भाजपा युवा नेता सुनील राव ने अटेली विधानसभा से चुनाव लडऩे की तैयारी
--रखी पत्रकारों की बैठक
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कनीना की आवाज। मंगलवार को कनीना स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में भाजपा युवा नेता सुनील राव ने अटेली विधानसभा चुनाव लडऩे को लेकर एक पत्रकार वार्ता आयोजित की। सुनील राव ने अटेली विधानसभा से चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह अटेली विधानसभा से चुनाव लडऩा चाहते हैं अगर पार्टी ने उन्हें चुनाव लडऩे की इजाजत दी तो वह चुनाव अवश्य लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अटेली विधानसभा के आप पास के गांवों में काफी भाईचारा है। दक्षिणी हरियाणा के बड़े नेता राव इंद्रजीत सिंह व प्रदेश के अन्य नेताओं से मिलकर भी टिकट की मांग करेंगे। उन्होंने शिक्षा व युवाओं की बेरोजगारी को लेकर कहा की शिक्षा के क्षेत्र में काम करना होगा वहीं बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना होगा। यह उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि अभी चुनाव में 4 महीने हैं वह गांव-गांव घर-घर जाकर लोगों को भाजपा की नीतियों से अवगत करवाएंगे। लोगों की समस्याओं को सुनकर उनके समाधान के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से रेवाड़ी जिला में अन्य पदों पर रहते हुए लोगों के कार्य किए हैं और आगे भी करते रहेंगे। अटेली विधानसभा में लोगों के कार्य करवाने व उनकी समस्याओं को सुलझाने का निरंतर प्रयास करते रहेंगे। इस दौरान उनके साथ युवा नेता योगेश आर्य सेहलंग, सचिन यादव, आत्मा राम, कर्मवीर, विनीत, नवीन आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: पत्रकार वार्ता में विचार रखते हुए सुनील राव।
ककराला गांव में शुरू हुई श्रीमद्भागवत कथा
-महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा, कथावाचक बोले- कथा सुनने से मनुष्य का होता है उद्धार
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव ककराला में मंगलवार को विशाल परिक्रमा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। कलश यात्रा का आयोजन गांव के बाबा भइया मंदिर, बस स्टैंड , मोहल्ले में स्थित पंचायत भवन, सरकारी स्कूल से होते हुए मंदिर में पहुंची। कथा गांव के फलसे चौक पर आयोजित हो रही है। वहीं इस दौरान विशाल कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का
वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ सर्वप्रथम झंडे का पूजन किया गया और उसके बाद सभी महिलाएं एक जगह एकत्रित हुई और एक-एक कर अपने सिर पर मंगल कलश रखे। वहीं कलश यात्रा पूरे गांव में होकर नगर परिक्रमा करते हुए भागवत पांडाल में पहुंची। कलश यात्रा के दौरान बैंड बाजा डीजे की धुन पर भक्ति गीतों पर महिला व पुरुष नाचते कूदते हुए नगर परिक्रमा की। जहां कलश यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। कलश यात्रा के उपरांत श्रीमद्भागवत कथा में भागवत आचार्य भारत शास्त्री पुजारी बरसाना वाले
ने कथा श्रवण करने आए श्रद्धालुओं को भागवत कथा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। वहीं उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से मनुष्य का उद्धार होता है। जहां भी भागवत कथा हो रही हो वह हमें अवश्य कथा सुनने जाना चाहिए। कथा के दौरान कथावाचक द्वारा गाए गए भजनों पर महिला श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया। इसके साथ ही श्रोताओं द्वारा लगाए गए जयकारों से समूचा कथा पंडाल गुंजायमान हो उठा। इस दौरान पंचायत समिति चेयरमैन जयप्रकाश यादव, महेंद्र सिंह, संतलाल नंबरदार, रामकिशन, दिनेश सोनी, इंस्पेक्टर राजवीर सिंह, कृष्ण कुमार, उमेद सिंह, रेनू, रोनिका, सरिता, लक्ष्मी, सरोज, मधुबाला, रजनी, आरती सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09:कलश यात्रा निकालते हुए श्रद्धालु।
