प्राइवेट बस चालक को रोड़वेज कर्मचारी के साथ पंगा लेना पड़ा भारी
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कनीना। प्राइवेट बस परिचालक को रोड़वेज कर्मचारी के साथ पंगा लेना उस समय भारी पड़ गया जब उसने इसकी शिकायत कनीना पुलिस को देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाही की मांग की। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर निजी बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महेन्द्रगढ़ - कनीना -रेवाड़ी चलने वाली एक नीजि बस का समय पूरा हो जाने के बाद भी वह सवारियों का इंतजार करता रहा जिसको लेकर कनीना बस स्टैंड पर रोड़वेज बसों की बुकिंक करने वाले उमेद सिंह ने उसे कहा कि आप अपनी गाड़ी को लेकर जाए क्योंकि आपकी गाड़ी का निर्धारित समय हो चुका है। अब रोड़वेज बस का समय हो गया है लेकिन वह उसके बाद भी नही गया जिसको लेकर दोनों में तकरार इतनी बढ़ गई की नीजि बस चालक ने रोड़वेज बुकिंक करने वाले के साथ मारपीट की तथा उसकी वर्दी फाड़ दी, वही उसने शिकायत में यह भी बताया कि नीजि बस वाले ने उनको साथ किए झगड़े में मेरा एक दांत भी टुट गया। पीडि़ता कि शिकायत को लेकर कनीना सीटी पुलिस ने मामला दर्ज कर नीजि वाहन चालक रविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया जिसे कनीना न्यायालय में पेश किया जिसे आगामी 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
4 माह के बाद फिर होगी कनीना मंडी में होगी चहल-पहल
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कनीना। कनीना मंडी में
खरीफ की फसल जोर शोर से दो खरीद केंद्रों पर चली। खरीदा गया सारा बाजरा खरीद एजेंसी हैफेड द्वारा उठवाकर पानीपत भिजवा दिया है। अब एक बार फिर से अनाज मंडी सूनी सूनी नजर आने लगी है। सभी मजदूर भी अपने गांव चले गये। चार माह बाद फिर से रबी फसल की खरीद पर मंडी में हलचल बढ़ जाएगी। कनीना मंडी में 1 अक्टूबर से चहल-पहल शुरू हो हुई थी और 12726 किसानों ने अपना बाजरा बेचना था जो बेच चुके हैं। बाजरे की खरीद का विगत वर्ष का रिकार्ड भी टूट चुका है। विगत वर्ष की तुलना में 50 हजारा क्विंटल बाजरा अधिक खरीदा गया।
कनीना मंडी के व्यापार मंडल के उप-प्रधान रविंद्र बंसल तथा मार्केट कमेटी के उप-प्रधान ओमप्रकाश लिसाानिया ने बताया कि खरीद का काम बेहतर ढंग से चला है और एक बार फिर से अनाज मंडी सूनी नजर आती है। इक्का दुक्का किसान किसी काम से आ रहा है।
कनीना मंडी में खरीफ और रबी दोनों फसलों की खरीद के समय हर वर्ष भारी चहल कदमी नजर आती है। अनाज की खरीद से पहले एवं अनाज की खरीद के बाद अनाज मंडी सूनी दिखाई पड़ती है।
उल्लेखनीय है कि कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास में स्थापित की जा रही है जिसमें समय लगेगा। वैसे भी गेहूं की बिक्री के समय इतनी भीड़ बढ़ जाती है रेलवे स्टेशन तक पहुंचना कठिन हो जाता है। प्रथम गेट से रेलवे स्टेशन महज 500 मीटर दूर है किंतु वाहनों की भीड़ से गुजरने में कई मिनट लग जाते हैं। उस भीड़ से जरूर निजात मिला है। अब अप्रैल माह में सरसों एवं गेहूं की सरकारी खरीद होगी। तब तक अनाज मंडी में सभी आढ़ती गेहूं एवं सरसों की आवक का इंतजार कर करेंगे। किसी जमाने में कनीना मंडी का दायरा विस्तृत था किंतु अब अनाज मंडी का दायरा घट गया है।
कनीना क्षेत्र में इस वर्ष सरसों की फसल करीब 20 हजार हेक्टेयर तो गेहूं करीब दस हजार हेक्टेयर पर उगाया गया है। जीविका का यही सहारा है। किसी जमाने में विख्यात थी जहां एक माह तक रबी फसल पैदावार तथा एक माह खरीफ फसल की आवक चलती थी।
फोटो कैप्शन 6: कनीना अनाज मंडी का नजारा
मोनिका ने पाई भूगोल में नेट परीक्षा में सफलता
