कनीना क्षेत्र में हुई 3 एमएम वर्षा
-लावणी हुई प्रभावित
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में बुधवार को दोपहर पश्चात तेज अंधड़ के साथ 3 एमएम वर्षा हुई। बारिश के कारण किसानों का लावणी का काम प्रभावित हो गया है।
इस समय किसान सरसों की लावणी में जुटे हुए हैं वहीं गेहूं के फसल अभी पानी की मांग कर रही है। गेहूं की फसल को तो वर्षा का लाभ होगा वही सरसों की फसल को कुछ नुकसान होने का अंदेशा बन गया है। काट कर डाली गई फसल खराब हो सकती है वही किसने खेतों में काट कर डाली गई फसल दूर तक उड़ गई। किसान वीरेंद्र सिंह, रमन सिंह ,सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार आदि ने बताया कि इस वक्त वर्षा का कोई लाभ नहीं। वर्षा के केवल गेहूं की फसल को थोड़ा बहुत लाभ हो सकता है परंतु उनकी सरसों की फसल को केवल नुकसान होगा। किसान सरसों के फसल की लावणी में जुटे हुए हैं। उनका लावणी कार्य प्रभावित हो गया वहीं फसल को नुकसान भी हो सकता है।
फोटो केप्शन 10: सरसों की फसल की लावणी करते किसान।
व्यक्ति हुआ गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा से एक शादीशुदा व्यक्ति अपनी बाइक कनीना खड़ी करके कहीं गुम हो गया। अभी तक उसका अता पता नहीं चला है। उसके पिता ने कनीना पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कर्र लिया है। मनोहर लाल शर्मा ने पुलिस में कहा है कि वह 80
साल का है तथा उसका पुत्र पवन शादीशुदा है जिसकी उम्र 35 साल है। मोटर साइकिल से घर से सुबह निकला था और कनीना के बस स्टैंड के पास पार्क में अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की और गांव के एक व्यक्ति को चाबी देकर न जाने कहां चला गया। अभी तो कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस में उनके बयान पर गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
कट के लिए, 367वें दिन जारी रहा धरना
-अनिश्चितकालीन धरना जारी
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर सेहलंग -बाघोत के बीच कट के लिए अनिश्चितकालीन धरना जारी है। बुधवार को धरने की अध्यक्षता सतपाल चेयरमैन पोता ने की और उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 9 मार्च 2022 को पचगांव गुरुग्राम रैली में राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट के घोषणा की गई, यह सुनकर इन 40 गांवों को बहुत बड़ी खुशी हुई थी किंतु दो साल का समय निकल गया है लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से अब तक कट के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कट को लेकर किसानों का जोश बरकरार है, पक्के इरादे के साथ धरना स्तर पर बैठे हुए हैं, जब तक केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम शुरू नहीं होता है, तब तक धरना जारी रहेगा।
धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि धरने को चलते 367 दिन हो गए है। ाज्य सरकार और केंद्र सरकार को हम बार-बार याद दिला रहे हैं कि हमारे क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का होना अति आवश्यक है। केंद्र सरकार देश का विकास चाहती है और देश का विकास तभी होगा जब गांव विकसित होंगे। इन 40 गांवों का विकास तभी संभव है, जब इनको राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के साथ जोड़ दिया जाएगा। केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी पर बाघोत -सेहलंग के बीच कट का काम जल्द शुरू नहीं किया गया, तब इस क्षेत्र के सभी गांव मिलकर सरकार का विरोध करेंगे।
