तीन कोरोना संक्रमित पाए गए
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना के तीन संक्रमित पाए गए हैं। सभी को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है।
सुनील कुमार ने बताया सुंदरह गांव का 52 वर्षीय पुरुष कोरोना संक्रमित मिला है उन्होंने दो दिसंबर को सैंपल दिया था। उधर सेहलंग में 42 वर्षीय महिला संक्रमित मिली है जिन्होंने दो दिसंबर को सैंपल दिया था। करीरा में 52 वर्षीय पुरुष कोरोना संक्रमित मिला है जिनका 4 दिसंबर को सैंपल लिया था और 4 दिसंबर को ही संक्रमित पाया गया।
डा धर्मेंद्र यादव एसएमओ ने कहा कि सावधानी बरतना बहुत जरूरी है ताकि रोग से छुटकारा मिल सके। सावधानी नहीं बरतेंगे तो और रोग बढऩे की संभावना है।
सभी दुकाने रहेंगे खुली
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शनिवार और रविवार को सभी दुकानें खुले रहेंगे। नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि प्रशासन के आदेश अनुसार तथा विवाह शादियों के चलते यह निर्णय ले लिया हुआ है जिसके चलते अब सभी दुकानें रविवार को भी खुली रहेंगी।
हरियाणवीं फिल्में में हो रहा है फुहड़पन शब्दों का समावेश-शर्मा
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कनीना। हरियाणा प्रदेश वो प्रदेश है जहां भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था और उस प्रदेश की फिल्मों में तथा गीतों में फुहड़पन झलकता है। ये विचार हरियाणवी फिल्मों के गीतकार महेंद्र शर्मा झाड़ली ने कनीना में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हरियाणवीं फिल्मों का उद्देश्य हरियाणवीं संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। हरियाणवीं फिल्मों में प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति की झलक नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणवी फिल्मों में शब्दों का सही चयन नहीं किया जा रही है। उन्होंने हरियाणा के सभी निर्माता एवं निर्देशकों से मांग की है कि प्रदेश की सभ्यता एवं संस्कृति को बढ़ावा देने वाली फिल्मों एवं गीतों का निर्माण किया जाए।
उन्होंने खेद जताया कि प्रदेश हरियाणा तो एक मिसाल रहा है और यहां पर तो भगवान श्रीकृष्ण ने भी कदम रखा था। इस प्रदेश का इतिहास उज्ज्वल है तो भविष्य अति उज्ज्वल होना चाहिए। इस प्रदेश के शब्द, बोल,गीत एवं फिल्में बेहतरीन होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों से परेशान हैं और नए साल में बेहतरीन भजन एवं हरियाणवीं गीत लिखेंगे जिससे समाज में एकता एवं भाईचारा झलकने लगे।
फोटो: महेंद्र शर्मा
अधिवक्ताओं ने भी दिया किसानों का समर्थन
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कनीना। देश में तीन कृषि अध्यादेश लाए जाने के बाद से पूरे देश में केंद्र सरकार का विरोध लगातार जारी है। अब कनीना बार एसोसिएशन ने भी किसानों का समर्थन करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को कनीना बार एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्रधान कुलदीप कनीनवाल ने कहा कि सभी अधिवक्ताओं की तरफ से केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि किसान विरोधी इन कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए।
पूर्व बार प्रधान हरीश गाहड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र प्रणाली से बाहर निकलकर किसानों पर ऐसे कानून थोपकर उनके साथ सरासर धक्केशाही कर रही है। कैथल बार एसोसिएशन ने भी किसानों को समर्थन दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश रामबास ने किसानों की तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसान हम सभी का पेट भरते हैं। किसानों के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार नहीं होना चाहिए। सरकार को किसानों को समय देकर विचार विमर्श करना चाहिए ।
