभी दिवस मनाया जाता है। सबसे पुरानी सब्जियों में से एक है। हजारों वर्षों से इस सब्जी का आनंद लिया जाता रहा है। यह विटामिन और खनिज लवणों से भरपूर होती है। पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली/हरी गोभी तथा विभिन्न रंगों की गोभी आजकल बाजार में आ गई हैं। गोभी जल्दी पैदा होती है सब्जी के विभिन्न रूपों में,यहां तक की सलाद के रूप में भी खाई जाती है।
क्या कहते हैं डाक्टर
-डा. रितिका बताती है की पत्ता गोभी में चाहे कैलोरी बहुत कम है लेकिन इसमें विटामिन सी, बी-सिक्स, मैंगनीज, पोटेशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं। यह फाइबर का अच्छा स्रोत है, पाचन में सहायक करती है। कैंसर से भी लड़ती है और ब्रोकली जैसी गोभी तो बहुत सी बीमारियों से बचाती है। उन्होंने पत्ता गोभी के अलावा सभी गोभियों को प्रयोग करने की बात कही है, जो सेहत के लिए लाभ पहुंचाती हैं।
-- डाक्टर रितिका
गोभी के विषय में किसानों से भी चर्चा की गई। जिनके विचार निम्र हैं-
गोभी उगाकर कम अपने परिवार का भरण पोषण कर लेते हैं तथा गोपी अच्छी पैदावार देती है। बाजार में भी बेची जा सकती है जिसके अच्छे भाव मिलते हैं। अधिकांश किसान गोभी को उगाते हैं जिसके तैयार होने में भी कम समय लगता है तथा खाने में भी स्वादिष्ट होती है। जिसे सलाद के रूप में तथा भोजन के रूप में, सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं।
-- राम नरेश किसान
लंबे समय से गोभियों का आ रही हूं तथा गोभी उगाकर उन्हें खुशी होती है। गोभी आसानी से उगाई जा सकती है। गोभी उगाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और आसानी से पैदावार देती है तथा सब्जी के रूप में बहुत आनंददायक सब्जी बनती है। यहां तक कि कोफ्ता, रायता, पराठे, कोरमा तथा अन्य विभिन्न सब्जियां गोभी से तैयार होती हैं।
--- पवित्रा देवी महिला किसान
क्या कहते हैं बागवानी अधिकारी-
मनदीप सिंह डीएचओ रेवाड़ी बताते हैं कि सरकार द्वारा इस नकदी फसल के उत्पादन के लिए 15000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाता है बशर्ते कि उसने अपने खेत में ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई, मल्चिंग आदि लगा रखी हो। उन्हें यह राशि गोभी उगाने के लिए दी जाती है वहीं ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और स्प्रिंकलर पर 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। यदि मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत बीमा करवाया जाता है और फसल बर्बाद हो जाती है तो 30 हजार रुपये प्रति एकड़ रिस्क कवर दिया जाता है। गोभी बहुत आसानी से क्षेत्र में पैदा हो जाती है और गोपी उगाने से किसान अच्छी आमदनी ले सकता है।
मनदीप यादव डीएचओ रेवाड़ी
फोटो कैप्शन: डा. मंदीप यादव, डा. रितिका, किसान पवित्रा देवी, किसान रामनरेश।
नकदी सहित लाखों रुपये के जेवरात चोरी
-पुलिस ने किया मामला दर्ज
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स्रनीना की आवाज। गांव खैराना निवासी रोशनलाल नामक व्यक्ति के घर से अज्ञात चोर लाखें रुपये के जेवरात एवं नकदी चोरी कर ले गये। चोरी के समय घर पर कोई नहीं था। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में चोरी का मामला दर्ज करवाया है।
रोशनलाल ने पुलिस को बताया कि 15 मार्च को सुबह वह खेत में जल्दी चला गया था तथा उसकी पत्नी मधुबाला भी सुबह करीब 9 बजे घर से खेत में चली गई। दोपहर पूर्व करीब 11 बजे घर आए घर का दरवाजा खुला हुआ था, कपड़े बाहर बिखरे पड़े थे, संदूक में रखे हुए गहने व नकदी गायब मिले। उन्होंने पुलिस को सूचित किया।
