Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, June 23, 2024


 

श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण का मनाया जन्मोत्सव
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कनीना की आवाज। कनीना में अटेली रोड पर, निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के नजदीक स्थित भारद्वाज कैनाल फार्म हाउस में जारी श्रीमद्भागवत अनुष्ठान के पांचवें दिन की पूजा, अर्चना, जप एवं कथा वाचन हुआ। अनुष्ठान की शास्त्रोक्त प्रक्रिया का अनुसरण  करते हुए सर्वप्रथम आचार्य निमेष के.जोशी के नेतृत्व में विप्र मंडल ने अनुष्ठान के मुख्य यजमान जिला न्यायाधीश रूपेश शर्मा से सर्वजीव कल्याणार्थ सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना कराई। कथा वाचन  अपराह्न 2:30 बजे शरू हुआ। जिस में  कथा वाचक निमेष के. जोशी ने कहा कि जब पृथ्वी पापियों का बोझ सहन नहीं कर पा रही थी, तब सभी देवता ब्रह्मा व शिव के साथ क्षीर सागर में भगवान की स्तुति करने लगे। तब भगवान श्री हरि ने प्रसन्न होकर देवताओं को बताया कि मैं वासुदेव व देवकी के घर कृष्ण रूप में जन्म लूंगा और वृंदावन में मां यशोदा व नंदबाबा के घर बाल लीलाएं करूंगा। इसलिए आप सब भी उस समय धरती पर किसी ना किसी रूप में उपस्थित रहना। कथावाचक ने बताया कि जब भगवान ने पृथ्वी पर श्रीकृष्णा अवतार धारण किया तब सभी देवता और स्वयं ब्रह्मा व शिव जी भी भगवान की लीलाओं के साक्षी बने थे। उन्होंने बताया कि इस तरह जब भी पृथ्वी पर कहीं भी भगवान का जन्मोमोत्सव मनाया जाता है, तो ये सब देवी-देवता भी वहां अवश्य आते है और भगवान के जन्मोत्सव का आनंद लेते है। जब भगवान ने कृष्ण जन्म लिया था, तब पृथ्वी पर ना जाने कितने जन्मों से जीव भगवान की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी तरह जब भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है और उस जन्मोत्सव में जो भाग लेते है, वे कोई साधारण जीव नहीं होते वे बहुत पुण्यात्मा होते है। इस दौरान राजेश शर्मा,  कमलेश शर्मा, रमेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा, रुपेश शर्मा, सूरजभान शर्मा, श्यामलाल शर्मा, प्रोफेसर देशराज शर्मा, जयवीर, झंकृत शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, अंकित शर्मा, मनीष शर्मा, नकुल, दिव्यांश, भौतिक भारद्वाज कुटीर परिवार मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 10:भागवत कथा में कथा का रस पान करवाते हुए कथा वाचक।




भागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग, श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा
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कनीना की आवाज।  कनीना स्थित बाबा मोलड़ नाथ मंदिर में एक सप्ताह तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन रुकमिणी विवाह, का वर्णन हुआ। कथा व्यास दाशानू दास आचार्य प्रवेश शर्मा ने ने श्रीकृष्ण-रुकमिणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण रुकमिणी विवाह को एकाग्रता से सुना। श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। प्रसंग में कथा व्यास ने कहा कि रुकमिणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुकमिणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह नरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। भागवत आरती में ठेकेदार अशोक, दीपक चौधरी, राजेंद्र, अनिल, दीपक, दिनेश यादव, राजेंद्र सिंह, अनिल कुमार, इंद्रजीत, शिव कुमार,  लाल सिंह, पवन कुमार, सोनू यादव, जॉनी, मुकेश शर्मा, अशोक,  सतीश कुमार,  सुनील नम्बरदार, नवीन शर्मा, निखिलेश, पंडित ईश्वर कौशिक, जितेंद्र यादव, जितेंद्र शास्त्री, राहुल यादव, नूतन यादव , पवन सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 11: कथा में प्रवचन सुनते श्रद्धालु।