कालेज की 1200 सीटों पर अब तक 1408 आवेदन
अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ाई
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय कालेज में जहां आनलाइन स्नातक स्तर तक प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई है। अभी तक 1200 सीटों पर 1408 आवेदन मिले हैं। सबसे अधिक जोर बीए तथा बीएससी जीव विज्ञान की ओर है। दोनों में ही सीटों से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
कनीना के राजकीय कालेज के प्रवेश नोडल अधिकारी डा. विनोद यादव तथा प्राचार्य डाक्टर सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बीए की 640 सीटों पर 890 आवेदन आ चुके हैं जबकि बीकाम की 160 सीटों पर 93 आवेदन प्राप्त हुए, बीएससी मेडिकल की 80 सीटों पर 115 आवेदन प्राप्त हुए जबकि बीएसई फिजिकल साइंसेज के 320 सीटों पर 310 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय कनीना क्षेत्र में दो कालेज हैं जहां लड़कों का कनीना में तथा लड़कियों का कालेज उन्हाणी में स्थित है। दोनों में ही आवेदन प्रक्रिया अभी जारी है।
उधर उन्हाणी महिला कालेज के प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने बताया कि उनके यहां 360 सीटों पर 347 आवेदन मिले हैं जिनमें बीए की 240 सीटें हैं जिन पर 223 आवेदन मिले हैं जबकि बीकाम की 40 सीटों पर 30 आवेदन मिले हैं। बीएससी की 80 सीटों पर 94 आवेदन मिले हैं।
फोटो कैप्शन 04: उन्हाणी महिला कालेज का नजारा।
7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन
- 26 जून को होगा हवन यज्ञ व विशाल भंडारे का आयोजन
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कनीना की आवाज। कनीना में अटेली रोड पर स्थित भारद्वाज कैनाल फार्म हॉउस में जारी श्रीमद्भागवत अनुष्ठान के सातवें दिन की पूजा, अर्चना, जप एवं कथा वाचन के साथ समापन किया गया। अनुष्ठान की शास्त्रोक्त प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए सर्वप्रथम आचार्य निमेष के. जोशी के नेतृत्व में विप्रमंडल ने अनुष्ठान के मुख्य यजमान जिला न्यायाधीश रुपेश शर्मा से सर्वजीव कल्याणार्थ सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना कराई। कथा वाचन अपराह्न 2:30 बजे शुरू हुआ। जिस में कथा वाचक निमेष के. जोशी ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तों को श्रीमदभागवत कथा की महिमा बताई।
कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया। मां देवकी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मा देवकी को वापस देना सुभद्रा हरण का आख्यान कहना एवं सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र सखा से सुदामा मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढऩे लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। वहीं कथावाचक ने लोगों से भक्ति मार्ग से जुडऩे और सत्कर्म करने को कहा। अधिवक्ता राजेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को सुबह हवन यज्ञ करके भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान केदारमल, नंदकिशोर शर्मा पूर्व प्राचार्य, राधेश्याम शर्मा पूर्व सीएमओ, बजरंग लाल शर्मा, महेंद्र सिंह नारनौल, योगेश तिवारी चेयरमैन, नरेश शास्त्री, राजवीर सिंह इंस्पेक्टर, संतोष, शीला, सुधा, संतरा देवी, बदामी देवी, सुधीर अधिवक्ता, रतनलाल शर्मा लिसान, रेनू शर्मा, डा. अजीत शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: भागवत कथा सुनाते आचार्य निमेष के. जोशी
