बाप ने अपने ही बेटे के विरुद्ध करवाया मार पिटाई का मामला दर्ज
-बेटे ने पुलिस स्टेशन पर पूर्ण रूप से नग्न होकर दी गाली गलौज
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव सेहलंग निवासी महाबीर सिंह ने अपने लड़के मुकेश कुमार के विरुद्ध मारपीट करने का मामला दर्ज करवाया है। महाबीर सिंह ने पुलिस में बताया कि उसके दो लड़के हैं, छोटा लड़का मुकेश कनीना में रहता है तथा बड़ा लड़का नजफगढ़ रहता है। महावीर सिंह ने बताया कि मेरी पत्नी का 2015 में से स्वर्गवास हो गया था। उसका छोटा लड़का मुकेश अपने पिता से मारपीट करने के लिए सेहलंग पहुंचा, झगड़ा किया, गंदे शब्द प्रयोग किये, जान से मारने की धमकी दी। महाबीर सिंह ने कहा है कि सेहलंग होटल पर भी मुकेश ने हाथापाई की, बाद में घर का दरवाजा तोड़ दिया तब लोगों ने बीच बचाव किया। पुलिस को सूचित किया तो मामला दर्ज करवाने के लिए थाने में आने की बात कही। जब महाबीर सिंह कनीना थाने में पहुंचा तो वहां पर भी महाबीर सिंह का लड़का मुकेश कुमार आ पहुंचा और झगड़ा करने लगा। सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया और झगड़ा करने लगा। जब जोर-जोर से महाबीर सिंह चिल्लाया तो पुलिस के कर्मचारियों ने उसे छुड़वाया। तत्पश्चात पूर्ण रूप से नग्न होकर मुकेश कुमार मुख्य सड़क मार्ग पर घूमने लगा, जिसने भी उसे दिखा शर्मसार हुआ। तत्पश्चात थाने के कर्मचारियों ने उसे काबू किया। पिता ने अपने पुत्र पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी है। महाबीर सिंह ने कहा है कि मुकेश कुमार शराब के नशे में गिरने पडऩे से शरीर पर चोट लगी हुई है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, जिसके चलते कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस- 7 जून
हर प्रकार से भोजन और अनाज को खराब होने से बचना चाहिए -भगत सिंह
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कनीना की आवाज। दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा दिवस 7 जून को मनाया जा रहा है। वैश्विक भुखमरी से निपटाना और पूरी दुनिया से उसे खत्म करना यही इंसान का लक्ष्य होना चाहिए। आज के दिन कितने लोग भूखे और कुपोषित जी रहे हैं। कुपोषण के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। लोगों को जागरूक करके ही खाद्य सामग्री को खराब होने से बचा सकते हैं। विवाह समारोह स्थल हो या किसी घर में बहुत अधिक खाना बेकार चला जाता है।
न केवल इंसान अपितु आवारा जंतु, रोडेंट जिनमें चूहे गिलहरी और कितने ही पक्षी खाद्य पदार्थों को खराब कर रहे हैं। जागरूकता के चलते इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है और खाद्य सामग्री को खराब होने से बचा सकते हैं। कुछ प्रमुख लोगों से इस संबंध में चर्चा हुई-
**खाद्य सामग्री हर इंसान तक पहुंचाने का एक ही तरीका है कि चूहों गिलहरी आदि से अनाज एवं खाद्य सामग्री को बचाना चाहिए। यहां तक की भंडारण उचित ढंग से किए जाने चाहिए ताकि भंडार में किसी प्रकार की नमी न पहुंचे और खाद्य पदार्थ खराब होने से बच सके। आवारा जंतु और रोडेंट आदि से सुरक्षा के लिए प्रबंध करने चाहिए। जब इंसान के पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री होगी तो वह दूसरों तक पहुंचा सकेंगे और गरीबी खत्म करने में अहम योगदान होगा।
--- डा. देवराज यादव पूर्व कृषि अधिकारी
हर घर में रोटी बर्बाद हो जाती है। वैसे तो बहुत से घरों में अब चूल्हे की बजाय गैस की रोटी बनती और गरमा गरम रोटी खाकर खुश होते हैं वहां रोटियां बर्बाद कम होती हैं परंतु कुछ घरों में आज भी अधिक रोटियां बन जाती है। जिसके कारण उन्हें फेंकना पड़ता है उन्होंने कहा गायों के लिए अलग से रोटी बनाना अच्छी बात है किंतु जो रोटियां बच जाती है उनको गायों तक पहुंचाना चाहिए। जितनी भूख हो उसी अनुसार सारे परिवार के लिए रोटियां बनाई जाए फिर भी यदि कोई रोटी बच जाती है तो उसे गो-ग्रास गाड़ी आती है उसमें डाल देना चाहिए। अक्सर लोग इधर-उधर रोते को फेंक देते हैं इससे बचना चाहिए क्योंकि आवारा जंतु पनपते हैं जो कभी भी किसी इंसान को काट सकते हैं।
