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Friday, March 22, 2024
विश्व मौसम विज्ञान दिवस -23 मार्च
--आज के दिन उत्तम उपकरणों के चलते मौसम की भविष्यवाणी होती है सटीक-डा. रमेश
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कनीना की आवाज। 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जाता है। 1950 में विश्व मौसम संगठन के रूप में स्थापित हुआ था तब से लेकर आज तक यह दिवस मनाया जाता रहा है। मौसम विज्ञान दिवस के रूप में मनाए जाने के पीछे मौसम की जानकारी देकर, उसका प्रचार और प्रचार करके देश और दुनिया के लोगों की जान माल की हानि को रोकना होता है। भारत में कलकत्ता मौसम विभाग विज्ञान में जान इलियट को प्रथम महानिदेशक नियुक्त किया गया था। तत्पश्चात पुणे, नई दिल्ली आदि स्थानों पर मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना की गई ।मौसम विज्ञान में वायुमंडल का अध्ययन किया जाता है और मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है। भारत में 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र आते हैं। तत्पश्चात अनेकों मौसम विज्ञान केंद्र ब्लाक जिला और हर प्रांत में स्थापित किए गए हैं। मौसम की जानकारी के लिए विभिन्न आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं उनका अध्ययन किया जाता है जिससे मौसम की भविष्य की जानकारी मिलती है।
क्या कहते हैं किसान-
मौसम विज्ञान का सबसे अधिक लाभ किसानों को होता है। इसलिए अधिकांश भविष्यवाणी किसने के दृष्टिगत की जाती है। वैसे तो हर व्यक्ति ,हर कर्मचारियों को इसका लाभ होता है किंतु किसान खेतों में अपनी फसल पैदा करते हैं और उनके लिए बहुत जरूरी है। कनीना का किसान का कहना है की मौसम की जानकारी सटीक होने के कारण किसान अपनी फसल पैदा करते हैं, फसल काटते हैं, पानी आदि देते हैं या अन्य कोई भी जानकारी प्राप्त होते ही फसलों को ध्यान में रखते हैं। उनका कहना है की मौसम विज्ञान की जानकारी के चलते उनके जान माल को काफी लाभ होता आ रहा है। पुराने समय में बुजुर्ग मौसम की सही जानकारी न मिलने के कारण अपनी फसल तबाह कर बैठते थे, यहां तक की बारिश आदि की जानकारी का सही अनुमान नहीं लगता था। अब उन बातों का सही अनुमान लगने लग गया है।
-- सूबे सिंह प्रगतिशील किसान कनीना
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के वरिष्ठ संयोजक डा. रमेश कुमार ने बताया की पुराने समय में अत्यधिक आधुनिकी यंत्र नहीं होते थे जो मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर सके। इसलिए लंबे समय के आंकड़े,कई सालों के आंकड़े इकट्ठे करके उनके आधार पर अनुमान लगाया जाता था किंतु आधुनिक उन्नत तकनीक के चलते एक सप्ताह एक या दो दिन आगे का भी सही-सही अनुमान लगाया जा सकता है और सूचना मिलती है जिससे खेती में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। अब तो जिला स्तर नहीं खंड स्तर पर भी मौसम की भविष्यवाणी मिल जाती है। कृषि विश्वविद्यालय हिसार से सटीक जानकारी मिलती है और उसी जानकारी के आधार पर किसान फसल में पानी लगाने, वर्षा या पाल या सूखा आदि से कैसे सुरक्षा करें, का पता लगा सकता है। इस प्रकार की सूचनाओं को क्रॉप एडवाइजरी नाम से जाना जाता है। न केवल किसान अपितु पशुपालन और आम आदमी को भी इसका लाभ होता है। किसी को अपना कार्यक्रम बना रखा है और यह पता लग जाए की वर्षा होगी तो वह आगे पीछे भी अपने कार्यक्रम को निर्धारित कर सकता है। आजकल एडवांस कृषि यंत्र आने से भविष्यवाणी ज्यादा सही मिल पाती है। कभी-कभार ही कोई भविष्यवाणी गलत हो सकती है।
-- डा. रमेश कुमार
फोटो कैप्शन: डा. रमेश कुमार और किसान सूबे सिंह
होली मिलन समारोह आयोजित
--बच्चों ने बनाई रंगोली
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी विद्यार्थियों ने रंगों से एक दूसरे पर तिलक लगाकर होली मिलन का धार्मिक पर्व बनाने का संकल्प लिया। सभी विद्यार्थियों ने चार्ट और रंगोली बनाई जो भव्य ,आकर्षक, सुन्दर और मनमोहन रही। विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक पंडित होशियार सिंह ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि होली का पर्व हमें आपसी भाईचारे का संदेश देता है हमें अपने सभी प्रकार के मतभेद बुलाकर सौहार्द के साथ रहना चाहिए और एक दूसरे से गले मिलना चाहिए। रंगों का पर्व आपके जीवन में असीम खुशियां लाए, आप सभी खूब पढ़े-बढें और जीवन में उच्च सफलताएं प्राप्त करे।