वर्षों से हो रहा है कई स्थानों पर वर्षा का जल भराव
- प्रशासक जुटा हुआ है प्रयास में
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के कई ऐसे स्थान है जहां पर वर्षों से वर्षा का जल हर वर्ष जमा हो जाता है। समस्या बड़ी विकराल बन जाती है। कुछ स्थानों पर कनीना प्रशासक द्वारा प्रयास किया जा रहे हैं जबकि कुछ स्थानों पर अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।
कनीना के दो प्रमुख जोहड़ होलीवाला और कालरवाली के मार्गों पर हमेशा ही पानी भरता आया है। जब भी वर्षा होती है तो यहां दोनों स्थानों पर भारी मात्रा में गलियों में पानी जमा हो जाता है। ग्रामीण आंदोलन पर उतारू हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त मोलडऩाथ आश्रम ,भैया वाला मार्ग वार्ड नंबर 1, 12 और 13 में कई स्थानों पर जल का भराव हो जाता है।
कनीना -रेवाड़ी-कोसली तिराहे पर सदा ही जल का भराव होता रहा है। जल भराव के कारण वर्ष से भारी परेशानी आती रही हैं। कनीना मंडी से गुजरने वाली रामपुरी डिस्ट्रीब्यूटर के साथ-साथ थान सिंह डेयरी के पास भारी मात्रा में जल भराव हो जाता है। लोग कनीना मंडी का छोटा मार्ग समझ कर इसी रास्ते से गुजरते हैं और अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस वर्ष भी यहां जल भराव की भारी संभावना बन गई है क्योंकि गहरे गहरे गड्ढे बन गए हैं जिनमें पानी का ठहराव निश्चित रूप से होगा। यदि प्रशासक कनीना एसडीएम की ओर से कुछ स्थानों पर बेहतरीन प्रयास किया जा रहे हैं जबकि कुछ स्थानों पर अभी तक कोई प्रयास नहीं किया जा रहे हैं। कनीना कोसली और रेवाड़ी तिराहे को वर्षों से जर्जर हालत के कारण जल का भराव होता रहा है परंतु यह तिराहा पक्का निर्मित कर दिया गया है। हो सकता है कि यहां जल का भराव इस बार कम हो पाए। पर जब भारी-वर्षा होती है तो पास के जोहड़ का जल सड़कों पर फैल जाता है। पशु अस्पताल के पास हर वर्ष भारी गंदा जल वर्षा के समय जमा हो जाता है। कनीना के उप मंडल उप-नागरिक अस्पताल के पास भी जल भराव की हमेशा समस्या देखने को मिलती है। ऐसा ही नहीं होलीवाला जोहड़ हमेशा ओवरफ्लो हो जाता है जिसके कारण आसपास लंबे समय तक लोग गंदे पानी से जूझते रहते है। इस बार अभी मानसून सिर पर है परंतु कुछ जगह प्रयास किया जा रहे हैं जबकि कुछ जगह कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
होली वाला जोड़ के विषय में पंकज कुमार एडवोकेट बताते हैं कि प्रशासक कनीना तथा सचिव नगर पालिका कनीना से बात की है उन्होंने जल्द ही इस होलीवाला जोड़ की सफाई करने की बात कही है। यदि सफाई करवा दी जाएगी तो हो सकता है यहां जल का भराव न हो पाए। इसी प्रकार कालरवाली जोहड़ पर निश्चित रूप से जल का भराव होगा क्योंकि गंदे नाले तो साफ कर दिए गए हैं।
सुमेर सिंह कनीना वासी बताते कि उनके घर के पास वार्ड नंबर एक, 12 और 13 की गलियां वर्षा के समय जलमग्न हो जाती है। इस बार भैया वाला पार्क के पास गंदे नालों की सफाई तो कर दी गई है जिसके कारण समस्त कनीना मंडी और दूर दराज का गंदा जल कालरवाली जोहड़ में आकर जमा होगा किंतु कालरवाली जोहड़ की अभी तक कोई सफाई नहीं की गई है जिसके चलते एक बार फिर से गंदा जल सड़कों पर फैलने की संभावना बन गई है।
भरपूर सिंह बताते हैं कि उधर रामपुरी नहर जो कनीना मंडी से रेवाड़ी सड़क मार्ग को काटती है। थान सिंह डेरी के पास गड्ढे बनते जा रहे हैं। हर वर्ष यहां पर भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता है। इस पगडंडी की अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है बल्कि सैकड़ों ट्रैक्टर मिट्टी उठाकर इधर से लाते हैं जिसके कारण यह मार्ग और भी गहरा बन गया है। निश्चित रूप से इस मार्ग पर बहुत अधिक पानी जमा होने की संभावना बन गई है। उसी प्रकार गंदे नालों की सफाई करने का कार्य जारी है।
