कोटिया की हरिजन बस्ती के कई घरों में घुसा पानी
-आम रास्ता हुआ बाधित
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव कोटिया के हरिजनों के कई घरों में वर्षा का गंदा जल घुस गया है। गांव कोटिया के करतार सिंह, रविंद्र कुमार, अनिल कुमार, सत्यवीर सिंह आदि ने बताया कि उनके घरों में वर्षा का गंदा जल घुस गया है। उन्होंने बताया कि पंचायत इस और कोई कदम नहीं उठा रही है क्योंकि पास में जोहड़ है और यह मुख्य मार्ग है जो गंदे पानी से भर चुका है। आवागमन भी बाधित हो गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस गंदे जल को अविलंब निकाला जाए ताकि आवागमन बाधित न हो सके।
फोटो कैप्शन 9 व 10 कोटिया के हरिजनों के घरों में घुसा पानी
भूकंप के झटकों से सहमे लोग
- घरों से निकाल कर आए बाहर
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कनीना की आवाज। गुरुवार सुबह के वक्त भूकंप के झटके महसूस किये जिसके चलते लोग अपने घरों से बाहर निकल आए तथा सहमे हुए नजर आए।
निरंजन कुमार, महावीर सिंह, सूबे सिंह, जितेंद्र कुमार आदि में बताया कि एक बार घर के पंखे एवं खिड़कियां हिलने लगे जिसके कारण उन्होंने झटपट घरों को छोड़ दिया और घरों से बाहर आ गए किंतु यह भूकंप का झटका अधिक समय नहीं चला।
तीन दिनों से खूब बरसे हैं कनीना में बदल, हुई 107 एमएम वर्षा
-अब तक हो चुकी है 244 एमएम वर्षा, कनीना में बाढ़ जैसे हालत
-बच्चों को ट्रैक्टर और कंधे पर बिठाकर स्कूल वाहन तक छोड़ा
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कनीना की आवाज। कनीना में जहां तीन दिनों से रुक रुककर वर्षा हुई है। अब तक 107 एमएम वर्षा हो चुकी है जबकि मई और जून में 137 एमएम वर्षा हुई थी। अब अब तक कुल 244 एमएम वर्षा हो चुकी है। अब किसानों की बाजरे की फसल अधिक वर्षा के कारण गिरने लगी है। सबसे बुरी हालत होलीवाला और कालरवाली जोहड़ों की है जहां गंदा पानी मुख्य मार्गों पर फैला हुआ है। कालरवाली जोहड़ का गंदा पानी कई घरों में घुस गया है। स्कूली बच्चे सड़कों पर खड़े गंदे जल से गुजरते देखें गए। ट्रैक्टरों तथा अन्य वाहनों में बिठाकर स्कूली बच्चों को वाहनों तक छोड़ा वहीं कांधे पर बिठाकर महिलाएं अपने बच्चों को स्कूली वाहन तक ले जाते हुए देखी गई। सावन की पूर्व संध्या पर ही इतनी वर्षा हो चुकी है, अब सावन में अच्छी वर्षा होने के आसार हैं। अभी तक खेतों में बाजरे एवं कपास की फसल खड़ी है किंतु कुछ किसानों ने बताया कि अधिक वर्षा के कारण उनकी बाजरे की फसल खेतों में गिर गई है क्योंकि बुधवार को शाम के समय तथा गुरुवार को सुबह तेज हवाओं के साथ वर्षा हुई है। अधिकांश मार्गों में गंदा पानी भरा हुआ है। नगरपालिका मैौन है। ऐसा लगता है कि 1995 में बाढ़ जैसी हालत हो गई थी वही हालत फिर से होने जा रही है। अगर जल्द ही दोनों जोहड़ों का गंदा पानी नहीं निकाला गया तो निश्चित रूप से कनीना के अनेक घर जल में डूब जाएंगे।
किसान दिनेश कुमार, सुरेश, जितेंद्र, महेंद्र आदि ने बताया कि अधिक वर्षा के कारण अब तो उनकी फसलें खेतों में गिर गई है किंतु किसान चाहते हैं कि अधिक से अधिक वर्षा हो चाहे फसल पैदावार कम हो।
महिला सुनीता, सुमेर, महेंद्र आदि ने बताया कि उनके घर से एक किलोमीटर तक दो-दो फीट से अधिक पानी खड़ा हुआ है। बच्चों को कांधे पर बिठाकर स्कूली बस तक छोडऩे जाते हुए देखा गया। कोई ट्रैक्टर पर कई-कई बच्चों को बिठाकर स्कूली बस तक छोडऩे के लिए जाते मिले। कनीना के शिवभोले चौक, होलीवाला जोहड़ मार्ग, कालरवाली जोहड़ मार्ग, वाल्मीकि चौक आदि अनेक स्थानों पर गंदा जल खड़ा है। कनीना कस्बे के अंदर आने के लिए निश्चित रूप से गंदे जल से होकर गुजरना पड़ रहा है। लोग बेहद परेशान हैं। नगरपालिका गंदे पानी निकासी का में कोई विशेष रुचि नहीं दिख रही है। यहां तक की गंदे नाले गाद से भर खड़े हैं जिसके कारण गंदा पानी निकासी नहीं हो पा रहा है।