28 जून को आएगी मानसून
-बरखा रानी सभी के मन भाएगी
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कनीना की आवाज। हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव  शुरू हो गया है साथ ही साथ सम्पूर्ण इलाके में तापमान में स्थिरता हों रही है सम्पूर्ण इलाके से भीषण आग उगलने वाली गर्मी की विदाई तकरीबन तय हो गई है। आने वाले चार पांच दिनों तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में प्री मानसून गतिविधियां देखने को मिलेगी और मानसून का आगमन अपने निर्धारित समय 28 जून को पहुंचने की प्रबल संभावना बन रही है। मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में धीरे-धीरे बदलाव देखने को मिल रहा है क्योंकि  सम्पूर्ण इलाके में हवाओं  की दिशा में बदलाव यानी पुरवाई नमीं वाली हवाओं से करीबन डेढ़ महीने से रिकार्ड तोड तापमान में बढ़ोतरी और भीषण गर्मी व गंभीर हीट वेव लूं का खात्मा कर दिया है सम्पूर्ण इलाके में तापमान भी 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने हुए हैं यानी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में बढ़े हुए तापमान पर लगाम लगा दीं हैं। आने वाले चार पांच दिनों तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम परिवर्तन शील बना रहेगा साथ-साथ  इस दौरान सम्पूर्ण इलाके में आंशिक बादल और प्री मानसून गतिविधियां देखने को मिलेगी क्योंकि कल एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो रहा जिसकी वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस मौसम प्रणाली का असर हरियाणा एनसीआर दिल्ली के दक्षिणी हिस्सों और दक्षिणी पूर्वी हिस्सों में हल्की बारिश बूंदा-बांदी और तेज गति से हवाएं चलने की गतिविधियों को दर्ज किया जाएगा। हालांकि इस दौरान हरियाणा के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों पर हल्का तापमान में बढ़ोतरी भी दर्ज हो सकती है । सम्पूर्ण इलाके में एक बार फिर से हवाएं दक्षिणी पूर्वी नमीं वाली होने से आमजन को अभी उमसभरी पसीने वाली गर्मी से रूबरू होना पड सकता है। मानसून गतिविधियां लगातार  बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है अपने निर्धारित समय पर हरियाणा एनसीआर दिल्ली में  28 जो को पहुंचने की प्रबल संभावना बन रही है और सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली के सभी हिस्सों को 1 जूलाई तक पहुंच जायेगा। आज भी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दक्षिणी हिस्सों में हल्की बारिश बूंदाबांदी प्री-मानसून गतिविधियां देखने को मिल रही है आने वाले  चार पांच दिनों में हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मौसम में बदलाव और प्री मानसून गतिविधियां देखने को मिलेगी। इस साल मानसून उमड़ घुमड़ कर झमाझम बारिश देखने को मिलेगी यानी हरियाणा एनसीआर दिल्ली में लगातार मानसून टर्फ रेखा की संभावना बन रही है जिसकी वजह से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से भरपूर मात्रा में नमी वाली हवाएं चलने से  सम्पूर्ण इलाके में जबरदस्त मानसून बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेगी जिससे  हरियाणा एनसीआर दिल्ली में नदियों में जलस्तर बढऩे से कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के आसार भी बन रहे हैं। आज हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर दिन के तापमान भिवानी 43.8 डिग्री सेल्सियस को छोड़कर 42.