कोटिया गांव की लड़की ने विश्वविद्यालय में पाया पांचवां स्थान
--एमकाम तृतीय सेमेस्टर का परिणाम जारी
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव कोटिया की सुषमा ने एमकाम तीसरे सेमेस्टर में इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में पांचवां स्थान हासिल किया है।
विस्तृत जानकारी देते हुए सुषमा के पिता छोटू राम ने बताया कि उन्हें 8.21 सीजीपीए प्राप्त किया है और विश्वविद्यालय द्वारा मेरिट सूची में उनका पांचवां स्थान है। गांव के लोगों ने सुषमा को बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: सुषमा
उच्च वोल्ट तार से छुआ फव्वारा पाइप, मौत
-कनीना उप-नागरिक अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम
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कनीना की आवाज। कनीना से 6 किलोमीटर दूर जिला रेवाड़ी के चंद्रभान ने दी शिकायत में कहा है कि उसके लड़के सचिन की सोमवार के दिन एल्युमिनियम के पाइप उच्च वोल्ट जारों से छू जाने से मौत हो गई। उसके शव का पोस्टमार्टम कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में करवाया गया। चंद्रभान ने कहा कि उनके दोदो लड़के हैं। उनका लड़का सचिन अपने गांव के खेतों में पानी के सोमवार के दिन फव्वारा लाइन बदल रहा था। एल्युमिनियम के पाइप गेहूं के खेतों से गुजर रहे 11 हजार वोल्ट की एचटी लाइन से टच हो गए जिसके कारण वह गिर गया और उनकी मौत हो गई। पड़ोसी मनीष बव्वा ने देखा तो वह मौके पर पहुंचा तब तक सचिन गेहूं के खेतों में गिर गया था। सचिन को साधन का इंतजाम करके कनीना सरकारी अस्पताल लेकर आए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 20 वर्षीय सचिन अविवाहित था जिसकी कृषि कार्य करते समय मौत हुई है। उनके पिता ने कहा कि इसमें किसी का कोई कसूर नहीं है। कनीना उप नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवा उसके परिजनों को सौंप दिया है।
फोटो कैप्शन 04: कनीना उपनागरिक अस्पताल के बाहर पोस्टमार्टम करवाते परिजन
नेपाल के एक व्यक्ति का संदिग्ध परिस्थितियों में मिला शव
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कनीना की आवाज। कनीना से सीहोर रोड़ की तरफ कनीना शहर थाना पुलिस को एक व्यक्ति का खेतों में शव मिला है। कनीना शहर थाना के जांच अधिकारी सतीश ने जानकारी देते हुए बताया कि सुबह सूचना मिली कि एक व्यक्ति खेत में पड़ा हुआ है। उप-नागरिक अस्पताल कनीना में भर्ती करवाया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक दीपक पुत्र राम बहादुर उम्र 31 वर्ष नेपाल का रहने वाला है। वह अपने बड़े भाई दीपेंद्र के साथ मिलकर एक निजी संस्था में कुक का काम करता था। त्योहार के चलते चार दिन पहले दीपेंद्र नेपाल चला गया था व दीपक यही रह गया था। साथ काम करने वाले नूम बहादुर थापा नेपाल ने बताया कि दीपक नेपाल देश के बर्दिया जिले का रहने वाला है। वह यहां खाना बनाने का कार्य करता था। अज्ञात कारणों के चलते उसकी मौत हो गई। समाचार लिखे जाने तक परिजन नहीं पहुंच पाए थे।
भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची में तीन राजपूतों का नाम आने से खुशी
- केंद्रीय भाजपा नेता व प्रदेश के नेताओं का जताया आभार
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कनीना की आवाज।प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची जारी की गई है जिसमें तीन राजपूत को स्थान देकर बीजेपी ने यह साबित कर दिया है कि वास्तव में ही भाजपा पार्टी राजपूतों से प्यार करती है। उन्होंने राजपूतों पर विश्वास किया है कि प्रदेश की कमान राजपूत संभाल सकते हैं। यहां गौरतलब है कि जिला मेवात में सुरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू छोकर उजीना को जिला अध्यक्ष बनाया गया वहीं बल्लभगढ़ जिले से सोहन पाल सिंह छोकर को जिला अध्यक्ष की कमान सौंप कर पार्टी को मजबूत करने पर विश्वास जताया है वही भाजपा पार्टी ने अंबाला जिले की कमान मनजीत राणा को दी है।
