दिनभर छाये रहे काले बादल
-मानसून के नाम पर पड़ी हल्की फुहार
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के किसान विगत लंबे समय से वर्षा का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक मानसून और प्री- मानसून के नाम पर महज 5 एमएम वर्षा हुई है। विगत वर्षा की तुलना में जून माह में अभी तक बहुत कम वर्षा हुई है। विगत वर्ष जहां इस वक्त तक 44 एमएम वर्षा हो चुकी थी किंतु इस वर्ष में 5 एमएम वर्षा हुई है। किसानों की अभी तक बाजरे की फसल की बिजाई नहीं हो पाई है। ऐसे में किसान चिंतित हैं क्योंकि कहने को तो प्रदेश में मानसून आ चुकी है किंतु कनीना अभी तक सूखा है।
शनिवार को महज हल्की फुहार पड़ी जिसको लेकर तापमान में जरूर गिरावट आई। अधिकतम तापमान 36 डिग्री और कम से कम तापमान 28 डिग्री नोट किया गया। ऐसे में जहां किसान बेसब्री से वर्षा का इंतजार कर रहे हैं ताकि वर्षा हो जाए और वर्षा हो जाए तो किसानों की बाजरे की बिजाई हो जाएगी। वैसे भी लोग गर्मी से परेशान हो चले हैं और बार-बार आसमान को तकते रहते हैं किंतु वर्षा नहीं हो रही है।
फोटो कैप्शन 5: कनीना क्षेत्र में छाये काले-काले बादल
विश्व क्षुद्रग्रह दिवस-30 जून
समय-समय पर पृथ्वी पर आते रहते हैं क्षुद्रग्रह -सचिन प्रवक्ता
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कनीना की आवाज। क्षुद्रग्रह एक खगोलीय घटना है। अंतरिक्ष में जहां मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में अनेक क्षुद्रग्रह चक्कर लगाते रहते हैं। कभी-कभार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं और धरती पर आ गिरते हैं। ऐसी ही एक सबसे बड़ी घटना 30 जून 1908 को साइबेरिया में घटित हुई थी जिसके चलते यह दिन क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में मनाया जाता है। अनेकों क्षुद्रग्रह आकाश से धरती पर गिरते रहते हैं। वास्तव में ये उल्का और उल्का पिंड के रूप में धरती पर गिरते हैं। यह वैज्ञानिकों के लिए एक कोतूहल का विषय है तथा उनसे अंतरिक्ष की जानकारी प्राप्त करते हैं। यदि बड़ा क्षुद्रग्रह धरती से टकरा जाए तो धरती भी समाप्त होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
विस्तृत जानकारी देते हुए सचिन कुमार भौतिक शास्त्र के प्रवक्ता ने बताया कि क्षुद्रग्रह कभी कभार धरती के वायुमंडल में प्रवेश करके गिरते हैं। वैसे तो लोग रात के समय टूटे हुए तारे देखते रहते हैं। जो वास्तव में पूर्ण रूप से जलकर कोई आकाशीय पिंड गिरता है तो उसे उल्का तथा अर्धजला धरती पर गिरे तो उनका पिंड नाम से जाना जाता है। यदि यह कहीं मिल जाए तो वैज्ञानिक शोध कार्य के काम आ सकते हैं और पता लगा सकते हैं कि अंतरिक्ष में क्या हलचल हो रही है। उन्होंने बताया की कभी-कभी तो धरती पर भारी मात्रा में उल्का और उल्का पिंड गिरते हैं और यह नजारा दीपावली जैसा ही लगता है।
सचिन कुमार ने बताया कि जब कोई बड़ा उल्का पिंड धरती पर गिरता है तो बड़ा गड्ढा बना देता है। ऐसा ही रामगढ़ ग्रेटर नाम से राजस्थान का जाना जाता है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भी एक-एक ऐसा गड्ढा देखा गया है। अनुमान है कि हजारों वर्ष पहले उल्का पिंड धरती से आकर टकराया होगा। उन्होंने कहा में उल्कापिंडों से वैज्ञानिक रासायनिक तत्वों की खोज करते हैं । अभी तक उल्का पिंडों में 52 रासायनिक तत्वों की खोज हो चुकी है।
सचिन ने बताया कि 8 और 9 अक्टूबर 2024 को उसका बौछार देख सकेंगे बशर्तें की रोशनी कम से कम हो। उस समय इसका नजारा किसी आतिशबाजी से कम नजर नहीं आता है। वैसे तो उल्कापिंड कभी-कभी बहुत खतरनाक साबित होते हैं। वैज्ञानिक लगातार इन पर नजर जमाए रहते हैं। कहीं कोई उनका पिंड धरती से नहीं टकरा जाए और धरती का पर जीवन अस्तित्व को ही समाप्त कर दे।
