थाना प्रभारी ने आढ़तियों के साथ की बैठक, साइबर अपराधों के प्रति किया जागरूक।
-सरसों की खरीद एक अप्रैल से नई अनाज मंडी में
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार थाना शहर कनीना प्रबंधक निरीक्षक सुधीर कुमार ने कनीना मंडी के आढ़तियों के साथ बैठक की। आढ़तियों के साथ थाना परिसर में बैठक कर कई दिशा निर्देश दिए। फसल खरीद को लेकर आढ़तियों को मंडी में सीसीटीवी कैमरे, लाइट की व्यवस्था आदि को लेकर निर्देश दिए गए। इस दौरान उप प्रधान रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया, विनोद गुप्ता, प्रवीण कुमार मित्तल, अखिल अग्रवाल, धर्मेंद्र कुमार, मनोज कुमार, राकेश कुमार व अन्य उपस्थित रहे। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने नाके लगाकर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। आढ़तियों से आग्रह किया गया है कि अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। उन्होंने व्यापारियों से आह्वान किया कि किसानों से सभ्य तरीके फसल की खरीदारी करें व व्यापारी इस दौरान पूरी एहतियात से अपने व्यापार करें। व्यापारी, किसान व आमजन के सहयोग के लिए पुलिस हर समय तैयार है।
इसके साथ ही थाना प्रभारी ने आढ़तियों को साइबर क्राइम के प्रति भी जागरूक किया। उन्होंने बताया कि आनलाइन लेन–देन करते समय सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि किसी के भी मोबाइल पर अनजाने नंबर से फोन आता है या कोई लालच देता है तो उनके झांसे में ना आए और किसी प्रकार से अपने किसी भी गोपनीयता को साझा ना करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के पार्टी खुद जागरूक होकर दूसरों को भी जागरूक करें। थाना प्रभारी ने बताया कि साइबर अपराध होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें।
उधर रविंद्र बंसल ने बताया की 1 अप्रैल से नई अनाज मंडी कनीना स्थित चेलावास में सरसों की खरीद होगी। सरसों की खरीद सोसाइटी के मार्फत नेफेडकरने जा रही है जिसमें हैंडलिंग एजेंट बनाए जाएंगे। जिनके जरिए यह खरीद होगी। विगत वर्ष से सरसों की खरीद नई अनाज मंडी में होती आ रही है।
फोटो कैप्शन 14: थाना प्रभारी आढ़तियों के साथ बैठक लेते हुए।
जीवन की हर मोड़ पर काम आती है आधुनिक तकनीक -जलधीर
--कनीना खंड के 50 शिक्षकों की 5 दिवसीय ट्रेनिंग शुरू
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कनीना की आवाज। जीवन की हर मोड़ पर विद्यार्थी, अध्यापक एवं आमजन के आधुनिक तकनीक बहुत काम आती है। आज का युग आधुनिक तकनीक का युग है। इसके बगैर एक कदम भी बढ़ाना भी मुश्किल है। ये विचार डाइट महेंद्रगढ़ के प्राचार्य जलधीर कलकल ने कनीना खंड के 50 विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों एवं प्राध्यापकों की पांच दिवसीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी/ आईसीटी प्रशिक्षण दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि आज का वक्त दिखावे का बनकर रह गया है। इंसान यदि तकनीकी कुशलता लिये हुए है और अधिक पढ़ा लिखा भी नहीं है तो वह अपनी रोटी रोजी आसानी से कम सकता है। किसान तक आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं।
