मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-106
-संगति अच्छे के साथ ही करनी चाहिए वरना भुगतने पड़ेंगे परिणाम
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर लंबे तक शिक्षा विभाग में सेवा देने के बाद 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उन्होंने न केवल विभिन्न प्रकार के लोगों से दोस्ती की और उसका परिणाम भी मिले अच्छे लोगों के संग दोस्ती करके बहुत बेहतरीन परिणाम भी आए और बुरे लोगों से संगति करके परिणाम भी बुरे आए हैं। अब डा. होशियार सिंह ने अपनी पुस्तक में अपने परिजनों को चेतावनी लिखी है कि संगति, साथ, दोस्ती किसी से करनी है तो अच्छे लोगों से करनी चाहिए, चाहे वो बहुत गरीब है परंतु जिनके विचार अच्छे हो, जिनकी समाज में अच्छे व्यक्तियों में कद्र होती हो वरना अंजाम अंजाम बुरा होता है और डा. सिंह कई जगह मार खा चुका है क्योंकि लोगों के चेतावनी के बावजूद भी कुछ ऐसे लोगों से दोस्ती की जो समाज में कलंक माने जाते हैं। खैर किसी चीज का परिणाम जाने बगैर किसी को बुरा या भला कहना अनुचित होता है। होशियार सिंह ने लंबे समय तक अनुभव प्राप्त करके यह बात कही है। आइये सुनते हैं डा. होशियार सिंह के विचार उन्हीं की जुबानी-
मैं बचपन से लेकर आज तक कितने ही दोस्तों से, कितने लोगों से दोस्ती की परंतु यह निष्कर्ष निकला कि बुरे लोगों से दोस्ती का परिणाम भी बुरा होती है और अच्छे लोगों के साथ दोस्ती का एहसास कुछ अच्छा मिलता है। कहावत भी है बद अच्छा बदनाम बुरा। बदनाम से दोस्ती भी बुरी होती ,है यहां एक नहीं अनेक उदाहरण मेरे सामने हैं। एक ऐसे शिक्षक से दोस्ती की जो अपनी खबर खराब खराब और अपने हित की खबरें मेरे से लिखवाता और मैं उनको बड़ी मुश्किल से छपवाता। वह शिक्षक लोगों को मेरे पीछे से कहता कि ये अखबार बचे हैं जिनमे हागो या मत्तो, सभी खबरें आ जाती है। एक और मेरे से रीं-रीं करके निवेदन करके खबर छपवा लेता और दूसरी और मेरी व अखबार की समाज में बुराई करता। यही नहीं इस शिक्षक के कारण मैं सरकारी नियमित सेवा में कार्यभार 1995 में ग्रहण नहीं कर सका। उसने यह कहकर कि तुम एडहाक पर हो और नियमित सेवा में क्या करोगे? तुम्हें इस वक्त अधिक वेतन मिलता है, जेबीटी सेवा जाकर क्या करोगे? क्योंकि उस समय मेरी नजर में वह शिक्षक अनुभवी था परंतु अनुभव नहीं अंदर से वह काला था। परिणाम यह निकला कि नियमित सेवा में कार्यभार ग्रहण नहीं करने दिया। उस पर विभाग पर केस भी डलवा दिया और केस भी मैं हार गया, पैसे भी लग गये? यही नहीं कई जगह उसके साथ जाकर परिणाम अशुभ आाये, चाहे बस में या किसी के घर पर उसके साथ जाने का मौका मिला तो केवल नुकसान उठाया। एक निजी बस चालक से झगड़ा करवाया, एक जगह जब मैं बैठा हुआ था और मेरी उस वक्त शादी नहीं हुई थी तो उस घर के लोगों ने पूछा कि यह शिक्षक लेगा हुआ है, इसकी शादी क्यों नहीं करवाते? उस शिक्षक के मुख से एक ही शब्द निकला कि यह तो कच्चा पीलपला मास्टर है, इसकी शादी कौन करेगा? यही नहीं समाज में भी कई लोगों से बहुत भला बुरा सुनने को मिला और उस शिक्षक से दोस्ती 1995 से लेकर 2000 तक रही, अंत