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Wednesday, July 23, 2025


 



कावड़ के नाम पर खूब हुआ है देव का अपमान
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कनीना की आवाज।
 यूं तो शिवभोले के नाम पर गोमुख , हरिद्वार और नीलकंठ आदि से कांवड़ लाई गई हैं लेकिन कावड़ के नाम पर घटिया गाने, नशीले पदार्थों का सेवन तथा देव का अपमान आम बात बन गई है। यह सत्य है की कावड़ लाने वालों के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गये जिनमें कावडिय़ों की अच्छी सेवा की जाती है। जब कुछ भक्त कैंप में बैठते हैं तो वह अपने आप को राष्ट्रपति से कम नहीं समझते और बैठकर विभिन्न खाने पीने की वस्तुएं मंगवाने में हिचकिचाते नहीं। ऐसे आवाज लगाते देखे गये जैसे होटल में वेटर को बुलाया जाता है। यहां गौरतलब है कि ये कावडिय़े अपने स्वार्थ के लिए कावड़ लाते हैं और ये कैंप उनकी सेवा के लिए होते हैं परंतु सेवा का मतलब यह नहीं कि अपनी मनमर्जी करें। अनेक प्रकार की कांवड़ लाई जाती है लेकिन डाक कावड़ का स्वरूप ही बदल गया है। जिस प्रकार भागदौड़ शो शराबा, रोड़ पर दिखावा किया जाता है वह बहुत घटिया होता है तथा जो कावडिय़े पैदल चलकर आते हैं और गंगाजल लेकर आते हैं उनको तो कावडिय़ा ही नहीं समझा जाता। जबकि हकीकत में देखा जाए तो तो 50-60 युवक हुड़दंग करते हुए डाक कावड़ लाते हैं वह कावड़ का अच्छा रूप नहीं है। उधर कावड़ लाने वाले 90 प्रतिशत से अधिक नशीले पदार्थों का सेवन करते हुए आते हैं। कुछ कावडिय़े तो जमकर शराब पीते हैं । यहां तक की इस लेखक ने जब बाघोत में कावड़ अर्पित की तो उस समय लाइन में शराब की बदबू ने बहुत ही परेशान कर दिया। इसका मतलब कावड़ चढऩे वाले या उनके सहयोगी शराब पीकर आते हैं। रास्ते में भांग पीने वालों की कमी नहीं है। कम से कम 40 प्रतिशत कावडिय़े सिगरेट और बीड़ी का तथा भांग का उपयोग करते हैं, 30 प्रतिशत लोग तो अन्य चीज चबाते और रास्तों को गंदा करते हुए आते हैं। कुछ ही प्रतिशत लोग भक्ति भाव से कावड़ को लाते हैं वरना रास्ते में गाली गलौज करते हुए आते हैं। शिव भोले को तो याद नहीं करते। सबसे बड़ा दुर्भाग्य मिला कि शिवभोले को चिलम पीते हुए दिखाया गया है और ऐसे पोस्टर बैनर लगाकर कावड़ लाते मिले। कावड़ पर भद्दे  गानों और भजनों की तो क्या कहिए? शायद ही कोई भजन ऐसा हो जिसमें यह नहीं कहा गया हो कि शिव भांग पीते थे, भोले ने पी ली एक बाल्टी भांग,पार्वती से भांग घुटवाने की बात जैसे कितने ही अपमानजनक शब्द शिव भोले के लिए प्रयोग किए जाते हैं। वास्तव में दर्द होता है कि कुछ कावडिय़ा तो शिव भोले की फोटो तक नहीं लगाते अपितु घटिया फोटो लगाकर ही कावड़ ले जाते हैं। किसी कैंप में जाकर बैठना भी दुष्कर होता है क्योंकि बीड़ी सिगरेट का धुआं इस कदर छोड़ते हैं कि दूर दरार तक प्रदूषण हो जाता है। नीलकंठ पर जहां शुद्ध हवा मिलनी चाहिए परंतु वहां देखने को मिला कि सबसे प्रदूषित हवा बन गई है। नीलकंठ पर इस कदर बीड़ी सिगरेट का धुआं छोड़ते हैं कि चलना भी कठिन हो जाता है। रही बात गंगाजल की, गंगा में न जाने कितना कूड़ा कचरा, गंदगी डाल रहे हैं और उसी को लाकर शिव भोले पर अर्पित किया जा रहा है। साथ में उस गंगाजल को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में प्रयोग किया जाता है। इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या हो सकती है। ऐसा लगता है की कावड़ के नाम पर लोग देव का अपमान भी करते हैं और व्यसनों मेें सम्मिलित भी पाए जाते हैं। एक शुद्ध आत्मा से कावड़ लाने वाले के लिए कावड़ लाना बहुत कठिन हो गया है। पहले ही कावड़ लाने वाले न तो साबुन का प्रयोग करते और तेल का प्रयोग करते। मलमूत्र त्यागने के बाद पानी से हाथ साफ करते हैं जो कि पूर्ण रूप से शुद्ध हाथ नहीं होते। ऐसे में कावड़ को इन्हीं हाथों से ले जाते हैं। ऐसे मेें कहा जा सकता है कि कार्ड शुद्ध मन से बहुत कम लोग लाते हैं जो शिव भोले को याद करते हुए आते हो।



