वर्षा ने की कनीना की हालात बदतर
- गलियों में जमा हो गया है गंदा जल
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कनीना की आवाज। वैसे तो कम वर्षा होती है तो भी किसानों का दुखड़ा बढ़ जाता है वही अधिक वर्षा होती है तो भी किसान परेशान हो जाते हैं लेकिन कस्बा कनीना की तो हालात वर्षों से बदतर है। जब तक कनीना के होलीवाला और कालरवाली जोहड़ों का समाधान नहीं होगा तब तक गलियों में यूं ही पानी खड़ा रहेगा। लोगों के घरों में पानी घुसता रहेगा और लगभग हर गली मोहल्ले में कहीं ना कहीं पानी जमा दिखाई देगा। आज के दिन जब 21 एमएम वर्षा एक ही दिन में हो गई है और करीब 80 एमएम वर्षा 3 दिनों में हो गई है तो कस्बा कनीना की हालात बदहाल होना स्वाभाविक है। होली वाला और कालरवाली जोहड़ों के रास्तों पर तो खूब पानी जमा हो गया है। सबसे बड़ी विशेषता देखने को मिली महिला एवं पुरुष गोबर को अपने सिर पर उठाकर गंदे पानी से ले जाते हुए दिखाई दिये। दुर्भाग्य है कि कोई वैकल्पिक मार्ग अभी तक नहीं बना है। परिणाम यह है कि आवागमन बहुत कठिन हो गया है। गुजरते हुए वाहन कीचड़ उछालते देखे गए हैं। मुख्य मार्ग रेवाड़ी की भी यही हालात है, जगह-जगह पानी भर गया है। कनीना मंडी नहर के साथ बनाई गई सड़क की भी यही दुर्दशा है, जगह-जगह गंदा पानी भरा हुआ है। रेवाड़ी टी-प्वाइंट हो या शिवभोले चौक पर हर जगह गंदा जल भरा हुआ है। वैसे तो बुजुर्गों का कहना है कि वर्षा कभी बेकार नहीं जाती। अधिक वर्षा हो जाए तो यह सत्य है कि फसलों पर कुप्रभाव पड़ेगा किंतु भावी फसल के लिए अच्छी पैदावार के रास्ते खुल जाएंगे। अब वही हालत है कनीना कस्बे में अच्छी वर्षा हो चुकी है और सुख के साथ दुख तो चलते ही हैं। यदि कस्बा कनीना में वर्षा यूं ही चलती रही तो यह सत्य है कि बहुत से घरों में गंदा जल भर जाएगा परंतु लाभ यह होगा कि किसानों की पैदावार अच्छी होगी क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ खोना ही पड़ता है।
वर्षा होना शुभ संकेत है चाहे कुछ घरों में गंदा जल भर जाए, वह एक बात अलग है। कनीना नगर पालिका ने गंदे पानी निकासी के अस्थायी प्रबंध कर रही है किंतु जब तक जोहड़ों की पैमाइश करके खोदाई का काम नहीं किया जाएगा तब तक यूं ही गंदा पानी सड़कों पर फैलता रहेगा।
फेफड़ों का कैंसर-01 अगस्त
फेफड़ों का कैंसर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती
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कनीना की आवाज। फेफड़ों का कैंसर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है जो भारत में तेजी से फैल रहा है। अनुमान है कि 2024 में भारत में हर साल फेफड़ों के कैंसर के 13 लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और हर साल लगभग 8 लाख मौतें हो रही हैं। शहरीकरण, औद्योगिक गतिविधियों और जीवनशैली में बदलाव ने इस वृद्धि में योगदान दिया है। वायु प्रदूषण, धूम्रपान और औद्योगिक कैंसरकारी पदार्थों के संपर्क में आने जैसे कारक इस स्थिति को और बिगाड़ देते हैं। प्रभावित लोगों में, फेफड़ों के कैंसर की दर पुरुषों में ज़्यादा है, लगभग 70 प्रतिशत मामले, जबकि महिलाओं में यह दर 30 प्रतिशत है। आयुर्वेद स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जो रोगों के मूल कारणों को दूर करता है और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
