Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: July 2025

Thursday, July 31, 2025


 
वर्षा ने की कनीना की हालात बदतर
- गलियों में जमा हो गया है गंदा जल
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कनीना की आवाज।
 वैसे तो कम वर्षा होती है तो भी किसानों का दुखड़ा बढ़ जाता है वही अधिक वर्षा होती है तो भी किसान परेशान हो जाते हैं लेकिन कस्बा कनीना की तो हालात वर्षों से बदतर है। जब तक कनीना के होलीवाला और कालरवाली जोहड़ों का समाधान नहीं होगा तब तक गलियों में यूं ही पानी खड़ा रहेगा। लोगों के घरों में पानी घुसता रहेगा और लगभग हर गली मोहल्ले में कहीं ना कहीं पानी जमा दिखाई देगा। आज के दिन जब 21 एमएम वर्षा एक ही दिन में हो गई है और करीब 80 एमएम वर्षा 3 दिनों में हो गई है तो कस्बा कनीना की हालात बदहाल होना स्वाभाविक है। होली वाला और कालरवाली जोहड़ों के रास्तों पर तो खूब पानी जमा हो गया है। सबसे बड़ी विशेषता देखने को मिली महिला एवं पुरुष गोबर को अपने सिर पर उठाकर गंदे पानी से ले जाते हुए दिखाई दिये। दुर्भाग्य है कि कोई वैकल्पिक मार्ग अभी तक नहीं बना है। परिणाम यह है कि आवागमन बहुत कठिन हो गया है। गुजरते हुए वाहन कीचड़ उछालते देखे गए हैं। मुख्य मार्ग रेवाड़ी की भी यही हालात है, जगह-जगह पानी भर गया है। कनीना मंडी नहर के साथ बनाई गई सड़क की भी यही दुर्दशा है, जगह-जगह गंदा पानी भरा हुआ है। रेवाड़ी टी-प्वाइंट हो या शिवभोले चौक पर हर जगह गंदा जल भरा हुआ है। वैसे तो बुजुर्गों का कहना है कि वर्षा कभी बेकार नहीं जाती। अधिक वर्षा हो जाए तो यह सत्य है कि फसलों पर कुप्रभाव पड़ेगा किंतु भावी फसल के लिए अच्छी पैदावार के रास्ते खुल जाएंगे। अब वही हालत है कनीना कस्बे में अच्छी वर्षा हो चुकी है और सुख के साथ दुख तो चलते ही हैं। यदि कस्बा कनीना में वर्षा यूं ही चलती रही तो यह सत्य है कि बहुत से घरों में गंदा जल भर जाएगा परंतु लाभ यह होगा कि किसानों की पैदावार अच्छी होगी क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ खोना ही पड़ता है।
वर्षा होना शुभ संकेत है चाहे कुछ घरों में गंदा जल भर जाए, वह एक बात अलग है। कनीना नगर पालिका ने गंदे पानी निकासी के अस्थायी प्रबंध कर रही है किंतु जब तक जोहड़ों की पैमाइश करके खोदाई का काम नहीं किया जाएगा तब तक यूं ही गंदा पानी सड़कों पर फैलता रहेगा।






फेफड़ों का कैंसर-01 अगस्त
फेफड़ों का कैंसर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती
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कनीना की आवाज।
फेफड़ों का कैंसर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है जो भारत में तेजी से फैल रहा है। अनुमान है कि 2024 में भारत में हर साल फेफड़ों के कैंसर के 13 लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और हर साल लगभग 8 लाख मौतें हो रही हैं। शहरीकरण, औद्योगिक गतिविधियों और जीवनशैली में बदलाव ने इस वृद्धि में योगदान दिया है। वायु प्रदूषण, धूम्रपान और औद्योगिक कैंसरकारी पदार्थों के संपर्क में आने जैसे कारक इस स्थिति को और बिगाड़ देते हैं। प्रभावित लोगों में, फेफड़ों के कैंसर की दर पुरुषों में ज़्यादा है, लगभग 70 प्रतिशत मामले, जबकि महिलाओं में यह दर 30 प्रतिशत है। आयुर्वेद स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो रोगों के मूल कारणों को दूर करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
 डा. राजीव गौड़ के अनुसार आयुर्वेद में, स्वास्थ्य बनाए रखने और रोगों से लडऩे के लिए आहार सर्वोपरि है। कैंसर रोगियों के लिए सात्विक आहार की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, जिसमें ताज़ा, जैविक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल हों। सात्विक खाद्य पदार्थ शरीर को पोषण देते हैं, मन को शांत करते हैं और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ाते हैं। इनमें ताज़े फल, सब्जिया, साबुत अनाज, फलियां, मेवे, बीज और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। सात्विक खाद्य पदार्थों पर जोर देने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, सूजन कम करने और शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रणाली को मज़बूत करने में मदद मिलती है।
कैंसर के रोगियों को तामसिक खाद्य पदार्थों, जो बासी, प्रसंस्कृत या रासायनिक रूप से उपचारित होते हैं, और राजसिक खाद्य पदार्थों, जो अत्यधिक मसालेदार, नमकीन या उत्तेजक होते हैं, से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ दोषों के असंतुलन को बढ़ा सकते हैं, विषाक्तता बढ़ा सकते हैं और उपचार प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। तामसिक खाद्य पदार्थों के उदाहरणों में डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, संरक्षित मांस और तली हुई चीजें शामिल हैं, जबकि राजसिक खाद्य पदार्थों में कैफीन युक्त पेय पदार्थ, अत्यधिक मसाले और प्रसंस्कृत शर्करा शामिल हैं।
फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव
आहार में बदलाव के अलावा, जीवनशैली में कुछ बदलाव फेफड़ों के कैंसर के आयुर्वेदिक उपचारों की प्रभावशीलता को काफ़ी बढ़ा सकते हैं। योग और प्राणायाम (श्वास संबंधी व्यायाम) का नियमित अभ्यास श्वसन क्रिया को बेहतर बनाने और तनाव कम करने में मदद कर सकता है। ध्यान और माइंडफुलनेस अभ्यास मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता के लिए लाभकारी हैं। पर्याप्त नींद, नियमित दिनचर्या बनाए रखना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी कैंसर की देखभाल के समग्र दृष्टिकोण के आवश्यक घटक हैं।
उनका कहना है कि आयुर्वेद फेफड़ों के कैंसर के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें दोषों के संतुलन, शक्तिशाली हर्बल योगों के उपयोग और सात्विक खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार पर ज़ोर दिया जाता है। इन सिद्धांतों को अपनाकर, जीवनशैली में ज़रूरी बदलावों के साथ, फेफड़ों के कैंसर के मरीज़ अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और पारंपरिक उपचारों का पूरक बन सकते हैं। आयुर्वेद के समय-परीक्षित ज्ञान को अपनाने से न केवल रोग के प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त होता है, बल्कि प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
फोटो कैप्शन: डा. राजीव गौड़



महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस किया याद
---अगिहार स्कूल में चला कार्यक्रम
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कनीना की आवाज।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की। कार्यवाहक  प्राचार्या पूनम यादव ने की विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने  विद्यार्थियों को शहीद उद्यम सिंह के जीवन, तथा देश की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे शहीद उधम सिंह के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करें जिन्होंने 21 साल तक जनरल डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने की आग को अपने सीने में दबाए रखा और विषम परिस्थितियों में लंदन जाकर भरी सभा में जनरल डायर को मार कर देश के अपमान का बदला लिया तथा लंदन की  पेंटोविले जेल में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। इस अवसर पर विद्यार्थियों को उद्यम सिंह के जीवन पर एक फिल्म भी दिखाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता अजय कुमार बंसल, निशा जांगड़ा,राजेंद्र कटारिया कैलाश देवी, धर्मेंद्र डीपीई, वंदना जांगड़ा राकेश कुमार  मुख्य शिक्षक रतन लाल, पूनम कुमारी, शशि कुमारी, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, चंद्रशेखर व प्रीतम सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: शहीद उधम सिंह को याद करते स्कूली विद्यार्थी


बरसात ने बढ़ाई समस्या
---जोहड़ हुए लबालब
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कनीना की आवाज।
पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण अटेली विधानसभा क्षेत्र के कनीना तथा अटेली कस्बे के कई स्थानों पर जल भराव के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बसपा नेता प्रमुख समाजसेवी अतरलाल ने अटेली कस्बे की अनाजमंडी, तहसील व खंड कार्यालय नया बस स्टैण्ड चौक, रेलवे रोड़, राधा कृष्ण मंदिर, धनौन्दा मोड़, नारनौल रेवाड़ी रोड़ का दौरा कर जल भराव की स्थिति का जायजा लिया तथा लोगों की परेशानी को जाना। उन्होंने कनीना के वार्ड नम्बर 12, संगम कालोनी, एस.सी. बस्ती, बाबा मोलडऩाथ मार्ग, गुढ़ा, कैमला, खेडी, बाघोत गांवों का दौरा कर वहाँ की जल भराव की समस्या का भी जायजा लिया।
   दौरे के बाद अतरलाल ने कहा कि टूटी-फूटी सड़कों और जल निकासी की समूचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जल भराव के कारण व्यापारी वर्ग का कारोबार ठप्प सा हो गया है। उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कस्बे में अनेक स्थानों ने जल भराव के कारण तालाबों का रूप ले लिया है। जिसके कारण आम लोगों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार तथा प्रशासन बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत तथा पानी की समुचित निकासी का प्रबन्ध करने में पूर्णतया विफल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों में भारी रोश व्याप्त है। उन्होंने सरकार तथा प्रशासन से तत्काल पानी निकासी के समुचित प्रबंध कर लोगों को राहत देने की मांग की।
फोटो कैप्शन 02: कस्बे में जलभराव की समस्या का जायजा लेते बसपा नेता अतरलाल।


