नारनौल के डॉ जितेन्द्र बने स्टेट अवॉर्डी शिक्षक एसोसिएशन के राज्य उप प्रधान
--अपनी मांगों को लेकर चलेगा एक अभियान
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। स्टेट अवॉर्डी शिक्षक एसोसिएशन हरियाणा की राज्य स्तरीय बैठक शिक्षा सदन पंचकूला में राज्य अवॉर्डी बीईओ राजेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में नई राज्य कार्यकरिणी के गठन हेतु चुनाव अधिकारी हिसार के अशोक वशिष्ट ने बताया कि पूर्व कार्यकरिणी को भंग कर दिया गया है। इसके बाद पूर्व कार्यकरिणी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई तथा बैठक में सभी ने संगठन के पूर्व प्रधान नरेंद्र दुहन के कार्यों को सराहा तथा उन्हें मुख्य संरक्षक का पद पर चुना गया ताकि उनके अनुभव का लाभ संगठन को मिलता रहे। इसके बाद सर्वसम्मति से राज्य प्रघान के पद हेतु रेवाड़ी से राजेन्द्र शर्मा बीईओ नाहड़ का चुनाव किया गया। जिसके साथ राज्य कार्यकारणी के अन्य पदों पर राज्य प्रधान ने सभी की सलाह सर्वसम्मति से चयन किया गया जिसमे जि़ला महेन्द्रगढ़ से डॉ जितेन्द्र भारद्वाज को राज्य उप प्रधान बनाया गया। डॉ जितेन्द्र भारद्वाज को वर्ष 2022 के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार मिला था। वर्तमान में डॉ जितेन्द्र भारद्वाज रजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कांवी में अंग्रेज़ी प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। इस अवसर पर स्टेट अवार्ड शिक्षक संघ के जिला प्रधान वीरेंद्र सिंह होशियार सिंह, प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा , भीमसेन शर्मा , नरोत्तम सोनी, प्रमिला जांगड़ा सहित अनेक शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी। राज्य उप प्रधान डॉ जितेन्द्र ने कहा कि राज्य शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षकों की हितों के लिए संघर्ष करना ही उनकी प्र्थमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार से मिलकर अतिरिक्त वेतन वृद्धि 2 वर्ष का सेवा विस्तार एवं ट्रांसफर पॉलिसी में पांच अंक की प्राथमिकता को बहाल करवाया जाएगा।
राज्य शिक्षक अवॉर्डी एसोसिएशन ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशक से की मुलाकात
वर्ष 2020 की पॉलिसी से पूर्व दिए जाने वाले सम्मान को बहाल करने की मांग
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। राज्य शिक्षक अवॉर्डी एसोसिएशन हरियाणा का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य अवॉर्डी शिक्षकों के की मांगों को लेकर
नवनियुक्त राज्य प्रधान राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा जितेंद्र कुमार से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन में उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंदल में शामिल जिला महेंद्रगढ के राज्य शिक्षक अवॉर्डी और संगठन के राज्य उप प्रधान डॉ जितेन्द्र भारद्वाज ने
उक्त जानकारी देते हुए बताया कि गत दिवस पंचकुला स्थित शिक्षा सदन में एसोशियेशन की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया । इसके बाद अवॉर्डी एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल अपनी प्रमुख मांगो को लेकर सेकेंडरी शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार से मिला। उन्होंने बताया कि बहुत ही स्वागत वातावरण में निदेशक महोदय ने सकारात्मक रूप से प्रमुख मांगों को सुना एवं समझा
