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Monday, June 17, 2024




गर्मी का कहर
- भडफ़ बस स्टैंड पर लगाई मीठे पानी की छबील
-ताप पहुंचा 47 डिग्री
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कनीना की आवाज। एक ओर क्षेत्र में गर्मी पूरे चरम पर है। तापमान 47 डिग्री पहुंच चुका है वहीं गर्मी में पेयजल की समस्या होने लगी है किंतु सड़कों पर मीठे पानी की कोई कमी नहीं है। जगह जगह मीठे पानी की छबील लगाई जा रही हैं तथा युवा वर्ग आमजन की सेवा कर रहा है।
 सोमवार को उप मंडल के गांव भडफ़ बस स्टैंड पर युवाओं ने मीठे पानी की छबील लगाई। ग्रामीणों ने बताया कि चिलचिलाती गर्मी के कारण आम आदमी परेशान हो गया है और अभी बारिश के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं। लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। सड़कों से गुजरने वाले लोगों के लिए भी ठंडा पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में भडफ़ गांव के युवाओं ने मिठे पानी की छबील लगाई है। उन्होंने बताया कि यह युवाओं की टोली हर वर्ष मीठे पानी की छबील लगती है। इस दौरान कपिल सुरेंद्र,  सुदर्शन, बिजेंदर, वीरेंद्र, पंकज, रवि, राहुल, सूरज , हिमांशु, अखिलेश , वीरू सहित अन्य युवा मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06: बस स्टैंड पर मीठा पानी पिलाते हुए युवा






गलियों में भैंस बांधने से बढ़ रही है समस्याएं
-कोटिया में सरपंच को की शिकायत
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कनीना की आवाज। यूं तो कनीना  कस्बे की विभिन्न गलियों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी गलियों में भैंस बांधने का सिलसिला जारी है। अगर रोका टोकी की गई तो मापीट पर उतारू हो जाते हैं।  भैंसों को आम रास्तों में बांध दिया जाता है आने जाने वाले लोगों पर मल मूत्र छिड़कती रहती हैं। आवागमन प्रभावित होता है। कनीना के विभिन्न गलियों में तो लोग अपनी भैंसों को सरेआम पानी से नहलाते हैं और गंदा पानी सड़कों पर फैलता रहता है। गंदे पर कई जन फिसल कर गिर पड़ते हैं। शिकायत करना चाहे तो मारपीट पर उताऊ हो जाते हैं।
 कोटिया के छोटू राम ने कोटिया के सरपंच को शिकायत की है कि उनकी गली में भैंस बांधी जाती है। मना करने पर झगड़ा करते हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि भैंस बांधने का सिलसिला बंद नहीं हुआ तो वह मजबूरन कोर्ट का सहारा लेंगे। कनीना कस्बे ही नहीं विभिन्न गांवों की गलियों में भैंस बांधने का सिलसिला बंद करवाने की गुहार लगाई है ताकि आवागमन प्रभावित न हो। कुछ संकीर्ण गलियों में भैंस बांधने की कार्रवाई अधिक अपनाई जाती है। एक और जहां भैंस बांधते हैं वहीं फिर वह आने जाने वालों को ही आंखें दिखाते हैं।
फोटो कैप्शन 5: कोटिया की गली में बांधी गई भैंस जिसकी शिकायत सरपंच तक की गई है।







