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Monday, March 31, 2025
पूरे हरियाणा से 2300 कर्मचारी सेवानिवृत्त
-कनीना खंड से हुए तीन कर्मचारी सेवानिवृत्त
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कनीना की आवाज। पूरे हरियाणा में 31 मार्च को 2300 के करीब कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं जिनमें से कनीना खंड के तीन कर्मचारी दिनेश प्राध्यापक कनीना, बृजेशचंद्र शर्मा प्राचार्य बूचावास तथा रामभूल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बूचावास सेवानिवृत्त हो गए हैं।
लड़की गुम,गुमसुदगी का मामला दर्ज
-एक युवक पर छुपाने का आरोप
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कनीना की आवाज।कनीना उप-मंडल से 30 मार्च को 18 वर्षीय एक लड़की गुम हो गई। उसकी मां ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाते हुए कहा है कि 30 मार्च को वह अपने काम से बाहर गई हुई थी। उसकी लड़की घर पर अकेली थी। शाम 3 बजे आकर देखा तो लड़की घर से गायब थी। अता-पता किया कहीं नहीं मिली। उन्हें मनजीत नाम की लड़के पर शक जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने कहीं छुपा रखा है। कनीना पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार -115
आज तक सुरक्षित है मेरी आठवीं कक्षा तक की पुस्तकें
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक 31 अप्रैल 2024 का सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में लंबे समय तक शिक्षण कार्य किया है। आज के दिन यदि विद्यार्थियों को देखा जाए तो अधिकांश विद्यार्थी अपनी पुरानी पुस्तकों को परीक्षा परिणाम आते ही बेच देते हैं जो सबसे बुरी बात है परंतु होशियार सिंह के पास उनकी आठवीं तक की पुस्तकें भी कुछ सुरक्षित है। आइये सुनते हैं डा. होशियार सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी---
मैंने आठवीं की परीक्षा 1980 में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ,चंडीगढ़ से पास की थी। उस समय प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की थी किंतु आज के दिन 100 में से 100 अंक आ जाते हैं किंतु उस वक्त प्रथम श्रेणी में पास होना एक सौ में से एक सौ अंक आने के बराबर माना जाता था। किंतु उस जमाने से लेकर आज तक जितनी भी पढ़ाई की, विभिन्न किताबें आज भी लगभग सुरक्षित हैं। कुछ किताबें या तो उपलब्ध नहीं हैं या उपलब्ध नहीं है। आज की परिस्थितियों में देखे तो अधिकांश विद्यार्थी नई कक्षा में जाते ही अगली कक्षा में जाते ही पुरानी पुस्तकों को बेच देते हैं। यहां तक कि कुछ तो कबाड़ में भच देते जो बहुत बुरी बात है। यदि बेचना ही है तो चंद पैसों की बजाय किसी गरीब व्यक्ति को दे दी जाए तो ज्यादा बेहतर हो। आज मेरे घर पर जहां पांच अलमारियां किताबों से भरी हुई हैं। इन किताबों को नवनिर्मित होने जा रही श्रीमती सुमन यादव चैरिटेबल ट्रस्ट की लाइब्रेरी में रखा जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति उनको पढ़ सके क्योंकि पुस्कें ज्ञान का भंडार हैं। चाहे आज डिजिटल युग आ गया है परंतु डिजिटल युग में जितना गहराई से हम नहीं पढ़ पाते उतना हम पुस्तकों से पढ़ सकते हैं। ऐसे पुस्तकों को बेचने की बजाय संगृहीत कर लिया जाए तो हो सकता है भविष्य में किसी के काम आ जाए। मेरी इन पुस्तकों में एक ऐसी पुस्तक भी रखी हुई है जो आईएफएस आरपी बलवान द्वारा भेंट की गई थी। आरपी बलवान बहुत प्रसिद्ध विद्वान हैं। एक बार की बात हैं जब वे कनीना में पत्रकार वार्ता कर रहे थे तो पौधों के नाम गिनाये जा रहे थे और मैं उनके वैज्ञानिक नाम बताने लगा तो बहुत चकित हुये। उन्होंने पूछा क्या आपको इनका कैसे ज्ञान है? क्या मैंने बताया कि मैं वनस्पति शास्त्र से पढ़ाई की है। ऐसे में उन्होंने खुश होकर एक बहुत पुरानी 1938 में प्रकाशित पुस्तक भी मुझे भेंट की। यद्यपि उसे पुस्तक में पौधों की जानकारी जरूर है किंतु उनके चित्र नहीं है। यहां मेरे अलमारी में रखी हुई पुस्तकों में एमएससी तक की सभी पुस्तक रखी हुई है। किए गए शोध भी रखे हुए हैं। यहां तक कि जब मैं ट्यूशन शुरू किया तब भी कुछ पुस्तक खरीदता रहा और आज तक पुस्तक खरीदने का शौक रहा और वे पुस्तक भी आज मेरे पास उपलब्ध है। कुछ पुस्तकें खरीदने के लिए मुझे नई सड़क दिल्ली भी जाना पड़ा था और वह पुस्तक मुझे बहुत काम आई। आज वह भी सुरक्षित है। परिवार वाले बार-बार यही दबाव देते हैं कि कूड़ा कचरा क्यों भर कर रख रखा है? इनको बेच दो मैं उनसे एक ही बात हाथ जोड़कर कहता हूं कि मेरी मृत्यु तक तो इनको सुरक्षित रहने दो, जब मेरी मृत्यु हो जाए तो उसके बाद तुम्हारी मर्जी है क्या करना चाहोगे परंतु अब तो मेरी लाइब्रेरी जल्द ही बन जाएगी और आशा है कि सभी पुस्तकें उस लाइब्रेरी में स्थापित कर दी जाएगी ताकि आने वाली पीढ़ी इनको पढ़ सके। यहां तक की एक कमरा मेरी पुस्तकों से भरा हुआ है क्योंकि मैं पहले बता चुका हूं मेरी 43 पुस्तक के प्रकाशित हो चुकी और ये प्रकाशित पुस्तकें अधिकांश सैकड़ो की संख्या में उपलब्ध हैं। संत शिरोमणि बाबा मोलरडऩाथ मेरी प्रथम पुस्तक थी, उसकी एक या दो प्रति यदि बची हो तो उपलब्ध हैं वरना वो सभी पुस्तक मैं श्री कृष्ण गौशाला कनीना को भेंट कर दी थी। कुछ पाठक मेरे से ले गए थे। एक बात मैं अपने बच्चों को भी यही कहता हूं कि तुम अपनी पुरानी पुस्तक बेचना नहीं अपितु सुरक्षित रखें। कभी किसी समय किसी बात पर अपना ज्ञान बढ़ता हो तो उनको पढ़ा जा सकता है। यह सत्य है कि हम पीएचडी, डीलिट तक उपाधि हासिल कर लेते हैं लेकिन जो ज्ञान हम 12वीं कक्षा तक प्राप्त करते हैं वह एक नींव का काम करता है। जिस प्रकार एक मकान का निर्माण होता है तो नींव बेहतर बनानी चाहिए। यदि नींव कच्ची रह गई तो मकान गिर सकता। इसी प्रकार 12वीं कक्षा तक यदि अच्छी प्रकार से पढ़ाई कर ली तो समझो एमए और पीएचडी कुछ भी नहीं हैं। कहने को तो पीएचडी है लेकिन कहते हुए दर्द होता है कि पीएचडी के नाम पर खाना पूर्ति ज्यादा रह गई है। ऐसे में जो ज्ञान प्राप्त हुआ है वह 12वीं तक का ही प्रमुख माना जाता है। यह ठीक है की बड़ी कक्षाओं में जब लिखते हैं तो कुछ बड़े उत्तर लिखने पड़ते हैं क्योंकि 10वीं 12वीं तक उत्तर एक निश्चित सीमा तक के होते हैं/ निश्चित शब्दों के होते हैं। परंतु बड़ी कक्षा में उनका विस्तृत रूप दिया जाता है। यह भी मैं पहले भी बताया है कि लिखने में कंजूसी नहीं बरतनी चाहिए। जब मैं सतीश पब्लिक कालेज रेवाड़ी से 1986-87 में बीएड कर रहा था उसे समय परीक्षा दौरान एक पेपर में मैंने 65 पेज भरे थे और आश्चर्य जनक बात है कि मूल्यांकन करने वाले ने भी 65 ही अंक पेपर में दिए। परंतु आज के दिन जब किसी विषय पर ध्यान देना हो तो पुरानी पुस्तक जरूर ढूंढता हूं। सबसे बड़ी मेरे पास दिक्कत है जगह का अभाव है क्योंकि ये पुस्तकें महज पांच अलमारियों में भरी हुई हैं। अगर इनको दूर-दर रख दिया जाए तो उनका अवलोकन करने में बड़ी सुविधा हो जाएगी और ऐसा मुझे विश्वास है कि भविष्य में ये मेरी पुस्तकें लाइब्रेरी में संगृहीत हो जाएंगी। ऐसे में मैं उन विद्यार्थियों से भी निवेदन करूंगा जो हर वर्ष पास होते ही अपनी पुस्तकों को या तो संजोकर रखें या फिर किसी ऐसे बच्चों को दे जो उनसे पढ़कर आगे की पढ़ाई कर सके।
मुझे यहां कहने में खुशी होती कि मेरा एक दोस्त निहालावास निवासी धर्मवीर कटारिया है। उनको अपनी बीएससी की पुस्तकें भेंट की थी। आज भी हमारी दोस्ती चली आ रही है। यद्यपि मुख्य अध्यापक से सेवानिवृत्त है। पुस्तकें ज्ञान के अथाह स्रोत हैं। चाहे कितने बड़े से बड़े मोबाइल आ जाए किंतु पुस्तकें ज्ञान सबसे बेहतर स्त्रोत हैं और अध्यापक से बड़ा कोई धरती पर शख्स नहीं। जो ज्ञान अध्यापक देगा वह मोबाइल नहीं दे सकते हैं।
घटता ही जा रहा है अप्रैल फूल बनाने का सिलसिला
-लोगों की जागरूकता के चलते ऐसा हुआ
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कनीना की आवाज। कहीं कहीं आज भी क्षेत्र में हंसी मजाक के रूप में फूल डे मनाया जाता है। अंग्रेजी काल के समय से ही चली आ रही परिपाटी को मनाने वाले कम लोग रहे हैं। जिस प्रकार हिंदु नव वर्ष कम लोग मनाते हैं वैसे ही मूर्ख दिवस कम लोग मनाते हैं। हिंदू नव वर्ष मनाने वाले मूर्ख दिवस मनाए जाने का विरोध भी करते हैं। लोग जागरूक भी हुए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से प्रथम अप्रैल फूल डे मनाने की अनोखी परंपरा है। सुबह से ही मूर्ख बनाने की कार्रवाई शुरू होती है और शाम तक चलती रहती है। विशेषकर ग्रामीण लोगों को तो इस दिन भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी तो फोन के मार्फत मूर्ख बनाया जाता है जो भारी तनाव का कारण बनता है।