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने हुए हैं । साथ ही साथ सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में रात्रि तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस से 32.0 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। जबकि जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल और महेंद्रगढ़ के दिन और रात के तापमान क्रमश: 41.2,  व 32.0 डिग्री सेल्सियस और 41.2, व 28.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।



पूर्व एसपी 
मातादीन को कभी नहीं भुला पाएगा देश-संजय जोशी
--रसम पगड़ी पर उमड़ी भीड़
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कनीना की आवाज। परलोक में गमन कर गये पूर्व एसपी एवं कनीना के जांबाज वीर पूर्व एसपी मातादीन को यह देश एवं कनीना की माटी कभी नहीं भुला पाएगी। ये विचार कनीना निवासी जसवंत यादव बबलू पूर्व प्रदेश मंत्री भाजपा हरियाणा के पिता मातादीन यादव ,सेवानिवृत्त एसपी की रसम पगड़ी में आये संजय जोशी पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री भाजपा ने व्यक्त किये।
  उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मातादीन शिक्षा समिति कनीना के सचिव, डीएवी मैनेजिंग कमेटी के सदस्य भी रहे थे वहीं पंजाब में उग्रवाद के समय वे डिप्टी कमांडेट सीआरपीएफ रहे। अपनी सर्विस के दौरान वो बहादुरी से काम करते हुए  पंजाब पुलिस प्रमुख केपीएस गिल व सीबीआई चीफ जोगेंद्र सिंह के काफी नजदीक रहे तथा वे भी उनसे प्रभावित रहे। कनीना की माटी में उनकी खुशबू सदा महकती रहेगी वहीं पूरा देश उन्हें याद करता रहेगा।
  इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मातादीन बहुत मिलनसार व उच्च विचारों के व्यक्ति थे। उन्होंने अपने बच्चों को अच्छे संस्कार व उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणाम स्वरूप पौत्र आज विदेशों तक नाम कमा रहे हैं।  
भाजपा के राष्ट्रीय नेता संजय जोशी ने कहा रिटायर्ड एसपी मातादीन यादव आज हमें छोड़कर इस दुनिया से चले गए जिनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता और वह हमें हमेशा याद रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया रिटायर्ड एसपी मातादीन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में तैनात थे लेकिन उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए उनको पंजाब पुलिस में लगा दिया था, जहां उन्होंने उग्रवादियों का सफाया कर देश में अमन चैन स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा इस प्रकार के देश भक्तों को  हमें हमेशा याद रखना चाहिए और उनके बताए हुए मार्ग पर आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि मां बाप सदा किसी के बैठे नहीं रहते इसलिए आप भी उनके बताए मार्ग पर आगे बढ़कर अपने क्षेत्र वह देश को नई दिशा देने का कार्य करें।
  इस मौके पर भारी संख्या में लोग रसम पगड़ी में शामिल हुए। इस मौके पर हरियाणा मुख्यमंत्री के ओएसडी अभिन्यु,मेघालय सीएम के ओएसडी निशांत शर्मा, एचपीएससी मेम्बर डा पवन धनवाल,
एचपीएससी मेम्बर ममता यादव, पूर्व कमीशनर नरेंद्र यादव, आइजी मनोज यादव आदि ने पूर्व एसपी मातादीन एवं उसके परिवार की प्रशंसा की।