प्राचार्य ने कहा कि यही वजह है कि सूचना और प्रौद्योगिकी का सहारा लेना बहुत जरूरी बन गया है। उन्होंने शिक्षकों से सलाह दी कि वे इस प्रशिक्षण को पूर्ण रूप से जगन से ग्रहण कर, आत्मसात करें ताकि जीवन में काम आए। वही विद्यालयों में जाकर भी बेहतर ढंग से विद्यार्थियों का आधुनिक तकनीकों का सहारा लेकर शिक्षण दें क्योंकि अध्यापक का कार्य बेहतर से बेहतर शिक्षा देकर विद्यार्थियों को ऊंचाई तक ले जाना होता है। यह कार्य कभी संभव हो पाएगा जब वे स्वयं ठीक प्रशिक्षण लेंगे और फिर न केवल स्वयं भी उसे कक्षा के समय कार्य की करेंगे अपितु विद्यार्थियों को भी करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
मौके पर डाइट महेंद्रगढ़ के एजूकेशन टेक्रोलोजी/ईटी विंग के सदस्य राजेश गुप्ता ने बताया कि पांच दिवसीय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी/आईसीटी के तहत 50 शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। प्रत्येक ब्लाक से 50-50 शिक्षकों का किया जाना है। सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का शिक्षण में कैसे प्रयोग किया जाए यही इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है। राज्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण परिषद गुरुग्राम के मार्गदर्शन अनुसार रूपरेखा तैयार की गई है ताकि
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षक अधिक से अधिक आईसीटी का प्रयोग करते हुए शिक्षण कार्य को रुचिकर एवं फलदायी बना सकें।
इस अवसर पर डाइट ईटी विंग के सदस्य वीरेंद्र सिंह, राजेश गुप्ता, अरुण कुमार तथा मास्टर टे्रनर्स मुकेश कुमार, रेखा कुमारी, रजनी, पूनम, अनुराधा, राजीव, सुरेंद्र, एवं जानी (सभी एबीआरसी) ने काइन मास्टर, कैनवा, क्वीजी, पिक्स आर्ट से रूबरू करवाया। न केवल इन साफ्टवेयर के बारे में जानकारी दी अपितु उन्हें बताया कि उनके द्वारा शिक्षक अभिलंब स्कूल के प्रवेश की सूचना, किसी प्रकार का विजिटिंग कार्ड, फेसबुक संदेश, फोटो सुधार, कोलाज निर्माण,सर्टिफिकेट, बैनर आदि तैयार कर सकते हैं। इनके तैयार करने में उनके समय एवं धन की बचत होगी तथा इस प्रकार के कार्य करके हुए नाम कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे शिक्षण कार्य का वीडियो बनाकर उसे यूट्यूब पर छोडऩा है। इन चीजों की कोरोना काल में बहुत अधिक मांग रही है और आधुनिक समय में तो उनकी मांग बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में इनका प्रशिक्षण शिक्षकों एवं विद्यार्थियों तथा आम आदमी के लिए भी जरूरी बनता जा रहा है। इस मौके पर विभिन्न शिक्षकों ने सर्टिफिकेट,कोलाज आदि स्वयं तैयार करके देखें। इस मौके पर कनीना खंड के विभिन्न स्कूलों के 50 शिक्षक तथा डाइट के शुक्रमपाल यादव, राकेश यादव, सूर्यकांत यादव, नरेश यादव, धर्मेंद्र कुमार, पंकज यादव, किरण राव आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 12: प्राचार्य जलधीर कलकल हशिक्षकों को संबोधित करते हुए।
मेरा पहला वोट
वोट डालने के लिए प्रसन्न है शिवानी नांगल हरनाथ
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कनीना की आवाज। जिस किसी की उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो गई उन्हें चुनाव आयोग मतदाता पहचान पत्र बनवाने और वोट डालने का अधिकार देता है। इसी कड़ी में नांगल हरनाथ की शिवानी ने अपना पहला वोट बनवाया है।