फोटो कैप्शन 02: महिला अपने कंधे पर अपने बच्चों को बिठाकर स्कूल तक छोडऩे जाते हुए तीन 03:गंदे पानी में खड़ी गाडिय़ां
04: ट्रैक्टर पर बच्चों को बैठाकर स्कूली बस तक छोडऩे जाते हुए
05: कनीना बस स्टैंड पर गंदे जल की हालत
06: शिवभोले चौक पर भरा गंदा जल
07 व 08: गंदे पानी से स्कूली बच्चे आते हुए पानी में जाम हुई गाड़ी
गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया, लगे भंडारे
गुरुओं से लिया आशीर्वाद
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। विभिन्न स्थानो पर भंडारे लगे, गुरुओं की पूजा की गई।
लालदास महाराज ने भंडारे का प्रसाद वितरण करने के पश्चात बताया कि गुरु पूर्णिमा के पर्व पर जहां पुराने समय से विधान है कि गुरु करीब 4 महीने एक ही जगह बैठकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं और सभी अंधकार दूर कर देते हैं इसलिए गुरु की पूजा की जाती है।
उन्होंने बताया की महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास जिन्हें वेदव्यास भी कहा जाता है, का जन्मदिन इसी दिन हुआ था उन्होंने चारों वेदों की रचना की थी। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है और इस दिन को व्यास वेद व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। भक्ति काल के समय संत घीसा राम जो कबीर दास के शिष्य थे का भी जन्म इसी दिन हुआ था।
उधर उधोदास आश्रम में दिनभर भंडारा लगा तथा संत ने प्रवचन किये। विभिन्न गांवों में यह पर्व मनाया गया।
फोटो कैप्शन: संत लालदास
कनीना नगर पालिका के लिए दो पार्षद मनोनीत
-नीलम और सवाई सिंह होंगे सरकार की ओर से पार्षद
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कनीना की आवाज। कनीना की नीलम देवी तथा सवाई सिंह को हरियाणा सरकार ने कनीना नगर पालिका के लिए पार्षद बतौर मनोनीत किया है। उल्लेखनीय है की नीलम देवी के पति कुलदीप वाटर सप्लाई में काम करते हैं। उनके सरकार द्वारा मनोनीत किए जाने पर कृष्ण कुमार पूर्णिया, वेद प्रकाश, वेदपाल, जसवंत सिंह, दीपक कुमार, राकेश कुमार, जयपाल, परमजीत आदि सभी कर्मचारियों ने उन्हें बधाई दी है। उधर सवाई सिंह वार्ड 14 को सरकारी पार्षद मनोनीत किया गया है। उल्लेखनीय की सवाई सिंह एक समाजसेवी है तथा तथा विभिन्न समाज सेवाओं एवं बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। उनके पार्षद बनने पर अनेक लोगों ने बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि कनीना नगर पालिका के 14 वार्डो से 14 पार्षद तथा प्रधान पहले से ही चुने जा चुके हैं। अब ये दोनों पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत करके भेजे गए हैं
फोटो कैप्शन :नीलम देवी तथा सवाई सिंह
कनीना नगर पालिका के लिए दो पार्षद मनोनीत
-नीलम और सवाई सिंह होंगे सरकार की ओर से पार्षद
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कनीना की आवाज। कनीना की नीलम देवी तथा सवाई सिंह को हरियाणा सरकार ने कनीना नगर पालिका के लिए पार्षद बतौर मनोनीत किया है। उल्लेखनीय है की नीलम देवी के पति कुलदीप वाटर सप्लाई में काम करते हैं। उनके सरकार द्वारा मनोनीत किए जाने पर कृष्ण कुमार पूर्णिया, वेद प्रकाश, वेदपाल, जसवंत सिंह, दीपक कुमार, राकेश कुमार, जयपाल, परमजीत आदि सभी कर्मचारियों ने उन्हें बधाई दी है। उधर सवाई सिंह वार्ड 14 को सरकारी पार्षद मनोनीत किया गया है। उल्लेखनीय की सवाई सिंह एक समाजसेवी है तथा तथा विभिन्न समाज सेवाओं एवं बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। उनके पार्षद बनने पर अनेक लोगों ने बधाई दी है। उल्लेखनीय ह कि कनीना नगर पालिका के 14 वार्डो से 14 पार्षद तथा प्रधान पहले से ही चुने जा चुके हैं। अब ये दोनों पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत करके भेजे गए हैं