इस मौके पर चेयरमैन राव बहादुर सिंह, ठाकुर अतरलाल, सूबेदार श्री राम, नंबरदार नाथूराम, सरपंच हरिओम, डाक्टर लक्ष्मण सिंह, नरेंद्र शास्त्री, पहलवान रणधीर सिंह, ठेकेदार दिलावर सिंह, प्रहलाद सिंह, मास्टर विजयपाल, रामकिशन, महेंद्र सिंह, मास्टर विजय सिंह, मुंशी राम, पहलवान धर्मपाल, ओम प्रकाश, प्रधान कृष्ण कुमार, वेद प्रकाश, सूबेदार हेमराज अत्रि, सीताराम, डा रामभक्त स्वामी, इंस्पेक्टर सतनारायण, पूर्व सरपंच सतवीर सिंह, प्यारेलाल, राम भक्त, कृष्ण कुमार पंच, रोशन लाल आर्य व गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 09: कट की मांग को लेकर रोष में किसान।
अन्तर्राष्ट्रीय नदी दिवस-14 मार्च
----नदियों के अभाव में गिरता जा रहा है भूमिगत जल
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कनीना की आवाज। नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस प्रत्येक वर्ष 14 मार्च को मनाया जाने वाला एक वैश्विक कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य नदियों के महत्व और उन्हें विभिन्न खतरों से बचाने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। जिला महेंद्रगढ़ में जहां दोहान एवं कृष्णावती तो जिला रेवाड़ी में साहबी नदी बहती थी। अब तीनों ही नदियों का अस्तित्व लुप्त होने के कगार पर है।
यह वर्षा पर आधारित दोहन नदी जो राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना के पास मंडोली गांव से निकलती है जो हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में लुप्त हो जाती है। यह साहबी नदी की एक सहायक नदी है। उधर कृष्णावती नदी भी वर्षा पर आधारित साहबी नदी की सहायक नदी है। कृष्णावती नदी जो राजसमंद जिले के दरीबा तांबे की खानों के पास अरावली रेंज से निकलती है। यह नदी दोसा जिले के पाटन, अलवर जिले के मोटूका से होकर बहती है और हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में लुप्त हो जाती है। यह भी साहिबी नदी की सहायक नदी के रूप में जानी जाती है। जिले की सभी नदियां लुप्त होने के कगार पर चली गई है। अब तो बरसाती नदी के रूप में बरसात के वक्त अधिक पानी होने पर ही इनमें डाला जाता है। सरकार ने खोदाई भी कार्रवाई तथा कुछ गांव में खोदाई के बाद इसे छोड़ दिया गया किंतु आज तक उनमें पानी न आने से ग्रामीण परेशान नजर आए।
इस संबंध में किसानों एवं प्रमुख जनों से चर्चा की गई।
*** दोहान नदी मोड़ी गांव के पास से गुजराती है और रेवाड़ी जिले में प्रवेश करती है किंतु इसको बनाए हुए करीब 5 साल बीत गए हैं। कभी भी इसमें पानी नहीं आया है। एक और जहां नदी की खोदाई कर दी, किसानों को यह विश्वास था कि पानी आएगा खेतों की प्यास बूझेगी किंतु नदी में पानी नहीं छोड़ा गया।
-- गजराज सिंह पूर्व सरपंच मोड़ी