कनीना बार एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि कृषि बिल किसानों और जनता के हितों के खिलाफ हैं। इस मौके पर सभी अधिवक्ताओं में विचार विमर्श किया। अधिवक्ता जल्दी ही प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। अधिवक्ताओं ने कहा कि कृषि बिलों के खिलाफ संघर्ष कर रहे किसानों का वह हर प्रकार से सहयोग करेंगे। साथ ही बार एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार से कृषि बिल वापस लेने की मांग भी उठाई है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से किसान और आढ़ती केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 को लेकर विरोध कर रहे हैं। पूरे देश में इसे लेकर किसान धरना भी दे रहे हैं। किसान इन बिलों का विरोध करने के लिए दिल्ली तक मार्च भी कर चुके हैं। किसानों का कहना है कि इन दिनों से मंडियां बंद हो जाएंगी जिससे उन्हें फसलों का एमएसपी नहीं मिल सकेगा। इस बैठक में पूर्व प्रधान कुलदीप कनीनवाल, पूर्व प्रधान हरीश गाहडा, पूर्व प्रधान बिजेंद्र यादव, पूर्व सचिव मंजीत यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश रामबास, राजेश कनीनवाल, अनिल शर्मा, पूर्व प्रधान सतीश करीरा, रमेश कौशिक, संदीप कनीना, विक्रम पड़तल, सुनील राव ककरालिया, हरकेश यादव, भूदेव करीरा सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 6: अधिवक्ता किसानों का समर्थन करते हुए।
पांच दिसंबर तक ले सकते हैं प्रवेश
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में बीए,बीकाम एवं बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थी 5 दिसंबर तक प्रवेश ले सकते हैं। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने किसी कारणवश अब तक प्रवेश नहीं लिया या जिनके 10 +2 परीक्षा में कंपार्टमेंट आई थी और उन्होंने इस कंपार्टमेंट को पास कर लिया है तो वह अविलंब महाविद्यालय में 5 दिसंबर तक संपर्क कर सकते हैं।
प्रोफेसर हरिओम भारद्वाज नोडल अधिकारी प्रवेश,राजकीय महाविद्यालय कनीना ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा 5 दिसंबर तक प्रवेश के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। राजकीय महाविद्यालय कनीना में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए कुछ सीटें रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिन विद्यार्थियों ने बीए ,बीकाम,बीएससी प्रथम द्वितीय और तृतीय वर्ष की फीस भर दी है तो वह भी अपने सभी दस्तावेज महाविद्यालय द्वारा गठित कमेटी से तस्दीक करा कर अपना फार्म जमा करावें। जो विद्यार्थी महाविद्यालय में अपना दस्तावेज नहीं जमा कराएंगे उन्हें परीक्षा में बैठने से वंचित किया जाएगा। प्रवेश की अंतिम तिथि को महाविद्यालय देर तक खुला रहेगा। प्रवेश से संबंधित किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए महाविद्यालय के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। वे विद्यार्थी भी प्रवेश के पात्र होंगे जिन्होंने अब तक प्रवेश के लिए कहीं भी आवेदन नहीं किया है वह अपना आनलाइन फ्रेश आवेदन करके दाखिला पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अध्ययन कार्य जारी है। बीए बीएससी बीकाम प्रथम वर्ष की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन सोमवार मंगलवार को लगती है इसी तरह बीए बीएससी बीकाम द्वितीय वर्ष की कक्षाएं सप्ताह में 2 दिन बुधवार और बृहस्पतिवार को लगती हैं एवं बीए बीएससी बीकाम तृतीय वर्ष की कक्षाएं शुक्रवार एवं शनिवार को लगती है इसके अतिरिक्त बाकी दिनों में आनलाइन अध्ययन जारी है।
ठीकरी पहरा लगाने को लेकर सरपंचों की थाने में बुलाई बैठक