डा. राजीव गौड़ के अनुसार आयुर्वेद में, स्वास्थ्य बनाए रखने और रोगों से लडऩे के लिए आहार सर्वोपरि है। कैंसर रोगियों के लिए सात्विक आहार की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, जिसमें ताज़ा, जैविक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल हों। सात्विक खाद्य पदार्थ शरीर को पोषण देते हैं, मन को शांत करते हैं और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ाते हैं। इनमें ताज़े फल, सब्जिया, साबुत अनाज, फलियां, मेवे, बीज और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। सात्विक खाद्य पदार्थों पर जोर देने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, सूजन कम करने और शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रणाली को मज़बूत करने में मदद मिलती है।
कैंसर के रोगियों को तामसिक खाद्य पदार्थों, जो बासी, प्रसंस्कृत या रासायनिक रूप से उपचारित होते हैं, और राजसिक खाद्य पदार्थों, जो अत्यधिक मसालेदार, नमकीन या उत्तेजक होते हैं, से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ दोषों के असंतुलन को बढ़ा सकते हैं, विषाक्तता बढ़ा सकते हैं और उपचार प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। तामसिक खाद्य पदार्थों के उदाहरणों में डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, संरक्षित मांस और तली हुई चीजें शामिल हैं, जबकि राजसिक खाद्य पदार्थों में कैफीन युक्त पेय पदार्थ, अत्यधिक मसाले और प्रसंस्कृत शर्करा शामिल हैं।
फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव
आहार में बदलाव के अलावा, जीवनशैली में कुछ बदलाव फेफड़ों के कैंसर के आयुर्वेदिक उपचारों की प्रभावशीलता को काफ़ी बढ़ा सकते हैं। योग और प्राणायाम (श्वास संबंधी व्यायाम) का नियमित अभ्यास श्वसन क्रिया को बेहतर बनाने और तनाव कम करने में मदद कर सकता है। ध्यान और माइंडफुलनेस अभ्यास मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता के लिए लाभकारी हैं। पर्याप्त नींद, नियमित दिनचर्या बनाए रखना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी कैंसर की देखभाल के समग्र दृष्टिकोण के आवश्यक घटक हैं।
उनका कहना है कि आयुर्वेद फेफड़ों के कैंसर के प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें दोषों के संतुलन, शक्तिशाली हर्बल योगों के उपयोग और सात्विक खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार पर ज़ोर दिया जाता है। इन सिद्धांतों को अपनाकर, जीवनशैली में ज़रूरी बदलावों के साथ, फेफड़ों के कैंसर के मरीज़ अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और पारंपरिक उपचारों का पूरक बन सकते हैं। आयुर्वेद के समय-परीक्षित ज्ञान को अपनाने से न केवल रोग के प्रबंधन का मार्ग प्रशस्त होता है, बल्कि प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
फोटो कैप्शन: डा. राजीव गौड़
महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस किया याद
---अगिहार स्कूल में चला कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह को उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की। कार्यवाहक प्राचार्या पूनम यादव ने की विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने विद्यार्थियों को शहीद उद्यम सिंह के जीवन, तथा देश की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे शहीद उधम सिंह के जीवन से प्रेरणा ग्रहण करें जिन्होंने 21 साल तक जनरल डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने की आग को अपने सीने में दबाए रखा और विषम परिस्थितियों में लंदन जाकर भरी सभा में जनरल डायर को मार कर देश के अपमान का बदला लिया तथा लंदन की पेंटोविले जेल में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। इस अवसर पर विद्यार्थियों को उद्यम सिंह के जीवन पर एक फिल्म भी दिखाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रवक्ता अजय कुमार बंसल, निशा जांगड़ा,राजेंद्र कटारिया कैलाश देवी, धर्मेंद्र डीपीई, वंदना जांगड़ा राकेश कुमार मुख्य शिक्षक रतन लाल, पूनम कुमारी, शशि कुमारी, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, चंद्रशेखर व प्रीतम सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: शहीद उधम सिंह को याद करते स्कूली विद्यार्थी