उन्होंने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा कि अज्ञात चोर संदूक में रखे हुये 13500 रुपये की नकदी, दो चैन सोने की, दो अंगूठी सोने की, एक सोने का ओम, पांच जोड़ी सोने के टापस, एक जोड़ी सोने की झुमकी, 4 जोड़ी पाजेब चांदी के, एक चेन चांदी की, अंगूठी चांदी की, दो सिक्के चांदी के चोरी कर ले गए। अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से गांव करीरा में सात दिवसीय कैंप का किया गया शुभारंभ
--प्राचार्य ने किया शुभारंभ
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स्रनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय कनीना, की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के माध्यम से राजावाली बनी हनुमान मंदिर, ग्राम करीरा में सात दिवसीय कैंप का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी संदीप कुमार ककरालिया ने बताया कि ग्राम करीरा में 16 मार्च से 22 मार्च तक राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय कैंप चलेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डाक्टर सुरेंद्र सिंह यादव के माध्यम से किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े सभी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सेवा करना हमारा मौलिक कर्तव्य है। जिसका वर्णन भारतीय संविधान में किया गया है। देश को जब भी हमारी जरूरत हो तो हमें राष्ट्र के लिए योगदान देने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। और सेवा भाव से ही हम अपने राष्ट्र को उन्नति के पथ पर ला सकते हैं। गांव करीरा की सरपंच सपना यादव ने राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी विद्यार्थियों का ग्राम में पहुंचने पर हार्दिक स्वागत किया। मंदिर हनुमान मंदिर कमेटी के चीफ सेक्रेटरी हरिद्वार लाल ने कहां कि राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों को राष्ट्र सेवा में पूरा सहयोग ग्राम की तरफ से किया जाएगा।
राष्ट्रीय सेवा योजना की महिला इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डा भारती यादव ने विद्यार्थियों को पर्यावरण की सुरक्षा और नियमित सफाई करने का संदेश दिया। ग्राम करीरा की ओर से जसवंत सिंह प्रधान, हरिद्वार सचिव, धर्मवीर प्रधान ,राजेश, गणपत राय आर्य पूर्व प्रधान, अजीत पूर्व प्रधान ,और महाविद्यालय कनीना की और से डा. कांता यादव, डा. अनीता, डा. सपना, डा. ज्योति, डा. नीनू डा. बलराज , यतेंद्र डा., डा. अजय ,डा. राहुल ,डा. संदीप इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: कँप को संबोधित करते हुए प्राचार्य।
उन्हाणी महाविद्यालय की छात्राएं रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों के लिए चयनित
--एक दिवसीय रोजगार मेला आयोजित
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स्रनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में एनआइआइटी फाउंडेशन की ओर से रोजगार मेला आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा. विक्रम सिंह ने की। इस अवसर पर रोजगार के लिए चयनित समिति के रूप में मनोज कश्यप तथा प्रतिभा चौहान ने छात्राओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार दिलाने के लिए साक्षात्कार लिया।
