दो शेल्टरों पर रुके हैं 83 लोग
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कनीना। कनीना में दूसरे राज्यों से आए हुए लोगों के लिए दो सेंटर बनाए गए जिनमें 83 लोग ठहरे हुए हैं जिनके खाने और भोजन के लिए खाने और रहने के लिए व्यापक प्रबंध किए हुए। विभिन्न अधिकारी उन केंद्रों का दौरा कर रहे हैं। कनीना की आरएस वाटिका में 21 लोग ठहरे हुए हैं जिनके लिए खाने-पीने का और रहने के बेहतर प्रबंध किया हुए है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में
62 लोग ठहरे हुए। इनके लिए भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इन लोगों से किसी कमी के बारे में पूछा तो उन्होंने दी जाने वाली सुविधाओं पर संतोष जताया। कोरोनावायरस को लेकर पूरी सावधानियां बरती जा रही है।
आरएस वाटिका में प्रबंध करने वाले सुशील कुमार मित्तल ने बताया इन लोगों के खाने पीने, चाय, पानी, नाश्ता, रहने सहने आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। समय पर भोजन दिया जा रहा है। बार-बार किसी प्रकार की परेशानी हो तो उनके बारे में पूछा जा रहा है। इन लोगों का कहना है जब तक उन्हें रोकना चाहे वे रुके रहेंगे फिर अगर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई तो वे अपने घर को चले जाएंगे।
उधर कनीना की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 62 लोग ठहरे हुए हैं। यहां पर अमरजीत तथा रमन शास्त्री ने बताया कि उनके नहाने के लिए साबुन भी उपलब्ध करवा रखी है वहीं रहने की व्यवस्था बहुत बेहतर है। खाने पीने का प्रबंध नगर पालिका परिसर में किया गया है जहां पर सचिव राजाराम एमई चमनलाल, पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा,लेखाकार शिवचरण शर्मा सहित कम से कम दो दर्जन समाजसेवी नियमों में बंधकर इनको सुबह-शाम खाना खिला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन खाना खाने वाले लोगों की संख्या सुबह-शाम मिलाकर दो हजार के करीब पहुंच गई है। ये वो लोग हैं जिनके पास इस वक्त कोई धंधा नहीं बचा है तथा झुग्गी झोपडिय़ों में रहते हैं। आस-पास किसी पुराने घर में रहते हैं, उनके लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। कनीना में भी कुछ संस्थाएं श्रीश्याम मित्र मंडल, बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल सहित सामाजिक लोग इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या इन लोगों के सामने न आए।
फोटो कैप्शन 1: राजकीय स्कूल के शेल्टर में रुके हुए लोग एवं उनकी सेवा में खड़े शिक्षक।
किसानों की नजर गेहूं की ओर
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कनीना। सरसों की कटाई जहां पूरे यौवन पर है वहीं किसानों की नजर पककर तैयार गेहूं की फसल पर टिकी हुई है। गेहूं की फसल की कटाई दो तीन दिनों में शुरू हो जाने की संभावना है।
कनीना की बावनी भूमि पर जहां सरसों की बीजाई करीब 19 हजार हेक्टेयर पर की गई थी वहीं गेहूं की बीजाई दूसरे नंबर पर करीब दस हजार हेक्टेयर पर है। सरसों की कटाई पूरे वेग से चल रही है। बाहरी मजदूरों की मदद से किसान कटाई का काम पूरा करवा रहे हैं। गेहूं की कटाई दो तीन दिनों में शुरू होने की संभावना है। कोरोना के डर से किसानों को शायद इस बार मजदूर कम मिलने के आसार हैं।
किसान अजी कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सरसों की पैदावार बेहतर होने के आसार थे किंतु विगत दिनों ओलावृष्टि एवं ठंड ने पैदावार घटा दी है। वहीं मटर की कटाई लगभग हो चुकी है। किसान सुबह खेतों में जाते हैं और देर शाम को ही लौटते हैं। कोरोनावायरस के चलते किसान खेतों में ही अधिक समय बीताना चाहते हैं।
किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल से न केवल अन्न प्राप्त होता है अपितु पशुचारे के रूप में तूड़ी प्राप्त होती है। किसान पशु पालते हैं जिसके चलते गेहूं की फसल का अहं योगदान होता है। सरसों की पैदावार को जहां तक किसान बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं वहीं तेल के रूप में भी प्रयोग करते हैं। अब किसानों के खेतों में सरसों हो या गेहूं फसल के सभी भाग उपयोगी हैं तथा उन्हें भी बेचकर आय प्राप्त की जाती है। गेहूं से अन्न एवं तूड़ी तो सरसों से धांसे, सरसों, पदाड़ी आदि सभी उपयोगी हैं।
फोटो कैप्शन 2: गेहूं की पकी हुई खेतों में खड़ी फसल।
अप्रैल फूल भी भेंट चढ़ गया कोरोना की
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कनीना। ग्रामीण क्षेत्रों में एक अप्रैल को अक्सर कुछ लोग अप्रैल फूल मनाते आ रहे हैं जो कोरोनावायरस की भेंट चढ़ गया है। इस बार अप्रैल फूल के दिन जहां किसी प्रकार को की कोई हंसी मजाक संभव नहीं हो सकेगी वहीं यदि हंसी मजाक की जाएगी तो वह भारी पड़ सकती है।
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल को एक दूसरे से हंसी मजाक किए जाते रहे हैं और हंसी मजाक कई बार परेशानी का कारण बनते आए हैं। इस बार अप्रैल फूल पर जहां कोरोनावायरस रही है। पहले ही लोग घरों में छुपे हुए हैं। ऐसे में मजाक भूलकर लोग कोरोनावायरस से लडऩे के तरीके ढूंढ रहे हैं।
विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही है, सहायता के लिए
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कनीना। कनीना क्षेत्र में दूसरे राज्यों के रह रहे लोग जिनके पास कोई अब काम धंधा नहीं बचा है उनकी सहायतार्थ विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही हैं। आर्य समाज मंदिर की ओर से जहां कोरोना राहत कोष में एसडीएम कनीना के मार्फत 11000 रुपये को भेंट किए हैं वहीं उन्होंने 100 बैग आटे, दाल, तेल, चावल आदि भी ऐसे लोंगों के घर घर जाकर प्रदान किए गए। राव मोहर सिंह प्रधान ने बताया कि उन्होंने पहले इन लोगों की सूची बनाई और उनके घर के पास जाकर प्रत्येक परिवार को 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 लीटर तेल प्रदान किया और भविष्य में भी वे इस प्रकार की सहायता करते रहेंगे। इसमें विनय कुमार एडवोकेट 51 हजार रुपये का सहयोग किया है जबकि 25000 रुपये का सहयोग राव मोहर सिंह ने किया है। बाकी अन्य लोगों ने भी सहयोग किया है। कच्ची खाद्य सामग्री राव मोहर सिंह,विनय एडवोकेट, राम भगत, महावीर सिंह, अभय राव, पवन शर्मा आदि मौजूद थे। उधर बीइंग हुमन सेवा मंडल ने अपनी रसोई कनीना के गाहड़ा रोड के पास शुरू की है। इस रसोई में खाने के पैकेट तैयार कर उन लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं जिन्हें इसकी जरूरत है। इस कार्य में नवीन कौशिक, राहुल राव, साकेत राव, ऋषिराज जांगिड़, गजे सिंह, हितेंद्र, रणजीत सिंह आदि मदद कर रहे हैं।
उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना की ओर से अटेली टी-प्वाइंट पर बाहर से आकर ठहरे हुए लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया गया है। पार्षद मुकेश, रविंद्र बंसल, सचिन शर्मा, मोहित जेलददार, मनोज रोहिल्ला आदि ममद कर रहे हैं। कनीना नगर पालिका में भी ऐसे लोगों के लिए खाने का सुबह-शाम प्रबंध किया गया है। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा आरएस वाटिका में भी इन लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया है जबकि विभिन्न अन्य संस्थाएं और लोग भी इनकी सेवार्थ आगे आ रहे हैं। उधर पूर्ण सिंह शिक्षक, सचिन कुमार प्रवक्ता ने अपनी बेसिक का दस फीसदी राहत कोष में दिया है।
फोटो कैप्शन 5: बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल के लोग खाने के पैकेट बांटते हुए
6 आर्य समाज के लोग कच्ची खाद्य सामग्री बांटते हुए आर्य समाज के लोग