कनीना नगर पालिका के लिए दो पार्षदों की शपथ एक को
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कनीना की आवाज।
कनीना की नीलम देवी तथा सवाई सिंह को हरियाणा सरकार ने कनीना नगर पालिका के लिए पार्षद बतौर मनोनीत किया गया है जिनको शपथ कनीना नगरपालिका में एक अगस्त को सुबह दस बजे दिलवाई जाएगी। उल्लेखनीय है की नीलम देवी के पति कुलदीप वाटर सप्लाई में काम करते हैं। उधर सवाई सिंह वार्ड 14 को सरकारी पार्षद मनोनीत किया गया है। उल्लेखनीय की सवाई सिंह एक समाजसेवी है तथा तथा विभिन्न समाज सेवाओं एवं बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। उल्लेखनीय है कि कनीना नगर पालिका के 14 वार्डो से 14 पार्षद तथा प्रधान पहले से ही चुने जा चुके हैं। अब ये दोनों पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत करके भेजे गए हैं
फोटो कैप्शन :नीलम देवी तथा सवाई सिंह






 कनीना में बने मार्किंग सेंटर
-उपमंडल बनने के बाद भी सुविधाएं नदारद
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल होते हुए भी अभी तक मार्किंग सेंटर नहीं बनाया गया है। यहां तक की ग्रुप सी व डी एचटेट आदि की परीक्षाएं भी कनीना में आयोजित नहीं की जा रही है जिसको लेकर लोगों में रोष है। एक और जहां उप-मंडल होते हुए बड़े-बड़े संस्थान है वहीं यहां केंद्र नहीं बनाए गए हैं। एक और जहां मार्किंग सेंटर भी उपमंडल स्तर पर बनाए जाने चाहिए, ऐसे में कनीना सर्वथा उचित केंद्र बन सकता है। यहां मार्किंग सेंटर जरूर बनाया जाना चाहिए। पूर्व शिक्षक नेता कंवरसेन वशिष्ठ ने कनीना में मार्किंग सेंटर बनाये जाने की मांग की है।





कनीना क्षेत्र में हुई 21 एमएम वर्षा, वर्षा जारी
-तीन दिनों में हो चुकी है 76 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज।
क्षेत्र में तीन दिनों से अच्छी खासी वर्षा हो रही है। जहां गुरुवार को कनीना क्षेत्र में वर्षा होती रही और 21 एमएम वर्षा नोट की गई। वहीं विगत दो दिनों में 76 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी। इस समय खेतों में कपास, बाजरा और ग्वार की फसल खड़ी हुई है। किसान खुश नजर आए। चारों ओर पानी ही पानी भर गया है। कनीना नगर पालिका असहाय नजर आ रही है। दोनों जोहड़ों कालरवाली एवं होलीवाला की स्थिति गंभीर बनी हुई है। कनीना के होलीवाला और कालर
वाली दोनों जोहड़














की स्थिति गंभीर बन गई है। दोनों जोहड़ों के मुख्य मार्ग पर गंदा पानी आधा-आधा किलोमीटर दूर तक भरा हुआ है। नगरपालिका गंदा पानी निकासी का अस्थायी प्रबंध जरूर कर रही है। किंतु स्थाई प्रबंध नहीं किया गया है। कनीना में जहां भी जिस गली में देखे गंदा पानी भरा हुआ है, लोग असहज नजर आ रहे हैं और गंदे जल से होकर गुजर रहे हैं और दैनिक कार्य कर रहे हैं।
किसान खुश-
कनीना के किसान खुश हैं तथा विगत दिनों से वर्षा का इंतजार कर रहे थे। वर्षा अभाव में फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा था। आखिरकार 2 दिनों से वर्षा होने से किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता छा गई है। किसने कहना है की अच्छी पैदावार हो पाएगी। सबसे अधिक बाजरे की बिजाई की हुई है ।कनीना क्षेत्र में जहां किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि बाजरे की फसल में भुट्टे आने शुरू हो गए हैं। जल्दी फसल पक जाएगी। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में लावणी की संभावना बनी हुई है।
सड़कों पर भी भरा है गंदा जल-
 कनीना की अनाज मंडी के पास से होकर जाने वाली अटेली और रेवाड़ी सड़क मार्ग को जोडऩे वाली सड़क पर जगह-जगह गंदा पानी भर गया है। वहीं रेवाड़ी के प्रमुख सड़क मार्ग पर भी गंदा जल भर गया है। आवागमन गंदे पानी से हो रहा है।
कोसली- रेवाड़ी-कनीना टी-प्वाइंट की हालात बदतर-
 कनीना के कालरवाली जोहड़ का गंदा पानी रेवाड़ी-कोसली और कनीना टी-प्वाइंट पर जमा होता जा रहा है। लंबे समय से यहां गंदा पानी जमा होता आ रहा है। विगत वर्र्षों भी इस जोहड़ ने सड़क मार्ग को लाखों रुपये की क्षति पहुंचाई थी। एक बार फिर से गंदा जल यहां भरा हुआ है कोई भी दुर्घटना किसी भी समय घट सकती है।
इस वर्ष हुई अच्छी वर्षा-
 कनीना क्षेत्र में इस वर्ष जहां विगत वर्ष की तुलना में बेहतर वर्षा हुई है। अब तक 297 एमएम वर्षा हो चुकी थी जबकि तीन दिनों में 60 एमएम वर्षा और हो चुकी है। इस प्रकार 357 एमएम वर्षा अंकित की गई है।
कनीना के शिव भोले शिवालय के पास गंदा जल भर गया है। गंदा जल लंबे समय से यहां जमा होता आ रहा है। धार्मिक स्थान होते हुए भी यहां गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है।
जिसका लोगों में बाहरी रोष है।
फोटो कैप्शन 04: रेवाड़ी टी-प्वाइंट पर भरा गंदा जल
06: शिव भोले के पास भरा गंदा जल
07: होलीवाला जोहड़ पर भरा गंदा जल
08: कालरवाली जोहड़ पर भरा गंदा जल
09: खेतों में फसल पर हो रही वर्षा
05: कनीना में सड़कों पर भरा गंदा जल

Wednesday, July 30, 2025


 




कर्मचारी चयन विधि आयोग दिल्ली द्वारा दिए गए दूरदराज परीक्षा केंद्र, रोष
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कनीना की आवाज।
 कर्मचारी चयन आयोग दिल्ली द्वारा सी ग्रुप की चयन परीक्षा के लिए दूर दराज अभ्यर्थियों को भेजा गया है जिसको लेकर कनीना के समाजसेवी कंवरसैन वशिष्ठ ने रोष जताते हुए बताया कि ग्रुप-सी की परीक्षा आयोजित करने के लिए काठगोदाम हल्द्वानी आदि जगह हरियाणा के अभ्यर्थियों को दिए गए हैं। यह स्टेशन नेपाल बार्डर के पास पड़ते हैं जबकि पूरे हरियाणा में बड़े-बड़े शहर है, यही नहीं दिल्ली में भी केंद्र बनाए जा सकते हैं। जब नेट की परीक्षा के लिए दिल्ली में और गुरुग्राम में केंद्र बनाए जा सकते हैं तो दिल्ली कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस प्रकार दूर दराज सेंटर बनाया जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा में ग्रुप-सी और डी के लिए अभ्यर्थियों के गृह जिले के पास ही केंद्र बनाए गए हैं उसी प्रकार दिल्ली कर्मचारी चयन आयोग को भी दिल्ली के आसपास ही केंद्र बनाए जाने चाहिए।






 कनीना में बने मार्किंग सेंटर
-उपमंडल बनने के बाद भी सुविधाएं नदारद
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल होते हुए भी अभी तक मार्किंग सेंटर नहीं बनाया गया है। यहां तक की ग्रुप सी व डी एचटेट आदि की परीक्षाएं भी कनीना में आयोजित नहीं की जा रही है जिसको लेकर लोगों में रोष है। एक और जहां उप-मंडल होते हुए बड़े-बड़े संस्थान है वहीं यहां केंद्र नहीं बनाए गए हैं। एक और जहां मार्किंग सेंटर भी उपमंडल स्तर पर बनाए जाने चाहिए, ऐसे में कनीना सर्वथा उचित केंद्र बन सकता है। यहां मार्किंग सेंटर जरूर बनाया जाना चाहिए।







कनीना क्षेत्र में हुई 31 एमएम वर्षा, वर्षा जारी
-दो दिनों में हो चुकी है 50 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज।
क्षेत्र में दो दिनों से अच्छी खासी वर्षा हो रही है। जहां बुधवार को कनीना क्षेत्र में देर शाम तक वर्षा होती रही और 31 एमएम वर्षा नोट की गई। वहीं विगत दिवस मंगलवार को 19 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी। इस समय खेतों में कपास, बाजरा और गवार की फसल खड़ी हुई है। किसान खुश नजर आए। चारों ओर पानी ही पानी भर गया है। कनीना नगर पालिका असहाय नजर आ रही है। दोनों जोहड़ों कालरवाली एवं होलीवाला की स्थिति गंभीर बनी हुई है। कनीना के होलीवाला और कालर ाली दोनों जोड़ों की स्थिति गंभीर बन गई है। दोनों जोहड़ों के मुख्य मार्ग पर गंदा पानी आधा-आधा किलोमीटर दूर तक भरा हुआ है। नगरपालिका गंदा पानी निकासी का अस्थायी प्रबंध जरूर कर रही है। किंतु स्थाई प्रबंध नहीं किया गया है। कनीना में जहां भी जिस गली में देखे गंदा पानी भरा हुआ है, लोग असहज नजर आ रहे हैं और गंदे जल से होकर गुजर रहे हैं और दैनिक कार्य कर रहे हैं।
किसान खुश-
कनीना के किसान खुश हैं तथा विगत दिनों से वर्षा का इंतजार कर रहे थे। वर्षा अभाव में फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा था। आखिरकार 2 दिनों से वर्षा होने से किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता छा गई है। किसने कहना है की अच्छी पैदावार हो पाएगी। सबसे अधिक बाजरे की बिजाई की हुई है ।कनीना क्षेत्र में जहां किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि बाजरे की फसल में भुट्टे आने शुरू हो गए हैं। जल्दी फसल पक जाएगी। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में लावणी की संभावना बनी हुई है।
सड़कों पर भी भरा है गंदा जल-
 कनीना की अनाज मंडी के पास से होकर जाने वाली अटेली और रेवाड़ी सड़क मार्ग को जोडऩे वाली सड़क पर जगह-जगह गंदा पानी भर गया है। वहीं रेवाड़ी के प्रमुख सड़क मार्ग पर भी गंदा जल भर गया है। आवागमन गंदे पानी से हो रहा है।
कोसली- रेवाड़ी-कनीना टी-प्वाइंट की हालात बदतर-
 कनीना के कालरवाली जोहड़ का गंदा पानी रेवाड़ी-कोसली और कनीना टी-प्वाइंट पर जमा होता जा रहा है। लंबे समय से यहां गंदा पानी जमा होता आ रहा है। विगत वर्र्षों भी इस जोहड़ ने सड़क मार्ग को लाखों रुपये की क्षति पहुंचाई थी। एक बार फिर से गंदा जल यहां भरा हुआ है कोई भी दुर्घटना किसी भी समय घट सकती है।
इस वर्ष हुई अच्छी वर्षा-
 कनीना क्षेत्र में इस वर्ष जहां विगत वर्ष की तुलना में बेहतर वर्षा हुई है। अब तक 297 एमएम वर्षा हो चुकी थी जबकि दो दिनों में 50 एमएम वर्षा और हो चुकी है। इस प्रकार 347 एमएम वर्षा अंकित की गई है।
कनीना के शिव भोले शिवालय के पास गंदा जल भर गया है। गंदा जल लंबे समय से यहां जमा होता आ रहा है। धार्मिक स्थान होते हुए भी यहां गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है।
जिसका लोगों में बाहरी रोष है।
फोटो कैप्शन 04: रेवाड़ी टी-प्वाइंट पर भरा गंदा जल
06: शिव भोले के पास भरा गंदा जल
07: होलीवाला जोहड़ पर भरा गंदा जल
08: कालरवाली जोहड़ पर भरा गंदा जल
09: खेतों में फसल पर हो रही वर्षा
05: कनीना में सड़कों पर भरा गंदा जल