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कनीना। कनीना थाने के अन्तर्गत आने वाले सभी गांवों में ठीकरी पहरा लगेगा और अगर को ठीकरी पहरा नहीं देगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। ये विचार कनीना थाना प्रभारी अश्वनी कुमार ने उपमंडल कनीना के अन्तर्गत आने वाले गांवों के सभी सरपंचों की थाना प्रांगण में बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
थाना प्रभारी अश्वनी कुमार ने कहा कि सर्दी की रातें बड़ी होती है जिसमें सभी अपने-अपने घरों में अन्दर सोते हैं तथा रात को गांवों में अज्ञात चोर विभिन्न प्रकार से चोरियों को अंजाम देते है। इसके लिए हर ग्रामीण की अपने-अपने गांव में नंबर वार तैनाती लगा कर इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। थाना प्रभारी अश्वनी कुमार ने बताया कि दिन के समय अगर गांव में कोई भी अज्ञात व्यक्ति घूमता-फिरता नजर आता है तो उसे रोक कर उसकी गहनता से पूछताछ करे और सरपंच व पुलिस को उसके बारे में तुरन्त प्रभाव से सूचित करे। उन्होंने सरपंचों ने बताया कि जिस घर से जिन लोगों की ठीकरी पहरे में ड्यूटी होती है उसका नाम और दूरभाष नंबर रोजाना थाना कनीना को देकर सूचित करे और अगर कोई भी ग्रामीण अपनी ड्यूटी के दौरान नहीं मिलता है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि हर नागरिक की तैनाती बनती है कि वह पुलिस को सहयोग दे जिससे चोरी, छिना-झपटी जैसी वारदातों पर रोक लगाई जा सकती है। वहीं सभी गांवों के सरपंचों ने थाना प्रभारी को आश्वासन दिया कि आज से ही हम अपने-अपने गांवों में आए दिन ठीकरी पहरा लगाकर रात को बढ़ रही चोरियों की घटनाओं पर रोकथाम के भरसक प्रयास करेगें।
फोटो केप्शन 5: थाना प्रभारी अश्विनी कुमार बैठक लेते हुये।
राजपूत सभा ने दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों को दिया समर्थन
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कनीना। राजपूत सभा महेंद्रगढ़ का किसान आन्दोलन को समर्थन दिया। राजपूत सभा के संरक्षक ठाकुर रत्तन सिंह तंवर धनौंदा ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की सभी मांगे जायज हैं इसलिए अब राजपूत सभा महेंद्रगढ़ दिल्ली में बैठे किसानों को अपना पूरा समर्थन करती है। अब इस क्षेत्र से राजपूत सभा का एक दल बहुत ही जल्दी दिल्ली रवाना होगा और धरने पर बैठे किसानों का सहयोग करेगा।उन्होंने बिना देरी किए केन्द्र व राज्यों की सभी सरकारों द्वारा मानने की मांग की।
सीमा पर जवान और खेत में किसान अगर अपने हाथ उठा देता है तो देश के पास कुछ नही बचता है। इस अवसर पर इनके साथ ठाकुर दलीप सिंह पाथेड़ा, वरिष्ठ समाजसेवी राजकुमार सिंह शेखावत, पूर्व राजपूत सभा के प्रधान सवाई राठोड़, सतेन्द्र शेखावत, ठाकुर गुरुदयाल सिंह, ठाकुर घनश्याम सिंह, पूर्व पंच सुनील कुमार, ठाकुर पूर्ण सिंह तंवर, ठाकुर किशनपाल सिंह आदि उपस्थित थे।
बाजरे के उत्पादों के प्रति युवा वर्ग का रुझान बढ़ा
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में जहां बाजरे के उत्पादन शुरू होने के बाद क्षेत्र के लोगों का रुझान भी बाजरे के उत्पादों की ओर बढ़ा है वहीं युवा वर्ग की पसंद की चीजें बनने से युवा आकर्षित हो रहा है। 25 अक्टूबर 2020 को मंत्री ओम प्रकाश एडीओ ने करीरा में महावीर सिंह एवं ललित कुमार द्वारा संचालित बाजरे के उत्पाद पिज्जा, बिस्कुट, बर्गर, केक, फैन की शुरुआत की जाने से जहां कनीना का नाम हरियाणा में एक नंबर पर पहुंच गया वही लोगों का रुझान भी बढ़ गया है।