चोर साहब के कारनामे- 23
-राम नाम जपना पराया माल अपना
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी लेखन होशियार सिंह के प्लाट से चोर साहब गमले, ईंट, पत्थर, कृषि का सामान, बिजली का समान आदि समय-समय पर चोरी कर ले गया। बड़ी बात यह है कि चोर साहब तीन ट्राली पत्थर भी उठा ले गया और किसी के कानों कान तक भी महसूस नहीं हुआ। आस पड़ोस के ईट आदि की चोरी कर ले गया। जिनकी आदत बन गई है उसे कोई नहीं मिटा सकता। चोर साहब पर 1960 में आई  मूवी पतंग के बहुत सुंदर गीत शत प्रतिशत लागू होता है जो राजेंद्र कृष्ण ने लिखा हुआ है। जिसने कहा गया है -यह दुनिया बड़ी लुटेरी ना तेरी है ना मेरी
 अरे मुंह में इसके राम राम और दिल में हेरा फेरी, ये दुनिया बड़ी लुटेेरी। वही दो दिल 1965 की मूवी का एक गीत जो महमूद पर फिल्माया गया है जिसमें साफ कहा गया है- राम नाम जपना पराया माल अपना।
चोर साहब पर दोनों ही गीत लागू होते हैं जो जो चोर साहब की हकीकत बया करते हैं। जब यह बातें सुनते हैं कि चोर साहब ने क्या-क्या उठा लिए तो सभी आश्चर्यचकित हो जाते परंतु साठ के दशक में इस प्रकार के भजन बनाए गए, गीत बनाए गए तो उनको पहले से ही आभास था कि भविष्य में क्या कुछ हो सकता है। चोर साहब पर ये गाने बहुत बखूबी लागू होते हैं। पर ऐसे गानों से एक शिक्षा मिलती है परंतु चोर साहब ने तो इन भजनों से भी कोई शिक्षा नहीं मिली। आश्चर्य होता है कि चोर सब के दोस्त, चोर साहब का परिवार उसको इतना भी नहीं समझा पाया परंतु अब लेखक ने अपने प्लाट पर उच्च दर्जे के कैमरे लगाने शुरू कर दिये हैं और आने वाले 15 दिनों में उच्च दर्जे के कैमरे लगा दिए जाएंगे जिससे किसी प्रकार की चोरी आदि पर अंकुश लगने की संभावना है।