से छोडऩा ही अच्छा समझा। यही नहीं एक कहने को तो पत्रकार लेकिन समाज में उसके बारे में न जाने लोग क्या-क्या कहते हैं? से दोस्ती का परिणाम बहुत मिला। कहावत है काला काले को नही लड़ता। डाकन एक घर को तो बख्शती है परंतु उस तथाकथित पत्रकार ने मेरे विरुद्ध भी कितनी बुरी बुरी खबरें लिखी, अपनी तरफ से उन्होंने पूरा जोर लगाया कि किसी नौकरी में नहीं रहने दिया जाए? अखबारों में लिखने के अलावा, बार-बार उच्च विभाग को उल्टी सीधी झूठी शिकायतें की। हर बार जांच होती रही परिणाम वहीं निकला कि सच की जीत होती रही परंतु मैंने देखा कि ऐसे व्यक्ति के साथ दोस्ती अच्छी नहीं होती और उसके कारण आज भी भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। ऐसे भी लोग होते हैं जो किसी का भला नहीं चाहते। परिणाम ऐसे लोगों को भुगतना भी पड़ता है। भगवान उनके साथ भी बुरा बिताते हैं।
कुछ समाज के दो-तीन और शिक्षक मिले जिन्होंने मेरा बड़ा नुकसान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अगर कहीं कोई महिला मेरी विरोधी रही हो तो वह भी एक शिक्षिका रही है और शिक्षिका ने तो न जाने क्या-क्या मेरे विरुद्ध बातें फैलाई? वक्त सभी घावों की मरहम होता है। उसने बहुत बुरा वक्त देखने को मिला है। ऐसे ही एक पत्रकार ने एक शिक्षक से दोस्ती करके मुझे जमकर लूटा है। वो शिक्षक एवं पत्रकार मिलकर कितनी बार मेरे से पैसे हड़प ले गए, यह कहकर कि बार-बार शिकायत तुम्हारे विरुद्ध होती है। ऐसा काम करते हैं कि तुम्हारी शिकायत ही कोई नहीं करेगा, करेगा तो वह जांच नहीं होगी और बार-बार पैसे हड़पते रहे। आज राव भगवान सिंह गुढ़ा निवासी इस दुनिया में नहीं है वह ऐसा साक्षी रहा है जिन्होंने मुझे देखा है कि किस प्रकार लोग लूटते हैं। एक शिक्षक तो मुझे एक पूर्व प्रधान के पास ले गया जिसने करोड़ों रुपये का हमारा आवास नष्ट कर दिया और उसे समय नष्ट कर दिया जब हमारे पास और कोई रहने की जगह उपलब्ध नहीं थी। हमने उसे वोट भी दिए थे, उसका बच्चा भी हमारे पास पढ़ता था परिणाम हमने झेला। शिक्षक पूर्व प्रधान के पास मुझे ले गया और ऐसा काम करवाया कि जिससे मुझे बेइज्जती का सामना करना पड़ा
परंतु हमारा समाज अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के व्यक्तियों से बना हुआ है। कुछ ऐसे शिक्षक भी मिले, कुछ ऐसे लोग भी मिले, जिन्हें ताउम्र याद रखा जाएगा। ऐसे लोगों के कारण मेरी यह कलम जिंदा है। सबसे पहले लालाराम बव्वा निवासी जो शिक्षा विभाग में प्राचार्य बतौर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उसने मुझे बहुत सहारा दिया, बार-बार पत्रकारिता की अनुमति लेने के लिए सरकार को मैं लिख रहा था और उनकी बदौलत मुझे पत्रकारिता करने की अनुमति मिली। निर्मल शास्त्री नांगल हरनाथ बहुत काम आए, हर वक्त दुख में खड़े मिले। नरेश कुमार हिंदी शिक्षक मंदोला निवासी जिन्होंने मेरी बहुत सेवा की। स्कूल में समय पर ले जाने व अपनी बाइक से मुझे वापस घर पहुंचने का कार्य किया। और भी कई लोग मिले जिन्होंने बहुत मदद की। पत्रकारों में मनोज रोहिल्ला। यह ऐसा पत्रकार मिला जो आज भी हमें चाहता