इस मौके पर वीरेंद्र सिंह जांगिड़ ने विचार रखे। इस अवसर पर सुनील कुमार डीपीई ,मनवीर सिंह , सुनील कुमार शास्त्री ,सुबे सिंह प्रधान, सुनील कुमार डीटीएच चौकीदार राजेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05:रंगोली बनाते हुए विद्यार्थी।
सादगी से मनाएंगे रंगों का पर्व होली
-जल बचत पर देंगे जोर
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कनीना की आवाज। रंगों का पर्व होली को सादगी से मनाए जाने के लिए कई सामाजिक समूह सामने आने लगे हैं। युवा वर्ग में होली खेलने के प्रति विशेष उत्साह है परंतु प्राकृतिक रंगों तथा गुलाल लगाकर एवं चंदन का टीका लगाकर होली खेलेंगे। इस बार जल की बचत करेंगे।
रंगों के त्योहार होली के प्रति लोग जल बचाने, रंगों की बजाय गुलाल एवं तिलक लगाकर होली खेलने के पक्ष में हैं। वे इस प्यार एवं भाईचारे के पर्व को दुश्मनी भुलाकर खेलना पसंद करते हैं। पानी नहीं बचाया तो भविष्य अंधकारमय होगा ऐसे में जल की बचत मुख्य थीम होगा। कुछ लोगों से इस संबंध में बात की गई जिनके विचार निम्र हैं-
पानी जीवन का आधार है और दिनोंदिन पानी कम होता जा रहा है। ऐसे में रंगों से बचने एवं पानी को बचाने के अलावा तिलक लगाकर होली खेलना चाहते हैं और दूसरों को भी यही प्रेरणा देंगे।
-- मुकेश नंबरदार कनीना
रंगों का पर्व होली टूटे दिलों को जोडऩे का पर्व है। ऐसे में पुराने बैर भाव भुलाकर प्रेम एवं सद्भाव से यह पर्व मनाना चाहिए। गुलाल से ही होली खेलना चाहते हैं। पानी को बचाना चाहते हैं।
--सुमेर सिंह कनीना
जल जीवन है इसे व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। जल बिना जीवन की कल्पना ही संभव नहीं। होली जरूर खेलनी चाहिए किंतु अनावश्यक जल बहाना अनुचित होगा। वे इस संबंध में लोगों को जागरूक भी करेंगे।
--अजीत कुमार कनीना
होली रंगों के बहाने एकता का प्रतीक है।र सभी प्यार में मिलकर इतना बड़ा प्यार कायम करे कि पूरा देश एकसूत्र में बंध जाए। पानी का कम से कम प्रयोग करेंगे। दिनोंदिन पानी कम होता जा रहा है। इसे बर्बाद नहीं करेंगे।
--सुनील कुमार, बिसोहा
होली पर पानी अनावश्यक न बहाने की शपथ लेते हैं और गुलाल एवं प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलेंगे। पानी बिन सब सूना है उसकी बचत करेंगे। वर्षा जल संरक्षण पर जोर देंगे तथा पानी को बर्बाद होने से रोकेंगे।
--महेकश कुमार कनीना
फोटो कैप्शन: मुकेश नंबरदार, सुमेर सिंह, महेश कुमार, सुनील कुमार एवं अजीत कुमार
डीएसपी ने भोजावास में लोगों को साइबर अपराधों के बारे में दी जानकारी
-यातायात नियमों की पालना करने के लिए किया प्रेरित
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार साइबर ठगों से बचने उपायों बारे में आमजन को बताने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों से जिला पुलिस द्वारा आमजन को जागरूक किया जा रहा है। सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार आमजन को साइबर क्राइम के बारे में जानकारी देते हुए उनसे बचने संबंधी हिदायतें दी जी रहीं हैं। इसी कड़ी में आज साइबर अपराधों से बचने के लिए कनीना डीएसपी मोहिंद्र सिंह के द्वारा भोजावास में सार्वजनिक स्थान पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान उनके साथ थाना सदर कनीना प्रभारी निरीक्षक रामनाथ, थाना यातायात प्रबंधक निरीक्षक नरेश और अन्य पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे।
