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Saturday, March 15, 2025


 संपन्न कनीना नगर पालिका चुनाव- 2025
 हार की कसूती पड़ी मार
- अभी तक हार के दर्द से नहीं उभर पा रहे प्रत्याशी
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को संपन्न हुये तत्पश्चात मतगणना 12 मार्च को संपन्न हो चुकी है। इस बार जहां आशा के विपरीत परिणाम आने से बहुत से लोग सदमे में हैं। जहां हारने वाले ही लोग सदमे में नहीं हैं अपितु उनके समर्थक भी सदमे में हैं। जहां वही सही कसर सट्टों ने पूरी कर दी। सट्टे तो लगा लिये और हार भी गए और पैसे भी चले गए। अब हारने वालों से यदि कोई चुनावी चर्चा करते हैं उल्टी सीधी बातें करने लग जाते हैं। साफ जाहिर है कि नगर पालिका के चुनाव की हार ज्यादा दर्द दी गई। कनीना नगर पालिका प्रधान पद के लिए अधिक प्रत्याशी होना भी किसी की हार का कारण बने हैं। जिस प्रत्याशी को लोग जीत के आसार में देख रहे थे वह हारा क्योंकि बहुत से प्रत्याशी आपस में एक दूसरे की काट कर रहे थे। सीधे शब्दों में यूं कह रहे थे यदि मुझे वोट नहीं देना तो फलां व्यक्ति को भी नहीं देना। इस प्रकार आपसी मनमुटाव के कारण कुछ प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिले। यह भी सत्य है कि प्रधान पद के लिए सबसे अधिक प्रत्याशी 7 मैदान में थे जबकि पार्षद प्रत्याशी पद के लिए वार्ड 9 सबसे अधिक पांच प्रत्याशी मैदान में थे। सबसे बड़ी बात है कि नितेश कुमार पार्षद बने हैं, इसी प्रकार सूबे सिंह पार्षद बने हैं। दोनों ही की चर्चा जब लोगों के बीच चलती है तो एक ही बात कहते हैं कि कुछ करिश्मा किया तो इन दोनों ने किया है। दोनों हीरो बनकर उभरे हैं परंतु उन बेचारों पर क्या बीती होगी जो एक नहीं तीन-तीन बार हार का मुंह देख चुके हैं परंतु हिम्मत नहीं हार रहे। कुछ प्रत्याशियों के लिए तो बहुत अधिक समर्थक सामने आए जिसके चलते भी उनकी हार हो गई। उनसे बात की जाए तो कहते हैं कि पता नहीं ये वोटर क्या चाहते हैं। कुछ हारने वाले प्रत्याशी तो साफ शब्दों में कहते नजर आए कि चाहे वोटर को अपना खून दे दो तब भी वोट नहीं देंगे। वे उसी को देते हैं जो उनकी मर्जी होती है, किसी के कहने सुनने से बहुत कम प्रभाव पड़ता है और यह सत्य भी साबित हुआ है। हारने वाले सुमन रोहिल्ला की चर्चा हर जगह है क्योंकि लोगों का कहना है कि इतने अधिक वोट लेकर वास्तव में सुमन रोहिला ने कमाल कर दिये। तीसरा गुट बनकर सामने आया है। पहली बार चुनाव मैदान में उतरकर इतने अधिक वोट लेना साबित करता है कि उन्होंने करिश्मा करके दिखाया है। सबसे अधिक चर्चा का विषय सुमन रोहिल्ला बनी हुई है जिनका लोगों ने विरोध किया परंतु अच्छे वोट स्कोर लेकर सशक्त गुट के रूप में उभरी हैं।




 मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 108 खेलों से बहुत कम रही है रुचि
-ग्रामीण खेल जरूर खेले हैं जमकर
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक बतौर 30 अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यूं तो वे कई खेल-खेल चुके हैं लेकिन लोग जिन्हें सच्चे खेल समझते हैं उनसे बहुत कम रुचि रखते थे। परंतु ग्रामीण खेलों का ज्ञान जरूर है और बहुत रुचि भी रखी लेकिन बड़े स्तर के खेलों से कोई संबंध नहीं रखा। आइये सुनते हैं होशियार सिंह की कहानी उनकी जुबानी--
मेरा बचपन अन्य बच्चों से अलग नहीं रहा वह ठीक वैसा ही बीता जैसे अन्य बच्चों का। विभिन्न प्रकार के ग्रामीण खेल खेलने में बहुत रुचि रखता था। खुलिया, टेम,भाग दौड़ ,पेड़ पर चढ़ाई करना, झिरनी डंका,पानी में गोता लगाना, तैरना,  कंचा खेलने, माचिस की डब्बी के खेल, छोटे-छोटे खिलौने बनाकर खेलना, तुली के घोड़े बनाना, मिट्टी की गाड़ी बनाना तथा बहुत से छोटे-छोटे खेल होते थे, खूब खेले परंतु बड़े स्तर के खेल जिनमें कबड्डी, फुटबाल आदि में कभी रुचि नहीं रखी। और नहीं आज के दिन कोई रुचि है। यही कारण है कि यह फील्ड सदा कमजोर रहा। ग्रामीण खेलों में खूब रुचि दिखाई। हर समय भाग दौड़, चलना, घूमना फिरना इन चीजों में ज्यादा रुचि रही। पतंग उड़ाना, पतंग को पकड़ कर लाना, यह भी बहुत अच्छी रुचि रही है। कभी-कभी पतंग के पीछे भागते भागते कई कई किलोमीटर चले जाते थे। पतंग उड़ाते भी थे परंतु पतंग जमा करने का भी शौक रहा है। परिवार मां-बाप सदा धमकाते रहते थे कि तुम पतंग के पीछे इतना क्यों दौड़ते हो परंतु पतंग को पकड़ कर लाना एक शौक था। नंगे पैर दूर तक दौड़ते थे। कभी-कभी हालात यह बनते थे कि पतंग उड़ते उड़ते आसमान में चला जाता था और हम बहुत दूर तक उसके पीछे दौड़ते और फिर निराश होकर घर आ जाते थे। आज भी वे दिन याद आते हैं। बचपन बहुत सुनहरा था। अच्छी किताबें पढऩा, जंगलों में घूमने, पेड़ों पर चढऩा,खुशी से साथियों के बीच बैठना, पढऩे का शौक रहा, ताश के खेल भी कभी कभार खेले हो परंतु व्यसनों से सदा ही दूर रहा। बीड़ी, सिगरेट, शराब, तंबाकू और किसी प्रकार का व्यसन कभी नहीं किया और नहीं भविष्य में करने की उम्मीद। कितने लोगों ने मुझे इस प्रकार के नशीले पदार्थ प्रयोग करने को कहा किंतु सदा दूर रहा। जब भी मेरी चर्चा चलती है तो लोग पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि यह कभी नशा आदि नहीं करता। शराब पीने वालों के पक्ष में भी नहीं रहा। सबसे बड़ा दर्द उसे समय होता है जब मोलडऩाथ संत के आश्रम में लोग शराब चढ़ाते हैं। शराब से प्रदूषण होता है धूने में चढ़ाई हुई शराब से अग्रि भी प्रदूषित हो जाती है। ऐसे में इसका जमकर विरोध किया है और करता रहूंगा।
बचपन और युवावस्था तक लीला राम अच्छा साथी रहा, बाद में हो साधु बन गए। कुछ साथी थे वो अब दुनिया में नहीं रहे। कुछ साथी तेज दौडऩे वालों में थे जिनमें राजबीर का नाम प्रमुख है। आज भी रकभी इधर कभी उधर घूमता मिल ही जाता है। अधिक साथी तो नहीं थे परंतु कम साथियों के संग ही जीवन बिताया।