यूं तो मूर्ख बनाने के तरीके हजार होते हैं किंतु बच्चे से लेकर युवा वर्ग नोट से मूर्ख बनाने की कार्रवाई अक्सर करते देखे जा सकते हैं। एक सौ रुपये के नोट का एक सिरा धागे से बांध लेते हैं और भीड़ वाले रास्ते में डाल दिया जाता है। इस नोट को बड़े धागे से बांधकर दूर ले जाया जाता है। जब कोई सज्जन इस नोट को उठाने लगता है तो धागे की सहायता से इसे तेजी से खींच लिया जाता है। जब नोट उठाने वाले की नजर इन शरारतियों पर पड़ती है तो भारी मजाक होता है। ग्रामीण लोग अक्सर फूल डे के बारे में अंजान होते हैं और ऐसे में उनके साथ अच्छा खासा मजाक होता है। वैसे भी फसल कटाई का समय होता है और किसान अपनी फसल काटने में व्यस्त रहते हैं। फसल कटाई दौरान उनके साथ अच्छा मजाक होता है। एक किसान को कह दिया जाता है कि वह कृषि के यंत्र खेत में लेकर आओ। वह किसान बेचारा पुन: खेत से घर जाता है और बार-बार उसके साथ मजाक होता है। जब उन्हें अप्रैल फूल बनने का पता चलता है तो वे झुंझलाते हुए नजर आते हैं।
जिन घरों में फोन लगे होते हैं उनको भी कई प्रकार की समस्याएं अप्रैल फूल से संबंधित झेलनी पड़ती हैं। कई बार तो ऐसे फोन आते हैं कि आपके परिचित की दुर्घटना होने के कारण उन्हें अमुक अस्पताल में भर्ती कराया गया है आप जल्दी से पहुंचो। जब फोन उठाने वाला भाग दौड़कर अस्पताल पहुंचता है तो उसे भारी झुंझलाहट होती है। मोबाइल पर भी अनेकों प्रकार की मजाक की जाती हैं किंतु ये मजाक अधिक समय तक नहीं चलती हैं। बाद में आम जन अप्रैल फूल के विषय में परिचित हो जाता है। इस संबंध में डा. होशियार सिंह का कहना है कि पुराने समय में लोग अप्रैल फूल के प्रति आकर्षित होते थे किंतु अब इस मूर्ख दिवस को मनाने वाले बहुत कम बचे हैं।
अप्रैल फूल बनने से सरकारी कर्मी भी पीछे नहीं होते हैं। जहां अस्थाई कर्मी काम करते हैं उनका एक अप्रैल फूल संबंधित आदेश निकालकर रख दिया जाता है जिसमें लिखा होता है कि आपकी सेवाएं समाप्त की जाती हैं। कर्मी परेशान होते हैं किंतु जब उन्हें हकीकत का पता चलता है तो वे अपना सा मुंह लेकर रह जाते हैं। पूरा दिन ही छोटे बड़े मजाकों में व्यतीत है। कई अन्य तरीकों से भी मूर्ख बनाया जाता है किंतु जिनके साथ मजाक किया जाता है वे बुरा नहीं मानते क्योंकि कहा है-बुरा ना मानो अप्रैल फूल डे है।
सरसों की खरीद के 7वें दिन 4200 क्विंटल खरीदी सरसों
-किसान अब बेच सकते हैं 40 क्विंटल प्रति गेट पास
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरसों खरीद जारी है। 24 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हुई थी तब से अब लगातार खरीद का काम चल रहा है। रविवार को खरीद नहीं की जाती। मंछी सुपरवाइजर सतीश कुमार ने बताया कि सोमवार को अकेले 4200 क्विंटल सरसों खरीदी गई जबकि बाकी दिनों कुल 9774 क्विंटल सरसों की खरीद हो चुकी है। खरीद कार्य वेयरहाउस द्वारा किया जा रहा है। एमएसपी 5900 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि अब तक एक गेट पास पर किसान महज 25 क्विंटल सरसों बेच सकता था जो सीमा बढ़ाकर प्रति गेट पास 40 क्विंटल कर दी गई है। यही कारण है कि सोमवार को देर शाम तक खरीद जारी रही।
खरीद के अवसर पर सचिव विजय सिंह,मंडी सुपरवाइजर सतीश कुमार , विरेंद्र सिंह, सीमा पर्चेजर, मनोज सहायक सचिव सहित किसान मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03:चेलावास मंडी में सरसों की खरीद करते हुए अधिकारी
पेंशनर्स को आठवीं पे कमीशन के लबों से वंचित करना निंदनीय है- धर्मपाल शर्मा
--छेड़ा जाएगा सघन आंदोलन
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कनीना की आवाज। पेंशनर्स को आठवें पे कमीशन के लाभों से वंचित करने की कड़े शब्दों में निंदा की है। केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की सिफारिश के लाभों से 31 दिसंबर 2025 तक पेंशनर्स को पेंशन संशोधन के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। जिससे करोड़ों पेंशनर केंद्र सरकार इस फैसले से नाराज हैं। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश सचिव धर्मपाल शर्मा ने इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी व पेंशनर देश भर में विरोध कारवाइयां करके इसका माकूल जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स पर यह भारी हमला है। पुराने पेंशनर्स को नए पेंशनर से अलग करने का बिल 25 मार्च को लोकसभा में फाइनेंस बिल के साथ पास करवा लिया गया ।कोई नया बिल प्रस्तुत नहीं किया गया। बिल पेश किया जाता है उसे पर बहस होती है। विरोध होता है। उससे बचने के लिए फाइनेंस बिल के साथ पास करवा लिया गया ।इससे पुराने पेंशनर की पेंशन व सुविधा जाम हो जायेगी। सरकार ने सांसदों का वेतन 24 प्रतिशत बढ़ा लिया। हरियाणा में विधायकों को कार खरीदने के लिए एक करोड़ का लोन 4 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा। आम आदमी को लोन 9 प्रतिशत पर मिलता है भारत में विधायक और सांसद ही गरीब है ओर जनता व कर्मचारी व पेंशनर अमीर है। केंद्र सरकार कर्मचारी व पेंशनर का महंगाई भत्ता 2 प्रतिशत बढ़ाती है सांसद का वेतन 24 प्रतिशत बढाती है। विधायक, सांसद पांच छह पेंशन ले रहे है और सरकारी कर्मचारी की पुरानी पेंशन स्कीम को बन्द कर दिया गया है और विधायक, सांसद बनकर शपथ लेते ही पेंशन का हकदार हो जाता है। यह आम जनता के साथ घोर अन्याय है।यह सब ज्यादा दिन तक बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मजदूर, किसान, कर्मचारी, पेंशनर व आम जनता को इस के विरुद्ध आवाज उठानी होगी।
फोटो कैप्शन: धर्मपाल
एसडी विद्यालय ककराला के बच्चों ने सम्मान समारोह में दिखाई प्रतिभा
- नृत्य, गीत, नाट्य के माध्यम से दिया संदेश
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कनीना की आवाज।एसडी विद्यालय ककराला में सम्मान समारोह मनाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि रामावतार सह विभाग संघ चालक व कर्नल अश्वनी ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। वहीं नन्हें-मुन्ने बच्चों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुत किए गए। इसमें समूह गान, समूह नृत्य हरियाणवी और पंजीबी विशेष रहा। इसके बाद छात्रों ने हिन्दी और अंग्रेजी नाट्य मंचन के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
तत्पश्चात शैक्षणिक एवं सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों एवं शिक्षकों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
एनटीए की परीक्षा नीट में भारत में पांचवां स्थान प्राप्त करने वाली प्राची एवं रोनक को विद्यालय की तरफ से एक-एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसी कड़ी में पूनम को एक मुख्य उपहार प्रदान किया गया। इसी दौरान विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने छात्रों को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई दी और उन्हें आगे भी ऐसी ही उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय ने जीव विज्ञान अध्यापक जितू श्रीवास्तव को एक लाख रुपये उत्कृष्ट परिणाम के लिए प्रदान किये। मैनेजमेंट कमेटी सदस्य व रसायन शास्त्र अध्यापक पूर्ण सिंह यादव को एक लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की गई।
एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली इशिका व कशिश को विद्यालय तरफ से एक टेब वितरीत किया। क्रिडा भारती में अपनी अपना लोहा मनवाने वाले केशव पुत्र राजीव को टेब उपहार के रूप में प्रदान किया गया।
स्टार ओलम्पियाड में 87 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल करने पर विद्यालय की तरफ से जिया को एक साइकिल प्रदान की गई।तथा कार्तिक , समर, सिद्ध, जिया, अंशिका, अदिति आर्य ,अभिनव ,रूपेश ,जतिन ,रोनक को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर विद्यालय की तरफ से स्टडी टेबल प्रदान की गई।
द्वितीय स्थान पर जतिन , युग , ईशांत , चिराग , प्राकी , धीरज को समार्ट वाच प्रदान की गई। तृतीय स्थान नक्स , लक्ष्य , दीक्षान्त, अंकित को स्कूल बैग प्रदान किया।
गु्रप सोंग स्टेट लेवल में रहे विजेता विद्यार्थी सोनम , अन्नू , अंजली , तंशु , तम्मना , सविता ्र, येशिका , अंजना, गरीमा , मुस्कान को मुख्य उपहार प्रदान किया। गु्रप डांस स्टेट लेवल में रहे विजेता विद्यार्थी मुस्कान, कनिशका, कामना, निशा, नन्शी, साक्षी, भूमिका, अनुकरीती, निकिता व पायल को मुख्य उपहार प्रदान किया। खेल प्रतियोगिता में विद्यालय की विद्यार्थी खुशी ने नेशनल में सिल्वर मेडल, खुशी पुत्री वेदप्रकाश नैेशनल में ब्रोंज मेडल, भारत भूषण ने नेशनल में ब्रोंज मेडल, पीयूष शर्मा ने नेशनल में ब्रोंज मेडल, यश ने नेशनल में ब्रोंज मेडल, दिती नेशनल में ब्रोंज मेडल व विपिन नेशनल में ब्रोंज मेडल को मुख्य उपहार प्रदान किया गया। एथलैटिक्स में अदिति ने नोर्थ जोन अंडर 16 में 60 मीटर दौड़ में गोल्ड, एसजीएफआई 100 मीटर में ब्रोंज मेडल, एएफआई 60 मीटर में सिल्वर मेडल, सीबीएसई 100 मीटर में सिल्वर मेडल, सीबीएसई 200 मीटर में सिल्वर मेडल, एसजीएफआई 4 गुणा400 नेशनल लेवल में सिल्वर मेडल हासिल किया। अदिति को विद्यालय ने मुख्य उपहार प्रदान किया।