 वर्षा जल संरक्षण पर काम कर रहे हैं दर्जनभर लोग
-संरक्षित जल से तैयार करते हैं फल एवं सब्जियां एवं फसलें  
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कनीना की आवाज। मोड़ी गांव के करीब एक दर्जन लोग वर्षा का जल न केवल फसलों की सिंचाई में काम ले रहे हैं अपितु वाटर रिचार्ज भी करके जनहित में लगे हुए है। घर से निकलने वाले गंदे जल को भी वे वाटर रिचार्ज एवं फसल उगाने में काम में ले रहे हैं।
  कृषि विभाग के एक अधिकारी ने यह सलाह उन्हें दी और पानी की बचत करने की सलाह लेकर न केवल घरों का गंदा जल रिचार्ज करने का मन बनाया अपितु वर्षा का समस्त छतों का जल सिंचाई के काम में लेने तथा उसे स्टोर करने का मन बनाया। सतीश कुमार जो मुख्याध्यापक के पद से सेवानिवृृत्त है की करीब चार वर्षों पूर्व कृषि अधिकारी से भेंट हुई थी जिन्होंने बताया कि पानी का दोहन यूं ही होता रहा तो आने वाले समय में पानी की भयंकर किल्लत खड़ी हो जाएगी। इसके लिए उन्होंने वर्षा जल संरक्षण एवं उस जल से सिंचाई करने तथा घरों से निकलने वाले गंदे जल से भूमिगत जल को रिचार्ज करने की सलाह दी। यह सलाह इतनी अधिक प्रभावित कर गई कि दो तीन परिवार के लोगों ने अविलंब छतों का जल इकट्ठा करने की योजना बनाई ।
समस्त लोगों ने अपनी छतों से बारिश का बहने वाला जल धरती तक पाइपों से लाकर दो कुंडों में छोड़ रखा है जो सिंचाई के काम आता है वहीं घरों का समस्त गंदा जल नालियों द्वारा एक वाटर रिचार्ज बोर में जाकर गिरता है जिससे भूमिगत जल रिचार्ज हो रहा है। बारिश में उनका होद भर जाता है तो मोटर लगाकर इसे खाली कर लेते हैं और जल का उपयोग फसलों में किया जाता है।
उनका कहना है कि सभी लोग इस विधि का उपयोग करे तो वो दिन दूर नहीं जब भूमिगत जल की समस्या नहीं बनेगी।
  दक्षिणी हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ में पानी की कमी होती जा रही है। विशेषकर भूमिगत जल कम से कम होता जा रहा है। नारनौल एवं नांगल चौधरी क्षेत्रों में जल इतना कम हो चला है कि डार्क जोन घोषित कर दिया गया है। कनीना क्षेत्र में किसानों का कहना है कि प्रतिवर्ष भूमिगत जल दस फुट नीचे जा रहा है। इस समस्या को कम करने के लिए किसान सतीश कुमार ने अपने पूरे आस पास के क्षेत्र में जल संरक्षण, जल रिचार्ज, वर्षा का जल संरक्षण करके न केवल सिंचाई के लिए अपितु पेड़ पौधों के लिए पानी का प्रयोग करना सीखा रहे हैं।
  वर्षा जल का उपयोग कृषि कार्यों में किया जा रहा है वहीं अधिक जल होने पर रिचार्ज बोर में पहुंचा दिया जाता है जिससे भूमिगत जल की आपूर्ति हो रही है। वे अब दूसरों के लिए उदाहरण तो बने हैं किंतु स्वयं भी लोगों को जल संरक्षण की सलाह गोष्ठियों में दे रहे हैं।
  आज उनकी उनके पदचिह्नों पर चलकर वर्षा का जल, घरों का गंदा जल इक_ा करके भूमिगत जल का संरक्षण करने व रिचार्ज करने की योजना पर अमल किया।  क्या कहते हैं जल संरक्षण के वर्कर--
सभी घरों की छतों से पाइप अपने-अपने खर्चे पर लगाकर एक बड़े नालेे में डालकर उस जल को दो कुंडों तक ले जाया गया। इन दो कुंडों का निर्माण करीब साठ हजार रुपये की लागत से हो गया जिसमें एक बोर भी करवाना पड़ा है। सारा वर्षा का पानी एवं घरों से निकलने वाला गंदा जल भी इन्हीं कुंडों में चला जाता है। कुछ को भूमि शोख लेती है तो कुछ को पाइपों द्वारा खेतों तक ले जाया गया है। अधिक पानी रिचार्ज बोर से भूमि में चला जाता है।
  ---सतीश कुमार पूर्व मुख्याध्यापक
इस रिचार्ज बोर से कई लाभ प्राप्त हुए हैं। इस बोर के पास ही एक डीप बोर करवाया गया जिसका पानी अधिक ऊंचाई पर होने के अलावा अन्य ट्यूबवेलों की अपेक्षा अलग ही प्रकृति का है। कुंडों का जल पौधों एवं सब्जी के लिए भी उत्तम है। यही कारण है कि वे लगाए जाने वाले पौधों में वर्षा का स्टोर किया हुआ जल ही प्रयोग करते हैं।
--प्राची, मोड़ी
इससे पौधों की बढ़ोतरी अधिक होती है।  किसान गजराज के इस रिचार्ज बोर से करीब एक हजार लीटर जल प्रतिदिन भूमि में चला जाता है। सभी ढाणी के किसानों ने अपने घरों की छतों को साफ करवा रखा है जिसके चलते वर्षा का समस्त जल पाइपों से होकर कुंडों में चला जाता है जो या तो फसल के काम आता है या फिर रिचार्ज बोर से जल संरक्षण का कारण बनता है।
---कर्ण सिंह मोड़ी
वे हर घर एवं हर किसान को इस विधि से जल का संरक्षण करना चाहिए ताकि पानी की कमी एवं अनावश्यक खर्च को बचाया जा सके। किसान उनकी योजना से प्रसन्न हैं।
---प्रियांशु मोड़ी
फोटो कैप्शन 03, 04: किसान सतीश कुमार साथ में प्राची, करण सिंह, प्रियांशु





