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Tuesday, June 11, 2024


 
पत्रकारिता कल आज और कल
-अनेको बदलाव देखने को मिले हैं पत्रकारिता में
--पत्रकारिता की कद्र घटती ही जा रही है
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कनीना की आवाज।  यूं तो नारद मुनि दुनिया का प्रथम पत्रकार हुआ है जिसने तीनों लोकों में विचरने की क्षमता थी। सदा हितार्थ काम किया और जब तक पीडि़त को न्याय नहीं मिला तब तक निर्भीक काम किया। चाहे लोग नारद को टंट भिड़ाने वाला कहकर पत्रकारिता का मजाक कर रहे हो किंतु उन जैसा पत्रकार न हुआ और न कोई होगा। क्योंकि मैं और मेरे परिवार की सदस्य पत्रकारिता में 1988 से जुड़े रहे हैं। उसे दौर से लेकर आज के दौर तक पत्रकारिता में अनेकों बदलाव हुए और ऐसे बदलाव हुए कि जो खबर 4-5 दिनों में छपती थी वह चंद सेकंड में दूसरों तक पहुंच जाती है। पत्रकारिता जब प्रारंभ की तब कागज एवं पेन की सहायता से समाचार लिखा जाता था और उसे साधारण डाक से संपादक के पास पहुंचाया जाता था। करीब 3 दिन में डाक संपादक तक पहुंचती थी, तत्पश्चात संपादक समाचार को प्रकाशित किया जाता था। कहने को चार दिनों में समाचार प्रकाशित होता था, उस जमाने में पत्रकारिता की बड़ी अहमियत थी।
लोग पत्रकारों को दिलों जान से चाहते थे,  मोबाइल का युग नहीं था और न वीडियो चैटिंग और न ही किसी प्रकार के व्हाट्सएप या फेसबुक के बारे में ज्ञान था अर्थात बहुत सिंपल तरीके से समाचार भेजे जाते थे। पत्रकारों को आदर सहित किसी सभा, सम्मेलन आदि में बुलाया जाता था, बहुत आदर सम्मान किया जाता था। उस जमाने में कागज और पेन ही पत्रकार के पास तलवार का काम करते थे।
 थोड़ा समय बीता तो पत्रकारिता में बदलाव आया, टेलीग्राम द्वारा महत्वपूर्ण समाचार भेजे जाने लगे। डाकघर में मोर्स कुंजी की सहायता से उसके जानने वाले समाचारों को भेजते थे परंतु इस विधि से छोटे समाचार और महत्वपूर्ण समाचार ही पहुंच पाते थे। समाचारपत्र विशेष कर दैनिक ट्रिब्यून एवं दैनिक जागरण पत्रकारों को टेलीग्राम अथारिटी देता था जिसके जरिए विशेष समाचार टेलीग्राम से भेजे जाने लगे। जब टेलीग्राम से आगे बढ़े तत्पश्चात फोन युग में शुरुआत हो गई गई।
  ग्रामीण क्षेत्रों में भी फोन आ गए और फोन के कारण महत्वपूर्ण समाचार विशेष कर दैनिक जागरण में फोन करके समाचार रिकार्डिंग करवाई जाती थी। संदेश रिकार्ड अखबार के कार्यालय में टेपरिकार्डर में समाचार रिकार्ड होता रहता था। अगले स्थान पर संपादक आदि उसे रिकार्डिंग को सुनते और समाचार बनाकर प्रकाशित करने लगे। उस जमाने में फोन करने के अलावा फोन आता था तो भी पैसे लगते थे। फिर फैक्स का प्रचलन हुआ और बढिय़ा-बढिय़ा दर्जे की फैक्स मशीन खरीदनी शुरू हो गई। महत्वपूर्ण संदेश फैक्स से भेजे जाने लगे। दैनिक ट्रिब्यून जैसे समाचार पत्र ने पत्रकारों को फैक्स की अथारिटी भी दी। टाल फ्री जैसा नंबर भी मिलने लगा जिस पर फैक्स भेजने का कोई चार्ज नहीं लगता था।  अब तो फैक्स के जरिए कोई खास समाचार ही भेज सकते थे। बाकी समाचार कोरियर विधि से भेजे जाते थे। कोरियर की भी अच्छी मांग थी, कोरियर लाने व ले जाने वाले प्रतिदिन अनेकों एजेंट बन गये। और समाचार कोरियर के जरिए पहुंचने लगे। समाचार जल्दी समाचारपत्र में प्रकाशित होने लगे।  कुछ और पत्रकारिता और विज्ञान के विकास के चलते मोडम भी दिया गया। कंप्यूटर में माडम किट लगाकर  मोडम फोन से भेजने लगे। समाचार को हाथ से लिखते मोडेम के जरिए भेजो जाने लगा समाचार टाइप करके भी मोडेम के जरिए भेजा जाने लगा, टाइप किया हुआ समाचार अगले स्थान पर मोडम के जरिये पहुंचने लगा। जिसके चलते जिस समाचार के प्रकाशन में तीन-चार दिन लगते थे वह अधिकतम दो दिनों में छपने लगने लग गया।
  समाचार पत्रों के प्रति लोगों में गहन आस्था थी। सुबह से ही समाचारपत्रों को लेकर पूरा दिन पढ़ा जाता था। एक-एक अक्षर भी लोग पढ़ कर प्रसन्नता जाहिर करते थे। क्षेत्र का समाचार आता तो उसे लोग बड़े ही ध्यान से पढऩे लगे। इसके बाद मेल भेजने की प्रथा शुरू हो गई। मेल के जरिए समाचार कुछ ही सेकंड में अगले स्थान पर पहुंच जाने लगे और मेल सिस्टम आज तक चला आ रहा है। आज भी मेल के जरिए समाचार भेजे जाते हैं, जब तक मेल विधि थी तब तक पत्रकारों की अच्छी इज्जत होती थी। किसी सभा स्थल पर या सम्मेलन में पत्रकारों को बुलाया जाता था, आदर सहित मंच पर भी बुलाने की रिवाज थी और उस जमाने तक पत्रकार भी बड़ी मेहनत करके समाचारों को प्रकाशित करवाते थे।