वहीं हिमांशु ने एसजीएफआई अंडर 14 फुटबाल में नेशनल भागीदारी, चेतन ने अंडर 14 एथलेटिक्स एयरफोर्स, हर्षिता पने मानक इंस्पायर में प्रथम स्थान, शिवचरण मानक इंस्पायर में प्रथम स्थान हासिल किया। स्टेट ओल्मिपियाड टोपर आस्था, प्रतिभा, अंश यादव, वंशिका विद्यार्थी। युथ एडिटेशन लेवल पारुल, अलका, महक, अनिषा, लक्षिता, अंशु, प्राची, सुहाना, सानू, सानिया, एनगल ने नेशनल लेवल प्राप्त किया। चंचल को संात्वना बाल भवन नारनौल।
इस अवसर पर डीएसपी दिनेश यादव ने युवांओं को नशा मुक्ति व सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर सरपंच नीलम देवी, कृष्ण एक्स सरपंच, महेन्द्र सिंह सरपंच, दलीप एक्स सरपंच, कंवर सिंह नम्बरदार,स्कूल चेयरमैन सुनील कुमार, कृष्णा स्कूल चेयरमैन गुलशन कुमार, बीएस स्कूल चेयरमैन पवन कुमार, स्कूल चेयरमैन रणसिंह, सुरेन्द्र लाल सरपंच, नरेश कुमार, अडवोकेट नरेश यादव, ओमप्रकाश, गुलशन, डा. सुनील कुमार, राकेश यादव, उदित, अश्वनी ठाकुर, अनिल, राजबीर, रत्न सिंह, अरवीन्द, सुरेन्द्र सिंह, राजबीर सिंह ककराला, कृष्ण कुमार, कृष्ण, सुमेर गोमला, गयानेन्द्र सिंह, मांगे राम, धर्मेन्द्र, सहित अभिभावक और छात्र उपस्थित रहे।
विद्यालय अध्यक्ष जगदेव यादव ने प्रधानाचार्य और अध्यापक अध्यापिकाओं की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में सभी बच्चों को समान रूप से अवसर मिलना चाहिए, इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है।
फोटो कैप्शन 02: अव्वल छात्रा को एक लाख रुपये का चेक वितरित करते हुए डीएसपी कनीना एवं अन्य
संत आश्रम में संतों के लिए बनेगा विशाल हाल
-विधिवत रूप से किया भूमि पूजन
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कनीना की आवाज। कनीना के संत मोलड़ आश्रम पर विशाल हाल बनाने के लिए भूमि पूजन किया गया। यह हाल भक्तों के लिए उपलब्ध हो सकेगा। इसकी जानकारी देते हुए संत ट्रस्ट प्रधान दिनेश कुमार कनीना ने बताया कि यह हाल कनीनावासियों द्वारा निर्मित किया जाएगा। इस हाल को भव्य रूप दिया जाएगा ताकि भक्तजन यहां आराम कर सके तथा बाबा के दर्शन कर सके संत के दर्शन कर सके। इस मौके पर प्रवेश पंडित द्वारा भूमि पूजन करवाया गया तथा यजमान के रूप में दिनेश और मंजू उपस्थित रहे। इस मौके पर अभय साहब, पूर्व मुख्य अध्यापक रतन सिंह शर्मा, पूर्व मुख्य अध्यापक विजेंद्र सिंह प्रकाश, सत्यवीर सिंह, रमेश कुमार, लाल सिंह शिवकुमार, अनिल कुमार, अशोक डीपी, मुकेश पंडित इंद्रजीत, अशोक ठेकेदार, संजय, रामनिवास आदि उपस्थित रहे।
Sunday, March 30, 2025
संत लालदास ने चेतना रैली निकालकर मनाया नव वर्ष
-2082 के शुरू होने पर दिया संदेश
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कनीना की आवाज। जैनाबाद आश्रम के महान संत लालदास महाराज ने नव संवत्सर 2082 उधोदास प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। संत ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई गई।
संत लालदास महाराज ने बताया कि विक्रम संवत राजा विक्रमादित्य द्वारा आरंभ किया गया था। राजा विक्रमादित्य भारत के 57 ईपू एक महान राजा हुए जिसने ज्योतिष गणना के अनुसार चन्द्रमा की चाल के अनुसार शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा को नवसम्वत्सर मनाया जाता है। विक्रमादित्य ने हिन्दू प्रजा की भलाई के लिए अनेक कार्य किए उसके शासन की कार्य क्षमता को राम राज्य के समान माना जाता है। राजा विक्रमादित्य इतने महान शासक थे कि इनके बाद भारत में 14 राजाओं को विक्रमादित्य की उपाधि से सम्मानित किया गया। अब देश में नव जागरण हो रहा है। संत ने कहा कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मत नाम से जाना जाता है। इस मौके पर अनेक अनुयायी संग थे। आज से ही नवरात्रे शुरू हो गये हैं।
फोटो कैप्शन 15: हिंदु नव वर्ष मनाते हुए संत लालदास महाराज

-2082 के शुरू होने पर दिया संदेश
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कनीना की आवाज। जैनाबाद आश्रम के महान संत लालदास महाराज ने नव संवत्सर 2082 उधोदास प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। संत ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई गई।
संत लालदास महाराज ने बताया कि विक्रम संवत राजा विक्रमादित्य द्वारा आरंभ किया गया था। राजा विक्रमादित्य भारत के 57 ईपू एक महान राजा हुए जिसने ज्योतिष गणना के अनुसार चन्द्रमा की चाल के अनुसार शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा को नवसम्वत्सर मनाया जाता है। विक्रमादित्य ने हिन्दू प्रजा की भलाई के लिए अनेक कार्य किए उसके शासन की कार्य क्षमता को राम राज्य के समान माना जाता है। राजा विक्रमादित्य इतने महान शासक थे कि इनके बाद भारत में 14 राजाओं को विक्रमादित्य की उपाधि से सम्मानित किया गया। अब देश में नव जागरण हो रहा है। संत ने कहा कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मत नाम से जाना जाता है। इस मौके पर अनेक अनुयायी संग थे। आज से ही नवरात्रे शुरू हो गये हैं।
फोटो कैप्शन 15: हिंदु नव वर्ष मनाते हुए संत लालदास महाराज

संत लालदास ने चेतना रैली निकालकर मनाया नव वर्ष
-2082 के शुरू होने पर दिया संदेश
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कनीना की आवाज। जैनाबाद आश्रम के महान संत लालदास महाराज ने नव संवत्सर 2082 उधोदास प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया। संत ने मिठाई बांट कर खुशी मनाई गई।
संत लालदास महाराज ने बताया कि विक्रम संवत राजा विक्रमादित्य द्वारा आरंभ किया गया था। राजा विक्रमादित्य भारत के 57 ईपू एक महान राजा हुए जिसने ज्योतिष गणना के अनुसार चन्द्रमा की चाल के अनुसार शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा को नवसम्वत्सर मनाया जाता है। विक्रमादित्य ने हिन्दू प्रजा की भलाई के लिए अनेक कार्य किए उसके शासन की कार्य क्षमता को राम राज्य के समान माना जाता है। राजा विक्रमादित्य इतने महान शासक थे कि इनके बाद भारत में 14 राजाओं को विक्रमादित्य की उपाधि से सम्मानित किया गया। अब देश में नव जागरण हो रहा है। संत ने कहा कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में सम्मत नाम से जाना जाता है। इस मौके पर अनेक अनुयायी संग थे। आज से ही नवरात्रे शुरू हो गये हैं।
फोटो कैप्शन 15: हिंदु नव वर्ष मनाते हुए संत लालदास महाराज
लड़की गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
-एक व्यक्ति पर कहीं छुपने का आरोप
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के एक गांव से 18 वर्षीय एक लड़की घर से बिना बताए कहीं चली गई। उसके पिता ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाते हुए एक युवक पर शक जाहिर किया है कि उसे कहीं छुपा कर रखा हुआ है।
शिकायत में कहा गया है कि उसके चार बच्चे हैं जिनमें तीन लड़की एक लड़का है। लड़की तीसरे नंबर की है जो 28 मार्च से घर से बिना बताए कहीं चली गई। उन्होंने प्रवीन नामक जिला झज्जर के युवक पर शक जाहिर किया कि उसने कहीं छुपा कर रखा हुआ है। कनीना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
करीब 5000 व्यस्कों ने दी उल्लास की परीक्षा
-जिला में बने 310 केंद्र
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कनीना की आवाज। जिला महेंद्रगढ़ में व्यस्कों को पूर्ण साक्षर करने के उद्देश्य 310 परीक्षा केंद्रों पर 5000 व्यस्कों उल्लास- 2 की परीक्षा दी। इससे पहले 23 सितंबर 2024 को उल्लास प्रथम की परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। उल्लास- 2 परीक्षा में केवल वे ही व्यस्क उपस्थित हुए जो उल्लास प्रथम में या तो उचित स्कोर नहीं प्राप्त करने में असफल रहे या फिर परीक्षा देने से किसी कारण से वंचित रह गए थे। कुछेकनए रजिस्ट्रेशन भी किए गए हैं।
उल्लास परीक्षा में जहां उन व्यस्कों को ढूंढा गया है जो किसी कारण से साक्षर नहीं हो सके। भारत सरकार का यह मानना है कि देशभर के सभी व्यस्क कम से कम साक्षर हो और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर यह परीक्षा आयोजित हुई। जहां बच्चे अपने माता-पिता, दादी दादी दादी को परीक्षा देते देखकर प्रसन्न नजर आए। इस प्रकार का आयोजन निश्चित रूप से व्यस्कों के चेहरे पर खुशी का अहसास करवा गया है।
जिला स्तर पर परिणाम 7 अप्रैल तक -
जिला समन्वयक उल्लास कर्ण सिंह ने बताया कि उल्लास व्यस्कों को साक्षर करके उनके चेहरे पर खुशी जरूर लाएगी। करीब 5000 व्यस्कों ने जो परीक्षा दी है उनका अपने जिला स्तर पर तो 7 अप्रैल तक परिणाम जारी कर दिये जाने की संभावना है किंतु अंतिम परिणाम भारत सरकार द्वारा जारी किया जाना है। इस उल्लास-दो में नए रजिस्ट्रेशन कम है किंतु अधिक वो व्यास हैं जो निर्धारित स्कोर नहीं प्राप्त कर सके या किसी कारण से परीक्षा देने सं वंचित रह गये थे। परीक्षा में निर्धारित स्कोर हासिल करने पर पूर्ण साक्षर माने जाएंगे। जिला के पांच खंडों के स्कूलों में परीक्षा आयोजित हुई।
--कर्ण सिंह जिला समन्वयक .