-- भगत सिंह समाज सेवी
मैरिज प्लेस में एक नियम बना रखा है कि अधिक मात्रा में खाद्य पदार्थ विवाह शादी समारोह आदि में बन जाते है तो उनको गौशाला एवं सुअर पालने वालों तक पहुंचाया जाता है। अगर वह सूखा पदार्थ है तो गौशाला की गाड़ी आती है उसमें डाल दिया जाता है। लोग जूठन अधिक छोड़ते हैं। इस जूठन में बचे हुये सभी पदार्थ सुअर पालन केंद्र वाले मुफ्त में ले जाते हैं। इससे खाद्य पदार्थ चाहे सुअर या गायों को उपलब्ध होते हैं। इससे खाद्य पदार्थों को कुछ खराब होने से बैचा सकते हैं। उनका यह नियम लंबे समय से चला आ रहा है।
--हनुमान सिंह मैरिज प्लेस संचालक
विवाह शादियों और समारोह में जाने वाले लोगों को पहले समझाया जाए। हो सकता है कुछ लोगों पर प्रभाव पड़े और वह खाने की प्लेट में अधिक खाना न छोड़ें। इसे भोजन की बचत हो सकती है। यहां तक की विवाह शादियों में भारी मात्रा में भोजन खराब होता है उसे पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को अधिक खाना प्लेट में एकबार न डालने प्रेरित करना चाहिए। तभी ऐसा संभव हो सकता है कि खाना खराब होने से बचाया जाए।
----निर्मल कुमार
फोटो कैप्शन: निर्मल कुमार, हनुमान सिंह, डा देवराज ,भगत सिंह।
सीताराम मन्दिर में लगाईं मीठे पानी की छबील
-जगह जगह लगती हैं छबील
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कनीना की आवाज। कभी निर्जला एकादशी को ही मीठे पानी की छबील लगाई जाती थी किंतु अब तो हर दिन निर्जला एकादशी बना दिया है। प्रतिदिन विभिन्न मार्गों पर मरठे पानी की छबील लगाई जा रही हैं।
इसी कड़ी में कनीना के सीताराम मन्दिर में धर्मार्थ मीठे पानी की छबील लगाई गई। जितेंद्र यादव ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सीताराम मंदिर में मीठे पानी की छवि लगाई गई है। उन्होंने बताया कि इस तरह के धार्मिक कार्यों में आसपास दुकानों के संचालक है, कस्बावासी मिलकर कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में समय-समय पर रामायण का पाठ सुंदरकांड का पाठ वह अन्य प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते रहे हैं। मीठे पानी की छबीली के साथ-साथ पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था की जाती है। गर्मी के मौसम में लगातार 3 महीने के लिए पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही पक्षियों के लिए अलग से दाने की व्यवस्था की गई है। जहां पर कस्बा के लोग मंदिर में आने वाले लोग यहां पर पक्षियों के लिए दाना डालते हैं। इस दौरान पंडित प्रवेश शर्मा, प्रदीप, विशु , विकास, प्रेम, भल्ले, देवेंद्र, राजेंद्र, ललित, विजय सिंह, जितेंद्र शास्त्री सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06:राहगीरों को मीठा पानी पिलाते भक्त।
वट सवित्री व्रत पूर्ण
-दिनभर महिलाओं ने की बरगद की पूजा
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कनीना की आवाज। हिंदू धर्म में विवाहित महिलाएं ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखती है। इसे कई जगहों पर बड़मावस का त्योहार भी कहा जाता है। महिलाओं ने इस दिन व्रत किया और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करके पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगती है। शास्त्रों में कहा गया है कि वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता निवास करते हैं। इस व्रत को करके महिलाएं तीनों देवों से अपने पति की लंबी उम्र का वरदान मांगती है।
ऐसे में लंबी उम्र की कामना हेतु व्रत किया गया। जिस प्रकार एक बरगद के पेड़ के नीचे सवित्री ने जहां अपने पति के प्राणों को बचाया था। उसी प्रकार महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना को लेकर व्रत करती आ ही हैं। कनीना क्षेत्र के सैकड़ों नर नारी कुरुक्षेत्र, गंगा तट, ढ़ोसी आदि जाकर स्नान किया।