 तत्पश्चात विज्ञान के चमत्कारों के चलते, विज्ञान की प्रगति के चलते वह हालात बन गई कि समाचार पहले लोगों तक पहुंचाते हैं बाद में पत्रकारों तक पहुंचाते हैं, फिर समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं अर्थात व्हाट्सएप एक ऐसा गंदा शब्द आ गया जिसे समाचारों का भ_ा गोल कर दिया। लोग अपनी शान समझते हुए व्हाट्सएप पर समाचार भेज देते हैं, यहां तक कि जो इंसान पत्रकारों को जानते नहीं वह भी व्हाट्सएप भेज देते हैं और यहां तक कि अपनी शान के विरुद्ध समझते हैं कि पत्रकार को सूचित किया जाए कि उन्होंने कोई समाचार भेजा है अर्थात समाचार भेज कर वो समझते हैं कि तुम्हारा समाचार प्रकाशित होगा। वह फोन करना भी उचित नहीं समझते। फोन करना अपनी जान के विरुद्ध समझते हैं और पत्रकारिता में गिरावट के चलते ऐसे समाचारों को बगैर जाने पहचाने कि किसी ने भी भेज दिया उसे सही समझते हुए प्रकाशित कर देते हैं। जब से वीडियो, मेल,  व्हाट्सएप, फेसबुक, चैटिंग न जाने कितने और तरीके चले हैं जिनके जरिए समाचार भेजे जाने लगे हैं। जहां पत्रकार एक या दो मिलते थे वहां वीडियो ग्राफी करने वाले पत्रकारों का एक भारी जमावड़ा बन गया है। जिसे भी देखे हर गली में अपना मोबाइल लेकर पत्रकारिता करने के लिए लोग तैयार बैठे हैं।
जब मोबाइल का जमाना नहीं था तब केवल प्रिंट मीडिया कारगर था। अब तो प्रिंट मीडिया के प्रति लगाव कम होने लगा है। यहां तक कि समाचारों की पीडीएफ भी कुछ पैसे देकर पाठकों को घर बैठे आधी रात के बाद ही मिल जाती है। जिसके चलते वह अपने समाचार देख सकते हैं, पढ़ सकते हैं परंतु हकीकत में पत्रकारिता बहुत गिरावट पर चली गई है। हर गली में मोबाइल के जरिए वीडियो, फोटो आदि बनाकर डालने का प्रथा बन गई है। अब तो फोन में हिंदी में टाइप होता है और हिंदी में टाइप करके समाचार भेजे जाने लगे हैं। जहां एक युग था चाणक्य फांट में ही समाचार भेजे जाते थे, समाचार पत्रों में चाणक्य फोंट चलती थी बाद में कुछ समाचार पत्रों ने कृति देव और आजकल तो देवनागरी, मंगल आदि फान्ट का उपयोग किया जाने लगा है। जिसके चलते अधिकांश लोग तो फान्ट का भी ज्ञान नहीं वह भी फोंट प्रयोग कर रहे हैं। कहने का अर्थ है कि आजकल यूनिकोड हिंदी फान्ट सबसे अधिक प्रचलित है। समाचार पत्र पत्रिकाएं यूनिकोड फान्ट में प्रकाशित होने लगे हैं। वर्तमान में पत्रकारिता के प्रति रुझान घटता ही जा रहा है क्योंकि पत्रकारिता की कोई वैल्यू नहीं रही है। आजकल समाचार पहले ही लोगों के पास आ जाते हैं, इसलिए समाचार पत्रों के प्रति घनिष्ठता घटती ही जा रही है। यदि यही हालत चली तो आने वाले समय में शायद पत्रकार और समाचारपत्र समाप्त हो जाएंगे।
पहले कभी विज्ञापन देने वाले लोगों का तांता लगा रहता था। अब विज्ञापन मांग कर लिए जाते हैं, वह भी कभी कभार मिल पाते हैं क्योंकि समाचार पत्र विज्ञापनों के सहारे चलते हैं, ऐसे में हर अखबार यह शर्त रखता है कि पत्रकार विज्ञापन देगा और विज्ञापन नहीं देगा तो उसे पत्रकार को हटा दिया जाता है परंतु समाचार छपवाने वाले इस बात से अनभिज्ञ होते हैं। वो समझते हैं कि प्रत्येक समाचार जो पत्रकार भेजता है वह प्रकाशित होगा ऐसा कभी नहीं है, केवल उन पत्रकारों के वो समाचार प्रकाशित होते हैं जिनके विज्ञापन होने मिलते हैं, बाकी क्राइम के समाचार तो बगैर किसी विज्ञापन के छपते रहे हैं और छपते रहेंगे, महत्वपूर्ण समाचार भी छपते रहेंगे। कुछ नेता विभिन्न स्कूल संस्थाएं आदि यह चाहते हैं कि उनके समाचार प्रतिदिन अधिक प्रकाशित हो लेकिन जब विज्ञापन की बात चलती है तो कोई विज्ञापन नहीं देते। यही कारण है कि अच्छे ,ईमानदार पत्रकार धीरे-धीरे पत्रकारिता से बाहर हो रहे हैं। पत्रकारों को एक निश्चित मानदेय दिया जाता था, जिसके सहारे वह अपनी रोटी रोजी चला सकते थे परंतु जब पत्रकारों की संख्या बढ़ी पत्रकारों को कोई मानदेय नहीं दिया जाता है। इस लेखक ने स्वयं पत्रकारिता में मानदेय लिया है। ऐसा कोई बड़ा समाचार पत्र नहीं है जिसमें काम नहीं किया हो, हर समाचार पत्र से कुछ पारिश्रमिक मिलता रहा है परंतु जब से कोरोना काल आया है तब से सब कुछ तबाह हो गया। अधिकांश पत्रकारों को तब से कोई मानदेय नहीं मिलता है, केवल कुछ विज्ञापन मिलते हैं उनमें कुछ प्रतिशत ही कमीशन मिलता है। बाकी दिन भर भागदौड़, आंखें खराब करना, परिवार से दूर रहना, समाचारों को इकट्ठा करना, उन्हें टाइप करके भेजना, देर रात तक समाचार इक_े करना, यहां तक की संपादक ,उप संपादक और चीफ रिपोर्ट आदि से फोन आते रहते हैं और समाचार के विषय में पूछताछ की जाती हैं। एक और जहां लोग पत्रकारों की अहमियत घटा रहे हैं वहीं समाचार पत्र भी पत्रकारों की अहमियत को गिरते आ रहे हैं। केवल कुछ तेज तर्रार पत्रकार ही कोई समाचार कार्यालय से लाभ उठा सकता है। सीधे-सादे पत्रकारों को कोई नहीं जनता, न पहचानता, ऐसे में पत्रकारिता में बहुत बदलाव हुआ है। आने वाला समय और भी बुरा हो सकता है।