7: कनीना पालिका परिसर में खाना खिलाते हुए लोग।
लोकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
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कनीना। प्रतिदिन लोग सड़कों पर पैदल घूमते रहते हैं जो जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों को सख्ती से निपटने के लिए और कोरोनावायरस के भयंकर रूप को ध्यान में रखते हुए एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने गांवों और कस्बे की निगरानी के लिए सुपरवाइजर एवं नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई पैदल घूमता हो तो उनको जाने से रोकेगा वही पैदल चलने वाले लोगों के ठहरने व खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत से मिलकर करेंगे।
मिली जानकारी अनुसार देशबंधु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना के तहत मोड़ी, गोमला, गोमला, भोजावास, झीगावन, रामबास पड़तल, मानपुरा, ढाणा, बेवल,खैराना, सुंदराह, नांगल, कोका, रसूलपुर, कपूरी की जिम्मेदारी दी है। प्रत्येक गांव में प्राध्यापक, पटवारी या ग्राम सचिव आदि की तैनाती भी उनके साथ बतौर नोडल अधिकारी लगाई गई है।
उधर अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना सुपरवाइजर के तहत ककराला, इसराना, मोहनपुर, भडफ़, कोटिया, करीरा, दोंगड़ा अहीर, दौंगड़ा जाट, कलवाड़ी मुंडियाखेड़ा, कनीना,गाहड़ा,धनौंदा, खरकड़ाबास झाड़ली लगाए गए हैं। उधर अमित कुमार यादव नायब तहसीलदार सुपरवाइजर के तहत सीहोर, छीतरौली, बाघोत, चेलावास, गुढ़ा, कैमला, पाथेड़ा, खेड़ी, अगिहार, सेहलंग, तलवाना, स्याणा, पोता एवं नौताना गांव रखे गए हैं। इस संबंध में उन्होंने रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करनी शुरू कर दी हैं।
दिहाड़ीदार मजदूरों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होने दी जाएगा- पुलिस कप्तान
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कनीना। दिहाड़ीदार मजदूरों को रहने व खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े। ये विचार जिला पुलिस कप्तान सुलोचना गजराज नारनौल ने सोमवार कनीना उपमंडल के दर्जन भर गांवों व कस्बों के नाकों के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने संबधित विभाग के कर्मचारियों एवं जूनियर अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आज देश में एक कोरोना नामक महामारी के दौर से गुजर रहा है इस लिए हमारे इस क्षेत्र में तथा दूसरे जिलों से आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों के पलायन को रोकना है और उनके खाने-पीने तथा ठहरने की सभी सुविधाएं प्रदान करनी है। वही कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार ने पुलिस कप्तान को बताया कि जो मजदूर लोग रात-बिरात को आते है उनको ठहरने के स्थान तक ले जाने के लिए हमें गाड़ी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि दिहाड़ीदार मजदूरों को बिना किसी कठिनाई के कस्बे में बनाए गए होम सेंटरों पर छोड़ा जा सके। जिला पुलिस कप्तान ने कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह के साथ भी इस समस्या को लेकर बातचीत कर उनको पुलिस के लिए बस उपलब्ध कराने की बात कहीं वही कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह ने भी जिला पुलिस कप्तान को चार बसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वही उपमंडल अधिकारी ने कस्बे में बनाए दो आवास सेंटरों में आई लेबर के मेडिकल परीक्षण के लिए डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई है। वही थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देशानुसार कस्बे के चारों और पुलिस के नाके लगाए है ताकि दिन व रात को आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों का पलायन रोका जा सके और उनको रहने व खाने की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
