Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, March 20, 2025


 


लड़की गुम-गुमशुदगी का मामला दर्ज
-एक लड़के पर किया शक जाहिर
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के एक गांव से करीब 20 वर्षीय लड़की 18 मार्च से गुम है। वह सुबह 10 बजे कालेज के लिए निकली थी वापस नहीं लौटी। उसके फोन पर भी फोन नहीं जा रहा है। हर जगह तलाश की गई किंतु कहीं नहीं मिली। स्वजनों ने दीपक , राजस्थान के एक व्यक्ति पर शक जाहिर किया है। कनीना पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।





पुत्र के जन्मोत्सव पर श्री कृष्ण गौशाला में लगाई स्वामणि
-पुत्र की शादी के बाद ही मनाया जन्मदिन
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कनीना की आवाज।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना में मास्टर रामनिवास खींची के द्वारा अपने सुपुत्र उपेंद्र के जन्म दिवस पर गायों के लिए स्वामणि का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि यह धर्मार्थ कार्य उन्होंने अपने सुपुत्र के विवाह के पश्चात उसके जन्म दिवस पर किया है ताकि नवदंपति को आशीर्वाद भी प्रदान किया जा सकें। उनका मानना है कि गौ सेवा ही परम धर्म है क्योंकि हिन्दू धर्म में गौ को मां का दर्जा दिया गया है । और मां से ऊपर कुछ नहीं है । अत: मानव को गौ सेवा जरूर करनी चाहिए । गौ शाला में गायों के साथ साथ गौशाला के कर्मियों को भी भोजन रूपी प्रसाद खिला कर पुण्य कमाया । इस पुण्य के समय में गौ शाला के प्रधान यादवेंद्र, भूतपूर्व नगरपालिका प्रधान राम सिंह,तुलसी राम सोनी, पूर्व पार्षद राजेंद्र, मंडी सुपरवाइजर सतीश,सुरेंद्र बाबू ,मनीष,विजय सिंह पटवारी, विकास एडवोकेट,हेमलता, गरिमा, थानेदार बने सिंह उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: गौशाला कनीना में सवामणि लगाते हुए।







वाल्मीकि चौपाल के निर्माण में घटिया सामग्री लगाने का आरोप
-ठेकेदार ने नकारे आरोप
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कनीना की आवाज।
कनीना उप-मंडल के निकटवर्ती गांव भोजावास मे पुराने पटवार घर के पीछे डी-प्लान के माध्यम से 14 लाख की लागत से बन रही वाल्मीकि चौपाल के निर्माण में वाल्मीकि समाज के लोगों ने निम्न स्तर व घटिया प्रकार की सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
 शिकायतकर्ता रजनीश वाल्मीकि ने इसकी एक शिकायत सीएम विंडो के माध्यम से भी सरकार तक पहुंचा रखी है। वाल्मीकि समाज के अनेक शिकायतकर्ताओं ने मौके पर अधिकारियों से भवन निर्माण में प्रयुक्त की गई सामग्री की सैंपलिंग करने की मांग की है तथा ठेकेदार की पेमेंट रोकने की गुहार लगाई है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लेंटर खोलने के बाद मसाला अपने आप गिर गया है तथा उससे सरिया दिखाई दे रहे हैं। बिल्डिंग तैयार होने से पहले ही जर्जर हालत में चली गई है जिसके कारण उन्हें बिल्डिंग तैयार होने से पहले ही जानमाल की हानि होने का डर बना हुआ है।
क्या कहते हैं ठेकेदार-
इस विषय को लेकर जब ठेकेदार विशाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन भवन में किसी प्रकार की कोई घटिया सामग्री इस्तेमाल में नहीं लाई गई है। सभी सामग्री उच्च सत्र की इस्तेमाल की गई है शिकायतकर्ता चाहे तो इसकी सैंपलिंग करवा सकता है।
फोटो कैप्शन 06: निर्माधाधीन वाल्मीकि चौपाल






