चोरी के मामले में पकड़ी दोनों महिलाओ को आठ जनवरी तक भेजा झज्जर जेल में
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कनीना। रविवार को कनीना-कोसली मार्ग पर एक निजी गाड़ी में सवार होकर जा रही दो महिलाओं द्वारा चोरी करने के आरोप में पकड़ा था। उन्हें सोमवार को कनीना न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें आठ जनवरी तक झज्जर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
मिली जानकारी अनुसार कनीना बस स्टैंड से कोसली के लिए एक निजी गाड़ी में सवार होकर गई महिला का सामान चोरी हो गया था। पुलिस ने महिला बबीता की शिकायत पर दो महिलाओं को काबू कर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सामान को मौके से बरामद कर लिया था। महिला बबीता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने गांव भालोठ की ढाणी से ससुराल रेवाड़ी जिले के गांव मलेसियावास जा रही थी। जब कनीना बस स्टैंड से कोसली के लिए एक निजी गाड़ी में बैठी तो उसके पास उसका सारा सामान था लेकिन जब गाड़ी चालाक ने कनीना-कोसली रोड़ पर गांव कोटिया के पास किराया मांगा तो मिला ने देखा की उसका पर्स व अन्य सामान गायब मिला। जिसके संबंध में महिला ने गाड़ी चालक को भी बताया। जिसके बाद गाड़ी चालक ने सवारियों की मदद से दो महिलाओं के पास से सारे सामान को बरामद कर लिया। उन्होंने इस संबंध में पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद चौकी प्रभारी एएसआई गोविंद सिंह, आईओ सुनिल व अन्य पुलिस कर्मचारियों ने महिला पुलिस सहित मौके पर पहुंचकर आरोपी महिला रूसी व सुनीता को गिरफ्तार में लेकर आरोपियों के पास से चार हजार रुपए, चांदी के पाजेव, एक साड़ी, एक सूट, एक लाख 70 हजार रुपए का हस्ताक्षर किया हुआ चैक व अन्य जरूरी कागजात बरामद किए है। एएसआई गोविंद सिंह ने बताया कि दोनों महिलाओं से पूछताछ करने पर एक महिला ने अपना नाम नंगला जाटुसाना निवासी रूसी व दूसरी ने गुडियानी निवासी सुनीता बताया। दोनों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया।
दोनों को पुलिस ने सोमवार कनीना न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें 8 जनवरी 2021 तक न्यायिक हिरासत में भेजा है। चूंकि पास में महिला जेल नहीं हैं ऐसे में उन्हें महिला जेल झज्जर भेज दिया गया है।
गाहड़ा में दो दिवसीय वालीबाल खेल प्रतियोगिता का हुआ शुभारंभ
- विभिन्न जिलों की 20 टीमों ने लिया हिस्सा
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,कनीना। उपमंडल कनीना के गाहड़ा गांव के बाबा कैम वाले जोहड़ के पास बाबा भैया समिति के तत्वाधान में ओपन वालीबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दो दिवसीय वालीबॉल खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने किया। उसके बाद मुख्य अतिथि सरपंच राजू इंदौरा ने खेल मैदान में जाकर सभी खिलाडिय़ों से परिचय करवाया तादुपरांत खेल मैदान में खिलाडिय़ों के बीच टास किया गया और बाल को उछालकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
समिति के सदस्यों के ने मुख्य अतिथि का स्वागत तिलक ओर पुष्प माला पहना कर किया । संस्था के सदस्य इंद्रवेश उर्फ मंत्री यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता में हरियाणा के झज्जर, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ इत्यादि जिलों की 20 टीमों ने भाग लिया है।
