पालिका चुनावों की फिर बढ़ी संभावना
-दो माह में नहीं हुये तो चुनाव होंगे अगले वर्ष
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनाव वर्ष 2024 में आगामी दो माह में होने की संभावना बढ़ी है। अगर ये चुनाव इस वक्त नहीं हुये तो विधानसभा चुनाव आ जाएंगे और ये चुनाव वर्ष 2025 में ही संभव हो पाएंगे। चुनाव तिथि भविष्य के गर्भ में हैं पर चुनाव लडऩे वाले जल्दी चुनाव चाहते हैं।
चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से वो स्वयं या परिवार से महिला आदि चुनाव लड़ सकते हैं। क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है। भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार हैं। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। नजरें---
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव सीधे होने हैं। अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है।
घट गई हैं चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी थी वो अब गायब हो गई हैं। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
प्रदेश के 8 निगमों एवं 22 नगरपालिकाओं के चुनाव कराए जाने हैं। चुनाव आयोग द्वारा सरकार को चुनाव कराने के लिए पत्र भेजा है किंतु वार्डबंदी का काम ही अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है। कनीना में 14 वार्ड होंगे तथा 14 ही मेंम्बर चुने जाने हैं। करीब 90 के बाद विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं। यदि समय रहते पालिका के चुनाव हो गये तो ठीक है वरना अगले वर्ष ही चुनाव संभव हो पाएंगे। ऐसे में लोगों की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं। अभी तक प्रशासक ही काम कर रहे हैं, प्रधान का पद रिक्त है।
फोटो कैप्शन: नगरपालिका कनीना
28 लाख की लागत से संत मोलडऩाथ तालाब में भर दिया गया पानी
-ऐतिहासिक महत्व भी है तालाब का
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कनीना की आवाज। कनीना के परम संत मोलडऩाथ विक्रमी संवत 2006 में पंचतत्व में विलीन हो गये थे किंतु वे जिस तालाब के पास आराम करते थे, स्नान करते थे उस तालाब का नवीकरण कर दिया गया है। आज संत को पंचतत्व में विलीन हुई करीब 75 साल बीत गये हैं। इस तालाब को करीब 28 लाख रुपये की लागत से पक्का करके आखिरकार पानी से भर कर दिया गया है। पहले तो इसे नहरी पानी से भरने की योजना थी किंतु अभी तक सफलता नहीं मिलने पर विगत वर्ष संत के मेले के दृष्टिगत इसे आखिरकार पानी से भर दिया गया था। तब से अब तक लगातार पानी से भरा जा रहा है।
जहां एक और मोलडऩाथ का आश्रम वहीं दूसरी ओर खाटू श्याम मंदिर भी है। इस तालाब को खाटू श्याम तालाब के रूप में भी जाना जाता है।
उस वक्त के जीवित बहुत कम लोग बचे हैं। वे बताते हैं कि कभी इसी जोहड़ के किनारे जाल के पेड़ के नीचे संत विश्राम करते थे। यहां एक बणी होती थी जिसमें जाल के पेड़ के नीचे संत आराम करते थे और तालाब का ही पानी प्रयोग करते थे। गीदड़, चिडिय़ा तथा अनेकों प्रकार के जीव जंतु यहां विचरण करते थे। जहां जोहड़ में पानी भरने के बाद रौनक और बढ़ गई है। पानी की मात्रा कम हैं जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों युवा एवं बच्चे गर्मी के दिनों में नहाते हैं।
प्रधान बाबा मोलडऩाथ आश्रम बताते हैं कि लाखों रुपए की लागत से सुंदर तालाब बना दिया गया है जिस तो चारों ओर सैर करने वाले और दर्शन करने वाले लोगों के लिए भी प्रकाशमान पक्की सड़क निर्मित की गई है। यह जोहड़ अब तालाब का रूप ले चुका है जो पास में स्थित खाटू श्याम मंदिर के कुंड का भी के काम करेगा। यही कारण है कि श्याम कुंड नाम से भी यह तालाब भविष्य में जाना जाएगा। 2021 में बनना शुरू हुआ था और साल के अंत तक तैयार हो गया था।
कनीना के नगर पालिका पूर्व प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि दो तरीकों से पानी भरा जा सकता है। सबसे बेहतर तो हो कि कनीना अनाज मंडी से गुजर रही नहर से पाइप दबाकर यहां तक पानी लाया जाए ताकि इसमें पानी भरता रहे जिसके लिए उन्होंने विधायक और सरकार से बार-बार प्रयास किया है तथा प्रयास जारी हैं। जब तक यह व्यवस्था नहीं बनती तब तक नलकूप से भी इस जोहड़ को भरा जा सकता है। यहां बाबा मोलडऩाथ और श्याम खाटू श्याम के मेले लगते हैं उस समय तालाब को पानी से भर दिया जाता है। संत स्थल को और भी दर्शनीय बनाया गया है।