डीएसपी ने आमजन को साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से समझाया कि आजकल किस प्रकार साइबर अपराधी आमजन को कैसे शिकार बनाते हैं तथा किस प्रकार उनसे बचा जा सकता है। हम इस प्रकार के अपराधों के बारे में जानकारी लेकर स्वयं तथा दूसरों को भी सुरक्षित कर सकते हैं। आधुनिक समय में आपके मोबाइल पर मेसेज के माध्यम से अनेकों प्रकार के लिंक आते हैं, जिनपर क्लिक करते ही आप का सारा डाटा साइबर आपराधियों के पास चला जाता है, जिससे आप ठगी का शिकार हो सकते हैं या आपकी जानकारी/डाटा का गलत फायदा उठाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसी भी अंजान व्यक्ति के पास कोई भी अवांछनीय संदेश ना भेजें तथा अपनी किसी प्रकार की जानकारी शेयर ना करें और ना ही किसी अनजान व्यक्ति से अपना ओटीपी शेयर करें। किसी अंजान व्यक्ति के साथ आधार नंबर, ई-मेल आईडी, सत्यापन कोड व अन्य निजी जानकारी सांझा न करें। पिन या किसी अन्य संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी के लिए पूछने वाले व्यक्तिगत संदेशों पर प्रतिक्रिया न दें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
थाना यातायात प्रबंधक ने आमजन को यातायात नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। आमजन को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट बांधने, धीमी गति से वाहन चलाने के साथ सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए जागरूक किया। उन्होंने वहां पर मौजूद सभी को नशे की हालत में गाड़ी न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन किसी डर या भय से नहीं, बल्कि मन से करें।
अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साइबर अपराध हो जाता है या आप किसी आनलाईन ठगी का शिकार हो जाते हैं तो इसकी सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करें। नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर या नजदीक पुलिस चौकी या पुलिस स्टेशन पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
फोटो कैप्शन 04: यातायात नियमों की जानकारी देते हुए अधिकारी।
16 गांवों के पानी की जांच करेगी वाटर टेस्टिंग वैन
-पानी संबंधित आंकड़े मिलेंगे
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कनीना की आवाज। जल जीवन मिशन के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जिले के सभी खंडों मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन के माध्यम से गांव-गांव जाकर मौके पर ही केमिकल जांच करवाई जा रही है।
जानकारी देते हुए खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार ने बताया कि मोबाइल लैब कनीना खंड के 16 गांवों का जल परीक्षण करेगी । उन्होंने बताया कि इस सृष्टि में पानी का विशेष महत्व है। वहीं शुद्ध जल ही हमारे स्वास्थ्य को बरकरार रखता है। इसलिए पानी की गुणवत्ता बहुत मायने रखती है।
खंड कनीना की ग्राम पंचायत खैराना, बेवल, झिंगावण, सुंदरह, कोका, मोहनपुर, इसराना व रामबास में मोबाइल वॉटर टेस्टिंग वैन ने दौरा किया है। लैब असिस्टेंट उज्ज्वल कुमार ने बताया कि मोबाइल वाटर टेस्टिंग वैन के माध्यम से मुख्यत: टीडीएस,पीएच, टरबीडिटी आयरन, वाटर हार्डनेस, फ्लोराइड, नाइट्रेट, सल्फेट व जिंक तत्वों की जांच की जाएगी। इस मौके राहुल सरपंच खैराना , योगेन्द्र सरपंच बेवल, सत्यवीर सुंदरह, मोटर चालक विजय , जयपाल,विक्रम, विनय कुमार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: वाटर टेस्टिंग वैन गांवों में भ्रमण करते हुए।
कट की मांग को लेकर 376वें दिन जारी रहा धरना
-ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए ग्रामीणों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता बाबूलाल सेहलंग ने करते हुए बताया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रति ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 2 साल पहले पचगांव गुरुग्राम रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की थी किंतु अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है जिसके चलते केंद्र सरकार के प्रति ग्रामीणों का विश्वास खत्म हो रहा है। काम शुरू नहीं किया तो ग्रामीणों को मजबूरन सरकार का विरोध करना पड़ेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी 50 गांवों के बीच से गुजर रहा है, उस पर चढऩे -उतरने का मार्ग नहीं होगा तब तक इन ग्रामीणों का विकास नहीं हो सकता।