प्रतियोगिता का पहला मैच झाड़ली व इंदोखर के बीच खेला गया। जिसमें इंदोखर की टीम के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच को जीत लिया। उसके बाद सीहोर व बव्वा की टीम के बीच मैच खेला गया। इस मैच में बव्वा के खिलाडिय़ों ने बाजी मारी। उसके बाद इंदोखर व बव्वा के बीच मैच खेला गया जिसमें इंदोखर के खिलाडिय़ों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच को जीत लिया । उसके बाद करीरा व निमोठ के बीच मैच खेला गया जिसमें निमोठ की टीम ने जीत हासिल की।
उसके बाद कोटिया व गढ़ी गांव के बीच मैच खेला गया। जिसमें कोटिया की टीम ने जीत हासिल की। संस्था के सदस्य इंद्रवेश उर्फ मंत्री यादव बताया कि बची हुई टीमों का मैच करवाने के लिए ग्राउंड में दो जगह नेट लगवा दी गई है जिसमें एक साथ चार टीम खेल सकती हैं। कोविड-19 की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए सभी खिलाडिय़ों के हाथ सेनिटाइज करवा दिए थे। खिलाडिय़ों के लिए जलपान की व्यवस्था खेल प्रांगण में ही करवा दी गई थी। बाहर से आए हुए खिलाडिय़ों के लिए रुकने की व्यवस्था की गई। इस दौरान मनोज यादव, कपिल, श्रीपाल, कर्मवीर, पंकज यादव, सुमित, सतीश, पवन यादव सहित अन्य खिलाड़ी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 7: गाहड़ा गांव में वालीबाल खेल का नजारा।
गांव में नुक्कड़ सभा आयोजित कर शराब और अधिक खर्चा करने वालों को वोट ना डालने की अपील की
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कनीना। खण्ड के गांव ककराला में मेरा वोट मेरा भविष्य अभियान के क्रम में ग्रामीणों ने एक नुक्कड़ संवाद सभा आयोजित की। जिसमें आगामी पंचायत चुनाव को लेकर शराब बांटने वाले या अनाप-शनाप खर्च करने उम्मीदवार को नकारने के लिए आग्रह किया गया। वहीं ग्रामीणों ने अपने वोट की ताकत को पहचानने के लिए वोटर को जागरूक किया।
ग्रामीण राजबीर ने कहा कि इस बार इक्कीसवीं शताब्दी में जन्म लेने वाले नौजवान वोटर पहली बार ग्राम पंचायत चुनावों में वोट करेंगे। सभी लोग अपनी अगली पीढ़ी को अच्छे संस्कार दे व जब वोट डालने का समय आए तो किसी भी प्रकार के प्रलोभन में ना आए।
भविष्य में गांव कौन-कौन से कामों को लेकर आगे बढ़ें इस विषय पर गम्भीरता से विचार करने के लिए नुक्कड़ संवाद सभा में मंथन किया गया। ग्रामीण सुमेर ने बताया सभी ग्रामीण इस बात को लेकर बड़े ही आशान्वित हैं कि इस बार सभी उम्मीदवार एक आदर्श उदाहरण देते हुए चुनाव लड़ेंगे और एक आदर्श गांव की परिकल्पना के लिए काम करेंगे। इस बार चुनाव में शराब व अनाप-शनाप खर्च नहीं करेंगे। हम लगातार यही प्रयास कर रहें हैं और आगे के दिनों में भी नुक्कड़ नुक्कड़ जाकर संवाद कार्यक्रम जारी रहेगा।
इस अवसर पर कृष्ण, मदनपाल, सुखवीर, राममेहर, नवीन, जगदेव, रवींद्र, सुनील, रामबीर सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: ककराला में नुक्कड़ सभा में वोट की कीमत बताते ग्रामीण।
परिवार के डर से भागे लड़के मिले,
- परिजनों ने करवाया था अपहरण की संभावना मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा निवासी रूपेश कुमार ने कनीना पुलिस में जहां रविवार को उनके लड़के आदित्य 19 वर्ष तथा अमित पुत्र नरेंद्र 15 साल रात्रि एक बजे से गायब तथा उन्हें अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहरण किये जाने का मामला दर्ज करवाया था किंतु अब वे फिल्मी अंदाज में मिल गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों लड़के एक बाइक लेकर रात के वक्त कनीना आए थे किंतु इनके पास बाइक के कागजात नहीं थे। पुलिस ने इनकी बाइक को इंपाउंड कर दिया था। तत्पश्चात ये दोनों परिवार के डर के मारे बूचावास चले गए जो कनीना से 9 किमी दूर तथा गुढ़ा से भी आगेपड़ता है। बूचावास के एक होटल पर इन्होंने खाना खाया और रात को बूचावास के एक पुराने बंध्द पड़े स्कूल में रात बिताने का निर्णय लिया किंतु जब सर्दी सताने लगी तो दोनों पैदल ही बूचावास से गुढ़ा की ओर चल दिये जो 4 किलोमीटर दूरी पर है। रास्ते में जब वे पैदल आ रहे थे तो उनके परिजन इनकी तलाश में घूम रहे थे। उन्हें ये मिले तो इन्हें पकड़ लिया और कनीना पुलिस में परिजनों ने पेश किया और सारी कहानी बताई। इस प्रकार परिवार एवं पुलिस दोनों को परेशान रखा।
