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Sunday, July 27, 2025


 

भोजावास में 7.75 ग्राम प्रतिबंधित नशीले पदार्थ सहित तस्कर गिरफ्तार
-हरियाणा एनसीबी रेवाड़ी यूनिट ने की कार्रवाई
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कनीना की आवाज।
हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के राज्य सरकार के अभियान को बल देते हुए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की रेवाड़ी यूनिट ने एक नशा तस्कर को 7.75 ग्राम अवैध स्मैक के साथ भाकली वाला की ढाणी भोजावास महेंद्रगढ़ से गिरफ्तार किया। ब्यूरो प्रमुख महानिदेशक ओ.पी. सिंह के दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेशभर में चल रही नशा विरोधी मुहिम के तहत यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सुश्री पंखुरी कुमार के नेतृत्व और उप पुलिस अधीक्षक गजेंद्र शर्मा के निर्देशन में की गई।
एनसीबी रेवाड़ी यूनिट के प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने जानकारी दी कि सहायक उप निरीक्षक अनील कुमार के नेतृत्व में रेवाड़ी यूनिट की टीम को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति प्रतिबंधित नशीला पदार्थ स्मैक (हैरोईन) बोहका से भोजावास वाले कच्चे रास्ते पर नजदीक भाकली वालो की ढाणी के पास तस्करी करने की फिराक में है। सूचना के आधार पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने आरोपी जय प्रकाश ऊर्फ जेपी पुत्र लक्ष्मी नारायण निवासी बोहका जिला रेवाड़ी को मौके से काबू किया।
राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में तलाशी लेने पर आरोपी के पास से 7.75 ग्राम अवैध नशीला पदार्थ स्मैक (हैरोईन) बरामद हुआ। आरोपी के विरुद्ध थाना सदर कनीना में एन.डी.पी.एस. अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत माध्यमिक मात्रा का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और नशा तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। आगे आमजन से अपील करते हुए पुलिस प्रवक्ता ने कहा की यदि किसी को भी नशा बिक्री या तस्करी संबंधी कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो भारत सरकार के टोल फ्री नंबर 1933, मानस पोर्टल (222.ठ्ठष्ड्ढद्वड्डठ्ठड्डह्य.द्दश1.द्बठ्ठ) अथवा हरियाणा एनसीबी हेल्पलाइन 90508-91508 पर तुरंत सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम व पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
फोटो कैप्शन 03: पकड़ा गया नशीले पदार्थ सहित युवक



चोर साहब के कारनामे-27
अलग अलग शास्त्रों में चोरी की सजा बताई है अलग
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार होशियार सिंह के प्लाट से जहां विगत लंबे समय से गमले, तीन ट्राली पत्थर ,ईंट, बिजली का सामान तथा कृषि उपकरण आदि चोरी कर ले गया। और तो और निर्माणाधीन मंढ़ी की ईंटें भी उखाड़ ले गया। चोर साहब को शांति तभी मिलती है जब तक कि वह किसी का बुरा नन कर दे। चोर साहब ने विगत समय में ऐसे ऐसे कारनामे कर दिखलाया जिनको सुनकर लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। एक के बाद एक तीन ट्राली पत्थर उठाने और वह भी रातोंरात जो बहुत कठिन कार्य है किंतु कठिन कार्य को भी उसने बखूबी से अंजाम दे दिया। ऐसा बार-बार प्लाट की दीवार पर नोटिस लगाने के बावजूद भी कर दिखलाया। चोर साहब चोरी में ही खुश होता है। चोर साहब दूसरे खुशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता और खुद चाहे कितनी बड़ी चोरी करें उसे खुशी मिलती है। चोरी के बारे में हमारे शास्त्र क्या कहते हैं----
शास्त्रों के अनुसार, चोरी की सजा में नरक में यातनाएं और मृत्युदंड तक शामिल हो सकते हैं। कुछ धार्मिक ग्रंथों में, चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए आत्मा को नरक में दंडित किया जाता है। वहीं, कुछ अन्य धार्मिक ग्रंथों में चोरी के लिए मृत्युदंड का भी उल्लेख है.
विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं में चोरी की सजा-
    हिन्दू धर्म-
    कुछ धार्मिक ग्रंथों में, चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में यातनाएं दी जाती हैं। कुछ ग्रंथों में, चोरी की सजा मृत्युदंड भी हो सकती है।
इस्लाम के अनुसार-
इस्लाम में, चोरी को एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए शरीयत कानून में हाथ काटने की सजा का प्रावधान है, हालांकि यह सजा बहुत कम मामलों में दी जाती है।
ईसाई धर्म अनुसार--
कुछ ईसाई धर्मग्रंथों में, चोरी को एक पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में दंडित किया जा सकता है.
बौद्ध धर्म अनुसार--
बौद्ध धर्म में, चोरी को एक नकारात्मक कर्म माना जाता है और इसका फल भविष्य में बुरा हो सकता है.
भारतीय कानून में चोरी की सजा-
भारतीय दंड संहिता  में चोरी के लिए अलग-अलग सजाओं का प्रावधान है, जो चोरी की गंभीरता और परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
आइपीसी की धारा 379-
    साधारण चोरी के लिए, 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
आइपीसी की धारा 380-
किसी के घर में चोरी करने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 381-
कर्मचारी द्वारा अपने मालिक की संपत्ति की चोरी करने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 392-
लूट के लिए, 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है, और यदि लूट सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले की गई हो, तो 14 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 395-
डकैती के लिए, आजीवन कारावास या 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है.
यूं कहा जाए--
शास्त्रों और कानूनों में चोरी की सजा अलग-अलग हो सकती है। शास्त्रों में चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में यातनाएं और मृत्युदंड तक का प्रावधान है। भारतीय कानून में चोरी के लिए अलग-अलग धाराओं के तहत सजाओं का प्रावधान है, जो चोरी की गंभीरता पर निर्भर करती है।







