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Monday, July 21, 2025


 

रसूलपुर में संपन्न हुआ यज्ञ
-एकादशी का यज्ञ था
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कनीना की आवाज।
आर्य समाज मंदिर रसूलपुर में एक वैदिक यज्ञ संपन्न हुआ। इस मौके पर  सतीश आर्य , धर्मपाल आर्य  एवं गांव की माताएं, बहनों के बीच श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की कामिका एकादशी को यह यज्ञ पूर्णरूप से संपन्न हुआ।  मधु, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से  पीएचडी कर रही है, जो लगातार दो महीने से योग अभ्यास कक्षा आर्य समाज मंदिर में चला रही है। सतीश आर्य एवं धर्मपाल आर्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की एवं यज्ञ करवाने के साथ साथ रामायण के क्षणों को याद किया, महिलाओं को योगाभ्यास करने के लिए उत्साहित किया। साथ ही प्रतिदिन योगाभ्यास करने का प्रण लिवाया। योग हमें शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रखता है। यज्ञ- सांसारिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि से लाभकारी सिद्ध हुआ है, इसलिए प्रत्येक घर में प्रतिदिन यज्ञ होना चाहिए, इससे आसपास का वातावरण साफ व सुंदर होता है। साथ ही वैदिक यज्ञ सकारात्मक ऊर्जा को फैलाता है। अंत में बहन मधु ने सभी का धन्यवाद किया और ओम की ध्वनि से यज्ञ संपन्न हुआ।
फोटो कैप्शन 05: रसूलपुर में यज्ञ करते हुए।




लेखक ने की अपनी कावड़ बाघेश्वर धाम पर की अर्पित
- 2010 से लगातार ला रहे हैं कांवड़
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह यादव लेखक ने अपनी कावड़ बाघेश्वर धाम पर सुबह सवेरे 2 बजे अर्पित कर दी। 12 जुलाई को हरिद्वार के लिए रवाना हुए थे तथा नीलकंठ, ऋषिकेश आदि पर पहुंचे तथा वहां भी अअपनी कांवड़ अर्पित की। वही हरिद्वार से 14 जुलाई शाम करीब 3:15 बजे कावड़ उठाई थी तथा लगातार चलते हुए 19 जुलाई को बाघेश्वर धाम के करीब पहुंच गए जहां 20 जुलाई को बहाला में आराम किया। जहां सत्यवान मिस्त्री/सत्य जो कनीना में बेहतरीन मिस्त्री हैं, ने बेहतर सेवा प्रदान की। उनकी सेवा ससे सभी गदगद हो गये। 20 जुलाई को रात्रि 11 बजे बहाला से बाघोत की ओर रवाना हुए और 2 बजे लंबी कतार और भीड़ में अपनी कावड़ अर्पित कर दी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में भारी लूट खसोट चलती है जहां सभी नकली पानी एवं पेय पदार्थ  मिलते हैं, वहीं फोन चार्ज करने के भी 30 रुपये लेते हैं। जहां खाने और ठहरने के तो अधिक चार्ज है वहीं भक्तों को जमकर लूटा जाता है। उत्तर प्रदेश में धीरे-धीरे सुधार होता जा रहा है। मुजफ्फरनगर तक कुछ दिक्कत है किंतु उसके बाद कैंप शुरू हो जाते हैं। यहां तक की योगी महाराज में अच्छे प्रबंधन करवाये हैं। हरियाणा सचमुच स्वर्ग के समान है जहां हर जगह शिविरों में भक्तों का आदर सम्मान किया जाता है। बिजरोल में सुमित्रा नामक महिला शिविर लंबे समय से चला रही है भगत करती है। जहां जगह-जगह शिविर लगे हुए हैं। भक्तों की सेवा विभिन्न खाद्य पदार्थ, दवाई औषधियां आदि से की जाती है। उल्लेखनीय है कि लेखक होशियार सिंह ने 2010 में कावड़ अर्पित करनी शुरू की थी और लगातार कावड़ अर्पित कर रहे हैं। जहां कोरोना काल में नीलकंठ पर कावड़ अर्पित की थी वहीं 2010 से ही लगातार खाटू श्याम के लिए निशान यात्रा की जा रही हैं और वहां जाकर निशान अर्पित करते हैं।वही 5 वर्षों से कनीना से 30 किलोमीटर दूर
हुडिय़ा जैतपुर में भी निशान अर्पित कर चुके हैं। वहीं हर वर्ष अनेकों बार यात्रा करते हैं। इस बार कावड़ अर्पित करने का उद्देश्य गहन था जो शिव भोले के चरणों में जाकर मन्नत मांगी है। वह पूर्ण होगी ऐसा दृढ विश्वास है।




