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Thursday, December 17, 2020

 शहीद एके इंडेन गैस एजेंसी ने कोटिया में लगाया उपभोक्ता जागरूकता शिविर 

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कनीना। उप मण्डल के गांव कोटिया में शहीद अशोक कुमार इंडेन गैस एजेंसी  द्वारा इंडियन गैस क्लीनिक के माध्यम से उपभोक्ताओं को सेफ्टी से गैस उपयोग व सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
एजेंसी सुपरवाइजर नवीन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि गैस सुरक्षा व उपयोग के बारे में महिलाओं को जानकारी से परिपूर्ण होना चाहिए। इससे न सिर्फ गैस की बचत होती है बल्कि खतरे की आशंका से मुक्ति मिल जाती है। खाना बनाने से पहले तैयारियां पूरी कर लेनी चाहिए। इससे 20 से 25 फीसद गैस कम खर्च होती है। खाना तैयार हो जाने के बाद गैस को बंद कर देना चाहिए। सिलेंडर नीचे और चूल्हा ऊपर होना चाहिए। साथ ही रसोई में रोशनदान अथवा खिड़की का होना बेहद जरूरी है। इस दौरान उन्होंने तकनीकी जानकारियों से भी महिलाओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि खाना बनाते समय पहले यह देख ले कि कहीं गैस तो लीक नहीं हुई है। गैस लीक हो रही हो तो सावधानी बरते तथा माचिस, बल्ब आदि न जलाए।
इस मौके पर ग्रामीण रविंद्र, अशोक, बनवारी, छोटूराम, प्रवीण, सुमन, बलवंती देवी, राजदुलारी, अंजू, पूजा, सहित कोटिया गांव के अन्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: शहीद एके गैस एजेंसी कनीना पर उपभोक्ताओं को जागरूक करते एजेंसी सुपरवाइजर नवीन कुमार एवं स्टाफ।


स्याणा में बेटी के जन्मोत्सव पर हुआ कुआं पूजन 

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कनीना। स्याणा गांव में बुधवार शाम ज्योति धर्मपत्नी अभिषेक की नवजात बेटी अंशिका का कुआं पूजन कार्यक्रम किया गया।
नवजात कन्या के दादा रविंद्र सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा की बेटियों के बिना समाज की कल्पना करना संभव नहीं है। परिवारों में लड़कियों के जन्म की बढ़ोतरी ने गिरते लिंगानुपात के अंतर को मिटाने की दिशा में एक अहम पहल है। इस मुहिम से जुड़ा हर व्यक्ति लड़का-लड़की में भेदभाव खत्म करने के लिए बधाई का पात्र है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर सभी लोगों को समन्वित रूप से काम करने की जरूरत है। हमें बेटियों के जन्मदिन को सामाजिक परम्परा बनाने की आवश्यकता हैं ताकि बेटों एवं बेटियों में हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जा सके।
इस अवसर पर कन्या के दादा रविंद्र, कन्या की दादी रतन देवी, सत्येंद्र यादव, बलवंत, वीरपाल सिंह, धर्मपाल सिंह, गजेंद्र यादव, कर्म यादव, बस्ती राम, राहुल, सचिन, गौरव, राजू, नीलू यादव, अश्विनी यादव, पिंकी यादव, सुमन देवी, भतेरी देवी, प्रियंका सहित गांव के सरपंच पूजा यादव भी मौजूद रही।
फोटो कैप्शन 6: लड़की के जन्म पर स्याणा गांव में कुआ पूजन ज्योति।