दोहान एक बरसाती नदी है जो अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रही है। इसमें पानी नछोड़े जाने के कारण जहां जिला महेंद्रगढ़ में कुछ जगह तो 1400 से 1800 फीट गहराई पर पानी चला गया। सरकार से आशा थी कि इसमें पानी छोड़ेंगे जिससे भूमिगत जल में बढ़ोतरी होगी किंतु सरकार ने इस क्षेत्र से गुजरने वाली नहरों को भी पक्का करवा दिया जिससे थोड़ी बहुत पानी का रिसाव भूमिगत जल की आपूर्ति करता था वह भी बंद हो गया है। अब तो ऐसा लगता है कि इस जिले के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी जिलों में पानी की समस्या है जबकि उत्तरी हरियाणा में जहां सेम की समस्या है। नदी जल का सही बटवारा भी नहीं किया गया है जिसके चलते दक्षिण हरियाणा का जिला महेंद्रगढ़ पूर्णतया बर्बाद होने के कगार पर खड़ा हुआ है। भूमिगत जल दिनों गहराता जा रहा है। यही हालात आगे भी रहेगी। कृष्णावती एवं साहबी नदियों की भी ऐसी ही हालात है।
-- राधेश्याम गोमला,समाजसेवी
महेंद्रगढ़ जिले की जीवन रेखा दोहान नदी विलुप्त प्राय होने की कगार पर है। इस नदी को बचाने के लिए गांव पाली निवासी प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश पाली ने 2012 में राष्ट्रीय हरित आयोग में केस डालकर इसके रास्ते को खाली करवाने का प्रयास किया जिसके परिणाम स्वरूप हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा जो नदी का रास्ता रोका गया था उसे आयोग द्वारा खाली करवाया गया। उन्होंने वर्तमान में प्रयत्न करते हुए आयोग में पुन: इसके रास्ते को खाली करवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया हुआ है। जन सूचना अधिकार से इसके रास्ते के संबंध में जानकारी भी उनके द्वारा मांगी गई परंतु स्थानीय नहर विभाग द्वारा आधी अधूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई। तब उन्होंने हरित आयोग में मेल डालकर इसके रास्ते को खाली करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि यह नदी 65 किलोमीटर की लंबाई में महेंद्रगढ़ जिले में बहती है परंतु अधिकारियो की अनदेखी के चलते इसके पाट को लोगों द्वारा अनधिकृत रूप से रोक लिया गया है। इसके रास्ते रोकने का परिणाम भूमिगत जल का स्तर निरंतर नीचे गिर रहा है परंतु जिन अधिकारियों की इसको बचाने की जि मेवारी है उन्होंने आज तक इसके रास्ते को जाकर कभी देखा भी नही है। कभी इस नदी का उद्गम स्थल पुष्कर के आसपास होता था और यह वर्ष भर बहने वाली नदियों में आती थी। इसका वर्णन ऋग्वेद में भी मिलता है।
--कैलाश पाली, समाजसेवी
फोटो कैप्शन 08: मोड़ी गांव के पास सूखी पड़ी दोहान नदी जो सरकार ने खोदाई कर बनवाई थी
साथ में गजराज मोड़ी, राधेश्याम गोमला एवं कैलाश पाली।
अन्तर्राष्ट्रीय गणित दिवस -13 मार्च
पाई के मान के रूप में मनाया जाता है अन्तर्राष्ट्रीय गणित दिवस
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कनीना की आवाज। भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं पाई के मान के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में माया जाता है। आज के दिन विद्यार्थी गणित से कुछ दूर भागते हैं जबकि भारत के इस गणितज्ञ ने वह खोज की जो आज भी विदेशों तक शोध का आधार बने हुए हैं। इस संबंध में कुछ गणित के जानकारों से बात हुई --
**बेशक वर्तमान पीढ़ी गणित से कुछ दूर भागती हो किंतु गणित बहुत आसान विषय है। गणित को अगर सही ढंग से पढ़ा जाए तो निसंदेह हर विषय की समस्याओं को हल करने की चाबी के रूप में कार्य करेगा। जिस प्रकार रामानुजन ने 32 वर्ष के अल्प जीवन काल में 3900 समीकरण और सर्वसमिकाओं का संकलन किया है, पाई की अनंत श्रेणी शामिल की गई, अनेक सूत्र भी प्रदान किये चुनौती पूर्ण गणित की समस्याओं को हल करने के लिए नए विचार प्रस्तुत कर गणित को आसान से भी आसान विषय सिद्ध करके दिखाया। चाहे उनका 32 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था किंतु वह एक ऐसी शिक्षा और ज्ञान का सागर दे गए जिस पर सदियों तक शोध किया जाता रहेगा। आज भी विद्यार्थियों द्वारा उनसे शिक्षा लेकर आगे बढ़ाना चाहिए।
--- राजकुमार मु य अध्यापक एवं गणित शिक्षक