दसवे स्थापना दिवस पर लगाईं मीठे पाणी छबील
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कनीना की आवाज।
मंगलवार को कनीना में कोचिंग सेंटर में ठंडे मीठे पानी की छबील लगाई गई। जिसमें दर्जनभर सेवादारों ने दिनभर सड़क से गुजरने वाले वाहनों को रोककर ठंडे व मीठा पानी राहगीरों को पिलाया गया। छबील को मंगलवार सुबह से प्रारंभ कर सांय तक लगाया गया। जिसमें दिनभर सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाई गई। आदेश यादव ने कहा कि ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में प्यास से व्याकुल जीव को पानी पिलाना, उसे नया जीवन देने के समान है। एक दशक पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं चौपालों व बैठकों में पूरे ज्येष्ठ माह पुण्य प्राप्ति हेतु मिट्टी के नए घड़ों में पानी भरकर रखती थी,ताकि उन्हें गर्मी में प्यासे को पानी पिलाने का कई गुणा फल प्राप्त हो सके। उन्होने कहा की एकेडमी के दश वर्ष पूरे हों चुके हैं। हर वर्ष इस तरह का आयोजन किया जाता है।
फ़ोटो कैप्शन 06:छबील लगाकर राहगीरों को मीठा पानी पिलाते हुए।