फोटो कैप्शन 3: एसपी नारनौल सुलोचना गजराज अधिकारियों से बात करते हुए।
कनीना उपमंडल के विभिन्न गांवो में किया राशन वितरित
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कनीना। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी लोकडाउन को सफल बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं,दूध पिलाने वाली महिलाओं तथा छोटे बच्चों को उनके घर में ही राशन देने की कवायद शुरू कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार पहले तो 31 मार्च तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब नए आदेश के तहत आगामी 30 अप्रैल तक आंगनबाडिय़ों में लाभ पात्रों को दिए जाने वाले पोषक आहार को डोर टू डोर दिए जाने के आदेश की पालना करने के निर्देश भी जारी किए है तथा इसमें कोताही करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही कनीना की सीडीपीओ सीमा ग्रोवर के आदेशानुसार खंड के गांव मोहनपुर, नांगल, कोका, इसराना, चेलावास, गुढ़ा, उन्हाणी, रसूलपुर तथा गाहड़ा आदि गांवों में कनीना द्वितीय की सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने स्वयं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर जाकर डोर टू डोर राशन वितरित कराया तथा सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने गांवो में जाकर राशन वितरण के साथ-साथ लोगों से यह अपील भी कि है कि वे आने वाली 14 अप्रैल तक अपने घरों में रहे तथा माननीय प्रधान मंत्री की बात का सम्मान करते हुए घरों से बहार न निकले। मनीषा यादव ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना से डरना नही बल्कि इससे लडऩा है और इसको हराना है तथा भारत को विजय बनाना है।
फोटो कैप्शन 4: घर घर सूखा सामान वितरित करती आंगनबाड़ी वर्कर।
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कनीना। कनीना में दूसरे राज्यों से आए हुए लोगों के लिए दो सेंटर बनाए गए जिनमें 83 लोग ठहरे हुए हैं जिनके खाने और भोजन के लिए खाने और रहने के लिए व्यापक प्रबंध किए हुए। विभिन्न अधिकारी उन केंद्रों का दौरा कर रहे हैं। कनीना की आरएस वाटिका में 21 लोग ठहरे हुए हैं जिनके लिए खाने-पीने का और रहने के बेहतर प्रबंध किया हुए है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में
62 लोग ठहरे हुए। इनके लिए भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इन लोगों से किसी कमी के बारे में पूछा तो उन्होंने दी जाने वाली सुविधाओं पर संतोष जताया। कोरोनावायरस को लेकर पूरी सावधानियां बरती जा रही है।
आरएस वाटिका में प्रबंध करने वाले सुशील कुमार मित्तल ने बताया इन लोगों के खाने पीने, चाय, पानी, नाश्ता, रहने सहने आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। समय पर भोजन दिया जा रहा है। बार-बार किसी प्रकार की परेशानी हो तो उनके बारे में पूछा जा रहा है। इन लोगों का कहना है जब तक उन्हें रोकना चाहे वे रुके रहेंगे फिर अगर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई तो वे अपने घर को चले जाएंगे।
उधर कनीना की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 62 लोग ठहरे हुए हैं। यहां पर अमरजीत तथा रमन शास्त्री ने बताया कि उनके नहाने के लिए साबुन भी उपलब्ध करवा रखी है वहीं रहने की व्यवस्था बहुत बेहतर है। खाने पीने का प्रबंध नगर पालिका परिसर में किया गया है जहां पर सचिव राजाराम एमई चमनलाल, पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा,लेखाकार शिवचरण शर्मा सहित कम से कम दो दर्जन समाजसेवी नियमों में बंधकर इनको सुबह-शाम खाना खिला रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन खाना खाने वाले लोगों की संख्या सुबह-शाम मिलाकर दो हजार के करीब पहुंच गई है। ये वो लोग हैं जिनके पास इस वक्त कोई धंधा नहीं बचा है तथा झुग्गी झोपडिय़ों में रहते हैं। आस-पास किसी पुराने घर में रहते हैं, उनके लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। कनीना में भी कुछ संस्थाएं श्रीश्याम मित्र मंडल, बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल सहित सामाजिक लोग इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या इन लोगों के सामने न आए।