गांव में नुक्कड़ सभा आयोजित कर शराब और अधिक खर्चा करने वालों को वोट ना डालने की अपील की
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,कनीना। खण्ड के गांव ककराला में मेरा वोट मेरा भविष्य अभियान के क्रम में ग्रामीणों ने एक नुक्कड़ संवाद सभा आयोजित की। जिसमें आगामी पंचायत चुनाव को लेकर शराब बांटने वाले या अनाप-शनाप खर्च करने उम्मीदवार को नकारने के लिए आग्रह किया गया। वहीं ग्रामीणों ने अपने वोट की ताकत को पहचानने के लिए वोटर को जागरूक किया।
ग्रामीण राजबीर ने कहा कि इस बार इक्कीसवीं शताब्दी में जन्म लेने वाले नौजवान वोटर पहली बार ग्राम पंचायत चुनावों में वोट करेंगे। सभी लोग अपनी अगली पीढ़ी को अच्छे संस्कार दे व जब वोट डालने का समय आए तो किसी भी प्रकार के प्रलोभन में ना आए।
भविष्य में गांव कौन-कौन से कामों को लेकर आगे बढ़ें इस विषय पर गम्भीरता से विचार करने के लिए नुक्कड़ संवाद सभा में मंथन किया गया। ग्रामीण सुमेर ने बताया सभी ग्रामीण इस बात को लेकर बड़े ही आशान्वित हैं कि इस बार सभी उम्मीदवार एक आदर्श उदाहरण देते हुए चुनाव लड़ेंगे और एक आदर्श गांव की परिकल्पना के लिए काम करेंगे। इस बार चुनाव में शराब व अनाप-शनाप खर्च नहीं करेंगे। हम लगातार यही प्रयास कर रहें हैं और आगे के दिनों में भी नुक्कड़ नुक्कड़ जाकर संवाद कार्यक्रम जारी रहेगा।
इस अवसर पर कृष्ण, मदनपाल, सुखवीर, राममेहर, नवीन, जगदेव, रवींद्र, सुनील, रामबीर सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: ककराला में नुक्कड़ सभा में वोट की कीमत बताते ग्रामीण।
परिवार के डर से भागे लड़के मिले,
- परिजनों ने करवाया था अपहरण की संभावना मामला दर्ज
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा निवासी रूपेश कुमार ने कनीना पुलिस में जहां रविवार को उनके लड़के आदित्य 19 वर्ष तथा अमित पुत्र नरेंद्र 15 साल रात्रि एक बजे से गायब तथा उन्हें अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहरण किये जाने का मामला दर्ज करवाया था किंतु अब वे फिल्मी अंदाज में मिल गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों लड़के एक बाइक लेकर रात के वक्त कनीना आए थे किंतु इनके पास बाइक के कागजात नहीं थे। पुलिस ने इनकी बाइक को इंपाउंड कर दिया था। तत्पश्चात ये दोनों परिवार के डर के मारे बूचावास चले गए जो कनीना से 9 किमी दूर तथा गुढ़ा से भी आगे पड़ता है। बूचावास के एक होटल पर इन्होंने खाना खाया और रात को बूचावास के एक पुराने बंद पड़े स्कूल में रात बिताने का निर्णय लिया किंतु जब सर्दी सताने लगी तो दोनों पैदल ही बूचावास से गुढ़ा की ओर चल दिये जो 4 किलोमीटर दूरी पर है। रास्ते में जब वे पैदल आ रहे थे तो उनके परिजन इनकी तलाश में घूम रहे थे। उन्हें ये मिले तो इन्हें पकड़ लिया और कनीना पुलिस में परिजनों ने पेश किया और सारी कहानी बताई। इस प्रकार परिवार एवं पुलिस दोनों को परेशान रखा।
आनलाइन शिक्षण पाने के बाद अब होगा मासिक टेस्ट
-शीतकालीन अवकाश की संभावना क्षीण