है और उसके लिए हमने खूब मदद करने का प्रयास भी किया परंतु हमारी हमारी एक इच्छा रही है किसी कनीना पालिका प्रधान बने परंतु आने वाला वक्त बताएगा कि हालत क्या रह पाती है? कनीना के कंवरसेन वशिष्ठ जिन्होंने 2015 में मेरी बदली पाठ खोरी से वापस करवा एक शिक्षक जो मेरा धुर विरोधी है,उसके मुंह पर ऐसा तमाचा जड़ा कि आज भी वह शिक्षक अपने गालों को सहलाता फिर रहा है परंतु राहत नहीं मिल रही है। इस शिक्षक के काले कारनामे तो मैंने आरटीआई से पता लगाया है। इसी प्रकार कनीना के निवासी सज्जन सिंह बोहरा, भीम सिंह जिन्होंने खूब मदद की। यहां तक की सज्जन सिंह बोहरा ने तो मेरी मेरी बदली अल्लिका से वापस करवा कर ही दम लिया। एक ऐसे भी नेता मिले जिनका कथन था कि हम पहले किसी की बदली करवाते हैं फिर पैसे लेकर वापस करवाते हैं, जब वह अब सामने आता है तो खून खोलने लग जाता है। समाज में कितने ही अच्छे और कितने ही बुरे लोग मिले। खैर जो कुछ भाग्य में लिखा था वह मिल चुका है परंतु मैं अब यह पुस्तक लिखकर परिवार को चेताकर जाऊंगा कि आने वाली पीढियां जो पुस्तक में वर्णित नाम है उनके परिवार वालों से कोसों दूर रहे, न कभी दोस्ती करें और दोस्ती भी करें तो केवल चरित्रवान और अच्छे गुणी लोगों से ही करें। वरना मेरी तरह कभी भी उनका भी बुरा हो सकता है।
मतगणना को लेकर आतुर है वोटर
-12 मार्च को होगी कनीना में मतगणना
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के चुनाव का परिणाम जानने के लिए वोटर आतुर हैं। 2 मार्च को मतदान हो चुका है और करीब 9000 मतदाताओं ने अपना मतदान किया है अब परिणाम 12 मार्च को आएगा। इस वक्त कौन किस वार्ड से पार्षद और कौन प्रधान बनेगा, इसके लिए चर्चाओं का बाजार गर्म है किंतु कनीना क्षेत्र में प्रधान पद को लेकर के सबसे अधिक उत्सुकता नजर आई।
अगर कनीना नगरपालिका के इतिहास पर नजर डाले तो दो बार महिला प्रधान रहने के बाद निवर्तमान प्रधान सतीश जेलदार हैं। वर्तमान प्रधान फिर से एक महिला के खाते में सीट जा रही है क्योंकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो किसी प्रकार नगरपालिका में कदम रखना चाहते हैं। एक और जहां न्यायालय का आदेश है कि किसी भी महिला की ओर से उनके परिवार वाला परोक्ष रूप से कार्य नहीं करेगा, वैसे भी कनीना में इस बार एक नसा गुट उभर कर आए हैं और यदि किसी महिला की ओर से पुरुष कम करेगा तो उसे पर ऐतराज हो सकता है। यही कारण है कि कुछ लोग नगरपालिका में पहुंचाना चाहते हैं और उन्होंने पार्षद पद के लिए भी चुनाव लड़े है, अब यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा की पार्षद पद पर जीत होती है या उनके परिवार से चुनाव मैदान में खड़ी महिला की प्रधान पद के लिए? सभी की नजरे पर टिकी हुई है और 12 मार्च को फैसला हो पाएगा।
कनीना में केवल एकमात्र मतगणना केंद्र राजकीय माडल स्कूल है जहां मतगणना निर्धारित की हुई है। ईवीएम मशीनों में भाग्य बंद हैं और 2 मार्च के बाद लगातार सुरक्षा के घेरे में रखी हुई है। अब वह समय आने वाला है जब ये ईवीएम बाहर लाई जाएगी और पता लग पाएगा कि किसको कितने वोट मिले हैं?