राज्य प्रधान बीईओ राजेन्द्र शर्मा ने सरकार से राज्य शिक्षक पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षकों को वर्ष 2020 की नई पॉलिसी से पूर्व मिलने वाले सभी लाभ पूर्व की भांति बहाल किए जाने का अनुरोध किया। जिसमे उन्होंने कहा कि अग्रिम के स्थान पर दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, 2 वर्ष का सेवा विस्तार प्रमुख बताया। इसके साथ उन्होंने अवॉर्डी शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी में पांच अंक की प्राथमिकता पुन: प्रदान करने का भी अनुरोध किया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रधान महिला इंदिरा सांगवान हिसार से अशोक वशिष्ठ जींद से विक्रम मलिक कुरुक्षेत्र से डॉक्टर प्रमोद कुमार सहित समस्त राज्य कार्यकारिणी के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।
विश्व संपर्क दिवस -15 मार्च
--आज भी याद करते हैं अेलीपैथी को लोग
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। विश्व संपर्क दिवस उन तरीकों में से एक है, जिनसे 1950 के दशक में लोगों के एक समूह ने जीवन से संपर्क बनाने की कोशिश की थी। 1953 में स्थापित, विश्व संपर्क दिवस वह समय था जब लोगों को टेलीपैथी के माध्यम से उनके साथ संवाद करने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। प्राचीन समय मे संपर्क के साधन बहुत पर्याप्त होते थे। लोगों को सीमित साधनों से ही आपस में संपर्क स्थापित करना पड़ता था। प्राचीन काल में टेलीपैथी भी उपयोगी थी। बिना किसी आधार या यंत्र के अपने विचारों को दूसरे के पास पहुंचाना, दूसरों के विचार समझ लेना या किसी घटना का पहले से अहसास हो जाने को टेलीपैथी कहा गया है।
टेलीपैथी उस प्रक्रिया को कहा जाता है जिसके जरिए बिना किसी भौतिक माध्यम की सहायता के एक इंसान दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क को पढऩे अथवा उसे अपने विचारों से अवगत कराने में कामयाब होता है। आधुनिक तरीके के अनुसार ध्यान से देखने और सुनने की क्षमता बढ़ाएंगे तो सामने वाले के मन की आवाज भी सुनाई देगी।
आधुनिक युग में नवाचार के चलते संपर्क स्थापित करने के लिए बहुत सारी पद्धतियां एवं साधन उपलब्ध होने लग गए हैं जिसमें वर्तमान में ईमेल, टेलीफोन और इंटरनेट इत्यादि शामिल है।
फोटो कैप्शन: काउंसलर पिंकी यादव
सैनिक स्कूल प्रतियोगी परीक्षा में एसडी के 98 विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण
-एसडी स्कूल का परिणाम बेहतर
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। नेशनल टेस्टिंग ऐंजेसी द्वारा संचालित अखिल भारतीय सैनिक स्कूल परीक्षा में एसडी विद्यालय ककराला के 98 विद्यार्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण कर पूरे क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता का लोहा मनवाया है।
विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश यादव ने पूरी टीम व सफल रहे विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बताया कि अखिल भारतीय सैनिक स्कूल परीक्षा में छठी एवं नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है। जिसमें अलग-अलग विषयों में प्रतिभागी को उतीर्ण होना होता है। एसडी विद्यालय के विद्यार्थी केवल उतीर्ण ही नही हुए बल्कि उच्च स्कोर हासिल किया है।
छठी कक्षा के लिए अंशू यादव , विहान , आरव यादव , आयूष , तमन्ना , प्राचि यादव , गर्वीत , हिमांशु यादव, दीपांशी यादव , प्रिंस यादव , भूवेश यादव , दीपांशू , रिंकू यादव , यश तंवर , मानसी , जतिन यादव , कनिष्का यादव , मलिका चैहान , कीर्ति , हेमन्त यादव , पियुष , सक्षम , नितेश , मानवी , देवेश कुमार , अनिश , हर्षित , गर्व , रायल , अंकित कुमार , यस , रक्षीता , मिताली , अरमान नारा , नक्षू , शुभम , यश यादव , मानशी यादव , दिवेन यादव , रितेश , हिया , यश , अक्षरा, साहिल , बलजीत , लक्ष्य शर्मा , विवेक कुमार , हंशिका , कमिक्षा , सिध , वंश , मोहित, लक्ष्य, द्रश खोला , मयंक यादव, दिक्षा , कनक पुत्री हरेन्द्र, कार्तिक प्रथम चौहान , प्रशांत कुमार , कृषा पुत्री मनजीत यादव,, अविराज , कशिश , ग्रवेश , यतिन , दीपेश कुमार , गुलशन , अंकित यादव , विहान , मनश , रमन , तंवीर , रक्षीत ठुकरान , मानव , भविष्य , कोमल यादव , प्रीत , महिमा , वंशिका रीतिक , समर , हर्षित जानवी , दक्ष यादव , कुनाल , अंशु , मयंक , दीक्षित , लक्की, हप्पी व यश यादव पआदि सफल रहे।