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कनीना। वैसे तो विगत नौ माह से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित रही है किंतु अब सरकार मासिक टेस्ट करवाने के मूड में है। इस बार प्रथम जनवरी से एक पखवाड़े के शीतकालीन अवकाश की संभावना क्षीण नजर आती है।
सरकारी सूत्र बताते हैं कि स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को जनवरी माह में आनलाइन परीक्षा देनी होगी। बेशक अधिकांश विद्यार्थी मजदूर एवं गरीब तबके के सरकारी स्कूलों में पढऩे के लिए आते हैं जिनके पास पढऩे के लिए स्मार्ट फोन तक नहीं है। या फिर वे अभिभावकों के फोन से यदा कदा पढ़ते आये हैं।
अभिभावक रवि कुमार, कृष्ण कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेट की समस्या या पैक न डलवाने की समस्या आम देखने को मिलती है। ऐसे में अब उनको परीक्षा देनी होगी। हालांकि अभी तक टेस्ट की तिथि घोषित नहीं की गई है किंतु अगर टेस्ट होता है तो बड़ी विकट समस्या बन सकती है। टेस्ट की तैयारी की कड़ी में अवसर जैसे एप का प्रयोग उनके लिए जरूरी किया हुआ है। शिक्षा निदेशक ने ही एप के जरिए परीक्षा करवाने के आदेश जारी किए हैं।
विभिन्न स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक कक्षाओं में पढऩे वाले ज्यादातर विद्यार्थियों का अवसर एप पर रजिस्ट्रेशन भी कर दिया गया है और बचे हुये का रजिस्ट्रेशन जारी है। ऐसे में अब देखना होगा कि इन परीक्षाओं में कितने विद्यार्थी परीक्षा दे पाते हैं या नहीं। अभिभावक मानते हैं कि उपस्थिति ज्यादा रहने की संभावना नहीं है।
शिक्षकों एवं अभिभावकों से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि लाकडाउन के दौरान परिजनों का फोन घर पर ही रहता था। ऐसे में विद्यार्थी समय पर पढ़ाई कर लेते थे। लेकिन जब से अनलाक हुआ है तब से अभिभावक फोन लेकर काम पर चले जाते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को फोन पूरे दिन नहीं मिल पाता है। अभिभावक देर से घर आते हैं तब तक बहुत से विद्यार्थी सो चुके होते हैं। वैसे भी जिस घर में में पढ़ाई वाले दो से तीन बच्चे हैं और घर में एक ही स्मार्ट फोन है तो वे आनलाइन शिक्षण सही ढंग से नहीं कर पाते हैं तो फिर आनलाइन परीक्षा देना कठिन हो जाएगा। शिक्षकों ने बताया कि वे रोजाना पढऩे के लिए सामग्री भेजते हैंं। लेकिन बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। विद्यार्थियों की शिकायतें मिल रही हैं।
पहले होते थे पांच टेस्ट-
अध्यापक नेता धर्मपाल शर्मा बताते हैं कि पहले स्कूलों में एक नहीं अपितु कुल पांच टेस्ट होते थे जिनमें अर्ध-वार्षिक तथा वार्षिक परीक्षा के अतिरिक्त तीन अन्य टेस्ट होते थे जिनके अंक मिलाकर ग्रेड देना होता था। नया सत्र भी अप्रैल माह से शुरू होता था। अब जब पूरी साल में एक भी टेस्ट नहीं हुआ है तो अब जनवरी माह में टेस्ट करवाना औचित्य विहीन लगते हैं।
2020 में उभरे नए नए चेहरे.....
समाज सेवा के रूप में आए हैं नए चेहरे उभरकर
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कनीना। कोरोना महामारी, लाकडाउन ,अनलोक आदि अनेकों घटनाओं को जहां कोविड-19 दिया है। इस अवधि में विशेषकर अनेकों नये चेहरे बतौर नेता उभरकर आये हैं। यद्यपि विभिन्न पार्टियों ने भी अपनी कार्यकारिणी घोषित की है जिसमें अधिकांश चेहरे युवा वर्ग से संबंध रखते हैं।
वैसे तो कस्बा कनीना सूबेदार ओंकार सिंह, कर्नल राम सिंह, दलीप सिंह ऐसे धुरंधर नेता एवं मंत्री हुए हैं जिनके नाम पर आज भी कनीना को गर्व है। ये आज इस दुनियां में नहीं हैं। किंतु कोरोना काल ने कुछ ऐसा करके रख दिया है जिससे नए चेहरे उभर कर सामने आए हैं।