गणित से डरना बुरी बात है किंतु गणित के साथ खेलने से यह विषय एक सुंदर खेल का माध्यम बन जाता है। गणित से जो डरकर दूर भागता है उतना ही गणित में कमजोर हो जाता है लेकिन जो गणित के गहराई तक जाने का प्रयास करता है वह अंतत: गणित में पारंगत हासिल कर लेता है और उसकी पहचान प्रतिभावान के रूप में की जाती है। श्रीनिवास रामानुजन छोटी उम्र में गणित में पारंगत हो गये थे। उनकी गणित के प्रति रुचि ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया। उनके ज्ञान सागर की ओर ध्यान देकर आगे बढऩा चाहिए। तभी गणित आसान विषय बन सकता है।
--- मनोज कुमार गणित के जानकारी
गणित बहुत बड़ा विषय है। गणित की छोटी-छोटी समस्याओं को हल करने में यदि ध्यान दिया जाए तो सही मायने में इंसान का ज्ञान निखर कर सामने आएगा। गणित से दूर भागना योद्धा के समान है जो युद्ध की विभीषिका देखकर डर के मारे भाग रहा हो लेकिन जिस प्रकार एक योद्धा युद्ध में पूरे हौसले के साथ उतरता है तो जीत उसके कदमों को चूमती है। इसी प्रकार गणित में जो भी इंसान डुबकी लगाएगा वह निश्चित रूप से गणित रूपी ज्ञान का मोती ज्ञान रूपी सागर की गहराइयों से निकाल कर लाएगा। गणित पढऩा अरुचिकर नहीं अपितु रुचिकर लगेगा और गणित अपने आप में एक अच्छा ज्ञान का सागर इंसान को दे पाएगा।
-- संतोष कुमारी गणित की जानकार
फोटो कैप्शन: संतोष कुमारी, मनोज कुमार, राजकुमार
स्कूली विद्यार्थियों निकाली जागरूकता रैली
-सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलवाने के लगाये गये नारे
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कनीना की आवाज। सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। जहां राजकीय माडल संस्कृति स्कूल में स्कालरशिप टेस्ट भी 17 मार्च का रखा गया है वहीं राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा के विद्यार्थियों ने जन जागरूकता रैली निकाली। इस अवसर पर प्राचार्य सतीश कुमार की देखरेख में सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने स्कूल परिसर से बस स्टैंड होते हुए गांव से होकर वापस स्कूल तक चेतना रैली निकाली। विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाने विशेषकर धनौंदा माडल स्कूल में प्रवेश दिलाने की मांग की। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा इसी वर्ष से धनौंदा के राजकीय स्कूल को माडल स्कूल का दर्जा दिया है। जिसके चलते विद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों में जागरूकता गई है और वे घर-घर जाकर विद्यार्थियों को प्रवेश दिलवाने की मांग कर रहे हैं। इस जन चेतना समस्त स्टाफ हाजिर रहा। फोटो कैप्शन 7: चेतना रैली निकालते विद्यार्थी
विश्व किडनी दिवस -14 मार्च
गुर्दे की देखरेख करना बहुत जरूरी- डा. रितिका