  इस मौके पर राव अभिजीत सिंह, पृथ्वी सिंह एडवोकेट, कुलभूषण भारद्वाज पूर्व जिलाध्यक्ष गुरुग्राम, सरोज यादव उपाध्यक्ष भाजपा,भूपेंद्र ऋणवा निदेशक प्रदूषण विभाग हरियाणा, गिरिश यादव सहायक निदेशक एसएफआईओ, अनिल यादव संयुक्त निदेशक आरओसी, ओमप्रकाश यादव प्रधान गोवर्धन सभा, राकेश शर्मा प्रवक्ता भाजपा, यतिंद्र राव, पवन खैरवाल, विजय तोमर, अतर सिंह कैमला, अनिल कुमार, हरिश कुमार आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 08 व 09: संजय जोशी रसम पगड़ी में संबोधित करते हुए।



कचरों के लिए भी भावांतर भरपाई योजना हो लागू
-किसान कचरे उगाकर पछताए
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कनीना की आवाज। कनीना के वार्ड नंबर एक निवासी योगेश एवं रोहित कुमार इस बार गर्मियों के मौसम में करीब 2 एकड़ में कचरा उगाकर पछता रहे हैं। आम भाषा में कचरे को ग्रामीण लोग फूट नाम से जानते हैं। बाजार में इनकी कोई मांग नहीं है जिसके चलते किसान आसपास के लोगों को मुफ्त में बांटकर खुश हो रहे हैं।
 योगेश कुमार एवं रोहित कुमार ने बताया कि पीपल वाली बणी के पार उन्होंने दो एकड़ जमीन पर इस बार हजारों रुपये खर्च करके कचरे की खेती की। यह सोचकर कि कचरे की मांग अच्छी होगी अगर 5 रुपये किलो भी खेत से कोई खरीददार ले जाएगा तो हो सकता है कि कुछ लाभ मिलेगा किंतु हुआ उल्टा। जब से कचरे की पैदावार हुई है कचरों की कोई मांग नहीं है। जहां कचरे की तुड़वाकर बोरों में भरकर दुकानों पर घूमते हैं तो एक या दो दुकानदार या सब्जी विक्रेता उनके फूट ले लेता है वरना हाथ खड़े कर देते हैं। बाहरी मात्रा में कचरा पैदा होने से किसान ने घर पर ही आने वाले लोगों को कचरे मुफ्त में देने शुरू कर दिए हैं। मुफ्त में कचरे देने पर भी आसपास के लोगों ने अब किसान के घर के पास से गुजरना बंद कर दिया है क्योंकि इधर से गुजरते समय कचरे मुफ्त में कचरे मुफ्त में मिलने का डर सताता है।  ऐसे में किसान ने प्रशासन, सरकार और  हार्टिकल्चर विभाग से मांग है कि कचरो को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया जाए। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया है ताकि उनके कचरो की भरपाई हो सके।
  बहरहाल 2 एकड़ में किसान कचरा उगाकर पानी दे रहा है, वहीं परेशानी भी झेल रहा है।  इसकी तुड़ाई, भराई और बाजार तक पहुंचने में भी अतिरिक्त खर्च हो रहा है किंतु मांग बिल्कुल भी नहीं है।
क्या कहते हैं डीएचओ मंदीप कुमार--
मंदीप डीएचओ रेवाड़ी ने बताया कचरो को भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार ने शामिल नहीं किया है जिसके चलते कचरा अधिक समय भी नहीं ठहर पाएगा। वैसे भी नरम होने के कारण तुरंत फट जाते हैं। वर्षा का जल और फव्वारा जल गिरने पर पके हुए फल फट जाते हैं और फटने के बाद कचरा किसी काम का नहीं रहता। उन्होंने बताया कि एक ही इलाज है कि कचरो से अपनी रहेडी भरकर बाजार में बेचा जाए तो हो सकता कचरो को कोई खरीद ले।
  फोटो कैप्शन 5  बेहतरीन कचरा दिखाते हुए किसान





सतत विकास के लक्ष्यों के बारे में जागरूकता बैठक संपन्न
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कनीना की आवाज। बीएमडी क्लब द्वारा कनीना स्थित कार्यालय में संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास के लक्ष्यों के बारे में समाज को जागरूक करने के लिए -ए रोडमैप फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स- उद्देश्य पर बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सयोंजक की भूमिका चेयरमैन लक्की राव सीगड़ा ने निभाई।