एसडीम स्कूल छिथरोली में हर्षोल्लास से मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
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कनीना की आवाज। एसडीएम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छिथरोली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया । जिसमें बच्चों वह माताओं ने भाग लिया। स्कूल की प्रधानाचार्य रेखा दांगी ने बताया कि जगत जननी मातृशक्ति ही बच्चों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकती है अत: महिलाओं के द्वारा बच्चों को संस्कारित शिक्षा देने के लिए शिक्षकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए । आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं ने समाज को सुसंस्कृत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । बच्चों की सबसे पहले वह सबसे अहम गुरु मां ही होती है। मां को परमात्मा से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की उपलक्ष्य में अग्रणी रहने वाली महिलाओं को प्रधानाचार्य रेखा दांगी की तरफ से सम्मानित किया गया । स्केटिंग प्रतिस्पर्धा में प्रियंका प्रथम स्थान व रेणु ने द्वितीय स्थान हासिल किया । सर्किल प्रतियोगिता में सुदेश प्रथम व ऋतु ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया । म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में कविता छिथरोली ने प्रथम स्थान व कविता खेड़ी ने द्वितीय स्थान हासिल करने पर सभी सहभागियों को पारितोषिक दिया गया।
संस्था के निदेशक अजमेर सिंह दांगी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी । उन्होंने बताया कि आज की महिला देश की प्रगति में खेती-बाड़ी से लेकर वायुयान एवं अंतरिक्ष में पहुंचने में पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है आज की महिलाएं शिक्षा राजनीति व विज्ञान के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही है। इस मौके सत्यपाल ,परविन परमजीत, संकित , सोनू , रमेश कौशिक , प्रमिला , मंजू , नीरज मंजू , मनीषा , मंजू आदि सभी स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 07: मातृशक्ति को सम्मानित करते हुए दांगी परिवार।
बीआर स्कूल, सेहलंग में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
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कनीना की आवाज। बीआर स्कूल, सेहलंग में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। यह विशेष आयोजन नारी सशक्तिकरण, सम्मान और उनके सामाजिक योगदान को समर्पित था।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई।
कार्यक्रम में छात्रों ने रंगारंग नृत्य, नाटक और लघु नाटिकाओं के माध्यम से समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को उजागर किया। विशेष रूप से प्रस्तुत आधुनिक और प्राचीन समाज में नारी की स्थिति नामक नाटिका ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
प्रधानाचार्य डा. राम मोहन वशिष्ठ ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि ईश्वर ने नारी को अपनी सृष्टि का प्रतिबिंब बनाया है। स्नेह, प्रेम, देखभाल, सहानुभूति और हर परिस्थिति में खुद को ढालने की क्षमता जैसी भावनाएं महिला को विशिष्ट बनाती हैं। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सबसे पहले महिलाओं को स्वयं एक-दूसरे का सम्मान करना होगा और अगली पीढ़ी में यह संस्कार विकसित करने होंगे कि हर महिला का आदर किया जाए।
चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में महिलाओं का ऋण किसी भी प्रकार से चुकाया नहीं जा सकता। ऐसे कार्यक्रम यह दर्शाते हैं कि हम केवल शब्दों में ही नहीं, बल्कि अपने कार्यों से भी महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान को दर्शाते हैं। इस मौके पर जिसमें मुख्य अतिथि चेयरमैन हरीश भारद्वाज, उपाध्यक्ष कृष्ण भारद्वाज, बीआर महाविद्यालय के प्राचार्य राकेश कौशिक, प्रधानाचार्य डा. राम मोहन वशिष्ठ, उप-प्रधानाचार्या ज्योति भारद्वाज तथा विद्यालय का स्टाफ मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 08: बीआर स्कूल में महिला दिवस मनाते हुए।