फोटो कैप्शन :नीलम देवी तथा सवाई सिंह
राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ प्रतियोगिता में एसडी के 7 विद्यार्थी राज्य स्तर पर जिले का करेंगे प्रतिनिधित्व
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित जिला स्तरीय खेल महाकुंभ-2025 प्रतियोगिता में एसडियंस ने बाक्सिंग में राज्य स्तरीय खेलों में भागीदारी प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। हाल ही में खेल महाकुंभ-2025 का आयोजन किया गया जिसमें जिला स्तरीय प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया है। जिला स्तरीय बाक्सिंग प्रतियोगिता का आयोजन यादव धर्मशाला महेन्द्रगढ़ में हुआ जिसमें एसडी खेल अकादमी कि विद्यार्थी अमीशा 45 से 48 किलोग्राम भारवर्ग, खुशी ने 48 से 50 किलोग्राम भारवर्ग, मधुर 57 से 60 किलोग्राम, गरिमा 70 से 75 किलोग्राम, भीम 50 से 55 किलोग्राम, विवेक 80 से 85 किलोग्राम भारवर्ग व भारत ने 85 से 90 किलोग्राम भारवर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय पहुंचने पर इन खिलाडिय़ों का भव्य स्वागत किया गया। विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश ने सभी प्रतिभागियों एवं उनके कोच को बधाई दी।
विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव ने राज्य स्तरीय खेलों के लिए चयनित खिलाडिय़ों को बधाई दी और खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहां की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी जीवन में जरूरी है। खेल भी जीवन का एक अंग है जो शारीरिक विकास के साथ मानसिक विकास में सहायक होते है। खेलों से जहां स्वास्थ्य ठीक रहता है वही मनुष्य का चारित्रिक व आध्यात्मिक विकास भी होता है। खेल एक शारीरिक गतिविधि है जो तनाव और चिंता को दूर करते है।
इस अवसर पर प्राचार्य ओमप्रकाश, प्रबन्धन समिति सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आर एस यादव, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, स्पोट्र्स हैड सोनू कोच समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 01:राज्य स्तरीय खेलों मेकं भाग लेने वाले विद्यार्थी।
सावन माह की तैयारियां शुरू
-कावडिय़े चले हरिद्वार की ओर
शिव आराधना का माह सावन, कावडिय़े होंगे हरिद्वार के लिए रवाना
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कनीना की आवाज। 11 जुलाई से सावन माह शुरू होगा जो 9 अगस्त तक चलेगा। सावन माह में हरिद्वार में सबसे अधिक भक्त पहुंचते हैं। देशभर में श्रावण माह में कई स्थानों पर मेले लगते हैं, पींग पर झूलने की प्रथा , तीज का पर्व, पतंगबाजी तथा रक्षा बंधन का त्यौहार भी इसी माह से जुड़े हुए हैं। हरियाणा के बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम का प्रसिद्ध मेला भी सावन माह में 22 अगस्त को लगेगा। ऐसे में श्रावण माह को त्योहारों का माह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन शुरू होता है तथा रक्षा बंधन पर समाप्त हो जाएगा।
भीषण गर्मी से जहां राहत मिलती है वहीं दिन को झूला झूलने तथा रात के समय श्रावणी गीतों की गूंज सुनाई पड़ती है जो मन को मोह लेती है। श्रावण माह के आते ही ऊंचे वृक्षों पर झूले डाल दिए जाते हैं जिन पर बच्चियां व महिलाएं दिनभर झूलती रहती हैं।