मर्चेन्ट नेवी में नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे ठगने के नाम पर एक गिरफ्तार,
--रिमांड पर लिया
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कनीना की आवाज।
मर्चेन्ट नेवी में नौकरी लगवाने के नाम पर जालसाजी एवं धोखाधड़ी करके योजनाबद्ध तरीके से नौकरी लगवाने के नाम पर रुपये ऐंठकर वापिस न देने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान विशाल वासी मदनहेड़ी थाना बास हिसार के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपित को हिसार क्षेत्र से गिरफ्तार किया और आज न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
शिकायतकर्ता साहिल वासी कनीना ने शिकायत में बताया कि मनीष कुमार और वह आपस में दोस्त है तथा मनोज कुमार उसका मेरा रिश्तेदार है। उनकी मुलाकात विशाल वासी मदनहेडी तहसील हांसी जिला हिसार से हुई, जिसने मर्चेन्ट नेवी में लगवाने के बारे में कहा। विशाल ने उनकी मुलाकात मोहित वासी खानपुर खुर्द तहसील मातनहेल जिला झज्जर हाल आबाद चरखी दादरी से करवाई और पैसे लेकर नौकरी लगवाने की बात कही। दिनांक 12 नवंबर 2022 को सुबह मोहित उसके घर पैसे लेने आ गया, शिकायतकर्ता ने 2,50,000 व मनोज कुमार ने 2,00,000 और मनीष कुमार ने 2,50,000 रू दे दिए और बाकि पैसे बाद में देने की बात कही। इसके बाद अलग-अलग दिनांक में रुपए फोन पे कर दिए। काफी समय बीत जाने के बाद भी मोहित उन्हें नौकरी नहीं दिलवा पाया तो फिर पता चला कि उनके साथ धोखा हो गया। जब शिकायतकर्ता ने अपने पैसे वापिस मांगे तो उसने बाद में देने की बात कही, दिए गए समय पर चैक लगाए तो तीनों चैक बाउंस हो गए, फोन पर बात की तो जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।



कनीना में समाधान शिविर में आई 11 शिकायतें
-कनीना में प्रतिदिन दो घंटों में निपटाई जायेंगी शिकायतें
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कनीना की आवाज।
बुधवार को पंचायत समिति कार्यालय कनीना में समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया गया। एसडीएम सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में
आयोजित इस समाधान शिविर में उपमंडल के गांव चेलावास, कनीना, सीहोर, कोटिया, कोका गांव के 11 नागरिकों ने अपनी समस्याएं रखीं। वहीं मंगलवार को कोका गांव की एक शिकयत आई थीं। एसडीम सुरेंद्र सिंह ने इन शिकायतों को संबंधित विभागों के अधिकारियों को भेजते हुए इन मामलों को तुरंत निपटाने के निर्देश दिए।
एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार उपमंडल स्तर पर प्रतिदिन कार्य दिवस पर सुबह 9 से 11 बजे तक नागरिकों की शिकायतों के लिए समाधान शिविर आयोजित किए जा रहा हैं। इन शिविरों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रतिदिन सरकार को भेजी जाएगी।
उन्होंने बताया कि समाधान शिविरों में प्रोपर्टी आईडी, परिवार पहचान पत्र, भूमि पंजीकरण, स्थानीय निकाय से अनापत्ति प्रमाण पत्र, नगर पालिकाओं से नक्शे की स्वीकृति, समाज कल्याण विभाग की विभिन्न पेंशन, राशन कार्ड एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अपराध से संबंधित शिकायतों, बिजली, सिंचाई, जनस्वास्थ्य से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की जाएगी।
इस मौके पर फूड सप्लाई इंस्पेक्टर ध्यान सिंह यादव, बिजली विभाग एसडीओ उमेश वर्मा, तहसील वेलफेयर आफिस एयर सिंह, अशोक पटवारी जितेंद्र लिपिक, एसडीएम सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार, स्टेनो वीरेंद्र कोका सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 06: समाधान शिविर में नागरिकों की शिकायतें सुनते एसडीम सुरेंद्र सिंह।