बाक्सिंग एवं कुश्ती की ट्रायल 19 जून  को
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कनीना की आवाज। 19 जून को एसडी विद्यालय ककराला में बाक्सिंग लड़के एवं लड़कियों एवं कुश्ती केवल लड़कियों की ट्रायल होनी है। बाक्सिंग  एवं कुश्ती में रुचि रखने वाले  8 वर्ष से 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले  सकेंगे। खिलाडिय़ों को मूल आधार कार्ड  ,फैमिली आईडी ,जन्म प्रमाण पत्र व दो रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो के साथ प्रात: 6:30 बजे ए.डी विद्यालय ककराला की खेल नर्सरी में उपस्थित होना है।
  विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि यह  पूरे क्षेत्र के लिए प्रसन्नता का विषय है कि हरियाणा सरकार द्वारा एसडी विद्यालय को बाक्सिंग  एवं कुश्ती के लिए  खेल  नर्सरी आवंटित  की गई है जिसमें खिलाडिय़ों को  अधिक कुशलता के साथ तैयार किया जाएगा । प्रत्येक  विद्यार्थी के जीवन में  खेलों का बहुत महत्व होता है क्योंकि इससे  मांसपेशियां  मजबूत बनने के साथ-साथ खिलाड़ी में संयम एवं सहयोग की भावना भी विकसित होती है।