 इस बैठक में युवा साथियों से शिक्षा,रोजगार व सामाजिक विषयों पर चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया। संयोजक लक्की राव ने सम्बोधित करते हुए कहा की सतत विकास लक्ष्यों की अनिवार्यता पर बल देते हुए कहा की यदि हमारी महामारियां वैश्विक हैं तो उनके समाधान भी वैश्विक हैं। एक सफल सतत् विकास एजेंडा के लिए सरकारों, निजी क्षेत्र और प्रबुद्ध समाज के बीच भागीदारी आवश्यक है। युवा सार्वभौमिकता के साथ इस वैश्विक एजेंडा पर कार्य करे। आज विश्व के इतिहास में युवाओं की सबसे बड़ी पीढ़ी सक्रिय है। युवा निस्संदेह हमारे कल के लीडर हैं और हमारे सामूहिक भविष्य को आकार देने में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि जिला महेन्द्रगढ़ में संयुक्त राष्ट्र के सत्रह सतत विकास के लक्ष्यों को 2030 तक लागू करने में युवाओं द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही हैं। सतत विकास लक्ष्य के अन्तर्गत गरीबी, भुखमरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और खुशहाली, शिक्षा, लैंगिक समानता, जल एवं स्वच्छता, ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि और उत्कृष्ट कार्य, बुनियादी सुविधाएं, उद्योग एवं नवाचार, असमानताओं में कमी, संवहनीय शहर, उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु कार्यवाही, पारिस्थितिक प्रणालियां, शांति एवं न्याय और भागीदारी सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम में अनेक जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: दिये गये मुद्दों की कापी लिये पदाधिकारी एवं भाग लेने वाले।








 गर्मी बढ़ी,ताप पहुंचा 42 डिग्री
-विगत दिनों हुई थी 5 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन तापमान फिर से बढऩे लगा है। जहां विगत दिनों 5 एमएम वर्षा होने के बाद थोड़ी राहत मिली थी और तापमान में गिरावट आई थी किंतु अब फिर से तापमान बढ़ता जा रहा है। अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेंटीग्रेड तथा कम से कम 29 डिग्री सेंटीग्रेड नोट किया गया।
 कनीना क्षेत्र में जहां किसान बेहद परेशान हैं। वे वर्षा आने का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग की माने तो 28 जून को मानसून आने की संभावना है। इसके बाद ही बिजाई हो पाएगी। जहां गर्मी से बचने के लिए कूलर, पंखे, एसी जमकर प्रयोग किया जा रहे हैं परंतु फिर भी उनसे राहत नहीं मिल पा रही। यही कारण है कि अब वर्षा का बेसब्री से इंतजार है।
जहां पशुओं के लिए पेयजल की कमी है वही इंसानों के लिए भी पेयजल आपूर्ति कम पड़ रही रही है। बार-बार स्नान करके गरीब आदमी गर्मी से बचाव कर रहा है। बार-बार बिजली के कट लगने से परेशानी बढ़ रही है। कनीना क्षेत्र के में संत मोलडऩाथ आश्रम तथा दूसरे ग्रामीण जोहड़ों में भी आजकल लोग गर्मी से राहत पाने के लिए स्नान कर रहे हैं किंतु जोहड़ों में स्नान करना अनुचित माना जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र की हालत कुछ और भी बदतर है। वहां बिजली आपूर्ति शहरों की अपेक्षा कम हो रही है। पशु पक्षी भी परेशान हो चले हैं, पेड़ पौधे भी झुलसने लगे हैं। छोटे पौधे, गमले के पौधे तो झुलस गए हैं। बड़े पौधों पर भी आब गायब है। वर्षा आने पर फिर से इन पेड़ पौधों में आब आ जाएगी, तब तक पेड़ पौधे और जीव जंतु परेशान नजर आ रहे हैं।
 सुबह 8 बजे गर्मी पडऩे लग जाती है और शाम 6 बजे तक गर्मी का माहौल बना रहता है। तत्पश्चात ही कुछ राहत मिलती है।