कक्षा नौवीं से लक्ष्य यादव , हप्पी , यश राव , भावेश भारती , उत्सव यादव , रितेश , दिव्य यादव , नितिन यादव , तनिश , सूरज , मयंक अंशिका हर्ष , हर्ष व जतिन आदि सफल रहे।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने इस शानदार सफलता के लिए विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं सम्पूर्ण विद्यालय परिवार को हार्दिक बधाईयां दी इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, उप प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीईओ रामधारी, एलिमेंट्री निदेशक नरेन्द्र कुमार, शैक्षणिक विभाग के मुखिया सुनील यादव, को-र्डिनेटर ईश्वर सिंह, जोगेन्द्र, इन्दु गेरा, सन्दीप, सोनिया, पूजा, सुनिल, आशिमा व सम्पूर्ण स्टाफ उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: सफल रहे एसडी स्कूल के विद्यार्थी।
वोट बनवाये भी और डाले भी जरूर- सुरेश कुमार
--वोट डालने के लिए जागरूक अभियान
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। लोकसभा चुनाव भविष्य में होने जा रहे हैं। ऐसे में बेहतर सरकार एवं अच्छे प्रत्याशी के चयन का एकमात्र साधन मतदान करना है। कुछ लोग मतदान करने से कतराते हैं जबकि कुछ वोट तक नहीं बनवाते।
सुरेश कुमार वरिष्ठ प्रवक्ता का कहना है कि वोट जरूर डालें, वोट जरूर बनवाए। 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी अपना वोट बनवाकर अपने सही नेता का चुनाव करें। उन्होंने कहा कि वोट डालना जरूरी है तथा वोट न डालना बहुत बुरी बात है। वोट एक दिन ही डाले जाते हैं और उस दिन भी समय न निकाल पाना अनुचित होता है। उन्होंने मतदाताओं को मतदाताओं को जागरूक किया गया वहीं विद्यार्थियों ने 18 वर्ष की आयु में मत बनवाने तथा मतदान करने की प्रेरणा दी। जिन विद्यार्थियों को वोट डालने डालने का अधिकार मिला है वो वोट जरूर डाले। उन्होंने जागरूक किया कि वोट हमारा अधिकार है जो चुनाव आयोग ने दिया हुआ है। उस वोट की कीमत को जाने तथा अपनी पसंद का प्रत्याशी बनाने के लिए वोट डालने जाना है।
फोटो कैप्शन: सुरेश कुमार प्रवक्ता
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस -15 मार्च
अपने अधिकारों के प्रति बहुत कम लोग जागरूक है
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। आज के दिन चाहे विज्ञान ने तरक्की की है किंतु प्रतिदिन इंसान को विभिन्न सामान, खाद्य सामग्री एवं अन्य उपयोगी सामान खरीद कर लाना पड़ता है। परंतु सभी उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है। उन्हें कौन-कौन से अधिकार मिले हैं अगर उनसे पूछा जाए तो वह कुछ भी कहने में असमर्थ है। यहां तक की बाजार से सामान तो खरीद लाते हैं उन्हें कुछ दुकानदार बिल तक नहीं देते, बिल देने में आना कानी करते हैं जिसके चलते वे बिल नहीं ले पाते परिणाम यह निकलता है कि जब उन्हें बिल की आवश्यकता बिल की होती है मारे मारे फिरते हैं। इस संबंध में कुछ उपभोक्ताओं से बात की गई। विशेष कर ग्रामीण क्षेत्र की उपभोक्ताओं से बात की गई-
*** उपभोक्ता प्रतिदिन का सामान खरीद कर लाने पर भी उन्हें यह मालूम नहीं कि उन्हें कौन-कौन से अधिकार मिले हुए हैं। बाजार से सामान खरीद कर लाते हैं किंतु दुकानदार उन्हें बिल तक नहीं देते, बिल मांगते हैं तो बिल देने में आनाकानी करते हैं यहां तक कि दुकानदार जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटी चीजों का वितरण, मूल्य से ज्यादा दाम वसूलते हैं। तब भी उपभोक्ता कुछ नहीं कर पाते। उपभोक्ता मन मारकर रह जाते हैं यहां तक कि उन पर कई प्रकार के दाब दिये जाते है। इसके कारण भी अपना मुंह तक भी नहीं खोल पाते। इसके कारण उपभोक्ताओं के साथ अन्याय होता रहता है।
-- गुगनराम, झगडोली निवासी