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कनीना। उपमंडल के गांव ककराला निवासी मोनिका पत्नी संदीप ने भूगोल विषय में नेट की परीक्षा पास की है। इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर से स्नातकोत्तर की डिग्री भूगोल विषय में प्राप्त करने के बाद उन्होंने भूगोल विषय में नेट की परीक्षा दी थी जिसमें आप सफल हो गई है। उनकी सफलता का श्रेय अपने ससुर चांद किरण और प्रोफेसर संदीप ककरालिया को देती है। उनकी सफलता पर अनेकों लोगों ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन : मानिका
आशा वर्कर मिली कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में बुधवार को 51 वर्षीय आशा वर्कर कोरोना संक्रमित मिली है। उन्होंने 29 नवंबर को कनीना में सैंपल दिया था आज उनका की रिपोर्ट कोरोना संक्रमित में मिली है। विस्तृत जानकारी देते सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई कर दी है।
पशुधन कम होते जा रहे हैं और दूध की मांग बढ़ती जा रही है
-दूध, पनीर एवं मावा जितना चाहिए बाजार में उपलब्ध है
-अखिल यह मावा दूध और पनीर कहां से आता है?
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कनीना। धीरे धीरे पशुधन कम होते जा रहे हैं जबकि गर्मी एवं सर्दी के मौसम में विवाह शादियों एवं आम उपभोक्ता की मांग बढ़ जाती है। बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने वक्त में पशुधन ज्यादा होते थे दूध,छाछ, घी खाने को अधिक होता था परंतु अन्न कम होता था।
वर्तमान में उसके उलट हो गया। अनाज अधिक पैदावार होने लग गई किंतु पशुधन रखना ही बंद कर दिया परंतु आश्चर्य तब होता है जब बाजार में सस्ती दर पर मावा, पनीर और दूध उपलब्ध हो जाता है।
यदि बाजार में तुरंत प्रभाव से कोई दूध, मावा और पनीर लेना चाहे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकता है। कुछ दुधिये भी दूध की सप्लाई करते हैं जिनसे मनमर्जी दूध की मात्रा मंगवाई जा सकती है। ये भी मांगे अनुसार दूध प्रदान करने के लिए तैयार हो जाते हैं। आखिर कहां से आता है यह सब? अगर नकली मावा, दूध और पनीर बिकता है तो आज तक प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों अनुसार दूध, पनीर और मावा आदि का लंबे समय से एक भी सैंपल नहीं भरा गया है। ऐसे में इंसान जहरीले पदार्थ खाने को मजबूर हो गया है।
पशुधन पर नजर डालें तो कनीना के लालचंद पशु चिकित्सक बताते हैं कि कनीना उपमंडल के तहत 8 पशु औषधालय आते हैं और सभी के तहत 9538 गाये 32315 भैंसे, 3498 भेंड, 4945 बकरियां,992 सुअर मिलाकर कुल 51288 पशुधन बनते हैं। गौशाला की गायें भी इनमें शामिल हैं। महज 30 से 40 प्रतिशत पशु दुधारू हैं। इतने पशुओं से इतना अधिक दूध प्राप्त करना कठिन हो जाता है जो सारी मांगें पूरी कर सके।
वर्तमान में बाजार में दूध का रेट 55 रुपये लीटर है जबकि कनीना क्षेत्र में अकेले 8 डेयरियां है जिनमें 63 रुपये प्रति 100 फेट से दूध लिया जाता है। अधिकांश पशुपालक अपना दूध डेयरियों में बेच रहे हैं जिसके चलते दूध की कमी है। परंतु दुधिये दूध की किसी भी समय कमी नहीं होने देते।
सत्य प्रकाश डेरी संचालक ने बताया कि उनकी डेयरी में प्रतिदिन 3.5 क्विंटल के करीब दूध आता है। गर्मियों में गायों का दूध बढ़ जाता है तो सर्दी में भैंस का दूध अधिक होता है। अगर 1 लीटर दूध से पनीर बनाए तो महज 200 ग्राम पनीर बनता है। सुनील कुमार हलवाई ने बताया कि 1 लीटर दूध को फाड़कर 200 ग्राम पनीर बनाया जा सकता है अर्थात 55 का 200 ग्राम पनीर बनता है जिस पर मेहनत अलग हैं परंतु दुकानों पर 40 रुपये का 250 ग्राम पनीर मिल रहा है। विवाह शादियों में भारी मात्रा में पनीर, दूध एवं मावा चाहिए। एक विवाह में एक सौ व्यक्तियों के लिए कम से कम 5 किलो पनीर,चाय के लिए 5 से 10 लीटर दूध, काफी के लिए 30 लीटर दूध चाहिए। ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि सैकड़ों शादियां ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हो रही हैं। उधर मावा,पनीर एवं दूध को को अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में प्रति गांव में कई कई शादियों में आने वाला पनीर और दूध आखिर कहां से आ जाता है?
