Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Monday, June 24, 2024


 


नशे की बुराई के प्रति किया पुलिस ने जागरूक
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कनीना की आवाज। नशा मुक्त हरियाणा पखवाड़ा के तहत पुलिस ने कनीना के गांव कोटिया और भडफ़ में ग्रामीणों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति किया जागरूक, नशा न करने की दिलाई शपथ।
समाज को नशा मुक्त करने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के मार्गदर्शन में महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा 12 जून से 26 जून तक नशे के खिलाफ एक विशेष अभियान नशा मुक्त हरियाणा पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशा न करने के प्रति प्रेरित करना और नशे के दुष्प्रभावों बारे में जानकारी देकर जागरूक करना है। पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देशानुसार आज थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने गांव कोटिया और गांव भडफ़ में ग्रामीणों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत करवाने के उपरांत नशे को कभी भी हाथ न लगाने की शपथ दिलाई। इस दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए टीम ने कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है, जो सामाजिक सद्भावना की दुश्मन होने के साथ-साथ व्यक्ति के अस्तित्व को मिटा देती है। उन्होंने बताया कि नशा करने वाले व्यक्ति अपनी जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं, वहीं परिवार भी आर्थिक तंगी के दौर में पहुंच जाता है। साथ ही व्यक्ति की सामाजिक छवि भी धूमिल हो जाती है। उन्होंने अभिभावकों से आज की भागदौड़ की जिंदगी में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने बताया कि नशा शरीर के लिए जहां खतरनाक है, वहीं अपराध का भी मुख्य कारण है। अनेक युवा जो नशे में किसी कारणवश धंस जाते हैं और फिर उस नशे की पूर्ति के लिए कोई भी आपराधिक वारदात करने से नही हिचकिचाते हैं। सभी लोग नशा मुक्त हरियाणा पखवाड़ा में अपना अहम योगदान दें, सभी को नशे के खिलाफ जागरूक करें। महेंद्रगढ़ पुलिस की आमजन से अपील है कि अगर आपके आसपास यदि कोई नशा बेचता है, नशे का व्यापार करता है तो उसकी सूचना पुलिस को दें, सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: नशे के विरुद्ध जानकारी देते पुलिस अधिकारी।







भोजावास के अशोक कुमार से फर्जी अधिकारी बनकर ठगे 2.73 लाख रुपये
-साइबर क्राइम विभाग ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव भोजावास निवासी अशोक कुमार से फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर 273000 रूपये की ठगी कर ली है। पीडि़त अशोक कुमार ने साइबर क्राइम पुलिस महेंद्रगढ़ को दी शिकायत में बताया कि उसने अपने खेत में मकान बनाया हुआ है। जिसमें मौसमी का बाग लगाया हुआ है। जो  रात्रि को खेत में ही सोता है। 19 जून रात्रि 11 बजे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आया। जिसमें एक लड़की जिसमें प्रियंका नाम दर्शाया हुआ था वह अश्लील हरकतें कर रही थी। थोड़ी देर बाद कॉल कट गया। उसके बाद 20 जून को सुबह 11 बजे उसके पास एक और वीडियो काल आई जिसमें पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति ने खुद को आईपीएस पंकज अरोड़ा बताते हुए कहा कि तुम्हारी वीडियो काल रिकार्डिंग हमारे पास आई हुई है। इसमें तुम एक लड़की के साथ वीडियो काल कर रहे हो। इसलिए तुमको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम भेजी जा रही है। उसने कथित आईपीएस अधिकारी से कार्रवाई ने करने की प्रार्थना की तो उसने दूसरे नंबर से फोन उठाने के लिए कहा अन्य नंबर से फोन आया उसने पहली बार 91 हजार रुपये व दूसरी बार एक लाख 82 हजार रुपये बैंक अकाउंट से ट्रांसफर करवा लिए। तत्पश्चात पीडि़त ने आनलाइन हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।