उपभोक्ताओं को बिना मानक चीजें बेची जाती है, नापतोल में में गड़बड़ की जाती है। गारंटी की सर्विस देने पर भी उपभोक्ता को कुछ भी प्राप्त नहीं होता। उपभोक्ता बेचारे मायूस बनकर खड़े रहते हैं। उपभोक्ता न्यायालय की स्थापना की गई है किंतु उनको यह नहीं पता होता कि न्यायालय में जाकर भी वे अपने अधिकार मांग सकते हैं। उपभोक्ताओं के साथ जालसाजी की जाती है फिर भी मन मसोसकर कर रहे जाते हैं। ऐसे में उनका जागृत करने का उद्देश्य ही उपभोक्ता जागरूकता दिवस का नियम है। इस संबंध में यदि लोगों को जागरूक किया जाए तो हो सकता है भविष्य में अपनी भूमिका अच्छी प्रकार निभा सकते हैं।
- रामभूल बुचावास निवासी
महिला भी दैनिक जीवन की कई वस्तुएं खरीदने में पीछे नहीं होती परंतु उनको अपने अधिकारों का कोई ज्ञान नहीं होता वह सामान खरीदने जाती है और भोली भाली महिला विशेष रूप से ठगी का शिकार हो जाती है। आए दिन ठगी होती रहती है किंतु उनका किसी प्रकार का ज्ञान न होना सबसे बड़ी समस्या है। भारत में उपभोक्ताओं के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2020 में बना हुआ है जिसमें अनेकों हित की बातें ग्राहकों के लिए रखी गई है। यदि ग्राहक पूर्ण रूप से जागरूक किया जाए, सरकार उपभोक्ताओं को जागरूक करें तो हो सकता है भविष्य में सुधार की गुंजाइश मिलेगी।
- शारदा देवी बवानिया
फोटो कैप्शन: शारदा देवी, रामभूल तथा गुगल राम
डेढ़ वर्ष से चुनावी तैनाती का पारिश्रमिक पाने का कर रहे हैं शिक्षक इंतजार
-लोकसभा के फिर से आ रहे हैं चुनाव
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। एक और जहां नवंबर 2022 के पंचायती चुनावों का पारिश्रमिक अभी तक शिक्षकों को नहीं मिला और उस पर अब लोकसभा के चुनाव फिर सिर पर हैं। शिक्षक बेहद परेशान हैं और चुनावों से पहले विगत पारिश्रमिक दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
नवंबर 2022 में शिक्षा विभाग के लगभग सभी शिक्षकों को चुनावी तैनाती में लिया गया था किंतु शिक्षकों को पंचायत चुनाव में पारिश्रमिक नकद न दिए जाने का भारी रोष पनपा था और आज तक पारिश्रमिक दिये जाने का इंतजार है। शिक्षकों का कहना है कि नवंबर 2022 से पहले भी मतगणना तथा अन्य तैनातियों का पारिश्रमिक भी अभी तक नहीं मिला है। नवंबर 2022 के चुनावों में पारिश्रमिक देने के लिए महज पेई कोड लिया गया था जिससे पारिश्रमिक मिलना उन्हें कठिन नजर आ रहा है क्योंकि ओ एवं शून्य आपस में मिलते हैं वहीं कई पीठासीन अधिकारियों ने पारिश्रमिक फार्म में आधी अधूरी जानकारी दी हैं। उन्होंने मांग की है कि सभी शिक्षकों को अविलंब पारिश्रमिक भिजवाने सुनिश्चित किया जाए। वैसे भी नवंबर 2022 में दीपावली के दिनों में तथा अवकाश के दिनों में रिहर्सल एवं चुनाव पूर्ण करवाये गये थे। शिक्षक पूरी पूरी रात चुनावी तैनाती में लगे रहे यहां तक की सामान जमा करवाते समय भी पूरी रात कागज कार्रवाई करते रहे परंतु उन्हें भोजन के नाम पर कुछ पैसे देकर काम की इतिश्री समझ ली गई।
अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा, अध्यापक नेता सुनील कुमार, अध्यापक नेता निर्मल आदि ने इस संबंध में चुनाव आयोग से प्रार्थना की है कि अविलंब पारिश्रमिक सभी शिक्षकों को स्कूलों में जाकर प्रदान किया जाए तत्पश्चात लोकसभा चुनाव आ रहे हैं।
उड़ती धूल- मिट्टी के बीच, 368वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरने पर अडिग हैं किसान