शिक्षक चरित्रवान नहीं होंगे तो देश का भविष्य होगा कैसा होगा?
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कनीना की आवाज।
 कनीना उपमंडल का एक शिक्षक छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में जेल चला गया है। पहले भी समय-समय पर ऐसे कारनामे सामने आते रहे हैं जिनमें शिक्षक जेल गये हैं। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि जब शिक्षक ही ऐसे होंगे तो भविष्य कैसा होगा? सबसे बड़ी बात कि शिक्षक को चरित्रवान होना चाहिए ताकि समाज के लिए आइना बन सके परंतु वे गिरावट पर जा रहे हैं जिससे कलियुग नजर आने लगा है। एक 50 साल से अधिक उम्र के शिक्षक द्वारा आठवीं की 12-13 साल की छात्राओं से छेड़छाड़ करना कहां तक संभव है? अगर यह संभव है तो गहन छानबीन करनी चाहिए और ऐसे शिक्षक को समाज से निष्कासित कर देना चाहिए परंतु आज के समाज में एक नई बुराई शामिल होने लगी है कि शिक्षक के साथ किसी की नहीं बनती तो राजनीति का शिकार बन जाता है। इस प्रकार के आरोप लगा दिए जाते हैं। अगर ऐसा है तो समाज को सुधारना चाहिए और इस प्रकार के आरोपों से बचना चाहिए। इंसान चाहे कितनी भी दुश्मनी किसी से रखता हो लेकिन किसी पर इतने गंभीर आरोप नहीं लगाने चाहिए। वैसे तो समाज में ऐसे कितने ही उदाहरण है जिसमें शिक्षक वास्तव में राक्षस बन जाता है और ऐसे राक्षस आदमी नाम कमा रहे हंै। एक ऐसा ही राक्षस लेखक ने देखा है। उसके और बहुत से कारनामे सामने आए हैं। जिसमें वह अपने दोस्त की पुत्री को भी नहीं बख्शता यहां तक कि दोस्त की पत्नी को भी नहीं बख्शता। घर में किराएदार को भी नहीं बख्शा और कितने ही चरित्र पर लगे दाग सामने आये। परंतु वह शिक्षक जिस जगह बैठा उसने घर को गर्त में मिलाने में कोई  कसर नहीं छोड़ी। लेखक के पास एक ऐसा ही कु-चरित्र शिक्षक 5 साल बैठता रहा और जिसने बाद में  इस लेखक के विरुद्ध वह षड्यंत्र रचा कि लाखों रुपये के नुकसान में पहुंचा दिया। और भविष्य भी अंधकारमय कर दिया। इस राक्षस ने तो कितने ही लोगों की जिंदगी बर्बाद करके रख दी। ऐसे राक्षस कभी पुलिस की चपेट में नहीं आए। ऐसे राक्षसों को तो फांसी दी जानी चाहिए। और भी कई उदाहरण देखने को मिले जिसमें गुरु शिष्य की परंपरा जो उच्च मानी जाती है, संबंध पवित्र माना जाता है उसे तार तार कर दिया। महाभारत में भी प्रसंग आता है कि जब पांडव अज्ञातवास में थे तो अर्जुन अपनी शिष्या को संगीत की शिक्षा देता था। एक दिन शिष्या के परिवार ने शिष्या का विवाह अर्जुन से कराने की बात कही। कंतु अर्जुन का एक ही कथन था कि गुरु शिष्य परंपरा को वह लांछित नहीं करना चाहता। ऐसे में उसका विवाह अर्जुन के पुत्र से करवाया गया। जब द्वापर युग में भी ऐसी परंपरा को श्रेष्ठ माना जाता था तो आज के दिन इस परंपरा को इतना नीचे क्यों गिरा दिया परंतु इस प्रकार के केसों की सघन जांच की जानी चाहिए ताकि दोषी को सजा मिले और निर्दोष को बचाया जा सके।



विभिन्न शिवालयों में मनाया गया शिवरात्रि का पर्व, दिनभर रही भीड़
 -हजारों कांवड़ बाघेश्वर धाम पर अर्पित की गई
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कनीना की आवाज।
शिवरात्रि का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर व्रत रखा गया और गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। देशभर में विख्यात बाघेश्वरी धाम पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। कांवड़ चढ़ाई गई और शिवलिंग का अभिषेक करके मन्नत मांगी गई। इस बार भारी संख्या में कांवड़ अर्पित की गई। इस वर्ष जोश अधिक देखने को मिला। विशेषकर टोकना कावड़, डाक कावड़ का जोर रहा।
  सुबह से ही चारों ओर बम-बम के जयकारे सुनाई पड़ रहे थे। विभिन्न शिवालयों में सुबह से शाम तक भीड़ रही। कनीना के 21 फुट प्रतिमा वाले शिवालय पर भारी भीड़ रही। धनौंदा के ब्रह्मचारी कृष्णानन्द आश्रम में शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। विभिन्न गांवों में भी जल चढ़ाकर मन्नत मांगने का सिलसिला जारी रहा।
 देशभर में कांवड़ के लिए विख्यात बाघेश्वर धाम पर कांवड़ चढ़ाने वालों की भीड़ रही वहीं शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए भी मारामारी चली। स्वयंभू शिवलिंग पर हजारों वर्षों से गंगाजल अर्पित करने व कांवड़ लकार अर्पित करने का सिलसिला चला आ रहा है। लाखों भक्तों ने शिवालय जाकर शिव भोले को जल अर्पित किया। महिलाओं की संख्या अधिक रही।
  बाघेश्वरी धाम पर न केवल भक्तों ने अपितु  संत, महात्मा, नेताओं आदि ने गंगाजल अर्पित किया। यूं तो प्रत्येक सोमवार को यहां पर भारी भीड़ देखने को मिलती है। मेले का आयोजन चार दिनों से चला आ रहा था जो आज संपन्न हो गया है।
ट्रैक्टरों मेें जा रहे थे भक्त-
बाघेश्वरी धाम पर कांवड़ अर्पित करने के लिए भक्तजन टै्रक्टरों, पिकअप आदि में सवार होकर जाते देखे गए। दिन एवं रात को वाहनों एवं भक्तों का तांता बाघोत की ओर जाते देखा गया। उनको अलग रास्ते से शिवालय में जाने की व्यवस्था की हुई थी। एक ओर 350 किमी से व्यक्तिगत कांवड़ लेकर आने वाले भक्तों को सामान्य लाइन में खड़ा होना पड़ा वहीं डाक कांवड़ लाने वालों को विशेष लाइन में दर्शनों का मौका दिया गया।
गीत भजन एवं डांस के साथ कांवड़ की गई अर्पित-
शिवरात्रि के दिन बाघेश्वरी धाम पर कांवड़ चढ़ाने का सिलसिला अनवरत चलता रहा। इस दौरान कांवड़ लाने वाले भक्त अपनी कांवर को विधि विधान से पूजा करवाकर उन्हें बैंड बाजों पर थिरकते हुए शिवालय तक पहुंचे। और तो और महिलाएं भी नृत्य करते हुए आगे बढ़ती देखी गई। जिस प्रकार शादी दौरान नृत्य किया जाता है ठीक उसी प्रकार कांवड़ अर्पित करने का सिलसिला देखने को मिला। भारी संख्या में कांवर अर्पित की गई। कांवड़ अर्पित करने का सिलसिला विगत चार दिनों से चला आ रहा था। एक अनुमान के अनुसार बीस हजार कांवड़ अर्पित की गई हैं। विभिन्न गांवों के शिवालयों में भी कांवड़ अर्पित की गई।
विभिन्न दलों ने सेवा की-
कांवर लाकर अर्पित करने वाले तथा शिवालय के दर्शन करने वाले भक्तों की सेवा के लिए विभिन्न दल सेवा कर रहे थे। शिवरात्रि के दिन भारी भीड़ देखने को मिली। तीन तीन घंटों में नंबर पड़ रहा था। पानी पिलाना तथा मंदिर में व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी सेवादल अहं भूमिका निभा रहे हैं। पुलिस बल दौरा करते हुए देखे गए। झूला, बैकुंठी, खड़ी कांवड़ भी अर्पित की गई।
फोटो कैप्शन 05: कांवड़ के संग ढोल पर नृत्य करते कावडिय़े
            06: बाघोत शिवालय में भीड़