जानकारी
झोपड़पट्टी से आलीशान कोठियों का सफर
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कनीना की आवाज।
 यूं तो हर चीज वक्त के अनुसार बदलती रहती है किंतु यदि इंसान के जीवन में आज से कोई 50 साल पहले की जिंदगी को देखे तो सचमुच स्वर्णिम जीवन होता था और उस वक्त मोबाइल,टीवी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं होते थे। इंसान बैठकर आपस में सुख दुख की बातें करते थे। झोपड़पट्टी का जमाना था। झुंडे की छांद होती थी। उसे वक्त झुंडे को काटकर पुला बनाया जाता था और पुलों से बेहतर दर्जे की छाांद/झोपड़पट्टी बनाई जाती थी। झोपड़पट्टी बनाने वाले एक्सपर्ट होते थे जो किसी जगह झोपड़पट्टी बनाते वहीं पर ठहरते, खाना खाते और बेहतरीन खाने की मांग करते थे। घी शक्कर जरूर होता था, चाहे घर में किसी के घी शक्कर हो या ना हो किंतु उनको घी- शक्कर सहित खाना दिया जाता था। उसे समय इंसान के साथ पक्षी वर्ग था। विभिन्न प्रकार की चिडिय़ा,मोडी झोपड़पट्टियों में रहती थी और जब बारिश का मौसम होता तो बहुत मजा आता था। ऐसा एसी बनता जो शायद उसके सामने आजकल के एसी भी नहीं होते। चारों तरफ से ठंडी-ठंडी हवा बहती जो मन को उद्वेलित कर देती। लोग खुशी-खुशी बारिश का आनंद लेते थे। ये झोपड़पट्टी आज किसी बड़े होटल में जरूर देखने को मिल सकती है, वरना गरीब से गरीब व्यक्ति के घर में भी झोपड़पट्टी नहीं मिलेगी। तत्पश्चात ऐसा वक्त आया की कच्ची ईंटों के घर बनाए जाने लगे और कच्ची ईंटों के घर झोपड़पट्टी से कुछ अधिक विकसित होते थे। यहां तक कि कच्ची ईंटों की भी अटारी बनाई जाती थी जहां नई नवेली दुल्हनिया आराम करती थी।
जीवन बहुत सुखमय होता था। परंतु बरसात के मौसम में ऐसे घरों के गिरने की संभावना होती थी और अनेकों कष्ट सहने पड़ते थे। सुख की नींद बारिश में नहीं ले पाते थे। झोपड़पट्टी की बजाय ये अधिक विकसित थे किंतु बरसात के लिहाज से ये कमजोर होते थे। कच्ची दीवार बारिश में गिर जाती थी। इसके बाद आया पक्की ईंटों के बने घरों का। जो कच्ची ईंटों की बजाए अधिक विकसित होते थे। पक्की ईंटें अपने खेत में बनाई जाती थी। ईंटें बनाकर भट्टी लगाई जाती थी और इस भट्टी में ईंट को पकाया जाता था। गुड़ का प्रसाद आदि बताकर ये ईंटें पकाई जाती थी और कुछ दिनों के बाद इन ईंटों को निकाल कर घर बनाए जाने लगे किंतु अमीर तबके के लोग ही इन घरों का प्रयोग करते थे। प्रत्येक गांव में कुछ अमीर लोग होते थे। वैसे घर बनाने में सीमेंट का बोलबाला नहीं होता था और गारा से ईंटों को जोड़ा जाता था। इसके बाद तो दिनों दिन सुधार होता चला गया। चूना पीसकर दीवार बनाई जाने लगी। कोड़ी आदि से पुताई की जाती थी। घरड़ द्वारा चूने की पिसाई करके दीवारों में प्रयोग किया जाता था। उसके बाद सीमेंट का युग आ गया और आजकल सीमेंट से बेहतर पदार्थों से घर बनने लगे हैं। जहां पहले दिन के समय भी जाने में लोग कतराते थे कि कहीं भूत न हो। वहां पर आज आलीशान कोठियां बनी हुई हैं। अब तो वक्त आ गया है कि हर घर  लगभग पक्का हो गया है। वर्तमान आलीशान कोठियां पहले की कोठियों से ज्यादा विकसित होती हैं। धीरे-धीरे और भी अनेकों प्रकार के सुधार हुये हैं। अनेकों प्रकार की ईट मसाले तथा दीवारों पर चिपकाई जाने वाली टाइल, न जाने कितने सुधार होते चले गए। टीवी, मोबाइल आदि बढ़ते चले गए, आधुनिक सुविधाएं बढ़ गई किंतु वह चैन आराम नहीं है जो झोपड़पट्टियों में मिलता था। आज भी बुजुर्ग उन दोनों को याद कर रोनी सूरत बना लेते हैं। काश वो दिन फिर लौट आए किंतु गुजरा हुआ जमाना फिर से लौटकर नहीं आता। अब तो लोग यही कहेंगे की जीवन नया मिलेगा अंतिम चिता में जलकर।