बरसात ने बढ़ाई समस्या
---जोहड़ हुए लबालब
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कनीना की आवाज। पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण अटेली विधानसभा क्षेत्र के कनीना तथा अटेली कस्बे के कई स्थानों पर जल भराव के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। बसपा नेता प्रमुख समाजसेवी अतरलाल ने अटेली कस्बे की अनाजमंडी, तहसील व खंड कार्यालय नया बस स्टैण्ड चौक, रेलवे रोड़, राधा कृष्ण मंदिर, धनौन्दा मोड़, नारनौल रेवाड़ी रोड़ का दौरा कर जल भराव की स्थिति का जायजा लिया तथा लोगों की परेशानी को जाना। उन्होंने कनीना के वार्ड नम्बर 12, संगम कालोनी, एस.सी. बस्ती, बाबा मोलडऩाथ मार्ग, गुढ़ा, कैमला, खेडी, बाघोत गांवों का दौरा कर वहाँ की जल भराव की समस्या का भी जायजा लिया।
दौरे के बाद अतरलाल ने कहा कि टूटी-फूटी सड़कों और जल निकासी की समूचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जल भराव के कारण व्यापारी वर्ग का कारोबार ठप्प सा हो गया है। उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कस्बे में अनेक स्थानों ने जल भराव के कारण तालाबों का रूप ले लिया है। जिसके कारण आम लोगों का जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार तथा प्रशासन बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत तथा पानी की समुचित निकासी का प्रबन्ध करने में पूर्णतया विफल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों में भारी रोश व्याप्त है। उन्होंने सरकार तथा प्रशासन से तत्काल पानी निकासी के समुचित प्रबंध कर लोगों को राहत देने की मांग की।
फोटो कैप्शन 02: कस्बे में जलभराव की समस्या का जायजा लेते बसपा नेता अतरलाल।
कनीना नगर पालिका के लिए दो पार्षदों की शपथ एक को
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कनीना की आवाज। कनीना की नीलम देवी तथा सवाई सिंह को हरियाणा सरकार ने कनीना नगर पालिका के लिए पार्षद बतौर मनोनीत किया गया है जिनको शपथ कनीना नगरपालिका में एक अगस्त को सुबह दस बजे दिलवाई जाएगी। उल्लेखनीय है की नीलम देवी के पति कुलदीप वाटर सप्लाई में काम करते हैं। उधर सवाई सिंह वार्ड 14 को सरकारी पार्षद मनोनीत किया गया है। उल्लेखनीय की सवाई सिंह एक समाजसेवी है तथा तथा विभिन्न समाज सेवाओं एवं बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। उल्लेखनीय है कि कनीना नगर पालिका के 14 वार्डो से 14 पार्षद तथा प्रधान पहले से ही चुने जा चुके हैं। अब ये दोनों पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत करके भेजे गए हैं
फोटो कैप्शन :नीलम देवी तथा सवाई सिंह
कनीना में बने मार्किंग सेंटर
-उपमंडल बनने के बाद भी सुविधाएं नदारद
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल होते हुए भी अभी तक मार्किंग सेंटर नहीं बनाया गया है। यहां तक की ग्रुप सी व डी एचटेट आदि की परीक्षाएं भी कनीना में आयोजित नहीं की जा रही है जिसको लेकर लोगों में रोष है। एक और जहां उप-मंडल होते हुए बड़े-बड़े संस्थान है वहीं यहां केंद्र नहीं बनाए गए हैं। एक और जहां मार्किंग सेंटर भी उपमंडल स्तर पर बनाए जाने चाहिए, ऐसे में कनीना सर्वथा उचित केंद्र बन सकता है। यहां मार्किंग सेंटर जरूर बनाया जाना चाहिए। पूर्व शिक्षक नेता कंवरसेन वशिष्ठ ने कनीना में मार्किंग सेंटर बनाये जाने की मांग की है।