यहां गौरतलब है कि मेवात जिले की कमान संभालने वाले पूर्व में भाजपा सरकार में एसएस बोर्ड के मेंबर भी रह चुके हैं वहीं बल्लभगढ़ जिले की कमान संभालने वाले सोहन पाल सिंह 2019 में भाजपा पार्टी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वहीं अंबाला जिले की कमान संभालने वाले मनजीत राणा अंबाला जिले के पहले भी जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। उन पर पार्टी ने दोबारा विश्वास जताया है। वही तीन जिलों में भाजपा ने राजपूत को जो सम्मान दिया है उसके लिए क्षेत्र के राजपूतों ने भाजपा के वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ोली के अलावा अन्य नेताओं का आभार जताया है।
हरियाणा बजट की सराहना की
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इसे जनहित का बजट बताया
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कनीना की आवाज। हरियाणा में पारित बजट को बेहतर बताया है तथा विकास के आयाम स्थापित करेगा। इस संबंध में कुछ शिक्षाविदों के विचार इस प्रकार हैं-
इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में शानदार व अभूतपूर्व कदम उठाए गए है । माडल संस्कृति विद्यालयों की संख्या बढऩे से निश्चित रूप से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा । विज्ञान व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्नातक व स्नातकोत्तर करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का फैसला सराहनीय है । नयी शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर बजट में कई प्रावधान किए गए है । ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए भी बजट में सुनहरी योजनाएं रखी गई है ।
-- सचिन कुमार,शिक्षाविद व समाजसेवी
बजट में सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं रखी गई है । इस बजट से आर्थिक क्षेत्र में हरियाणा और मजबूत व प्रगति की और बढ़ेगा । शिक्षा , स्वास्थ्य , कृषि व व्यापार सभी पर समान रूप से ध्यान दिया गया है व महिलाओं के विकास के लिए भी विशेष प्रावधान रखे गए है।
-सुनील यादव, पूर्व खंड हसला प्रधान
फोटो कैप्शन: सचिन एवं सुनील कुमार
हरियाणा बजट है निराशाजनक
-मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया।
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कनीना की आवाज। धर्मपाल शर्मा राज्य प्रेस सचिव रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने कहा कि मुझे आशा थी कि यह बजट शिक्षा, शिक्षक किसान, मजदूर,कर्मचारी का हितकारी बजट होगा ।परन्तु यह बजट निजीकरण को बढावा देने वाला है। हमें आशा थी कि बजट में तीन लाख पेंशनर्स व फैमिली पेंशनर्ज को बजट में स्वास्थ्य सुविधा, आयु के आधार पर बेसिक पेंशन में वृद्धि सहित कई मांगो को पुरा होने की उम्मीद थी। लेकिन सरकार ने बजट में पेंशनर्स की अनदेखी करते हुए उनके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया। इस बजट में किसान, मजदूर, कर्मचारी के लिए कोई खास ध्यान नहीं रखा गया है। बजट में शिक्षा पर बजट का दस प्रतिशत खर्च करने के प्रावधान किया जाना चाहिए था। सरकारी विद्यालयों मे पचास हजार से अधिक शिक्षकों खाली पङे पदों को भरा जाने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई। । सभी प्राथमिक, माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में चौकीदार, गार्डनर सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व सफाई कर्मचारी लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिए थी ,बजट में सभी विद्यालयों में स्वच्छ पीने के पानी की तथा बिजली की व्यवस्था की जानी चाहिए थी लेकिन इस के लिए बजट में कोई प्रावधान नही किया गया है। सभी 0-14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार है।