साक्षरता विभाग के रेवाड़ी जिला संयोजक रहे तथा वर्तमान में कनीना के मुख्याध्यापक नरेश कुमार कौशिक ने बताया कि उल्लास कार्यक्रम शिक्षा, साक्षरता एवं सतत अधिगम का नया प्रारूप है जिसमें अक्षर ज्ञान से वंचित लोगों को अधिगम के न्यूनतम स्तर को हासिल करने का सुनहरा अवसर दिया गया है तथा इसमें एक तरफ जहां नवसाक्षरों को पढऩे का अवसर प्राप्त होता है वही उन्हें पढऩे वाले अक्षर सैनिकों को भी बेहतर लाभ मिलता है क्योंकि उन्हें उनकी पढ़ाई में अतिरिक्त अंक का प्रावधान भी रखा गया है तथा यह दसवीं से ऊपर के सभी वालंटियर शिक्षकों को यह लाभ निकट भविष्य में मिलेगा। इस परीक्षा में 15 से 80 वर्ष के व्यस्क परीक्षा दे सकते हैं। कनीना खंड के 60 स्कूलों में यह परीक्षा आयोजित हुई।
--नरेश कौशिक, मुख्याध्यापक कनीना
खंड शिक्षा अधिकारी अशोक शर्मा ने कहा कि
उल्लास कार्यक्रम भारत सरकार की एक योजना है जिसका मकसद देश को साक्षर बनाना है। इसे नव भारत साक्षरता कार्यक्रम भी कहा जाता है। इस योजना के जरिए 15 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को पढऩा-लिखना सिखाया जा रहा है, जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पाए।
खंड नारनौल के उल्लास परीक्षा कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अगेंद्र कुमार ने बताया कि नारनौल खंड में 62 परीक्षा केंद्र बनाए गए। उल्लास कार्यक्रम में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 साल से अधिक उम्र के निरक्षरों को शामिल किया जा रहा है। इस योजना का मकसद समाज के सभी लोगों को आजीवन सीखने का मौका देना है।
यह योजना केंद्र सरकार के कर्तव्य बोध की भावना पर आधारित है। इसे स्वैच्छिक सेवा के जरिए लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उल्लास कार्यक्रम के जरिए, बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान, जरूरी जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा, और सतत शिक्षा का विकास किया जा रहा है। उल्लास कार्यक्रम स्वयंसेवा के माध्यम से कार्यान्वित, सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य बोध की भावना को बढ़ावा देते हुए, शिक्षार्थियों को दीक्षा पोर्टल व उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में शैक्षणिक अध्धयन के लिए भी प्रोत्साहित करता है। शिक्षार्थियों और स्वयंसेवी शिक्षकों को दिए जाने वाले प्रमाणपत्र इनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं जिससे निरंतर प्रगति होती है ।
--अशोक शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी नारनौल
फोटो कैप्शन 11 से 13: व्यस्क परीक्षा देते हुए।
साथ में नरेश कौशिक एवं कर्ण सिंह जिला समन्वयक
हवन के साथ नव संवत्सर 2082 का स्वागत
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कनीना की आवाज। हिंदू नव वर्ष के उपलक्ष में आर्य समाज कनीना द्वारा एमआर होटल समक्ष हवन कर नव वर्ष , संवत 2082 का सुस्वागत किया गया। यजमान रूप में तेजपाल, सूबेदार वीरेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह व पालाराम सहपत्नी रहे।
इस अवसर पर राव मोहर सिंह , ओम प्रकाश आर्य , मानपूल आर्य, दिलावर सिंह , विजय पाल सेलांगिया , सुनील एडवोकेट, दिलीप सिंह स्टेशन मास्टर, होशियार सिंह , धनपत साहब , कंवर सेन , देसराज आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने नव वर्ष इस तरह अपने संस्थान पर नव वर्ष मनाने के बारे में खुशी जाहिर की और मंगल कामनाएं दी। मोहर सिंह साहब ने नववर्ष पर विस्तार से बताया तो मनफूल आर्य ने भजन के माध्यम से नव वर्ष का स्वागत किया ।आज के आयोजन की ब्रह्म स्वरूप बहन जी सुशीला आर्य ने भजन के माध्यम से नव वर्ष का स्वागत किया। इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह ने नववर्ष के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया कि यही दिन है सृष्टि के शुरुआत का, युगाबद्घ 5126 का, विक्रम संवत 2082 का इसी से हमारी परंपरा , हमारी संस्कृति, हमारा मान सम्मान इस दिन से जुड़ा है। जिसे हम समाज जागरण के साथ लंबे समय से किसी न किसी कार्यक्रम के माध्यम से हर वर्ष आयोजित करते हैं।
फोटो कैप्शन 14: हवन के साथ नव वर्ष मनाते हुए।
कैमला में आयोजित हुई उल्लास की परीक्षा
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कनीना की आवाज। नवभारत साक्षरता मिशन के अंतर्गत उल्लास कार्यक्रम के तहत आज राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में परीक्षा का आयोजन विभाग के निर्देश अनुसार किया गया। परीक्षा केंद्र संयोजक मुख्याध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ ने उल्लास मिशन की रूपरेखा ,कार्य योजना, नव भारत साक्षर मिशन में उपस्थिति सभी पंजीकृत प्रशिक्षुओं को विस्तृत जानकारी दी एवं सरकार के मिशन को विस्तार से अवगत कराया और बताया कि सरकार द्वारा कोई भी योजना अगर समय पर क्रियान्वित होती है तो उसके बेहतर जन कल्याणकारी सफल और सार्थक परिणाम आते हैं। आप सबका साक्षर होना परिवार के साथ -साथ समाज और राष्ट्र की उन्नति में कारगर सिद्ध होता है। आप अपने सपनों को साकार करने के लिए हम सब ने पूर्ण साक्षर मिशन उल्लास के कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए। इस अवसर पर सुनील कुमार, मनवीर सिंह, भगत सिंह, डिंपल जांगड़ा सरपंच, तारामणि ,बबली देवी, सूबे सिंह ,संजय दत्त, पवन कुमार, दीपक ,माया देवी, साहब कौर, कमला देवी, सन्तोष, ग्यारसी, सावित्री, सुन्दर, कविता, सत्यपाल साहब, बिमला देवी आदि उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 07: उल्लास की परीक्षा देती महिलाएं
बीआर स्कूल, सेहलंग में वार्षिक परिणाम एवं पारितोषिक वितरण समारोह का आयोजन
--अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का भव्य आयोजन किया
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कनीना की आवाज। बीआर स्कूल, सेहलंग में वार्षिक परिणाम घोषणा समारोह एवं अभिभावक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि बीआर ग्रुप के चेयरमैन हरीश भारद्वाज, डिप्टी चेयरमैन कृष्ण भारद्वाज, प्राचार्य डा. राम मोहन वशिष्ठ, उप-प्राचार्या ज्योति भारद्वाज, सहायक प्रोफेसर डॉ. पंकज भारद्वाज एवं उपस्थित अभिभावकों ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष मंत्रोच्चारण के साथ दीप जलाकर किया।इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों की घोषणा करना था, बल्कि उनकी सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी उनकी प्रगति को प्रोत्साहित करना था। समारोह के दौरान कक्षा 3 से 11 तक के विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया, जिसमें अनुशासन, नियमितता, शैक्षणिक प्रगति आदि शामिल थे, ताकि समग्र विकास की भावना को बनाए रखा जा सके।
प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र काव्या पुत्री कृष्ण भारद्वाज, परी पुत्री पवन कुमार, दीक्षा पुत्री प्रवीन कुमार, सोनम पुत्री मनीष कुमार, भावना पुत्री गोविंद, मयंक पुत्री संजय, साक्षी यादव पुत्री राकेश, दीक्षिता पुत्री जयपाल, रौनक पुत्र उमेद सिंह, रजत पुत्र महेश, मानवी पुत्री लक्ष्मण सिंह, रोहन पुत्र कुलभूषण, भावना पुत्री इंदरपाल, दीपा पुत्री कृष्ण और हर्षिता पुत्री सुनील कुमार रहे ।
प्राचार्य डॉ. राम मोहन वशिष्ठ ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और विद्यार्थियों की विभिन्न स्तरों पर उपलब्धियों को अभिभावकों के समक्ष रखा । अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिखर पर रहना हमेशा अच्छा होता है, लेकिन बच्चों पर इसका दबाव डालना उचित नहीं है। सभी छात्रों को एक ही शैक्षणिक मापदंड से नहीं आंका जा सकता। कुछ विद्यार्थी शैक्षिणिक रूप से उत्कृष्ट होते हैं, जबकि कुछ अन्य अद्वितीय प्रतिभाओं के धनी होते हैं। हमारे लिए प्रत्येक बच्चा असीमित संभावनाओं का स्रोत है और उचित देखभाल से उनकी छुपी हुई प्रतिभाओं को निखारा जा सकता है।
बीआर ग्रुप के चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने कहा कि वार्षिक परिणाम एवं पारितोषक वितरण समारोहएक उत्सव के समान है, जिसमें हम बच्चों के सीखने की यात्रा को सकारात्मक प्रेरणाओं के माध्यम से आगे बढ़ाते हैं। शिक्षकों के सहयोग से हम छात्रों को केवल शैक्षिणिक रूप से ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल और सामाजिक समरसता में भी पारंगत बनाने का लक्ष्य रखते हैं ताकि वे भविष्य में देश और मानवता की सेवा कर सकें।
कार्यक्रम के अंत में गत शैक्षणिक वर्ष के अनुभवों एवं आगामी सुधारों को लेकर अभिभावकों सेउनके सुझाव प्राप्त किए गए। अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन के प्रयासों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया।
फोटो कैप्शन 08: पारितोषिक वितरण समारोह पर सांस्कृतिक प्रस्तुति देते बी आर सेहलंग के विद्यार्थी।
नव वर्ष पर मोलडऩाथ आश्रम में किया शंखनाद
-प्रसाद भी वितरित
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कनीना की आवाज। हिंदू नव वर्ष 2082 के शुभारंभ पर जहां संत मोलडऩाथ कनीना आश्रम में रामनिवास दास द्वारा शंख ध्वनि करके नव वर्ष का स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रसाद भी वितरित किया गया। साथ में मोलडऩाथ नाथ आश्रम परिसर स्थित माता मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की। यह अखंड ज्योति लगातार नवरात्रों में जलती रहेगी। संत रामनिवास तथा उनके सहयोगियों ने अखंड ज्योति को प्रजावलित किया तथा खुशी जाहिर की। इस मौके पर विभिन्न जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: नव वर्ष प्रखंड ज्योति जलाते हुए संत रामनिवासदास
संत मोलडऩाथ आश्रम में बनेगा विशाल हाल
-विधिवत रूप से किया भूमि पूजन
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कनीना की आवाज। कनीना के संत मोलड़ आश्रम पर विशाल हाल बनाने के लिए भूमि पूजन किया गया। यह हाल भक्तों के लिए उपलब्ध हो सकेगा। इसकी जानकारी देते हुए संत ट्रस्ट प्रधान दिनेश कुमार कनीना ने बताया कि यह हाल कनीनावासियों द्वारा निर्मित किया जाएगा। इस हाल को भव्य रूप दिया जाएगा ताकि भक्तजन यहां आराम कर सके तथा बाबा के दर्शन कर सके संत के दर्शन कर सके। इस मौके पर प्रवेश पंडित द्वारा भूमि पूजन करवाया गया तथा यजमान के रूप में दिनेश और मंजू उपस्थित रहे। इस मौके पर अभय साहब, पूर्व मुख्य अध्यापक रतन सिंह शर्मा, पूर्व मुख्य अध्यापक विजेंद्र सिंह प्रकाश, सत्यवीर सिंह, रमेश कुमार, लाल सिंह शिवकुमार, अनिल कुमार, अशोक डीपी, मुकेश पंडित इंद्रजीत, अशोक ठेकेदार, संजय, रामनिवास आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 10: संत आश्रम पर हाल बनाने के लिए भूमि पूजन
राजेश को सर्वसम्मति प्रधान मनोनीत
--अन्य पदाधिकारियों का भी हुआ मनोनयन