जनसेवा ग्रुप द्वारा पौधारोपण करके मनाया जन्मदिवस
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कनीना की आवाज।
कनीना उप-मंडल के गांव सेहलंग में सेहलंगिया जनसेवा ग्रुप द्वारा जन्मदिवस पर पौधारोपण अभियान  चलाया गया। जन सेवा ग्रुप के सदस्य दीप लाठ ने बताया कि रमेश क्रांति हिन्दू मंडल उपाध्यक्ष भाजपा के जन्मदिन पर  गांव के सार्वजनिक भूमि पर 101 फलदार, फूलदार व छायादार पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ली गई। मोहित हीर ने जन्मदिन पर पौधारोपण के कार्य को पर्यावरण के लिए एक अनूठी पहल बताया। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि सभी को अपने जन्मदिवस पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए जो कि वातावरण को अनुकूल बनाए रखने में सहायक कदम होगा। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा ग्रुप के सदस्यों के जन्मदिवस पर पौधारोपण किया जाता है। संस्था द्वारा आज तक 500 पौधे लगाए गए हैं। इस दौरान मोहित हीर, दीप लाठ, मोहित शर्मा इसराना, रोहित, प्रवीण नंबरदार, हंसराज, हिमांशु, अजय, रजत, सुनील, सतपाल सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10: सेहलंग के ग्रुप द्वारा पौधारोपण




हेरिटेज विद्यालय में विद्यार्थियों के जन्मदिन पर वृक्षारोपण किया
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कनीना की आवाज।
उपमंडल कनीना में स्थित हेरिटेज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दिनांक 30 जुलाई 2025 को बच्चों के जन्म दिवस पर विद्यालय प्रांगण में विभिन्न प्रकार के वृक्ष लगाए गए, जिसमें कुछ फलदार, छायादार व कुछ फूलदार वृक्ष भी शामिल रहे। फलदार पेड़ों में जामुन का पेड़, आम का पेड़, चीकू का पेड़ आदि और भी अन्य वृक्ष लगाएं छायादार वृक्षों में से नीम का वृक्ष, शीशम का वृक्ष व अन्य और भी वृक्ष लगाए गए फूलों में भी काफी अच्छे अच्छे सुंदर फूलों के वृक्ष भी लगाए गए। यह कार्य विद्यालय के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने हाथों से प्रारंभ किया व जिन बच्चों का जन्मदिन था, उन बच्चों से भी वृक्ष लगवाएं। इसके साथ ही बच्चों ने यह प्रण भी लिया कि वह प्रतिवर्ष अपने जन्मदिन पर एक वृक्ष चाहे वह अपने घर पर या विद्यालय प्रांगण में या किसी सामाजिक स्थल पर अवश्य लगाएंगे। इस पर विद्यालय अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने बच्चों को वृक्षों की अहमियत के बारे में बताया की वृक्ष हमारे जीवन में किस प्रकार से अहम भूमिका निभाते हैं। उन तथ्यों को बच्चों के साथ सांझा किया।  इस पूरे खुशीराम शर्मा, प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, को-आर्डिनेटर सुरेंद्र कुमार जूनियर को-आर्डिनेटर सुमन व समस्त अध्यापक गण शामिल रहे।
फोटो कैप्शन 01: जन्म दिन मनाते हुए।


आलसी हो गये लोग या जानकारी नहीं
-व्हाट्सएप से अलग होना ही नहीं चाहते
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कनीना की आवाज।
कनीना के लेखक डा. होशियार सिंह यादव जो लगातार व्हाट्सएप के जरिए साथियों, सहयोगियों से जुड़ा हुआ था, अचानक कंपनी ने दोनों फोन व्हाट्सएप बंद कर दिए गये। कारण दिया गया कि अधिक मैसेज फारवर्ड किये हैं। तत्पश्चात से होशियार सिंह पत्रकार के पास व्हाट्सएप नहीं बचा, परिणाम यह निकला के लोग अभी भी पुराने नंबर जिन पर व्हाट्सएप नहीं है, पर ही व्हाट्सएप मैसेज भेजे जा रहे हैं। इक्का दुक्का फोन आया कि कैसे समाचार भेजें जाये? जिन लोगों ने मेरे से पूछा कि समाचार कैसे भेजे? तो मैंने उन्हें अपनी मेल पर समाचार भेजने की बात कही लेकिन आश्चर्य हुआ कि या तो वो मेल भेजने नहीं चाहते या फिर मिल भेजना आता ही नहीं है? उन्होंने मेल भेजने की बात तो कही लेकिन मेल पर कोई संदेश नहीं भेजा। कुछ एक साथियों ने तो कहा कि हम समाचार आपके पास तभी भेजेंगे जब व्हाट्सएप होगा, उनको समझाया गया कि व्हाट्सएप से भी आसान मेल होता है लेकिन मेल से किसी साथी ने कोई समाचार नहीं भेजा। यहां तक कि एक विज्ञापन देने वाले ने कहा कि विज्ञापन भेजना चाहता है लेकिन मेल नहीं भेजना आता। ऐसे में एक बात स्पष्ट सामने आई कि व्हाट्सएप से तो लोग जुड़े हुए हैं और उसे आसानी से प्रयोग कर लेते लेकिन मेल आदि का ज्ञान नहीं है, जिनको ज्ञान है वह आलसी हैं। आलस्य को छोड़कर मेेले जैसे सभी संसाधनों का उपयोग करेंगे तभी सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।







रेल तंत्र के मानकों की स्कूली छात्राओं को दी जानकारी
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कनीना की आवाज।
बच्चे हमारे समाज की अनमोल धरोहर हैं तथा उन्हें सुरक्षा के सही मापदंडों की जानकारी देकर अच्छे नागरिक बना सकते हैं , रेलवे हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है तथा रेल तंत्र से जुड़े सभी सुरक्षा मानकों की जानकारी विद्यार्थियों के जीवन में अति महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये विचार रेलवे पुलिस के महेंद्रगढ़ प्रभारी उप निरीक्षक अनिल कुमार गौतम ने राजकीय कन्या  वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में छात्राओं व स्टाफ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रेलवे परिसर में प्रवेश करते ही हमें रेलवे के नियमों का पालन करना चाहिए बिना टिकट रेल यात्रा, रेलगाड़ी की चेन पुलिंग तथा रेलवे लाइन व प्लेटफार्म पर पैदल पार करने की गलतियां ना की जाए । उन्होंने रेलवे की धारा 139 का जिक्र करते हुए बताया कि गलत तरीके से रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व बिना टिकट रेल यात्रा करने पर न केवल आर्थिक दंड मिलता है बल्कि कानूनी सजा का भी प्रावधान है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन अति आवश्यक है अगर विद्यार्थी अनुशासित रहकर सड़क पर रेल के सुरक्षा नियमों का पालन करें तो समाज में एक वैचारिक क्रांति आ सकती है तथा भारत का
 भविष्य प्रगति के मार्ग पर जा सकता है । इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता प्रवीण कुमार स्नेहलता ,कुलदीप सिंह, पवन कुमार, दिनेश कुमार ,वीरेंद्र सिंह ओम प्रकाश, जीआरपी के योगेश कुमार सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 03: कनीना मंडी में जानकारी देते पुलिस अधिकारी।





30 सालों की सेवा कर सेवानिवृत्त हुई शिक्षिका
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कनीना की आवाज।
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में कार्यरत सिलाई अध्यापिका शीला देवी आज 30 वर्ष की सेवा के बाद से वाले पर सेवानिवृत्ति हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है देश का भविष्य बनाता है तथा राष्ट्र की दिशा व दशा तय करता है ।
उन्होंने कहा कि शीला देवी की सेवाएं शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय रही तथा उनकी प्रथम नियुक्ति इसी विद्यालय में मार्च 1995 में हुई  तथा इसी विद्यालय से उनकी सेवानिवृत्ति आज हुई है ।
अपने संबोधन में शीला देवी ने कहा कि यह 30 वर्ष की सेवा एक ही विद्यालय में करना उनके लिए जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है तथा वह यहां के स्टाफ व  विद्यार्थियों से मिले प्यार को कभी नहीं भूल पाएंगी । कार्यक्रम का संचालन गृह विज्ञान की अध्यापिका शालिनी प्रधान ने किया,
इस अवसर पर रिटायर्ड प्राचार्य लाल सिंह यादव, प्रमोद कुमार, डा. राजेंद्र प्रसाद , निर्मला देवी ,उज्जवल, हर्षित, अभिषेक ,सोनिया,  मुख्य अध्यापक कैलाश चंद्र, रूबी देवी, , सुनीता देवी राज बाला ,अनीता यादव, कश्मीरी निमल, बस्तीराम यादव ,सतवीर सिंह, सुषमा देवी ,रेखा ,राकेश कुमार डीपी, राजेश शास्त्री बाबूलाल यादव विकास यादव शाहिद समस्त स्टाफ उपस्थित था ।
फोटो  02: शिक्षिका के सेवानिवृत्ति समारोह में उपस्थित अधिकारी