कावडिय़ों के लिए लगाए गये शिविरों का हुआ समापन
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कनीना की आवाज।
कांवडिय़ों के लिए विगत एक सप्ताह से लगाये गये सेवा शिविर संपन्न हो गये हैं। कनीना के बस स्टंैड के पास ही रेवाड़ी मार्ग, कोसली मार्ग, महेंद्रगढ़ एवं अटेली मार्ग, गाहड़ा मार्ग पर शिविर लगाए हुए थे। ये शिविर एक सप्ताह तक चले आ रहे थे। इस शिविरों में कनीना व आस-पास के लोग आकर शिवभक्तों की सेवा करते रहे।
  जहां कुछ लोग इन शिवभक्तों की सेवा करके खुश रहे तो कुछ दान पुण्य करके ही प्रसन्न रहे। इस शिविरों में कांवडिय़ों के लिए जहां चाय, पानी, नाश्ता एवं भोजन की संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराई गई वहीं उनकी सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। देर रात तक ये सेवक भक्तों की सेवा के लिए तैयार देखे गए।
जहां शिवभक्तों में शिव के प्रति आस्था के अनेकों तरीके हैं वहीं शिवभक्तों की सेवा करने वाले भी कई प्रकार से उन भक्तों की सेवा कर रहे थे। जहां कुछ भक्त कांवड़ लाकर ही अपना मन शुद्ध करने का प्रयास कर रहे थे वहीं कुछ लोग उनकी सेवा करके ही अपने को धन्य समझते थे।  
  कनीना व आस-पास गांवों में कांवडिय़ों के लिए जहां दूध, फल, सब्जी, नाश्ता, खाना, दवाएं एवं हर प्रकार की सुविधा प्रदान की जा रही थी वहीं उनके पैरों में मेहंदी का लेप लगाया जा रहा था। इन शिविरों में ठहरने वाले भक्तों के पैर के 350 किमी लंबी दूरी पैदल तय करने के कारण कट जाते हैं वहीं दर्द होने के कारण परेशानी का कारण बन जाते हैं। उनके पैरों के तलवों पर दिनरात कुछ भक्त मेहंदी का लेप कर रहे थे। बताया जाता है कि मेहंदी के लेप के कारण ही उन्हें आराम मिलता था और आगे बढऩे का हौसला भी मिलता था।
  एक भक्त अशोक कुमार, संदीप कुमार, सुनील कुमार ने बताया कि वो उनके शिविर में मेहंदी लगाकर भक्तों की सेवा करके ही अपने को धन्य समझता है। उनका कहना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा होती है। हरिद्वार से कांवड़ नहीं लाए तो क्या हुआ वे कांवड़ लाने वालों की सेवा तो कर ही सकते थे।