दिव्यांगों के अधिकारों के संरक्षण हितार्थ
--शीघ्र राज्य दिव्यांगजन आयुक्त की हो नियुक्ति
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कनीना की आवाज। हरियाणा प्रगतिशील दिव्यांग शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार कौशिक ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री,प्रदेश के  मुख्य सचिव तथा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र भेज कर मांग की है कि हरियाणा में दिव्यांगों के अधिकारों के संरक्षण के लिए शीघ्र राज्य दिव्यांगजन आयुक्त  की नियुक्ति की जाए तथा दिव्यांगों की नियुक्तियां व पदोन्नतियां शीघ्र की जाए।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि राज्य दिव्यांगजन आयुक्त का पद गत 22 दिसंबर से पूर्व आयुक्त राजकुमार मक्कड़ की सेवानिवृत्ति के बाद से  रिक्त है जिसके कारण हजारों की संख्या में आयोग में  दिव्यांगों के मुकदमे लंबित पड़े हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में 75 मुख्याध्यापक से प्राचार्य पद के लिए पदोन्नति के मामले भी गत एक वर्ष से लंबित पड़े हैं तथा कुछ कर्मचारी व अधिकारी  हरियाणा सरकार की दिव्यांगों के अधिकारों के संरक्षण की प्रतिबद्धता पर सवालिया निशान लगवा रहे हैं  जबकि अन्य विभागों में कर्मचारियों की कई कई पदोन्नतियां हो चुकी हैं ,इस बारे में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कनीना में आयोजित जन संवाद के कार्यक्रम में ज्ञापन दिया गया था लेकिन वह मामला भी अभी तक ठंडे बस्ते में है  जिसके चलते अनेक मुख्याध्यापक अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा उनके प्राचार्य बनने के अरमान अधूरे ही रह गए तथा अनेक ऐसे मुख्याध्यापक हैं,  जिनकी पदोन्नति गत 24 वर्ष से देय बनती है लेकिन उन्हें अभी तक इसका लाभ नहीं मिला है तथा इस कारण उन्हें प्रतिमाह  हजारों रुपये वेतन का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
फोटो कैप्शन: नरेश कौशिक




कालेज की 1200 सीटों पर अब तक महज 366 आवेदन -अंतिम तिथि 25 जून
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय कालेज में जहां आनलाइन स्नातक स्तर तक प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जून है किंतु अभी तक 1200 सीटों पर महज 366 आवेदन मिले हैं।
 कनीना के राजकीय कालेज के प्रवेश नोडल अधिकारी डा. विनोद यादव तथा प्राचार्य डाक्टर सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बीए की 640 सीटों पर 228 आवेदन प्राप्त हुए जबकि बीकाम की 160 सीटों पर 31 आवेदन प्राप्त हुए, बीएससी मेडिकल की 80 सीटों पर 28 आवेदन प्राप्त हुए जबकि बीएसई फिजिकल साइंसेज के 380 सीटों पर 79 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
 उल्लेखनीय कनीना क्षेत्र में दो कालेज हैं जहां लड़कों का कनीना में तथा लड़कियों का कालेज उन्हाणी में स्थित है। दोनों में ही आवेदन प्रक्रिया अभी जारी है।
 फोटो कैप्शन 04: कनीना कालेज



श्रीमद् भागवत कथा एवं शोभा यात्रा 19 जून से
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कनीना की आवाज। कनीना-अटेली मार्ग पर भारद्वाज कुटीर कथा स्थल पर श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन होगा। विस्तृत जानकारी देते हुए पूर्व प्राचार्य कमलेश शर्मा ने बताया कि 19 जून को शोभा यात्रा मां भारती आश्रम से भारद्वाज कुटीर तक पहुंचेगी। तत्पश्चात प्रतिदिन विभिन्न विषयों को लेकर भागवत कथा चलेगी।
 उन्होंने बताएं 19 जून को धुंधुकारी मुक्ति कथा, 20 जून को सुखदेव जन्मोत्सव, परीक्षित जन्म आदि 21 जून को सती चरित्र, ध्रूव चरित्र कथा, 22 जून को प्रहलाद भक्त चरित्र, श्री कृष्ण जन्मोत्सव, श्रीराम अवतार आदि की कथा, 23 जून को कृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजा कथा 24 जून को कंस वध, रुक्मणी विवाह, 25 जून को सुदामा चरित्र, परीक्षित को मोक्ष तथा 26 जून को हवन तथा प्रसाद वितरण होगा।