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कनीना की आवाज। एक इंसान जीवनभर स्वस्थ रहकर स्वर्गलोक गमन करें इसमें बड़ी खुशी होती है परंतु कुछ लोग अपने शरीर की देखरेख नहीं करते जिसके कारण विभिन्न रोगों से पीडि़त हो जाते हैं। कुछ व्यसनों के शिकार होते हैं जिसके कारण उनके विभिन्न अंग खराब हो जाते हैं। विशेषकर गुर्दे जिनमें एक है, जिन्हें किडनी नाम से जाना जाता है और गुर्दे की यदि सही देखरेख न की जाए विशेष कर जब उच्च रक्त बन जाता है, शुगर की बीमारी बढ़ जाती है उसे समय गुर्दे की अनेक समस्याएं बढ जाती है। धीरे-धीरे गुर्दा खराब हो जाता है और इंसान ऐसी स्टेज पर पहुंच जाता है कि केवल उन्हें डायलिसिस से ही कुछ दिनों तक बचाया जा सकता है। बार-बार यह प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। अंतत ऐसे व्यक्ति की मौत हो जाती है ऐसे में विश्व किडनी दिवस का अर्थ लोगों को स्वस्थ किडनी बनाए रखने के लिए जागरूक करना होता है।
डा. रितिका एमबीबीएस का कहना है कि अद्भुत किडनी के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। किडनी रोगों में उच्च रक्तचाप होना एक प्रमुख कारण है। यदि किडनी में किस प्रकार की खराबी आ जाती है, इंसान के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बन जाती है। डाक्टर का कहना है कि दुनिया भर में 10 में से एक व्यक्ति किडनी की किसी बीमारी से पीडि़त होता है। भारत जैसे देश में भी 10 लाख लोगों मेंकम से कम 1000 लोग कम किडनी से पीडि़त मिलते हैं। किडनी की समस्या का प्रारंभ उपचार है परंतु जब अधिक समय बीत जाता है तो इसका भी कोई इलाज नहीं बचता।
शरीर में दो किडनी होती है और दोनों किडनी रक्त से हानिकारक पदार्थ विशेषकर मूत्र को अलग करने का कार्य करती है। यदि शरीर में ये किडनी काम छोड़ जाए तो धीरे-धीरे खून में विषैले पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है और ऐसे समय में इंसान का जीना दूभर हो जाता है। स्वस्थ किडनी रखने के लिए इंसान को किडनी के समस्या नजर आए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डा. रितिका के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए गतिहीन जीवन शैली से बचे, संतुलित आहार ले, किडनी की जांच करवाएं, रक्तचाप उचित बनाए रखें,कम से कम 2 लीटर पानी पिये, तंबाकू आदि का सेवन नहीं कर,ें कुछ दवाइयां डाक्टर की सलाह के बगैर न ले। गुर्दे यदि स्वस्थ होंगे तो इंसान भी स्वस्थ रहेगा।
फोटो कैप्शन: डाक्टर रितिका
वोट जरूर डालें
मतदान देशहित का कार्य -विजय महक
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कनीना की आवाज। भविष्य में लोकसभा चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने नये वोट बनवाने का काम छेड़ा। पुराने वोटर अभी भी चल रहे हैं। मतदान करते वक्त प्राय लोग कंजूसी बरतते हैं। वो समझते हैं कि एक वोट डाल देने से क्या कोई हार जीत होगी? परंतु एक-एक वोट की कीमत होती है।
वरिष्ठ प्रवक्ता विजय महक का कहना है कि सरकार बनाने के लिए हर एक वोट की कीमत अनमोल होती है। ऐसे में सभी वोटर को अपना अपना वोट जरुर डालना चाहिए। चाहे वह किसी भी पार्टी, किसी भी नेता को वोट दे पर वोट जरूर डालें क्योंकि वोट डालने से ही लोगों का रुझान पता चलता है कि वह किस व्यक्तित्व को पसंद करते हैं। अपनी पसंद का और अच्छी सरकार बनाने के लिए वोट डालना जरूरी होता है और वोट ही मतदाता की पहचान होती है ताकि वह अपनी पसंद का चुनाव कर सके और परोक्ष रूप से सरकार में अपनी भागीदारी निभा सके। अक्सर लोग कहते आए हैं कि सरकार ने यह काम नहीं किया या यह नेता काम नहीं करता किंतु जब उनके वोट के बारे में सुनते हैं