शुक्र तारे के अस्त होने पर नहीं होती विवाह शादियां
-- 30 जून के बाद ही होंगी विवाह शादियां
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कनीना की आवाज। ज्योतिष आचार्य पंडित ऋषि राज शर्मा ने बताया की  शुक्र ग्रह 30 जून 2024 को रात 09:43 पर उदित होगा 7 हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार सूर्य और शुक्र की युति 18 महीने में 2 बार होती है। सूर्य अपनी शक्ति से शुक्र को ओझल सा कर देता है। इसी कारण इसे अस्त कहा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को सांसारिक और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। इसलिए शुक्र अस्त होने पर कुछ कामों पर रोक लगा दी जाती है। विशेषकर मांगलिक कार्यों में विराम लग जाता है। क्योंकि जब कोई ग्रह सूर्य के करीब आ जाता है, तो वह ग्रह कमजोर पडऩे लगता है। ऐसे में उस ग्रह के सकारात्मक प्रभाव समाप्त होने लगते हैं। इसी कारण इसे अस्त कहते हैं। शुक्र की बात करें, तो इसे भोर का तारा कहा जाता है। जब ये सूर्य के पास आता है, तो इसकी ऊर्जा काफी कमजोर हो जाती है और दिखाई देना बंद कर देता है। इसी कारण इसे शुक्र कहते  हैं।
शुक्र अस्त होने के बाद विवाह जैसे मांगलिक काम जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाती है। माना जाता है कि शुक्र अस्त के समय विवाह करने से कुछ समय के बाद ही रिश्तों में खटास उत्पन्न हो जाती है। शुक्र के अस्त होने से शादी टूटने तक की नौबत आ जाती है। इतना ही जीवनसाथी की तरक्की और सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए शुक्र अस्त होने पर विवाह करने की मनाही होती है।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा।





59000 रुपये ठगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। नौताना के सुरेंद्र कुमार खाते से अज्ञात व्यक्ति ने करीब 59 हजार रुपये की ठगी कर ली। उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया। उन्होंने कहा है कि मैं अजीत सीड्स कंपनी में काम करता हूं और 10 मई को उनके फोन पर एक अनजान फोन काल आई और अपने आप को बैंक कर्मचारी बताया। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक का क्रेडिट कार्ड बनवाया था उसे चालू करवाने के संबंध में जानकारी दे रहा हूं।  उसने एक लिंक भेजा और ओटीपी भेजा। उससे मुझे लिंक क्लिक करने को कहा लिंक को क्लिक किया, ओटीपी बताएं तो जिससे खाते से तीन बार में 59294 ऱपये का फ्राड हो गया। कनीना पुलिस में गत दिवस अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज कर लिया है।  धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।





कर्मी नहीं लौटा घर पर, गुमशुदगी का मामला दर्ज।
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कनीना की आवाज। बेवल निवासी नरसिंह ने अपने लड़के का गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाते हुए पुलिस में कहा है कि उसका लड़का रविंद्र हरियाणा राज्य परिवहन नारनौल में मैकेनिकल हेल्पर के पद पर कार्यरत है। जून को ड्यूटी पर घर से गया था, वापस नहीं आया। फोन भी बंद है, सभी जगह उसकी तलाश की गई किंतु नहीं मिला। आखिरकार गत दिवस दौंगड़ा अहीर चौकी में नरसिंह ने अपने पुत्र के गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा दिया है।





संगीत में योग शिविर में  वेदपाल शास्त्री ने थायराइड पर किया व्याख्यान
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव रसूलपुर में संगीतमय योग शिविर के दूसरे दिन पूर्व सरपंच नवीन कुमार ने दीप प्रज्वलित किया। संगीत में योग शिविर में वेदपाल शास्त्री ने जहां ध्यान, मेडिटेशन, दंड बैठक आसन, प्राणायाम आदि पर ध्यान दिया। उन्होंने सबसे अधिक ध्यान थायराइड पर दिया। उनका कहना तक थायराइड एक ग्रंथि है जो सही ढंग से काम नहीं करें तो कई रोगों का शिकार होना पड़ता है। अक्सर लोग चिड़चिड़ा स्वभाव, ज्यादा पसीना आना, घबराहट, दिल की धड़कन का बढऩा, अनिद्रा, भूख ज्यादा लगा, मांसपेशियों में कमजोरी आदि लक्षण होते हैं। यदि थायराइड का समय पर इलाज नहीं हो तो डिप्रेशन, पसीना कम आना,धड़कन की गति का धीमा होना, बालों का ज्यादा झडऩा, थकान का महसूस होना, ज्वाइंट पेन,  दस्त, कमजोरी होना प्रमुख पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि योग एक ऐसी क्रिया है जिसके जरिए थायराइड का इलाज घर बैठे संभव है। यदि नियमित रूप से योगाभ्यास करें तो थायराइड जैसी समस्या नहीं आती है। उन्होंने कहा कि योग साधना ही थायराइड में कारगर इलाज है।  अक्सर लोग शुगर, बीपी, थायराइड, ज्यादा वजन, जी घबराता सिर दर्द, पेट दर्द के मरीज मिलते हैं। ऐसे में उनका योग पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेष कर संगीतमय योग साधना से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उन्होंने इस मौके पर सतीश आर्य, आर्य समाज रसूलपुर में बताया कि इस कार्यक्रम का 20 जून को समापन होगा इस कैंप में भारी संख्या में बच्चे बूढ़े और महिलाएं भाग ले रही है। उन्होंने कहा कि सुबह जल्दी योग शुरू हो जाता है और इसी शिविर का लोग लाभ उठा रहे हैं।
 फोटो कैप्शन दो: योग करवाते वेदपाल शास्त्री