कनीना क्षेत्र में हुई 21 एमएम वर्षा, वर्षा जारी
-तीन दिनों में हो चुकी है 76 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में तीन दिनों से अच्छी खासी वर्षा हो रही है। जहां गुरुवार को कनीना क्षेत्र में वर्षा होती रही और 21 एमएम वर्षा नोट की गई। वहीं विगत दो दिनों में 76 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी। इस समय खेतों में कपास, बाजरा और ग्वार की फसल खड़ी हुई है। किसान खुश नजर आए। चारों ओर पानी ही पानी भर गया है। कनीना नगर पालिका असहाय नजर आ रही है। दोनों जोहड़ों कालरवाली एवं होलीवाला की स्थिति गंभीर बनी हुई है। कनीना के होलीवाला और कालरवाली दोनों जोहड़
की स्थिति गंभीर बन गई है। दोनों जोहड़ों के मुख्य मार्ग पर गंदा पानी आधा-आधा किलोमीटर दूर तक भरा हुआ है। नगरपालिका गंदा पानी निकासी का अस्थायी प्रबंध जरूर कर रही है। किंतु स्थाई प्रबंध नहीं किया गया है। कनीना में जहां भी जिस गली में देखे गंदा पानी भरा हुआ है, लोग असहज नजर आ रहे हैं और गंदे जल से होकर गुजर रहे हैं और दैनिक कार्य कर रहे हैं।
किसान खुश-
कनीना के किसान खुश हैं तथा विगत दिनों से वर्षा का इंतजार कर रहे थे। वर्षा अभाव में फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा था। आखिरकार 2 दिनों से वर्षा होने से किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता छा गई है। किसने कहना है की अच्छी पैदावार हो पाएगी। सबसे अधिक बाजरे की बिजाई की हुई है ।कनीना क्षेत्र में जहां किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि बाजरे की फसल में भुट्टे आने शुरू हो गए हैं। जल्दी फसल पक जाएगी। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में लावणी की संभावना बनी हुई है।
सड़कों पर भी भरा है गंदा जल-
कनीना की अनाज मंडी के पास से होकर जाने वाली अटेली और रेवाड़ी सड़क मार्ग को जोडऩे वाली सड़क पर जगह-जगह गंदा पानी भर गया है। वहीं रेवाड़ी के प्रमुख सड़क मार्ग पर भी गंदा जल भर गया है। आवागमन गंदे पानी से हो रहा है।
कोसली- रेवाड़ी-कनीना टी-प्वाइंट की हालात बदतर-
कनीना के कालरवाली जोहड़ का गंदा पानी रेवाड़ी-कोसली और कनीना टी-प्वाइंट पर जमा होता जा रहा है। लंबे समय से यहां गंदा पानी जमा होता आ रहा है। विगत वर्र्षों भी इस जोहड़ ने सड़क मार्ग को लाखों रुपये की क्षति पहुंचाई थी। एक बार फिर से गंदा जल यहां भरा हुआ है कोई भी दुर्घटना किसी भी समय घट सकती है।
इस वर्ष हुई अच्छी वर्षा-
कनीना क्षेत्र में इस वर्ष जहां विगत वर्ष की तुलना में बेहतर वर्षा हुई है। अब तक 297 एमएम वर्षा हो चुकी थी जबकि तीन दिनों में 60 एमएम वर्षा और हो चुकी है। इस प्रकार 357 एमएम वर्षा अंकित की गई है।
कनीना के शिव भोले शिवालय के पास गंदा जल भर गया है। गंदा जल लंबे समय से यहां जमा होता आ रहा है। धार्मिक स्थान होते हुए भी यहां गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है।
जिसका लोगों में बाहरी रोष है।
फोटो कैप्शन 04: रेवाड़ी टी-प्वाइंट पर भरा गंदा जल
06: शिव भोले के पास भरा गंदा जल
07: होलीवाला जोहड़ पर भरा गंदा जल
08: कालरवाली जोहड़ पर भरा गंदा जल
09: खेतों में फसल पर हो रही वर्षा
05: कनीना में सड़कों पर भरा गंदा जल













