तो वो डालने जाते ही नहीं। इसका मतलब है कि वह वोट भी नहीं डालते और अपनी पसंद का नेता भी चाहते हैं तो यह कैसे संभव हो सकता है? एक जागरूक वोटर को जरूर वोट डालना चाहिए। जिनके वोट नहीं बने हैं वो अपना वोट बनवा सकते हैं बशर्ते कि उनकी आयु 18 वर्ष की हो गई और भारत का नागरिक है। वह अपना वोट बनवाकर मतदाता पहचान पत्र बनवा सकता है और समय पर वोट डाल सकता है ताकि बेहतर सरकार बन सके और जनहित के कार्यों को कर पाए। वोट की कीमत नेता जानते हैं। ऐसे में नेता घर-घर जाकर प्रचार करके, वोट मांगते जिसके पीछे यही अर्थ होता है कि उन्हें अधिक से अधिक वोट मिले। वोट तभी मिलेंगे जब सभी अपनी पसंद के नेता को वोट डालेंगे।
फोटो कैप्शन: विजय महक वरिष्ठ प्रवक्ता
जीवित होने का प्रमाण पत्र पाने के लिए खा रहा है दर-दर की ठोकरें
-- सीएम विंडो तक शिकायत करने पर भी नहीं मिल पा रहा जीवित होने का प्रमाण
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव कोटिया निवासी अनूप यादव चाहे जीवित है तथा हर जगह अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। वर्तमान में श्याम भक्तों के कैंप में कोटिया गांव में भक्तों की सेवा कर रहे हैं परंतु सरकार के खातों में यह आदमी मृत दिखाया हुआ है। बेचारा अपने जीवित होने का प्रमाण पाने के लिए सीएम विंडो तक शिकायत कर चुका है। फैमिली आईडी की साइट पर, एडीसी अधिकारी नारनौल को नोटिस दे चुका है वहीं सीताराम विधायक एवं मु यमंत्री के नाम शिकायत कर चुका है किंतु हर बार उन्हें असफलता मिलती है क्योंकि वह परिवार पहचानपत्र में परिवार का मुखिया दिखा रखा है उनकी फैमिली आईडी नंबर नोक्यूटीसी 0163 है। अपने आधार कार्ड से फैमिली आईडी सर्च करते हैं तो लिखा आता है कि इस परिवार के सदस्य की फैमिली आईडी नंबर उपरोक्त मृत्यु हो चुकी है। अब कैसे उनका जीवित होने का प्रमाण मिलेगा कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। उन्हें जहां कहीं किसी अधिकारी से मिलने के लिए कहा जाता है वहीं पहुंच जाता है। अनूप कुमार ने बताया कि वह बेहद परेशान है, उनके सारे कार्य रुक गए हैं क्योंकि उनकी फैमिली आईडी का प्रमुख स्वयं ही है वही उनके बगैर फैमिली आईडी नहीं खुल पा रही, नहीं कोई कार्य हो पा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से मांग कि है कि कम से कम जीवित व्यक्ति को न मारे। उनका जीवित होने का प्रमाणपत्र बनवाकर जीवन दान दे ताकि वह इस दुनिया में अपना काम कर सके।
फोटो कैप्शन 4: अनूप की फैमिली आईडी
5: सर्च करने पर दिख रहा है यह व्यक्ति मृत है फोटो कैप्शन 6: भक्ति की सेवा करता हुआ अनूप कुमार
मेरा पहला वोट
पहली बार मतदान करने में आएगा आनंद
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कनीना की आवाज। कनीना एवं जिला महेंद्रगढ़ में इस बार सैकड़ों युवाओं ने नये वोटर कार्ड बनाए गए हैं। मतदाता पहचान पत्र समय-समय पर बनाए जाते हैं। ऐसे में युवक चेतन कुमार ने भी अपना पहला वोटर कार्ड बनवाया है तथा वह अच्छे खासे उत्साहित हैं। उन्हें पहली बार मतदान करने का मौका मिलेगा। चेतन कुमार ने बताया कि उन्हें यह पहली बार वोट डालने का अवसर मिलेगा क्योंकि अब मेरा मतदाता पहचान पत्र बन चुका है और आयु 18 वर्ष की आयु हो चुकी है। सरकार ने मतदाता पहचान पत्र बनाने का कार्यक्रम चलाया था जिसके तहत उन्होंने अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाया है। वे चाहते हैं कि अपने वोट से बेहतर सरकार का चुनाव हो। उनका कहना है कि सरकार हर 5 साल में चुनाव करवाती है, उसी दौरान केवल वही वोट डाल सकते जिनका मतदाता पहचान पत्र बना हो और 18 साल पूरी कर ली हो। वही अपना पसंदीदा नेता चुन सकते हैं। ऐसे में आज मेरे लिए वह दिन आ पहुंचा है कि जब अपनी पसंद का नेता का चुनाव कर सकूंगा। वे वर्तमान में बीटेक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन: चेतन कुमार