उनका कहना है कि वोट पाकर मुझे अति प्रसन्नता है। सरकार और चुनाव आयोग समय.समय पर अपने वोट बनवाने की अनुमति देता है बशर्ते जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है। वह अपना मतदाता पहचान पत्र बनवा सकता है और वह वोट डालने का अधिकारी है। कपिल का कहना है कि वह चाहते कि इस बार उनका वोट हार में न जाए। ऐसे प्रत्याशी का चयन हो जो सत्ता में जाकर क्षेत्र की मांगों को उजागर करें और उनको पूरा करवा सके। उनका कहना है कि वोट डालने का अधिकार 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को है। उन्हें वोट डालना भी चाहिए और बनवाना भी चाहिए। युवा वर्ग में इस बार पहली बार वोट डालने की खुशी है क्योंकि 5 वर्षों में वोट डाले जाते हैं। ऐसे में बहुत से युवा 18 वर्ष के हो चुके हैं और वोट भी बनवा लिया है किंतु उसका प्रयोग नहीं कर पाए हैं। अब वह वक्त भी आ गया जब भी अपने मतदाता पहचान पत्र का उपयोग कर सकेंगे। वह अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव करेंगे।
फोटा कैप्शन: शिवानी प्रथम वोटर
जागो, वोटर जागो
अपने मताधिकार का प्रयोग करना ही उचित निर्णय -योगेंद्र
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कनीना की आवाज। योगेंद्र सिंह शिक्षक है तथा अपने आसपास लोगों को वोट डालने के लिए जागरूक कर रही है। वो स्वयं भी वोट डालेंगे तथा दूसरों को भी वोट जरूर डालने की प्रेरणा देते रहते है। योगेश का कहना है कि जब चुनाव आयोग ने उनका मतदाता पहचान पत्र बनवा दिया है तो इसका उपयोग भी करना चाहिए। क्षेत्र में बेहतर काम कवाने के लिए अच्छे प्रत्याशी का चुनाव वोट से संभव है। ऐसे में वोट डालकर परोक्ष रूप से सत्ता में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। यदि हमडालने के लिए जाते हैं तो उनकी मनपसंद का प्रत्याशी की विजय होगा जो अपनी भूमिका निभाएगा। ऐसे ही प्रत्याशी जो क्षेत्र की मांगों को उजागर करेंगे। ऐसे में अच्छे प्रत्याशी का चुनाव करने के लिए वोट डालने जरूर जाना है। वोट किसी के कहने और बहकावे से नहीं अपितु स्वतंत्र रूप से दिया जाता है। वोट को उजागर नहीं किया जाता तथा वोट देने वाले को प्रत्याशी के गुण एवं दोषों पूरा ध्यान होना चाहिए ताकि अच्छे प्रत्याशी का चुनाव हो सके ।
फोटो कैप्शन: योगेंद्र कुमार शिक्षक
16 गांवों में जल की वैन द्वारा की गई जांच
-जल बचाने का दिया संदेश
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कनीना की आवाज। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जिले के सभी खंडों मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन के माध्यम से गांव गांव जाकर मौके पर ही केमिकल जांच करवाई जा रही है।
जानकारी देते हुए खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने बताया कि मोबाइल लैब कनीना खंड के सोलह गांवों का जल परिक्षण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि भारत की लगभग 60 प्रतिशत से अधिक आबादी पानी की कमी वाले क्षेत्रों में निवास करती हैं।
वर्तमान समय में कर्नाटक का बैंगलुरू जैसा शहर गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। भविष्य में हमें भी इस तरह के जल संकट का सामना ना करना पड़े उसके लिए हमें जल स्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। उनकी स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। गिरते भूजल स्तर के साथ साथ जल की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बढ़ते शहरीकरण और औधोगिकीकरण के कारण भी जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। हमें जल स्वच्छता और संरक्षण को जीवन का अनिवार्य संस्कार बनाना ही होगा।