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन एवं धरना संघर्ष समिति के संयोजक पहलवान रणधीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट की घोषणा की गई है, कट का काम शुरू न होने के कारण हमें केंद्र सरकार पर संदेह है कि किसानों की मांग पर सरकार अनदेखी कर रही है। किसान राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रति नाराज है, उनका कहना है यदि केंद्र सरकार ने कट की मांग पर अनदेखी की तो उसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना होगा तथा जब तक काम शुरू नहीं होगा हमारा धरना जारी रहेगा।
इस क्षेत्र के 40 गांवों की युवा पीढ़ी का राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रति आक्रोश हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार को फिर याद दिलाना चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू किया जाए अन्यथा युवा पीढ़ी पर कंट्रोल करना सरकार के लिए भी मुश्किल हो जाएगा।
गुरुवार को धरने की अध्यक्षता मास्टर विजयपाल सेहलंग ने की और उन्होंने बताया कि हमें धरना स्थल पर बैठे एक साल से ज्यादा समय हो गया है, हमारा एक ही उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट बनना चाहिए उसके लिए हम हर परेशानी का सामने करने के लिए तैयार है। केंद्र सरकार किसानों की पीड़ा को समझे और जितना जल्दी हो सके कट का काम शुरू किया जाए, जिससे इन 40 गांवों के ग्रामीण चैन की सांस ले सके।
इस मौके पर वेद प्रकाश, डाक्टर लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र शास्त्री, रामकिशन, सूबेदार हेमराज अत्रि, सीताराम, सरपंच हरिओम पोता, डा. रामभक्त स्वामी, मुंशीराम, ओम प्रकाश ,शेर सिंह,प्यारेलाल,पहलवान धर्मपाल, कृष्ण कुमार प्रधान, मास्टर विजय सिंह, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार पंच, सतीश, राम भक्त, इंस्पेक्टर सतनारायण, अशोक, प्यारेलाल, सूबे सिंह, दाताराम, बाबूलाल, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 04: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान।
तीन अलग-अलग मामलों में तीन व्यक्ति गुम
-गुमशुदगी के मामले दर्ज
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के विभिन्न गांवों से तीन लोग गुम हो गए। कनीना पुलिस में उनके स्वजनों द्वारा गुमशुदगी के मामले दर्ज करवाये हैं।
कनीना उप-मंडल के गांव भोजावास निवासी विजयपाल ने पुलिस में कहा कि उसका छोटा भाई श्रवण कुमार 10 मार्च को शाम के करीब चार/पांच बजे घर से बाहर घूमने के लिए निकला था किंतु 13 मार्च तक घर पर नहीं आया जिसका मोबाइल 2 दिनों तक मिलता रहा है किंतु अब फोन मिलाना बंद हो गया है। श्रवण कुमार एक कंपनी में विगत 5 वर्षों से काम करता है। उन्होंने श्रवण कुमार की तलाश करने की मांग की है। कनीना पुलिस ने गुमशुदगी का माला दर्ज कर लिया है।
उधर कनीना उपमंडल के एक गांव से 18 वर्षीय युवती घर से गायब हो गई। उसकी मां ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस में उसने कहा है कि उसके तीन बच्चे हैं जिसमें सबसे बड़ी लड़की 18 वर्ष की है जो अचानक घर से गायब हो गई। उन्होंने उसकी लड़की की तलाश करने की मांग की जिस पर कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
उधर कनीना उपमंडल के ही एक गांव से एक व्यक्ति की पत्नी गुम हो गई है। उसने पत्नी गुम होने का मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पत्नी नारनौल में सफाई का काम करती थी और 11 मार्च से अचानक घर से गायब है। वह अस्पताल के लिए गई थी और घर नहीं लौटी। फोन किया तो उन्होंने नाइट ड्यूटी करने की बात की किंतु जब 12 मार्च को फोन किया तो तब से फोन बंद चल रहा है। उन्होंने अपनी पत्नी की तलाश करने की मांग की है। कनीना पुलिस गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
कनीना की सभी बणियों की करवाई जाये पैमाइश
-सभी बणियों को अतिक्रमण करके बना दिया है संकीर्ण