सरकार अच्छे से न्यायालय में करे पैरवी
- 12 हजार युवकों का भविष्य अधर में
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कनीना की आवाज। पूर्व सीपीएस एवं पूर्व एमएलए अटेली अनीता यादव ने कहा है कि हरियाणा सरकार के कारण 12 युवकों का भविष्य अधर में लटक गया है। आर्थिक आधार पर अंक देना न्यायालय ने अवैध घोषित किया है जिसके चलते बिना इन अंकों के भी करीब 12000 युवक भर्ती हो गए। उनको अब डर सताने लगा है। ये युवक स्टाफ नर्स, एएलएम, वीएलडीए, फायर आपरेटर आदि पदों पर लगे हुये हैं। जिन लोगों को पांच अंक दिए गए उनके कारण बिना पांच अंक लिए ही नौकरी पाने वाले युवक अब सहमें हुये है कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए। ऐसे में सरकार को चाहिए की जमकर न्यायालय में पैरवीं करें तथा किसी भी हालत में ऐसे युवकों का भविष्य अंधकार में न होने दे। जिन्होंने बिना आर्थिक आधार पर अंक लिए नौकरी पाई है उनका कोई कसूर नहीं है। उन्होंने शक जाहिर किया कि सरकार कहीं इन बेरोजगारों का भविष्य अंधकारमय न कर दे।
फोटो कैप्शन: अनीता यादव पूर्व सीपीएस







2 अगस्त के बाघेश्वर मेले की होने लगी हैं तैयारियां
-गोमुख एवं गंगोत्री के लिए कावडिय़े होने लगे हैं रवाना
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कनीना की आवाज।जिला महेंद्रगढ़ के कनीना उप-मंडल के गांव बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर  2 अगस्त को लगने वाला कांवड़ मेला अपने आप में महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला होता है जो कावड़ मेले के नाम से जाना जाता है।
 यूं तो 21 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा होगी। हरिद्वार में इस दिन सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। क्षेत्र से हजारों भक्त हरिद्वार जाते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं। पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष श्रावण की शुरुआत होती है और श्रवण के शुरू होते ही कावड़ लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से भक्त हरिद्वार पहुंचतेे हैं और कांवड़ लेकर अपने गंतव्य मार्ग की ओर रवाना होते हैं। करीब 13 दिन  लाखों की संख्या में कावडिय़ा हरिद्वार से रवाना होते हैं। अकेले बाघेश्वर धाम पर भी करीब 30 हजार से अधिक कावड़ अर्पित की जाती है। जिनमें सबसे अधिक डाक, झूला कावड़, खड़ी कांवड़ तथा बैग कावड़ प्रमुख हैं। दिल्ली से विभिन्न ट्रेनों का रिजर्वेशन करवा कर हरिद्वार भक्त पहुंचेंगे।
 विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना क्षेत्र में 40 कावड़ लाने वाले सुमेर सिंह चेयरमैन ने बताया कि 22 जुलाई को वह अपने साथियों सहित हरिद्वार के लिए रवाना होंगे और दो दिनों तक धार्मिक स्थानों की यात्रा करके 25 जुलाई को अपनी कावड़ हरिद्वार से उठाकर बाघेश्वर धाम बाघोत की ओर रवाना होंगे। इस कांवड़ को एकादशी 30 जुलाई की रात को अर्पित कर देंगे।
 उधर गोमुख और गंगोत्री जाने वाले मेले से एक महीने पहले ही अपने घर से स्थान की ओर रवाना होते हैं। ये भक्तअब गंगोत्री की ओर रवाना होने लग गए हैं ताकि क्योंकि उनको पहुंचने में करीब एक महीना लगता है। भक्तों की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। जब से कोरोना कल खत्म हुआ फिर से कावडिय़ों की भीड़ बढऩे लगी है। कोरोना कल के समय कुछ प्रतिबंध लगा रहा और कम कावड़ आ पाई।