बिजली बिल माफी योजना का उठाये लाभ
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कनीना की आवाज।
बिजली बिल न भरने वाले डिफाल्टरों को बिल भरने के लिए सरकार द्वारा बिल माफी योजना का लाभ उठाना चाहिए। बलबीर सीसी ने बताया कि विद्युत निगम द्वारा बिजली के बिल न भरने वाले डिफाल्टरों को कुछ राहत दी गई है ताकि वह अपना बिजली बिल समय पर जमा कर दें। वहीं उन्होंने यह भी बताया आने वाले समय में फसल कटाई कर किसान अपनी फसल को बिजली की लाइन से दूर रखें ताकि किसान की फसल को बिजली स्पार्किंग होने पर सुरक्षित रखा जा सके। वही बिजली विद्युत निगम बूचावास के एसडीओ अरुण कुमार ने कहा  कि किसान जो फसल कटाई कर अपनी फसल को  बिजली की लाइन से दूर रखें ताकि किसान द्वारा मेहनत से पैदा की गई फसल का कहीं कोई नुकसान ना हो और  किसान की फसल सुरक्षित रहे।



परमात्मा से पूरा प्रेम होने के बाद किसी प्रकार का भय नहीं-स्वामी शिवानंद
--धनौंदा आश्रम में हवन एवं भंडारा
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कनीना की आवाज।
यज्ञ हमें मिलकर रहना सीखना है जिस प्रकार यज्ञ में सभी तरह की सामग्री एकत्रित होकर यज्ञ को पूर्ण करती है। ठीक इसी तरह यज्ञ हमें साथ मिलकर आगे बढ़ाना सीखना है। ये विचार परम संत स्वामी शिवानंद ने आयोजित विशाल यज्ञ के उपरांत भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने बुराइयों को छोड़कर भलाई के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। जो कोई भक्त भलाई के मार्ग पर चलता है उसे परमात्मा के दर्शन होते हैं। लोग प्रभु का रूप उसी में देखते हैं। ऐसे में पाप का नाश करके भलाई के मार्ग पर चलने की बात कही। इस मौके पर भंडारा आयोजित हुआ जिसमें दूर दराज से आये भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर अनेक गणमान्य जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 14: धनौंदा आश्रम में हवन आयोजित करते हुए।




खारीवाड़ा स्कूल में फेयरवेल पार्टी का हुआ आयोजन
-पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने व्यक्त किये अनुभव
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कनीना की आवाज।
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला खारीवाड़ा में कक्षा पांचवीं के विद्धार्थियों को विदाई पार्टी दी गई। छात्र छात्राओं ने इस पार्टी को यादगार बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुन्दर प्रस्तुति दी। 5वीं के विद्धार्थियों ने स्कूल में बिताए यादगार पलों और खास अनुभवों को व्यक्त किया। इस दौरान बच्चों ने अत्यंत आकर्षक नृत्य गीतों की प्रस्तुति दी।
इस विदाई पार्टी में एबीआरसी सरला देवी मुख्य रूप से उपस्थित रही उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करे व आगे बढ़े।
इस दौरान विद्यालय प्रभारी कैलाश चंद ने कहा कि परीक्षा केवल परीक्षा के अंकों से नहीं मापी जाती बल्कि यह आपके प्रयास, अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण से निर्धारित होती है इसलिए आगे बढऩे के लिए शिक्षा के साथ साथ नैतिक मूल्यों और आत्मविश्वास का होना जरूरी है।
बच्चों कि विदाई पार्टी के अंत में मास्टर राजेश उन्हाणी ने बच्चों को बताया कि हमें अपनी जिंदगी को संवारने के लिए वक्त मिलता है, लेकिन वक्त को संवारने के लिए जिंदगी दोबारा नहीं मिलती और शुभकामनाएं देते कहा कि आप अच्छे से पढ़ाई करके अपना भविष्य बनाएं।
फोटो कैप्शन 12: खारीवाड़ा में विदाई पार्टी करते बच्चे एवं स्टाफ।