समस्या बने हुए हैं आवारा जीव
 किसान भी हैं बेहद परेशान
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के लोग आवारा जीवों से बेहद परेशान हैं। नील गाय, बंदर, कुत्ते एवं छूटी हुई गाय परेशानी का कारण बनती जा रही है। आवारा पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस समय कपास एवं हरा चारा खेतों में खड़ा है जिसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। जब आवारा जंतु आते हैं तो उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। खेतों में खड़ी रबी, खरीफ या जेठी फसलें सभी को चट कर जाते हैं।
किसान सूबे सिंह, अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, रवि कुमार आदि ने बताया कि आवारा पशुओं के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। इन दिनों आवारा पशुओं की संख्या का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।  ये आवारा जंतु दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं वहीं खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंचाने से भी बाज नहीं आते।
मौका मिलते ही ये आवारा पशु खेतों में खड़ी फसलों में घुस जाते हैं और फसलों को खराब कर देते हैं। इन आवारा पशुओं में नील गाय मुख्य रूप से शामिल हैं। खेतों में खड़ी फसल के लिए ये आवारा पशु नुकसान दायक साबित हो रहे हैं तो किसानों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं।
  छूटी हुई गाये एवं आवारा कुत्तों का गलियोंं में आतंक छाया रहता है। कुत्तों के काटने के एक दर्जन से अधिक केस आ चुके हैं। वैसे भी अस्पतालों में एंटी रेबिज के टीके तक नहीं हैं। छूटी गायें भी किसान की फसलों को नष्ट कर जाती हैं।
 बंदरों से लोगों का जीना हुआ मुश्किल
कस्बे में बंदरों का आतंक छाया हुआ है जिसके कारण महिला एवं पुरुषों का गलियों से निकलना दूभर हो रहा है। जब किसी काम से गलियों में निकालना पड़ता है तो वहां पहले से घात लगाए बैठे यह खूंखार बंदर उन पर झपटते हैं और उनके हाथ में जो समान है उसको छीन ले जाते हैं। पीडि़त कस्बा वासियों का यह भी कहना है कि ये बंदर गली में ही नहीं घरों में भी आज धमकते हैं और वहां घर में रखें दूध एवं फल व अन्य खाने के सामान को उठा ले जाते हैं और जब कोई इनको भगाता है तो वह उसको काट लेते हैं। जिसके कारण गलियों से निकलना ही नहीं घरों में रहना भी मुश्किल हो रहा है। ये बंदर एक दो चार नहीं बल्कि हजारों की तादाद में यहां पर  है जिसके कारण कस्बे में  रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
फोटो कैप्शन 06 व 07: कस्बे की गलियों में बैठे बंदरों व छूटी गाये।