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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक एवं पत्रकार डा. होशियार सिंह यादव के दोनों व्हाट्सअप 9416348400 तथा 9306300700 दोनों बंद हैं। ऐसे में समाचार भेजने के लिए मेरा मेल आईडी hsnirban2025@gmail.com ही प्रयोग करें। ताजा समाचार पढऩे के लिए टेलीग्राम पर तथा विडियो के रूप में उपलब्ध रहती हैं।
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Tuesday, July 29, 2025


 


रेलवे की स्कूली छात्राओं को दी जानकारी
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कनीना की आवाज।
बच्चे हमारे समाज की अनमोल धरोहर हैं तथा उन्हें सुरक्षा के सही मापदंडों की जानकारी देकर अच्छे नागरिक बना सकते हैं , रेलवे हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति है तथा रेल तंत्र से जुड़े सभी सुरक्षा मानकों की जानकारी विद्यार्थियों के जीवन में अति महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। ये विचार रेलवे पुलिस के महेंद्रगढ़ प्रभारी उप निरीक्षक अनिल कुमार गौतम ने राजकीय कन्या  वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में छात्राओं व स्टाफ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रेलवे परिसर में प्रवेश करते ही हमें रेलवे के नियमों का पालन करना चाहिए बिना टिकट रेल यात्रा, रेलगाड़ी की चेन पुलिंग तथा रेलवे लाइन व प्लेटफार्म पर पैदल पार करने की गलतियां ना की जाए । उन्होंने रेलवे की धारा 139 का जिक्र करते हुए बताया कि गलत तरीके से रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व बिना टिकट रेल यात्रा करने पर न केवल आर्थिक दंड मिलता है बल्कि कानूनी सजा का भी प्रावधान है।
इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन अति आवश्यक है अगर विद्यार्थी अनुशासित रहकर सड़क पर रेल के सुरक्षा नियमों का पालन करें तो समाज में एक वैचारिक क्रांति आ सकती है तथा भारत का
 भविष्य प्रगति के मार्ग पर जा सकता है । इस अवसर पर वरिष्ठ प्रवक्ता प्रवीण कुमार स्नेहलता ,कुलदीप सिंह, पवन कुमार, दिनेश कुमार ,वीरेंद्र सिंह ओम प्रकाश, जीआरपी के योगेश कुमार सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 06: कनीना मंडी में जानकारी देते पुलिस अधिकारी।






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उप प्रधान चुनाव की तिथि घोषित करने का इंतजार
-तीन बार हो चुके हैं चुनाव स्थगित
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के उप प्रधान के बनाए जाने की तिथि घोषित की जाने की मांग उठ रही है। अभी तक तीन बार चुनाव स्थगित हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 12 अप्रैल को कनीना पालिका के चुनाव संपन्न हुये थे किंतु अभी तक उप प्रधान का चुनाव नहीं हो सका है। इससे पहले जहां 18 अप्रैल को पहली बार, 26 अप्रैल को दूसरी बार फिर 20 जून को तीसरी बार उप प्रधान पद के लिए तिथि घोषित हुई थी जो स्थगित कर दी गई। कनीना के 14 वार्डों से चुने हुए प्रतिनिधि तथा प्रधान पद का प्रतिनिधि  सहित 8 पार्षदों से कोरम पूरा होना है तथा उप-प्रधान पद को बहुत अधिक जरूरत समझी जा रहा है क्योंकि विकास कार्यों में अहं योगदान होगा। कनीना में उप प्रधान वही बनेगा जिसके सिर पर राव इंद्रजीत सिंह और आरती सिंह राव का हाथ होगा। अभी तक उप-प्रधान पद पूरा होने के बाद ही कनीना के अनेकों कार्य जो अधर में पड़े हैं को पूर्ण हो सकेंगे। अब देखा जाना है कि कब फिर से चुनावों की तिथि घोषित की जाएगी। कनीना के विकास कार्यों के दृष्टिगत भी तिथि घोषित किये जाने की मांग उठ रही है। जिले की एकमात्र कनीना नगरपालिका है जिसमें उप प्रधान का अभी तक चुनाव नहीं हो पाया है।







माया देवी ने लगाई गायों के लिए सवामणि
कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में लगाई सवामणि
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कनीना की आवाज।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना में माया देवी सत्संगी नौतनिया ने सपरिवार सवामणि का आयोजन किया गया और  गौ-माताओं को अपने हाथों से बाल्टी भर-भर दलिया, खल, चारे में डाला गया। इस मौके पर मायादेवी व परिवार के सदस्य सूबेदार महेंद्र सिंह ,सूबेदार दुलीचंद, कप्तान दीनदयाल, सोनू ,संदीप ,नीलम देवी, सरिता ,सुमन , कमला,संतोष ,प्रेम सम्मिलित रहे व श्री कृष्ण गौशाला के प्रधान  भगत सिंह ,मास्टर रामप्रताप ,रामपाल, अशोक पैकन, मास्टर कृष्ण प्रकाश ,बलवान ,राजेंद्र पार्षद आदि उपस्थित रहे। इस मौके पर प्रधान भगत सिंह ने कहा कि गायों की सेवा करने से सच्चा सुख मिलता है। गायों को माता का दर्जा दिया गया है और इनकी सेवा से सभी पाप मिट जाते हैं। उन्होंने विभिन्न उत्सवों पर इस प्रकार के आयोजन करने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 05: गायों के लिए सवामणि लगाते हुए माया देवी






फिर से कनीना में हुई 17 एमएम वर्षा
- भरा गंदा पानी, तीन माह में हुई 297 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में सोमवार की रात को 17 एमएम वर्षा हुई। कनीना क्षेत्र में 25 मई को 22 एमएम, 1 जून को 16 एमएम वर्षा हुई। तत्पश्चात 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर 14 एमएम वर्षा हुई थी। एक जुलाई को 17 एमएम वर्षा हुई , 6 जुलाई की रात को 20 एमएम वर्षा हुई वहीं 8 जुलाई को 32 एमएम वर्षा हुई , बाद में भी वर्षा होती रही। अब 15 दिनों के बाद 17 एमएम वर्षा हुई है। इस समय बाजरे की फसल लहलहा रही है। परंतु होलीवाला जोहड़ के पास सड़कों पर दूर दराज तक गंदा जल फैल गया है। कुछ घरों में भी गंदा जल घुस गया है।
सबसे खराब गली--
कनीना का होलीवाला एवं कालरवाली सड़क मार्ग जो सबसे व्यस्त मार्गों में से हैं, पर एक माह में करीब 20 दिन गंदा जल भरा रहता है। चार बंूदे वर्षा की होने पर भी यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, गंदा पानी भरा खड़ा मिलता है। सबसे बड़ी समस्या है कि कोई वैकल्पिक मार्ग नजर नहीं आता जिसके चलते गंदे पानी के अंदर से ही लोग अपने दैनिक कार्य करने को बाध्य हैं। एक और जहां नगर पालिका बनने के बाद लोगों को आस हुई थी कि अब इस गंदे पानी का स्थायी समाधान हो जाएगा किंतु नगर पालिका इसका कोई समाधान नहीं कर पाई जबकि स्वास्थ्य हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने इस जोहड़ की गाद निकालने एवं पैमाइश करने की बात कही थी किंतु करवाई गई परिणाम यह है कि वर्ष भर लोग इस गंदे पानी की परेशानी की मार झेलते रहते हैं और यह सड़क मार्ग पुन: निर्मित किया गया था किंतु अब यह फिर से जर्जर होने के कगार पर पहुंच गया है। इसका गंदा पानी नगर पालिका जब तक निकलवाती है तब तक वर्षा हो जाती है। ऐसे में अब लोग नगर पालिका की ओर देख रहे हैं कि कब इस गंदे पानी से निजात दिलवाया जाएगा।
किसान खुश-
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि अब बाजरे की फसल बेहतर होने की संभावना है। अब बेहतर फसल होने के आसार बन गए हैं। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है।
 पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज यादव ने बताया कि वर्षा से फसलों को लाभ होगा। उन्होंने बताया कि इस समय करीब 20,000 हेक्टेयर पर बाजरा उगाया गया है। वर्षा का  फसलों के लिए अमृत साबित होगा।
 बाजरे का एमएसपी बेहतर-
कनीना व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि बाजरे का एमएसपी 2775 रुपये क्विंटल रखा गया है। बेहतर भाव होने से किसानों का रुझान बाजरे की ओर अधिक रहा है।
फोटो कैप्शन 02, 03 व 04:  होलीवाला जोहड़, शिवभोले के पास तथा गलियों में भरा गंदा जल





मिड डे मील वर्कर्स की मांगें मानी जाए
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कनीना की आवाज।
बहुजन समाज पार्टी के नेता प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने हरियाणा सरकार से मिड-डे-मील वर्कर तथा सहायकों की मांगों को तत्काल स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।
 अतरलाल ने शिक्षामंत्री महिपाल ढ़ांडा को लिखे पत्र में कहा है कि मिड-डे-मील वर्कर तथा सहायकों की सभी मांगे जायज तथा तर्क संगत हैं। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील वर्कर तथा सहायक अपनी ड्यूटी बड़ी निष्ठा से निभाती हैं परन्तु सरकार द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी के कारण उनमें रोष बढ़ता जा रहा है तथा काफी दिनों से आंदोलन कर रही हैं। उन्होंने पत्र में मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि मिड-डे-मील वर्करर्स को न्यूनतम 26 हजार रूपए प्रति माह मानदेय देने, सेवानिवृत्ति के बाद 10 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि देने, हादसा व आकस्मिक निधन होने पर पीडि़त आश्रित परिवार को 10 लाख रुपये की एक मुश्त आर्थिक सहायता देने, पूरे 12 महीने का मानदेय देने की मांगे बिल्कुल जायज हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल से मिड-डे-मील वर्कर तथा सहायकों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है। जबकि इस दौरान महंगाई चार गुणा बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मील वर्कर तथा सहायक बड़ी तंगी तथा गरीबी में जी रहे हैं। इसलिए सरकार को तत्काल उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए।