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कनीना की आवाज। हिंदू नव वर्ष प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 को नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना में लखन लाल जांगड़ा कैमला की अध्यक्षता में भारत विकास परिषद शाखा कनीना की वार्षिक चुनाव कराने के लिए बैठक हुई, जिसमें महेंद्रगढ़ से भरत खुराना चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित रहे। बैठक शुरू होते ही सबसे पहले मोहन सिंह पूर्व अध्यक्ष ने शाखा के कोषाध्यक्ष डाक्टर नरेंद्र बोहरा के निधन पर शोक व्यक्त किया और सभी ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की मोहन सिंह ने बताया कि डाक्टर साहब का अचानक हम से बिछड़ जाना बहुत भारी क्षति है, भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवार को ये दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। उसके बाद बैठक में वर्ष 2024 -25 का लेखा-जोखा मोहन सिंह पूर्व पार्षद ने रखा। उसके बाद सचिव ने भारत विकास परिषद की वार्षिक कार्य का कर्म वद ब्योरा दिया। भरत खुराना चुनाव पर्यवेक्षक ने वर्ष 2025 -26 का अध्यक्ष व कार्यकारिणी के नव गठन के लिए नियम कानून पर प्रकाश डाला व चुनाव प्रक्रिया आरंभ की, अध्यक्ष के लिए नाम मांगे इसके बाद पूर्व प्रधान मोहन सिंह ने राजेश कुमार का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया। जिसका समर्थन कंवरसेन वशिष्ठ ने व सुरेश शर्मा ने समर्थन किया।
इसी क्रम में सचिव शक्ति सिंह पोता व कोषाध्यक्ष धनपत साहब को सर्वसम्मति से चुना गया ,बाद में शाखा के पांच उपाध्यक्ष व एक महिला उपाध्यक्ष क्रमश: कृष्ण कुमार मास्टर, सुरेश शर्मा, राजेंद्र प्रसाद पूर्व पार्षद, महेश बोहरा ,हनुमान बलराम व सरिता भारद्वाज को महिला उपाध्यक्ष चुना गया। पूर्व गौ सेवा प्रमुख कंवर सेन वशिष्ठ ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारीयों को पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से कार्य करने का आवाहन किया और मोहन सिंह ने प्रदेश में प्रगतिशील शाखा बनने की बारीकियां से अवगत कराया। इस मौके पर जितेंद्र यादव कंवर सेन वशिष्ठ, मोहन सिंह, राजेश कुमार साहब, मास्टर कृष्ण सिंह, सुरेश शर्मा, राजेंद्र यादव, शक्ति सिंह, धनपत साहब, महेश बोहरा, हनुमान यादव, ओम प्रकाश यादव, राजकुमार , सतबीर,दिलीप सिंह पूर्व पार्षद, सरिता भारद्वाज, योगेश अग्रवाल, देशराज यादव, आदि शाखा के सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 04: भाविप की बैठक का नजारा
सीहोर में चला विशेष नामांकन
-रात्रि के समय चला जनसंपर्क अभियान
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कनीना की आवाज। शहीद सतपाल सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहोर महेंद्रगढ़ में शिक्षा विभाग के विशेष नामांकन अभियान चलाया गया। रात्रि 7 से 11 तक नामांकन रैली व अभिभावकों से मुलाकात की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वेश्वर कौशिक खंड शिक्षा अधिकारी कनीना रहे। उन्होंने रात्रि में नामांकन रैली को हरि झंडी दिखा कर रवाना किया और स्वयं भी रैली के साथ-साथ चलकर बच्चों व अभिभावकों एसएमसी सदस्यों, ग्राम वासियों का उत्साहवर्धन करते रहे। स्कूल की छात्राओं ने हम अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में क्यों भेजें इस पर एक लघु नाटिका का प्रस्तुत की। फसल कटाई के समय इतनी भारी तादाद में ग्रामीणों की उपस्थिति व उत्साह देखते को मिला।
खंड शिक्षा अधिकारी ने सीहोर गांव में रात्रि के समय अभिभावकों को प्रेरित हुए कहा कि
सभी ग्रामवासी अपने आसपास के सरकारी स्कूलों से एवं गांवों के सभी बच्चों को सीहोर के सरकारी स्कूल में दाखिला कराए, क्योंकि संस्कार सहित शिक्षा देने में यह विद्यालय शिक्षा मंत्री से सम्मानित हो चुका है।
उन्होंने कहा की इस उन्नतिशील व प्रगतिशील गांव की सरदारी को नमन करते हुए यह बताना चाहता हूं कि नई शिक्षा नीति 2020 में 20 प्रतिशत पढ़ाई सनातन ,संस्कार , सभ्यता और परंपरा की रहेगी इसलिए आज ही अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में कराए।
उन्होंने ग्राम वासियों से कहा कि हम सरकारी स्कूल में ही दाखिला इसलिये करवाये क्योंकि शिक्षा को बेहतर आयाम देने के लिए, काबिल अफसर पैदा करने के लिए, संस्कार सहित बेहतर शिक्षा के लिए , देश की बड़ी परीक्षाओं में ज्यादातर सफलता के लिए।
प्राचार्य हरीश प्रधान ने ग्रामीणों के सामने स्कूल की प्रगति रिपोर्ट पेश की और कहा कि हमारे विद्यालय का वार्षिक परीक्षा परिणाम गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 100 प्रतिशत रहेगा। उन्होंने बताया कि गत वर्ष विद्यालय में 27 नए एडमिशन हुए थे, इस सत्र में भी विद्यालय परिवार 50 नए एडमिशन करने जा रहा है।
इस विशेष नामांकन अभियान में दयानंद, मदन शास्त्री, बुधराम , सूबे प्रधान , सीमा एसएमसी प्रधान, बलवंत उप-प्रधान, एसएमसी सदस्य धर्मपाल, सावित्री, सीमा, कृष्णा व कैलाश, लालाराम , गायत्री, सूरजभान, हरिराम, अतर सिंह, उत्तम सिंह एवं हजारों की संख्या में ग्रामवासी ,विद्यालय स्टाफ, स्कूल के समस्त बच्चे मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 05: रात्रि को जन चेतना रैली निकालते सीहोर का स्टाफ
मोदी की मन की बात को सुना व देखा
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव पोता के बूथ नंबर 4 पर लोगों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मन की बात को परिजनों संग सुना। नेता हनुमान सिंह उर्फ नथन यादव गांव पोता ने बताया कि मन की बात सुनकर मन को आनंद प्राप्त हुआ तथा उन्होंने परीक्षा के डर को मन से निकालने पर बल दिया जो विद्यार्थियों के लिए अति लाभप्रद साबित होगा।
फोटो कैप्शन 06: मन की बात को देखते पोता के लोग।
सावधान --
-साक्षात्कार लेने के नाम पर भी दूसरे जिलों के आए हुए फर्जी पत्रकार ले गए पैसे
-पार्षदों का लिया था साक्षात्कार
-बचों ऐसे साक्षात्कारों से तथा फर्जी पत्रकारों से
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कनीना की आवाज।साक्षात्कार लेने के नाम पर भी दूसरे जिलों के आए हुए फर्जी पत्रकार ले गए पैसे-पार्षदों का लिया था साक्षात्कार
-बचों ऐसे साक्षात्कारों से तथा फर्जी पत्रकारों से
Saturday, March 29, 2025
हास्य व्यंग्य
बंदरों से भी खतरनाक है बिहारी बंदर
-छतों पर टंकियों में नहाते हैं ये बंदर
-छतों और दीवारों का हुलिया ही बिगाड़ देते हैं
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कनीना की आवाज। यूं तो लोग बंदरों के आतंक से भयभीत है किंतु आने वाली पीढ़ी बिहारी और यूपी के इंसानी जिस्म वाले
बंदरों से बहुत अधिक दुखी रहेगी क्योंकि ये ऐसे बंदर आ गए हैं जो खंडहरनुमा घरों में बंदरों की तरह मिलते हैं। जिस प्रकार बंदर इकट्ठे मिलते हैं ठीक उसी प्रकार एक ही घर में ये 7 से 10 लोग तक भी मिल सकते हैं। बंदर जिस पेड़ की टहनी को तोड़ देते हैं वह दोबारा नहीं पनपती, फल को नष्ट कर देते हैं वो कीड़े पड़कर नष्ट हो जाता है। इसी प्रकार की बिहारी बंदर खाने को तो मजदूर और मिस्त्री का काम करते हैं लेकिन न तो इनको मिस्त्री का ज्ञान है न हीं मजदूरी का अपितु घर का नक्शा और हुलिया ही बदल सकते हैं। सबसे बड़ी बात है कि यह आपस में जो भाषा बोलते हैं उसका को समझ पाना भी कठिन है जैसे बंदरों की भाषा हो परंतु जिस जगह ये लाल थूक देते हैं वह निशान नहीं मिटता और लोगों का कहना है कि जिस जगह ये हग जाते हैं वहां से 10 दिनों तक निकलना भी मुश्किल हो जाता है, इतनी बदबू फैलती है। सबसे आश्चर्यजनक बात है कि यह बिहारी बंदर तो टंकियां में नंगे नहाते देखे गए हैं, जिनकी फोटो मेरे पास उपलब्ध है। ऐसे में हम बंदरों को महज दोष दे रहे हैं किंतु ये बिहारी और यूपी के बंदर तो उनसे भी कई गुना खतरनाक साबित हो सकते हैं। थकते हैं, हगते हैं, दीवारों का हुलिया बदलते हैं इधर-उधर छतों पर टंकियों में नहाते हैं। जिस प्रकार लोग बंदरों से डरते हैं, जिस प्रकार बंदर खिर-खिर करके खाने को दौड़ता है वैसे ये बिहारी बंदर तो उनसे भी खतरनाक खेल खेलते हैं और इंसान के पीछे दौड़ते हैं। ये किसी का कहना नहीं मानते, किसी से डरते नहीं, गंदगी करने में माहिर हैं। अब देखना है के बिहारी बंदर समाज को किस प्रकार बदल कर रखेंगे। अगर लोग सावधान नहीं हुये तो हालात और भी बिगाड़ सकते हैं।
भोजावास स्कूल में वार्षिक उत्सव आयोजित
-प्रतिभावान विद्यार्थियों को किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज। पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास में विद्यालय शिक्षा विभाग के सौजन्य से विद्यालय में वार्षिक उत्सव आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्य रेणु मेहरा ने की । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार ने शिरकत की । विशिष्ट अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी कनीना डा. विश्वेश्वर कौशिक , खंड संसाधन संयोजक कनीना दिलबाग सिंह व हेमंत कुमार प्रवक्ता कुमार बहादुरगढ़ ने शिरकत की।
डा. राकेश कुमार ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता , बड़ों तथा गुरुजनों के मार्गदर्शन में रहकर ही आगे बढ़ पाना संभव बताया। उन्होंने विद्यालय प्रांगण में आवश्यकता अनुसार टाइल लगाने के काम को जल्दी से जल्दी पूरा करवाने का आश्वासन दिया।
विद्यार्थियों ने मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों से उपस्थित दर्शकों एवं श्रोताओं को भाव विभोर किया। सभी वक्ताओं ने विद्यार्थियों को आधिकाधिक अध्ययन पर बल देने की अपील की। कार्यक्रम में प्रत्येक कक्षा में पिछले सत्र के वार्षिक परीक्षा परिणाम में प्रथम , द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया । इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों , वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न पाठ्य सहगामी प्रतियोगिताओं में अपनी बेहतरीन उपस्थिति एवं स्थान दर्ज करवाने वाले विद्यार्थियों को भी प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अन्य अतिथियों में भाग सिंह चेयरमैन , सुरेश शास्त्री गोमली तथा बाबा हेमादास गौशाला भोजावास के पूर्व प्रधान बाबूलाल रोहिल्ला, प्रधान सुरेश सरपंच मानपुरा रहे। इस मौके पर प्रधान सुरेश मानपुरा, रविंद्र शर्मा, किशोरी रोहिल्ला, पूर्व सरपंच बाबूलाल शर्मा जगराम राणा, राकेश रोहिल्ला, सुमित आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 08: मंच पर मुख्य अतिथि सहित विभिन्न अधिकारी
घर के बाहर खड़ी बाइक चोरी, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव नांगल मोहनपुर के नीतीश कुमार की घर के बाहर खड़ी बाइक चोरी हो गई। उन्होंने पुलिस में बताया कि सुबह करीब 7:40 बजे घर के बाहर बाइक खड़ी की थी। सारा परिवार खेत में काम करने के लिए चला गया और बाइक को घर के बाहर छोड़ गए। सुबह जब 11 बजे वापस आए तो बाइक नहीं मिली। उनके बयान पर अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
कैमला में आयोजित हुआ प्रवेश उत्सव
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में प्रवेश उत्सव का कार्यक्रम शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए नामांकन का विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें सरपंच डिम्पल एवं एसएमसी प्रधान सूबे सिंह व सन्नी दत्त के साथ मिलकर शिक्षा विभाग की सभी प्रोत्साहन एवं लाभान्वित स्कीमों के बारे में विस्तार से बताया और ज्यादा से ज्यादा प्रवेश अपने गांव के सरकारी विद्यालय में करवाने की अपील की। गत वर्ष की विद्यार्थियों के द्वारा खंड व जिला स्तर पर जो पाठ्यक्रम आधारित शैक्षिक उपलब्धियां रहीं। उनका विस्तार से बताया गया तथा वर्तमान में शिक्षा मंत्री का अभिभावक और बच्चों के नाम संदेश और विभाग के निर्देशानुसार आदि से सभी स्कीमों को अवगत कराते हुए अपने विद्यालय में ज्यादा से ज्यादा नामांकन करवा कर अपने बच्चों को सुरक्षित व सुखद भविष्य और गुणवत्ता एवं संस्कारवान शिक्षा से परिपूर्ण परिवेश में भेजने की प्रार्थना मुख्य अध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ के द्वारा की गई। सभी ग्रामीण और अभिभावक जनों ने सहयोग का आश्वासन दिया इस अवसर पर मनवीर सिंह,सुनील कुमार शास्त्री, देवेंद्र यादव, राजेश कुमार, गरिमा रानी, सुनील कुमार ,हरिश कुमार, रामकिशन,मनोज कुमार, तारामणि, पिंकी,बब्ली देवी आदि उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन: कैमला में प्रवेश उत्सव मनाते हुए