कक्षा 6 से 12 तक लड़कों के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड का नहीं है स्कूल
--अभिभावकों में है रोष
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे में सामान्य विद्यार्थियों के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक पढऩे के लिए कोई संस्थान नहीं है। वर्तमान में नगर में तीन विद्यालय हैं जिनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाल जो विगत वर्षों में माडल संस्कृति स्कूल बन चुका है तथा उसे विद्यालय में से शिक्षण संस्था होने के साथ-साथ केवल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त होने के कारण वहां 500 रुपये प्रतिमाह फीस देकर ही पढ़ाई की जा सकती है वहीं दूसरा विद्यालय राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जो कनीना मंडी में स्थित है। वह भी कन्या विद्यालय होने के कारण 9 से 12 कक्षा में छात्रों को प्रवेश नहीं मिलता। तीसरा विद्यालय राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना है जहां गत वर्ष मु यमंत्री मनोहर लाल के कनीना दौरे के दौरान उनसे प्रार्थना की गई थी कि क्षेत्र का सबसे पुराना विद्यालय होने के कारण इस विद्यालय को क्रमोन्नत कर सह शिक्षण संस्थान बनाया जाए ताकि कनीना कस्बे के छात्रों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से पढ़ाई करने में आसानी हो।
इस बारे में कई बार विद्यालय के मुखिया नरेश कुमार कौशिक ने प्रदेश सरकार पर शिक्षा अधिकारियों को लिखकर निवेदन किया है कि विद्यालय का दर्जा बढ़ाया जाए तथा इसे सह शिक्षण संस्थान बनाया जाए । इसके लिए स्थानीय विधायक सीताराम यादव से भी बार-बार निवेदन किया गया कि विद्यालय का दर्जा बढ़ाया जाए तथा इसे शिक्षण संस्थान बनाया जाए इसके अलावा उच्च अधिकारियों को विद्यालय का दर्जा बढ़ाने की प्रार्थना की गई है। विद्यालय के मुखिया ने बताया कि शीघ्र ही सघन नामांकन अभियान शुरू किया जा रहा है इसमें कक्षा 6 से 8 के छात्रों के दाखिले भी किए जाएंगे।
नहीं नसीब हुई है अभी तक फरवरी माह का वेतन
-हर महीने शिक्षकों को मिलता है देरी से वेतन
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कनीना की आवाज। पूरे ही जिले में बहुत से शिक्षकों को आज तक अपना फरवरी माह का वेतन नसीब नहीं हुआ है एक और जहां फरवरी माह के वेतन से बहुत अधिक भाग उनका टैक्स में कट चुका है, बाकी बची हुआ वेतन भी उनको आज तक नसीब नहीं हो रहा है। जिसको लेकर शिक्षक को भारी रोष है। शिक्षक नेताओं सुनील कुमार, धर्मपाल का कहना है कि सरकार ऐसा नियम पारित करें कि हर कर्मचारी को उसका वेतन 5 तारीख तक हर हाल में मिल जाए और उसे अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए जो वेतन में देरी का कारण बनते हैं। बहरहाल आज तक अनेकों शिक्षकों को वेतन नसीब नहीं हो रहा है। शिक्षक बेहद परेशान है उन्होंने मांग की है कि उनका समय पर वेतन दिया जाए ताकि वे घर परिवार को चला सके।