समयपाल सिंह सचिव नगर पालिका से बात हुई उन्होंने का टेंडर लगाये जा चुके हैं और दोनों जोहड़ों की सफाई का कार्य जल्द ही करवा दिया जाएगा जिससे वर्षों से गंदे पानी भराव की समस्या थी वह इस बार हल हो जाएगी। गंदे नालों की सफाई करवा दी गई है।
फोटो कैप्शन 01 से 05: वर्षों से जल भराव होते आ रहे स्थल
साथ में भरपूर सिंह, सुमेर सिंह तथा पंकज एडवोकेट
85 वर्ष पुराने कनीना खास रेलवे स्टेशन पर
नहीं रुकती अधिकांश ट्रेन
-- सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल होते हुए भी यहां का रेलवे स्टेशन महज नाम का ही रह गया है। अधिकांश ट्रेन ठहराव नहीं करती हैं।
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 में निर्मित किया गया था किंतु यहां फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेन नहीं रुकती, महज एक फास्ट तथा पैसेंजर ट्रेनों से ही गुजारा करना पड़ता है। रेवाड़ी से महेंद्रगढ़ के बीच 18 ट्रेन चलती हैं जिनमें से कनीना को महज 7 ट्रेन पैसेंजर नसीब होती हैं जबकि कनीना खास रेवाड़ी से 34 किमी तथा महेंद्रगढ़ से 17 किमी दूरी पर स्थित है। रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों के बीच में स्थित है कनीना खास रेलवे स्टेशन। अगर कोई चरखी दादरी, रोहतक ,अटेली एवं नारनौल आदि की ओर जाना चाहे तो नहीं जा सकता क्योंकि यह ट्रेन केवल महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी की और देर शाम तक ही चलती हैं। तत्पश्चात सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है।
कनीना के रेलयात्री रविंद्र बंसल, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र शर्मा, महेश कुमार आदि ने बताया कि ट्रेन की कोई बेहतर सुविधा नहीं है। बार-बार आंदोलन किए गए ज्ञापन भी उच्च अधिकारियों को भेजे लेकिन का नीना खास रेलवे स्टेशन जो अहीरवाल एवं सैनिकों को गढ़ है किंतु यहां कोई ट्रेन सुविधा उपलब्ध नहीं है। फास्ट और सुपरफास्ट ट्रेन यहां ठहराव किए बगैर आगे निकल जाती है। यदि यहां एक मिनट का ठहराव कर लिए दिया जाए तो न केवल रेलवे को लाभ मिलेगा अपितु सैनिकों और यात्रियों को भारी लाभ मिल सकता है। वैसे भी कनीना उपमंडल हैं जहां से ट्रेन उपलब्ध होनी चाहिए, हर फास्ट ट्रेन रुकनी चाहिए ताकि लोगों को लाभ मिल सके। जब तक कनीना खास रेलवे स्टेशन मीटर गेज था सभी ट्रेन ठहराव करती थी किंतु जब से ब्राड गेज बना है कोई फास्ट या सुपरफास्ट ट्रेन ठहराव नहीं करती है।
उल्लेखनीय की कनीना एक और जहां रेवाड़ी, रोहतक ,चरखी दादरी, नारनौल, अटेली एवं महेंद्रगढ़ आदि शहरों से जुड़ा हुआ है और उनके बीच में स्थित है किंतु यहां कोई ट्रेन और बस सेवा उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते कनीना वासी बेहद परेशान हैं। कनीनावासी बार-बार मांग कर रहे हैं कि अलवर से चरखी दादरी वाया कनीना जो रेल मार्ग प्रस्तावित है उसे अभिलंब बनाया जाए यही नहीं कोसली से कनीना भी रेलवे लाइन प्रस्तावित है उसको बनाया जाए ताकि कनीना एक जंक्शन बन सके और यहां ट्रेनों का ठहरा हो सके। सभी की नजरें जंक्शन बनने पर टिकी हुई है। उधर कनीना के बस स्टैंड से रात्रि कालीन सेवाएं चलती थी किंतु आपके सभी सेवाएं बंद है। कभी चंडीगढ़, दिल्ली एवं बीकानेर आदि के लिए रात्रि कालीन सेवाएं उपलब्ध थी। ऐसे में लोगों की मांग है की रात्रिकालीन बस सेवाएं शुरू की जाए और कनीना में सभी ट्रेनों का ठहराव किया जाए।
क्या कहते हैं यहां के लोग-