जिला में दूर-दराज से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए ठहरने की निशुल्क व्यवस्था
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कनीना की आवाज।
प्रदेश में 26 व 27 जुलाई को होने वाली कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी-2025) परीक्षा के मध्य नजर जिला प्रशासन की ओर से जिला में दूर-दराज से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की गई है।
उपायुक्त नारनौल डा. विवेक भारती ने बताया कि परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए नारनौल में धर्मशाला, कम्युनिटी सेंटर व रेन बसेरा में लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
इनका ओवरआल इंचार्ज नगर परिषद के ईओ दीपक गोयल होंगे।
उन्होंने बताया कि दुलीचंद धर्मशाला पार्क गली, अग्रवाल धर्मशाला नागरिक अस्पताल, सैनी सभा रेवाड़ी रोड नारनौल, यादव धर्मशाला बस स्टैंड के पीछे, नामदेव की धर्मशाला पुल बाजार, हुडडा कम्युनिटी सेंटर हुडडा सेक्टर नियर सीएल पब्लिक स्कूल, रेन बसेरा नजदीक बस स्टैंड व नजदीक सिविल हॉस्पिटल रेन बसेरा में ठहरने की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि दुलीचंद धर्मशाला में ठहरने के लिए धर्मशाला मेंबर सतीश गर्ग के मोबाइल नंबर 9416416725 पर फोन कर सकते हैं। इसी प्रकार अग्रवाल धर्मशाला में ठहरने के लिए तरुण कौशिक के मोबाइल नंबर 7988849861 पर, सैनी सभा में ठहरने के लिए विकास कुमार सैनी के मोबाइल नंबर 9017733463 पर, यादव धर्मशाला में ठहरने के लिए कंवर सिंह के मोबाइल नंबर 9466924414 पर व वह नामदेव की धर्मशाला में ठहरने के लिए प्रदीप के मोबाइल नंबर 6376583760 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा किसी भी धर्मशाला, हुडडा कम्युनिटी सेंटर व रेन बसेरा में ठहरने के लिए नगर परिषद से नोडल अधिकारी राकेश कुमार के मोबाइल नंबर 946688 3897 पर फोन कर सकते हैं।


शिवरात्रि पर हवन यज्ञ के साथ भंडारे का आयोजन
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कनीना की आवाज।
गांव गोमला में शिवरात्रि के पावन अवसर पर हवन यज्ञ कर भंडारे का आयोजन किया गया। इस विषय में जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी बृजदास ने बताया कि इस अवसर पर गांव के युवाओं द्वारा हरिद्वार से डाक कावड़ लाकर गांव में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक भी किया गया।
इसके साथ-साथ गांव के कुछ शिव भक्त झूला कावड़ लेकर भी मंदिर में पहुंचे। इस दौरान काफी बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे। इस अवसर मंदिर प्रांगण में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में महिला और पुरुषों ने हवन में आहुति दी। ग्रामीणों की तरफ से सामूहिक रूप से भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें गांव और आसपास के बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान शिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जल अर्पण करने वालों की सुबह से ही मंदिर में भीड़ लगी थी जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक रहे। मंदिर में आयोजित हवन यज्ञ के साथ-साथ सुमेर मास्टर और उनकी भजन पार्टी ने शिव भोले के भजनों का गुणगान किया। इस अवसर पर सरपंच वेद प्रकाश, पूर्व सरपंच दयाराम, बलवंत, करतार सिंह, हवा सिंह, सत्यवीर, संजय, नौबत राय, सुरेंद्र, संदीप, बबीता ,सुनीता ,मंजू, सुरेश देवी ,नरेश, दिलीप, नीरज, पंकज ,सरोज, सुरेश देवी शाहिद सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: गोमला में भंडारा का नजारा


शिवरात्रि के अवसर पर दुकानदारों ने खीर हलवे का किया भंडारा
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कनीना की आवाज।
गांव भोजावास में अटेली रोड स्थित दुकानदारों ने शिवरात्रि के पावन अवसर पर भंडारे का आयोजन किया। इस अवसर पर दुकानदारों ने खीर और हलवे का प्रसाद वितरित किया। दुकानदारों की तरफ से आयोजित इस भंडारे में जहां डाक कावड़ लाने वाले शिव भक्तों को प्रसाद वितरित किया तो वहीं इसके साथ-साथ राहगीरों को भी खिर और हलवे का प्रसाद वितरण किया गया। शिवरात्रि के पावन अवसर पर दुकानदारों द्वारा आयोजित इस पुनीत कार्य के लिए आसपास के दुकानदारों ने अपना सहयोग दिया और राहगीरों को प्रसाद वितरण का कार्य किया। इस अवसर पर कृष्ण जांगड़ा, नवीन तंवर, हरीश शर्मा, रतन भगत, जितेंद्र यादव ,हरिओम तंवर सहित अनेक दुकानदार मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: खीर का प्रसाद वितरित करते हुए