फोटो कैप्शन: सचिन प्रवक्ता भौतिक शास्त्र
राजकीय पीएमश्री स्कूलों में क्षमता वर्धन प्रशिक्षण का कार्य संपन्न
-बीआरसी ने वितरित की सर्टिफिकेट्स
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कनीना की आवाज। भारत सरकार की शिक्षा के गुणवत्ता के साथ विद्यालय शिक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए पीएम श्री विद्यालयों के प्राचार्य व स्टाफ के लिए क्षमता वर्धन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर संपन्न हो गया। कनीना माडल संस्कृति स्कूल कनीना में गुरुवार से कार्यक्रम शुरू किया गया था।
खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने कहा कि पीएमश्री स्कूल अपने आप में शिक्षक के उच्च प्रतिमान स्थापित करने के लिए शुरू की गई योजना है तथा इसके लिए शिक्षकों को समर्पित भाव से प्रशिक्षण लेकर इसे कार्यान्वित करना है।
उन्होंने कहा कि आज केंद्र सरकार व राज्य सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा इस क्षेत्र में शिक्षा के प्रतिमान स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं। कार्यक्रम के तहत कनीना में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास तथा महेंद्रगढ़ खंड के राजकीय उच्च विद्यालय बारडा तथा राजकीय उच्च विद्यालय श्यामपुरा के 87 शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस मौके पर जयपाल सिंह खेड़ी तलवाना, अशोक कुमार भोजावास, राजकुमार प्रवक्ता भौतिक शास्त्र, योगेंद्र पीजीटी मैथ्स, अरविंद पीजीटी हिंदी, ईश्वर सिंह पीजीटी इंग्लिश ने शिक्षकों को संबोधित किया। इस मौके पर अशोक कुमार भोजावास, सुनील कुमार प्राचार्य माडल स्कूल कनीना, दयानंद, मनोज कुमार एबीआरसी, अओमरति एबीआरसी, अनुराधा बीआरपी, रोशनी, सोमबीर बीआरपी, सुरेंद्र पीजीटी आदि सहित 87 शिक्षकों ने प्रशिक्षण पाया। सभी प्रशिक्षण पानेवाले शिक्षकों को दिलबाग सिंह बीआसी ने अपने हाथों सर्टिफिकेट वितरित किए। फोटो कैप्शन 6: प्रशिक्षण पाकर सर्टिफिकेट दिखाते हुए विभिन्न राजकीय पीएमश्री स्कूलों के शिक्षक
सुदामा कृष्ण की मित्रता का किया वर्णन
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव के ककराला में हो रही सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य भरत शास्त्री ने सुदामा कृष्ण की मित्रता का मार्मिक प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। उन्होंने श्रद्धालुओं से श्रीकृष्ण की तरह मित्र धर्म निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भागवत कथा धर्म का सार है। इसके सुनने से आत्मा में जागृति आती है। व्यक्ति में सद्गुणों का प्रादुर्भाव होता है। उन्होंने आत्मा अमर का संदेश देते हुए कहा कि हमें मौत और ईश्वर को हमेशा याद रखना चाहिए। इस अवसर पर सुनीता, माया देवी, कृष्णा, राजेश, कमलेश, ललिता, रिसाली, रामरती, कौशल्या, अनिता, फूलवती, संतोश, कृष्ण कुमार, दामोदर, शांतिलाल नम्बरदार, उदयप्रकाश, रामकिशन, दिनेश, सोनू, महेन्द्र सिंह, लीलाराम, किरोड़ी, सुभाष आदि सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।
नाले एवं नालियां पड़ी हैं खुली, जर्जर हालत में
-नालियों पर भी नहीं है जालियां
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बे के जहां पर मुख्य मार्गों नालियों पर जलिया नहीं हैं, कहीं सीवरेज के हौद ऊबड़ खाबड़ बने हुए हैं तो कहीं सड़क पर पानी जमा हो रहा है, कहीं सड़कों से गुजरा कठिन है। विगत दिनों 9 जालियां चोरी हो गई थी जिसके बाद से पशुओं को उधर से गुजारना खतरे से खाली नहीं है वहीं दुपहिया वाहन भी गुजर नहीं पा रहे हैं।