आग लगने से कई लोगों का ईंधन एवं प्लास्टिक के पाइप जले
-बिजली के शार्ट सर्किट से लगी आग
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कनीना की आवाज। कनीना के पुराना लाल वाला कुएं के समीप किसानों और लोगों का ईंधन, धांसे, उपले तथा प्लास्टिक के पाइप जलकर नष्ट हो गए। लोगों ने अपने स्तर पर ही आग पर काबू पाया। समाचार लिखे जाने तक आग धंधक रही थी।
 पूर्व प्राचार्य कृष्ण सिंह ने बताया कि लाल वाला कुएं के समीप ईंधन, उपले, प्लास्टिक पाइप और धांसों के ऊपर से बिजली के तार गुजर रहे थे जिनमें शार्ट सर्किट हुआ और चिंगारी से आग लग गई। धीरे-धीरे आज दूर दराज तक फैल गई जिसमें सुनील कुमार पीटीआई ईंधन और उपले जल गए और होशियार सिंह मोलडऩाथ सत्संग मंडल सदस्य के प्लास्टिक के आधा दर्जन पाइप जल गए। कृष्ण सिंह पूर्व प्राचार्य के कड़वी और धांसे जल गए। इसी प्रकार दिलीप नामक व्यक्ति के उपले तथा कपास का ईंधन जलकर राख हो गया। दूर दराज तक आग गर्मी के कारण फैलती रही। वैसे भी भीषण गर्मी में लोग घरों के अंदर छुपे हुए थे और आग तेजी से फैलती गई। जब आज देखी गई तब उसे पर काबू पाने के लिए आसपास ट्यूबवेलों से पानी लाकर आग पर काबू पाया गया
फोटो कैप्शन 5: आग से जला हुआ ईंधन।









भाजपा नेता जसवंत सिंह को पितृशोक
--कनीना में किया अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। जसवंत यादव  बबलू पूर्व प्रदेश मंत्री भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के पिता मातादीन यादव (सेवानिवृत्त एसपी ) का इलाज के दौरान गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कनीना में मंगलवार सुबह 9 बजे बस स्टैंड के पास स्थित बाबा मोलडऩाथ आश्रम के सामने शमशान घाट में किया गया। भाजपा नेता की माता जी सजनी देवी का 17 वर्ष पहले ही निधन हो चुका है। वे शिक्षा समिति कनीना के सचिव, डीएवी मैनेजिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। पंजाब में उग्रवाद के समय वे डिप्टी कमांडेट सीआरपीएफ रहे। अपनी सर्विस के दौरान वो बहादुरी से काम करते हुए वो पंजाब पुलिस प्रमुख केपीएस गिल व सीबीआई चीफ जोगेंद्र सिंह के काफ़ी नज़दीक रहे ! मातादीन साहब अपने पीछे दो पुत्र जसवंत एवं हरीश व एक पुत्री दुर्गेश के अलावा चार पोतों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। वे कनीना शिक्षा समिति के सचिव भी रहे हैं।  उनके पौत्र एवं दोहते, दोहती आस्ट्रेलिया व कनाडा में रहते हैं। उनके निधन से कनीना में शोक की लहर है। इस मौके पर आर एस एस प्रांत कार्यवाह प्रताप जी , एडवोकेट राकेश शर्मा प्रदेश प्रवक्ता  भाजपा ,एडवोकेट पृथ्वी यादव  नारनौल, राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र यादव , अनिल यादव जिला मंत्री भाजपा, सवाई सिंह , मंडल अध्यक्ष, अतर सिंह कैमला, डा होशियार सिंह यादव,मुनी लाल साहब ,लख्मी सरपंच ,ओमप्रकाश लिसानिया, लाल सिंह यादव जिला अटोर्नी, राजकुमार चेयरमैन, मास्टर दिलीप पूर्व चेयरमैन नगरपालिका कनीना , विजयपाल चेयरमैन, मुकेश नंबरदार, मनीष पार्षद, मोहन पार्षद अशोक पार्षद ,बलवान यादव पंकज यादव एडवोकेट, विनोद कुमार एसडीओ, राजकुमार चेयरमैन, राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव अभिजीत राव , कंवर सिंह कलवाड़ी, अशोक ठेकेदार, मा. दलीप सिंह पूर्व प्रधान, कुलदीप नंबरदार, विनय एडवोकेट, मनीष पार्षद,  भगत सिंह चेयरमैन नगरपालिका महेंद्रगढ़ सहित, हरीश कुमार, जतिन कुमार, विक्रांत, निशांत एडवोकेट, अभिषेक यादव ,देशराज, दिनेश कुमार, जालंधर से हरबंश भल्ला, चंडीगढ़ से रविंद्र ठाकुर सहित आसपास के छेत्र के भारी संख्या में जन मौजूद रहे।  
फोटो कैप्शन: पूर्व डीएसपी मातादीन।