25 मार्च के बाद सरसों की आवक होने की उम्मीद
-अभी तक सूनी पड़ी है कनीना मंडी
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कनीना की आवाज।
कनीना मंडी में गेहूं एवं सरसों की सरकारी खरीद होगी किंतु अभी तक अनाज मंडी सूनी पड़ी है। 25 मार्च तक सरसों की आवक होने की उम्मीद है वहीं अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक गेहूं के आने की उम्मीद है।  इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल किया हुआ है जबकि सरसों का समर्थन मूल्य 5900 रुपये प्रति क्विंटल रखा हुआ है।
 व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि 25 मार्च तक खुली मंडियों सरसों की आवक शुरू हो जाती है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में गेहूं के आने की संभावना होती है। सरकारी खरीद के सरकार ने आदेश जारी कर दिये हैं।
कनीना क्षेत्र में इस वर्ष गेहूं की फसल करीब 9500 हेक्टेयर पर खड़ी है। जबकि 19500 हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की गई थी। किसान सरसों फसल कटाई में जुटे हुए हैं। वहर वर्ष गेहूं के मुकाबले सरसों अधिक क्षेत्रफल पर उगाई जाती है।
बहरहाल कनीना मंडी सूनी सूनी नजर आ रही है। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी खरीद होती है। आढ़ती ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। ज्यों ही पैदावार मंडियों में आती है तब हलचल बढ़ जाती है। इस वक्त सरसों पैदावार लेने में किसान लगे हुए हैं। चूंकि वर्तमान में दो अनाज मंडियां होने के कारण नई अनाज मंडी कनीना में ही खरीद की जाएगी। मौसम में बार बार बदलाव के चलते सरसों की पैदावार लेने में देरी हो गई है। किसान कृष्ण सिंह, रोहित कुमार, मनोज कुमार आदि ने बताया कि सरसों की पैदावार लेने में वे लगे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 04:सूनी पड़ी कनीना अनाज मंडी






केंद्रीय मंत्रालय की टीम ने कनीना के स्कूलों में
-किया गया स्वच्छता सर्वेक्षण
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कनीना की आवाज।
भारत सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए आज केंद्रीय मंत्रालय की टीम ने कनीना के विभिन्न 14 वार्डों सहित अनेक संस्थाओं का निरीक्षण किया । इसके अंतर्गत मंत्रालय के वरिष्ठ सर्वेक्षक एम डी सलीम ने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना का निरीक्षण किया तथा विद्यालय की स्वच्छता व्यवस्था पेयजल व प्रसाधनों की उचित रखरखाव की मुक्त कंठ से तारीफ की । इस अवसर पर विद्यालय के मुख्य अध्यापक नरेश कुमार कौशिक विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्ष सावित्री देवी राकेश कुमार डीपी कश्मीरी निमल, कैलाश चंद्र  अनीता यादव राजबाला, संदीप कुमार, सुभाष वर्मा ,बाबूलाल यादव , विकास यादव सहित स्टाफ सदस्यों ने विद्यालय की विभिन्न व्यवस्थाओं के निरीक्षण में सहयोग किया।
सर्वेक्षण टीम ने विद्यालय में जहां कचरा प्रबंधन व शौचालयों के बेहतर रखरखाव के बारे में कहा कि विद्यालय का पूरा तंत्र अनुकरणीय है तथा यह व्यवस्था अन्य शिक्षण संस्थानों में भी लागू की जानी चाहिए उन्होंने विद्यालय की दीवारों पर लगे विभिन्न शिक्षण चित्रों तथा दीवारों पर लिखा सुंदर कहावतें व मुहावरों को भी एक अनूठा प्रयोग बताए तथा विद्यालय के दो मुख्य सूत्र भय  व आंसू रहित शिक्षा तथा जो स्कूल सरकारी है -वह सबसे असरकारी है को बेमिसाल बताया ।
उल्लेखनीय है कि उक्त टीम दो दिन से कनीना के विभिन्न स्वच्छता मानदंडों को जांचने के लिए उपस्थित है तथा स्थानीय प्रशासन के अलावा विभिन्न समाजसेवियों व संगठनों से भी बात कर रही है तथा इसके लिए प्रश्नोत्तरी भी भर रही है।
फोटो कैप्शन 03: स्वच्छता सर्वेक्षण टीम कनीना के स्कूल में