खंड कनीना की ग्राम पंचायत कपूरी,पडतल, मोड़ी, मानपुरा,ढाणा,भोजावास,गोमला,गोमली में वाटर टेस्टिंग मोबाइल वैन ने दौरा कर जल परीक्षण किया। लैब असिस्टेंट उज्ज्वल कुमार ने बताया कि मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन के माध्यम से मुख्यत: टीडीएस,पीएच, टरबीडिटी आयरन, वाटर हार्डनेस, फ्लोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट व जिंक तत्वों की जांच की जाएगी। इस मौके पर सरपंच गोमली, उर्मिला देवी, वेदप्रकाश उर्फ मिंटू सरपंच गोमला,पवन भोजावास, सेवानंद मोटर चालक सत्यवीर , नरेंद्र,अमृत सिंह, अमरजीत, संदीप कुमार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 11: गांवों में जल के केमिकल्स की जांच करती वैन।
कई गांवों में मेले संपन्न
--खेलकूद प्रतियोगिताएं चली
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कनीना की आवाज। जिला के गांव सिहोर में बाबा ब्रहमचारी, कोका में बाबा जवाहरदास तथा भोजावास बाबा हेमादास की स्मृति में विशाल मेले तथा खेल कूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। मंदिरों में धोक लगाकर समाज में सुख शांति की प्रार्थना की। सिहोर तथा कोका में हरियाणा स्टाइल कबड्डी तथा भोजावास डू एंड डाई कबड्डी प्रतियोगिता के साथ लड़के तथा लड़कियों की अलग-अलग दौड़ तथा कुश्ती दंगल आयोजित किए।
इस अवसर पर मंदिरों में विशाल भंडारे आयोजित किए गए जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर देवव्रत प्रधान, हरीश सरपंच, सूरजभान सरपंच कुलदीप सरपंच, भागसिंह चेयरमैन, कैलाश सेठ, छाजूराम, रामेश्वर पंच, रामनिवास, दौलतराम चेयरमैन, ओमबीर सिंह, लीलाराम, कटेचंद, कैलाश सोनी, समय पहलवान, बल्लूराम प्रधान, रामकुमार, विकास, वेद साहब, रामौतार साहब, गजराज साहब, विजय फौजी, अजय, रोताश, संजय मास्टर, नत्थूराम आदि हजारों ग्रामीण मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 10: खिलाडिय़ों का परिचय प्राप्त करते मुख्य अतिथि।
बजरंगबली के जयकारे के साथ, 380वें दिन जारी रहा धरना
--अनिश्चितकालीन है धरना
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए धरने कि अध्यक्षता वेद प्रकाश सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमें धरना स्थल पर बैठे एक साल से ज्यादा समय हो गया है, मंगलवार का दिन है, बजरंगबली हनुमान के दर्शन करके हमने मन्नत मांगी है कि हमारे राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारी, अधिकारी, विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को वो शक्ति प्रदान करें जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू किया जा सके। ग्रामीणों में केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी है। यदि केंद्र सरकार ने कट को लेकर जल्दी कार्रवाई नहीं की तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
आचार्य मक्खन लाल स्वामी ने बताया कि केंद्र सरकार को ग्रामीणों की कट की मांग पर जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ग्रामीणों को कट की जरूरत है, इनकी मांग जायज है, क्षेत्र का विकास कट बनने के बाद ही संभव है। ग्रामीणों की मेहनत बेकार नहीं जाएगी, रंग लायेगी और कट बनेगा ढ्ढ
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 380 दिन हो गए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू न होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है लेकिन पक्के इरादे के साथ धरना स्थल पर बैठे हुए हैं, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच चढऩे उतरने का मार्ग शुरू नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा।