सेवानिवृत्त सीनियर अकाउंटेंट के विरुद्ध गबन का मामला दर्ज
-16,77,837 रुपये से भी अधिक राशि का गबन
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कनीना की आवाज। प्रवीण कुमार सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां महेंद्रगढ़ ने पुलिस अधीक्षक महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल को पत्र भेज कर सेवानिवृत्त सीनियर अकाउंटेंट अशोक कुमार, दी महेंद्रगढ़ सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाने की मांग की है। जिस पर कनीना पुलिस ने अशोक कुमार पर गबन का मामला दर्ज कर लिया है।
सहायक रजिस्ट्रार ने पुलिस में दी गई शिकायत में 28 मई 2024 व 22 अगस्त 2024 तथा 23 अक्टूबर 2024 आदि पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि अशोक कुमार सीनियर अकाउंटेंट सेवानिवृत्त हो चुके और उन्होंने दी महेंद्रगढ़ सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड महेंद्रगढ़ द्वारा कनीना प्राथमिक कृषि सहकारी लिमिटेड पैक्स में प्रबंधक पद पर रहते हुए 16,77,837.18 रुपये का गबन कर दिया है। उन्होंने उन्होंने लिखा कि पूर्व विभागीय जांच में भी अशोक कुमार दोषी पाया गया है तथा अशोक कुमार की संपत्ति को राजस्व विभाग को अटैच करने के लिए राजस्व विभाग को भी पत्र भेजा जा चुका है। सेवानिवृत्ति के बकाया पर भी रोक लगाने के लिए बैंक को लिखा जा चुका है। ऐसे में कनीना पुलिस ने उनके बयान पर अशोक कुमार के विरुद्ध गबन का मामला दर्ज कर लिया है।
प्राध्यापक दिनेश शर्मा हुए सेवानिवृत्त
सेवानिवृत्ति पर श्री कृष्ण गौशाला कनीना में गायों को खिलाया चारा, 11 हजार दान
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कनीना की आवाज। प्राध्यापक दिनेश शर्मा, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी से सेवानिवृत्त हो गये हैं। वे पिछले 32 वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे थे। उन्होंने अपने जीवन में पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अध्यापन का कार्य किया। सेवानिवृत्ति के अवसर पर उन्होंने गौशाला कनीना पहुंचकर गायों को हरा चारा खिलाया व 11 हजार रुपये दान भी दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा की गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है। उनकी सेवा करना हम सभी का परम कर्तव्य है। गौ माता की सेवा ईश्वर की सेवा करने के बराबर है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 32 वर्षों से अध्यापन का कार्य कर रहे थे और आज सेवानिवृत्त हुए हैं। इस मौके पर उन्होंने प्रीतिभोज का भी आयोजन किया। जिसमें नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं प्राचार्य बीरेंद्र सिंह ने कहा की दिनेश शर्मा एक नेकदिल इंसान है। उन्होंने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से अध्यापन का कार्य किया। छात्र उनके अध्यापन के कार्य से काफी प्रसन्न थे। उन्होंने समय-समय पर छात्रों को नैतिक शिक्षा व सामाजिक कार्यों और खेलों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया। दिनेश शर्मा जी के सेवानिवृत्ति पर अध्यापक गण व छात्राएं भावुक हुई। इस मौके पर समस्त स्टाफ सदस्य व गणमान्य लोग और परिजन भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: गायों की सेवा करते दिनेश कुमार
सरसों कटाई का काम पूरे यौवन पर
बिजली के तारों से फसल को बचाएं-रामरतन
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सरसों की लावणी का कार्य पूरे यौवन पर चल रहा है तथा गेहूं की फसल पकी खड़ी है। ऐसे में आग लगने से बचाने के लिए विभिन्न अधिकारी जुटे हुए हैं तथा किसानों को सलाह दे रहे हें कि अपनी कटी हुई फसल को बिजली के ट्रांसफार्मर एवं तारों से दूर डाले।
बिजली विभाग कनीना ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वो अपनी कटी हुई फसलों को बिजली की तारों के नीचे एकत्रित न करें क्योंकि कई बार तेज हवाओं के चलने व तारों पर पक्षियों के बैठने से तार आपस में मिल जाते हैं जिससे चिंगारियां निकलती है। इन चिंगारियों से फसलों का जल जाने से नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है।
इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी--
किसान खेतों में अपनी कटी हुई सरसों, गेहूं व अन्य फसलों को वहां से गुजरने वाली तारों के नीचे एकत्रित ना करें। उन्होंने कहा कि तारों के नीचे फसलों के रखने से उनमें नुकसान होने का अंदेशा बना रहता है। कई कारणों से तारों में चिंगारियां निकलती है। इन चिंगारियों के कटी हुई फसलों पर गिर जाने से फसलों के जल जाने का खतरा रहता है जिससेे किसानों को नुकसान हो सकता है। इसलिए किसान अपनी कटी हुई फसलों को ऐतिहात बरतते हुए तारों से दूर रखें। ताकि फसलों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
---रामरतन गोमली जेई
ट्रांसफार्मर के आस पास कटी हुई फसल न लगाये, अग्रि शमन के नंबर हमेशा लिखकर रखे, खेल, पाउंडा तथा बड़ी पानी की टंकी आदि खेत में पानी से भरकर रखे, पुलिस को सूचित करने तथा बिजली विभाग की सहायता के लिए अपने पास फोन नंबर तथा फोन साथ रखे। अग्रिशमन के नंबर हमेशा याद रखे। अगर कोई घटना घटती है तो फायरब्रिगेड को अविलंब 101 नंबर पर सूचित करें। अग्रिशमन विभाग की गाड़ी तुरंत मौके पर पहुंचेगी।
--राकेश कुमार फायर स्टेशन आफिसर, फरीदाबाद, कनीना निवासी
फोटो कैप्शन: राकेश कुमार एवं रामरतन गोमली जेई
बदलते मौसम में किसान त्वरित गति से ले रहे सरसों की पैदावार
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कनीना की आवाज। इस समय जहां किसान खेतों में सुबह से शाम तक त्वरित गति से अपनी सरसों के पैदावार ले रहे हैं वहीं गेहूं की लावणी भी आ चुकी है। सरसों के तुरंत बाद गेहूं की लावणी शुरू कर देंगे।
किसान सुबह घर से निकलते और शाम को लौटते हैं। किसान दिनेश कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस समय सरसों पैदावार लेने का काम पूरे यौवन पर चल रहा है। किसान अधिकांश पैदावार लेने का कार्य मजदूरों से करवा रहे हैं। दूसरे राज्यों से भारी संख्या मजदूर आए हुए हैं जो 1500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों निकालने का कार्य करते हैं। जबकि 3000 प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की पदाड़ी बिक जाती है। किसानों ने बताया कि जहां दो दिनों से मौसम में कुछ बदलाव आ रहा है, हल्के बादल भी बार-बार दिखाई दे रहे जिसके कारण किसानों की चिंता की रेखा बढ़ गई है और वे तेजी से अपने कार्य में लगे हुए हैं।
फोटो कैप्शन : 06 सरसों की पैदावार लेते हुए किसान
नवरात्रों में याद आते हैं जौ,30 साल पहले होती थी खूब खेती
-जौ शून्य हेक्टेयर पर पहुंचा, राबड़ी को भी तरसे लोग
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कनीना की आवाज। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते हैं। अब न तो जौ की खेती होती और न राबड़ी एवं धानी। नवरात्रों में जौ बड़े याद आते हैं।
1986-87 तक कनीना क्षेत्र की करीब 33 हजार हेक्टेयर भूमि हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। वैसे तो जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता है। जब नवरात्रे चलते हैं तो जौ की विशेष मांग होती है। गेहूं-चना एवं जौ -चने की मिश्रित खेती की जाती थी। 1982 में फव्वारा आया जिसके चलते चने की खेती घटती जा रही है और वर्तमान में तो चना अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
जौ को गंगा में डालने, पूजा अर्चना,हवन आदि में काम आता है वहीं पैदावार 40 मण प्रति हेक्टेयर तथा भाव 2000 रुपये क्विंटल तक होता है। होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। जौ की रोटी खाने के लिए या फिर धानी बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं।
जौ की रोटी प्रचलन था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। राबड़ी चाव से खाते हैं वहीं जौ का प्रयोग बीयर आदि बनाने में लेते हैं। शरीर में ठंडक के लिए राबड़ी को गर्मियों में खाते हैं किंतु अब राबड़ी की बजाय चाय पर आ पहुंचा है। पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज बताते हैं कि अब जौ की पैदावार नहीं हो रही है चूंकि किसानों का रुझान ही समाप्त हो गया है।
9 दिन चलने वाले नवरात्रों के पीछे छुपा है वैज्ञानिक तथ्य-डा होशियार सिंह
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कनीना की आवाज। नवरात्रे 30 मार्च से शुरू हो रहे हैं तथा लगातार 9 दिन माता के नौ रूपों की पूजा का विधान है। इस बार नवरात्रे रामनवमी 6 अप्रैल को संपन्न हो जाएंगे।वास्तव में नवरात्रों के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य छुपा हुआ है। विज्ञान के जानकार डा. होशियार सिंह कनीना का कहना है कि नवरात्रे वर्ष में दो बार आते हैं जिसमें सर्दी से गर्मी में या गर्मी से सर्दी में प्रवेश किया जाता है जिन्हें शारदीय नवरात्रे तथा चैत्र नवरात्र नाम से जाना जाता है। दो अप्रैल से शुरू हो रहे नवरात्रों को चैत्र नवरात्रे नाम से जाना जाता है। इनके पीछे भी विज्ञान का गहरा राज छिपा हुआ है। वास्तव में जब मौसम बदलता है उस वक्त नया अनाज आ जाता है और नया अनाज सीधे ग्रहण करने से शरीर में कुछ उल्टे प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में शरीर से पुराने अन्न को पूर्णतया समाप्त करके ही नया अन्न धारण करना चाहिए। 9 दिनों के व्रत के पीछे यही कारण है कि शरीर से पुराना अनाज समाप्त किया जाता है। नौ दिनों में पुराना अनाज शरीर से रस एवं खून में बदल जाता। तत्पश्चात ही नया अन्य धारण किया जाता है जो शरीर में किसी प्रकार का नुकसान नहीं करके स्फूर्ति का संचार करता है। वास्तव में मौसम बदलता है बदले मौसम के अनुरूप ही नया अन्न ग्रहण करना चाहिए। यद्यपि नवरात्रों में जौ उगाये जाते हैं जो 9 दिनों तक बड़ा हो जाता है तथा इस हालात में चले जाते हैं कि उनको व्रत के अंतिम दिन ऊपर से काटकर जवारे रस बनाकर पीना चाहिए और व्रत खोलना चाहिए। उनमें कैंसर तक लडऩे की क्षमता होती है। अक्सर लोग इन 9 दिनों तक उगाए गए जौ को किसी नदी, नाले आदि में बहा कर इतिश्री समझ लेते हैं। और तभी से कहावत चली है गंगा में जौ उगाना। वास्तव में इन उगाये हुये जौ से दोनों लाभ उठाये जा सकते हैं। ऊपर से एक से 2 इंच काटकर रस बनाकर पीना चाहिए और मां के नवरात्र संपन्न करने चाहिए जो शरीर में ऊर्जा स्फूर्ति ,प्रतिरोधकता पैदा करते हैं।
डा यादव बताते हैं कि सबसे बड़ा तथ्य नवरात्रों के पीछे छुपा है कि 9 दिन व्रत करने से शरीर बिल्कुल शुद्ध किया जाता है। अनाज पूणरूप समाप्त हो जाता है और फिर नए मौसम के अनुसार अनाज को ग्रहण करते हैं तो बेहद स्फूर्ति देता है। अफसर इन 9 दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है पुराने वक्त से चली आ रही है।