30 व 31 को हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा-
-धारा 163 के तहत परीक्षा के दौरान कोचिंग सेंटरों व 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध
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कनीना की आवाज।
जिलाधीश डा. विवेक भारती ने 30 व 31 जुलाई को होने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत परीक्षा के दौरान कोचिंग सेंटरों के संचालन व परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है।
जिलाधीश ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि लेवल-3 (पीजीटी) की परीक्षा 30 जुलाई को अपराह्न 3 बजे से सायं 5:30 बजे तक और लेवल-2 (टीजीटी) की परीक्षा 31 जुलाई को प्रात: 10 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और लेवल-1 (पीआरटी) की परीक्षा 31 जुलाई को अपराह्न 3 बजे से सायं 5:30 बजे तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
जिले के सभी परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
महेंद्रगढ़ जिले के परीक्षा केंद्रों में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश और सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित पहचान पत्र के बिना प्रवेश वर्जित है।
महेंद्रगढ़ जिले के सभी परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि में सभी फोटोकॉपी मशीन की दुकानों के संचालन व सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन पर पाबंदी रहेगी।
यह आदेश ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य लोक सेवकों पर लागू नहीं होगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत विधि अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा।







तीज उत्सव पर मेले लगे एवं पतंगबाजी की गई
-वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पड़ा
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कनीना की आवाज।
कनीना में हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया और पतंगबाजी का हुल्लड़ चला। कनीना के कई गांवों में तीज के पर्व पर मेले लगे।
 कनीना में रविवार को हरियाली तीज का पर्व मनाया गया। इन दिनों घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता रहा। छतों पर युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते रहे। जहां पतंगबाजी के लिए बहुत से लोग पतंग उड़ाने व पतंग की डोर को काटने का मजा ले रहे थे तो कुछ कट कर जाने वाले पतंग का लुत्फ उसे दूर से पकड़कर लाने में उठा रहे थे।
  हरियाली तीज के पर्व पर मेले का आयोजन किया गया। इस पर्व को तीज मेला नाम से जाना जाता है। पुरानी नगरपालिका के पास इस मेले का आयोजन लंबे समय से होता आ रहा है।
 इस बार किसान, बच्चे एवं बूढ़े सभी प्रसन्न नजर आये। अच्छी वर्षा से खेतों में बाजरे की लहलहाती फसल, मौसम सुहावना होने से बच्चे एवं बूढ़े खुश नजर आये किंतु सीइटी का पेपर होने से बहुत सु युवाओं का यह पर्व छिन गया। विशेषकर 27 जुलाई को शाम के वक्त पेपर होने से पर्व का मजा नहीं ले सके।
 शनिवार को जहां सिंधारा पर्व मनाया गया था वही रविवार को तीज का पर्व मनाया गया। दोनों ही पर्व पर जहां महिलाओं को याद किया जाता है, विशेषकर विवाहित लड़कियों को उनके घर भाई या पिता पहुंचकर दान देकर आये।  
  पतंगों के लड़े पेच--
ग्रामीण क्षेत्रों में दिनभर बच्चे छतों पर बैठे रहे, पतंगों के पेच लड़ाये। वही डेक पर संगीत चलता रहा और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे गये।
पर्वों का रहेगा जोर-
हरियाली तीज के बाद अब रक्षा बंधन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस माह कई पर्व आएंगे। 9 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। रक्षा पर्व भी अब हाइटेक हो गया है। उधर 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तो 17 अगस्त गोगा नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस प्रकार अगस्त माह पर्वों से भरा हुआ है।
फोटो कैप्शन 02: पतंगबाजी करते बच्चे