पशुओं को बचाएं सर्दी से
-सर्दी लगने से पशुओं का घट जाता है दूध

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कनीना। इंसानों की भांति पशुओं को भी सर्दी लगती है। दुधारू पशु सर्दी लगने पर कम दूध देते हैं। ये विचार वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा लालचंद यादव ने व्यक्त किये।
  उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान पशु पालते हैं किंतु सर्दियों में उन पर ध्यान नहीं देते जिसके चलते सर्दी लग जाती है। उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में पशुओं को खुले आसमान तल न बांधे, जब तक धूप न हो जाये तब तक घर से बाहर न निकाले, ठंडा पानी न पिलाये, धूप आने पर ही पानी पिलाये, ताजा पानी पिलाये और पशु को कपड़े से या बोरी आदि से रात को ढके। उन्होंने कहा कि सर्दियों में मवेशियों को प्रमुख रूप से सर्दी लग जाती है और जिसका सीधा प्रभाव दूध पर पड़ता है।
उधर पशुओं के लिए लंबे समय से औषधियां बनाने के शोध कार्य में लगे हुए विक्की एवं शिब्बू पंसारी का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को भी सर्दी से बचाना चाहिए वरना वे दूध कम देंगे वहीं बीमार हो सकते हैं। उनका कहना है कि पशु भी इंसान की भांति रोगों से पीडि़त हो सकते हैं। उन्हें बचाना जरूरी है। ऐसे में उन्हें गर्म बोरी आदि से ढककर आराम दिलाना जरूरी होता है।
विक्की पंसारी का कहना है कि आने वाले सर्दियों के 4 महीने पशुओं के लिए काफी कठिनाई के होते हैं जिसमें पशुओं को सर्द गर्म हो जाना पैर अकड़ जाना दूध उत्पादन कम हो जाना आदि समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं। मगर पशुपालक पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करें तो सर्दी हो या गर्मी बसंत हो या बाहर हर मौसम में अपने पशुओं का स्वस्थ रख सकता है इस मौसम में पशुओं को अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, लहसुन, तुलसी, शतावर, मेथी, हालू ग्वारपाठा, इलाइची और आक के फूल का उपयोग करना चाहिए, जिससे पशु सर्द मौसम में बीमारियों से बचा रहेगा हमारे बुजुर्गों के अनुसार पशुओं की हर बीमारी का इलाज पशुओं के आस-पास भी उपलब्ध है। बशर्ते हमें उनकी जानकारी हो। अब वक्त आ चुका है जब हम हमारे देश की अनमोल विरासत हमारे पेड़ पौधे और घास पूस से जुड़े हर्बल ज्ञान को सम्मान दिलाने के लिए मिलकर पहल करें। हमारे बुजुर्ग अपने इस परंपरागत ज्ञान को लिखित रूप में नहीं रखते हैं। यह ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी शब्दों के जरिए मुंह से संचारित हुआ है। किसानों को चाहिए कि वह अपने बुजुर्गों से इस ज्ञान को एकत्रित करें और विलुप्त होते इस प्राचीन ज्ञान को बचाने में अपना योगदान दें। विकी पंसारी पिछले 20 सालों से इसी तरह के प्राचीन ज्ञान की खोज में लगे हुए हैं अब तक उन्होंने पशुओं की बीमारी के सैकड़ों नुसखे इजाद किए हैं जिनका उपयोग क्षेत्र के हजारों किसान बड़ी ही उत्साह से करते हैं।
फोटो कैप्शन 2: विक्की पंसारी औषधीय पौधों की जानकारी देते हुये जो सर्दी से बचाते हैं।



आय का बेहतर स्रोत है गरीबों के सेब

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 कनीना। गरीबों के सेब गरीब लोगों के लिए बेहतर आय का स्रोत बन गए हैं। तीन माह तक ये बाजार में उपलब्ध होते हैं। कई जन इन बेरों से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। सेब की भांति बड़े होने के कारण नाम एपल बेर है। कनीना क्षेत्र में कम ही किसान पैदा कर रहे हैं जबकि महेंद्रगढ़ से अधिक आते हैं।
    कनीना क्षेत्र में रेहडिय़ों पर भारी मात्रा में बेर उपलब्ध हैं। बेर जैसे रसीले फल गरीबों के सेव कहलाते हैं। बेर नामक वो फल हैं जिसका स्वाद तो भगवान् श्रीराम ने भी भीलनी के हाथों से लिया था। बेरों का ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर उपभोग किया जाता है यहां तक कि अधिक मात्रा में उत्पन्न बेरों को सूखा लिया जाता हैं और वर्ष भर खाया जाता है। गरीब जन जो महंगे दामों पर सेव नहीं खरीद सकते हैं वे अपने बेर खाकर विटामिन सी की आपूर्ति कर लेते हैं। सर्दी के मौसम में बेर को जमकर खाया जा सकता है जो लाभकारी साबित होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो ये बेर खूब उपलब्ध हैं। किसान के खेतों में दोनों ही प्रकार के बेर उगाए जाते हैं जो किसान के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकते हैं। शहरी किसान तो इन बेरों को बेचकर आय कमा रहे हैं किंतु ग्रामीण किसान आज भी बाजार तक उन्हें बेचने से कतराते हैं। यूं तो पूरे देश में ही बेरी का पौधा उगाया जाता है और उसके मधुर फलों का स्वाद लिया जाता है किंतु रेतीले क्षेत्रों में बेर अधिक पैदा हो रहा है।
 बेर बेचने वाले जगमाल सिंह ने बताया कि वे दूसरे प्रांत से आकर महज यहां रेहड़ी पर बेर बेचकर प्रतिदिन 300 रुपये तक कमा लेते हैं। किसान राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार ने बताया कि बेर मार्च माह तक पर्याप्त मात्रा में खेतों में स्वयं पैदा हो जाते हैं। बाजार में अब एक सौ ग्राम तक के बेर आए हुए हैं। इन्हें अमरूदी बेर कहा जाता है।  
फोटो कैप्शन 3: बड़े बेर बेचते हुए कनीना बस स्टैंड का एक दुकानदार।



राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव संपन्न -सत्यवीर खन्ना  को बनाया खंड प्रधान 

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कनीना। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के चुनाव सर्वसम्मति से राजकीय प्राथमिक पाठशाला उनींदा में संपन्न हो गये। इस मौके पर पर्यवेक्षक श्योकरण चंदेला तथा सत्यपाल लांबा थे।
 इस मौके पर सर्वसम्मति से सभी नामों की घोषणा की गई। पर्यवेक्षक एवं  सत्यपाल लांबा द्वारा जारी सूचना अनुसार प्रधान पद के लिए सत्यवीर खन्ना जीपीएस मोहलडा को सर्वसम्मति से चुना गया वहीं उप प्रधान राम सिंह जीपीएस महासर , सचिव ईश्वर सिंह, सह सचिव राजेंद्र सावरिया जीपीएस कारिया, कोषाध्यक्ष रविंद्र , प्रेस सचिव हीरा लाल व मुख्य सलाहकार कर्मवीर हसनपुरिया को सर्वसम्मति से चुना गया है। इस मौके पर पद की शपथ दिलवाई तथा मिलकर काम करने की प्रेरणा दी।                    इस अवसर पर शुभराम इंदौरा, राजेश उन्हाणी, मनोज ,विक्रम, संदेश ,सोमदत्त, अनिल कुमार, सतीश कुमार ,भीम सिंह, प्रीतम, बाबू लाल आदि शिक्षक उप उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 4: प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव करवाते पर्यवेेक्षक एवं शिक्षक।