सरकार सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू करें- धर्मपाल शर्मा
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कनीना की आवाज।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक के पूर्व राज्य सचिव धर्मपाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के लिए सरकार पुरानी पेंशन स्कीम लागू करे। उन्होंने कहा एनपीएस छुरी है तो यूपीएस कटार का काम करेगी यदि एनपीएस और यूपीएस इतनी अच्छी स्कीम है तो यह स्कीम पहले विधायक और सांसदों पर लागू की जाए और बाद में कर्मचारियों पर लागू की जाए। पुरानी पेंशन स्कीम  में अंतिम वेतन की आधी पेंशन + डीए+ मेडिकल रिंबर्समेंट वह भी बिना किसी अंशदान के, सामाजिक सुरक्षा के तहत आर्थिक सुरक्षा की गारंटी है। जीपीएफ व ग्रेच्युटी का पेंशन से कोई संबंध नहीं, ये पहले भी अलग थे अब भी अलग हैं।
एनपीएस में सामाजिक सुरक्षा पूर्णत: समाप्त है।
कर्मचारी/शिक्षक के वेतन का 10 प्रतिशत व सरकार का 14 प्रतिशत अंशदान निजी कंपनियों के शेयर बाज़ार में जाता है, जिससे भविष्य में जो शेयर दे दें या न दें उसी पर पेंशन निर्भर करती है।कागज़ों में लाखों की पेंशन दिखाई गई लेकिन व्यवहार में सैकड़ों की मिली, वह भी बुढ़ापा पेंशन से कम।मेडिकल रिंबर्समेंट भी बंद कर दिया गया,डीए से भी नहीं जोड़ा गया।
अब 1 अगस्त से हरियाणा में सरकार ने यूपीएस  को चुनने का विकल्प दिया है, इसे भी गहराई से देखें। यूपरीएस योजना के प्रमुख बिंदु (सरकारी अधिसूचना की शब्दावली के अनुसार): (3) अधिसूचना में उल्लिखित अन्य शर्तों के अधीन, यूपीएस में सुनिश्चित भुगतान इस प्रकार होगा:(क) सेवानिवृत्ति से ठीक पहले के पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन, जो कि न्यूनतम 25 वर्ष की अर्हक सेवा के बाद देय होगी।(25 साल से कम नौकरी पर 50त्न नहीं दी जाएगी)
(ख) यदि सेवा अवधि 25 वर्ष से कम है, तो आनुपातिक पेंशन मिलेगी।(ग) 10 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पर 10,000 रुपये मासिक न्यूनतम पेंशन (10 वर्ष से कम पर कम मिलेंगी)।(दस) सेवा के बाद मृत्यु की स्थिति में, मृतक की पेंशन का 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन, विधिक रूप से विवाहित पति या पत्नी को मिलेगा।(1) पेंशन व पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत (डीए) मिलेगी, जैसे सेवा में कर्मचारियों को ष्ठ्र मिलता है।  पेंशन शुरू होने के बाद डीए देय नहीं होगा।(डीए) हर 6 माह की अर्हक सेवा पर मूल वेतन + डीए का 10त्न एकमुश्त भुगतान, जो पेंशन को प्रभावित नहीं करेगा।यूपीएस का कॉर्पस दो भागों से बनेगा:
(क) कर्मचारी व सरकार के बराबर अंशदान से बना व्यक्तिगत कॉर्पस(10प्रतिशत+10प्रतिशत)
(ख) सरकार के अतिरिक्त अंशदान से बना पूल कॉर्पस (8.5 प्रतिशत)
 यह अतिरिक्त अंशदान तभी मिलेगा जब पेंशन 10,000 रुपये  से कम बनती हो, और उतना ही मिलेगा जितनी कमी हो।(जिनकी पेंशन 14 प्रतिशत अंशदान पर ही 10,000 रुपये से ऊपर बन रही थी उनसे कटौती कर जिनकी कम बन रही है, उन्हें थोड़ी राहत।






गोगा पीर की छड़ी-2025 घूमने लगी
-गोगा पर्व को करती है इंगित








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कनीना की आवाज।
गोगा पीर की छड़ी को कनीना में घूमते एक माह होने को है। यह छड़ी गोगा पर्व के पास आने पर ही दिखाई पड़ती है। करीब 50 फुट तक ऊंची गोगा पीर की मुबारक देने वाली छड़ी को चंद एक जाति विशेष के लोग घर घर ले जाते हैं।
   वर्षों से कनीना में एक जाति विशेष के लोग जिनमें भक्त विजय कुमार, बीर सिंह, सोनू, प्रवीन, अजीत, महेंद्र आदि जाहर वीर गोगा पर्व नजदीक आने पर गोगा छड़ी को कनीना में घूमाने लग जाते हैं जिसे जाहर वीर को घोड़ा नाम से जाना जाता है। जो इस ओर इंगित करते हैं कि अब गोगा पर्व नजदीक आ पहुंचा है। करीब 50 फुट ऊंची यह गोगा की छड़ी अति मेहनत से बनाई हुई है। इस छड़ी में एक बड़े बांस पर मोर पंख, रंगीन वस्त्र,गोटा आदि से सजाकर गोगा पीर की छड़ी बनाते हैं। गोगा पर्व से दो माह पूर्व ही इस छड़ी को लेकर पांच सात जनों की एक टोली, ढोल और ताशों के साथ नृत्य करती द्वार-द्वार तक पहुंचती है और छड़ी की मुबारक देते हैं।
 जहां गोगा की छड़ी अति मनमोहक होती है वहीं छड़ी के साथ गीत एवं भजन करती टोली भी अति सुंदर लगती है। इस छड़ी को देखने के लिए बच्चों की भारी भीड़ जमा हो जाती है वहीं घर घर के द्वार पर जाने पर घर के दरवाजे खोलकर इसका स्वागत किया जाता है। इस छड़ी के आने के पीछे मुबारकवाद देना होता बदले में प्रत्येक घर से इन्हें कुछ दान दक्षिणा दी जाती है।  
  उन्होंने बताया कि इस छड़ी का हर वर्ष शृंगार किया जाता है तथा गलियों में लेकर जाते हैं। इस छड़ी को हर वर्ष जाहर वीर गोगा स्थल गोगामेड़ी भी ले जाया जाता है। उन्होंने बताया कि सैकड़ों वर्षों से उनके पूर्वज यह छड़ी यूं ही गली गली ले जाया करते थे जो आज भी चली आ रही है। उल्लेखनीय है कि कनीना में 16 अगस्त को जन्माष्टमी तो 17 अगस्त को गोगा पर्व मनाया जाएगा।
फोटो कैप्शन 01: गोगा पर्व की मुबारक देने वाली छड़ी।




 

Monday, July 28, 2025


 


चोर साहब के कारनामे-28
चोर को सहनी पड़ती हैं मौत के बाद भी कठोर यातनाएं-प्रेमानंद
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार होशियार सिंह के प्लाट से जहां विगत लंबे समय से गमले, तीन ट्राली पत्थर ,ईंट, बिजली का सामान तथा कृषि उपकरण आदि चोरी कर ले गया। और तो और निर्माणाधीन मंढ़ी की ईंटें भी उखाड़ ले गया। चोर साहब को शांति तभी मिलती है जब तक कि वह किसी का बुरा नन कर दे। चोर साहब ने विगत समय में ऐसे ऐसे कारनामे कर दिखलाया जिनको सुनकर लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। एक के बाद एक तीन ट्राली पत्थर उठाने और वह भी रातोंरात जो बहुत कठिन कार्य है किंतु कठिन कार्य को भी उसने बखूबी से अंजाम दे दिया। ऐसा बार-बार प्लाट की दीवार पर नोटिस लगाने के बावजूद भी कर दिखलाया। चोर साहब चोरी में ही खुश होता है। चोर साहब दूसरे खुशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता और खुद चाहे कितनी बड़ी चोरी करें उसे खुशी मिलती है। इस संबंध में संत प्रेमानंद महाराज चोरी के विषय में अपने सुंदर वचनों से विभोर कर देते हैं-
क्या कहते हैं  प्रेमानंद महाराज--
मृत्यु एक कटु सत्य है, जिसे न तो कई रोक सकता है और न ही बदल सकता है। एक न एक दिन प्रत्येक व्यक्ति को ये संसार छोड़ के जाना ही होगा, ये ही प्रकृति का नियम है। हालांकि मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा स्वर्ग जाएगी या नरक, ये उसके कर्मों पर निर्धारित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति जीवनभर अच्छे कर्म करता है, उसकी आत्मा मरने के बाद स्वर्ग जाती है। वहीं जो लोग अपने जीवनकाल में बुरे कर्म करते हैं, उन्हें मरने के बाद नरक जाना पड़ता है। जहां वो अपने कर्मों का प्रायश्चित करते हैं।
हालांकि व्यक्ति की गलतियों के आधार पर नरक में उसे सजा दी जाती है। जो व्यक्ति जितना बड़ा पाप करता है, उसकी सजा भी उतनी ही बड़ी होती है। चलिए संत श्री प्रेमानंद महाराज से जानते हैं चोरी, हिंसा और लड़ाई-झगड़े करने वाले लोगों को नरक में क्या सजा दी जाती है।
नरक में चोरी की सजा क्या है?
संत श्री प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जो लोग जीवनभर चोरी करते हैं, उनकी आत्मा को मरने के बाद नरक जाना पड़ता है। जहां हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा होता है। ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं। ओलों की बरसात होती है। इसी के साथ दम घुटने वाली गैस होती है, जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हालांकि ये सजा केवल कुछ समय के लिए ही नहीं होती है, बल्कि कई सालों तक आत्मा को झेलनी पड़ती है। इसके अलावा जो लोग हिंसा करते हैं, जीव-जंतु को मारते हैं और अपने बल के दम पर दूसरों को डराने का प्रयास करते हैं, उन्हें भी नरक में ये ही सजा दी जाती है।
कितने प्रकार के नरक होते हैं?
गरुड़ पुराण में कुल 16 नरक का वर्णन किया गया है। जहां व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर सजा दी जाती है। हालांकि पुराणों में 36 नरक का उल्लेख किया है।
समय रहते छोड़ दे चोरी-
निष्कर्ष यह निकलता है कि समय रहते चोरी करने वाले को चोरी छोड़ देनी चाहिए वरना एक ना एक दिन अंत होगा और अंत के बाद जो यातनाएं झेलनी पड़ती है उन्हें वो सहते सहते बेहद तकलीफ पाता है। ऐसे में संतों का कहना है कि समय रहते चोरी छोड़ दे तथा ईश्वर भक्ति, परहित तथा धर्म की नेक राह पर चल देना चाहिए वरना अंजाम के लिए तैयार रहना चाहिए।