बागेश्वर धाम पर श्रावण त्रयोदशी का सबसे बड़ा मेला लगता है जिसमें लाखों भक्त पहुंचते हैं। इस मेले के प्रति अपार श्रद्धा स्वयंभू/प्राकृतिक शिवलिंग के कारण है। विभिन्न घरों से अभी से ही इस मेले की तैयारी शुरू हो गई ह। सोशल मीडिया के माध्यम से भक्त अपनी कावड़ यात्रा की सूचना देने लगे हैं।
 उल्लेखनीय है कि बाघेश्वर धाम पर प्राकृतिक/ स्वयंभू शिवलिंग है जिसकी पूजन और जिस पर गंगाजल अर्पित करने का कार्य बेहतर माना जाता है। करीब 30 वर्षों पहले बाघ्ेोश्वर धाम पर कावड़ लाने वाले भक्त कांच की बोतलों में गंगाजल लेकर आते थे और बोतलें टूट जाती थी जिससे भक्तों के पैर खून से लथपथ हो जाते थे परंतु वर्तमान समय में प्लास्टिक या स्टील के बर्तनों में गंगाजल लेकर आते हैं जिसके कारण किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।
भक्त भरपूर सिंह, महिपाल सिंह ,देवेंद्र ,सुरेंद्र सिंह आदि ने बताया कि वह हर वर्ष कावड़ लाते हैं और कावड़ लाने का सिलसिला चलता ही रहेगा।
फोटो कैप्शन 03: बाघेश्वर धाम जहां कावड़ चढ़ती हैं।






राष्ट्रीय दलिया दिवस पर
पुराने वक्त से बेहतरीन खाद्य पदार्थ है दलिया
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कनीना की आवाज। ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने वक्त से एक कहावत प्रसिद्ध है जिसमें महिला अपनी बेटी से कह रही है कि दूध और दलिया खा मेरी लाडो तरसागी इन मेवा नै अर्थात दलिया को मेवा की दर्जा दिया था। प्राचीन समय से दलिया के प्रति लगाव रहा है। विशेषकर पेट से संबंधित बीमारियों को दूर करने में भी अहम रोल है। नाश्ते में लोग आज भी दलिया लेते हैं। आटे के मुकाबले दलिया ज्यादा पौष्टिक एवं कारगर पाया जाता है। गलियां सेहत दुरुस्त रखता है क्योंकि इसमें फाइबर पाए जाते है। पाचन दुरुस्त रहता है। रोजाना अगर दलिया खाए तो उसके लाभ सामने आते हैं।  दलिया के विषय में होम साइंस की प्राध्यापिका नीलम देवी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि-
कि दलिया फाइबर से भरपूर होता है जिसके कारण कब्ज, पेट की गैस, जी मचलाना, पेट दर्द पेट फूलने की दिक्कत दूर हो जाती है। दलिया में प्रोटीन एवं विटामिन अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो मसल को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। वजन कम करना हो तो भी दलिया काम में लाया जा सकता है, सुबह नाश्ते में प्रयोग किया जाना चाहिए। शुगर के बीमारी से परेशान लोग दलिये का सेवन धातु की सलाह से कर सकते हैं। दलिया खाने पर सेहत सही रहती है तथा दूध के संग दलिया खाने की प्रथा ग्रामीण क्षेत्रों में  आज भी प्रचलित है।
 बुजुर्ग महिला संतरा देवी बताती है कि दूध और दलिया पुराने वक्त से खाते आ रहे हैं। यह जब बेहतरीन दर्जे की चक्कियां नहीं होती थी उस वक्त हाथ की चक्की काम में लेते थे। उन दिनों में दलिया बनाकर के दो रूपों में प्रयोग करते थे। नमकीन दलिया तथा मीठा दलिया। जहां दूध और छाछ से मिलकर भी लोग दलिया प्रयोग रहे हैं। दलिया अपने आप में बहुत स्वादिष्ट होता है।
 फोटो कैप्शन: प्राध्यापिका नीलम देवी होम साइंस


































24 सालों से मोड़ी गांव के तीन सूखे जोहड़ तरस रहे हैं पानी के लिए
-बरसाती नदी बीच में ही पानी पी गई, नहरों से पाइप जोड़कर नहीं लाया जा सका पानी