 कनीना क्षेत्र में कई जगह लगी मीठे पानी की छबीलें
-निर्जला एकादशी मंगलवार को
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में कई जगह लगी मीठे पानी की छबीलें लगाई गई। सबसे अधिक जल पिलाने का काम निर्जला एकादशी को किया जाएगा। कुछ जगह सोमवार को भी एकादशी मनाई तथा मंगलवार को भी एकादशी रहेगी।
गर्मी अधिक होने के कारण पानी की प्यास बहुत लगती है। अध्यक्ष मोहन सिंह की अध्यक्षता में भारत विकास परिषद कनीना द्वारा मंडी नहर रोड़ पर एक ठंडे पानी की छबील का आयोजन किया गया। जिसमें भारत विकास शाखा परिषद कनीना के सचिव राजेश साहब और फौजी जोगेंद्र  द्वारा बनाए गए संगठन के  छात्रों को प्रेरणा देकर इस शुभ कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। सुबह 9 बजे बर्फ ,दूध, और रूहआफजा को मिलाकर कड़ी धूप में आने जाने वाले लोगों को रोक-रोक कर 40/50 बच्चों ने बड़े प्रेम से पानी पिलाया। आने जाने वाले पानी पीकर बच्चों को अधिक से अधिक पढऩे और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशीर्वाद दे रहे थे। जिससे पानी पिलाने वाले बच्चे भी बहुत प्रसन्न हो रहे थे । कंवर सैन वशिष्ठ ने बताया कि भारतीय संस्कृति में समय-समय पर मौसम के अनुसार भलाई के कार्यक्रम करने की प्रेरणा दी गई है। पूर्व शाखा अध्यक्ष मोहन सिंह यादव ने इसे सामूहिक भलाई की प्रेरणा जागरूक होती है और आपस में मेल मिलाप बढ़ता है। समाज में लोग ऐसे कार्य को देखकर खुश होते हैं। भारत विकास परिषद समय-समय सामाजिक कार्य करती रहती है। इस मौके पर भारत विकास परिषद शाखा कनीना के संरक्षक कंवर सेन वशिष्ठ ,पूर्व शाखा अध्यक्ष मोहन सिंह यादव, सचिव राजेश यादव ,कैशियर डॉक्टर नरेंद्र यादव, धनपत साहब , सुरेश शर्मा, महेश , अनिल सरपंच,अश्मनी, राजकुमार, सतबीर सिंह, रमेश सिंधवानी व जोगेंद्र फौजी के फौजी फिटनेस कम्पनी के सभी बच्चे मौजूद थे।
धनौंदा में लगा भंडारा-
सेवानिवृत्त उपपुलिस अधीक्षक एवं समाजसेवी बनवारी लाल की अगुवाई में आयोजित भंडारे में आस-पास के गांवों के हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। सेवानिवृत्त उप पुलिस अधीक्षक बनवारी लाल ने कहा कि भंडारा हमारी सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इससे समाज में आपसी प्रेम भाईचारा व सौहार्द बढ़ता है। स अवसर पर हवन यज्ञ कर समाज में सुख शांति की कामना की गई।
फोटो कैप्शन 01: धूप में ठंडा मीठा जल पिलाते लोग