गांव नांगल में अटल भू जल कार्यक्रम आयोजित
--जल संंरक्षण की जानकारी दी।
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कनीना की आवाज। उप मंडल के गांव  नांगल में जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन महेंद्रगढ़ और अटल भू जल योजना द्वारा संयुक्त रूप से जल जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच परीता देवी ने की। कार्यक्रम में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग से खंड संसाधन संयोजक मोहित कुमार, अटल भूजल ट्रेनर पूजा ने शिरकत की।
कार्यक्रम  में उपस्थित किसानों को फसल विविधीकरण और ऐसी फसलों का उत्पादन करना चाहिए जिनमें पानी के लागत कम आती है।  
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भूजल संरक्षण करना है। मोहित कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में पेयजल की किल्लत भी बहुत अधिक मात्रा में हो जाती है। इसलिए हमें अपने खुलें  चलने वाले नलों को बंद रखना चाहिए कदापि उन्हें खुला  ना छोड़ें। पेयजल आपूर्ति का प्रयोग सब्जी - बाड़ी उगाने में बिल्कुल भी ना करें।
वर्षा जल संचयन कर सके इसकी हमें पूर्व में तैयारी कर देनी चाहिए। गांव में जल स्रोतों को साफ सुथरा रखना चाहिए। स्रोतों की साफ-सफाई समय समय पर करते रहना चाहिए। लोगों को जीवाणु परीक्षण विधि समझाई गई।
कार्यक्रम में सहायक ट्रेनर राहुल,सरपंच प्रतिनिधि सुंदरलाल, मोटर चालक अशोक, लीलू, लाल सिंह पंच,विजय, राजू, सुनील, सुरेश, अतुल, मुकेश, मोतीलाल, कृष्ण, रामनाथ, वेदप्रकाश, सरली देवी, कमला देवी, पूनम देवी,लता,सोनम, कृष्णा देवी , दिनेश उपस्थित रहे।
फोटो केप्शन 02: अटल भू जल के बारे में जानकारी देते हुए जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मी।


लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति होने पर सम्मान किया
-धनौंदा के शुभम बने लेफ्टिनेंट
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कनीना की आवाज। धनौन्दा गांव निवासी शुभम सिंह की भारतीय सेना में सीधे लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति होने पर गांव में अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में आस-पास के गांवों के सैंकड़ों गणमान्यों के साथ अतरलाल ने शुभम सिंह को स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने शुभम सिंह के दादा सूबेदार मेजर मदन सिंह व पिता मोहन सिंह को साफा पहनाकर तथा दादी सुमित्रा देवी व माता रेखा देवी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि धनौंदा के होनहार लाड़ले शुभम सिंह पुत्र मोहन सिंह ने भारतीय सेना में सीधे लेफ्टिनेंट पद पर 5/8 गोरखा रेजीमेंट में नियुक्ति पाकर न केवल अपने गांव तथा जिला का बल्कि पूरे हरियाणा का मान बढ़ाया है। उनकी उपलब्धि पर पूरे इलाके में खुशी की लहर तथा जश्न का माहौल है। इससे पहले धनौन्दा बस अड्डे पर पहुंचने पर शुभम सिंह का फूल मालाएं पहनाकर तथा फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया। इसके बाद खुली जीप में बैठाकर शोभा यात्रा निकालते हुए ग्राम देवता बाबा दयाल की समाधि पर धोक लगाकर चादर चढ़ाई। इस अवसर पर अजीत सिंह जिला पार्षद, सरपंच बीर सिंह, पंच विक्रम सिंह, पंच दीपक, राकेश यादव, रविन्द्र यादव, बिजेन्द्र शास्त्री, दादा मनोहर, मास्टर इक्तयार सिंह, घनश्याम पंच, भारत सिंह, कैप्टन ओमपाल सिंह खेड़ी, कप्तान जगरूप सिंह, धर्मबीर सिंह वकील, पहलाद मास्टर, श्यामलाल मास्टर, दिनेश फौजी, नानक फौजी, राममेहर सिंह, कमल सिंह, चन्द्रपाल, राजपाल, उमेद, किशनपाल सिंह, मुकेश, मदन सिंह, राममेहर, जयपाल, प्रेमपाल सिंह, अनुराग, बीर सिंह चौहान, सुरेन्द्र फौजी, दलीप, मामन, अजीत, सत्यवान, गुरपाल सिंह, जगबीर सिंह, सुनिल, दिनेश, नीरज फौजी, जितेन्द्र, नरेन्द्र, सोनू आदि सैंकड़ों गणमान्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: लेफ्टिनेंट शुभम सिंह को सम्मानित करते जन।