लोगों की माने तो कहना है कि नकली दूध, पनीर और खोवा उपलब्ध होता है। इसलिए यह सस्ता मिल जाता है जबकि दुकानदार कुछ कहने से छुपाते हैं। ऐसे में अगर नकली चीजें बिक रही हैं तो स्वास्थ्य विभाग मौन क्यों है? आज तक सैंपल क्यों नहीं भरे ताकि लोगों को जहरीले पदार्थ खाने से बचाया जा सके। प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई न करने से नकली चीजें बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं।
पोल हटवाने के लिए समाजसेवी पहुंचा राज्य सूचना आयोग के पास
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कनीना। वैसे तो बिजली वितरण निगम के पास अक्सर पोल का अभाव होता है किंतु कनीना में 11 पोल बिना किसी तारों के लंबे समय से सड़क मार्ग पर खड़े हुए हैं जिनको हटवाने के लिए कनीना के प्रसिद्ध समाजसेवी शिवकुमार अग्रवाल मुख्य सूचना आयोग चंडीगढ़ पहुंचे हैं। शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सूचना द्वारा प्राप्त किया कि कनीना बस स्टैंड तिराहे से अनाज मंडी तक 11 विभिन्न पोल इधर उधर खड़े हुए हैं। डिवाइड के बीच में भी नहीं है जिसके चलते परेशानी का सबब बने हुए हैं। उन पर किसी प्रकार का कोई तार नहीं जा रहा है। ऐसे में इन को उखाड़ कर कहीं प्रयोग में लाया जाए तो समाज हित हो सकता है। वहीं ये खड़े हुए पोल किसी दुर्घटना को अंदेशा दे रहे हैं। उन्होंने आरटीआई दिखाते हुए बताया कि सूचना अधिकारी ने स्पष्ट लिखा है कि नगरपालिका कनीना को ये खंभे हटवाने की कोई दिलचस्पी नहीं हैं।
उधर नगरपालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि अगर कहीं रास्ते में खंभे खड़े हुए हैं तो उनको हटवाने के लिए वे अविलंब कार्रवाई करेंगे और बिजली वितरण निगम को लिखेंगे।
ट्रेन चलाई जाने की मांग जोर पकडऩे लगी
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कनीना। कनीना खास रेलवे स्टेशन से वर्तमान में महज एक फास्ट ट्रेन रात्रि के समय गुजरती वह भी नहीं रुक रही है जिसके चलते यात्रियों ने रेलवे विभाग से सभी ट्रेन विशेषकर पैसेंजर ट्रेन चलाई जाने की मांग की है ताकि आवागमन में सुविधा हो सके।
मिली जानकारी अनुसार 22 मार्च 2020 से सभी प्रकार की ट्रेन बंद है। कोविड-19 के दौरान दो ट्रेन चलाई गई थी जिनमें एक जोधपुर और दूसरी बीकानेर एक्सप्रेस थी किंतु बाद में जोधपुर एक्सप्रेस को बंद कर दिया गया। महज बीकानेर एक्सप्रेस जरूर कनीना होकर गुजर रही है जो कनीना खास रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकती है। क्षेत्र के यात्री रमेश कुमार, दिनेश कुमार, रवि कुमार सुरेश कुमार, महेश कुमार, कुलदीप कुमार, देशराज आदि ने बताया कि सामान लाने ले जाने के लिए आना जाना पड़ता है। बसे समय पर नहीं मिलती तो ट्रेन का साधन सुलभ होता है किंतु ट्रेन 22 मार्च 2020 से लगातार करीब 9 महीने से बंद हैं। ऐसे में आवागमन में बड़ी दिक्कत हो रही है। उन्होंने विभाग से मांग की है कि सभी ट्रेन चलाई जाए ताकि यात्रियों को आवागमन में सुविधा हो सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं भी समय समय पर आयोजित हो रही है जिन्हें जाने के लिए विद्यार्थियों को भारी परेशानी होती है। उनका कहना है कि या तो परीक्षाएं रद्द करवाई जाए या फिर ट्रेन चलाई जाए ताकि विद्यार्थी और परीक्षार्थी समय पर पहुंच सके।