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कनीना की आवाज। कहने को तो सरकार हर गांव में अमृत महोत्सव के तहत जोहड़ों में पानी भरवाने का प्रयास कर रही है किंतु कनीना उपमंडल के गांव मोड़ी में एक नहीं अपितु तीन जोहड़ सूखे पानी का इंतजार कर रहे हैं जिनमें से एक बरसाती नदी के बीच में स्थित है तथा दूसरा नदी के किनारे पर।  विगत 24 सालों से इनमें एक बूंद भी पानी नहीं आया है। वर्तमान सरपंच, वाटरशेड के पूर्व चेयरमैन गजराज मोड़ी, पूर्व सरपंच कृष्णा देवी आदि ने भरसक प्रयास किये है किंतु पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच पाई। जहां एक और करीब अढ़ाई किलोमीटर दूर नहर स्थित है जहां से पानी को पाइपों द्वारा लाया जा सकता है वही बरसाती नदी में पानी आ जाए तो भी जोहड़ों की कायाकल्प पलट सकती है। और यहां कम से कम मत्स्य पालन किया जा सकता है। यही नहीं जल आने से गांव के इस क्षेत्र के भूमिगत जल में भी सुधार हो सकता है परंतु मोड़ी गांव जोहड़ों को भरने में असफल हुआ है। पास पड़ोस में भारी संख्या में पशुपालक हैं जो परेशान हैं। अगर यहां पानी हो तो पशुपालक भी पशुओं को पानी पिला सकते हैं।
मोड़ी गांव के पास ही जहां बरसाती नदी की खुदाई विगत वर्षों हुई थी, जो मानपुरा गांव तक पहुंची है। इस नदी की खुदाई इसलिए करवाई गई थी ताकि वर्षा का जल द्वारा आसपास के जोहड़ों को भी भरा जा सके लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी बरसाती नदी सूखी नदी बनी हुई है जिसमें एक बूंद पानी भी आज तक नहीं आया है। बरसाती नदी में पानी आया भी तो लोगों ने अपने स्वार्थ हित मोड़ी गांव से पहले ही रोक लिया है जिसके चलते मोड़ी गांव के जोहड़ सूखे पड़े हैं जिनमें से एक बेसहारा अनाथ आश्रम के पास तथा दूसरा मानपुरा के पास सूखे पड़े हैं तथा तीसरा बरसाती नदी के पास ही है।
क्या कहती है पूर्व महिला सरपंच कृष्णा देवी-
 कृष्णा देवी पूर्व सरपंच ने बताया वर्ष 2000-2005 योजना में इस जोहड़ खुदाई की गई थी। ग्राम पंचायत की ओर से खुदाई की गई थी जिसे पानी से भरवाने के लिए भरसक प्रयास भी किए थे परंतु पानी की एक बूंद भी नहीं आ सकी।
 क्या कहते वाटर शेड के पूर्व चेयरमैन-
 वाटर शेड कमेटी के पूर्व चेयरमैन गजराज सिंह मोड़ी का कहना है कि पंचायत ने यह जोहड़ खुदवाया था किंतु इनको 10 फुट तक गहरा वाटर शेड विभाग द्वारा किया गया था। करीब 100 बाई 100 फीट के जोहड़ खुदाई करवा दिए गए हैं कि जिनमें एक बूंद भी पानी नहीं आया है। उन्होंने बताया कि वे भी इस संबंध में लंबे समय तक प्रयासरत रहे। उनकी इच्छा थी कि करीब ढाई किलोमीटर दूर दीवाना नहर से पाइप डालकर लाया जाए या फिर बरसाती नदी द्वारा भरा जाए परंतु उनके समय बरसाती नदी सूखी पड़ी है।
क्या कहते हैं वर्तमान सरपंच -
रामनिवास वर्तमान सरपंच मोड़ी का कहना कि उनकी उम्र करीब 49 वर्ष है। उन्होंने इन तीनों जोहड़ों में एक बूंद भी पानी नहीं देखा है। जहां ढाई किलोमीटर दूर नहर से पानी पाइप द्वारा लाया जा सकता और उनको भरा जा सकता है या फिर बरसाती नदी जो विगत वर्ष खुदाई की गई है जिसके बीच में एक जोहड़ आता है तथा दो जोहड़ बरसाती नदी के किनारे पर है किंतु तीनों ही जोहड़ बरसाती नदी में पानी आने का इंतजार कर थक गए हैं। सरपंच ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार , जिला उपायुक्त नारनौल तथा एसडीओ महेंद्रगढ़ को पत्र प्रेषित किए और उनके समक्ष जाकर मांग भी उठाई किंतु उनकी मांग आज तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। अब देखना है कि सरकार की महत्वपूर्ण योजना अमृत महोत्सव या बरसाती नदियों में पानी छुड़वा कर भरा जाता है।
फोटो कैप्शन 01: मोड़ी में सूखे पड़े जोहड़ में खड़े झाड़ झंखाड़।
साथ में रामनिवास सरपंच, गजराज सिंह पूर्व सरपंच












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