हरियाणा के राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अपना खोया हुआ सम्मान पाने को लालायित
-दो साल का सेवा विस्तार एवं दो अतिरिक्त वेतनवृद्धियोंं की मांग
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कनीना की आवाज। हरियाणा शिक्षा विभाग में वर्ष 2020 व इससे पहले सभी राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को 2 साल का सेवा विस्तार, दो अतिरिक्त वेतन वृद्धियां, 21 हजार रुपये नकद ,शाल, प्रशस्ति पत्र सहित मेडल दिया जाता रहा है। परंतु वर्ष 2021 और इसके बाद राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को इन सेवाओं से वंचित कर दिया गया है। जिसका शिक्षकों में रोष है।
जहां वर्तमान में दो साल का सेवा विस्तार बंद है वहीं दो अतिरिक्त की बजाय अग्रिम वेतनवृद्धियां दी जा रही है वहीं पुरस्कार की राशि 21 हजार की बजाय एक लाख रुपये कर दी गई है। तबादलों में मिलने वाले पांच अंक भी काट दिये गये हैं। अग्रिम वेतन वृद्धि को लेकर अधिकारी संशय में हैं और ये कब और किसे दिया जाए स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे अनेक शिक्षक हैं जिनको अग्रिम वेतन वृद्धि का कोई लाभ नहीं हुआ है।
खोया हुआ सम्मान पाने के लिए स्टेट अवार्डी शिक्षकों ने एक अभियान भी चलाया। हर जिले से स्टेट अवार्डी शिक्षकों की कार्यकारिणी गठित की गई तथा सरकार को रोकी गई सेवाओं पर पुनर्विचार करने पर के लिए ज्ञापन प्रेषित किए। हर जिले में यह कार्रवाई चल रही है।
वर्तमान में पालिसी में संशोधन करने के लिए प्रदेश कमेटी का गठन किया गया था किंतु कोई परिणाम नहीं मिला। पूर्व स्टेट अवार्डी शिक्षक बनवारी लाल, एचएस यादव आदि ने ने 2020 से पहले वाली दी जाने वाली सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है। ऐसे में अगर सरकार इन शिक्षकों की मांग मान लेती है तो गिनी चुनी संख्या के इन शिक्षकों को अपना खोया हुआ सम्मान वापस मिल जाएगा। स्टेट अवार्डी शिक्षक अब टकटकी लगाकर सरकार पर नजरें टिकाये हुये है ताकि जब भी भविष्य में इन विषयों पर चर्चा हो तो सरकार तुरंत उनकी मांगे मान ले। अभी तक दो अग्रिम वेतनवृद्धियों को लेकर भी स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है कि किसे दिए जाने हैं। जिसके चलते अधिकांश शिक्षकों को दो अग्रिम वेतन वृद्धियां अभी नहीं दी जा रही है। पे रूल 2016 का हवाला देकर दो अग्रिम वेतन वृद्धि उन शिक्षकों को नहीं दे रहे जिनकी उम्र 55 साल या इससे अधिक है। ऐसे में बहुत से शिक्षक बेहद परेशान है और उनका कहना है कि अब तो सम्मान का अर्थ ही बदल गया है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उनका खोया हुआ सम्मान एक बार फिर से लौटाते हुए उनकी 2 साल सेवा विस्तार दो अग्रिम वेतन वृद्धियां एवं अतिरिक्त लाभ दिए जाएं।
लोगों को साइबर अपराधों के बारे में दी जानकारी
-- बचाव के उपाय बताकर जागरूक किया।
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कनीना की आवाज। एसपी अर्श वर्मा के निर्देशानुसार थाना सदर कनीना प्रबंधक निरीक्षक रामनाथ ने गांव खरकड़ा, कनीना में लोगों को साइबर अपराधों के बारे में अवगत करवाया और उनसे बचने के उपाय बताए। इसके साथ ही लोगों को हेल्प लाइन नंबर 1930 की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। थाना सदर कनीना की टीम ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि अज्ञात लिंक पर क्लिक ना करें। उस लिंक पर क्लिक करने आपके फोन का डाटा हैक हो सकता है या उस लिंक पर क्लिक करने पर ऐप डाउनलोड होने पर फर्जी ब्राउजर आपके मोबाइल/कंप्यूटर पर डाउनलोड हो जाता है। जिससे साइबर अपराधी आपकी निजी डिटेल्स को हासिल कर लेते हैं। टीम ने बताया कि इस बात का ध्यान रखें कि अपना कार्ड नंबर, सीवीसी, पिन, ओटीपी, इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड, डेबिट कार्ड ग्रिड वैल्यू या यूआरएन (यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर) को कभी किसी व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करें। इन डिटेल्स को शेयर करने पर अपराधी को आपके अकाउंट का अनाधिकृत एक्सेस मिल सकता है।