इस मौके पर सरपंच हरिओम पोता, ठेकेदार शेर सिंह, सतपाल चेयरमैन, नरेंद्र शास्त्री, रामकिशन, बाबूलाल, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मनफूल, ओमप्रकाश, मास्टर विजयपाल, मुंशी राम, सीता राम, डॉ रामभक्त, रामावतार, सतपाल, इंस्पेक्टर सत्यनारायण, मास्टर विजय सिंह, महेंद्र सिंह,पूर्व सरपंच हंस कुमार, नंबरदार नाथूराम,अशोक चौहान, शेर सिंह, सज्जन सिंह, राजू उर्फ राजेश, राम भक्त, प्रधान कृष्ण कुमार, सूबेदार हेमराज अत्री, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 09: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण
थियेटर दिवस/रंगमंच दिवस-27 मार्च
प्रतिभा का असली प्रदर्शन होता था थियेटर में
-चंद्रप्रकाश पहुंचे हैं थियेटर से फिल्मों तक
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कनीना की आवाज। अपनी प्रतिभा का असली परिचय थियेटर के माध्यम से ही कलाकार दे पाते थे, वर्तमान में तो प्रतिभा की बजाए कैमरे की करामात तथा टुकड़ों के रूप में फिल्में बनाकर प्रतिभा का परिचय दिया जाता है। यह बात थिएटर से फिल्म तक के सफर कर चुके बसई निवासी चंद्रप्रकाश के हैं। चंद्र प्रकाश ने न केवल नाटकों में काम किया अपितु अपने समय में थिएटर में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद हरियाणवी और हिंदी दोनों फिल्मों में भी अब काम कर रहे हैं। यंू तो थिएटर के रंगकर्मी के रूप में सबसे अधिक नाम प्रताप सिंह विश्वासी है जो अब काम से दूरी बना रहे हैं। वहीं महेंद्र शर्मा झाड़ली वाले भी क्षेत्र से संबंध रखते हैं।
थिएटर में प्रदर्शन थिएटर में रंगमंच कर्मी बतौर काम कर चुके चंद्रप्रकाश का कहना है कि क्या जमाना था जब वे अपनी कला का प्रदर्शन दर्शकों और श्रोताओं के समक्ष रूबरू होकर प्रदर्शित करते थे। अपने पूरे जोश से व शुद्ध उच्चारण कर उपस्थित भीड़ के अंतिम दर्शकों और श्रोताओं तक अपनी आवाज बेहतर ढंग से पहुंचाने का प्रयास करते थे। उनकी हर कला को दर्शक बखूबी नजर रखते थे और कभी-कभी तो कई कई दिनों तक मेहनत करनी पड़ती थी ताकि वह एक बेहतर रंगकर्मी के रूप में उपस्थित हो सके। उन्होंने बताया कि दिल्ली में उन्होंने कई सालों तक काम किया है। यहां तक कि उनका प्रदर्शन स्कूल स्तर से शुरू हुआ तत्पश्चात बड़े मंच से होते हुए दिल्ली के थिएटर में प्रदर्शन किया और आज भी हिंदी एवं हरियाणवीं फिल्मों में नाम कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी आवाज, उनका चेहरा, उनका प्रदर्शन, उनकी कला तथा उनकी आवाज के उतार-चढ़ाव तथा बोलने की अदा को विशेष रूप से देखा जाता था। कोई कितनी भी प्रतिभा लिए हुई हो किंतु थिएटर में तो उनका काम तभी नजर आएगा जब अपना प्रदर्शन बहुत बेहतर ढंग से कर पाता है। कई बार तो कलाकार दर्शकों के दिल में उतर जाते हैं तभी वे बेहतर कलाकार माने जाते हैं। चंद्रप्रकाश ने टीवी सीरियल में काम किया है और वे अपनी फिल्मों में अपनी प्रतिभा का परिचय करवाने लगे, तब से उनका नाम लोग जानते हैं। वर्तमान में फिल्मों में भूमिका निभा रहे हैं और एक गरीब परिवार से संबंध रखते हैं।
कैसे पहुंचे थिएटर से फिल्मों तक-