उनका कहना है कि पुराने वक्त से इसी दिन से नए वर्ष की शुरुआत होती है। दो अप्रैल को 2079 नव वर्ष शुरू होगा जो राजा विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ है जिन्होंने हूणों पर विजय पाकर यह नव वर्ष शुरू किया था। ग्रामीण क्षेत्रों में से सम्मत संवत,नव वर्ष आदि नामों से जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में जहां गुड़ी पाड़वा, विक्रमी संवत आदि नामों से जानते हैं वहीं से नव संवत्सर नाम से भी जानते हैं। विभिन्न पकवान बनाकर इस नए वर्ष का स्वागत किया जाता है जो पूर्वजों से चला आ रहा है।
देखने में आता है की बच्चे नवरात्रि में मां के नौ रूपों तक का ध्यान नहीं रखते। बहुत से व्रत धारण करने वाले भी मां के नौ रूपों का ध्यान नहीं दे पाते वास्तव में नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री नाम से जाने जाते हैं वही
हर बच्चे बच्चे की जुबान पर जनवरी से दिसंबर तक महीनों के नाम हिंदी व अंग्रेजी में याद है किंतु हिंदू कैलेंडर जो अकसर मार्च-अप्रैल में शुरू होता है के बारे में तथा महीनों के नाम नहीं जानते। ये नाम चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष ,पौष, माघ और फागुन हैं। 9 दिनों तक अन्न न ग्रहण करके अधिक से अधिक जल धारण करें तो विज्ञान का तथ्य कहता है कि शरीर पूर्णता शुद्ध हो जाएगा साथ में अन्न की बजाय फल आदि का प्रयोग करें ताकि शरीर में शुद्धता आये। अचानक नया अन्न प्रयोग करने से एलर्जी आदि की संभावना बढ़ जाती है, उससे बचने का सबसे सरल उपाय है माता के नौ रूपों की का व्रत धारण करना चाहिए।
फोटो कैप्शन-डा होशियार सिंह
-नव वर्ष पर होंगे अनेक कार्यक्रम
-अखंड ज्योति जलाई जाएगी, शंख बजाकर होगा नव वर्ष का आगाज
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में नूतन हिंदू नव वर्ष मनाए जाने की तैयारी जारी है। कनीना के मोलडऩाथ आश्रम के पास माता मंदिर में जहां माता को स्नान करवा कर भक्तों ने अखंड ज्योति की तैयारी शुरू कर दी है। संत रामनिवास ने बताया कि यहां अखंड ज्योति जलाई जाएगी। ज्योति नवरात्रों में जलती रहेगी। उधर कनीना के संत मोलडऩाथ आश्रम पर शंख बजाकर नव वर्ष का आगाज किया जाएगा। ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि संत रामनिवास शंख बजाकर हर वर्ष नूतन वर्ष का के आगमन का आगाज करते हैं। कनीना बस स्टैंड पर नव वर्ष पर मिठाई बांटकर कैलेंडर वितरित किए जाएंगे। महेश बोहरा, कुलदीप बोहरा आदि यह कार्यक्रम हर वर्ष मनाते आ रहे हैं। नव वर्ष पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।
क्या कहते हैं पंडित ऋषिराज-
पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि पिंगल नामक संवत्सर (2081) 29 मार्च को शाम 4:27 बजे समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि की वजह से 30 मार्च से नव संवत्सर शुरू होगा। इसके साथ ही आठ दिनों का नवरात्र भी प्रारंभ हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिपदा को जो दिन या वार पड़ता है, वही उस संवत्सर का राजा होता है और सूर्य की मेष संक्रांति जिस दिन होती है, उस दिन से संवत्सर के मंत्री पद का निर्धारण होता है। यह नवसंवत्सर उपद्रव से युक्त व नकारात्मक फलदायक होगा। इस संवत्सर का शुभारंभ सिंह लग्न में होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। यही कारण है कि इस दिन को नवसंवत्सर के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू नववर्ष से ही नए संवत्सर की शुरुआत होती है। सभी चारों युगों में सबसे पहले सतयुग की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हुई थी। इसे सृष्टि के कालचक्र का पहला दिन माना जाता है।
30 मार्च से शुरू होने वाला नव संवत्सर 2082 का नाम सिद्धार्थी है, और इस वर्ष के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य देव होंगे.
इसकी शुरुआत राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने की थी। यह संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है। इसे गणितीय दृष्टि से सबसे सटीक काल गणना माना जाता है और ज्योतिष भी इसे ही मानते हैं। इस संवत में कुल 354 दिन होते हैं, और हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह (अधिक मास) जोड़ा जाता है, ताकि समय का संतुलन बना रहे।
संवत्सर को महाकाल का एक हिस्सा माना जाता है। इसे भारत के अलग-अलग राज्यों में गुड़ी पाड़वा, उगादि जैसे नामों से जाना जाता है।
फोटो कैप्शन 05:माता मंदिर कनीना में भक्त माता मंदिर की सफाई कर, अखंड ज्योति की तैयारी में
साथ में पंडित ऋषिराज
हिंदु नव वर्ष 2082 मनाने के लिए बैठक आयोजित
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव बूचावास में विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष लखन लाल जांगड़ा ने एक आवश्यक बैठक ली। जिसमें उन्होंने कहा कि हम चैत्र मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को हिंदू सनातन नव वर्ष मनाते हैं। नवरात्रों की शुरुआत भी इसी दिन से होती है इसलिए हर हिंदू को अपना यह नव वर्ष बड़ी धूमधाम से मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिन हर हिंदू परिवार शाम को अपने घर में एक दीपक जलाकर हनुमान चालीसा व दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। श्री जांगड़ा ने कहा कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को हम रामनवमी का त्यौहार भी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । उन्होंने कहा कि हिंदू सनातन नव वर्ष से लेकर रामनवमी तक हर हिंदू को अपने घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ व रामनवमी को रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए। इस बैठक में बूचावास खंड अध्यक्ष रामकिशन बंसल, खंड मंत्री सुरेंद्र सिंह,धनोन्दा खण्ड के गांव कैमला के ग्राम अध्यक्ष डालचंद जांगड़ा , ग्राम उपाध्यक्ष राजकुमार जांगड़ा, निर्मल शास्त्री व दूसरे खण्डों के भी अनेक कार्यकर्ता बैठक में उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 04: नव वर्ष मनाने हेतु आयोजित बैठक
माडल संस्कृति स्कूल, कनीना का प्रवेश अभियान जारी
- पांचवे दिन भी टीम ने किया डोर-टू-डोर प्रचार
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल, कनीना द्वारा चलाया जा रहा प्रवेश अभियान लगातार पांचवें दिन भी पूरे उत्साह के साथ जारी रहा। इस अभियान के तहत स्कूल की दो टीमों ने नगर के विभिन्न वार्डों का दौरा किया और अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें सरकारी मॉडल संस्कृति स्कूल की विशेषताओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली के बारे में अवगत कराया।
इस अभियान में स्कूल के समर्पित शिक्षकों और कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा। टीम में नितिन मुदगिल, बलदीप यादव, मुंशी राम, नरेश कुमार, सुनील कुमार, उमेद सिंह और सुरेंद्र कुमार शामिल रहे, जिन्होंने दो समूहों में विभाजित होकर अलग-अलग वार्डों में प्रचार-प्रसार किया। अभियान के दौरान टीम ने अभिभावकों से संवाद स्थापित कर उनके सवालों का जवाब दिया और उन्हें सरकारी माडल संस्कृति स्कूल में नामांकन कराने के लिए प्रेरित किया।
अभियान के दौरान अभिभावकों ने गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति स्कूल, कनीना की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुशासन और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। कई अभिभावकों ने कहा कि वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए इस स्कूल को पहली पसंद मानते हैं।
उन्होंने कहा, हमारा मुख्य उद्देश्य प्रत्येक छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि वे अपने उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर हो सकें। अभिभावकों का उत्साहवर्धक समर्थन हमें और अधिक प्रेरित कर रहा है।
विद्यालय प्रशासन ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का नामांकन सरकारी माडल संस्कृति स्कूल, कनीना में करवाएं और उन्हें एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर करें। इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आने वाले दिनों में भी डोर-टू-डोर संपर्क जारी रहेगा।
फोटो कैप्शन 03: प्रवेश के लिए जारी अभियान
Friday, March 28, 2025
सरसों की खरीद जारी 96 किसानों से 1803 क्विंटल खरीदी सरसों
--26 मार्च से शुरू हुई थी खरीद
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरसों खरीद जारी है। 26 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हुई थी तब से अब लगातार खरीद का काम चल रहा है। शुक्रवार को शुक्रवार को 96 किसानों से 1803 के अटल सरसों की खरीदी गई। खरीद कार्य वेयरहाउस द्वारा किया जा रहा है। एमएसपी 5900 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है।
खरीद के अवसर पर सचिव विजय सिंह,मंडी सुपरवाइजर सतीश कुमार , विभिन्न अधिकारी किसान आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चेलावास मंडी में सरसों की खरीद करते हुए अधिकारी
भोजावास स्कूल में आयोजित हुआ एक्सपर्ट टाक कार्यक्रम
--डा. नेहा यादव ने दी जानकारी
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कनीना की आवाज। पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास में ग्रीन स्कूल कार्यक्रम के तत्वाधान में एक एक्सपर्ट टाक कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इस एक्सपर्ट टाक में विशेषज्ञ के रूप में बागवानी उत्कृष्टता केंद्र सुन्दरह से डा. नेहा यादव ने विद्यार्थियों व शिक्षकों को ग्रीन स्कूल प्रोग्राम के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया । उन्होंने बहुत ही सरल भाषा में विद्यार्थियों व शिक्षकों को दैनिक जीवन एवं कृषि व्यवसाय की बारीकियों से जोड़ते हुए उन्हें.किचन गार्डन तैयार करने के लिए टिप्स दिए। डा. नेहा यादव ने वहां उपस्थित सभी से अपने-अपने घर के आंगन ,.सीढियों , चारदीवारी , गैलरी व छत पर किचन गार्डन तैयार करने का आह्वान किया । उन्होंने संतुलित पोषण के लिए विद्यार्थियों को विभिन्न रंगों के फल व सब्जियां अपने भोजन में शामिल करने का आह्वान किया । उन्होंने विद्यार्थियों को उचित पोषण के अभाव में होने वाली बीमारियों एवं समस्याओं के प्रति सचेत किया। उन्होंने सभी से हर वर्ष एक-एक पौधा लगाकर उसे पेड़ बनने तक संभालते रहने का आह्वान किया। उन्होंने में बदलते प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय परिदृश्य में घास-फूस , पेड़-पौधों , सब्जियों , बेलों , वृक्षों एवं वनों की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा पर्यावरणीय क्षेत्र में आने वाली चुनौतियां जैसे ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए वृक्षारोपण को अधिक अधिक प्रोत्साहन ही एकमात्र समाधान बताया। विद्यालय एवं विद्यार्थियों के किचन गार्डन के लिए अपने बागवानी उत्कृष्ट केंद्र से विभिन्न सब्जियों की पौध उपलब्ध करवाने की पेशकश की। इस कार्यक्रम से संबंधित पोस्टर मेकिंग व निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र तथा नकद इनाम देकर पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम की संयोजक पिंकी राघव व विद्यालय परिवार के शिक्षकों ने डा. नेहा यादव का धन्यवाद किया तथा एक स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। फोटो कैप्शन 06: डा. नेहा को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए
सड़क सुरक्षा के लिए आयोजित हुआ कार्यक्रम
-सड़क सुरक्षा की जानकारियां दी गई