सीइटी परीक्षा के लिए कनीना में बेहतर रही व्यवस्था
-सुबह सवेरे से कनीना बस स्टैंड पर रही हलचल
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कनीना की आवाज।
 इस बार सीइटी की परीक्षा हेतु प्रदेश सरकार ने बेहतर प्रबंध किए हुए थे। कनीना के बस स्टैंड पर कम से कम 30 बसें तैयार खड़ी हुई थी। सुबह से ही  परीक्षार्थी चरखी दादरी और रेवाड़ी जा रहे थे। दोनों ही स्टेशनों पर परीक्षार्थियों को पहुंचाने के लिए लगातार बस स्टैंड पर दीपक कुमार परीक्षार्थियों को बस नंबर और रूट नंबर बता रहे थे। परीक्षार्थियों किसी प्रकार की कोई परेशानी नजर नहीं आई पुलिस प्रशासन तैनात रहा वहीं पेयजल का प्रबंध भी किया गया था। परीक्षार्थियों के कारण समय-समय पर सड़कों पर भारी भीड़ होती रही जिससे जाम जैसी समस्या बनी रही। सड़क पार करने में दिक्कत आई, पांच पांच मिनट तक इंतजार करना पड़ा चूंकि निजी वाहनों से भी परीक्षा देने बहुत अधिक परीक्षार्थी जा रहे थे।
अश्विनी,नितिन, हर्ष, रितिक, अमीश कुमार, इंद्रजीत, हेमराज, रवि कुमार आदि ने बताया कि उनमें से कुछ का रेवाड़ी तो कुछ का चरखी दादरी परीक्षा केंद्र था। रेवाड़ी तथा चरखी दादरी से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए भी बसों की सुविधा दी गई थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी किंतु उस समय इतनी बेहतर सुविधाएं नहीं थी। वहीं 2021 में दूर दराज परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस बार सबसे बड़ी विशेषता रही कि नजदीक परीक्षा केंद्र बनाए गए जिससे परीक्षा भी बेहतर ढंग से दे पाए।
कनीना बस स्टैंड से माइक पर उद्घोषक दीपक कुमार ने बताया कि किसी प्रकार की परीक्षार्थियों को कोई समस्या नहीं आने दी गई है। जहां 26 जुलाई को भी बहुत बेहतर ढंग से परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे हैं वही 27 जुलाई को भी बेहतर प्रबंध रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रोडवेज की बसे ंभी चली किंतु यात्री बहुत कम नजर आए।
फोटो कैप्शन 01: सीइट के लिए कनीना बस स्टैंड से जाती हुई बसें






हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई
 पांच प्रकार के वायरस से फैलता है हेपेटाइटिस-डा जितेंद्र मोरवाल
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कनीना की आवाज।
हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी हुई एक बीमारी है। लीवर में सूजन आ जाता है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार के विषाणु होते हैं जिनमें ए,बी,सी,डी और ई हैं। ये विचार कनीना  उप नागरिक अस्पताल के डा जितेंद्र मोरवाल ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस मूल रूप से लिवर से जुड़ी हुई बीमारी है जो वायरल इंफेक्शन के कारण होती है। उन्होंने पांचों वायरस जनित रोगों को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस महामारी जैसी बनती जा रही है। इससे अनेकों मौतें देशभर में हो जाती हैं। हेपेटाइटिस बी और सी लाखों लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बनता है जिसमें लीवर सिरोसिस और कैंसर प्रमुख है। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक किया। यद्यपि उन्होंने कहा कि अभी तक कनीना क्षेत्र में हेपेटाइटिस का कोई रोगी नहीं है।  जो महिला गर्भवती हो और उनके बच्चे और वह हेपेटाइटिस की शिकार है तो उसके बच्चे को  हेपेटाइटिस से बचाया जा सकता है।
 डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि हेपेटाइटिस रोग का कारण लीवर में सूजन है, इंफेक्शन के कारण होता है। यह जानलेवा होता है। अक्सर शरीर में तथा दवाइयों के साइड इफेक्ट और शराब पीने से बढ़ सकता है।  डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि  हेपेटाइटिस में पीलिया, यूरिन का रंग बदलना, बहुत अधिक थकान, उल्टी आना, जी मिचलाना पेट दर्द, सूजन, खुजली, भूख ना लगना, अचानक वजन कम होना आदि प्रमुख  लक्षण हो सकते हैं। हेपेटाइटिस के निदान के बारे में  डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि पेट का अल्ट्रासाउंड, लिवर फंक्शन टेस्ट, लिवर बायोप्सी आदि से रोग का पता लगाया जा सकता है और इसका समय रहते इलाज करवाना चाहिए। यदि उपचार करवाया जाए तो आराम कुछ हफ्ते में इस रोग के लक्षण कम होने लगते हैं इसमें कई दवाई लेने की जरूरत होती है। लिवर ट्रांसप्लांटेशन भी एक विकल्प है।
 मरीज को अपने भोजन फूलगोभी, ब्रोकली, बीन, एवावाकाडो आदि का सेवन करना चाहिए, खूब पानी फलों का जूस पीना चाहिए ,प्याज लहसुन शामिल करना चाहिए, शराब नहीं पीनी चाहिए, जंक फूड से बचना चाहिए, 4 से 6 बार भोजन करना चाहिए। रेजर एवं इंजेक्षन की सुई किसी को शेयर ना कर।
फोटो कैप्शन:: डा जितेंद्र मोरवाल


उप-मंडल होते हुए भी नहीं मिल रही सुविधाएं
-कनीना





की हो रही अनदेखी,नहीं बना सीइटी का सेंटर
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल को बने 12 साल बीत गए किंतु अभी तक को उप-मंडल की कोई सुविधा नहीं मिली है। जब भी कोई बड़ी परीक्षा आयोजित होती है नारनौल एवं महेंद्रगढ़ तक की सीमित रह जाती है जबकि कनीना में नहीं। कनीना में उच्च संस्थान भी है और सभी अधिकारी यहां बैठते हैं। सीइटी की परीक्षा भी कनीना में आयोजित नहीं हुई।
यहां तक की कनीना में रेलवे स्टेशन की ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। आज तक सावधान ट्रेनों के अलावा कोई ट्रेन ठहराव नहीं कर रही है। कनीना विधानसभा क्षेत्र भी होता था। 1972 के चुनावों के बाद इसे तोड़ दिया था और आज तक विधानसभा क्षेत्र के लिए तरस रहा है। कनीना में 10वीं और 12वीं की पूरक परीक्षा यहां आयोजित नहीं होती और न ही यहां मार्किंग सेंटर बनाया जाता है। कनीना के अनेक नेता और मंत्री समय-समय पर सरकारों में रहे हैं परंतु सुविधा प्रदान करने में कामयाब नहीं हुये हैं। कनीना को उसके हक की लड़ाई स्वयं लडऩी पड़ी है।  नगरपालिका को तोड़ा गया तो उसे बहाल किया हो लड़ाई से लडऩी पड़ी है तथा विधानसभा क्षेत्र के लिए भी आंदोलन किया गया था। कनीना में न्यायिक परिसर बनाने के लिए भी लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी।
यह सत्य है कि कनीना को उप-मंडल का दर्जा दिलवाने में अटेली की पूर्व विधायक एवं पूर्व सीपीएस अनीता यादव का अहम योगदान रहा है। किंतु अनीता यादव को अटेली से दोबारा जीत का मौका नहीं मिला है। सुविधाओं के अभाव में कनीना की हालत एक गांव से बदतर हो चली है।



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