चोर साहब के कारनामे-20
पाप का घड़ा जल्द ही भरता है- संत
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक होशियार सिंह के प्लाट से चोर साहब ने समय पर कृषि उपकरण, ईंट, गमले तथा सामान चोरी कर लिया है। एक बार तो उसे रंगे हाथ पकड़ भी लिया।
किंतु चोर साहब बाज नहीं आए। इस संबंध में एक संत बहुत अच्छी बात बता रहे थे। संत लालदास ने बताया कि पाप का घड़ा बहुत जल्द बरता है। किसी के यहां चोरी-जारी करने वाला अधिक दिनों का मेहमान नहीं होता है। चोरी करने से बेहतर होता है डूब कर मर जाना। वास्तव में संत का कहना है कि चाहे हमें खाना मिले या नहीं मिले किसी भी हालत में जीना पड़े किंतु चोरी करना एक कलंक कहलाता है। इसे किसी भी सूरत में नहीं करना चाहिए। लालदास बता रहे थे कि चोर चाहे लोगों की नजरों से बच जाए किंतु प्रभु की नजरों से नहीं बच पाएगा। ऐसे व्यक्ति दूसरों को कष्ट देते हैं, दूसरे का सामान चोरी करते हैं, ऐसे व्यक्ति अधिक दिनों की मेहमान नहीं होते। उन्हें समाज में कलंक कहा जाता है और जब संसार से जाते हैं तो लोग खुशी मनाते हैं क्योंकि राक्षस प्रवृत्ति के लोग जब जग से जाते हैं तो खुशियां मनाना स्वाभाविक है। संत का कहना है कि हालत में बड़े से बड़े कष्ट आए तो भी चोरी नहीं करनी चाहिए।
संत का कहना है कि इंसान चाहे परिस्थितियों से घिर जाए, खाने को बहुत दिन नहीं मिले तो भी चोरी नहीं करनी चाहिए। चोरी एक ऐसे संस्कार है जो पूर्वजों से मिलता है और अगर किसी के पूर्वज चोर होते हैं तो उनके बच्चों में भी यह संस्कार जरूर पहुंचते हैं।



सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में रही भीड़
-बाघोत में चढ़ी सैकड़ों कांवड़
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कनीना की आवाज।
सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही।  सावन माह 9 अगस्त रक्षा बंधन पर संपन्न हो जाएगा। बाघेश्वर धाम पर छोटा मेला लगा। भारी भीड़ जुटी। महिलाओं ने व्रत रखा तथा दिनभर शिवलिंग अभिषेक कार्यक्रम चलता रहा। 23 जुलाई को लगेगा सबसे बड़ा मेला। उधर स्वयंभू/प्राकृतिक शिवलिंग का अभिषेक करने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। विगत करीब दस दिनों से बाघोत धाम पर लगातार भारी भीड़ जुटती आ रही है। शिवरात्रि के दिन तो लाखों भक्तों ने शिवलिंग का अभिषेक करेंगे वहीं अपार भीड़ मेले में देखने को मिली। हजारों कांवड़ अर्पित की गई।
बाघेश्वरधाम पर तो विगत सोमवार से छोटे मेले लगते आ रहे हैं वहीं शिवरात्रि को सावन मेला आयोजित होगा।
सावन माह के इस सोमवार को कनीना के विभिन्न शिवालयों में शिव को याद किया। व्रत धारण करके स्त्री एवं पुरुषों ने पूजा अर्चना की और ओम नम: शिवाय के जयकारे लगा।
  कनीना में सावन माह के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय में सुबह से ही भक्तजन शिवलिंग का अभिषेक करते देखे गए। भक्त भरपूर सिंह, रोहित कुमार, शकुंत देवी ने बताया कि दिनभर भक्तों का यहां तांता लगा रहा।
  कनीना उपमंडल के बाघोत स्थित शिवालय पर आर भीड़ रही। सुबह से ही भक्तजन व्रत करके जल अर्पित करते देखे गए। संपूर्ण शिवालय शिवमय बना हुआ था। पहले सोमवार के बाद दूसरे सोमवार के दिन भारी भीड़ देखने को मिली। कनीना के ज्योतिषाचार्य राकेश जोशी के अनुसार व्रत धारण करने वालों के लिए सावन के सोमवार सबसे बेहतर होता है। सावन माह में शिव की गूंज हर जगह सुनाई पड़ती है। शिवालयों में तो शिव के नारे व जाप गूंजते रहे।
 कनीना स्थित 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित करते देखे गए। बाघेश्वरी धाम पर छोटा मेला आयोजित हुआ। विभिन्न नेताओं एवं मंत्रियों ने दूसरे सोमवार को बाघोत में शिवलिंग का अभिषेक किया।
 फोटो कैप्शन 04: शिवलिंग पर जल अर्पित करते भक्तजन।