आपातकाल दिवस-25 जून
शिवकुमार अग्रवाल ने चौ देवीलाल के संग जेल में बिताए थे छह माह
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कनीना की आवाज। इतिहास में 25 जून का दिन भारत के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह रहा है। आज ही के दिन 1975 में देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की गई जिसने कई ऐतिहासिक घटनाओं को जन्म दिया। 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे।
 कनीना के शिव कुमार ने सही थी यातनाएं--
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल जिनका लोकतंत्र के प्रहरियों में नाम क्षेत्र में सर्वोपरि है। उनके पूर्वज कनीना खंड के गांव मोहनपुर(नांगल) से कनीना में 1940 में आए थे। चंपा देवी एवं प्रह्लाद राय के घर में 28 जुलाई 1941 में जन्में शिवकुमार अग्रवाल ने पंजाब विश्वविद्यालय से मार्च 1958 में दसवीं की परीक्षा पास की। उन्होंने 7 जुलाई 1975 से 16 दिसंबर 1975 तक जेल की यातनाएं सही।
 1975 में जब वे आरएसएस की शाखा, कनीना मंडी में स्टोर तथा समाचार पत्र के एजेंट भी थे। 5 जुलाई को कनीना थाने से एक पुलिसकर्मी आए और कहा कि थानेदार ने बुलाया हैं। जब शिवकुमार अग्रवाल उनके साथ कनीना पुलिस स्टेशन पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके विरुद्ध 7 जुलाई को एफआईआर दर्ज कर दी और महेंद्रगढ़ जेल में भेज दिया गया। न्यायालय ने 5 महीने की सजा और 100 रुपये जुर्माना लगा दिया, अगर जुर्माना नहीं भरता तो 2 माह की अतिरिक्त सजा काटने का प्रावधान रखा। सरकार के विरुद्ध गुप्त मीटिंग करके सरकार के आदेशों का पालन न करने का आरोप भी उन पर लगाया गया।
  वे बताते हैं कि 2 मई 1961 में उनकी शादी हुई थी। उनके चार बच्चे जिनमें दो लड़के और दो लड़कियां थी। जब जेल में गए तो चारों बच्चे गणेश, महेश, लक्ष्मी और कृष्णा तथा उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर बुरी बीती। क्योंकि उस समय बच्चों की उम्र 7 साल, पांच साल, तीन तथा एक वर्ष थी। सारा कष्ट उनकी पत्नी कैलाशी देवी पर आ पड़ा। घर में कोई बड़ा व्यक्ति नहीं था जो परिवार की देखरेख कर सके।
 उधर जब जयप्रकाश नारायण द्वारा आपातकाल का विरोध किया उस समय वे संघ चलाते थे। 1955 के संघ का संचालन करते हुए कई पदों पर रहे हैं। आपातकाल के समय संघ ने सरकार का विरोध नहीं किया किंतु सरकार की यातनाएं जरूर सहन करनी पड़ी। 1975 से 1977 तक आपातकाल लागू रहा।
 शिवकुमार बताते हैं कि जब वे महेंद्रगढ़ जेल भेजे गए तो 13 लोग थे जिनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल, नारनौल के मनोहर लाल सैनी, मुकुट बिहारी संघी, रोहतक से श्याम खोसला, प्रोफेसर तेजा सिंह, बलदेव तायल, कामरेड पृथ्वी सिंह, जगराम, पन्नालाल आदि प्रमुख जेल के साथी थे।
 महेंद्रगढ़ ट्रायल कोर्ट के फैसले के विरुद्ध 16 दिसंबर 1975 को सेशन कोर्ट नारनौल पहुंचे तो 100 रुपये जुर्माना वापस मिल गया, निर्दोष साबित करते हुए जेल की सजा भी माफ कर दी किंतु जब तक वे 6 महीने की जेल की सजा भुगत चुके थे। जब 16 दिसंबर 1975 को शाम के करीब 5:00 बजे पैसेंजर ट्रेन से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो कनीना व आसपास गांवों की भारी भीड़ उन्हें देखने के लिए जमा थी। भीड़ तथा यात्रियों ने उनका भव्य स्वागत किया, खुफिया विभाग के लोग भी उनसे मिलने आए। उनके विरुद्ध न्यायालय में किसी ने कोई गवाही नहीं दी गई। महेंद्रगढ़ न्यायालय में रामफल सिपाही ने जब उनके विरुद्ध बयान नहीं दिया तो वकील ने जबरन उनके विरुद्ध गवाही देने की बात कही। उन्होंने बताया जब आपातकाल चली तब उन्होंने आरएसएस की शाखा नहीं चलाई फिर भी उनके विरुद्ध डीआईआर की धारा 33 के तहत मामला दर्ज किया। आठ गवाह जिनमें  4 सरकारी और 4 गैर सरकारी बनाए गए जिन्होंने किसी ने भी उनके विरुद्ध कोई गवाही नहीं दी।
शिवकुमार अग्रवाल जेल की यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि जेल के अंदर वे खाना बनाते थे और खाया जाता था। वे अपने साथ एक डायरी भी ले गए थे, जिसका अध्ययन करते रहते थे। अब भी वह डायरी,कनीना थाने का काटा हुआ चालान तथा सेशन जज का फैसला उनके पास सुरक्षित है। उनकी डायरी में 115 पेज हैं जिन पर जेलर की मोहर लगी हुई है। आज भी शाखा चलाते हैं डायरी पढ़कर सुनाते हैं। डायरी में अपने हाथों से लेख, अच्छी अच्छी धार्मिक बातें लिख रखी है। जब वे जेल में थे तो कनीना के लाजपत सेठ और वेद प्रकाश चेलावास के यहां शादी की सूचना भी जेल में गई जिनका उन्होंने जेल से जवाब दिया।
 जेल में शरद पूर्णिमा की खीर अपने हाथों से बनाई थी, जन्माष्टमी का पर्व मनाया था। वे बैडमिंटन चौधरी देवीलाल के साथ भी खेलते थे सैर पर भी जाते थे और उनके साथ बेहतर संबंध बन गए थे। यही कारण है कि जब हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तो कई बार उनके पास आए चुनाव लडऩे का आफर दिया परंतु वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वे बताते हैं कि मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री उनके घर 1989-90 में आए थे जब वे संघ चलाते थे। वर्तमान में वे अपना स्टोर चलाते हैं।
सरकार ने आखिरकार उनके लिए 26 जनवरी 2016 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा ताम्र पत्र दिया गया। दो अक्टूबर 2015 को पहचान पत्र एवं बस पास जारी किया, 1 नवंबर 2017 को दस हजार रुपये पेंशन घोषित की गई। 83 वर्षीय शिव कुमार प्रसन्न है। वे प्रभु में बड़ा विश्वास रखते हैं। उल्लेखनीय है कि शिव कुमार ने सारे परिवार का नाम ही शिवभोले एवं देवी देवताओं के नाम पर रख रखा है।
फोटो कैप्शन: 83 वर्षीय शिव कुमार अग्रवाल आपातकाल की यातनाएं सहने वाले