यदुवंशी शिक्षा निकेतन कनीना में महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया
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कनीना की आवाज। यदुवंशी शिक्षा निकेतन में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में छात्राओं और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। विद्यालय की छात्राओं ने नृत्य, नाटक और कविता पाठ के माध्यम से महिलाओं की भूमिका और सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला।
यदुवंशी ग्रुप के चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने महिलाओं के अधिकारों और उनकी उपलब्धियों पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेन्द्र गौतम ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि समाज की उन्नति का आधार है।
कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया। विद्यालय के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।
फोटो कैप्शन 09: यदुवंशी शिक्षा निकेतन में महिला दिवस पर महिलाओं को सम्मानित करते हुए।
साहित्यकार विजय पाल सेहलंगिया की सातवीं पुस्तक का हुआ विमोचन
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कनीना की आवाज। साहित्यकार विजय पाल सेहलंगिया की सातवीं पुस्तक आकाशवाणी को पत्र का विमोचन किया गया। पत्र लेखन विधा बहुत कम प्रचलन में है। श्री सेहलंगिया ने बताया कि संस्मरण, रिपोर्ताज, चंपू, भाण जैसी विधाओं की तरह पत्र लेखन भी आज के युग में बहुत कम रह गया है। पत्र लेखन के बाद आकाशवाणी के कार्यक्रम आपकी चिट्ठी मिली में शामिल होना गर्व की बात होती है। विजय पाल सेहलंगिया की अन्य प्रकाशित छह पुस्तकें चलो देश पुकारे, चलो पर्व पुकारे, यादों की पुकार, गीतों की पुकार, विद्यालय में दिवस और जयंतियां,भारत में उत्सव और जयंतियां आदि प्रमुख हैं।
फोटो कैप्शन 10:विजयपाल सेहलंगियां की पुस्तक विमोचन करते हुए साहित्यकार।
छीथरोली गांव में किया आंगनबाड़ी का उद्घाटन
-जिला प्रमुख रहे मुख्य अतिथि
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के ग्राम छिथरौली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रशासन की तरफ से मुख्य अतिथि जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार के द्वारा सरपंच बलवान सिंह आर्य की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन किया।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख ने बताया कि आज महिला किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। घर का काम संभालने के साथ-साथ शिक्षा में, खेल के क्षेत्र में और राजनीति में इनका बहुत बड़ा योगदान है। इस अवसर पर एसडीओ पंचायती राज पुरुषोत्तम नाहर, एससीपीओ कृष्णपाल, सुपरवाइजर सुमन, जग्गो, ज्योति, पूजा, आंगनवाड़ी वर्कर सुशीला, संतोष, शर्मिला, पूर्व सरपंच रामफल, नरेंद्र शास्त्री, धर्मपाल, सूबेदार रामफल, इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद व रणवीर सिंह उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06:आंगनबाड़ी का उद्घाटन करते हुए जिला प्रमुख
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर
-हर घर के बाहर पौधे के तहत हुआ पौधारोपण अभियान
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कनीना की आवाज। कनीना खंड के गांव रामबास मे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर घर के बाहर पौधा अभियान के तहत आज गाव में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया गया। इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक घर के बाहर एक पौधा लगाने की पहल की गई, जिससे क्षेत्र को हराभरा और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।
कार्यक्रम मे समस्त ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों ने अपने घरों के बाहर चौड़े रस्तों में सुंदरता के पौधे अशोक ,फाईकस , पेन्सिल, पाइन आदि