नवोदय में छठी कक्षा के लिए प्रवेश प्रक्रिया के आनलाइन आवेदन जारी
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कनीना की आवाज।।
पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा जिला महेन्द्रगढ़ में कक्षा 06 में प्रवेश हेतु होने वाली चयन परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन
       जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में सत्र 2026-27 में कक्षा छठीं के लिए प्रवेश हेतु चयन परीक्षा के लिए आनलाइन आवेदन पत्र की प्रक्रिया जारी है । जिसकी  अंतिम तिथि 29 जुलाई 2025  है । जो विद्यार्थी दाखिला लेना चाहते हैं वो एनवीएस की आधिकारिक वेबसाइट पर लिंक पर जाकर आनलाईन आवेदन कर सकते हैं । इस संबंध में जानकारी देते हुये श्री धर्मेन्द्र आर्य प्राचार्य प्रभारी पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा ने बताया कि अभ्यर्थी जिला महेन्द्रगढ़ के किसी भी सरकारी/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा पांचवीं में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अध्ययनरत होना चाहिए एवं महेंद्रगढ़ जिले का स्थायी निवासी होना चाहिए। अभ्यर्थी ने किसी भी सरकारी/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा तीसरी एवं चौथी में पूर्ण शैक्षणिक सत्र में अध्ययन किया हो तथा उत्तीर्ण होना चाहिए । अभ्यर्थी का जन्म 01 मई 2014 से 31 जुलाई 2016 (दोनों तिथियां सम्मिलित) के बीच होना चाहिए ।
आनलाइन आवेदन के लिए अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, अभ्यर्थी के माता या पिता के हस्ताक्षर ,अभ्यर्थी का फोटो , अभ्यर्थी का आधार कार्ड एवं जाति प्रमाण-पत्र (अगर लागू है तो ) की आवश्यकता होती है।
किसी भी परिस्थिति में कोई भी अभ्यर्थी दूसरी बार इस परीक्षा में सम्मिलित होने के योग्य नहीं होगा । परीक्षा की तिथि 13 दिसंबर 2025 (शनिवार) है ।





गंगा जल अर्पित करने से होती है मनोकामना पूर्ण-राव नरेंद्र
-सुमेर सिंह नेे अर्पित की 44वीं कांवड़
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कनीना की आवाज।
कंधे पर कांवड़ लाने वालों के हौसले बुलंद होने के कारण सड़कों पर दिनरात अब तो बम-बम भोले की गूंज सुनाई पड़ती है और युवा से लेकर वृद्ध तक 350 किमी से भी अधिक दूरी तय करने के बाद भी उसी रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं जिस रफ्तार से चलना शुरू करते हैं। दिल में अपार श्रद्धा एवं भक्ति या फिर दिलों में किसी मनोकामना को लेकर सावन माह में शिवभक्त कांवड़ ला रहे हैं। कुछ भक्तजन तो कई-कई वर्षों से ही कांवड़ ला रहे हैं और उनके हौसले बुलंद हैं। वे कहते हैं कि जब तक शिवभोले की उन पर कृपा रहेगी वे कांवड़ यूं ही लाते रहेंगे।
    70 वर्षीय प्रसिद्ध शिवभक्त सुमेर सिंह ने बताया कि यह उनकी 46वीं कांवड़ है। बचपन से ही शिवभक्त होने के कारण वे कांवड़ लाकर शिवालय पर चढ़ा रहे हैं और जब तक उनके कदमों में दम है तब तक वे कांवड़ यूं ही चढ़ाते रहेंगे। वे दिल में किसी प्रकार की शिवभोले से मनोकामना नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि शिव कृपा से उनके कदम अभी तक नहीं रुके हैं। आगे भी कांवड़ लाते रहने का प्रण है।
   पांच दिनों में हरिद्वार से कावड़ लाकर बाघेवर धाम पर सुमेर सिंह ने अर्पित की। उनके साथ पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह थे। उन्होंने कहा कि गंगा का पवित्र जल शिवालय में अर्पित करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
  फोटो कैप्शन 03: गंगाजल अर्पित करते हुए राव नरेंद्र सिंह व सुमेर सिंह