फोटो कैप्शन 1: राजकीय स्कूल के शेल्टर में रुके हुए लोग एवं उनकी सेवा में खड़े शिक्षक।
किसानों की नजर गेहूं की ओर
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कनीना। सरसों की कटाई जहां पूरे यौवन पर है वहीं किसानों की नजर पककर तैयार गेहूं की फसल पर टिकी हुई है। गेहूं की फसल की कटाई दो तीन दिनों में शुरू हो जाने की संभावना है।
कनीना की बावनी भूमि पर जहां सरसों की बीजाई करीब 19 हजार हेक्टेयर पर की गई थी वहीं गेहूं की बीजाई दूसरे नंबर पर करीब दस हजार हेक्टेयर पर है। सरसों की कटाई पूरे वेग से चल रही है। बाहरी मजदूरों की मदद से किसान कटाई का काम पूरा करवा रहे हैं। गेहूं की कटाई दो तीन दिनों में शुरू होने की संभावना है। कोरोना के डर से किसानों को शायद इस बार मजदूर कम मिलने के आसार हैं।
किसान अजी कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सरसों की पैदावार बेहतर होने के आसार थे किंतु विगत दिनों ओलावृष्टि एवं ठंड ने पैदावार घटा दी है। वहीं मटर की कटाई लगभग हो चुकी है। किसान सुबह खेतों में जाते हैं और देर शाम को ही लौटते हैं। कोरोनावायरस के चलते किसान खेतों में ही अधिक समय बीताना चाहते हैं।
किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल से न केवल अन्न प्राप्त होता है अपितु पशुचारे के रूप में तूड़ी प्राप्त होती है। किसान पशु पालते हैं जिसके चलते गेहूं की फसल का अहं योगदान होता है। सरसों की पैदावार को जहां तक किसान बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं वहीं तेल के रूप में भी प्रयोग करते हैं। अब किसानों के खेतों में सरसों हो या गेहूं फसल के सभी भाग उपयोगी हैं तथा उन्हें भी बेचकर आय प्राप्त की जाती है। गेहूं से अन्न एवं तूड़ी तो सरसों से धांसे, सरसों, पदाड़ी आदि सभी उपयोगी हैं।
फोटो कैप्शन 2: गेहूं की पकी हुई खेतों में खड़ी फसल।
अप्रैल फूल भी भेंट चढ़ गया कोरोना की
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कनीना। ग्रामीण क्षेत्रों में एक अप्रैल को अक्सर कुछ लोग अप्रैल फूल मनाते आ रहे हैं जो कोरोनावायरस की भेंट चढ़ गया है। इस बार अप्रैल फूल के दिन जहां किसी प्रकार को की कोई हंसी मजाक संभव नहीं हो सकेगी वहीं यदि हंसी मजाक की जाएगी तो वह भारी पड़ सकती है।
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल को एक दूसरे से हंसी मजाक किए जाते रहे हैं और हंसी मजाक कई बार परेशानी का कारण बनते आए हैं। इस बार अप्रैल फूल पर जहां कोरोनावायरस रही है। पहले ही लोग घरों में छुपे हुए हैं। ऐसे में मजाक भूलकर लोग कोरोनावायरस से लडऩे के तरीके ढूंढ रहे हैं।
विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही है, सहायता के लिए