पौधे लगाए। अभियान के दौरान पर्यावरणविद मनोज कुमार रामबास ने पौधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पहल न केवल आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि जल संरक्षण और जैव विविधता को भी बढ़ावा देगी।
इस मौके पर समस्त पर्यावरण मित्रों ने लोगों से अपील की कि वे लगाए गए पौधों की देखभाल करें और अन्य लोगों को भी पौधारोपण के लिए प्रेरित करें। इस पहल से क्षेत्र की हरियाली में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस मौके पर पर कृष्ण साहब, कृष्ण सेवानिवृत्ति सैनिक , कुलदीप यादव अधिवक्ता सरपंच प्रतिनिधि , हंसराज , अंकित , सचिन , रोशन पंप ओपरेटर , दिनेश पंप-अपरेटर , कुलदीप मास्टर संजीत आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05: हर घर के बाहर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया
लोक अदालत में 23 मामलों का मौके पर ही किया निपटारा
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय में विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोक अदालत का आयोजन एसडीजेएम प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में किया गया। लोक अदालत बैच में सुनवाई के दौरान कुल 26 मामले रखे गए। जिसमें से आपसी सहमति से 23 मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। जिसमें बैंक रिकवरी के 4, अनआई एक्ट का 1, ट्रैफिक व यूसीआर के 14, सिविल के 4 मामले सहित कुल 23 वादो ं का मौके पर ही निपटारा किया गया। कुल सेटलमेंट अमाउंट 20,92,142 रुपये रही। इस अवसर पर कनीना न्यायालय के एसडीजेएम प्रवीण कुमार ने कहा कि लोक अदालत में विवादों का निपटारा करने से लोगों के समय और धन की बचत होती है इसलिए लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मामले मिल बैठकर निपटाना चाहिए। पूर्व प्रधान ओम प्रकाश रामबास ने कहा कि लोक अदालत में किसी भी पार्टी की ना हार होती है ना जीत होती है विवादों का आपसी सहमति से निपटारा किया जाता है इससे हमेशा के लिए रंजिश भी समाप्त होती है। इस अवसर पर पूर्व प्रधान संदीप यादव पूर्व प्रधान, ओपी रामबास लोक अदालत बैंच सदस्य एडवोकेट, एडवोकेट संत कुमार, एडवोकेट मीनाक्षी यादव, एडवोकेट राजेश यादव, एडवोकेट प्रविंद्र सिंह, पीपी गोठवाल, दिनेश कुमार नाजीर, महेंद्र सिंह रीडर, सुरेंद्र यादव, जसवंत कुमार, अमित व दिनेश आदि मौजूद रहे। फोटो कैप्शन 04: लोक अदालत में मामलों का निपटारा करते हुए जज एवं अन्य।
कनीना में गूंजे खाटू के जयकारे, दूसरे दिन भी 300 भक्त पहुंचे जैतपुर
--11 मार्च तक चलेगा मेला
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कनीना की आवाज। जैतपुर में 11 मार्च तक श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। जहां कनीना का करीब 400 भक्तों का एक दल शुक्रवार को जक्तपुर गया था वहीं के खाटू मंदिर से दूसरा ग्रुप श्याम मंदिर जैतपुर के लिए रवाना हुआ। सारा वातावरण खाटूमय हो गया है।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाते हैं। करीब 30 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। खाटू मंदिर की श्री श्याम सेवक मंडल कनीना के प्रधान संदीप राठी तथा दुलीचंद साहब, महेंद्र सिंह, पालाराम योगेश आदि ने बताया कि डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हुए। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर गये। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की गई। साथ में पेयजल आदि का प्रबंध किया हुआ था। यह इस वर्ष की खाटू मंदिर की ओर से अंतिम यात्रा थी। सुबह भारी संख्या में भक्तजन अपना-अपना निशान लेकर खाटू मंदिर पहुंच गए जहां से सुबह यात्रा प्रारंभ हुई जो खाटू श्याम मंदिर जैतपुर पहुंची। 01 मार्च से कनीना में भक्तों के लिए चला आ रहा शिविर शिविर 8 मार्च को समाप्त होगा।