 गाड़ी में टक्कर मारकर गाड़ी तोडऩे के मामले में एक ओर आरोपित गिरफ्तार
--दो आरोपित हो चुके हैं पहले ही गिरफ्तार
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कनीना की आवाज।
आपसी रंजिश के चलते रास्ता रोकने, अवैध हथियार दिखाने और गाड़ी में टक्कर मारकर गाड़ी तोडऩे के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने एक ओर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान अमरदीप वासी मोड़ी के रूप में हुई है। आरोपित वारदात को अंजाम देने में संलिप्त था, पूछताछ में पुलिस ने पता लगाया कि आरोपितों ने आपसी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित को आज न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए दो आरोपितों को पहले गिरफ्तार किया गया था, जिनसे वारदात में प्रयोग की गई गाड़ी और अवैध हथियार बरामद किया गया था।
शिकायतकर्ता संदीप वासी गांव बोहका ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराई कि वह समय करीब 1.30 शाम से 2.30 शाम के बीच गांव बोहका से भोजावास टीवी रिपेयर करवाने के लिए जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी गाड़ी के आगे अचानक एक गाड़ी लगा दी, जिसमे 4-5 लड़के बैठे हुए थे। जिनमें से एक को वह नाम से जानता था और जिसके हाथ में सिल्वर कलर की पिस्टल थी। शिकायतकर्ता ने उसकी गाड़ी मोड़ी से गोमला वाले कच्चे रास्ते में उतार ली, उसके बाद आरोपितों ने शिकायतकर्ता की गाड़ी को गाड़ी से साइड टक्कर मारी, उसके बाद गाड़ी के सामने से टक्कर मारी और कहा कि अबकी बार तो मौत का अहसास करवाया है अगली बार मिल गए तो जान से मार देंगे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।






पार्षद दीपक चौधरी ने की मुलाकात, स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव से
- युवाओं के लिए खेल स्टेडियम की रखी मांग
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कनीना की आवाज।
 नव निर्वाचित पार्षद दीपक चौधरी चंडीगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव से मिले और विशेष कर युवाओं के लिए उन्होंने खेल स्टेडियम की मांग रखी। स्वास्थ्य मंत्री ने खेल स्टेडियम जल्द ही बनवाने का आश्वासन दिया।
 विस्तृत जानकारी देते हुए दीपक चौधरी ने बताया कि वह पार्षद बनने के बाद पहली बार स्वास्थ्य मंत्री से मिलने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री ने बहुत ही आत्मीयता के साथ उनसे मुलाकात की। जिसमें कनीना कस्बे की विभिन्न मांगों पर चर्चा की, विशेष तौर से कनीना उप-नागरिक अस्पताल को एफआरयू का दर्जा देने, युवाओं के लिए खेल स्टेडियम बनाने तथा कस्बे की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। मंत्री ने विभिन्न मुद्दों को ध्यान से सुना और जल्द ही इनका निराकरण करने का आश्वासन भी दिया।
 उल्लेखनीय है कि नगर पालिका में तीसरी पीढ़ी बतौर पार्षद है दीपक चौधरी है। वे तीसरी पीढ़ी बतौर नगर पालिका कनीना में पार्षद बतौर कार्यरत हैं। कनीना नगर पालिका के सबसे पहले प्रधान स्व.चौधरी बलबीर सिंह बने थे, तत्पश्चात चौधरी बलबीर सिंह के पुत्र मास्टर दिलीप सिंह कनीना पालिका के प्रधान रह चुके हैं और वर्तमान में मास्टर दिलीप सिंह के पुत्र दीपक चौधरी इसी पीढ़ी में पार्षद बने हैं। यद्यपि उनकी पत्नी सुमन चौधरी प्रधान पद के लिए एक प्रत्याशी थी जो चुनाव हार गई और जीत से 566 मत कम मिले।
फोटो कैप्शन 02: दीपक चौधरी पार्षद मुख्यमंत्री से मिलते हुए।