30 को महेंद्रगढ़ तथा 31 को नारनौल व महेंद्रगढ़ में होगी परीक्षा
-जिला के 36 परीक्षा केंद्रों पर होगी परीक्षा
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कनीना की आवाज।
हरियाणा पात्रता परीक्षा (एचटेट) की तैयारियों को लेकर आज उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने पंचायत भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में परीक्षा के सफल और सुचारु संचालन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस मौके पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट व सेंटर अधीक्षक को जिम्मेदारियां समझाई गई।
उपायुक्त डॉ. विवेक भारती ने बताया कि हरियाणा पात्रता परीक्षा का आयोजन 30 व 31 जुलाई को किया जाएगा। सुबह की पारी 10 बजे शुरू होगी। शाम को 3 बजे से शुरू होगा। जिला में 36 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें महेंद्रगढ़ में 26 तथा नारनौल 10 केंद्र हैं। 30 जुलाई को केवल महेंद्रगढ़ में होगा जिसमें शाम की शिफ्ट में ही पेपर होगा। यहां 6485 परीक्षार्थी होंगे। 31 जुलाई को महेंद्रगढ़ में सुबह 8112 तथा शाम को 3791 परीक्षार्थी होंगे। नारनौल में सुबह 3120 तथा शाम पेपर नहीं होगा। संबंधित एसडीएम अपने क्षेत्रों के नोडल अधिकारी होंगे। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षार्थी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने विशेष रूप से पिछले सीईटी परीक्षा का उदाहरण देते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने इस परीक्षा को भी सफलतापूर्वक संपन्न करवाएगा।
उन्होंने कहा कि एचटेट को भी उसी दक्षता और समर्पण के साथ आयोजित किया जाना चाहिए।
इस मौके पर परीक्षा संबंधी विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और आवश्यक रणनीति बनाई।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ, महेंद्रगढ़ की एसडीएम कनिका गोयल व नारनौल के एसडीएम अनिरुद्ध यादव, नगराधीश डॉ मंगलसेन, सीएमओ डा. अशोक कुमार तथा जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।






सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में रही भीड़
-सावन का अंतिम सोमवार 04 अगस्त को
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कनीना की आवाज।
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही।  सावन माह 04 अगस्त को होगा जबकि सावन माह रक्षा बंधन पर 9 अगस्त को संपन्न हो जाएगा।  प्रत्येक सोमवार को बाघेश्वर धाम पर छोटा मेला लगता आ रहा है।
तीसरे सोमवार को भारी भीड़ जुटी। महिलाओं ने व्रत रखा तथा दिनभर शिवलिंग अभिषेक कार्यक्रम चलता रहा।  उधर स्वयंभू/प्राकृतिक शिवलिंग का अभिषेक करने वालों का दिनभर तांता लगा रहा। 23 जुलाई शिवरात्रि को बाघोत धाम पर सबसे बड़ा कावड़ मेला लगा है। शिवरात्रि के दिन हजारों कांवड़ अर्पित की गई थी एवं लाखों भक्त दर्शनार्थ पहुंचे थे।
सावन माह के इस सोमवार को कनीना के विभिन्न शिवालयों में शिव को याद किया। व्रत धारण करके स्त्री एवं पुरुषों ने पूजा अर्चना की और ओम नम: शिवाय के जयकारे लगे।
  कनीना में सावन माह के तीसरेे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय में सुबह से ही भक्तजन शिवलिंग का अभिषेक करते देखे गए। भक्त भरपूर सिंह, रोहित कुमार, शकुंत देवी ने बताया कि दिनभर भक्तों का यहां तांता लगा रहा।
  कनीना उपमंडल के बाघोत स्थित शिवालय पर आर भीड़ रही। सुबह से ही भक्तजन व्रत करके जल अर्पित करते देखे गए। संपूर्ण शिवालय शिवमय बना हुआ था। पहले सोमवार के बाद दूसरे एवं तीसरे सोमवार के दिन भारी भीड़ देखने को मिली। सावन माह में शिव की गूंज हर जगह सुनाई पड़ती है। शिवालयों में तो शिव के नारे व जाप गूंजते रहे।
फोटो कैप्शन 07: बाघोत शिवलिंग का अभिषेक करते भक्त


गरजे अधिक, बरसे कम, दिन भर छाए गए आकाश में बदल
-अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में होगी लावणी
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में सोमवार को आकाश में दिनभर बादल छाए रहे किंतु बादल गरजे अधिक, बरसे कम। महज हल्की बूंदाबांदी हुई। किसानों को कोई राहत नहीं मिली। किसान कुछ दिनों से अच्छी वर्षा का इंतजार कर रहे हैं।
कनीना क्षेत्र में एक पखवाड़े से अधिक समय पहले ही वर्षा हुई थी। तब से लेकर आज तक वर्षा नहीं हुई है। हल्की बूंदाबांदी जरूर हुई है। किसान धर्म सिंह, जितेंद्र, महेंद्र, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस समय बाजरे की फसल पकान की ओर जा रही है और वर्षा की जरूरत है। अगर वर्षा नहीं होती है तो पकान पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। पैदावार घट सकती है।
 कनीना क्षेत्र में करीब 20000 हेक्टेयर पर बाजरे की फसल खड़ी हुई और एमएससपी 2775 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। इसलिए किसान एमएसपी के भावों से खुश है ताकि बाजरे की फसल को बेचा जा सके।
किसानों ने बताया कि क्षेत्र में इस वक्त बाजरे की अच्छी फसल खड़ी हुई है किंतु सिंचाई की जरूरत है। अगर हल्की वर्षा भी हो जाए तो पैदावार में बढ़ोतरी होगी और फसल पककर तैयार हो जाएगी।
पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज यादव ने बताया कि बाजरे की फसल 90 दिनों में पक जाती है। इस समय बाजरे की फसल खड़ी हुई है वह 25 अगस्त के बाद लावणी पर आ जाएगी। यदि बाजरे की फसल को पानी की जरूरत है तो वह भी देना जरूरी है। उन्होंने बताया कि बाजरे की पैदावार दक्षिण हरियाणा में बेहतर होती है जो मोटा अनाज के रूप में खाया जाता है।
 फोटो कैप्शन 06: कनीना क्षेत्र में आकाश में छाये काले बादल


40 विद्यार्थियों ने बनवाई दिव्यांगता सर्टिफिकेट
-कनीना खंड के अध्ययनरत बच्चों की बनी सर्टिफिकेट
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कनीना की आवाज।
  हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वाधान में आज सामान्य अस्पताल नारनौल में कनीना खंड में अध्यनरत दिव्यांग बच्चों का चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कनीना खंड के 40 दिव्यांग बच्चों ने हिस्सा लिया। जिसमें चिह्नित बच्चों का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया गया। शिविर में प्राचार्य सुनील खुडानिया, एपीसी हरमेंद्र ,एपीसी विक्रम, अमृत सिंह राघव तथा महेंद्रगढ़ जिले के समस्त विशेष अध्यापक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आये बच्चे



सड़क सुरक्षा संगठन द्वारा कार्यशाला का आयोजन

-- यूरो इंटरनेशनल स्कूल कनीना के प्रांगण में कार्यशाला का आयोजन
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कनीना की आवाज।
यूरो इंटरनेशनल स्कूल कनीना के प्रांगण में सोमवार को विद्यार्थियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय था, रोड़ रुल्स, लाइफ टूल्स। इसके अन्तर्गत नारनौल से कानूनी सेवा अधिकारी सुरेश कुमार पैनल वकील, टेकचंद यादव डिविजन कमांडर, प्रवक्ता राजेश शर्मा, विक्रम सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, अनिल कुमार एसएचओ ट्रफिक पुलिस सहित सड़क सुरक्षा संगठन के उच्च स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। नारनौल से पहुंची टीम ने विद्यार्थियों को यातायात के नियमों की जानकारी दी एवं सड़क सुरक्षा के तहत चलाए जा रहे आन्दोलन को लेकर जानकारी देते हुए अनेक गतिविधियों से अवगत करवाया। जिला सड़क सुरक्षा की टीम ने सड़क  सुरक्षा की मुहिम के अन्तर्गत बताया कि सुरक्षा में ही जीवन है। यदि हम यातायात के नियमों का पालन, यातायात के विभिन्न संकेतों की जानकारी, धैर्य, सहयोग आदि की अनुपालना करते हैं, तो न केवल अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही अनेक जिंदगियों को बचा सकते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एक लघु नाटिका के माध्यम से सड़क सुरक्षा के लिए प्रेरित किया। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए रोचक और शिक्षाप्रद नाटक रहे, जिनके माध्यम से उन्होंने सड़क पर सुरक्षा नियमों के महत्व को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया।
  इस प्रयोगशाला में बच्चों ने हेलमेट पहनने, ज़ेब्रा क्रासिंग का उपयोग, सड़क संकेतों का पालन, मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी न चलाना, और ट्रैफिक लाइट्स के नियमों का पालन जैसे विषयों पर आधारित लघु नाटकों का मंचन किया। कार्यक्रम का समापन छात्रों और शिक्षकों द्वारा ली गई सड़क सुरक्षा शपथ के साथ हुआ।
विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील कुमार ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, आज के समय में सड़क सुरक्षा की जानकारी हर उम्र के व्यक्ति को होनी चाहिए। बच्चों ने नाटक के माध्यम से जो संदेश दिया है, वह न केवल शिक्षाप्रद है बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास भी है।
इस कार्यशाला के समय संस्था के प्राचार्य सुनील कुमार, उप-प्राचार्या संजू यादव, इंगलिश प्रवक्ता कमल कुमार, हिंदी प्रवक्ता मनोज कुमार, गतिविधि प्रभारी मधू यादव, इंगलिश प्रवक्ता बिन्दू, संगीत प्रवक्ता सूरत सिंह, गणित प्रवक्ता हवा सिंह आदि स्टाफ सदस्यों सहित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के गणमान्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: सड़क सुरक्षा की जानकारी देते विभिन्न अधिकारी