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 से पहले का बना हुआ है और उपमंडल का दर्जा होते हुए भी ट्रेन की सुविधाओं से दूर है। विभिन्न अधिकारी, व्यापारी, दैनिक यात्री, भारी संख्या में दिल्ली चंडीगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर आदि स्थानों पर जाते हैं किंतु उनके लिए कोई ट्रेन सुविधा नहीं है। उन्हें ट्रेन पकडऩे के लिए भी कम से कम 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। ऐसे में कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की सुविधा दी जाए।
---गणेश अग्रवाल
कनीना कस्बे के भारी संख्या में दैनिक यात्री, नौकरी, रोजगार के लिए तथा अधिकारियों को दिल्ली तथा दूरदराज जाना पड़ता है। किंतु उनके लिए ट्रेन की सुविधा नहीं है। ट्रेन पकडऩे के लिए भी उन्हें 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। नौकरी,साक्षात्कार वगैरह के लिए उन्हें रात को भी जाना पड़ता है। ऐसे में उनको बड़ी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सभी ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए। रात्रिकालीन बस सेवा उपलब्ध कराई जाए।
---योगेश अग्रवाल
कनीना में कम से कम 1000 दुकाने है जिनसे सैकड़ों दुकानदार प्रतिदिन सामान लेने के लिए भी दूरदराज आने को मजबूर है। कनीना खास रेलवे स्टेशन से उनको कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में उनकी मांग है कि कनीना की हर प्रकार से जायज मांगे, सभी फास्ट ट्रेन, सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव तुरंत पूरी की जाए। उन्होंने उनका कहना है कि बार-बार आंदोलन कर चुके हैं और उनके आंदोलन को इसलिए रुकवा दिया जाता है कि जल्दी ट्रेन का जल्द ही ठहराव करेंगे किंतु ट्रेनों का ठहराव नहीं किया जा रहा है। रात्रि सेवा बस लगाई जाएं।
-मुकेश नंबरदार
क्या कहते हैं विधायक-
अटेली विधायक सीताराम का कहना है कि उन तक जब भी कोई मांग रखेगा तो वे सांसद से कहेंगे तथा ट्रेन रुकवाने का प्रयास करेंगे। अभी तक उनके पास कोई मांग किसी ने नहीं सौंपी है।
-विधायक सीताराम अटेली
फोटो कैप्शन 03: कनीना खास रेलवे स्टेशन
साथ में रविंद्र बंसल, गणेश अग्रवाल एवं मुकेश नंबरदार एवं एमएलए सीताराम यादव
कचरों/फूटों के लिए भी भावांतर भरपाई योजना हो लागू
-किसान कचरे उगाकर पछताए
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कनीना की आवाज। कनीना के वार्ड नंबर एक निवासी योगेश एवं रोहित कुमार इस बार गर्मियों के मौसम में करीब 2 एकड़ में कचरा उगाकर पछता रहे हैं। आम भाषा में कचरे को ग्रामीण लोग फूट नाम से जानते हैं। बाजार में इनकी कोई मांग नहीं है जिसके चलते किसान आसपास के लोगों को मुफ्त में बांटकर खुश हो रहे हैं।
योगेश कुमार एवं रोहित कुमार ने बताया कि पीपल वाली बणी के पार उन्होंने दो एकड़ जमीन पर इस बार हजारों रुपये खर्च करके कचरे की खेती की। यह सोचकर कि कचरे की मांग अच्छी होगी अगर 5 रुपये किलो भी खेत से कोई खरीददार ले जाएगा तो हो सकता है कि कुछ लाभ मिलेगा किंतु हुआ उल्टा। जब से कचरे की पैदावार हुई है कचरों की कोई मांग नहीं है। जहां कचरे की तुड़वाकर बोरों में भरकर दुकानों पर घूमते हैं तो एक या दो दुकानदार या सब्जी विक्रेता उनके फूट ले लेता है वरना हाथ खड़े कर देते हैं। बाहरी मात्रा में कचरा पैदा होने से किसान ने घर पर ही आने वाले लोगों को कचरे मुफ्त में देने शुरू कर दिए हैं। मुफ्त में कचरे देने पर भी आसपास के लोगों ने अब किसान के घर के पास से गुजरना बंद कर दिया है क्योंकि इधर से गुजरते समय कचरे मुफ्त में कचरे मुफ्त में मिलने का डर सताता है। ऐसे में किसान ने प्रशासन, सरकार और हार्टिकल्चर विभाग से मांग है कि कचरो को भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया जाए। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया है ताकि उनके कचरो की भरपाई हो सके।