कनीना में सप्लाई हुआ बहुत गंदा पेयजल
-जेई जन स्वास्थ्य विभाग ने समस्या का निराकरण करने का दिया आश्वासन
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कनीना की आवाज।
 कनीना कस्बा में यूं तो समय-समय पर गंदे पानी की सप्लाई होने की समस्या सामने आती रही है किंतु गुरुवार को जहां वार्ड नंबर 7 और वार्ड नंबर 1 के उपभोक्ताओं को बहुत गंदा जल उपलब्ध हो पाया। नलों से गंदा जल देखकर उपभोक्ता बहुत नाराज हैं।
उपभोक्ता विजय पाल, सुरेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, रोहित कुमार, महेंद्र सिंह, सज्जन सिंह आदि ने बताया कि अचानक जब नल चलाया तो बहुत अधिक गंदा जल सप्लाई हुआ, जिसमें बदबू आ रही थी और लगता था सीवर का जल ही सप्लाई हो रहा है। पीना तो दूरी से स्नान करना और कपड़ों कपड़े धोना भी कठिन हो गया। पशुओं को भी ऐसा गंदा जल नहीं पिलाया जा सकता। उपभोक्ता नाराज थे और उन्होंने प्रशासन से अविलंब समस्या का समाधान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गर यह जल पी लिया जाए तो निश्चित रूप से व्यक्ति बीमार हो जाएंगे। अभी तक स्पष्ट नहीं पता चल पाया है कि ऐसा गंदा जल सप्लाई कैसे हो पाया परंतु उपभोक्ताओं में रोष पनपा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इस समस्या का समाधान नहीं करेगा तो धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा।
 इस संबंध में जब जेई जन स्वास्थ्य विभाग पवन कुमार कनीना से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके सामने समस्या आ गई है और वे जल्द ही समस्या का समाधान कर देंगे। वे पता लगाएंगे कि गंदा जल सप्लाई कैसे और क्यों हुआ और इस समस्या का निराकरण तुरंत करेंगे। अब देखा जाना है कि समस्या का समाधान कब तक किया जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में सप्लाई जल की लाइन करीरा रोड के सामने लीक हो रही है तथा अकेला जन स्वास्थ्य विभाग ही दोषी नहीं है अपितु उपभोक्ता पेयजल के लिए लाइन सीवर से होकर ला रहे हैं ,यही कारण है कि गंदा पेयजल कहीं से लाइन में घुस गया गया है और साफ पानी में मिल गया है और लोग परेशान हैं।
 फोटो कैप्शन 01: कनीना कस्बा में सप्लाई हो रहे गंदे पेयजल की फोटो











मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-112
विज्ञान एवं धार्मिक आस्था का नहीं हुआ टकराव
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह विश्व रिकार्ड धारक, 30 अप्रैल 2024 को शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा देकर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। धार्मिक आस्था दिल में सदा चली आ रही जहां कई सालों तक शिव भोले के सोमवार का व्रत किया वहीं हनुमान जी का मंगलवार का व्रत भी किया। अभी भी व्रत चले आ रहे हैं। कभी विज्ञान एवं आस्था के बीच टकराव नहीं हुआ। आइये सुनते हैं होशियार सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी--
मैं गरीबी सालों से व्रत करता आ रहा हूं, बीच-बीच में उसका उद्यापन कर दिया जाता है। जहां हनुमान जी और शिव भोले के व्रत किये हैं और जारी हैं। सत्य है कि कितने ही दुश्मन मेरे विरुद्ध पैदा हुए किंतु उस परमपिता की दया से वे कुछ भी नुकसान नहीं कर पाये। यह ठीक है किशिक्षा विभाग में करोड़ों रुपये का नुकसान एक पत्रकार और शिक्षा के ेक्षेत्र में कार्यरत दुष्ट/दुश्मन शिक्षक की शिकायत पर हो चुका है परंतु उसका भी कोई गम नहीं है, न्यायालय में मामला चल रहा है और मेरे रोके हुए लाभ मुझे मिलने की उम्मीद है। यहां तक की धार्मिक आस्था की बात की जाए तो लंबे समय से हर साल खाटू श्याम, जैतपुर धाम जा रहा हूं, निशान अर्पित करके आता रहा हूं,लंबे समय से हरिद्वार से कावड़ लाकर बाघेश्वर धाम पर अर्पित की जा रही है जिससे बड़ी खुशी होती है। अभी तक शरीर में कोई रोग नहीं है, भविष्य का किसी को पता नहीं है। परंतु जब से मैं कावड़ अर्पित कर रहा हूं, निशान अर्पित कर रहा हूं अनेकों शिक्षक मिले हैं जो यह कहते हैं की विज्ञान का अध्यापक होकर इस प्रकार की बातों में क्यों उलझे हुए हो? कुछ अपनी बुद्धि के अनुसार अनर्गल बाते अलापते हैं। परंतु मैंने कभी उनकी नहीं सुनी। कहावत है जो मन को अच्छा लगे वह कार्य करना चाहिए, चूंकि मेरे मन को शरीर को घूमना फिरना अच्छा लगता है और वह भी पदयात्रा पर। इतनी लंबी दूरी पर जाकर मन खुश हो जाता है। बहुत खुशी होती है, अपार आनंद आता है, सारी थकान मिट जाती है क्योंकि पहले कडिय़ों मेें मैंने बताया है कि सदा घूमना फिरना मुझे अच्छा लगता है।  मेरी मजबूरी है कि पत्रकारिता, लेखन, शिक्षक और पारिवारिक बंधनों में बंधा हुआ हूं। वैसे भी अभी बच्चे छोटे हैं, जिनकी शादी नहीं हुई है, इसलिए परेशानी है। अगर उन्हें नौकरी मिल जाए, शादी हो जाए तो फिर मैं अपने कामों से निवृत्त हो जाऊंगा। जब कभी मुझे बाहर जाने का मौका मिलता है तो बड़ा आनंद आता है, अपनी साइकिल चलाना, खेत में सब्जी उगाना, घूमने फिरने से मन खुश हो जाता है, दिन भर की थकान मिट जाती है और जब कभी मुझे तनाव होता है तो मैं अपने खेतों में कार्य करने लग जाता हूं, तनाव मिट जाता है। ऐसे में जहां विज्ञान का शिक्षक होकर भी धार्मिक आस्था से जुड़ा रहा हूं और भविष्य में भी जुड़े रहने की संभावना है। चाहे लोग कुछ भी कहे। कम 10 ऐसे साथी मिले जिन्होंने मेरी कावड़ यात्रा का विरोध किया। एक तो ऐसी मंदबुद्धि का मिला जो हमारी किसी धार्मिक भावनाओं को नहीं मानता और जमकर विरोध करता है। खैर उसकी अपनी सोच है। यह तो विज्ञान भी मानती है और बड़े-बड़े वैज्ञानिक, योगी मानते हैं कि घूमने फिरने से सेहत अच्छी रहती तो चाहे शिव भोले के नाम पर या हनुमान जी के नाम पर या खाटू श्याम के नाम पर घूम कर अपनी सेहत बरकरार रख ली जाए तो उसमें क्या बुराई है? यह उनकी अपनी सोच है? कहावत हैं एक पंथ दो काज अर्थात सेहत भी अच्छी रहे और उस परम पिता का नाम भी लिया जाए तो उसमें बुराई क्या है? चाहे दुनिया के लोग कुछ भी कहे, मुझे इसमें आनंद आता है। जब तक स्कूल में शिक्षण का कार्य करता था मेरे जितने भी  आकस्मिक अवकाश बनते थे वे केवल कावड़ यात्रा और निशान यात्रा में खर्च होते थे क्योंकि कावड़ यात्रा में 10 दिन, निशान यात्रा में चार दिन का अवकाश लेना पड़ता था। इस प्रकार को 14 अवकाश की जरूरत पड़ती थी। 20 अवकाश मुझे मिलते थे, ऐसे में छह अवकाश लगभग यूं ही पड़े रह जाते थे, कोई बहुत जरूरी कार्य होता तो अवकाश ले लेता था। ऐसे में मैं यही कहूंगा कि परमपिता के नाम को लेकर अगर सेहत अच्छी बनती है तो जरूर बना लेनी चाहिए। आज साइकिल चलाने में मेरा नाम है, पैदल यात्रा करने में भी नाम है, नाम नहीं भी है तो सेहत तो अच्छी बनती है, लोग क्या कहते हैं यह नहीं सोचना चाहिए। हां अगर बुरा कर्म है तो उससे कोसों दूर रहना चाहिए। परमपिता का नाम लेने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होना चाहिए।





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