फोटो कैप्शन 04: साइबर अपराधों की जानकारी देते हुए पुलिस।
शनिदेव जयंती मनाई गई
हवन, भंडारा एवं जागरण आयोजित
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कनीना की आवाज। कनीना के बाबा मोलडऩाथ मंदिर स्थित शनि देव मंदिर में शनिदेव जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई।
मंदिर कमेटी प्रधान दिनेश यादव ने बताया कि सुबह 7:30 बजे इंद्रजीत ने अपनी धर्मपत्नी मीना देवी के साथ यज्ञमान बनकर हवन पूर्ण करवाया उसके बाद कन्या पूजन में प्रसाद वितरण कार्य शुरू किया गया। हजारों की संख्या में महिला, युवा एवं पुरुषों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। भारी भीड़ को देखते हुए सभी भक्तों में उत्साह देखने को मिला। 50 रुपये से लेकर 1100 तक की दक्षिणा दी गई साधु संतों को विदा किया। इस मौके पर मेला लगा वहीं शनिदेव मंदिर में भक्तों ने धोक लगाई।
उल्लेखनीय है कि 2009 में शनिदेव मंदिर की स्थापना नजदीक कनीना के मोलडऩाथ आश्रम की गई थी। इंद्रजीत सिंह, अनिल कमांडो, भूपी ठेकेदार आदि ने शनिदेव मूर्ति की स्थापना करवाई थी। उसके बाद हर वर्ष यहां भंडारा लगता आ रहा है।
इस मौके पर प्रकाश साहब, मुकेश शर्मा, रमेश, बिल्लू सरपंच ,गोपी ठेकेदार ,श्रीभगवान अजीत कुमार, अशोक, विक्की, लाल सिंह ,विक्की पंसारी सहित अनेक संत मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: शनिदेव मंदिर कनीना पर आयोजित भंडारे का नजारा।
फिर बढऩे लगा है तापमान
-जीव जंतु भी छांया एवं पानी को रहे हैं तलाश
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में एक बार फिर से तपन बढ़ती जा रही है। जहां गत दिनों कुछ तापमान में गिरावट आई थी वह एक बार फिर से बढऩे लगी है। अधिकतम तापमान 42 डिग्री पहुंच गया है जबकि कम से कम तापमान 30 डिग्री पहुंचा है। गर्मी के कारण जहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, कफ्र्यू जैसी हालत बन जाती है। दोपहर को सड़के सुनसान हो जाती है, हर जीव जंतु और इंसान दुबक जाते हैं। परंतु कनीना क्षेत्र में करीब 500 बंदर है जिनसे अब गर्मी के दिनों में निजात मिला है क्योंकि गर्मी के कारण ये बंदर बाहर नहीं निकल रहे और यहां तक वे जोहड़ों में डुबकी लगा रहे हैं या फव्वारों के नीचे नहा रहे हैं। यही नहीं कनीना के शहीद सुजान सिंह पार्क में फव्वारों के नीचे बंदर नहाते देखे गए वहीं मोलडऩाथ जोहड़ में भी डुबकी लगा रहे हैं। परंतु जब फोटो खींचते हैं तो भाग खड़े होते हैं। सबसे बड़ी बात है कि पक्षी भी छाया को ढूंढते रहते हैं। हर वर्ष पर्यावरण दिवस पर कितने पेड़ पौधे लगाने का की शपथ ली जाती है किंतु अगले साल वे पेड़ पौधे गायब हो जाते हैं। यही करने की धरती का तापमान बढ़ता ही जा रहा है। मोलडऩाथ आश्रम समक्ष शहीद सुजान सिंह पार्क के जहां हालात बदल दिए हैं, फव्वारे लगा रखें हैं। जिनके नीचे बंदर और कौवे दिनभर मौज मस्ती करते हैं। जहां आश्रम के पीछे पक्का जोहड़ है जिसे पानी से भरा हुआ है जिसमें बंदर डुबकी लगाते हैं। भक्त दिनेश कुमार, महेश कुमार, सुरेंद्र, इंद्र देव आदि बताया कि दिन भर बंदर और लोग गर्मी से राहत पाने के लिए जोहड़ों में स्नान करते हैं, वही पार्क में बैठे दिखाई देते हैं। पक्षी भी पाके स्थित जाल के पेड़ के नीचे आराम से धूप से बचते नजर आते हैं। गर्मी के कारण किसान बेहद परेशान है क्योंकि वो सुबह सवेरे मुश्किल से खेतों में जा पाते हैं जहां भी देखे बस पानी की किल्लत छाई हुई है जोहड़ों का पानी भी घटता ही जा रहा है, ऐसे पशुओं के लिए और पक्षियों के लिए जल की समस्या बनी हुई है। चाहे कितनी गर्मी पड़े तापमान कितना भी अधिक हो जोहड़ों में पानी कभी खत्म नहीं होता। कनीना क्षेत्र के लोग पेयजल किल्लत से भी परेशान है और दोनों वक्त पेयजल सप्लाई करने की मांग कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 1: पक्षी धूप में जाल के पेड़ों की छाया में आराम करते हुए