सावन माह की तीज का यूं तो पूरे देश में ही महत्व है किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में पतंगबाजी करके यह पर्व मनाया जाता है। ज्यों-ज्यों यह पर्व पास आता है त्यों-त्यों पतंगबाजी तेज हो जाती है। तीज के दिन अंतिम बार पतंगबाजी की जाती है। अच्छी वर्षा व सुहावना मौसम के साथ--साथ लहलहाती फसल को देखकर युवा वर्ग पूर्णतया पतंगबाजी में खो जाता है। तीज पूर्व सिंधारा आता है जब घेवर मिठाई की बहार देखने को मिलती है। अपनी विवाहित लड़की के लिए मां-बाप घेवर की मिठाई भेजते हैं। पूरे माह पकवान बनते हैं तथा गीत गूंजते रहते हैं। पदमावत के गीतों से कम इनमें भी विरह नहीं होता।
श्रावण माह के शुरू होते ही बम-बम की जयघोष शुरू हो जाती है। भारी संख्या में भक्तजन नीलकंठ व हरिद्वार जाते हैं और वहां से कांवर लाकर शिवालयों में गंगाजल चढ़ाते हैं। शिवालयों में तांता लगता है वहीं पूरे माह व्रत चलता है। भक्तजन गंगा में डुबकी लगाते हैं और शिवालयों में जाकर भक्ति करते हैं। श्रावण माह के अंत में भाई-बहन के प्यार को इंगित करने वाला रक्षा बंधन का पर्व आता है। भाई अपनी बहन के पास अपनी कलाई पर रक्षासूत्र बंधवाने बहन के पास जाता है। बहन कहीं भी हो वह अपने भाई के आने का इंतजार करती है। इस पर्व का ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व भी है।
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कनीना की आवाज। कनीना के लेखक एवं पत्रकार डा. होशियार सिंह यादव के दोनों व्हाट्सअप 9416348400 तथा 9306300700 दोनों बंद हैं। ऐसे में समाचार भेजने के लिए मेरा मेल आईडी hsnirban2025@gmail.com ही प्रयोग करें। ताजा समाचार पढऩे के लिए टेलीग्राम पर तथा विडियो के रूप में उपलब्ध रहती हैं। Telegram-Dr Hoshiar Singh Yadav
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सावन के सोमवार व्रत के लिए होते हैं बेहतर
-सावन शुक्रवार 11 जुलाई से शुरू
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कनीना की आवाज। सावन के सोमवार व्रत के लिए बेहतर माने जाते हैं। किसी भी भक्त को 15 सोमवार के व्रत करने चाहिए। ये विचार पंडित दिनेश जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से सावन शुरू होगा और उसी दिन सोमवार है। सावन का आगाज शुक्रवार से हो रहा है। सावन में माह मदमाने वाला होता है।
सोमवार को शिवभोले की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवभोले कम से प्रसन्न हो जाते हैं और जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्त अपने घरों में भी इष्टदेव को विधि विधान से याद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जहां सावन माह में अधिक बारिश होती है, भगवान भोले को विशेष रूप से याद किया जाता है। इसलिए भगवान भोले की प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सोमवार का व्रत शुरू करने वालों के लिए सावन मास ही सबसे बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा अर्चना की जाती तत्पश्चात सावन शुरू हो जाता है। यूं तो पूरे सावन माह में शिव भोले को याद करना चाहिए लेकिन समय रहते हुए सावन में व्रत जरूर करना चाहिए और सावन माह में आने वाली माह शिवरात्रि के दिन व्रत रखा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 14 जुलाई के बाद 21 जुलाई, 28 जुलाई एवं 04 अगस्त को सोमवार रहेगा। सावन 9 अगस्त रक्षा बंधन पर संपन्न हो जाएगा। सावन माह में जयकारे लगते रहते हैं और शिव को याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि चार माह तक श्री हरि शयन के लिए चले जाते हैं और पूरे ब्रह्मांड में शिव का राज शुरू हो जाता है। ऐसे में भी शिव आराधना सबसे बेहतर होती है। यूं तो पूरे ही विश्व में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देव शिव भोले हैं। ऐसे में शिव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे तन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
















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