नाग पंचमी- 29 जुलाई
-आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में की जाती है नागों की पूजा
-बनाये हुये हैं नाग देवता मंदिर









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कनीना की आवाज।
 नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो सावन माह की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। नागों की पूजा की जाती है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। सांप को दूध पिलाने से पच नहीं पाता जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। खेलकूद का आयोजन कर मेले भी लगते हैं।  गाय, बैल आदि पशुओं को इस दिन नदी, तालाब में ले जाकर नहलाया जाता है।
वास्तव में हिन्दू संस्कृति ने पशु-पक्षी, वृक्ष-वनस्पति सबके साथ आत्मीय संबंध जोडऩे का प्रयत्न किया है। परन्तु नाग पंचमी जैसे दिन नाग का पूजन जब हम करते हैं, तब तो हमारी संस्कृति की विशिष्टता पराकाष्ठा पर पहुंच जाती है।
नाग बड़े उपयोगी हैं। नाग को देव के रूप में स्वीकार करते आये हैं।
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में सांप खेतों का रक्षण करता है, इसलिए उसे खेत का रक्षक कहते हैं। जीव-जंतु, चूहे आदि जो फसल को नुकसान करने वाले तत्व हैं, उनका नाश करके सांप हमारे खेतों को हराभरा रखता है। सांप सामान्यतया किसी को अकारण नहीं काटता। उसे परेशान करने वाले को या छेडऩे वालों को ही वह डंसता है। चंपा के पौधे को लिपटकर वह रहता है या तो चंदन के वृक्ष पर वह निवास करता है। केवड़े के वन में भी वह फिरता रहता है। उसे सुगंध प्रिय लगती है।  पुराणों में वर्णन आता है कि देव-दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन में साधन रूप बनकर वासुकी नाग का प्रयोग किया गया था। यहां तक कि साल में एक बार सांपों की पूजा की जाती है। कुछ जगह मंदिर भी नाग देवता के बने हुए हैं जहां नागों की पूजा की जाती है।
कुछ लोग तो नागों को दूध पिलाने के लिए सपेरों के यहां जाना पड़ता है। दिनभर नागों को याद किया जाता है। महाभारत काल में जहां नागों और पांडवों का बैर चला किंतु बाद में यह बैर दोस्ती में बदल गया और गांडीवधारी अर्जुन का विवाह नाग कन्या उलूपी से हुआ। बताया जाता है तब से इंसान एवं सांपों की दोस्ती चली आ रही है। आज भी यह दोस्ती कायम है। ऐसे में नाग पूजा के अधिकारी हैं।
 पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज यादव का कहना है कि सांप किसान के दोस्त होते हैं। ये चूहों को खाते हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान सूबे सिंह, महेंद्र सिंह ने बताया कि सांप जंगल में फसलों में मिल जाते हैं किंतु वे उनको नहीं मारते।


Sunday, July 27, 2025


 

भोजावास में 7.75 ग्राम प्रतिबंधित नशीले पदार्थ सहित तस्कर गिरफ्तार
-हरियाणा एनसीबी रेवाड़ी यूनिट ने की कार्रवाई
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कनीना की आवाज।
हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के राज्य सरकार के अभियान को बल देते हुए हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की रेवाड़ी यूनिट ने एक नशा तस्कर को 7.75 ग्राम अवैध स्मैक के साथ भाकली वाला की ढाणी भोजावास महेंद्रगढ़ से गिरफ्तार किया। ब्यूरो प्रमुख महानिदेशक ओ.पी. सिंह के दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेशभर में चल रही नशा विरोधी मुहिम के तहत यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक सुश्री पंखुरी कुमार के नेतृत्व और उप पुलिस अधीक्षक गजेंद्र शर्मा के निर्देशन में की गई।
एनसीबी रेवाड़ी यूनिट के प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने जानकारी दी कि सहायक उप निरीक्षक अनील कुमार के नेतृत्व में रेवाड़ी यूनिट की टीम को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति प्रतिबंधित नशीला पदार्थ स्मैक (हैरोईन) बोहका से भोजावास वाले कच्चे रास्ते पर नजदीक भाकली वालो की ढाणी के पास तस्करी करने की फिराक में है। सूचना के आधार पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने आरोपी जय प्रकाश ऊर्फ जेपी पुत्र लक्ष्मी नारायण निवासी बोहका जिला रेवाड़ी को मौके से काबू किया।
राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में तलाशी लेने पर आरोपी के पास से 7.75 ग्राम अवैध नशीला पदार्थ स्मैक (हैरोईन) बरामद हुआ। आरोपी के विरुद्ध थाना सदर कनीना में एन.डी.पी.एस. अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत माध्यमिक मात्रा का मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मामले की विस्तृत जांच जारी है और नशा तस्करी के इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। आगे आमजन से अपील करते हुए पुलिस प्रवक्ता ने कहा की यदि किसी को भी नशा बिक्री या तस्करी संबंधी कोई भी जानकारी प्राप्त हो, तो भारत सरकार के टोल फ्री नंबर 1933, मानस पोर्टल (222.ठ्ठष्ड्ढद्वड्डठ्ठड्डह्य.द्दश1.द्बठ्ठ) अथवा हरियाणा एनसीबी हेल्पलाइन 90508-91508 पर तुरंत सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम व पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
फोटो कैप्शन 03: पकड़ा गया नशीले पदार्थ सहित युवक



चोर साहब के कारनामे-27
अलग अलग शास्त्रों में चोरी की सजा बताई है अलग
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कनीना की आवाज।
 कनीना के लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार होशियार सिंह के प्लाट से जहां विगत लंबे समय से गमले, तीन ट्राली पत्थर ,ईंट, बिजली का सामान तथा कृषि उपकरण आदि चोरी कर ले गया। और तो और निर्माणाधीन मंढ़ी की ईंटें भी उखाड़ ले गया। चोर साहब को शांति तभी मिलती है जब तक कि वह किसी का बुरा नन कर दे। चोर साहब ने विगत समय में ऐसे ऐसे कारनामे कर दिखलाया जिनको सुनकर लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। एक के बाद एक तीन ट्राली पत्थर उठाने और वह भी रातोंरात जो बहुत कठिन कार्य है किंतु कठिन कार्य को भी उसने बखूबी से अंजाम दे दिया। ऐसा बार-बार प्लाट की दीवार पर नोटिस लगाने के बावजूद भी कर दिखलाया। चोर साहब चोरी में ही खुश होता है। चोर साहब दूसरे खुशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता और खुद चाहे कितनी बड़ी चोरी करें उसे खुशी मिलती है। चोरी के बारे में हमारे शास्त्र क्या कहते हैं----
शास्त्रों के अनुसार, चोरी की सजा में नरक में यातनाएं और मृत्युदंड तक शामिल हो सकते हैं। कुछ धार्मिक ग्रंथों में, चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए आत्मा को नरक में दंडित किया जाता है। वहीं, कुछ अन्य धार्मिक ग्रंथों में चोरी के लिए मृत्युदंड का भी उल्लेख है.
विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं में चोरी की सजा-
    हिन्दू धर्म-
    कुछ धार्मिक ग्रंथों में, चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में यातनाएं दी जाती हैं। कुछ ग्रंथों में, चोरी की सजा मृत्युदंड भी हो सकती है।
इस्लाम के अनुसार-
इस्लाम में, चोरी को एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए शरीयत कानून में हाथ काटने की सजा का प्रावधान है, हालांकि यह सजा बहुत कम मामलों में दी जाती है।
ईसाई धर्म अनुसार--
कुछ ईसाई धर्मग्रंथों में, चोरी को एक पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में दंडित किया जा सकता है.
बौद्ध धर्म अनुसार--
बौद्ध धर्म में, चोरी को एक नकारात्मक कर्म माना जाता है और इसका फल भविष्य में बुरा हो सकता है.
भारतीय कानून में चोरी की सजा-
भारतीय दंड संहिता  में चोरी के लिए अलग-अलग सजाओं का प्रावधान है, जो चोरी की गंभीरता और परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
आइपीसी की धारा 379-
    साधारण चोरी के लिए, 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
आइपीसी की धारा 380-
किसी के घर में चोरी करने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 381-
कर्मचारी द्वारा अपने मालिक की संपत्ति की चोरी करने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 392-
लूट के लिए, 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है, और यदि लूट सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले की गई हो, तो 14 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।
आइपीसी की धारा 395-
डकैती के लिए, आजीवन कारावास या 10 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है.
यूं कहा जाए--
शास्त्रों और कानूनों में चोरी की सजा अलग-अलग हो सकती है। शास्त्रों में चोरी को एक गंभीर पाप माना जाता है और इसके लिए नरक में यातनाएं और मृत्युदंड तक का प्रावधान है। भारतीय कानून में चोरी के लिए अलग-अलग धाराओं के तहत सजाओं का प्रावधान है, जो चोरी की गंभीरता पर निर्भर करती है।







30 व 31 को हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा-
-धारा 163 के तहत परीक्षा के दौरान कोचिंग सेंटरों व 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध
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कनीना की आवाज।
जिलाधीश डा. विवेक भारती ने 30 व 31 जुलाई को होने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत परीक्षा के दौरान कोचिंग सेंटरों के संचालन व परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है।
जिलाधीश ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि लेवल-3 (पीजीटी) की परीक्षा 30 जुलाई को अपराह्न 3 बजे से सायं 5:30 बजे तक और लेवल-2 (टीजीटी) की परीक्षा 31 जुलाई को प्रात: 10 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और लेवल-1 (पीआरटी) की परीक्षा 31 जुलाई को अपराह्न 3 बजे से सायं 5:30 बजे तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
जिले के सभी परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
महेंद्रगढ़ जिले के परीक्षा केंद्रों में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश और सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित पहचान पत्र के बिना प्रवेश वर्जित है।
महेंद्रगढ़ जिले के सभी परीक्षा केंद्रों की 500 मीटर की परिधि में सभी फोटोकॉपी मशीन की दुकानों के संचालन व सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन पर पाबंदी रहेगी।
यह आदेश ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य लोक सेवकों पर लागू नहीं होगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत विधि अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा और दंडित किया जाएगा।