2: पार्क का आनंद लेते हुए बंदर
पेड़-पौधे लगाकर अब कुदरत का कर्ज उतारे -नरेश कौशिक
-जगह जगह लगाये गये पेड़
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कनीना की आवाज। बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर कनीना क्षेत्र में कई जगह पेड़ पौधे लगाये गये।
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में आज विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के मुख्याध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने स्टाफ सदस्यों के साथ विद्यालय में पौधारोपण किया ,उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा की वृक्ष हमारा भविष्य है हमें इस दिशा में अपने विद्यार्थियों को संवेदनशील तथा जागृत करना होगा तभी हमारा भविष्य व हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह पाएंगे तथा इसके लिए जल्द ही एक कार्यशाला का आयोजन विद्यालय में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जो प्रचंड गर्मी पड़ी है पूरे देश में पारा 45 से 52 डिग्री को पार करने जा रहा है यह ग्लोबल वार्मिंग तथा वृक्षों की होती जा रही कमी के कारण है। अगर वृक्षों को संरक्षित नहीं किया गया गया तथा जल को नहीं संभाला गया तो हमारा भविष्य निश्चय ही अंधकारमय होगा। इस अवसर पर सभी स्टाफ सदस्य में विद्यालय में साफ सफाई की तथा छतों की सफाई करवाई व बरसाती पानी की निकासी के उचित प्रबंध किए गए।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्ष सावित्री देवी , अध्यापक सुभाष वर्मा ,राकेश कुमार डीपी, राजबाला यादव सुनीता मेहरा ,कश्मीरी निमल बाबूलाल यादव शीला देवी ,दिशा ,सुप्रिया तथा विक्रम सिंह उपस्थित थे।
उधर नेहरू युवा केंद्र द्वारा जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव के दिशा निर्देश में उप मंडल कनीना के भडफ़, कनीना , धनौंदा इसराना में विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण करके पर्यावरण दिवस मनाया गया। नेहरू युवा केंद्र की ब्लाक वालंटियर रचना शर्मा ने जानकारी देते हैं बताया कि नेहरू युवा केंद्र द्वारा पर्यावरण दिवस पर पौधा रोपण करके उसके संरक्षण के जिम्मेवारी की भी शपथ दिलाई गई है। कनीना क्षेत्र में पर्यावरण सप्ताह के रूप में एक अभियान के तहत विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के युवा कार्यकर्ताओं द्वारा पौधारोपण का कार्य किया जायेगा। इस अभियान में संस्थाओं के सदस्यों द्वारा अपने घर के आस-पास खाली जमीन, धार्मिक, स्थल, विद्यालय प्रांगण, श्मशान व खाली पड़ी जमीन पर पौधे लगाएंगे। जिला युवा अधिकारी नित्यानंद यादव ने कहा कि इंसान के सुख, शाति और समृद्धि का भंडार प्रकृति ही है। मनुष्य प्रकृति की गोद में ही पलता-बढ़ता हैं। इसी के साथ जीवन का समापन भी होता है। अब इंसान को अपनी गलती का अहसास शायद होने लगा है। नए पेड़-पौधे लगाकर वो अब कुदरत का कर्ज उतार रहे हैं। सभी को अपने मन में संकल्प लेना होगा कि हमें प्रकृति से सद्भाव के साथ जुड़ कर रहना है। पर्यावरण दिवस पर हम सब इस बारे में सोचें कि हम अपनी धरती को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए और क्या कर सकते हैं। इस दौरान अजय सिंह इसराना, रवि प्रकाश भडफ़, प्रियंका धनौंदा, वीर सिंह, लक्ष्मी, राजकुमार, राहुल शर्मा, वीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, अखिलेश यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: कनीना स्कूल में स्टाफ पौधारोपण करते हुए।
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