चंद्रप्रकाश बताते हैं कि अतीत का जमाना अपने आप में अति मार्मिक और सुंदर होता था जिसके लिए कई कई दिन तक मंच पर आने से पहले अभ्यास करना पड़ता था। तब जाकर मंच पर प्रदर्शित अपनी कला के जरिये लोगों के दिलों में उतारना पड़ता था। वे बताते हैं कि उनकी सौतेली मां के कारण वह थिएटर, टीवी सीरियल और फिल्मों तक पहुंचे। वे अपनी प्रतिभा की बुलंदियों को छू रहे हैं। थिएटर में भी थानेदार की भूमिका निभाते थे, फिल्मों में भी थानेदार की भूमिका निभा रहे हैं किंतु उनकी इच्छा थानेदार बनने की थी वो पूरी न हो सकी। उनकी सौतेली मां ने उनकी जिंदगी को बदला। जब वे एक दिन अपनी सौतेली मां के सामने आए तो उनकी मां ने मजाक करते हुए कहा कि बड़ा आया हीरो बनकर। बस यहीं से उनके दिल में कुछ कर दिखाने की सूझी और वे थियेटर तक पहुंच गये। थिएटर के बाद टीवी सीरियल में पहुंचे, टीवी सीरियल के जरिए उनकी पहचान बढ़ गई और एक दिन उनकी मुलाकात आरके खन्ना से हुई जिन्होंने उन्हें फिल्मी दुनिया में हीरो का रोल दे दिया। तब से फिल्म पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने हरियाणवी, हिंदी टेली फिल्म ,टीवी सीरियल में अपना प्रदर्शन किया है। आज भी चंद्रप्रकाश अविवाहित हैं और उन दिनों को याद करते हैं।
थिएटर को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं जबकि फिल्मों को ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं मानते। फिल्मों में तो आजकल कला को बढ़ाने के लिए अनेक तरीके अपनाए जाते हैं। अगर संवाद में गलती हो जाए तो फिर से रिटेक किया जाता है जबकि थिएटर में ऐसा संभव नहीं था। आजकल तो कैमरे की के सामने आना पड़ता है, कैमरे के सामने संवाद की अदायगी उन को महान बनाती है किंतु अनेक तकनीकों के जरिए कला में निखार दिखाया जाता है। यहां तक की साज सज्जा के जरिए भी उन्हें अलग तरीके से दिखा दिया जाता है किंतु थिएटर में ऐसा कुछ भी नहीं था।
कैसे पहुंचे हरियाणवी फिल्मों में -
आवश्यकता आविष्कार की जननी है। चंद्र प्रकाश ने चौथी कक्षा पा रहे तभी उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली। चंद्रप्रकाश ने जैसे तैसे स्नातक स्तर की शिक्षा पाई और सभी चार बड़े भाई बहनों में बड़ा होने के कारण उन पर सारी जिम्मेदारियां आ पड़ी। तब से उन्होंने थिएटर फिर टीवी सीरियल, फिल्मों में काम करना शुरू किया। हरियाणवी फिल्मों के विषय में बताते हैं कि एक बार हरियाणवी फिल्म छोरी नंबर वन के लिए रोहतक में चल रहे आडिशन में चले गए, तो खरे उतरे और 1998 से हरियाणवी फिल्मों में पदार्पण किया। चंद्रप्रकाश बताते कि उनके कि उन्होंने नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों रोल अदा किया। खलनायक की भूमिका अधिक कर रहे हैं, डबल रोल भी किया है। चंद्रप्रकाश बताते 100 से अधिक नाटक, 17 टेली फिल्म, हिंदी एवं हरियाणवी फिल्मों में काम किया है। टीवी सीरियल साथ निभाना साथिया , पृथ्वी वल्लभ, चंद्रशेखर, जय हनुमान, सावधान इंडिया में काम किया है। वही हिंदी फिल्मों में एनसीआर अपना है कौन, प्रयास, प्यार में ऐसा होता है, लव फिर कभी। उनकी आने वाली फिल्मों में मर्डर कनेक्शन, एक रुपैया ,युद्धवीर हैं यही नहीं उन्होंने 50 से अधिक हरियाणवी डीजे सोंग निकाले हैं। और आज अपनी कला के रूप में जाना जाता है। किंतु वे पुरानी यादों में थिएटर को नहीं भूल पाते हैं। और उन दिनों को बहुत बेहतर समझते हैं। वो आज भी अपने माता-पिता और गुरु के प्रति गहन लगाव रखते हैं। चंद्रप्रकाश बताते उनके पिता होशियार सिंह तथा मां सरती देवी से बेहद प्यार है उनके चरणों में बैठकर घंटों बातें करते हैं किंतु गुरु के प्रति बेहद लगाव रखते हैं। माता पिता और गुरु ही सच्चे ज्ञान देते हैं। उनके प्रति आदरभाव होना चाहिए।