इस मौके पर डा लक्ष्मण सिंह , राजू उर्फ राजेश, नरेंद्र शास्त्री, रामकिशन, मास्टर विजयपाल, पहलवान रणधीर सिंह, प्रधान कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश, आचार्य मक्खन लाल, सूबेदार हेमराज अत्री , सतपाल चेयरमैन, दाताराम, मनोज कुमार करीरा, डा. राम भक्त, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, मास्टर विजय सिंह, सीताराम, रोशन लाल आर्य, सतीश, प्यारेलाल, अशोक चौहान, सज्जन सिंह पंच व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 03: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण।
हर मतदाता को डालना चाहिए वोट
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कनीना की आवाज। मालड़ा सराय निवास नितिशा यादव शिक्षिका है तथा स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा पास कर चुकी है। उनका कहना है कि वोट जरूर डालना चाहिए। वोट डालने का अधिकार चुनाव आयोग ने दिया हुआ है। वोट से अपनी मनपसंद प्रत्याशी का चुनाव कर सकते हैं। यदि वोट डालने ही नहीं जाएंगे तो मनपसंद का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाएगा जिसके चलते उनकी नापसंद का प्रत्याशी सत्ता में भूमिका निभाएगा। ऐसे में अपनी पसंद के प्रत्याशी का चुनाव करने के लिए तथा परोक्ष रूप से सरकार में भागीदारी निभाने के लिए वोट डालना जरूरी है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग समय-समय पर वोट बनाने का कार्य करता है और ऐसे समय वोट जरूर बनवा लेना चाहिए। वोट बनवाना ही नहीं वोट डालना भी जरूरी बन जाता है। वोट डालते समय किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए अभी तो अपने मनपसंद के नेता का चुनाव किया जा सकता है और मनपसंद का नेता चुनाव करने में वोटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब भविष्य में सरकार में अपनी भूमिका निभाते । यदि हम पसंद का और अच्छे नेता का चुनाव नहीं करेंगे तो वह सरकार में रहकर अच्छे कार्य नहीं करेगा। वो दूसरों को प्रेरित कर रही हैं।
फोटो कैप्शन: नितिशा यादव
मेरा पहला वोट
पहली बार मतदान करने को उत्सुक अति यादव
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कनीना की आवाज। कनीना एवं जिला महेंद्रगढ़ में इस बार सैकड़ों युवाओं ने नये वोटर कार्ड बनाए गए हैं। मतदाता पहचान पत्र समय-समय पर बनाए जाते हैं। ऐसे में युवक अति यादव ने भी अपना पहला वोटर कार्ड बनवाया है तथा वह अच्छे खासे उत्साहित हैं। उन्हें पहली बार मतदान करने का मौका मिलेगा। अति यादव ने बताया कि उन्हें यह पहली बार वोट डालने का अवसर मिलेगा क्योंकि अब मेरा मतदाता पहचान पत्र बन चुका है और आयु 18 वर्ष की आयु हो चुकी है। सरकार ने मतदाता पहचान पत्र बनाने का कार्यक्रम चलाया था जिसके तहत उन्होंने अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाया है। वे चाहते हैं कि अपने वोट से बेहतर सरकार का चुनाव हो। उनका कहना है कि सरकार हर 5 साल में चुनाव करवाती है, उसी दौरान केवल वही वोट डाल सकते जिनका मतदाता पहचान पत्र बना हो और 18 साल पूरी कर ली हो। वही अपना पसंदीदा नेता चुन सकते हैं। ऐसे में आज मेरे लिए वह दिन आ पहुंचा है कि जब अपनी पसंद का नेता का चुनाव कर सकूंगी।
फोटो कैप्शन -अति यादव
अभी तक सैकड़ों शिक्षकों को नहीं मिला है फरवरी माह का वेतन
- मार्च माह समाप्त होने को है, मिलना आधा अधूरा वेतन
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कनीना की आवाज। जिले के सैकड़ों अध्यापकों को फरवरी माह का वेतन अभी तक उन्हें नसीब नहीं हुआ है। एक ओर जहां होली का प्रमुख पर्व आ गया है किंतु अभी तक कोई संभावना वेतन मिलने की नहीं बताई जा रही है। अध्यापकों ने बताया कि उन्हें फरवरी माह का वेतन अभी तक नसीब नहीं हुआ है। एक ओर जहां इनकम टैक्स के कारण उन्हें आधे से भी कम वेतन मिलना है और वह भी समय पर नहीं मिला है। अध्यापकों ने बहुत पहले ही अपने इनकम टैक्स के कागज जमा करवा दिए गए थे। एक और जहां प्राध्यापकों के वेतन निकाल दिए गए हैं वहीं अध्यापकों के वेतन नहीं निकल गए हैं जिसको लेकर अध्यापकों में भारी रोष है। चाहे एक और होली जैसा महान परिवार है। वही इन खुशियों को में भी अध्यापक परेशान नजर आ रहे हैं। क्योंकि अब होली पर अवकाश होने से बैंक बंद हो रहेंगे। ऐसे में नहीं लगता कि अब होली तक कोई वेतन नसीब हो पाएगा। अध्यापक बेहद परेशान है। अध्यापकों ने बताया कि हर माह उनका वेतन देरी से निकाला जाता है। यह शिक्षा विभाग है जहां वेतन में देरी होती है। अन्य विभागों में किसी प्रकार की कोई देरी नहीं बताई जा रही है।