रोजगार मेला कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं ने बढ़- चढ़कर भाग लिया तथा विभिन्न क्षेत्रों के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रथम चरण में 40 छात्राओं का चयन किया गया तथा द्वितीय चरण के लिए 25 छात्राओं का चयन किया गया। उन्होंने एसबीआई, आईसीआई ,एक्सिस बैंक, टैक महेन्द्रा, टीसीए. ,पैंटालून आदि कम्पनियों के लिए महाविद्यालय की छात्राओं का चयन किया। इस से पहले भी महाविद्यालय की पाच छात्राओं ने गुरूग्राम में नियुक्त पत्र प्राप्त किया। प्राचार्य ने कार्यक्रम संयोजिका प्रो. कविता व प्रो सुषमा यादव का इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए आभार व्यक्त किया तथा समय-समय पर छात्राओं को अधिकतम रोजगार अवसर उपलब्ध करवाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए प्रेरित करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 07: कालेज उन्हाणी में रोजगार मेले का नजारा।
कुमारी निशा यादव को मिली डाक्टरेट की उपाधि
--वर्तमान में कंप्यूटर शिक्षिका है निशा
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स्रनीना की आवाज। गुढ़ा गांव निवास हेडमास्टर राजकुमार राव की पुत्री निशा यादव को बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक द्वारा डाक्टरेट कंप्यूटर विज्ञान की उपाधि से सम्मानित किया गया है। कुमारी निशा वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय में बतौर प्रवक्ता कंप्यूटर विज्ञान के पद पर कार्यरत है। इनके पिताजी राजकुमार राव बतौर मुख्य अध्यापक राजकीय माध्यमिक विद्यालय पड़तल में कार्यरत है। उनकी इस उपलब्धि का श्रेय उनके माता-पिता को जाता है। इस उपलब्धि पर सूबेदार करण सिंह, बलवंत सरपंच, धर्मपाल सरपंच, डीएसपी जगदीश, डा. मुकेश सिंगला, गाइड डॉ. बनिता, बाबूलाल प्रधान, विनय कुमार अधीक्षक, विश्वेश्वर खंड शिक्षा अधिकारी कनीना, दिलबाग सिंह बीइइओ कनीना, पंकज राव, प्रशांत आइआइटीएन ने इस उपलब्धि पर बधाई दी।
फोटो कैप्शन: निशा
ग्रामीणों का एक ही नारा कट बने हमारा, 370वें दिन जारी रहा धरना
---अनिश्चितकालीन धरने पर हैं किसान
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स्रनीना की आवाज। राष्ट0ीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शनिवार को धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच बेड़ा सिंह बाघोत ने की और उन्होंने बताया कि हमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट को लेकर असमंजस में डाल रखा है। केंद्र सरकार के द्वारा कट की घोषणा करने के बाद संभावनायें थी कि सरकार ग्रामीणों की पीड़ा को समझेगी, राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट का काम शुरू न करने के कारण ग्रामीणों का केंद्र सरकार के प्रति रोष है। हम बार-बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार को याद दिला रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू किया जाए अन्यथा युवा वर्ग मैदान में उतर गया, तब राज्य सरकार और केंद्र सरकार को उन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा।। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर कट न बनने के कारण युवा वर्ग को ज्यादा परेशानी हो रही है। नारनौल और चंडीगढ़ आने -जाने वालों के लिए दूरी ज्यादा पड़ती है और अधिक समय लगता है। जब तक कट का काम शुरू नहीं होगा, हमारा धरना जारी रहेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 370 दिन हो गए है। बदलते मौसम के कारण ग्रामीण बीमार हो रहे हैं लेकिन अपनी बीमारी की परवाह न करते हुए उनका एक ही नारा, कट बने हमारा के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं । राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनने से इस क्षेत्र में विकास की झड़ी लग जाएगी। उद्योग धंधे स्थापित होंगे, व्यापार बढ़ेगा, शैक्षणिक संस्थाएं खुलेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बाघेश्वर धाम पर्यटक स्थल होगा।