बहरहाल 2 एकड़ में किसान कचरा उगाकर पानी दे रहा है, वहीं परेशानी भी झेल रहा है। इसकी तुड़ाई, भराई और बाजार तक पहुंचने में भी अतिरिक्त खर्च हो रहा है किंतु मांग बिल्कुल भी नहीं है।
क्या कहते हैं डीएचओ मंदीप कुमार--
मंदीप डीएचओ रेवाड़ी ने बताया कचरो को भावांतर भरपाई योजना के तहत सरकार ने शामिल नहीं किया है जिसके चलते कचरा अधिक समय भी नहीं ठहर पाएगा। वैसे भी नरम होने के कारण तुरंत फट जाते हैं। वर्षा का जल और फव्वारा जल गिरने पर पके हुए फल फट जाते हैं और फटने के बाद कचरा किसी काम का नहीं रहता। उन्होंने बताया कि एक ही इलाज है कि कचरो से अपनी रेहड़ी भरकर बाजार में बेचा जाए तो हो सकता कचरो को कोई खरीद ले।
क्या कहते हैं किसान-
इस बार दो एकड़ पर कचरी/कचरा/फूट उगा दिये किंतु कोई खरीददार नहीं है। कनीना की सब्जी मंडी अभी शुरू नहीं हुई है जिसके कारण कृषि में बदलाव करने की चाहत रखने वाले किसान मायूस हैं।
--योगेश कुमार
कनीना के लिए चेलावास में सब्जी मंडी को अविलंब शुरू करवाया जाए ताकि किसान सब्जी उगाकर अपनी सब्जी वहां बेच सके। अभी तक सब्जी मंडी 20 किमी दूर महेंद्रगढ़ या फिर 35 किमी दूर रेवाड़ी में स्थित हैं जहां तक सब्जी ले जाने का भारी खर्चा आता है।
---रोहित कुमार किसान
क्या कहते हैं मंडी सुपरवाइजर-
कनीना मंडी सुपरवाइजर सतीश कुमार ने बताया कि चेलावास सब्जी मंडी अभी शुरू नहीं होगी क्योंकि अभी तक तीन दुकान एवं दो बूथों की बिक्री हुई है जो अभी बनाएंगे तत्पश्चात ही सब्जी मंडी शुरू हो पाएगी और सब्जी बिकेगी।
फोटो कैप्शन 2: किसान बेहतरीन कचरा दिखाते हुए
साथ में योगेश कुमार एवं रोहित कुमार
समस्या बने हुए हैं कनीना में बंदर
-आए दिन काट लेते हैं
लोगों को
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र के लोगों के लिए बंदर परेशानी का कारण बनती जा रही है। आए दिन दो तीन लोगों को कनीना कस्बा में काट जाते हैं।
बंदरों से लोगों का जीना हुआ मुश्किल
कस्बे में बंदरों का आतंक छाया हुआ है जिसके कारण महिला एवं पुरुषों का गलियों से निकलना दूभर हो रहा है। जब किसी काम से गलियों में निकालना पड़ता है तो वहां पहले से घात लगाए बैठे यह खूंखार बंदर उन पर झपटते हैं और उनके हाथ में जो समान है उसको छीन ले जाते हैं। पीडि़त कस्बा वासियों का यह भी कहना है कि ये बंदर गली में ही नहीं घरों में भी आज धमकते हैं और वहां घर में रखें दूध एवं फल व अन्य खाने के सामान को उठा ले जाते हैं और जब कोई इनको भगाता है तो वह उसको काट लेते हैं। जिसके कारण गलियों से निकलना ही नहीं घरों में रहना भी मुश्किल हो रहा है। ये बंदर एक दो चार नहीं बल्कि हजारों की तादाद में यहां पर है जिसके कारण कस्बे में रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। कनीना में करीब 500 बंदर हैं तथा आए दिन दो या तीन लोगों को काट खाते हैं। कनीना कस्बा से महज एक बार बंदरों को पकड़वाकर दूर छुड़वाया था किंतु विगत दस वर्षों से कोई बंदर नहीं पकड़वाया गया है।
कनीना के रघुबीर सिंह एवं ममता को विगत दो दिनों में बंदरों ने काट खाया है। रघुबीर सिंह ने बताया कि वे टहलने गये थे कि बंदरों ने काट खाया। वे इसका इलाज करवा रहे हैं।
क्या कहते हैं जेई एमसी कनीना-
जयबीर सिंह जेई नगरपालिका कनीना ने बताया कि बंदरों की समस्या के बारे में सूचना आई हुई है। वे जल्द ही इसके लिए टेंडर छोड़ेंगे ताकि बंदरों से निजात पाया जा सके।
फोटो कैप्शन 02: कस्बे की गलियों में बैठे बंदर
साथ में जेई नपा कनीना।
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