किसानों के लिए ईंधन का विकल्प है धांसे
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कनीना की आवाज। एक वक्त था जब सरसों के धांसों को लोग उखाड़ कर नहीं लाते थे, पदाड़ी को भी खेतों में फेंक कर आते थे किंतु आज दोनों की कीमत बढ़ गई है। किसान फसल कटाई के साथ-साथ जहां धांसों को इकट्ठा करते हैं। इन्हें ईंधन के विकल्प के रूप में प्रयोग करते हैं।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि धांसों को काटकर सूखा लिया जाता है और इनको खाना बनाने के लिए प्रयोग में लाते हैं। कुछ किसान पशुओं का आहार पकाने में भी उनका उपयोग करते हैं। धांसों को लोग इकट्ठा करके अपने घर आंगन में कहीं जमा कर लेते हैं और कई महीनों तक विशेषकर ईंधन के विकल्प के रूप में प्रयोग करते हैं। चाहे ये कम ऊष्मा प्रदान करते हो किंतु गरीब तबके के लोगों के लिए धांसे बहुत कीमती माने जाते हैं। किसान इन धांसों को उखाड़ कर अपने लिए प्रयोग करते हैं या आसपास के लोग उन्हें उखाड़ कर ले आते हैं। यही नहीं कपास के वक्त भी कपास के धांसे ईंधन के रूप में काम में लिए जाते हैं। जहां सिलेंडर महंगा होने के कारण धांसों की अच्छी खासी मांग होती है।
फोटो कैप्शन: 01 खेत से धांसे उखड़ता किसान
मोलडऩाथ मेले की तैयारी जोर शोर से जारी
-ऊंट एवं घोडिय़ों के दौड़ स्थल को किया जा रहा है समतल
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कनीना की आवाज। कनीना के परम संत मोलडऩाथ आश्रम धाम पर 20 मार्च को लगने वाले मेले के दृष्टिगत तैयारियां जारी हैं। वहीं प्रांगण को साफ सुथरा बनाए जा रहा है, दौड़ स्थल को समतल किया जा रहा है।
कनीना के बस स्टैंड के पास मोलडऩाथ आश्रम पर 20 मार्च को शक्कर मेला लगने जा रहा है। इसके दृष्टिगत आश्रम को सजाया जा रहा है, दीवारों पर रंग पेंट, रोगन किया जा रहा है। ठीक इसके सामने सुजान सिंह पार्क को आधुनिक बनाया जा रहा है। एक नहीं करीब 10 विभिन्न धार्मिक स्थान मोलडऩाथ आश्रम के आस पास होने के कारण सभी स्थानों को सजाकर मेले के दृष्टिगत आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है। हरियाणा ही नहीं अपितु दूसरे प्रांतों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब से भी ऊंट और घोडिय़ों की दौड़ में भाग लेने वाले पहुंचते हैं। इस मेले के दृष्टिगत ऊंट और घोडिय़ों की दौड़ वाले स्थान को समतल किया जा रहा है।छीथरोली सड़क मार्ग पर स्थित सीहोर के कच्चे रास्ते पर दौड़ आयोजित होती है। यह दौड़ 20 मार्च को आयोजित होंगी। संत मोलडऩाथ के आश्रम के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया की सभी स्थलों को साफ सुथरा बनाए जा रहा है तथा कुश्ती दंगल फुटबाल ग्राउंड में आयोजित होंगी। वहीं प्रमुख मेला मोलडऩाथ आश्रम में लगेगा। कई भंडारे आयोजित होते हैं। आश्रम के लोगों ने आश्रम की सफाई की। उल्लेखनीय है कि यह मेला शक्कर मेले के नाम से जाना जाता है। कनीना के लेखक द्वारा मोलडऩाथ संत को लेकर आरतियां, कैलेंडर तथा तीन पुस्तकें जिनमें एक आईएसबीएन की प्रकाशित करवा रखी है। मेले में सभी घरों से लोग शक्कर का प्रसाद चढ़ाने आते हैं।
फोटो कैप्शन 2: घोडिय़ों की दौड़ स्थल को साफ सुथरा करते हुए
3: आश्रम की सफाई करते हुए भक्त
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