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कनीना। कनीना क्षेत्र में दूसरे राज्यों के रह रहे लोग जिनके पास कोई अब काम धंधा नहीं बचा है उनकी सहायतार्थ विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही हैं। आर्य समाज मंदिर की ओर से जहां कोरोना राहत कोष में एसडीएम कनीना के मार्फत 11000 रुपये को भेंट किए हैं वहीं उन्होंने 100 बैग आटे, दाल, तेल, चावल आदि भी ऐसे लोंगों के घर घर जाकर प्रदान किए गए। राव मोहर सिंह प्रधान ने बताया कि उन्होंने पहले इन लोगों की सूची बनाई और उनके घर के पास जाकर प्रत्येक परिवार को 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 लीटर तेल प्रदान किया और भविष्य में भी वे इस प्रकार की सहायता करते रहेंगे। इसमें विनय कुमार एडवोकेट 51 हजार रुपये का सहयोग किया है जबकि 25000 रुपये का सहयोग राव मोहर सिंह ने किया है। बाकी अन्य लोगों ने भी सहयोग किया है। कच्ची खाद्य सामग्री राव मोहर सिंह,विनय एडवोकेट, राम भगत, महावीर सिंह, अभय राव, पवन शर्मा आदि मौजूद थे। उधर बीइंग हुमन सेवा मंडल ने अपनी रसोई कनीना के गाहड़ा रोड के पास शुरू की है। इस रसोई में खाने के पैकेट तैयार कर उन लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं जिन्हें इसकी जरूरत है। इस कार्य में नवीन कौशिक, राहुल राव, साकेत राव, ऋषिराज जांगिड़, गजे सिंह, हितेंद्र, रणजीत सिंह आदि मदद कर रहे हैं।
उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना की ओर से अटेली टी-प्वाइंट पर बाहर से आकर ठहरे हुए लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया गया है। पार्षद मुकेश, रविंद्र बंसल, सचिन शर्मा, मोहित जेलददार, मनोज रोहिल्ला आदि ममद कर रहे हैं। कनीना नगर पालिका में भी ऐसे लोगों के लिए खाने का सुबह-शाम प्रबंध किया गया है। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा आरएस वाटिका में भी इन लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया है जबकि विभिन्न अन्य संस्थाएं और लोग भी इनकी सेवार्थ आगे आ रहे हैं। उधर पूर्ण सिंह शिक्षक, सचिन कुमार प्रवक्ता ने अपनी बेसिक का दस फीसदी राहत कोष में दिया है।
फोटो कैप्शन 5: बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल के लोग खाने के पैकेट बांटते हुए
6 आर्य समाज के लोग कच्ची खाद्य सामग्री बांटते हुए आर्य समाज के लोग
7: कनीना पालिका परिसर में खाना खिलाते हुए लोग।
लोकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
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कनीना। प्रतिदिन लोग सड़कों पर पैदल घूमते रहते हैं जो जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों को सख्ती से निपटने के लिए और कोरोनावायरस के भयंकर रूप को ध्यान में रखते हुए एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने गांवों और कस्बे की निगरानी के लिए सुपरवाइजर एवं नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई पैदल घूमता हो तो उनको जाने से रोकेगा वही पैदल चलने वाले लोगों के ठहरने व खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत से मिलकर करेंगे।
मिली जानकारी अनुसार देशबंधु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना के तहत मोड़ी, गोमला, गोमला, भोजावास, झीगावन, रामबास पड़तल, मानपुरा, ढाणा, बेवल,खैराना, सुंदराह, नांगल, कोका, रसूलपुर, कपूरी की जिम्मेदारी दी है। प्रत्येक गांव में प्राध्यापक, पटवारी या ग्राम सचिव आदि की तैनाती भी उनके साथ बतौर नोडल अधिकारी लगाई गई है।
उधर अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना सुपरवाइजर के तहत ककराला, इसराना, मोहनपुर, भडफ़, कोटिया, करीरा, दोंगड़ा अहीर, दौंगड़ा जाट, कलवाड़ी मुंडियाखेड़ा, कनीना,गाहड़ा,धनौंदा, खरकड़ाबास झाड़ली लगाए गए हैं। उधर अमित कुमार यादव नायब तहसीलदार सुपरवाइजर के तहत सीहोर, छीतरौली, बाघोत, चेलावास, गुढ़ा, कैमला, पाथेड़ा, खेड़ी, अगिहार, सेहलंग, तलवाना, स्याणा, पोता एवं नौताना गांव रखे गए हैं। इस संबंध में उन्होंने रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करनी शुरू कर दी हैं।
दिहाड़ीदार मजदूरों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होने दी जाएगा- पुलिस कप्तान