कनीना कभी विधानसभा क्षेत्र होता था जो 1972 के चुनाव तक जारी रहा। उस समय बेशक कम नेता कनीना क्षेत्र के उभरे हो लेकिन जो भी नेता उभर कर उन्होंने उसने दूर-दराज तक नाम कमाया था। यूं तो हर वर्ष नये चेहरे उभरकर आते हैं किंतु 2020 में कोरोना काल में जहां गरीबों की सेवा करने बहाने, उनको गंतव्य स्थान तक पहुंचाने तथा उनकी सेवा भाव निभाकर कई नये चेहरे उभर कर सामने आए जो धीरे-धीरे अब विभिन्न प्रकार की समस्याएं हल करवाने में आगे आ रहे हैं और धीरे-धीरे राजनीतिक पार्टियों पार्टियों से संबंध जोड़ नेता के रूप में उभरने लगे हैं।
कस्बा कनीना का जसवंत सिंह बबलू एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने हरियाणा में नाम कमाने के कोई कसर नहीं छोड़ी है। जब पार्टी के इक्के दुक्के नेता होते थे उस वक्त जसवंत सिंह बबलू सामने आये थे जिन्होंने हरियाणा में भाजपा पदाधिकारी बतौर जिम्मेदारी निभाई है। वर्ष 2019 में चुनावों में तथा वर्ष 2020 में केंद्र तक पकड़ बनाई हैं। हरियाणा में चुनाव लडऩे की विगत योजना में भी तैयारी थी लेकिन उन्हें किसी कारणवश पीछे हटना पड़ा।
समाज सेवा से उठकर नेतागिरी की ओर कदम बढ़ाने वाले बहुत से नेता सामने आए हैं। वैसे तो भाजपा, कांग्रेस और अन्य सभी पार्टियों ने अपने अपने पदाधिकारियों की घोषणा की है और घोषित कार्यकारिणी के पदाधिकारी नेता से कम नहीं हैं किंतु युवा वर्ग अब धीरे-धीरे राजनीति में भी कदम बढ़ा रहा है। माना जाता है कि 65 फीसदी युवा वर्ग पूरे ही देश में है, ऐसे में युवा वर्ग का आगे आना शुभ संकेत माना जा रहा है।
राजनीति में आने से पहले ये युवा किसी अवसर विशेष पर अपने चेहरे दिखाते हैं। नये वर्ष पर बधाई देने के बहाने सामने आ रहे हैं। कोरोना काल ने तो बहुत से नये चेहरों को जन्म दिया है। कनीना क्षेत्र के कम से कम एक सौ और नए चेहरे क्षेत्र में धीरे-धीरे उभर रहे हैं और किसी न किसी तरीके से और राजनीति में पहुंचना चाह रहे हैं।
अगर यूं ही नेता बढ़ते चले गए तो भविष्य में इन नेताओं का अहम रोल होगा। उधर बड़े-बड़े गनेता भी उभरे हैं या पार्टी बदली हैं और 2019 में चुनाव में अपना चेहरा दिखा चुके हैं। यहां तक की युवा वर्ग अधिक अधेड़ और बुजुर्ग नेता बहुत कम है। बुजुर्ग धीरे धीरे पीछे हटते नजर आ रहे हैं।
आधुनिक तरीकों से भेजते हैं ग्रीटिंग -महिपाल
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कनीना। ग्रीटिंग कार्ड भेजने का जमाना बीत चुका है। आधुनिक विज्ञान के युग में नए साल की मुबारक भेजने के तरीके ही बदल गए हैं। ये विचार महिपाल सिंह मुख्याध्यापक ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में
आयोजित ग्रीटिंग कार्ड बनाओ प्रतियोगिता में व्यक्त किए। मुख्य अतिथि कृष्ण सिंह प्राचार्य थे।
उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब ग्रीटिंग का इंतजार बेसब्री से किया जाता था। डाकिए से पूछते थे कि कोई उनका नए साल का कार्ड आया या नहीं। जब कोई ग्रीटिंग कार्ड आता तो बड़े प्रसन्न नजर आते और उसे अपने फाइल में रखकर लंबे समय तक याद करते। परंतु विज्ञान की तकनीक इस कदर बढ़ गई है कि ग्रीटिंग का तो तरीका ही बदल कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि अब न तो ग्रीटिंग के लिए डाकिए की जरूरत है और न ही किसी प्रकार के ग्रीटिंग छपवाने या बनाने की जरूरत है। मोबाइल के जरिए ग्रीटिंग बनाकर चंद सेकंड में उसे गंतव्य स्थान तक भेज दिया जाता है परंतु इससे हस्तकला का सुधार नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि हस्तकला का सुधार करने के लिए ग्रीटिंग बनाना जरूरी है।