बर्बाद फसलों की करवाई जाये गिरदावरी
---किसानों की मांग
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कनीना की आवाज।
13 मार्च को सायं बरसात के साथ ओलावृष्टि होने के कारण कनीना उपमंडल के गांव बाघोत, पोता, स्याणा, नौताना के किसानों की सरसों तथा गेहूं की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। इस सम्बन्ध में किसानों ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल ओला प्रभावित गांवों के किसानों की बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर पीडि़त किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार से ओला प्रभावित बाघोत, पोता, स्याणा और नौताना गांवों के क्षतिपूर्ति पोर्टल को तत्काल खोलने की भी मांग की है। जिससे किसान क्षतिपूर्ति की रिपोर्ट पोर्टल पर डाल सकें। अतरलाल ने कहा कि उन्हें बाघोत, पोता, स्याणा नौताना आदि गांवों के किसानों से शिकायत मिली है कि गत 13 मार्च को सायं के समय ओलावृष्टि के कारण उनकी गेहूं तथा सरसों की पक्की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि के कारण किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों ने हजारों रुपये प्रति एकड़ फसलों में लगाकर फसलें तैयार की थी और अब कटाई के समय ओला पडऩे से उनके अरमानों पर पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि पीडि़त किसान सदमे में है इसलिए राज्य व जिला प्रशासन की तरफ से आर्थिक सहायता व मुआवजा की दरकार है। सरकार को तुरंत फसल खराबा की विशेष गिरदावरी करवाकर पचास हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से पीडि़त किसानों को मुआवजा देना चाहिए।





काशीराम को किया याद
-6 प्रस्ताव भी किये पारित
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कनीना की आवाज।
बसपा के तत्वावधान में गांव रामबास में पार्टी के संस्थापक पूर्व राज्यसभा सदस्य कांशीराम की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में किसान कमेरा व युवा वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया गया। मुख्य अतिथि बसपा नेता अतरलाल ने कांशीराम तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर सम्मेलन का शुभारम्भ किया। कपिल बाछौद, राजपाल रंगा व वेदप्रकाश नम्बरदार ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर भाग लिया। अध्यक्षता बसपा हल्का प्रधान रविन्द्र रामबास ने की।
 मुख्य अतिथि ने कांशीराम को भावभीनी श्रद्धांजलि भेंट करते हुए उनके जुझारू तथा लंबे संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यकर्ताओं से उनके विचारों से सबक लेकर युवा वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। सम्मेलन में 6 प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार से सीईटी की डेटशीट तुरंत घोषित करने, बेरोजगार युवाओं का भत्ता बढ़ाने, सक्षम युवा योजना को फिर से भली भांति लागू करना, ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों को मुआवजा देने, अनुसूचित जाति के परिवारों को रिहायशी प्लाट देने और पंचायती फार्म में अनुसूचित जाति के लिए निश्चित की गई जमीन में बोरिंग ट्यूबवैल करवाने की मांगे की गई। सम्मेलन में राजेंद्र, अजीत, सुनिल, थावर सिंह, रविन्द्र सिंह, कपिल देव, राजपाल रंगा, अजय कुमार, सोनू, इन्द्रजीत सिंह, वेदप्रकाश नम्बरदार, जयराम, रामफल, राजबीर, महेन्द्र सिंह, रामकिशन, मंजीत, सतप्रकाश, बबलू, कृष्णा, कौशल्या, कैलाशी, विद्या, निर्मला, राजेश चैधरी, नरेन्द्र, ज्ञानेश्वर, दयाराम, जगदीश, रमेश आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने विचार व्यक्त किए।
फोटो कैप्शन 11:. बसपा कार्यकर्ताओं के साथ काशीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित करते