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कनीना। दिहाड़ीदार मजदूरों को रहने व खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े। ये विचार जिला पुलिस कप्तान सुलोचना गजराज नारनौल ने सोमवार कनीना उपमंडल के दर्जन भर गांवों व कस्बों के नाकों के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने संबधित विभाग के कर्मचारियों एवं जूनियर अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आज देश में एक कोरोना नामक महामारी के दौर से गुजर रहा है इस लिए हमारे इस क्षेत्र में तथा दूसरे जिलों से आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों के पलायन को रोकना है और उनके खाने-पीने तथा ठहरने की सभी सुविधाएं प्रदान करनी है। वही कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार ने पुलिस कप्तान को बताया कि जो मजदूर लोग रात-बिरात को आते है उनको ठहरने के स्थान तक ले जाने के लिए हमें गाड़ी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि दिहाड़ीदार मजदूरों को बिना किसी कठिनाई के कस्बे में बनाए गए होम सेंटरों पर छोड़ा जा सके। जिला पुलिस कप्तान ने कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह के साथ भी इस समस्या को लेकर बातचीत कर उनको पुलिस के लिए बस उपलब्ध कराने की बात कहीं वही कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह ने भी जिला पुलिस कप्तान को चार बसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वही उपमंडल अधिकारी ने कस्बे में बनाए दो आवास सेंटरों में आई लेबर के मेडिकल परीक्षण के लिए डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई है। वही थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देशानुसार कस्बे के चारों और पुलिस के नाके लगाए है ताकि दिन व रात को आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों का पलायन रोका जा सके और उनको रहने व खाने की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
फोटो कैप्शन 3: एसपी नारनौल सुलोचना गजराज अधिकारियों से बात करते हुए।
कनीना उपमंडल के विभिन्न गांवो में किया राशन वितरित
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कनीना। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी लोकडाउन को सफल बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं,दूध पिलाने वाली महिलाओं तथा छोटे बच्चों को उनके घर में ही राशन देने की कवायद शुरू कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार पहले तो 31 मार्च तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब नए आदेश के तहत आगामी 30 अप्रैल तक आंगनबाडिय़ों में लाभ पात्रों को दिए जाने वाले पोषक आहार को डोर टू डोर दिए जाने के आदेश की पालना करने के निर्देश भी जारी किए है तथा इसमें कोताही करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही कनीना की सीडीपीओ सीमा ग्रोवर के आदेशानुसार खंड के गांव मोहनपुर, नांगल, कोका, इसराना, चेलावास, गुढ़ा, उन्हाणी, रसूलपुर तथा गाहड़ा आदि गांवों में कनीना द्वितीय की सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने स्वयं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर जाकर डोर टू डोर राशन वितरित कराया तथा सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने गांवो में जाकर राशन वितरण के साथ-साथ लोगों से यह अपील भी कि है कि वे आने वाली 14 अप्रैल तक अपने घरों में रहे तथा माननीय प्रधान मंत्री की बात का सम्मान करते हुए घरों से बहार न निकले। मनीषा यादव ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना से डरना नही बल्कि इससे लडऩा है और इसको हराना है तथा भारत को विजय बनाना है।
फोटो कैप्शन 4: घर घर सूखा सामान वितरित करती आंगनबाड़ी वर्कर।
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