इस मौके पर डी जी पी सुभाष यादव सेहलंग,पहलवान रणधीर सिंह, नरेंद्र शास्त्री, डॉक्टर लक्ष्मण सिंह, करण सिंह,सतपाल चेयरमैन, वेद प्रकाश, बाबूलाल, रामकिशन, सूबेदार हेमराज अत्रि, प्रधान कृष्ण कुमार, मास्टर विजय पाल, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, सतीश, दाताराम, डा रामभक्त स्वामी, मुंशीराम, सुरेंद्र सिंह, राजेश, सतीश, प्यारेलाल, इंस्पेक्टर सतनारायण, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।
जागो वोटर, जागो
मतदान करने से होता है अच्छे प्रत्याशी का चुनाव
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स्रनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव भविष्य में होने वाले हैं। चुनाव आयोग भी इस संबंध में यह कार्रवाई में जुटा हुआ है। समय समय पर नये वोटर कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिनकी उम्र 18 वर्ष हो गई है उन्होंने अपने वोटर कार्ड बनवा लिये है।
इस संबंध में राजेश शर्मा प्राध्यापक मतदाताओं को जागरुक करते हुए कहते हैं कि वोट जरूर बनवाना है, वोट बनवाने के लिए घर बैठे भी आनलाइन वोट बनवा सकते हैं। परंतु वोट बनवा लेने से ही काम पूरा नहीं होता वह डालना भी जरूरी होता है और अपने मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव करना होता है। एक-एक वोट की कीमत अमूल्य होती है। ऐसे में वोट डालना जरूरी हो जाता है, वह डालकर हम परोक्ष रूप से अपनी सरकार को चलाते हैं। यदि वोट नहीं डालेंगे तो अपनी मनपसंद का नेता नहीं चुना जा सकता। परिणाम यह निकलता है कि चुना गया प्रत्याशी हमारी भावनाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा। वोट डालने के लिए भी जरूर जाए, जिनके वोट नहीं बन पाए हैं वह अभी भी वोट बनवा सकते हैं।
अपनी मनपसंद के प्रत्याशी को बिना किसी लोभ लालच के वोट देना चाहिए, जो हमारी मांगों को सत्ता में रहते हुए पूरा कर सके। हर एक वोट की कीमत होती है, वोट डालकर प्रत्याशी का चुनाव किया जाता है। यदि वह प्रत्याशी चुनाव जीत जाता है तो मन को खुशी होती है।
चुनाव आयोग द्वारा घर के आसपास नजदीक पोलिंग बूथ बनता है, बनाए गये बूथ पर जाकर निर्धारित समय और तिथि पर ही वोट डालने चाहिए। वह डालते समय अपनी पसंद को ध्यान में रखना चाहिए और उसे वोट देना चाहिए। सभी नेता आपका वोट पाने के लिए आते हैं, जिसका निर्णय भी स्वयं करना होता है कि वह किसे पसंद करते हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश कुमार शर्मा प्राध्यापक
मेरा पहला वोट
वोट की कीमत का वोट डालने के बाद ही पता लगता है
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स्रनीना की आवाज। युवा वर्ग विशेष कर जिनके नए वोट बने हैं और पहली बार वोट डालेंगे प्रसन्नचित नजर आते हैं क्योंकि भविष्य में लोकसभा के चुनाव होने जा रहे हैं और जिन लोगों की उम्र 18 साल की हो गई और अभी तक वोट नहीं बनवाया है तो वोट बनवा सकता है। चुनाव आयोग समय-समय पर वोट बनवाने का समय निर्धारित करता है। उस अवधि में अपने वोट जरूर बनवा लेने चाहिए। वोटर कार्ड बनने के बाद वोट डालने का अधिकारी बन जाता है। वोट जब भी किसी प्रत्याशी को दिया जाए सोच समझ कर ही देना चाहिए क्योंकि सभी प्रत्याशी एक जैसे नहीं होते उनके गुण दोष जरूर जान ले। जिन लोगों की उम्र 18 साल हो चुकी वह अपना वोट बनवा सकता है। वोट बनवाकर उसका दुरुपयोग नहीं करना है। अभी तक उपयोग से काम लेना है।