उधर श्री श्याम सेवक मंडल के दुलीचंद साहब से संबंध में बात हुई। उनका कहना है कि वे भी इसको नहरी पानी से भरने के लिए प्रयासरत हैं तथा दोनों ही तरीकों से पानी को भरने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा वे भी उच्च अधिकारियों से मिलकर नहर से तालाब को जुड़वाने का प्रयास करेंगे।
जागरण प्रभाव-
दैनिक जागरण ने इस तालाब का ऐतिहासिक महत्व वर्षांे पहले बताना शुरू कर दिया था जिसके चलते पूर्व प्रधान सतीश जेलदार ने इस बीड़ा को उठाया है। तालाब में वर्तमान में नलकूपों से पानी भरा जा रहा है नहर से जोडऩे के लिए अभी प्रयास करने बाकी हैं। यह सबसे सुंदर तालाब बना हुआ है।
फोटो कैप्शन: सतीश जेलदार एवं दुलीचंद साहब, दिनेश प्रधान
साथ में फोटो कैप्शन 02: कनीना का बाबा मोलडऩाथ तालाब।
अभी तपन जारी है
--अभी प्री मानसून के आसार नहीं
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कनीना की आवाज। अभी तपन जारी है। अभी प्री मानसून के आसार नहीं हैं।
कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से तपन बढ़ती जा रही है। जहां गत दिनों कुछ तापमान में गिरावट आई थी वह एक बार फिर से बढऩे लगी है। अधिकतम तापमान 43 डिग्री पहुंच गया है जबकि कम से कम तापमान 30 डिग्री पहुंचा है। गर्मी के कारण जहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कफ्र्यू जैसी हालत बन जाती है। दोपहर को सड़के सुनसान हो जाती है, हर जीव जंतु और इंसान दुबक जाते हैं। परंतु कनीना क्षेत्र में करीब 500 बंदर है जिनसे अब गर्मी के दिनों में निजात मिला है क्योंकि गर्मी के कारण ये बंदर बाहर नहीं निकल रहे और यहां तक वे जोहड़ों में डुबकी लगा रहे हैं या फव्वारों के नीचे नहा रहे हैं। यही नहीं कनीना के शहीद सुजान सिंह पार्क में फव्वारों के नीचे बंदर नहाते देखे गए वहीं मोलडऩाथ जोहड़ में भी डुबकी लगा रहे हैं। परंतु जब फोटो खींचते हैं तो भाग खड़े होते हैं। सबसे बड़ी बात है कि पक्षी भी छाया को ढूंढते रहते हैं। हर वर्ष पर्यावरण दिवस पर कितने पेड़ पौधे लगाने का की शपथ ली जाती है किंतु अगले साल वे पेड़ पौधे गायब हो जाते हैं। यही करने की धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। मोलडऩाथ आश्रम समक्ष शहीद सुजान सिंह पार्क के जहां हालात बदल दिए हैं, फव्वारे लगा रखें हैं। जिनके नीचे बंदर और कौवे दिनभर मौज मस्ती करते हैं। जहां आश्रम के पीछे पक्का जोहड़ है जिसे पानी से भरा हुआ है जिसमें बंदर डुबकी लगाते हैं। भक्त दिनेश कुमार, महेश कुमार, सुरेंद्र, इंद्र देव आदि बताया कि दिन भर बंदर और लोग गर्मी से राहत पाने के लिए जोहड़ों में स्नान करते हैं, वही पार्क में बैठे दिखाई देते हैं। पक्षी भी पाके स्थित जाल के पेड़ के नीचे आराम से धूप से बचते नजर आते हैं। गर्मी के कारण किसान बेहद परेशान है क्योंकि वो सुबह सवेरे मुश्किल से खेतों में जा पाते हैं जहां भी देखे बस पानी की किल्लत छाई हुई है जोहड़ों का पानी भी घटता ही जा रहा है, ऐसे पशुओं के लिए और पक्षियों के लिए जल की समस्या बनी हुई है। चाहे कितनी गर्मी पड़े तापमान कितना भी अधिक हो जोहड़ों में पानी कभी खत्म नहीं होता। कनीना क्षेत्र के लोग पेयजल किल्लत से भी परेशान है और दोनों वक्त पेयजल सप्लाई करने की मांग कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन : जोहड़ के जल में स्नान करते हुए बच्चे
हृदय, नेत्र रोग एवं सामान्य रोग चिकित्सा का 75वां शिविर रविवार को
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कनीना की आवाज। कनीना अनाज मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना की ओर से 75वां हृदय, नेत्र रोग, जांच एवं परामर्श शिविर 9 जून को आयोजित किया जाएगा। इस मौके डा अश्विनी यादव हृदय रोग तथा गंगादेवी पांडेय नेत्र चिकित्सालय महेंद्रगढ़ के नेत्र रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे। गंगादेवी पांडेय की टीम पहली बार शिविर में पहुंच रही है।
विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर ईसीजी, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि की जांच की जाएगी वही हृदय रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं सामान्य रोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। उल्लेखनीय की लंबे समय से सेवा भारती की ओर से इस प्रकार के कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक 74 निशुल्क शिविर आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें हजारों लोगों ने लाभ उठा लिया है। उन्होंने बताया कि सेवा भारती लगातार जन सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि प्राय हृदय रोगों की जांच उन लोगों को करवानी चाहिए जिनकी सांस फूलती हो, अत्यधिक मोटापा, अत्यधिक पसीना आता हो, उम्र 40 वर्ष से अधिक हो, तंबाकू-धूम्रपान सेवन करने वाले, रक्तचाप से पीडि़त, अत्यधिक घबराहट बेचैनी, हृदय संबंधित पारिवारिक रोग प्रवृत्ति, आलसी जीवन शैली वाले जरूर इस शिविर का में जांच करवाएं।
शुभम सिंह का भारतीय सेना में सीधे लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त
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कनीना की आवाज। जिला के गांव धनौन्दा निवासी शुभम सिंह पुत्र मोहन सिंह का भारतीय सेना में सीधे लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त होने पर आगामी 10 जून को गांव में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए आयोजन समिति के संयोजक सूबेदार मेजर मदन सिंह ने कहा कि सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट होंगे। उन्होंने कहा कि शुभम सिंह के लेफ्टिनेंट बनने पर आस-पास के गांवों में खुशी की लहर है। सम्मान समारोह को लेकर युवाओं तथा ग्रामीणों में भारी जोश व उत्साह है। उन्होंने कहा कि सम्मान समारोह से युवाओं को आगे बढऩे की प्रेरणा मिलेगी।
डा प्रशांत कुमार ने की पीएचडी
--कई अवार्ड प्राप्त है डा. प्रशांत कुमार
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कनीना की आवाज। डा. प्रशांत कुमार, गांव कनीना, वार्ड नंबर-8, ने सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली भारत और रायल मेलबर्न इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी, मेलबर्न, आस्ट्रेलिया के बीच एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के तहत पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने स्पिन डायनेमिक्स और बायोमेडिकल एप्लिकेशन के लिए मिश्रित फेरिएट्स फेरोफ्लुइड्स और नैनोकंपोजिट्स पर मैग्नेटो-आप्टिकल अध्ययन पर अपना पीएचडी कार्य किया है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में २३ एससीआई प्रकाशन और ३ पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भी अपना काम प्रस्तुत किया है। उन्होंने 6 सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार प्राप्त किए हैं और उन्हें भारत सरकार द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ट्रेवल फंड पुरस्कार भी मिला है। अब वे लगातार रायल मेलबर्न इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलाजी, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में रिसर्च फेलो के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने गांव और देश का नाम रोशन किया है और अपने गांव और देश का नाम रोशन करते रहेंगे। उन्होंने यह उपलब्धि अपने दादा, दादी, स्वर्गीय अमर सिंह और स्वर्गीय अनारो देवी, पिता मास्टर सतीश कुमार, माता कैलाश और भाई इंजीनियर सिद्धार्थ, अनुज कुमार को समर्पित की है। इस अवसर पर गणमान्य लोगों ने उन्हें बधाई दी रामेश्वर पूर्व पार्षद, उमराव सरपंच उंचत, सतेंद्र शास्त्री, डा. पवन कांगड़ा, , कमल प्रधान, बलवान आर्य, पवन प्रधान, नवीन शर्मा, मास्टर विजयपाल, प्रवक्ता सूबे, मास्टर संजय, प्रताप सिंह, गोपीचंद, देशराज, भारतपाल, प्रदीप ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन ०१: डा. प्रसाद का सम्मान करते हुए।
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