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। कस्बा कनीना की मानका वाली बणी की पूरे गांव में मुनादी करवा कर पैमाइश करवा दी गई है जिसके चलते विभिन्न लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण का पता चला है। कस्बा कनीना के लोगों ने एसडीएम सुरेंद्र सिंह का आभार जताया है कि उन्होंने मनका वाली बणी की पैमाइश करवा कर उसकी चारदीवारीबनाने का निर्णय लिया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए दुर्गादत्त गोयल समाजसेवी ने बताया कि एसडीएम के आदेश पर एक बणी की पैमाइश हो चुकी है। जिन-जिन लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था उनसे वह भूमि छुड़वा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अब उस बणी की चारदीवारी बनेगी। कस्बा कनीना में करीब आधा दर्जन बणियां है जिन पर अतिक्रमण हो चुका है। कनीना वासियों ने मांग की है कि सभी बणियों की इसी प्रकार पैमाइश करवा कर जमीन छुड़वाया जाए ताकि भविष्य में कनीना के विकास के लिए यह जमीन काम आ सके।
सभी बणियां हैं अतिक्रमण का शिकार--
कनीना की सभी बणियों का आकार घटता ही जा रहा है। आधा दर्जन बणिया हैं जिनमें से कोई भी बणी अपने वास्तविक आकार से आधी भी नहीं बची है। सरकार एवं प्रशासन ने कभी इन बणिया की पैमाइश नहीं करवाई है। यही कारण है कि बणिया में पक्के मकान, ट्यूबवेल एवं अतिक्रमण करके पेड़ों को नष्ट कर दिया है वहीं जमीन को कब्जा लिया है।
कनीना में करीब छह बणिया होती थी जिनमें से रणास, पीपलवाली, बड़ी बणी, छोटी बणी, मानका आदि प्रमुख थी। जहां बड़ी बणी में शिक्षण संस्थान, वाटर स्टोर केंद्र, गौशाला, आवास बनने के अतिरिक्त चारों ओर से अतिक्रमण के चलते बस नाम की बड़ी बणी रह गई है। इस बणी में पेड़ों को भारी क्षति हुई है और अभी भी अतिक्रमण जारी है। उधर छोटी बणी का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया है। यहां मोलडऩाथ आश्रम स्थित है। रणास की बणी में कोई पेड़ नहीं बचा है यहां सीवर ट्रिटमेंट प्लांट लगा दिया गया है वहीं चारों ओर से अतिक्रमण हो चुका है। मानका एवं पीपलवाली बणी अब सिकुड़ती जा रही हैं। सबसे अधिक अतिक्रमण इन दोनो बणियों पर हुआ है और अभी भी जारी है। इन बणिया में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, ट्यूबवेल, आवास बनाने तथा किसानों द्वारा अतिक्रमण के चलते आधी से भी कम रह गई हैं। पीपलवाली बणी में तो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गंदा जल स्टोर किया जा रहा है। नगरपालिका ने विगत दशकों से इन बणिया की न तो सुध ली है और न पैमाइश करवाई है। अगर सभी बणिया की सुध ली जाए तो प्राप्त जमीन को बोली पर छोड़कर करोड़ों रुपये की आय प्राप्त हो सकती है वहीं जंगली जीवों का संरक्षण हो सकता है।
कुछ जन अवैध पक्के मकान बनाकर बिजली कनेक्शन, पानी आदि सभी सुविधाएं लेकर के सरकार को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मिली जानकारी अनुसार कनीना पालिका के करीब 335 कनाल 16 मरला जमीन कृषि योग्य है वहीं कोटिया गांव के पास रणास की बेणी(जंगल)32 कनाल पांच मरला है जहां सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लग चुका है वहीं बड़ी बेणी करीब 800 कनाल की है जिसमें से 58 एकड़ डीएवी को 99 सालों के पट्टे पर, पांच एकड़ गौशाला के लिए तथा दस एकड़ वन विभाग एवं वाटर सप्लाई हेतु दिया हुआ है, 115 प्लाट भी बने हुए हैं। करोड़ों की लागत से कान्ह सिंह पार्क भी बना है। पीपलावाली बणी 125 कनाल, मानका वाली बणी 82 कनाल, दस मरला है। उधर धार्मिक स्थानों की होड़ भी बणियों में बढ़ गई है।
कनीना की अधिकांश बणियों का अस्तित्व खतरे में--