कभी पेंटर भी ग्रीटिंग का कार्य करते थे अब तो ग्रीटिंग सिमटकर मोबाइल तक ही रह गया है। रात्रि के समय जब नया साल लगता है तभी मोबाइल पर हेलो हाय कहकर ग्रीटिंग का कार्य पूरा कर लिया जाता है। यदि कला में निखार लाना है तो ग्रीटिंग के उन दिनों में फिर से लौट कर चलना होगा। इस मौके पर संध्या, ज्योति, पूजा और हंसु के ग्रीटिंग कार्ड सराहनीय रहे। समस्त विद्यालय स्टाफ ने ग्रीटिंग की उनकी प्रशंसा की। इस मौके पर आयोजक पीटीआई संजय सिंह, कला अध्यापिका लक्ष्मी यादव ,महिपाल सिंह राजवीर सिंह तथा समस्त स्टाफ का योगदान रहा।
फोटो कैप्शन 1 एवं 2: ग्रीटिंग कार्ड बनाकर दिखाते हुये छात्राएं।
महामारी ने बढ़ाया किचन गार्डन की ओर रुझान
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कनीना। यूं तो पुराने समय से बुजुर्ग अपने घरों के आस पास बिटोड़े, झोपड़ पट्टब्ी के आस पास बेलदार सब्जियां उगाकर आनंद लेते आये हैं। किंतु वर्ष 2020 में फैली महामारी ने हर इंसान का रुझान किचन गार्डन की ओर बढ़ाया है। कहीं सब्जी में कोरोना न हो ऐसे में घर की सब्जी पर विश्वास जागा है।
वैसे भी महंगाई के युग में जहरीली सब्जियों से बचने के लिए घरों में किचन गार्डन की ओर गृहणियों का ध्यान बढ़ा है। स्कूलों में भी अब तो किचन गार्डन बनाकर उसकी सब्जी प्रयोग में लानी जरूरी है। बागवानी विभाग द्वारा भी सब्जी के बीज किचन गार्डन के लिए भी दिए जाने का सिलसिला चला था जिसके चलते गृहणियों का रुझान हरी पत्तेदार सब्जियां उगाने तथा फल फूल उगाने की ओर बढ़ा है।
कनीना में करीब आधा दर्जन गृहणियां एवं लोग इस ओर ध्यान दे रहे हैं। कनीना के रविंद्र कुमार पूर्व अध्यापक, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, कमला देवी कनीना मंडी, आशा कनीना, संजय बाघोत ने बेहतर किचन गार्डन बनाकर दूसरों को प्रेरणा देने का काम किया है।
बाघोत निवासी संजय कुमार ने तो अपना पूरा घर ही किचन गार्डन में बदल दिया है। उन्होंने अपने घर के किचन गार्डन में पालक, गोभी, मटर, गाजर, धनिया, मूली के अलावा मेथी उगा रखी है वहीं फलों के रूप में अमरूद, हल्दी, अनार आदि उगा रखे हैं। घर में विशिष्ट स्थानों पर तुलसी उगा रखी है। उन्होंने बताया कि बाजार की जहरीली सब्जियों की बजाय वे अपने गार्डन में उगाई गई सब्जी को प्रयोग करती आ रही है। बाजार से कुछ रुपयों के सब्जी के बीज मंगवाकर प्रयोग कर रही हैं।
सबसे बड़ी विशेषता उन्होंने बताई कि जब कभी मेहमान घर में आ जाता है तो तुरंत गार्डन की सब्जी तोड़कर बनाई जाती है और मेहमान ताजी सब्जी को खाकर प्रसन्न हो जाता है। आस पास के घरों में जब किसी हरी पत्तेदार सब्जी की जरूरत होती है तो वे भी यहां से सब्जी ले सकते हैं। उनका गार्डन 24 घंंटे मुफ्त सब्जी की दुकान की भांति काम करता है। संजय कुमार ने बताया कि लोकडाउन में उनका समय बहुत बेहतर बीता वहीं कोविड-19 का सदुपयोग किया है।
कृषि सलाहकार अधिकारी डा देवराज का कहना है कि घर में सब्जी उगाकर न केवल धन की बचत की जा सकती है वहीं ताजा सब्जी खाने को मिल सकती है। प्रत्येक गृहणि को इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे स्वस्थ किचन, साफ हवा तथा मनपसंद हाबी को अपनाकर रोगों से बचा जा सकता है। उनसे सभी को शिक्षा लेनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 3: बाघोत में संजय का किचन गार्डन
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Monday, December 28, 2020
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