नहीं रुकती ट्रेन-
कनीना खास रेलवे स्टेशन 1935 में बना था। उपमंडल स्तर का रेलवे स्टेशन जरूर है किंतु ट्रेनों के मामले में किसी गांव से बदहाल स्थिति में है। विगत 12 वर्षों से लगातार लोगों का संघर्ष चल रहा है कि सभी ट्रेन यहां रोकी जाए। परंतु उपमंडल स्तर के इस कनीना खास रेलवे स्टेशन पर जहां पैसेंजर ट्रेन तथा एक फास्ट ट्रेन रूकती है जबकि 18 पैसेंजर ट्रेन चलती है और 7 फास्ट ट्रेन चलती है। जिनमें से वर्तमान में तो एक ही ट्रेन चल रही है वह भी नहीं रुक रही है। ऐसे में क्षेत्रवासियों में रोष पनप रहा है। उन्होंने सभी ट्रेन चलाकर कनीना खास रेलवे स्टेशन पर रोके जाने की मांग की है।
बहुत पुराना है रेलवे स्टेशन-
कनीना खास रेलवे स्टेशन पुराना एवं अंग्रेजी काल का है जब अनाज मंडी और रेलवे स्टेशन लगभग साथ बने थे। वर्तमान में कनीना की नई अनाज मंडी भी खिसक कर चेलावास में बन रही है वहीं रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव नहीं हो पाया है। कनीना अहीरवाल का गढ़ है यहां तीन मंत्री हुए हैं जिनकी संयुक्त पंजाब में मंत्री रहें सूबेदार ओंकार सिंह तो हरियाणा बनने पर राव दलीप सिंह बाद में केंद्र में मंत्री कर्नल राम सिंह कनीना से संबंध रखते थे। उनका कनीना खास रेलवे स्टेशन से खास लगाव था किंतु यह दुर्भाग्य की तीनों की मौत हो चुकी है। कनीना खास रेलवे स्टेशन जस का तस पड़ा हुआ है।
फोटो कैप्शन 2: कनीना खास रेलवे स्टेशन
प्राईवेट बस चालक को रोड़वेज कर्मचारी के साथ पंगा लेना पड़ा भारी
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,कनीना। प्राइवेट बस परिचालक को रोड़वेज कर्मचारी के साथ पंगा लेना उस समय भारी पड़ गया जब उसने इसकी शिकायत कनीना पुलिस को देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाही की मांग की। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर निजी बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महेन्द्रगढ़ - कनीना -रेवाड़ी चलने वाली एक नीजि बस का समय पूरा हो जाने के बाद भी वह सवारियों का इंतजार करता रहा जिसको लेकर कनीना बस स्टैंड पर रोड़वेज बसों की बुकिंक करने वाले उमेद सिंह ने उसे कहा कि आप अपनी गाड़ी को लेकर जाए क्योंकि आपकी गाड़ी का निर्धारित समय हो चुका है। अब रोड़वेज बस का समय हो गया है लेकिन वह उसके बाद भी नही गया जिसको लेकर दोनों में तकरार इतनी बढ़ गई की नीजि बस चालक ने रोड़वेज बुकिंक करने वाले के साथ मारपीट की तथा उसकी वर्दी फाड़ दी, वही उसने शिकायत में यह भी बताया कि नीजि बस वाले ने उनको साथ किए झगड़े में मेरा एक दांत भी टुट गया। पीडि़ता कि शिकायत को लेकर कनीना सीटी पुलिस ने मामला दर्ज कर नीजि वाहन चालक रविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया जिसे कनीना न्यायालय में पेश किया जिसे आगामी 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पशुधन कम होते जा रहे हैं और दूध की मांग बढ़ती जा रही है
-दूध पनीर मावा जितना चाहिए बाजार में उपलब्ध है
-अखिल यह मावा दूध और पनीर कहां से आता है?