लेकिन सरकार ने बजट में माडल संस्कृति विद्यालय में कुछ सुधार करने की बात की है। इन विधायकों में 1-5 तक की कक्षाओं मे 200 रुपये 6-8 कक्षाओं में 250 रूपय 9-12 कक्षाओं में 500 रुपये फीस प्रत्येक माह ली जाती है जो शिक्षा अधिकार कानून 2009 का उल्लंघन है। इस बजट से गरीबो दलितो के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जायेगे।
यह बजट निजीकरण को बढ़ावा देगा। विभिन्न विभागों की बीस जन कल्याणकारी योजनाओं को बन्द कर दिया जिसका असर गरीब व्यक्ति पर होगा। यह बजट किसान, मजदूर, कर्मचारियों का भला नही करेगा उनका शोषण बढ़ जायेगा।
फोटो कैप्शन: धर्मपाल
वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस- 18 मार्च
कचरे को एक नई रोशनी दिखता है पुनर्चक्रण दिवस
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कनीना की आवाज। प्रतिदिन भारी मात्रा में पालीथिन, प्लास्टिक, कांच तथा विभिन्न धातुओं के डब्बे घरों से कचरे के रूप में निकलते हैं। इनमें से कुछ पदार्थों का पुनर्चक्रण/ रिसाइकिल संभव है जबकि कुछ का संभव नहीं है। विज्ञान के जानकार ऐसे पदार्थों को प्रयोग करने पर बल देते हैं जिनका पुनर्चक्रण संभव है। इनसे पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा संदेश जाता है। यह पानी, हवा की गुणवत्ता को बढ़ाता है जिससे सांस लेने और जलवायु परिवर्तन में मुकाबला करने में मदद मिलती है। इस संबंध में विज्ञान के जानकारों और पुनर्चक्रण का कार्य करने वाले कुछ लोगों से बात हुई-
** यह विधि नये उत्पादों को बनाने के लिए नए कच्चे माल का काम करता है जिससे पैसे और प्राकृतिक संसाधनों की बचत होती है। समाचार पत्र, प्लास्टिक की पानी की बोतल, सोडा के डिब्बे, अनाज के बक्से, दूध के डब्बे कुछ प्रतिदिन काम में आने वाले पदार्थ हैं जिनका पुनर्चक्रण संभव है लेकिन पालीथिन जैसे पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह वातावरण के लिए प्रदूषण का कारण बनता है।
-- मंजू शर्मा विज्ञान की जानकार
यदि हम उन वस्तुओं का उपयोग अधिक करें जिनका पुनर्चक्रण संभव है तो भविष्य में धन की बचत होगी वही प्रदूषण घटेगा। पालीथिन की जगह कपड़े या कागज के बैग प्रयोग करने पर बल दे तो भविष्य के लिए एक सुखद एहसास होगा। 2018 में यह दिवस सबसे पहले मनाया गया, वह भी उसे समय जब ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या सामने आई। यदि पुनर्चक्रण न होने वाले पदार्थों पर अंकुश नहीं लगा तो आने वाले समय में जीवन को बचाना मुश्किल हो जाएगा।
-- भीम सिंह, समाजसेवी
प्राकृतिक संसाधनों को खतरा है क्योंकि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। पिछले दशकों ने सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ाया जो प्राकृतिक तबाही का कारण बना और आर्थिक नुकसान भी हुआ है। घर में कम से कम पालीथिन प्रयोग करे तथा पुनर्चक्रण वाले पदार्थों को बोरों में भरकर कबाड़ी बेच दे ताकि ताकि संसाधनों की बचत हो सके।
-- बलवान आर्य, समाजसेवी
घर में एक अभियान चलाए जिससे पालीथिन आदि प्रयोग नहीं करने पर बल दिया जाए। घर में पुनर्चक्रित तो होने वाली पदार्थ को बोरों में भरकर कबाड़ी को दे दिया जाए ताकि संसाधनों की बचत हो वहीं पालीथिन आदि के स्थान पर कागज/कपड़े के बैग प्रयोग करने पर बल दिया जाए। दूसरों को भी शिक्षा दे ताकि प्रदूषण से बचा जा सके। यदि पालीथिन का ज्यादा प्रयोग हुआ तो जीव जंतुओं पर भी इसका घातक प्रभाव पड़ेगा।
-- भीम सिंह समाजसेवी