भाजपा नेता जसवंत सिंह को पितृशोक
--कनीना में किया अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। जसवंत यादव  बबलू पूर्व प्रदेश मंत्री भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के पिता मातादीन यादव (सेवानिवृत्त एसपी ) का इलाज के दौरान गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार कनीना में मंगलवार सुबह 9 बजे बस स्टैंड के पास स्थित बाबा मोलडऩाथ आश्रम के सामने शमशान घाट में किया गया। बबलू की माता जी सजनी देवी का 17 वर्ष पहले ही निधन हो चुका है। वे शिक्षा समिति कनीना के सचिव, डीएवी मैनेजिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं। पंजाब उग्रवाद के समय वे डिप्टी कमांडेट सीआरपीएफ रहे। मातादीन साहब अपने पीछे दो पुत्र जसवंत एवं हरीश, एक पुत्री, चार पोते सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। वे कनीना शिक्षा समिति के सचिव भी रहे हैं।  उनके पौत्र एवं दोहते, दोहती आस्ट्रेलिया, कनाडा में रहते हैं। कनीना में शोक की लहर है। इस मौके पर प्रताप प्रांत कार्यवाह आरएसएस,राकेश शर्मा प्रदेश प्रवक्ता  भाजपा एडवोकेट,  पृथ्वी यादव  नारनौल, राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र यादव महेंद्रगढ़ अनिल यादव जिला मंत्री भाजपा, सवाई सिंह मंडल अध्यक्ष, अतर सिंह कैमला, डा होशियार सिंह यादव,मुनी लाल लख्मी सरपंच ,ओमप्रकाश लिसानिया, साहब लाल सिंह यादव जिला अटोर्नी, राजकुमार चेयरमैन, मास्टर दिलीप, विजयपाल चेयरमैन, मुकेश नंबरदार, मनीष पार्षद, मोहन पार्षद अशोक पार्षद बलवान, पंकज एडवोकेट, विनोद एसडीओ, राजकुमार चेयरमैन, अभिजीत राव निजी सचिव, कंवर सिंह कलवाड़ी, अशोक ठेकेदार, मा. दलीप सिंह पूर्व प्रधान, कुलदीप नंबरदार, विनय एडवोकेट, मनीष पार्षद,  भगत सिंह चेयरमैन सहित, हरीश कुमार, जतिन कुमार, विक्रांत, निशांत एडवोकेट, अभिषेक, जालंधर से हरबंश भल्ला, चंडीगढ़ से रविंद्र ठाकुर सहित भारी संख्या में जन मौजूद रहे।  
फोटो कैप्शन: पूर्व डीएसपी मातादीन।







 गर्भवती महिलाओं को


















निशुल्क इलाज के साथ मुफ्त में दिया जाता है राशन
--अस्पताल में लगा कैंप
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कनीना की आवाज। प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व  योजना के तहत स्थानीय उप नागरिक अस्पताल कनीना में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैंप का आयोजन किया गया जिसमें आस-पड़ोस के 50 गांवों की 150 महिलाओं ने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई और उपचार लिया।
 मिली जानकारी के अनुसार उप नागरिक अस्पताल के एमओ डा. जितेंद्र मोरवाल ने  जानकारी देते हुए बताया कि  उप नागरिक अस्पताल कनीना में प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व योजना के तहत कैंप का आयोजन किया गया जिसमें अस्पताल की  महिला चिकित्सक तमन्ना  द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच कर उनको निशुल्क दवाइयां वितरित की जाती है। डा. मोरवाल ने बताया इस कैंप का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चे को स्वस्थ रखना व उनकी माताओं को स्वस्थ रखना है ताकि स्वस्थ माता ही स्वस्थ शिशु को जन्म देती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ रखने के लिए उनकी सभी प्रकार की जांच वह दवाइयां दी जाती हैं तथा उनका निशुल्क पोषक आहार भी दिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी शुगर, थायराइड, हिमोग्लोबिन ,आरबीसी एचआईवी, यूरिन, ,एचआईवी  के अलावा अन्य कई प्रकार की जांच स्थानीय अस्पताल में ही कराई जाती हैं।
डाक्टर तमन्ना ने बताया इस समय में महिलाओं को मानसिक रूप से व शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक है क्योंकि मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने वाली महिलाओं के पेट में पल रहे शिशुओं पर उनका गहरा असर पड़ता है। उन्होंने कैंप में महिलाओं को स्वस्थ रहने के भी कई नुसखे बताएं और कहा हरी सब्जियां फल, दूध, घी आदि जल्दी हजम होने वाले मोटे अनाज के साथ अंडे तथा ताजा फल का प्रयोग गर्भवती महिलाओं के लिए अति उत्तम होता है। इस कैंप में विकास लैब टेक्नीशियन मोहित, लैब टेक्नीशियन  सुरेंद्र, टेक्नीशियन सुनील कुमार, एड्स काउंसलर रणधीर सिंह, शर्मिला स्टाफ नर्स अंजू बाला स्टाफ नर्स ने बताया इस कैंप में 150 महिलाओं ने  भाग लिया और विभिन्न प्रकार के टेस्ट भी कराये गये।
फोटो कैप्शन 01: महिलाएं अस्पताल में जांच करवाते हुए।




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