महिलाओं को समर्पित है तीज एवं सिंधारा
-जमकर चलती है पतंगबाजी
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कनीना की आवाज।
अब छतों पर वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पडऩे लगा है। कनीना क्षेत्र में 27 जुलाई को हरियाली तीज व 26 अगस्त को सिंधारा पर्व के दृष्टिगत पतंगों की बहार आ गई है। सुबह से शाम अब वो मारा, वो काटा की आवाज सुनाई पड़ती है।  बम बम के साथ साथ वो काटा वो मारा का शोर छतों पर सुनाई पड़ता है। युवा वर्ग इस मामले में अधिक सक्रिय है। सर्वाधिक पतंगबाजी हरियाली तीज पर होती है। उधर तीज एवं सिंधारा के दृष्टिगत बाजारों में घेवर की मिठाई की धूम मची हुई है। त्योहार पर घेवर का लेनदेन किया जाता है।
  शहरी क्षेत्र में पतंगबाजी में तेजी आ गई है। बाजारों में दुकानों पर पतंग एवं डोर ही नजर आती है। युवा हो या बच्चा अपनी छतों पर सुबह शाम पतंगबाजी करता है। जिस दिन स्कूलों की छुट्टी होती है उस दिन तो बच्चे अपने घरों की छतों से नीचे ही नहीं आते हैं। एक ओर सिंधारा पर्व पर घेवर की मिठाई का बोलबाला है वहीं तीज पर्व पर पतंगबाजी का बोलबाला है। यूं तो इस सावन माह में उत्सवों की बहार है किंतु तीज पर्व का अपना ही महत्व है। सावन में आने वाली हरियाली तीज पर सर्वाधिक पतंगबाजी की जाती है तत्पश्चात पतंगबाजी में कमी आ जाती है।
   सावन माह में इस बार झूले कम ही नजर आते हैं। सावन माह में पुराने समय से झूलों पर झूलने की प्रथा थी किंतु अब वह प्रथा धीमी पड़ गई है। पतंगबाजी में युवा एवं बच्चों की अधिक भागीदारी होती है। एक दुकानदार योगेश कुमार ने बताया कि इस बार पतंगबाजी के लिए युवा वर्ग में इतना उत्साह नहीं है जितना होना चाहिए। कनीना क्षेत्र में बारिश का बोलबाला है। वैसे तो पूरे सावन माह में ही पींग पर झूला जाता है किंतु इस दिन विशेष आकर्षण का केंद्र पींग होती है।
जंगलों में नृत्य करते मोर, वषा का शोर तथा पतंग उड़ाने वालों की ध्वनि स्पष्ट सुनाई पड़ती है।  पर्व खुशियां लेकर आता है। वर्षा अच्छी होने पर तो खुशियां और भी बढ़ जाती हैं।
फोटो कैप्शन 04: कनीना में घेवर की मिठाई





हेरिटेज विद्यालय में शिवरात्रि के पावन पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया गया
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कनीना की आवाज।
उपमंडल कनीना में स्थित हेरिटेज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर में शिवरात्रि के पावन पर्व को विद्यालय प्रांगण में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जिसमें सर्वप्रथम विद्यालय के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा ने पूजा अर्चना करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अविका ग्रुप ने हरिद्वार में बाजी पायल चांदी की गाने पर अपने सुंदर नृत्य से तालियां बटोरी। कक्षा नौवीं की छात्राएं जिन्होंने गोरा का बीपी हाई गाने पर बहुत ही सुंदर व मनमोहक नृत्य पेश किया। इसके उपरांत नन्हे नन्हे बच्चों ने भोले के लावेगा गाने पर अपना नृत्य पेश किया। कक्षा आठवीं की छात्राएं जिन्होंने मेरा जी लगे से बाबा में गाने पर तालियां बटोरी। कक्षा दूसरी की छात्राएं पायल भोले की गाने पर अपने नृत्य पेश किया। बच्चों ने इस पर्व को मनाया जिसमें विद्यालय के सभी अध्यापकों ने भी अपनी रुचि दिखाई। इसके उपरांत विद्यालय के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बच्चों को शुभ आशीर्वाद दिया।  इस पूरे कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के सीईओ कैलाश शर्मा, मनीष कुमार ,डायरेक्टर खुशीराम शर्मा, प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, सीनियर कोआर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार, जूनियर कोआर्डिनेटर सुमन तथा समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: शिवरात्रि पर्व पर हेरिटेज के बच्चे।