तीज उत्सव पर मेले लगे एवं पतंगबाजी की गई
-वो मारा वो काटा का शोर सुनाई पड़ा
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कनीना की आवाज।
कनीना में हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मेले का आयोजन किया गया और पतंगबाजी का हुल्लड़ चला। कनीना के कई गांवों में तीज के पर्व पर मेले लगे।
 कनीना में रविवार को हरियाली तीज का पर्व मनाया गया। इन दिनों घेवर की मिठाई खाने की रिवाज है। उधर हरियाली तीज के दिन पूरा दिन पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ता रहा। छतों पर युवा, बच्चे एवं बुजुर्ग वो मारा, वो काटा करते रहे। जहां पतंगबाजी के लिए बहुत से लोग पतंग उड़ाने व पतंग की डोर को काटने का मजा ले रहे थे तो कुछ कट कर जाने वाले पतंग का लुत्फ उसे दूर से पकड़कर लाने में उठा रहे थे।
  हरियाली तीज के पर्व पर मेले का आयोजन किया गया। इस पर्व को तीज मेला नाम से जाना जाता है। पुरानी नगरपालिका के पास इस मेले का आयोजन लंबे समय से होता आ रहा है।
 इस बार किसान, बच्चे एवं बूढ़े सभी प्रसन्न नजर आये। अच्छी वर्षा से खेतों में बाजरे की लहलहाती फसल, मौसम सुहावना होने से बच्चे एवं बूढ़े खुश नजर आये किंतु सीइटी का पेपर होने से बहुत सु युवाओं का यह पर्व छिन गया। विशेषकर 27 जुलाई को शाम के वक्त पेपर होने से पर्व का मजा नहीं ले सके।
 शनिवार को जहां सिंधारा पर्व मनाया गया था वही रविवार को तीज का पर्व मनाया गया। दोनों ही पर्व पर जहां महिलाओं को याद किया जाता है, विशेषकर विवाहित लड़कियों को उनके घर भाई या पिता पहुंचकर दान देकर आये।  
  पतंगों के लड़े पेच--
ग्रामीण क्षेत्रों में दिनभर बच्चे छतों पर बैठे रहे, पतंगों के पेच लड़ाये। वही डेक पर संगीत चलता रहा और छतों पर कई कई बच्चे इक_े होकर पतंगबाजी करते देखे गये।
पर्वों का रहेगा जोर-
हरियाली तीज के बाद अब रक्षा बंधन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस माह कई पर्व आएंगे। 9 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। रक्षा पर्व भी अब हाइटेक हो गया है। उधर 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तो 17 अगस्त गोगा नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इस प्रकार अगस्त माह पर्वों से भरा हुआ है।
फोटो कैप्शन 02: पतंगबाजी करते बच्चे






सीइटी परीक्षा के लिए कनीना में बेहतर रही व्यवस्था
-सुबह सवेरे से कनीना बस स्टैंड पर रही हलचल
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कनीना की आवाज।
 इस बार सीइटी की परीक्षा हेतु प्रदेश सरकार ने बेहतर प्रबंध किए हुए थे। कनीना के बस स्टैंड पर कम से कम 30 बसें तैयार खड़ी हुई थी। सुबह से ही  परीक्षार्थी चरखी दादरी और रेवाड़ी जा रहे थे। दोनों ही स्टेशनों पर परीक्षार्थियों को पहुंचाने के लिए लगातार बस स्टैंड पर दीपक कुमार परीक्षार्थियों को बस नंबर और रूट नंबर बता रहे थे। परीक्षार्थियों किसी प्रकार की कोई परेशानी नजर नहीं आई पुलिस प्रशासन तैनात रहा वहीं पेयजल का प्रबंध भी किया गया था। परीक्षार्थियों के कारण समय-समय पर सड़कों पर भारी भीड़ होती रही जिससे जाम जैसी समस्या बनी रही। सड़क पार करने में दिक्कत आई, पांच पांच मिनट तक इंतजार करना पड़ा चूंकि निजी वाहनों से भी परीक्षा देने बहुत अधिक परीक्षार्थी जा रहे थे।
अश्विनी,नितिन, हर्ष, रितिक, अमीश कुमार, इंद्रजीत, हेमराज, रवि कुमार आदि ने बताया कि उनमें से कुछ का रेवाड़ी तो कुछ का चरखी दादरी परीक्षा केंद्र था। रेवाड़ी तथा चरखी दादरी से परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए भी बसों की सुविधा दी गई थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में भी उन्होंने परीक्षा दी थी किंतु उस समय इतनी बेहतर सुविधाएं नहीं थी। वहीं 2021 में दूर दराज परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस बार सबसे बड़ी विशेषता रही कि नजदीक परीक्षा केंद्र बनाए गए जिससे परीक्षा भी बेहतर ढंग से दे पाए।
कनीना बस स्टैंड से माइक पर उद्घोषक दीपक कुमार ने बताया कि किसी प्रकार की परीक्षार्थियों को कोई समस्या नहीं आने दी गई है। जहां 26 जुलाई को भी बहुत बेहतर ढंग से परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे हैं वही 27 जुलाई को भी बेहतर प्रबंध रहे हैं। वहीं दूसरी ओर रोडवेज की बसे ंभी चली किंतु यात्री बहुत कम नजर आए।
फोटो कैप्शन 01: सीइट के लिए कनीना बस स्टैंड से जाती हुई बसें






हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई
 पांच प्रकार के वायरस से फैलता है हेपेटाइटिस-डा जितेंद्र मोरवाल
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कनीना की आवाज।
हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी हुई एक बीमारी है। लीवर में सूजन आ जाता है। हेपेटाइटिस पांच प्रकार के विषाणु होते हैं जिनमें ए,बी,सी,डी और ई हैं। ये विचार कनीना  उप नागरिक अस्पताल के डा जितेंद्र मोरवाल ने व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस मूल रूप से लिवर से जुड़ी हुई बीमारी है जो वायरल इंफेक्शन के कारण होती है। उन्होंने पांचों वायरस जनित रोगों को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस महामारी जैसी बनती जा रही है। इससे अनेकों मौतें देशभर में हो जाती हैं। हेपेटाइटिस बी और सी लाखों लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बनता है जिसमें लीवर सिरोसिस और कैंसर प्रमुख है। उन्होंने हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक किया। यद्यपि उन्होंने कहा कि अभी तक कनीना क्षेत्र में हेपेटाइटिस का कोई रोगी नहीं है।  जो महिला गर्भवती हो और उनके बच्चे और वह हेपेटाइटिस की शिकार है तो उसके बच्चे को  हेपेटाइटिस से बचाया जा सकता है।
 डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि हेपेटाइटिस रोग का कारण लीवर में सूजन है, इंफेक्शन के कारण होता है। यह जानलेवा होता है। अक्सर शरीर में तथा दवाइयों के साइड इफेक्ट और शराब पीने से बढ़ सकता है।  डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि  हेपेटाइटिस में पीलिया, यूरिन का रंग बदलना, बहुत अधिक थकान, उल्टी आना, जी मिचलाना पेट दर्द, सूजन, खुजली, भूख ना लगना, अचानक वजन कम होना आदि प्रमुख  लक्षण हो सकते हैं। हेपेटाइटिस के निदान के बारे में  डा जितेंद्र मोरवाल बताते हैं कि पेट का अल्ट्रासाउंड, लिवर फंक्शन टेस्ट, लिवर बायोप्सी आदि से रोग का पता लगाया जा सकता है और इसका समय रहते इलाज करवाना चाहिए। यदि उपचार करवाया जाए तो आराम कुछ हफ्ते में इस रोग के लक्षण कम होने लगते हैं इसमें कई दवाई लेने की जरूरत होती है। लिवर ट्रांसप्लांटेशन भी एक विकल्प है।
 मरीज को अपने भोजन फूलगोभी, ब्रोकली, बीन, एवावाकाडो आदि का सेवन करना चाहिए, खूब पानी फलों का जूस पीना चाहिए ,प्याज लहसुन शामिल करना चाहिए, शराब नहीं पीनी चाहिए, जंक फूड से बचना चाहिए, 4 से 6 बार भोजन करना चाहिए। रेजर एवं इंजेक्षन की सुई किसी को शेयर ना कर।
फोटो कैप्शन:: डा जितेंद्र मोरवाल


उप-मंडल होते हुए भी नहीं मिल रही सुविधाएं
-कनीना





की हो रही अनदेखी,नहीं बना सीइटी का सेंटर
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल को बने 12 साल बीत गए किंतु अभी तक को उप-मंडल की कोई सुविधा नहीं मिली है। जब भी कोई बड़ी परीक्षा आयोजित होती है नारनौल एवं महेंद्रगढ़ तक की सीमित रह जाती है जबकि कनीना में नहीं। कनीना में उच्च संस्थान भी है और सभी अधिकारी यहां बैठते हैं। सीइटी की परीक्षा भी कनीना में आयोजित नहीं हुई।
यहां तक की कनीना में रेलवे स्टेशन की ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। आज तक सावधान ट्रेनों के अलावा कोई ट्रेन ठहराव नहीं कर रही है। कनीना विधानसभा क्षेत्र भी होता था। 1972 के चुनावों के बाद इसे तोड़ दिया था और आज तक विधानसभा क्षेत्र के लिए तरस रहा है। कनीना में 10वीं और 12वीं की पूरक परीक्षा यहां आयोजित नहीं होती और न ही यहां मार्किंग सेंटर बनाया जाता है। कनीना के अनेक नेता और मंत्री समय-समय पर सरकारों में रहे हैं परंतु सुविधा प्रदान करने में कामयाब नहीं हुये हैं। कनीना को उसके हक की लड़ाई स्वयं लडऩी पड़ी है।  नगरपालिका को तोड़ा गया तो उसे बहाल किया हो लड़ाई से लडऩी पड़ी है तथा विधानसभा क्षेत्र के लिए भी आंदोलन किया गया था। कनीना में न्यायिक परिसर बनाने के लिए भी लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी।
यह सत्य है कि कनीना को उप-मंडल का दर्जा दिलवाने में अटेली की पूर्व विधायक एवं पूर्व सीपीएस अनीता यादव का अहम योगदान रहा है। किंतु अनीता यादव को अटेली से दोबारा जीत का मौका नहीं मिला है। सुविधाओं के अभाव में कनीना की हालत एक गांव से बदतर हो चली है।