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,कनीना। धीरे धीरे पशुधन कम होते जा रहे हैं जबकि गर्मी एवं सर्दी के मौसम में विवाह शादियों एवं आम उपभोक्ता की मांग बढ़ जाती है। बुजुर्ग बताते हैं कि पुराने वक्त में पशुधन ज्यादा होते थे दूध,छाछ, घी खाने को अधिक होता था परंतु अन्न कम होता था।
चर्तमान में उसके उलट हो गया। अनाज अधिक पैदावार होने लग गई किंतु पशुधन रखना ही बंद कर दिया परंतु आश्चर्य तब होता है जब बाजार में सस्ती दर पर मावा, पनीर और दूध उपलब्ध हो जाता है।
यदि बाजार में तुरंत प्रभाव से कोई दूध मावा और पनीर लेना चाहे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकता है। कुछ दुधिये भी दूध की सप्लाई करते हैं जिनसे मनमर्जी दूध की मात्रा मंगवाई जा सकती है। ये भी मांगे अनुसार दूध प्रदान करने के लिए तैयार हो जाते हैं। आखिर कहां से आता है यह सब। अगर नकली मावा, दूध और पनीर बिकता है तो आज तक प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों अनुसार दूध पनीर और मावा आदि का लंबे समय से एक भी सैंपल नहीं भरा गया है। ऐसे में इंसान जहरीले पदार्थ खाने को मजबूर हो गया है।
पशुधन पर नजर डालें तो कनीना के लालचंद पशु चिकित्सक बताते हैं कि कनीना उपमंडल के तहत 8 पशु औषधालय आते हैं और सभी के तहत 9538 गाये 32315 भैंसे, 3498 भेड़, 4945 बकरियां,992 सुअर मिलाकर कुल 51288 पशुधन बनते हैं। गौशाला की गायें भी इनमें शामिल हैं। महज 30 से 40 प्रतिशत पशु दुधारू हैं। इतने पशुओं से इतना अधिक दूध प्राप्त करना कठिन हो जाता है।
वर्तमान में बाजार में दूध का रेट 55 रुपये लीटर है जबकि कनीना क्षेत्र में अकेले 8 डेयरियां है जिनमें 63 रुपये प्रति 100 फेट से दूध लिया जाता है। अधिकांश पशुपालक अपना दूध डेयरियों में बेच रहे हैं जिसके चलते दूध की कमी है। उधर दुधिये बहुत अधिक दूध ला रहे हैं।
सत्य प्रकाश डेरी संचालक ने बताया कि उनकी डेयरी में दूध प्रतिदिन साढ़े तीन क्विंटल के करीब आता है। गर्मियों में गायों का दूध बढ़ जाता है तो सर्दी में भैंस का दूध बढ़ जाता है। अगर 1 लीटर दूध से पनीर बनाए तो महज 200 ग्राम पनीर बनता है।सुनील कुमार हलवाई ने बताया कि 1 लीटर दूध को फाड़कर 200 ग्राम पनीर बनाया जा सकता है अर्थात 55 का 200 ग्राम पनीर बनता है जिस पर मेहनत अलग हैं परंतु दुकानों पर 40 रुपये का 250 ग्राम पनीर मिल रहा है। विवाह शादियों में भारी मात्रा में पनीर, दूध एवं मावा चाहिए। एक विवाह में एक सौ व्यक्तियों के लिए कम से कम 5 किलो पनीर,चाय के लिए 5 से 10 लीटर दूध, काफी के लिए 50 लीटर दूध चाहिए। ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि सैकड़ों शादियां ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हो रही हैं। मावा,पनीर एवं दूध को को अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में प्रति गांव में कई कई शादियों में आने वाला पनीर और दूध आखिर कहां से आ जाता है।
लोगों की माने तो कहना है कि नकली दूध, पनीर और खोवा उपलब्ध होता है। इसलिए यह सस्ता मिल जाता है जो कि दुकानदार कुछ कहने से छुपाते हैं। ऐसे में अगर नकली चीजें बिक रही हैं तो स्वास्थ्य विभाग मौन क्यों है? आज तक सैंपल क्यों नहीं भरे ताकि लोगों को जहरीले पदार्थ खाने से बचाया जा सके। प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई न करने के चलते कोई नकली चीजें बनाता है तो उनके हौसले बुलंद हैं।