उधर पूर्व राज्य सचिव हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ धर्मपाल शर्मा ने गहरा रोष जताया हैं और कहा है कि अध्यापकों के साथ इससे बड़ा और कौन सा न्याय होगा? जब वह पूरे मन से काम करते हैं फिर भी उनका इनकम टैक्स में टैक्स काटने के बाद आधे से भी कम वेतन मिलना है और वह भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। होली के पर्व को देखते हुए भी उन्हें यह वेतन नहीं मिल पा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि उच्च अधिकारियों के अकर्मण्यता के कारण उनके वेतन में देरी होती है। अधिकारी अपना वेतन तो समय पर निकाल लेते हैं लेकिन अध्यापकों के वेतन में भेदभाव बरतते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों का वेतन समय पर निकलता है तो अध्यापकों के वेतन में देरी के लिए कौन जि मेवार है? उन्होंने उच्च अधिकारियों को फोन पर संपर्क साधकर अविलंब वेतन दिलवाने की मांग की है वरना उन्होंने कहा भविष्य में इसका खामियाजा सरकार को भी भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस प्रकार वेतन में देरी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध स त स त कार्रवाई की जाए।
राजकीय माडल स्कूल में प्रवेश के लिए चलाया प्रवेश अभियान
-निजी स्कूलों के तर्ज पर चले
गा अभियान- प्राचार्य
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कनीना की आवाज। हाल ही में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा को राजकीय माडल स्कूल का दर्जा दिया गया है जिसको लेकर समस्त स्टाफ के एक सघन प्रवेश अभियान चला दिया है।
प्राचार्य सतीश कुमार की देखरेख में समस्त शिक्षकों ने धनौंदा, खरकड़ाबास एवं आसपास गांवों में जाकर के लगातार सघन अभियान चलाएंगे ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थियों को सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाया जाये। वे अपने साथ बैनर, पोस्टर आदि भी लिये हुए हैं। उनका दावा है कि उच्च शिक्षा प्राप्त पीएचडी होल्डर तक स्टाफ सदस्य हैं तथा किसी प्रकार स्टाफ की कोई कमी नहीं है। विज्ञान विषय की पढ़ाई सीबीएसई के तहत करवाई जाएगी। सबसे बड़ी बात की हिंदी की अतिरिक्त अंग्रेजी में भी शिक्षण कार्य किया जाएगा। दोनों माध्यमों से विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। स्टाफ की कोई कमी नहीं है। स्टेट अवार्डी तक शिक्षक यहां कार्यरत है वहीं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी जमकर करवाई जाती है। सरकार के आदेश अनुसार स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लिए समस्त स्टाफ सदस्यों को गली-गली जाकर अधिक से अधिक विद्यार्थियों को स्कूल में भेजने के लिए प्रेरित करना है। जिसके तहत समस्त स्टाफ विभिन्न गांवों में जाकर अभियान छेड़े हुए हैं तथा उन्हें विश्वास से कि अधिक विद्यार्थियों को प्रवेश दिलवाया दिलवाने में सक्षम रहेंगे। प्राचार्य का कहना है कि एक और जहां कुछ स्कूलों में शिक्षकों का टोटा होता है वहीं इतने अधिक स या में उच्च शिक्षा प्राप्त शिक्षक नहीं मिल पाएंगे। यहां पीएचडी होल्डर तथा स्टेट अवार्डी सहित शिक्षण का लंबा अनुभव लिए हुए, शिक्षक कार्यरत है जिनके चलते इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी बेहतर रहेगा। महिला शिक्षकों का दल अलग से प्रवेश के लिए जागरूक करने गांव में जा रहा है।
फोटो कैप्शन 01: प्राचार्य सतीश कुमार अध्यापक को सहित प्रवेश उत्सव के लिए धनौंदा में लोगों को जागरूक करते हुए
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