रेवाड़ी जिला में बने सीईटी परीक्षा केंद्रों के लिए शटल सेवा का शेड्यूल तैयार
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कनीना की आवाज।
हरियाणा राज्य परिवहन, नारनौल डिपो के महाप्रबंधक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 26 व 27 जुलाई को होने वाली सीईटी की परीक्षा के लिए महेंद्रगढ़ जिला से राज्य परिवहन की बसों में रेवाड़ी जाने वाले परीक्षार्थी रेवाड़ी से शटल सेवा से अपने-अपने परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समयावधि में पहुंच सकेंगें।

रेवाड़ी परीक्षा केंद्रों के लिए 11 रूट निर्धारित

हरियाणा राज्य परिवहन, नारनौल डिपो के महाप्रबंधक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि रेवाड़ी जिला में बने 11 शटल सर्विस रूट को परीक्षा केंद्रों अनुरूप आवंटित किया गया है। ऐसे में परीक्षार्थी नई सब्जी मंडी बिठवाना पर बने मुख्य स्थान से अपने-अपने परीक्षा केंद्र के लिए शटल सर्विस का लाभ उठा सकते हैं।

*रूट नंबर 1 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से सरकुलर रोड रेवाड़ी शहरी क्षेत्र)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29046 राज इंटरनेशनल स्कूल, केंद्र क्रमांक 29024 होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल, केंद्र क्रमांक 29052 सैनी पब्लिक स्कूल, केंद्र क्रमांक 29030, 29016, 29029 क्रमश: जैन पब्लिक स्कूल, जैन बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल व जैन गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, केंद्र क्रमांक 29037 महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल, केंद्र क्रमांक 29042 व 29043 पीएम श्री गवर्नमेंट गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल तथा केंद्र क्रमांक 29047 राव बहादुर सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल यादव नगर कनकरवाली बेरली रोड रेवाड़ी ।

*रूट नंबर 2 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से धारूहेड़ा)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29031 व 29032 केएलपी कॉलेज नजदीक राव तुलाराम स्टेडियम, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29007 डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल पुलिस लाइन, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29054 व 29055 श्री कृष्ण सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव हांसाका रोड, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29039 माउंट हेरीटेज इंटरनेशनल स्कूल गांव बलियार खुर्द, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29048 ऋषि पब्लिक स्कूल गांव हांसाका, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29050 व 29051 आरपीएस पब्लिक स्कूल गांव बलियार कलां, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29009 दिल्ली पब्लिक स्कूल गांव जोनावास, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29010 व 29011 यूरो इंटरनेशनल स्कूल गांव जोनावास, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29060, 29061, 29062, 29063 सूरज सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव रसगन, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29022 व 29023 गुरुकुलम द स्कूल गांव मसानी व परीक्षा केंद्र क्रमांक 29014 गवर्नमेंट कॉलेज गांव खरखड़ा।

*रूट नंबर 3 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से बोडिय़ा कमालपुर)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29020 व 29021 गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेवाड़ी, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29001 अहीर कॉलेज रेवाड़ी, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29017 गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव बूढ़पुर, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29004 भारती इंटरनेशनल स्कूल बांउिय़ा कमालपुर, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29008 डाउन निलायम पब्लिक स्कूल गांव बालावास जमापुर बेरली रोड।

*रूट नंबर 4 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से खोरी)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29027 व 29028 जय राम नर्सिंग कॉलेज नियर डाइट गांव हुसैनपुर, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29038 माता राजकौर कॉलेज गांव गांगुली साहरनवास, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29057 व 29058 सनगलो इंटरनेशनल स्कूल गांव गांगुली साहरनवास, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29040 नव ज्योति स्कूल पिथरावास।
*रूट नंबर 5 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से गणेशी लाल हिंदू स्कूल)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29041 पीएम श्री गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी गांव बिठवाना, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29044 प्रथम इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव धामलाका, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29056 सोमानी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, 29005 कैंब्रिज स्कूल सहबाजपुर पाडियावास, 29013 गणेशी लाल हिंदू पब्लिक स्कूल सहबाजपुर पाडियावास।

*रूट नंबर 6 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से रोलियावास)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29067 व 29068 वृंदावन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल महेंद्रगढ़ रोड, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29019 गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव सहारनवास, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29064 टैगोर पब्लिक स्कूल जाडरा गांव, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29065 व 29066 विकास इंटरनेशनल स्कूल गांव रोलियावास।