भीमसेन एकादशी नाम से




















भी जाना जाता है निर्जला एकादशी को
-18 जून को मनाई जाएगी निर्जला एकादशी
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कनीना की आवाज। निर्जला एकादशी का पर्व पूरे ही देश में मनाया जाएगा। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जगह जगह मीठे पानी की छबीले लगाई जाती हैं वहीं दान किया जाता है। त्योहारों और व्रतों में से एक निर्जला एकादशी भी है। ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी दान पुण्य, विवाह शादी, व्रत रखने, ठंडा-मीठा जल पिलाने के रूप में जाना जाता है।   महाभारत के भीम द्वारा चलाया हुआ तथा महर्षि वेद व्यास द्वारा बताया हुआ निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी नाम से भी जाना जाता है।
निर्जला एकादशी यूं तो प्रचंड गर्मी के दिन आती है तथा दिन भी कुछ लंबा होता है। पानी की चहुं ओर कमी महसूस होती है किंतु इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों में ठंडा मीठा जल सुबह से ही जगह-जगह पिलाना शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है। पानी की कमी का इस दिन आभास ही नहीं होता है। स्त्री व पुरुष सुबह से शाम तक व्रत रख दान पुण्य करते हैं। गांवों में बर्फ, कुलफी, तरबूज, खरबूजा आदि बांटकर जन हर्षित होते हैं और अपने को धन्य समझते हैं। यही कारण है कि इसे मीठली एकादशी नाम से भी जाना जाता है। व्रत रखने की परंपरा अति पुरानी है। इस दिन विवाह-शादियों का जोर रहता है।  
  गांवों में वृद्ध महिलाओं में तो इस व्रत एवं त्योहार का विशेष महत्व होता है। प्रात:काल उठकर स्नानादि करके महिलाएं व्रत धारण करती हैं।  वेद व्यास ने इसका महत्व बताया तो एक दिन भीम ने पूछा-गुरूदेव, में तो बगैर खाए पीए नहीं रह सकता। मेरे लिए व्रत करना तो अति कठिन होगा। मुझे कोई मार्ग सुझाओ ताकि स्वर्ग प्राप्त हो सके। वेद व्यास ने अविलंब कहा-आप एक दिन का व्रत अर्थात निर्जला एकादशी व्रत करके भी स्वर्ग प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि भीमसेन ने भी यह व्रत रखा और तभी से इसे भीमसेन एकादशी नाम से जाना जाता है। भीमसेन द्वारा चलाई गई प्रथा आज भी चली आ रही है।
 इस बार नहीं है अधिक विवाह शादियां -
निर्जला एकादशी के दिन यूं तो हर वर्ष भारी संख्या में शादियां होती किंतु इस बार उत्साह बहुत कम है। शितिकंठा ज्योतिष केंद्र की आचार्य पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि इस वर्ष तारा डूबा हुआ है तथा 30 जून को तारा फिर से उदय होगा, तत्पश्चात कुछ शादियां होंगी। वैसे भी इस बार अधिक गर्मी के चलते शादियां काम है क्योंकि मौसम के अनुसार ही शादियां चलती है। उधर कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद शर्मा ने बताया कि शादियां तो है किंतु बहुत कम है क्योंकि इस बार गर्मी अधिक है तथा तारा भी डूबा हुआ है ।अक्सर लोग तारा उदय होने पर शादियां करते हैं। अधिकांश शादियां नवंबर में होगी किंतु 30 जून के बाद भी  तारा फिर से उदय होगा और शादियां चलेगी।





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