इस यात्रा में मंदिर पुजारी खाटू मंदिर बाबा मूर्ति के पास बैठे हुए थे, जो वाहन में ले जाई गई तथा पीछे पीछे भक्तजन अपने-अपने निशान को लेकर चल रहे थे। निशान यात्रा जगह-जगह रुकते हुए गीत, भजन गाते हुए जैतपुर पहुंची।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एक निशान यात्रा खाटू धाम जैतपुर पहुंची थी। यह दूसरी यात्रा और अंतिम यात्रा मानी जाती है।
उल्लेखनीय है कि दो अलग-अलग सेवक मंडल इस प्रकार का आयोजन करवाते आ रहे हैं। इसके बाद कनीना के संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम तथा खाटू श्याम पर लगने वाले मेले की तैयारियां शुरू हो गई है। 10 मार्च को यहां मेला लगेगा।
जैतपुर मंदिर पुजारी ने बताया कि कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का विगत वर्षों में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
फोटो कैप्शन 01: खाटू धाम मंदिर जैतपुर में जाते हुए निशान यात्रा
रसूलपुर आर्य समाज का दो दिवसीय वार्षिक उत्सव शुरू
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव रसूलपुर में आर्य समाज का 35 वां वार्षिकोत्सव दैनिक योग के साथ शुरू हुआ। यज्ञ के ब्रह्म महेंद्रगढ़ से पहुंचे आचार्य वेद प्रकाश शास्त्री रहे जबकि पुरोहित पंडित भूपेंद्र आर्य प्रधान आर्य समाज महेंद्रगढ़ रहे। यजमान के रूप में विनोद कुमार एवं उनकी सहधर्मिणी लाली देवी रहे। उत्सव में आर्य समाज की प्रतिनिधि व कार्यकर्ता मौजूद रहे। वेद प्रकाश आर्य , वेदपाल शास्त्री, कनीना आर्य समाज के समस्त कार्यकारी, सदस्य गुरुकुल मुखवार, आचार्य प्रियंका भारती, देहरादून से आए आचार्य अनुज शास्त्री, पूर्व सरपंच नवीन कुमार रसूलपुर और फूल सिंह आर्य प्रधान पंडित सतीश आर्य, राम अवतार पुरुषार्थी सारथी तथा विमला आर्य आदि आदि प्रार्थना, उपासना भजन उपदेश आदि प्रस्तुत किये। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि आधुनिकता की अंधी दौड़ में वैदिक पथ को ना भूलकर तथा अपने ऋषि मुनियों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर अपना जीवन सफल बनाए।
फोटो कैप्शन दो: भजन उपदेश करते हुए आर्य समाज रसूलपुर
महिला दिवस पर गाहड़ा की सुषमा को किया सम्मानित
-एमए अंग्रेजी विषय में विश्विविद्यालय ें पाया है दूसरा स्थान
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कनीना की आवाज। सुषमा सुपुत्री राकेश कुमार गांव गाहडा़ ने एम ए अंग्रेजी तृतीय सेमेस्टर में इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर से दूसरे सेमेस्टर के रिकार्ड को कायम करते हुए इस बार भी तीसरे सेमेस्टर की अंग्रेजी विषय परीक्षा में दूसरे स्थान पर रहकर बेहतरीन कामयाबी हासिल की है साथ ही अंग्रेजी विषय में नेट की परीक्षा भी प्रथम प्रयास में ही उत्तीर्ण कर ली है। ऐसी प्रतिभा की धनी छात्रा को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आर्य समाज गाहड़ा द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित करके सम्मानित किया गया। इसके अलावा अभावग्रस्त जीवन यापन करते हुए सुषमा की दादी मां गुलाबो देवी ने विषम परिस्थितियों में अपने पति की लगभग 30 वर्ष पहले मृत्यु के उपरांत पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए सुषमा व इसके सभी बहन भाइयों को गणित व अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों में स्नातकोत्तर तक की शिक्षा व उत्तम संस्कार देने में अहम भूमिका अदा की है। आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के विशेष अवसर पर आर्य समाज गाहड़ा द्वारा सुषमा की दादी मां का विशेष तौर पर सम्मान किया गया । इस उपलक्ष्य पर गांव गाहड़ा आर्य समाज के प्रधान रामेश्वर दयाल शास्त्री,सरपंच उषा यादव, धुरेंद्र आर्य,जगन्नाथ मास्टर, महाराम पंच, लालचंद पंच, कैप्टन छाजूराम, सज्जन सिंह गोठवाल बिजली निगम कनीना, सब इंस्पेक्टर विजय सिंह गोठवाल, मुकेश कुमार टेलर मास्टर, चेयरमैन रमेश कुमार भारद्वाज, गजराज सिंह यादव व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: सुषमा को सम्मानित करते हुए आर्य समाज गाहड़ा
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