खिमज माता पर आयोजित हुई खेलकूद
-अव्वल को किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज।
सेहलंग खिमज माता प्रांगण पहाड़ी पर वालीबाल प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में आठ टीमों ने भाग लिया। सभी टीम गांव -सेहलंग के युवाओं की ही थी। विजेता तथा उप विजेता टीमों को ट्रैक सूट देकर सम्मानित किया गया। मंजीत की टीम विजेता तथा सुमित की टीम उपविजेता रही। रीतिक श्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। उसे दो सौ रुपए नकद पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार मास्टर विजय पाल सेहलंगिया तथा धर्मपाल ने प्रदान किया। बच्चों को इसी प्रकार वालीबाल प्रतियोगिता के लिए तैयारी करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।वेद,विरेन्द्र,सोनू,दीपक, आदि सैकड़ों खेल प्रेमी खिमज माता प्रांगण पहाड़ी सेहलंग पर उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 11: खिलाडिय़ों को पुरस्कृत करते हुए माता कमेटी के पदाधिकारी।




राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस -16 मार्च
हर साल किया जाता है राष्ट्रीय टीकाकरण
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कनीना की आवाज।
टीकाकरण कई गंभीर बीमारियों से इंसान को बचाता है। वैक्सीन के महत्व को समझने के लिए 16 मार्च को वैक्सीनेशन डे मनाया जाता है। आसपास अनेकों सूक्ष्म जीव घूमते रहते हैं जिनकी चपेट में आने से बीमारी लग जाती है। ऐसे में वैक्सीनेशन की मदद से संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित रह पाते हैं। यह दवाइयां गंभीर बीमारियों से बचाती है। इस दिन की शुरुआत 1995 में हुई थी। 16 मार्च को सबसे पहले भारत में पोलियो वैक्सीन पिलाई थी और इसी दिन पोलियो मुक्त बनाने का के उद्देश्य से पल्स पोलिया अभियान की शुरुआत की। बाद में  2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया। अक्सर समझा जाता है कि टीका सिर्फ बच्चों के लिए होता है लेकिन ऐसा नहीं है, टीकाकरण हर उम्र के लोगों के लिए किया जाता है। बीमारियों को रोकने का एक प्रभावी इलाज टीकाकरण है। हर साल लाखों लोगों की जान टीकाकरण से बचाए जा सकते हैं। यूं तो दूसरा एवं चौथा मंगलवार तथा हर बुधवार को टीकाकरण चलता है। अब कोई बच गया या छूट गया उनको टीकाकरण सोमवार से किया जाएगा।
इस संबंध में डा. अंकित शर्मा उप-नागरिक अस्पताल कनीना बताते है कि संक्रामक रोगों से सुरक्षा सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुधार और बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर के टीकाकरण चलाया जाता है। टीकाकरण से भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचा सकता है। भारत में कोविड-19 बीमारी के खिलाफ दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण चला था। बीसीजी का टीका वर्षों पहले आया था तत्पश्चात टाइफाइड डीपीटी के टीके इस अभियान में शामिल किए गए। 1985 में संशोधित करके इसका नाम बदलकर यूपीआई कर दिया गया जिसका अर्थ है यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम। आज के दिन इसका महत्व बढ़ता ही जा रहा है। टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए ताकि रोगों से बचा जा सके। जन्म के समय बीसीजी तथा हेपेटाइटिस का टीका लगाया जाता तथा डेढ़ माह बाद पेेंटावेलेंट प्रथम, आईपीवी प्रथम, पीसीवी प्रथम टीका लगाये जाते हैं तथा रोटा वाइरस तथा पोलियों की दवा पिलाई जाती हैं। तत्पश्चात 28 दिन बाद पेेंटावेलेंट द्वितीय तथा रोटा वाइरस तथा पोलियों की दवा पिलाई जाती हैं। इसी प्रकार 28 दिन बाद  पेेंटावेलेंट तृतीय, आईपीवी द्वितीय, पीसीवी द्वितीय के टीका लगाये जाते हैं साथ में रोटा वाइरस तथा पोलियों की दवा पिलाई जाती हैं। जब बच्चा 9 से 12 माह के बीच तब खसरा का टीका लगाया जाता है साथ में आईपीवी तथा पीसीवी की बूस्टर डोज दी जाती हैं व विटामिन-ए पिलाई जाती है। जब 16 से 24 माह का बच्चा होता है तो खसरा का दूसरा टीका, डीपीटी बूस्टर साथ विटामिन-ए का दूसरा डोज दिया जाता है। हर छह-छह माह पर विटामिन ए पिलाई जाती है। साथ में पोलियो की दवा पिलाई जाती है। बाद में जब बच्चा पांच वर्ष का हो जाता है तो डीपीटी का टीका लगाया जाता है। साथ में विटामिन ए दी जाती है। जब बच्चा 10 साल का हो जाता है तो टीडी वैक्सिन दी जाती है। 15 से 16 वर्ष के दौरान टीडी की वैक्सिन दी जाती है। जब महिला गर्भवती होती है तो टेटनस के दो टीके लगते हैं। डाक्टर ने बताया कि 17 से 22 मार्च को फिर से टीकाकरण अभियान चलेगा।
फोटो कैप्शन: डा. अंकित शर्मा