कभी बाजरा खाने से लोग डरते थे किंतु अब बाजरे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। महावीर सिंह ने बताया कि सुबह तीन बजे से परिवार के चार सदस्य तथा 2 हलवाई काम में जुट जाते हैं जो रात्रि आठ बजे तक लगे रहते हैं। हाल ही में दो बड़े मिक्सचर एवं ओवन मंगवाए हैं जिससे कारोबार बढ़ेगा। दो दिनों में में तीन हलवाई और ओवन आने वाले हैं। इस प्रकार चार लाख रुपये की लागत से उनका यह उद्योग प्रदेश का पहला बाजरे पर आधारित उद्योग बन गया है। हरियाणा के कृषि विश्वविद्यालय हिसार से ट्रेनिंग लेकर करीरा में काम शुरू किया गया है। यहां प्रतिदिन 40 से 50 पिज्जा, 5 से 6 किलो बिस्कुट, केक,30 से 35 बर्गर 15 से 20 दर्जन फैन हाथोंहाथ बिक जाते हें। महावीर सिंह ने बताया और आसपास के लगभग सभी फास्ट फूड विके्रता उनके उत्पादों को पसंद कर रहे हैं और जितना भी उत्पाद होता है उतना सारा बिक जाता है।
वैसे तो बाजरा खाना युवा वर्ग की पसंद नहीीं है किंतु उनकी पसंद के पदार्थ जैसे बर्गर, पिज्जा फैन एवं केक आदि बनने से रुझान बढ़ा है। महाबीर सिंह ने बताया कि मैदा आदि से बने पदार्थों की तुलना में उनके भाव अधिक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि बाजरे का पिज्जा 150 रुपये बिस्कुट 300 रुपये किलो, केक 350 रुपये का, बर्गर 20 से 30 रुपये, फैन 30 रुपये दर्जन बेचे जा रहे हैं। विवाह शादियों तथा जन्म दिन पर पर उनके बर्गर और केक अधिक पसंद किए जाते हैं। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार का उद्योग राजस्थान के बाद हरियाणा में उन्नति कर रहा है। इस प्रकार का उद्योग चलाने वाले महावीर सिंह पहले भी अग्रणी किसान हैं जिन्होंने कृषि पर आधारित पदार्थ जैसे अचार, आंवले की लड्डू, कैंडी, नींबू एवं बेर उत्पादन में बेहतर नाम कमाया है। कई बार सरकार द्वारा सम्मानित हो चुका है।
फोटो कैप्शन 3: बाजरे बर्गर बनाते करीरा के महाबीर सिंह एवं अन्य।
भाव गिरने से गाजर उत्पादक परेशान
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कनीना। दिनोंदिन सब्जी के थोक में भाव गिरने से सब्जी उत्पादक किसान परेशान है। अब तो आलम यह है कि लागत से भी कम खर्च पर सब्जी बिक रही है। कनीना खंड के करीरा, मोड़ी, कनीना, सुंदराह, चेलावास आदि गांव में पर्याप्त मात्रा में सब्जी उत्पादन की जाती है किंतु सब्जी के भाव प्रतिदिन बदलते रहते हैं। हालात यह है कि वर्तमान में गाजर के भाव बहुत गिरते जा रहे हैं। किसान गजराज सिंह, अजय कुमार, कांता देवी आदि ने बताया कि वे प्रतिवर्ष गाजर उत्पादन करते हैं। गाजर के भाव थोक में 30 रुपये किलो तक होते थे किंतु वर्तमान में महज 7 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
किसानों ने बताया की बीज, खाद,गाजर को उखाडऩे, धोने, सफाई करने, पैकिंग करके बाजार तक पहुंचाने किराया भाड़ा सब मिलाकर 8 रुपये प्रति किलो पहुंच जाता है जबकि बाजार में भाव 7 रुपये किलो है। उन्होंने बताया कि यदि गाजर को उखाड़ा न जाए तो खेत खाली नहीं होंगे। अगर इसकी खाद भी बनाना चाहे तो नहीं बनती। महज पशु चारे के रूप में प्रयोग करना ही मजबूरी बन गई है। उन्होंने बताया कि गाजर दिनोंदिन भाव गिरने के जा रहे हैं। अन्य सब्जियों के भाव भी गिरते जा रहे हैं। यह सत्य है कि बाजार में खुदरा मूल्य गाजर 20 रुपये किलो है लेकिन थोक में भाव 7 रुपए के हैं। किसानों ने बताया कि सब्जी उत्पादन करके या तो महेंद्रगढ़ , कुंड, रेवाड़ी ले जाया जाता है। ज्यादा दूरी पर किराया लग जाता है। कनीना की अनाज मंडी तथा सब्जी मंडी अभी तैयार होने जा रही है। जब शुरू हो जाएंगी तो हो सकता है किसानों को कुछ आर्थिक लाभ मिल सके। बहरहाल किसान थोक के भाव से परेशान हो चुके हैं।
फोटो कैप्शन 4: गाजर को निहारती महिला किसान कांता।
नहीं हुए जागरूक दुकानदार, नटवरलाल फिर से लगाया चूना