लंबे समय से कनीना के अंदरूनी मार्गों की जर्जर हालात को ठीक नहीं किया गया है। एक और जहां अवैध रूप से नल लगाने वाले रातोंरात सड़क मार्ग को तोड़ देते हैं वहीं मनमर्जी यहां वहां स्पीड ब्रेकर बनाए हुए हैं। एक और जर्जर मार्ग स्वयं ही स्पीड ब्रेकर का काम करते हैं उन पर भी स्पीड ब्रेकर लगे हुए। कनीना के हवेलीवाला चौक से वाल्मीकि चौक तक रास्ता अति जर्जर हो चुका है। नालियां सड़क मार्गों के बीच से गुजर रही है उन पर जालियां नहीं है। बहुत से ऐसे सड़क मार्गों के बीच से गुजरने वाली नालियों पर जालियां नहीं हैं या जर्जर हैं। क्या कहते हैं कनीनावासी-
कनीना में बहुत अधिक गंदे नाल और नालियां है। कहीं कहीं तो नालियां सड़क के बीचो-बीच आपस में जोड़ती हैं। अनेक नालियों पर जालिया तक नहीं लगाई गई जिससे पशुओं के पैर फंस जाते हैं वहीं वाहन चालक एवं दोपहिया वाहन चालक परेशानी उठाते हैं। सभी नालियों पर जब तक जालिया नहीं लगती तब तक सड़क मार्ग से चलना भी कठिन रहेगा।
---केवल कृष्ण कनीना
कनीना की सुंदरता बढ़ाने के लिए न केवल सड़क मार्गों को दुरुस्त किया जाए अपितु सभी जर्जर हालत में जालियों को ठीक किया जाए। सभी नालियों पर जालियां लगाकर सभी चौड़े नालों को साफ करके ढकवाना चाहिए तथा सीवर के गढ़ों को भी ठीक करवाया जाए। सड़क मार्ग पर किसी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए।
-------विजय कुमार
वार्उ नंबर एक प्रो. हंसराज के मकान के सामने विगत दिनों नालियों की जालियां चोरी हो गई थी। यहां से पशु पालक अपने पशुओं को नहीं गुजार रहे हैं क्योंकि बिना जालियों के पशुओं के पैर फंसकर टूटने का खतरा बना रहता है। इन नालियों पर जालियां लगाई जाए।
--कबूल सिंह, कनीना
क्या कहते हैं अधिकारी-क
कनीना पालिका के कनिष्ठ अभियंता जयबीर सिंह ने बताया कि इन नालियों पर जालियां जल्द ही लगवा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हमें लोकेशन दे दो ताकि वहां जालियां लगाई जा सके। इस संबंध में सुरेंद्र जोशी नगरपालिका कनीना के कर्मचारी ने भी सोमवार को ये जालियां लगाने का आश्वासन दिया है।
फोटो कैप्शन 04: बिना जाली के खुली पड़ी नाली
साथ में कबूल सिंह, केवल कृष्ण, विजय सिंह की फोटो
सब्जी मंडी शुरू न होने से किसान परेशान
-परंपरागत खेती पर करते हैं गुजर बसर
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कनीना की आवाज। कनीना में सब्जी मंडी न होने के कारण किसान परंपरागत खेती से ही गुजर बसर कर रहे हैं। वे सब्जी एवं फल आदि तैयार करके मार्केट में उतरना तो चाहते हैं किंतु सब्जी मंडियां दूर दराज स्थित हैं। कनीना के पास महेंद्रगढ़, रेवाड़ी या गुरुग्राम में सब्जी मंडियां स्थित हैं जहां तक फल एवं सब्जियां बेचने के लिए जाने में भारी खर्च आता है। कुछ किसानों से इस संबंध में बात हुई-
कनीना की पीपल वाली बणी के पार उन्होंने दो एकड़ जमीन पर इस बार हजारों रुपये खर्च करके कचरी की खेती की। यह सोचकर कि कचरे की मांग अच्छी होगी अगर 5 रुपये किलो भी खेत से कोई खरीददार ले जाएगा तो हो सकता है कि कुछ लाभ मिलेगा किंतु हुआ उल्टा। जब से कचरी की पैदावार हुई है तो कोई मांग नहीं रही। जहां कचरी की तुड़वाकर बोरों में भरकर दुकानों पर घूमते हैं तो एक या दो दुकानदार या सब्जी विक्रेता उनके फूट ले लेता है वरना हाथ खड़े कर दिये। बाहरी मात्रा में कचरी पैदा होने से आखिर आस टूट गई। अब भविष्य में कभी कचरी की पैदावार नहीं लेना चाहूंगा।
--रोहित कुमार, किसान
कनीना के लिए चेलावास में सब्जी मंडी को अविलंब शुरू करवाया जाए ताकि किसान सब्जी उगाकर अपनी सब्जी वहां बेच सके। अभी तक सब्जी मंडी 20 किमी दूर महेंद्रगढ़ या फिर 35 किमी दूर रेवाड़ी में स्थित हैं जहां तक सब्जी ले जाने का भारी खर्चा आता है।
---योगेश कुमार किसान
क्या कहते हैं डीएचओ मंदीप कुमार--