मोनिका ने पाई भूगोल में नेट परीक्षा में सफलता
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, कनीना। उपमंडल के गांव ककराला निवासी मोनिका पत्नी संदीप ने भूगोल विषय में नेट की परीक्षा पास की है। इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर से स्नातकोत्तर की डिग्री भूगोल विषय में प्राप्त करने के बाद उन्होंने भूगोल विषय में नेट की परीक्षा दी थी जिसमें आप सफल हो गई है। उनकी सफलता का श्रेय अपने ससुर चांद किरण और प्रोफेसर संदीप ककरालिया को देती है। उनकी सफलता पर अनेकों लोगों ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन : मानिका
आशा वर्कर मिली कोरोना संक्रमित
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कनीना। कनीना क्षेत्र में बुधवार को 51 वर्षीय आशा वर्कर कोरोना संक्रमित मिली है। उन्होंने 29 नवंबर को कनीना में सैंपल दिया था आज उनका की रिपोर्ट कोरोना संक्रमित में मिली है। विस्तृत जानकारी देते सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया है और आगामी कार्रवाई कर दी है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया गया
,कनीना। जीएल स्कूल कनीना में लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय प्रदूषण दिवस को मनाया गया जिसमें विद्यालय के अध्यापकों ने अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने व विद्यालय के छात्रों को इसके प्रति जागरूक करने की शपथ ली।
इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें एडवोकेट जेपी लोढा ने बताया कि हर वर्ष 2 दिसम्बर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस देशभर में मनाया जाता है जोकि भोपाल में हुई गैस त्रासदी के कारण हजारों लोगों ने अपने जान गवाई थी। भोपाल के यूनियन कार्बाइड प्लांट से मिथाईल आइसोसाइनाइट गैस का रिसाव हुआ था। उन लोगों को सम्मान देने और याद करने के लिए हर वर्ष भारत में यह दिन मनाया जाता है। इसके अलावा औद्योगिक आपदा को नियंत्रण करने के लिए लोगों को शिक्षित करना भी है। इस अवसर की महत्वता के बारे बताते हुए विद्यालय के प्राचार्य पृथ्वी सिंह जी ने बताया कि हर साल सात मिलियन लोग प्रदूषण के कारण जान गंवाते हैं। हालात इतनी खराब है कि वैश्विक स्तर पर हर 10 से में 9 लोगों तक शुद्ध हवा नहीं पहुँच पाती है। भोपाल गैस त्रासदी विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी थी। उस तरह की घटना दोबारा न दोहराई जावे, उसके लिए देश भर में राष्ट्रीय नियंत्रण दिवस मनाया जाता है।
फोटो कैप्शन 1: प्रदूषण कम करने पर विचार गोष्ठी करते अध्यापक।
अनीता ने पास की नेट की परीक्षा
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कनीना। उपमंडल का करीरा की अनीता पुत्री उदय भान ने यूजीसी/नेट की परीक्षा कामर्स विषय में पास की है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी पाली से एमकाम करके यह परीक्षा दी थी और प्रथम प्रयास में उन्होंने या परीक्षा पास कर ली है।
नेट की परीक्षा पास करने पर उन्हें बजरंग एडवोकेट, बालकिशन करीरा, श्रीकिशन करीरा राजेश शिक्षक तथा विभिन्न लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: अनीता
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