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कनीना। कनीना कस्बे में लंबे समय से नटवरलाल दुकानदारों को ठगता आ रहा है। यद्यपि दैनिक जागरण में विगत दिनों प्रकाशित समाचार से जागरूकता जरूर आई है किंतु अभी भी लोग पूर्णता जागरूक नहीं हुये है। नटवरलाल एक बार फिर से एक दुकानदार से ठगी कर गया गया। यद्यपि जागरूकता के कारण एक दुकानदार ने सामान वापस रखवा लिया।
गुरुवार की देर शाम मोटरसाइकिल पर एकठग फिर से ठगी के लिए पहुंचा। मौजी नामक दुकानदार के भाई से यहां करीब 700 रुपये का सामान ले लिया और कहा कि मेरा पर्स मोटरसाइकिल के थैले में है। दुकानदार कुछ जागरूक था। उन्होंने कहा कि सामान्य ही छोड़कर पर्स ले आअ।ो बस फिर क्या था वह ठग सामान तो क्या अपनी बाइक को लेकर दूसरी दुकान पर पहुंचा।
बस स्टैंड गेट के सामने अशोक कुमार गाहड़ा वाले दुकानदार के पास पहुंचा और उसे नमस्ते करके कहा कि तुम मुझे जानते होंगे। मैं एसबीआई बैंक में लंबे समय से कार्यरत हू। कुछ सामान चाहिए और 760 रुपये का सामान पैक करवा लिया। अशोक कुमार ने बताया कि मास्क एवं हेलमेट लगाये ठग ने कहा कि मेरा पर्स बैंक में रह गया है। आगामी कल जरूर तुम्हारा पैसा पहुंचा दूंगा और झांसा देने में इतना माहिर था कि एक फोन नंबर और अपना नाम झूठा लिखवा गया। ज्यों हि सामान लेकर मोटरसाइकिल पर चलने लगा तुरंत प्रभाव से दुकानदार ने जागरण समाचारपत्र का वो समाचार याद आया और नंबर नोट कर लिये। उस फोन नंबर पर बात करनी चाही तो एक महिला ने फोन उठाया तब उसे यकीन हुआ कि ठगी हो गई।
शुक्रवार को पुन: फोन किया तो एक महिला तत्पश्चात एक पुरुष की आवाज आई और कहा कि तुम मुझे बार बार तंग कर रहे हो। मैं तुम्हारे विरुद्ध पुलिस में रपट लिखवाता हूं। परेशान होकर दुकानदार ने फोन काट दिया। एक बार फिर से पुलिस में जाने की तैयारी हो रही है। पहले दुकानदार अपने स्तर पर हुलिया अनुसार मिलान कर रहे हैं कि कहीं यह ठग पुराने वाला था या फिर कोई नया है।
मिट चुके हैं जल, थल और वायु सेना लिखे शब्द
-शहीद स्मारक देख रेख अभाव में हो रही है जर्जर
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कनीना। कनीना के पूर्व एसडीएम संदीप सिंह ने कनीना के शहीद स्मारक को जहां बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास न केवल बनवाया अपितु 44 विभिन्न शहीदों के नाम चार विभिन्न पटों पर लिखवा कर बेहतरीन कार्य तो किया ही साथ में जल, थल और वायु सेना के लोगों(चिह्न) सहित स्मारक बनवा दिए। इन स्मारकों पर सुनहरी अक्षरों में जल सेना, थल सेना और वायु सेना लिखवाया था। ये लिखे हुए सुनहरी अक्षर धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं। महज 4 वर्षों के अंतराल में ही ये लिखे हुए अक्षर खत्म हो गये हैं। यही नहीं अपितु आंधी और बारिश में शहीद पथ भी खराब होते जा रहे हैं। शहीद स्मारक पर यद्यपि बेहतरीन कार्य किया हुआ है किंतु किसी प्रकार की कोई शेड नहीं है जिसके चलते आंधी, बारिश और धूप के चलते धीरे-धीरे स्मारकपर लिखे हुए अक्षर और शहीदों के नाम धुंधले पड़ रहे हैं।
जिन शहीदों की बदौलत देश आजाद हुआ तथा जिनकी बदौलत लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं उन शहीदों की स्मारक की देखरेख की जरूरत समझी जा रही है। अभी तक पुराना शहीद स्मारक नेताजी मेमोरियल क्लब में स्थापित है जहां शहीदों के नाम वर्णित है। वहां भी अधिक बेहतरीन प्रबंधन नहीं है परंतु शहीद स्मारक पर वर्तमान शहीद स्मारक की अपेक्षा आंधी बारिश से बचाव की के कुछ प्रबंध किये हुये हैं। लोगों की मांग है कि कम से कम शहीद स्मारक की देखरेख के लिए एक व्यक्ति का प्रबंध किया जाए ताकि शहीद स्मारक की देखरेख कर सकें ।
फोटो कैप्शन 1: शहीद स्मारक पर सुनहरी अक्षर मिटे हुये के निशान दिखाता हुआ समाजसेवी।
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