मौसम की बेरुखी
-3 दिनों से चल रही है

















तेज हवाएं ,कहीं हो रही है ओलावृष्टि
-कनीना में शुक्रवार को हुई 3 एमएम वर्षा -फसलों को कोई लाभ नहीं
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कनीना की आवाज।
इस बार जनवरी माह से मौसम लगातार बदल रहा है। बार-बार कभी वर्षा आती है तो कभी जो ओलावृष्टि होती है। कनीना उपमंडल के गांवों में दो बार ओलावृष्टि हो चुकी है, बार-बार बूंदाबांदी और वर्षा होती है जिससे किसने की चिंता की रेखाएं बढ़ती ही जा रही हैं। यहां गुरुवार को भी कुछ गांवों में ओलावृष्टि हुई, तेज हवाएं चली वहीं शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में तीन एमएम वर्षा हुई। शनिवार को सुबह एक एमएम वर्षा हुई। वर्षा से कोई लाभ की संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि वर्षा के बाद तेज हवा चलने से गेहूं और सरसों की फसल गिरने के पूरे आसार बन गए हैं। इस समय किसान सरसों की लावणी में लगे हुए हैं और ऐसे में वर्षा का होना नुकसानदायक साबित होगा। गेहूं फसल पकान पर जा चुकी है और इस समय वर्षा होती है तेज हवा चलती है तो गेहूं के गिरने का खतरा बन जाता है।
 किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि वर्षा से उनकी फसलों को नुकसान होने का अंदेशा है। किसान किसी प्रकार अपनी सरसों की पैदावार लेना चाह रहे हैं परंतु गेहूं की फसल लेने में कुछ समय बाकी है। क्योंकि होली पर्व के बाद ही कटाई में तेजी आती है। दूसरे राज्यों से मजदूर आने शुरू हो गए हैं जो अब फसल कटाई के काम में लग जाएंगे और जल्दी ही सरसों की फसल कटाई कर पैदावार मंडियों तक पहुंचाने की उम्मीद है। यदि इसी प्रकार मौसम रहा तो किसानों की चिंता की रेखाएं बढ़ती चली जाएंगी। कनीना क्षेत्र में तेज हवाओं से फसल गिर गई और वर्षा से नुकसान का अंदेशा बढ़ गया है।  वर्षा एवं तेज हवाओं के चलते कनीना कस्बा में बिजली आपूर्ति लंबे समय तक अवरूद्ध रही।
फोटो कैप्शन 3: कनीना क्षेत्र में होती हुई वर्षा



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