चुनाव हर 5 साल बाद आते इसलिए युवा वर्ग उत्साह होता है कि वे अपने वोट का पहली बार मतदान करेंगे। विवेक कुमार ने एमबीए कर ली है और निजी जाब करते हैं। वे चाहते हैं कि उनका पहला वोट जीत में जाए ताकि आने वाले समय में वह नेता उनकी मांगों को पूरा कर सके। उनका कहना है कि वोट जरूर डालने जाएंगे ताकि अपने मनपसंद का प्रत्याशी का चुनाव हो सकेगा।
फोटो कैप्शन: विवेक कुमार
खाटू श्याम धाम में किए गए हैं बेहतर प्रबंध
-हुडिय़ा जैतपुर में भी जुट रही है भारी भीड़
-खाटू श्याम से लौटकर कनीना संवाददाता-
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स्रनीना की आवाज। खाटू श्याम धाम तथा हुडिय़ा जैतपुर में श्याम मेले के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं वहीं सारा माहौल श्याममय हो गया है। दोनों ही स्थान राजस्थान के हैं। दोनों स्थानों पर 20 मार्च को भारी भीड़ जुटेगी। दोनों ही स्थल राजस्थान में हैं तथा दोनों स्थानों पर कनीना के संवाददाता प्रबंध देखने पहुंचा। कनीना से 30 किमी दूर हुडिया जैतपुर तक पदयात्रा करने के बाद संवाददाता मुख्य खाटू धाम पहुंचा। इस बार लाखों लोगों के पहुंचने का अनुमान है। विगत वर्षों कोरोना की मार झेलने के बाद से मेले में अधिक भक्तजन पहुंचने लगे हैं।
यूं तो हर शहर में खाटू श्याम की धूम मची है किंतु गली गली में लगाए गए श्याम भक्तों के लिए सेवा शिविर एवं श्याम भक्तों का आवागमन अब पूरे यौवन पर हैं। हरियाणा भर से भारी संख्या में भक्तजन खाटू, रिंगस, कांवट, श्रीमाधोपुर, नीम का थाना, कछेरा, डाबला आदि स्थानों पर अभी भी शिविर लगाकर भक्तों की सेवा कर रहे हैं जो मुख्य खाूटू धाम पहुंचते हैं तो करीब 160 किमी दूर कनीना से है। उधर कनीना, भोजावास, प्रतापुर होकर हुडिय़ा जैतपुर जाते वक्त भी भक्तों की सेवा में भारी जन समूह जुटा हुआ है वहीं पुलिस के व्यापक प्रबंध हैं।
खाटू श्याम में जहां भक्तों के लिए हर प्रकार की खाने पीने, रहने तथा स्नान आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है वहीं फास्ट फूड की ओर सभी कैंप चल रहे हैं। रिंगस से खाटू धाम तक करीब 17 किमी में जहां भक्तों की सबसे अधिक संख्या देखने को मिल रही है वहीं पेट के बल जाकर खाटू श्याम के दर्शन करने वाले भी भारी संख्या में हैं। छोटे बच्चे एवं महिलाओं की संख्या भी अधिक है जिनके हाथों में खाटू का निशान है।
खाटू श्याम में सभी भक्तों की जुबान पर बस श्याम का नाम है। डीजे पर, नृत्य करते हुए सभी खाटू धाम की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं। खाटू श्याम के दर्शन करके वे अपने को धन्य समझ रहे हैं। खाटू में नजारा देखकर ऐसा लगता है कि भक्तों में अपार आस्था है।
विभिन्न गांवों एवं शहरों से दल के रूप में भक्त निजामपुर की ओर चले जा रहे हैं जहां से रेलवे ट्रैक के साथ साथ भारी भीड़ भक्तों की चली जा रही है। हाथों में डंडे पर खाटू का निशान लेकर मुख से जयकारे लगाते हुए बस आगे की ओर बढ़ रहे हैं। मुख्य धाम खाटू मंदिर को सजाया गया है तथा भक्तों को आने जाने के लिए पुलिस प्रबंध किया गया है। रिंगस से खाटू तक 17 किमी मार्ग पर भारी संख्या में भक्त बिना चप्पल जूतों के साथ तो कुछ पेट के बल चले जा रहे हैं। 17 किमी दूरी में डाली गई कार्पेट बिछाई जा रही है वहीं भक्त विभिन्न प्रकार के बड़े छोटे निशान लेकर दौड़े चले जा रहे हैं। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है। 20 मार्च को यहां भारी भीड़ जुटेगी। यही हालात हुडिय़ा जैतपुर के हैं जहां निजी स्कूलों के स्कूली बच्चे भी सेवा करते देखे गये वहीं शिक्षक भी सेवा दे रहे हैं।