फोटो कैप्शन: बलवान सिंह, मंजू शर्मा, भीम सिंह, भगत सिंह
माता मंदिर मंदिरों में लगे खाने के ढेर
-बासौड़ा पर्व पर चला आ रहा है रिवाज
--बव्वा में माता मेला 19 को
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कनीना की आवाज। बासौड़ा पर्व के अवसर पर जहां माता के मंदिरों में विभिन्न प्रकार के पकवानों एवं खानों के ढेर लग गए हैं वहीं चौराहों तथा विभिन्न धार्मिक स्थानों के द्वार पर भी भारी मात्रा में अनाज, पकवान, चावल आदि डाले गए। जीव-जंतु भी दिनभर पकवानों के मजे लेते देखे गए। करीब तीन सप्ताह तक यह पर्व अलग अलग दिन चलता है।
कनीना का माता स्थल ,संत मोलडऩाथ आश्रम के पास स्थित है। जहां सुबह सोमवार से भारी मात्रा में अनाज चढ़ाया गया। कुछ लोग इस अनाज को इकट्ठा कर पशुओं के चारे के रूप प्रयोग करते देखे। पशुपालक इस अनाज को इकट्ठा करके गाय, भैंस तथा सुअर आदि को खिलाते देखे गये। आगामी 3 सप्ताह तक यहां इसी प्रकार का दृश्य देखने को मिलेगा।
बासी खाने के लिए प्रसिद्ध है बासौड़ा- बासौड़ा क्षेत्रीय पर्व है तथा लंबे समय से पर्व मनाया जाता रहा है। उन दिनों जब दवा का अधिक ज्ञान नहीं होता था, चेचक रोग बहुत फैलता था। उस जमाने से इस प्रकार का रीति रिवाज बुजुर्गों ने चलाया जिसमें बासी खाना खाया जाता है। बासी खाने से माना जाता है चेचक आदि रोग नहीं होते। यही नहीं पुत्र आदि के स्वस्थ रहने की कामना से भी महिलाएं इस पर्व को मनाती हैं।
कनीना के राजेंद्र सिंह बुजुर्ग बताते हैं कि बासौड़ा पर्व बुजुर्गों के समय से चला आ रहा है। जिन महिलाओं के एक साल के अंतराल में संतान हुई हो वह खाने के रूप में घर घर भेंट देती हैं जिसे कंडवारी नाम से जाना जाता है। माता स्थल पर जहां सीढिय़ों पर भी खाना बिखरा पड़ा है। इस प्रकार के दृश्य को देखकर लगता है कि बासौड़ा के प्रति लोगों का बहुत अधिक रुझान है। सुबह सवेरे उठकर महिलाएं यहां पूजा अर्चना करने आती है और सभी पकवान एवं भोजन या चढ़ाती हैं। तत्पश्चात इसका पूरा परिवार भोग लगाता आया है। समाजसेवी सुरेंद्र यादव ने बताया कि बव्वा गांव में मंगलवार को माता का भंडारा लगेगा तथा बुधवार को मेला लगेगा। अक्सर यह पर्व होली के बाद सोमवार एवं बुधवार को मनाया जाता है। यहां भी तीन सप्ताह तक पर्व चलेगा। यहां बाल उतरवाने का पर्व भी चलता है।
फोटो कैप्शन 01: बव्वा का माता मंदिर
ईंट भट्ठा पर काम करने वालों के साथ मारपीट
-अस्पताल में एक महिला की मौत, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। पांच लोगों ने ईंट भट्ठा पर काम करने वाले लोगों से मारपीट की। अस्पताल में एक महिला ने दम तौड़ दिया। सचिन रायपुर, अलीगढ़ ने पांच लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। घायल सचिन की मां का अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस में दी शिकायत में सचिन ने कहा कि 4 महीने पहले वह, उसका पिता, उसकी मां सुनहरा देवी, आकाश, सुशील कुमार, निरंजन, चरण सिंह व सुखबीर सिंह कनीना थाने के गांव बवानिया के ईंट भट्ठा पर मेहनत मजदूरी से काम करते आ रहे हैं। इस भट्ठे पर और भी व्यक्ति सचिन के गांव के नजदीक के काम करते हैं । 12 मार्च को रात के समय मुन्ना निवासी नरोरा पावर प्लांट, राजेश निवासी नरोरा तथा तीन उनके रिश्तेदार जिन्होंने शराब पीकर झगड़ा किया, मारपीट की और ईंट उठाकर फेंक कर मारी जिससे सचिन की मां सुनहरा देवी को लगी। उनके सिर में शरीर पर चोटें आई। सचिन अपनी मां को महेंद्रगढ़ सरकारी अस्पताल में ले गया और इलाज करवाया। डाक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। जब रोहतक के अस्पताल में इलाज चल रहा था उसकी मौत हो गई। कनीना पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
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