स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बाघोत के ऐतिहासिक शिव मंदिर में किया जल अर्पण
-बाघोत, स्याणा व सेहलंग में विकास कार्यों के लिए 10-10 लाख की घोषणा
-152-डी पर जल्द लगेगा कट, फाइल केंद्र को भेजी -आरती सिंह राव
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कनीना की आवाज।
हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि ग्रीन कारिडोर 152-डी पर बाघोत कट हर हाल में बनेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार ने कट खोलने के लिए फाइल केंद्र को भेजी है। इस कार्य को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री आज अटेली विधानसभा क्षेत्र के गांव बाघोत, स्याणा और सेहलंग जनसभाओं को संबोधित कर रही थी। इस दौरान उन्होंने तीनों गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए 10-10 लाख रुपए की घोषणा की।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यहां के लोगों की मांग पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इस मार्ग को स्टेट हाइवे का दर्जा दिलवाया। यह क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पहले यह एमडीआर यानी जिला की मुख्य सड़क थी। यहां पर कट लगाने के लिए स्टेट हाइवे होना जरूरी था। अब इस मार्ग को स्टेट हाइवे का दर्जा मिल चुका है। अब आगे की कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार चहुंमुखी विकास को प्रतिबद्ध है। हमने जो कहा है वह करके दिखाया है।
स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रमों की शुरुआत बाघोत गांव से हुई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध शिवधाम मंदिर में जल अर्पण कर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर नागरिकों ने उनका भव्य स्वागत किया और लड्डुओं से तोल कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर गांव के सरपंच ने मांग पत्र सौंपा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बाघोत में पंचायत समिति की ओर से 45 लाख रुपये के विकास कार्य करवाए गए हैं।
स्याणा गांव में भी स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव का पुष्प मालाओं से जोरदार स्वागत किया। यहां पर ग्रामीणों ने फलों से तोल कर उनका अभिनंदन किया। सरपंच द्वारा मांग पत्र प्रस्तुत किया गया। मंत्री ने गांव की स्वच्छता व्यवस्था को सशक्त करने के उद्देश्य से पंचायत समिति द्वारा प्रदान की गई ई-रिक्शा का रिबन काटकर उद्घाटन किया।
इसके बाद उन्होंने सेहलंग गांव का दौरा किया। नागरिकों ने भव्य पुष्प वर्षा से उनका अभिनंदन किया।
इस कार्यक्रम में कनीना के एसडीएम डा. जितेंद्र सिंह, सीएमओ डा. अशोक कुमार, पूर्व विधायक सीताराम यादव, कनीना पंचायत समिति चेयरमैन जयप्रकाश, कनीना मंडल अध्यक्ष बीरेंद्र, अटेली मंडल अध्यक्ष मुकेश कुमार, पूर्व मंडल कृष्ण कुमार, विजय पूर्व चेयरमैन नौताना, बाघोत के सरपंच राजेंद्र, स्याणा के सरपंच वीरपाल, सेहलंग के सरपंच विनीत कुमार, आकाश, अंकित सहित कई गणमान्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
फोटो 01:बाघोत के ऐतिहासिक शिव मंदिर में जल अर्पण करती स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव।
फोटो 02:जनसभा को संबोधित करती स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव।







राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 सितंबर को
-हेल्पलाइन नंबर 01282-250322 पर फोन कर ले सकते हैं कानूनी जानकारी- सीजेएम नीलम कुमारी
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कनीना की आवाज।
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेंद्र सूरा के मार्गदर्शन में 13 सितंबर को न्यायिक परिसर नारनौल, महेंद्रगढ़ व कनीना में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस लोक अदालत में आम नागरिक आपसी सौहार्दपूर्ण माध्यम से मामले का निपटारा करवा सकते हैं। यह जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नीलम कुमारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन, मोटर व्हीकल एक्सीडेंट, एनडीपीएस एक्ट, फौजदारी, दीवानी, वैवाहिक एवं पारिवारिक विवाद का निपटारा किया जाएगा। सीजेएम ने बताया कि न्यायालय में लंबित मामलों को परस्पर सहयोग व सौहार्दपूर्ण माध्यम से निपटाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति का कोई मामला न्यायालय में लंबित है तो वह राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करवा सकता है।
उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 01282-250322 पर भी फोन कर आमजन लोक अदालत व अन्य कानूनी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा नालसा के हेल्पलाइन नंबर 15100 पर भी कॉल कर कानूनी जानकारी ले सकते हैं।

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