खाटू श्याम में प्रमुख दर्शनीय स्थल खाटू श्याम की प्रतिमा हे। कुछ वर्ष पहले यह मंदिर में रखी थी जिसके चलते दर्शन कर पाना कठिन होता था किंतु अब मंदिर के सामने का भाग हटा देने के बाद भक्तजन प्रतिमा के सामने से गुजरते हैं और दर्शन कर पाना आसान हो गया है। भक्तों की भीड़ अब बढऩे लगी है कई लाख भक्त पहुंचते हैं। कभी फोटो लेने पर सख्त पाबंदी होती थी किंतु अब फोटो लने के लिए प्रतिबंध कम ही देखने को मिला।
फोटो कैप्शन 01: खाटू श्याम जाते हुए भक्त
02: खाटू धाम में रखी खाटू श्याम की प्रतिमा
03: खाटू श्याम जैतपुर का नजारा
लड़की हुई गुम, दो लोगों पर बहला फुसला कर छुपाने का आरोप
-पुलिस जुटी है जांच में
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स्रनीना की आवाज। कनीना उप मंडल से एक लड़की गुम हो गई। लड़की के पिता ने दो लोगों पर उसे कहीं छ़पाने का आरोप लगाया है।
लड़की के पिता ने पुलिस में कहा है कि 19 वर्षीय उनकी लड़की गुरुवार की रात को खाना खाकर सोई थी। सुबह होने पर लड़की घर से गायब मिली। तलाश करने पर कहीं भी नहंी मिली। उन्होंने यस तथा रीतीन पर बहला फुसलाकर कहीं ले जाने का आरोप लगाया है। साथ में उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द उनकी लड़की की तलाश की जाए तथा बरामद की जाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भैंसों को रास्ते में बांध देने से मुश्किल होता है गुजरना, आफत
-संकीर्ण गली में बांधी जाती कई भैंस
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स्रनीना की आवाज। यूं तो कनीना की गलियां लगभग पक्की है परंतु जब कोई गली संकीर्ण हो तथा गली के बीच बंधी हो तो फिर आने जाने वालों के लिए दिक्कत देती हैं। ऐसी गली भैंसोंवाली गली नाम से प्रसिद्ध हो और उसमें कहीं किरायेदार के छकड़े कहीं मोटरसाइकिल तो कहीं मोड़ तोड़ हैं। मोलडऩाथ आश्रम के पास एक गली दस फीट चौड़ी हैं किंतु बस स्टैंड जाने का प्रमुख मार्ग है। इस गली में दोनों तरफ साधन खड़े रहते हैं तथा भैंस बंधी होती हैं जो आने जाने वालों को गंदगी देती रहती हैं। सुबह सवेरे कर्मियों एवं दुकानदारों का उधर से आना जाना होता है या फिर मोलडऩाथ एवं दूसरे धार्मिक स्थलों पर लोग आते जाते हैं उधर इन भैंसों के गोबर पड़े होते हैं या फिर इन भैंसों को नहलाकर खड़ा कर देते हैं जो छींटे मार मारकर आने जाने वालों के कपड़े एवं सामान को गंदा कर देती हैं।
ये गली में बंधी भैंस मल मूत्र से आने जाने वालों के चेहरे तथा कपड़ों को खराब करती रहती है। यदि कोई इनके मालिक को कहे तो समझो सामत आ जाती है। ऐसे में कोई बोलने वाला नजर नहीं आता। दिनभर ये भैंस से गोबर और मल मूत्र से गली को गंदा कर रही हैं। आवागमन में बड़ी दिक्कत आती है किंतु बस स्टैंड जाने के लिए इस गली का प्रयोग करना मजबूरी है।
लोग बेहद परेशान है किंतु कुछ कह नहीं सकते। नगर पालिका के पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस प्रकार के लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही थी किंतु उनका कार्यकाल पूरा हो गया। लोगों का कहना है कि गली में भैंस बांधना ठीक नहीं और उस पर वो गंदगी करें तो और भी दिक्कत आती है।
फोटो कैप्शन 04: गली में बंधी भैंसें एवं पीछे खड़ा छकड़ा।
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