आने वाले समय में कनीना की बड़ी बणी, छोटी बणी, मानका वाली बणी, रनास वाली बणी सभी महज कागजों तक सीमित रह जाएंगी। सरकार को पैमाइश करवा कर समस्त सरकारी जमीन अपने कब्जे में लेनी चाहिए। पेड़ों की कटाई करने वालों पर भी कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो वो दिन दूर नहीं जब एक इंच जगह भी बणियों की नहीं बच पाएगी।
आलम यह है कि जब भी कोई कार्यालय इन बणियोंं की जगह बनाये जाने की सोची जाती है तो वहां मौके पर जमीन उपलब्ध नहीं हो पाती है या जोहड़ बने दिखाये जाते हैं।
फोटो कैप्शन 03: कनीना की छोटी बणी नाम से प्रसिद्ध बणी का नजारा।
स्कूली विद्यार्थियों निकाली जागरूकता रैली
-सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लगाये गये नारे
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। जहां राजकीय माडल संस्कृति स्कूल में स्कालरशिप टेस्ट भी 17 मार्च का रखा गया है वहीं राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के विद्यार्थियों ने जन जागरूकता रैली निकाली। इस अवसर पर प्राचार्य सतीश कुमार की देखरेख में सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने स्कूल परिसर से बस स्टैंड होते हुए गांव से होकर वापस स्कूल तक चेतना रैली निकाली। विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाने विशेषकर धनौंदा माडल स्कूल में प्रवेश दिलाने की मांग की। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा इसी वर्ष से धनौंदा के राजकीय स्कूल को माडल स्कूल का दर्जा दिया है। जिसके चलते विद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों में जागरूकता गई है और वे घर-घर जाकर विद्यार्थियों को प्रवेश दिलवाने की मांग कर रहे हैं। इस जन चेतना समस्त स्टाफ हाजिर रहा।
फोटो कैप्शन 01: चेतना रैली निकालते विद्यार्थी
जीवित होने का प्रमाण पत्र पाने के लिए खा रहा है दर-दर की ठोकरें
-- सीएम विंडो तक शिकायत करने पर भी नहीं मिल पा रहा जीवित होने का प्रमाण
*********************************************************************
************************************************************************
************************************************************************
कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव कोटिया निवासी अनूप यादव चाहे जीवित है तथा हर जगह अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। वर्तमान में श्याम भक्तों के कैंप में कोटिया गांव में भक्तों की सेवा कर रहे हैं परंतु सरकार के खातों में यह आदमी मृत दिखाया हुआ है। बेचारा अपने जीवित होने का प्रमाण पाने के लिए सीएम विंडो तक शिकायत कर चुका है। फैमिली आईडी की साइट पर, एडीसी अधिकारी नारनौल को नोटिस दे चुका है वहीं सीताराम विधायक एवं मु यमंत्री के नाम शिकायत कर चुका है किंतु हर बार उन्हें असफलता मिलती है क्योंकि वह परिवार पहचानपत्र में परिवार का मुखिया दिखा रखा है उनकी फैमिली आईडी नंबर नोक्यूटीसी 0163 है। अपने आधार कार्ड से फैमिली आईडी सर्च करते हैं तो लिखा आता है कि इस परिवार के सदस्य की फैमिली आईडी नंबर उपरोक्त मृत्यु हो चुकी है। अब कैसे उनका जीवित होने का प्रमाण मिलेगा कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। उन्हें जहां कहीं किसी अधिकारी से मिलने के लिए कहा जाता है वहीं पहुंच जाता है। अनूप कुमार ने बताया कि वह बेहद परेशान है, उनके सारे कार्य रुक गए हैं क्योंकि उनकी फैमिली आईडी का प्रमुख स्वयं ही है वही उनके बगैर फैमिली आईडी नहीं खुल पा रही, नहीं कोई कार्य हो पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से मांग कि है कि कम से कम जीवित व्यक्ति को न मारे। उनका जीवित होने का प्रमाणपत्र बनवाकर जीवन दान दे ताकि वह इस दुनिया में अपना काम कर सके।
फोटो कैप्शन 02: भक्तों की सेवा करता हुआ अनूप कुमार
No comments:
Post a Comment