कनीना उप मंडल से लड़की गुम, एक व्यक्ति पर किया उसे छुपाने का शक जाहिर
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कनीना की आवाज। कनीना मंडल के एक गांव से 26 वर्षीय लड़की गुम हो गई। परिजनों ने एक व्यक्ति पर  कहीं छुपने का आरोप लगाया है। लड़की के पिता ने कनीना पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि 23 जून को वह अपनी लड़की को कनीना के एक बैंक में छोड़ कर गया था। किंतु वह घर पर नहीं लौटी, खूब तलाश की गई। रवि नामक व्यक्ति पर शक जाहिर किया है कि कहीं उसने उसे छुपा रखा है।























दो अलग अलग जगह से भारी मात्रा में शराब पकड़ी
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस का मुखबारी के आधार पर दो अलग अलग स्थानों पर छापेमारी कर शराब पकड़ी है। पुलिस को सूचना मिली की सेहलंग में अजय कुमार भारी मात्रा में शराब रखता है। सीआईए ने छापेमारी की तो 6 पेटी शराब बरामद की।  अजय कुमार सेहलंग के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
 दूसरी तरफ सूचना के आधार पर कनीना पुलिस मालड़ाबास में छापामारी का सुरेंद्र उर्फ लंगड़ा से 14 बोतल शराब बरामद की है।  पुलिस को सूचना मिली कि सुरेंद्र उर्फ लंगड़ा अपने मकान के पास शराब बेचता है। कनीना पुलिस जब मकान के पास पहुंची एक व्यक्ति प्लास्टिक कट्टे में शराब रखकर ईंधन डालने वाले प्लाट में शराब बेच रहा था पुलिस को देखकर वहां से भाग खड़ा हुआ।  प्लास्टिक के कट्टे से अलग अलग ब्रांड की कुल 14 बोतल बरामद की। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।


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