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हानी में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा. विक्रम सिंह ने की, जबकि सड़क सुरक्षा समिति के संयोजक प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डा. विक्रम सिंह के उद्घाटन भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सड़क सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, सड़क सुरक्षा न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि यह एक सामाजिक कर्तव्य भी है। हमें यातायात नियमों का पालन करके स्वयं और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रोफेसर दिनेश कुमार ने छात्राओं को सड़क सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं। उन्होंने यातायात संकेतों, सड़क पर चलने के नियमों, और वाहन चलाते समय सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं ने सड़क सुरक्षा पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी लगाई, जिसमें उन्होंने अपने रचनात्मक विचारों के माध्यम से सड़क सुरक्षा के संदेशों को अभिव्यक्त किया ।
अंत में, महाविद्यालय परिसर से एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें छात्राओं ने सड़क सुरक्षा के नारे लगाते हुए स्थानीय समुदाय को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया।
प्राचार्य डॉ. विक्रम सिंह ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सभी छात्राओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने और समाज में इस संदेश को फैलाने के लिए प्रेरित किया।
राजकीय महिला महाविद्यालय, उन्हानी का यह प्रयास सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जिससे न केवल छात्राएं, बल्कि पूरा समुदाय लाभान्वित होगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे ।
फोटो कैप्शन 04: सड़क सुरक्षा के लिए जागरूक करते विद्यार्थी।
30 व 31 को खजाना, उप-खजाना व सरकारी लेन-देन वाले बैंक रहेंगे खुले
-31 को अर्ध रात्रि तक खुले रहेंगे बैंक
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कनीना की आवाज। वित्त वर्ष 2024-25 की समाप्ति से पहले 30 मार्च को खजाना, उप-खजाना व सरकारी लेन-देन वाले बैंक खुले रहेंगे।
उपायुक्त डा. विवेक भारती ने पंजाब वित्तीय नियम, खंड-1, भाग-1 के नियम 3.40 के नोट 5 के तहत दी गई शक्तियों के दृष्टिगत जिले के खजाना, उप-खजाना व सरकारी लेन-देन वाले बैंकों को 31 मार्च के अलावा 30 मार्च को भी खुला रखने के आदेश पारित किए हैं।
उन्होंने बताया कि सभी कार्यालय तथा आहरण एवं वितरण अधिकारी अपने किसी भी प्रकार के वित्तीय कार्य 30 तारीख को कार्यालय समय तथा 31 को मध्य रात्रि तक करवा सकते हैं। सभी बैंक भी आखिरी दिन देर रात तक खुले रहेंगे।
अधिकारियों की संयुक्त टीम ने किया स्कूल वाहनों का निरीक्षण
--मानदंड देखकर संतोष जताया
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कनीना की आवाज। एसडीवमा विद्यालय ककराला में एसडी स्कूल ककराला की, आरपीएस स्कूल भडफ़ व युदवंशी स्कूल कनीना स्कूल बसों का एसडीएम डा. जितेन्द्र सिंह , खंड शिक्षा अधिकारी डा. विश्वेश्वर शर्मा , बीआरसी दिलबाग सिंह , बीईओ कार्यालय से सुनील कुमार कनीना, नवीन कुमार एडीटीओ, देवेन्द्र कुमार, रवि आरटीओ कार्यालय , श्रीभगवान व सनील कुमार हरियाणा राज्य परिवहन नारनौल कि संयुक्त टीम ने आज स्कूल बसों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने दस्तावेजो में बस की फिटनेस, परमिट, इंसोरेन्स, प्रदूषण, टैक्स व रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र चैक किए व बसों में प्राथमिक चिकित्सा बाक्स, आग बूझाने का यंत्र , कैमरे, जीपीएस व टायर आदि चैक किए गए। राज्य परिवहन कार्यालय से आऐ श्रीभगवान व सनील कुमार ने बसों को चलाकर उनके ब्रेक, लाइट, वाईपर, साइड इंडीकेटर व स्पीड का निरीक्षण किया । एसडीएम जितेन्द्र सिंह ने सभी चालक व परिचालकों को सड़क सुरक्षा के बारे में अवगत करवाया। इस मौके पर विद्यालय में आई हुई पूरी टीम, विद्यालय चैयरमैन जगदेव यादव , उपनिदेशक औमप्रकाश, सीईओ आरएस यादव व परिवहन प्रभारी अनिल शर्मा उपस्थित थे। निरीक्षण के दौरान पूरी टीम सभी मानदंडों को देखकर खुश थी।
फोटो कैप्शन 03: अधिकारी बसों का निरीक्षण करते हुए
29 मार्च को शाम को संपन्न हो जाएगा वर्ष 2081
-30 मार्च से शुरू होंगे नवरात्रे
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कनीना की आवाज। पंडित ऋषिराज शर्मा ने बताया कि पिंगल नामक संवत्सर (2081) 29 मार्च को शाम 4:27 बजे समाप्त हो जाएगा। उदया तिथि की वजह से 30 मार्च से नव संवत्सर शुरू होगा। इसके साथ ही आठ दिनों का नवरात्र भी प्रारंभ हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रतिपदा को जो दिन या वार पड़ता है, वही उस संवत्सर का राजा होता है और सूर्य की मेष संक्रांति जिस दिन होती है, उस दिन से संवत्सर के मंत्री पद का निर्धारण होता है। यह नवसंवत्सर उपद्रव से युक्त व नकारात्मक फलदायक होगा। इस संवत्सर का शुभारंभ सिंह लग्न में होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। यही कारण है कि इस दिन को नवसंवत्सर के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू नववर्ष से ही नए संवत्सर की शुरुआत होती है। सभी चारों युगों में सबसे पहले सतयुग की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही हुई थी। इसे सृष्टि के कालचक्र का पहला दिन माना जाता है।
30 मार्च से शुरू होने वाला नव संवत्सर 2082 का नाम सिद्धार्थी है, और इस वर्ष के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य देव होंगे.
इसकी शुरुआत राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने की थी। यह संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है। इसे गणितीय दृष्टि से सबसे सटीक काल गणना माना जाता है और ज्योतिष भी इसे ही मानते हैं। इस संवत में कुल 354 दिन होते हैं, और हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह (अधिक मास) जोड़ा जाता है, ताकि समय का संतुलन बना रहे।
संवत्सर को महाकाल का एक हिस्सा माना जाता है। इसे भारत के अलग-अलग राज्यों में गुड़ी पाड़वा, उगादि जैसे नामों से जाना जाता है।
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज
छठी पुण्यतिथि पर याद किया पुष्पा को
-हवन यज्ञ आयोजित
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कनीना की आवाज। अनेक शिक्षण संस्थानों की संस्थापक और शिक्षाविद् स्व. पुष्पा परमार की छठी पुण्यतिथि पर गांव धनौंदा स्थित उनके स्मृति धाम परमार्थ स्थल पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके अनेक शिष्यों, प्रशंसकों और इलाके के गणमान्य व्यक्तियों ने हवन यज्ञ में आहुति डाली और उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए अतरलाल एडवोकेट ने कहा कि स्वर्गीय पुष्पा परमार का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। वह सदा जीवन उच्च विचार को अपने जीवन में अपनाने वाली महान देवी थीं। उन्होंने सभी उपस्थित जनों से उनके जीवन और आदर्शों पर चलने की अपील की। चेयरमैन भाग सिंह तंवर ने पुष्पा परमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें महान शिक्षाविद् बताया और कहा कि उनके द्वारा जलाई गई शिक्षा की ज्योति सदैव इलाके का पथ प्रदर्शन करती रहेगी। यज्ञ ब्रह्मा संत लाल दायमा आर्य ने स्वर्गीय पुष्पा परमार के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए सभी से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। हवन यज्ञ के उपरांत ऋग्वेद, भगवद्गीता और रामायण का पाठ भी किया गया। इस अवसर पर गुरदयाल सिंह चेयरमैन, जेजेपी नेता कैलाश पालड़ी, सवाई सिंह राठौड़, राकेश तंवर बसई, ओमपाल सिंह, पवन तंवर, कैलाश सेठ, प्रहलाद सिंह, आशुतोष शास्त्री, किसनपाल सिंह, प्रदीप परमार, नवीन जांगड़ा, सतेंद्र सिंह, सुभाष यादव, सतीश कुमार, प्रवीण कौशिक, मनजीत, मुकेश यादव, नरेंद्र कौशिक, सन्नो देवी, रिंकू, पूजा, रेणु यादव, निशा व शीतल सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: शिक्षाविद् पुष्पा देवी की छठी पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए
गाड़ी चालक ने मारी खड़ी मोटरसाइकिल को टक्कर ,दो घायल
-मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। ककराला सड़क मार्ग पर खराब मोटरसाइकिल चेक कर रहे व्यक्तियों को स्विफ्ट डिजायर गाड़ी ने टक्कर मार दी जिससे दो लोग घायल हो गए। दोनों का इलाज महेंद्रगढ़ अस्पताल में चल रहा है। गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। मामला हवा सिंह ककराला ने दर्ज करवाया है।
उन्होंने पुलिस में कहा है कि वह मोटर वाइंडिंग और प्लंबरिंग का काम करता है। 18 मार्च को शाम के करीब 4 वह तथा उसका लड़का कुणाल मोटरसाइकिल के खराब होने के कारण साइड में खड़ी करके चेक कर रहे थे। कनीना से ककराला सड़क पर अचानक एक स्विफ्ट डिजायर कार तेज रफ्तार से चलती आई और गलत दिशा में आकर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे कुणाल व हवा सिंह घायल हो गये। पास के एक घर के मालिक नरेश नामक व्यक्ति उन्हें तुरंत कनीना अस्पताल ले गया। गाड़ी चालक दुर्घटना के बाद मौके पर गाड़ी को छोड़कर भाग निकला। दोनों घायलों को कनीना अस्पताल भर्ती करवाया जहां से उन्हें नारनौल रेफर कर दिया। इसके बाद स्वजन उन्हें महेंद्रगढ़ अस्पताल ले गये जहां उनका इलाज चल रहा है। थोड़ा ठीक होने पर उन्होंने गाड़ी चालक के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।
भारती गोयल की ड्रेस डिजाइन का मुम्बई में प्रदर्शन, प्रथम स्थान पाया
--कनीना के दुर्गादत्त गोयल की बेटी है भारती
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कनीना की आवाज। नेशनल फैशन डिजाइन संस्थान गुरुग्राम की छात्रा एवं कनीना के दुर्गादत्त गोयल की बेटी भारती गोयल ने गुरुवार मुम्बई में 25- लेकमे फैशन शो के अवसर पर जीओ वल्र्ड कंवेंशन सेंटर में अपने द्वारा डिजाइन की हुई छह ड्रेस को प्रस्तुत किया, जिसको बड़े स्टार ने पहन कर रैम्प पर चल कर दिखाया। गौरतलब है कि यहां तक पहुंचने से पहले पूरे भारत के सभी डिजाइनरों का कड़ा मुकाबला होता है, जिसमें भारती ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसी के आधार पर उनको मुंबई जाने का अवसर मिला। प्रसिद्ध हीरोइन नुसरत भरुचा ने भारती द्वारा बनाई ड्रेस को पहन कर प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध डिजाइनर मनीष मल्होत्रा, नीरज गाबा ने भारती द्वारा डिजाइन की हुई ड्रेस को अव्वल स्थान दिया। भारती के पिता दुर्गादत्त ने बताया कि भारती ने एमकाम आनर्स इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी से अच्छे अंकों से पास की है। प्रारंभ से ही भारती इनोवेटिव सोच रखती थी और फैशन डिजाइन में विशेष रुचि रखती है। उनका प्रवेश राष्ट्रीय फैशन डिजाइन संस्थान में करवाया, फैशन डिजाइन में स्नातकोत्तर करते-करते भारती ने लेकमे फैशन प्रतियोगिता को जीत हासिल की। इस प्रतियोगिता में देश के मात्र छह डिजाइनर ही चुने गए, जिनको जीओ वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में अपनी ड्रेस को बड़े स्टार को पहना कर रैम्प पर चलने का सुअवसर मिला। जो कि इलाके के लिए गौरव की बात है, इसका पूरा श्रेय भारती अपने मां पिता को देती है। बेटियां जब ऐसे मुकाम हासिल करती है तो स्मरण हो आता है कि-
खुशबू है ये बाग की, रंगों की पहचान।
जिस घर में बेटी नहीं, वो घर रेगिस्तान।।
फोटो कैप्शन 01: भारत के संग हीरोइन नुसरत भरुचा के संग प्रथम इनाम दौरान
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