फोटो फोटो कैप्शन 08: चंद्रप्रकाश रोल निभाते हुए साथियों के साथ
साथ में चंद्रप्रकाश पीपी
सरसों की कटाई का काम अंतिम चरण में
-होली पर लौट गये हैं मजदूर
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सरसों की कटाई का काम लगभग पूर्ण होने जा रहा है। अब अधिकांश मजदूर अपने प्रांतों को लौट गये हैं। गेहूं की फसल अप्रैल माह में लावणी आएगी। तब फिर से लौटने के आसार हैं।
कनीना क्षेत्र में करीब 20 हजार हेक्टेयर पर सरसों उगाई गई थी जिसकी लावणी का काम लगभग पूर्ण होने को है। किसानों गजराज, अजय, महेंद्र, कांता का का कहना है कि गेहूं में अभी एक और सिंचाई की जरूरत है वहीं सरसों की लावणी लगभग पूर्ण हो चुकी है। सरसों पैदावार लेने का काम चल रहा है। बाजार तक सरसों अप्रैल के प्रथम सप्ताह में पहुंचने की संभावना है।
सरसों फसल की कटाई के साथ साथ किसान सरसों के धांसे भी काटकर ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं। इस मौसम में लंबे समय तक ईंधन के विकल्प के रूप में काम आने वाले धांसों की मांग बढ़ जाती है। दूसरे राज्यों से फसल कटाई के लिए मजदूर भारी संख्या में आये थे। ये मजदूर किसान से निश्चित राशि लेकर कटाई करते हैं तथा वापस अपने प्रांत को चले जाते हैं। किसान आलसी होते जा रहे हैं और इन मजदूरों से ही कटाई करवाने लगे हैं। विभिन्न किसानों के पास मजदूरों के फोन नंबर होते हैं जिस पर वे फोन करके उन्हें फसल कटाई के समय बुला लेते हैं। अब बहुत से मजदूर अपने प्रांतों को होली पर्व पर लौट गये हैं। पुन: अप्रैल माह में गेहूं की लावणी के वक्त लौटकर आने की उम्मीद है।
मिली जानकारी अनुसार राजस्थान, बिहार एवं उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश राज्यों के भारी संख्या में मजदूर लावणी के लिए आते हैं। मजदूर होली पर्व पर अपने गांव चले गये हैं। बाहर से आने वाले मजदूर अपने साथ थ्रेसर एवं ट्रैक्टर आदि भी रखते हैं ताकि फसल काटने के अलावा फसल निकालने का काम भी पूरा कर सके। राजस्थान में सरसों करीब एक माह पहले ही निकाली जा चुकी हैं।
हर हर वर्ष बढ़ जाते हैं इनके रेट-
हर वर्ष इन मजदूरों के भी रेट बढ़ जाते हैं। विगत वर्ष जहां 5000 रुपये तक एक एकड़ गेहूं खेत की लावणी की गई। इस बार अनुमान है कि कम से कम 6000 रुपये प्रति एकड़ में लावणी कर रहे हैं। लावणी के अतिरिक्त भी इन मजदूरों से खेती करने तथा मुर्गी फार्म में रखरखाव का काम करते हैं। सरसों की लावणी का रेट विगत वर्ष 2500 रुपये प्रति किला था किंतु इस बार यह कम से कम 3 हजार रुपये किला है।
फोटो कैप्शन 09: सरसों की लावणी का नजारा
गोमली गांव की ओर से आयोजित हुए बालीबाल खेल
--नीरज शर्मा मैन आफ द टूर्नामेंट घोषित
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कनीना की आवाज। ग्राम पंचायत गोमली की तरफ से बालीवाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें गांव की 4 टीमों ने भाग लिया। खेलों का शुभारंभ गांव की ही समाजसेवी दादी केशर ने किया। इस मौके पर सुरेश शास्त्री ने बच्चों को संबोधित किया व नशे से दूर रहने का आह्वान किया। नीरज शर्मा मैन आफ द टूर्नामेंट घोषित किया तथा टी-शर्ट दे कर सम्मानित किया गया व सभी को रिफ्रेशमेंट प्रदान की गई।
फोटो कैप्शन 06: इनाम वितरित करते श्री शास्त्री
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