*रूट नंबर 7 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से कोसली)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29002व 29003 अरावली इंटरनेशनल स्कूल गांव गोकलगढ़, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29018 गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव गोकलगढ़, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29006 गवर्नमेंट पॉलिटेक्निकल कॉलेज लिसाना, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29045 आर सी ग्रीन फील्ड स्कूल गांव गंगायाचा जाट, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29049 रॉयल पब्लिक स्कूल गांव रोडहाई, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29059 सूरज सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव गुडिय़ानी, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29006 डीएवी गल्र्स कॉलेज कोसली।

*रूट नंबर 8 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से डोहकी)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29012 जीडी गोयनका स्कूल रेवाड़ी, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29069 व 29070 यदुवंशी शिक्षा निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव डोहकी।

*रूट नंबर 9 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से जैतडावास)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29053 सरस्वती विद्या निकेतन भडवास रोड रेवाड़ी, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29034 केरला पब्लिक स्कूल गांव जैतडावास।

*रूट नंबर 10 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से राजपुरा)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29025 व 29026 आईजीयू मीरपुर, परीक्षा केंद्र क्रमांक 29035 व 29036 एमएलपी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांव राजपुरा आलमगीरपुर।

*रूट नंबर 11 (नई सब्जी मंडी बिठवाना से कौनसीवास)*
परीक्षा केंद्र क्रमांक 29033 केंद्रीय विद्यालय गांव कौनसीवास ।





सीईटी के लिए जिला में आने वाले तथा बाहर जाने वाले परीक्षार्थियों के लिए रूट चार्ट तैयार
चरखी दादरी व भिवानी से आएंगे तथा रेवाड़ी व चरखी दादरी जाएंगे परीक्षार्थी
' सीईटी ट्रैवल ऐप पर करवाएं पंजीकरण
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कनीना की आवाज।
  हरियाणा राज्य परिवहन का नारनौल डिपो आगामी 26 व 27 जुलाई को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में भाग लेने वाले महेंद्रगढ़ जिले के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए विशेष बस सेवाओं का संचालन करेगा।
हरियाणा राज्य परिवहन, नारनौल डिपो के महाप्रबंधक मनोज कुमार शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि परीक्षार्थियों को उनके गांव व शहर के निकट से परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महेंद्रगढ़ जिले के विभिन्न स्थानों से दादरी और रेवाड़ी जिलों के लिए बसों का संचालन किया जाएगा।
महेंद्रगढ़ जिले से दादरी और रेवाड़ी के लिए बस संचालन केंद्र :
* बस स्टैंड नारनौल
* बस स्टैंड महेंद्रगढ़
* बस स्टैंड नांगल चौधरी
* बस स्टैंड अटेली
* बस स्टैंड कनीना
* बस स्टैंड सतनाली
* भांखरी
* निजामपुर
* दौंगडा अहीर
* दुलोठ अहीर
* नांगल सिरोही
* पाली
* भोजावास (कनीना)
* सेहलंग
* कांटी खेड़ी
परीक्षा केंद्रों तक अंतिम मील कनेक्टिविटी :
दादरी जाने वाले परीक्षार्थी :
महेंद्रगढ़ से दादरी जाने वाले परीक्षार्थियों को चरखी दादरी में नई अनाज मंडी कनीना रोड पर बने अस्थायी बस स्टैंड तक पहुंचाया जाएगा। यहां से शटल बस सेवा के माध्यम से उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
* रेवाड़ी जाने वाले परीक्षाथीर्:
रेवाड़ी जाने वाले परीक्षार्थियों को पीठवाना सब्जी मंडी में बने अस्थायी बस स्टैंड तक पहुंचाया जाएगा, जहां से शटल बस सेवा द्वारा उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
* महेंद्रगढ़ आने वाले परीक्षार्थी (चरखी दादरी व भिवानी से) :
चरखी दादरी और भिवानी से महेंद्रगढ़ जिला में आने वाले परीक्षार्थियों को महेंद्रगढ़ बदेरवाल सिटी और नई अनाज मंडी नारनौल पर बने अस्थायी बस स्टैंडों पर पहुंचाया जाएगा। इन स्थानों से शटल बस सेवा के माध्यम से उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
बस संचालन का समय:
* प्रथम शिफ्ट: बसों का संचालन प्रात: 04:30 बजे शुरू होगा।
* दूसरी शिफ्ट: बसों का संचालन प्रात: 09:00 बजे शुरू होगा।
जिला प्रशासन महेंद्रगढ़ और हरियाणा राज्य परिवहन परीक्षार्थियों से अपील करता है कि वे इन सुविधाओं का लाभ उठाएं और समय पर अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुंचें। सभी परीक्षार्थी ' सीईटी ट्रैवलÓ ऐप पर पंजीकरण करवाएं।





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