मंदीप डीएचओ रेवाड़ी ने बताया कचरो को भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार ने शामिल नहीं किया है जिसके चलते कचरा अधिक समय भी नहीं ठहर पाएगा। वैसे भी नरम होने के कारण तुरंत फट जाते हैं। वर्षा का जल और फव्वारा जल गिरने पर पके हुए फल फट जाते हैं और फटने के बाद कचरा किसी काम का नहीं रहता। उन्होंने बताया कि एक ही इलाज है कि कचरो से अपनी रेहड़ी भरकर बाजार में बेचा जाए तो हो सकता कचरो को कोई खरीद ले।
क्या कहती हैं सचिव मार्केट कमेटी-
मार्केट कमेटी सचिव कनीना ने बताया कि चेलावास में सब्जी मंडी के लिए अभी तक पांच दुकानें बोली कर दी हैं। अब वे दुकानदार दुकानें बनाकर सब्जी मंडी लगा सकते हैं। इसके लिए मार्केट कमेटी को कोई ऐतराज नहीं है। किंतु अभी सब्जी मंडी को सही तरीके से स्थापित होने में समय लगेगा।
--नकुल यादव, सचिव मार्केट कमेटी
फोटो कैप्शन 03: किसान बेहतरीन कचरी दिखाते हुए
साथ में किसान योगेश कुमार एवं रोहित कुमार
साथ में योगेश कुमार एवं रोहित कुमार
खरकड़ाबास के लोगों ने किया 47 यूनिट रक्तदान
-रक्तदान महादान है-राजेंद्र सिंह
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कनीना की आवाज। भारतीय रेड क्रास सोसाइटी जिला शाखा महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल व बाबा दयाल कमेटी खरकड़ाबास के तत्वाधान में राजकीय माध्यमिक विद्यालय खरकड़ा बास में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर सिविल अस्पताल नारनौल से डाक्टर दिशांत, नर्सिंग आफिसर अनीता यादव, सुनील, प्रमिला, सुरभि ,काउंसलर पवित्रा, लैब टेक्नीशियन विवेक यादव, कंप्यूटर टीचर अरुण व वार्ड बाय रवि की देखरेख में संपन्न हुआ। रक्तदान शिविर का शुभारंभ राजेंद्र सिंह खरकड़ाबास के द्वारा किया गया।
उन्होंने अपने संबोधन ने कहा कि रक्तदान महादान है। इस दान से किसी अन्य को नया जीवन मिलता है। रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। हमें समय-समय पर रक्तदान अवश्य करना चाहिए। सभी ग्रामीणों ने रक्तदान शिविर में बढ़ चढ़कर भाग लिया। रक्तदान शिविर के आयोजन में विद्यालय स्टाफ अजीत सिंह बोहरा ,सुभाष बालवान, भूपेंद्र शास्त्री, अमरनाथ पीटीआई, राजेश माहौर ,राम रतन व कृष्ण कुमार की विशेष भूमिका रही। इस शिविर में रक्तदाताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस शिविर में कुल 47 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। इस शुभ अवसर पर पूर्व सरपंच श्री बलवान सिंह, हरि सिंह बाबूजी, समाजसेवी हनुमान खटाणा, संजय निंबल व अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: खरकड़ाबास में रक्तदान करते हुए लोग।
आर्य समाज रसूलपुर का त्रि-वार्षिक चुनाव संपन्न
-हरफूल सिंह को मनोनीत किया प्रधान
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव रसूलपुर के आर्य समाज का त्रिवार्षिक चुनाव सर्व समिति से संपन्न हो गया। चुनाव अधिकारी बुधराम डीएसपी की अध्यक्षता में आर्य समाज रसूलपुर परिसर में संपन्न हुआ। विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश आर्य रसूलपुर ने बताया कि सर्वसम्मति से हरफूल सिंह आर्य को प्रधान, धर्मपाल आर्य को सचिव, सोमदाचार्य को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
बैठक में ईश्वर सिंह शास्त्री, अरविंद कुमार, विनय कुमार, अजीत, बहराम, छाजू राम, वीरेंद्र सिंह मुख्याध्यापक, प्रवक्ता प्रवीण कुमार आदि मौजूद रहे। सभी पदाधिकारियों का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि वेे जनहित के कार्यों में सदा लगे रहेंगे तथा आर्य समाज की शिक्षाओं का प्रचार एवं प्रचार करेंगे।
फोटो कैप्शन 02: त्रिवार्षिक चुनाव में मनोनीत गए पदाधिकारी
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