राज्य में मेरा वोट मेरा भविष्य पंचायत चुनाव जागरूकता अभियान ककराला से हुआ शुरू

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कनीना। उप-मण्डल के गांव ककराला, करीरा व सेहलंग में सामाजिक संगठन व स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं द्वारा भावी पंचायत चुनावों के लिये मतदाताओं को जागरूक करने की मुहिम शुरू की गई। इसी कड़ी में हरियाणा भर से कुछ स्वयंसेवी कार्यकर्ता मिलकर राज्य भर में मेरा वोट मेरा भविष्य मुहिम आरंभ करने हेतु राज्य स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। समिति समन्वयक व बाबा भैया सेवा दल ककराला के प्रधान महेश कुमार ने बताया इस पूरे अभियान के प्रथम चरण की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं हैं और यह सोशल मीडिया और जमीनी स्तर दोनों जगह चलाया जा रहा है। शुरुआती तौर पर समिति ने  महेन्द्रगढ, रेवाड़ी, चरखी दादरी, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर व भिवानी हरेक जिले से कम से कम 5 गांवों का लक्ष्य लिया गया है। जहाँ जमीनी स्तर पर अभियान को गहनता से चलाया जायेगा और समिति मीडिया के जरिये हर एक गांव के युवा कार्यकर्ताओं से जुडऩे का प्रयास करेगी। भिवानी से मुख्य सलाहकार आरसी पूनिया ने बताया कि राज्य के पंचायत चुनावों में मूलत: शराब पैसे का प्रलोभन , परिवारवाद ज्यादा बड़ी समस्या है जिसके चलते गलत आदमी पंचायत के मुखिया बन जाते हैं जिससे गांव का भविष्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर अंधकार की तरफ चला जाता है। पँचायत गाँव की सबसे प्रथम व अहम सरकार की कड़ी होती है जो हरेक ग्रामवासी नागरिक को सरकार से जोड़ती है। इसीलिए समिति गाँव-गाँव जाकर ये जागरूकता अभियान चलायेगी जिसमें ग्रामवासियों के साथ एक जन-संवाद करने की कोशिश रहेगी कि हमारी पंचायत कैसी हो?
हम हर ग्रामवासी वोटर को जाकर बतायेंगे कि गांव में आप उम्मीदवार का चुनाव अपने विवेक से करें और किसी भी प्रलोभन या लालच में आकर किसी को वोट न दें। जो उम्मीदवार लालच प्रलोभनों जैसे हथियार प्रयोग करता है उसको वोट न दें। राजेन्द्र यादव ने बताया कि कार्यकारिणी 19 व 20 दिसम्बर को महेन्द्रगढ जिले के डुलाना, सेहलंग, ककराला और करीरा गांवों में जन-संवाद कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इसके बाद चरखी दादरी, रेवाड़ी, भिवानी, झज्जर, भिवानी जिलों में कार्यक्रम होने हैं।
समिति में चलो गाँव की ओर, सक्रिय खोरी सेंटर, ग्रामीण विकास परिषद, निहालगढ़, बाबा भैया सेवा दल, ककराला के रूप में लोकल स्तर पर सहभागी संगठन की भूमिका निभा रहें हैं। इस बैठक की अध्यक्षता रेवाड़ी सक्रिय खोरी सेंटर से सुंदर लाल। सोनीपत से नेहरू युवा केन्द्र के पूर्व डायरेक्टर व समिति बी पी कुशवाहा उपाध्यक्ष, चलो गांव की ओर संस्थापक राजेन्द्र यादव, नवीन शर्मा भिवानी, नवरत्न पांडे चरखी दादरी, महिला समन्वयक सविता सोनी चिडिय़ा, सुमन रेवाड़ी भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 1: मेरा वोट मेरा भविष्य पँचायत चुनाव जागरूकता अभियान की शुरुआत करते हुए युवा।

इंडियन यूथ कांग्रेस के नीरज चौधरी की अध्यक्षता में दिया ज्ञापन

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 कनीना। जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ में स्थापित करवाने तथा अधिवक्ताओं पर बनाए गए केस वापस लेने संबंधित एक ज्ञापन भारतीय युवा कांग्रेस के खंड अध्यक्ष नीरज चौधरी की अध्यक्षता में दिया गया। क्योंकि एसडीएम मौके पर उपस्थित नहीं था इसलिए सुपरिटेंडेंट सुरेंद्र सिंह को के मार्फत ज्ञापन भिजवाया ज्ञापन में कहा गया है कि 1966 हरियाणा की स्थापना की तरफ से महेंद्रगढ़ जिला अस्तित्व में है। रेवाड़ी और चरखी दादरी भी महेंद्रगढ़ का हिस्सा होते थे। संयुक्त पंजाब के तहत भी महेंद्रगढ़ जिले का एक आधार था किंतु राजनीतिक कारणों से जिले का मुख्यालय नारनौल स्थापित कर दिया गया। अब रही सही कसर जिले का मुख्यालय महेंद्रगढ़ स्थापित करने की बजाय नारनौल में करने जा रही है जो जन भावनाओं के खिलाफ है। जिला मुख्यालय नारनौल होने से महेंद्रगढ़ का विकास रुक जाएगा। उन्होंने अपील की कि लोगों की जन भावना को देखते हुए जिला मुख्यालय महेंद्रगढ़ में ही स्थापित किया जाए और उचित कदम उठाए जाए। महेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय के लिए आंदोलनरत बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के विरुद्ध बनाये गये केस वापस लेने की मांग की। अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने ज्ञापन लेकर उच्च अधिकारियों तक प्रेषित करने की बात कही। इस अवसर पर अधिवक्ता सुनील रामबास, अधिवक्ता राकेश मानपुरा, अधिवक्ता मनजीत कोटिया, अधिवक्ता सुनील राव ककराला, राजपाल कनीना मनोज, ओमप्रकाश, बलवान, रवि, कुलदीप, मोहित, दिनेश एवं अंकित सहित अन्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1: अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष नीरज चौधरी की अध्यक्षता में ज्ञापन देते हुये।



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