हरियाणा ने ठाना है, एसवाईएल का पानी लाना के नारोंं के बीच नारनौल मेंं जल अधिकार रैली आयोजित
कृषि मंत्री की चिट्ïटी को सात लाख लोगों तक पहुंचाया, ध्यान से पढ़ें लोग : मुख्यमंत्री
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कनीना। हरियाणा ने ठाना है, एसवाईएल का पानी लाना है। इन्हीं नारों के बीच दक्षिणी हरियाणा के नारनौल के आईटीआई मैदान से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनोंं कृषि कानूनों के संबंध में प्रदेश के किसानोंं की भ्रतियां दूर की। सीएम ने बारी-बारी से तीनोंं कानूनोंं पर रैली मेंं आए किसानों के समक्ष अपनी बात रखी। इस पर किसानों ने दोनोंं हाथ उठाकर इन तीनों कानूनोंं पर अपने समर्थन की मोहर लगाई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार मेंं आते ही वर्ष 2022 तक किसानोंं की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया था। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए तीन नए कृषि कानून बनाए गए हैं ताकि किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया जा सके। कुछ मुठ्ïठीभर लोग ही इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिन्हें राजनीतिक दल भ्रमित कर रहे हैं। हमने किसानों को समझाने के लिए रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आठ पेज के पत्र को 7 लाख लोगों तक पहुंचाया है। इस पत्र को किसान ध्यान से पढ़ें। विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही गलफहमियां दूर हो जाएंगी।
रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के समर्थन में विगत दिनों प्रदेश के सभी जिलोंं के 32 हजार किसानों ने सत्यागृह किया। इसी प्रकार किसानोंं ने इसके समर्थन में ट्रेक्टर रैली निकालकर प्रधानमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है। किसान जानते हैं कि बदलाव के बिना उनकी आर्थिक स्थित अच्छी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा यथास्थिति बनाए रखने में विश्वास करती है। यही कारण है कि देश की आजादी के बाद से किसान को सही हक नहीं मिल पाया। अब किसानों की आय बढ़ाने के लिए भंडारण व बिक्री व्यवस्था को सुधारना चाहते हैं तो कुछ राजनीतिक दल किसानों का उपयोग करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं।
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एसवाईएल का पानी हमारे इलाके के लिए जीवन-मरण का सवाल : राव इंद्रजीत
कनीना। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ङ्क्षसह ने कहा कि जब वे राजनीति मेंं आए हैं तब से हमारे सिर पर एसवाईएल का मुद्दा मंडारता रहा है। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद भी कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को सुलझने नहीं दिया। कांग्रेस राज के 11 साल निकल गए लेकिन इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही प्रेजिडेंशियल रिफ्रेंस पर फैसला हुआ। प्रधानमंत्री ने इस इलाके की सबसे बड़ी जरूरत को समझा है। श्री सिंह रविवार को आईटीआई मैदान मेंं जल अधिकार रैली को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब ने तीन मुख्यमंत्रियों के बीच हुए समझौते को नहीं माना। उन्होंने तत्काल प्रधानमंत्री की बात को नहींं माना। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विधानसभा में ड्रामा कर दिया। एसवाईएल का पानी हमारे इलाके के लिए जीवन-मरण का सवाल है। इस सवाल को हम कभी भी नहीं भूल सकते। इस लड़ाई मेंं यहां का किसान सरकार के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। हमें तराई वाले इलाके मेंं जाकर अपनी बात रखनी चाहिए।
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानोंं को अपनी फसल बेचने की आजादी दी है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे राजनीतिक कर रहे हैं। उन्होंने जनता से आह्ïवान किया कि वे इसी प्रकार से तीनों कृषि कानूनोंं का समर्थन करते रहें और एसवाईएल के लिए अपनी आवाज उठाते रहें।
उन्होंने कहा कि हमने किसानों से एसवाईएल पर प्रेजिडेंशियल रिफ्रेंस के संबध्ंा में पोस्ट कार्ड लिखने का आह्ïवान किया था तो यहां के 50 हजार किसानों ने राष्टï्रपति को भेजे थे। इसी प्रकार अब भी किसान इन कानून के समर्थन में प्रधानमंत्री के साथ खड़े रहें। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतने थोड़े समय मेंं उन्होंने लोगों को यहां एकत्रित करने का काम किया है यह काबिले तारीफ है।
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पंजाब 45 साल से एसवाईएल के पानी मेंं रुकावट डालता आया है : ओमप्रकाश धनखड़
नारनौल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि एसवाईएल हमारी जरूरत व हक है। इस हक को मांगने का संकोच ठीक नहीं। आज हमारे पास मौका भी है दस्तुर भी। पंजाब के किसान भाई हमारे दरवाजे पर आए हैं तो उनसे अपना हक मांगना चाहिए। श्री धनखड़ आज यहां जल अधिकार रैली को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह सही वक्त है। पंजाब 45 साल से एसवाईएल के पानी मेंं रुकावट डालता आया है। अब वक्त आ गया है कि हम अपने हक के लिए अपने भाइयों के समक्ष ये बात रखें।
उन्होंने कहा कि हरियाणा का 19 लाख एकड़ फिट पानी बकाया है। आज नारनौल से ऊठी आवाज वहां तक पहुंचनी चाहिए। इसी बात को ध्यान मेंं रखते हुए हमने इस वक्त को चुना है। श्री धनखड़ ने कहा कि पंजाब व राजस्थान की सरकारें किसान हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं। हरियाणा मेंं इन दोनोंं राज्यों से लगभग दोगुना भाव में बाजरा खरीदा गया है। उन्होंने विपक्षी पार्टियोंं पर हमला करते कहा कि जिनके राज मेंं किसानोंं को अढ़ाई-अढ़ाई हजार रुपए के मुआवजा दिया जाता था आज वे टिकरी बार्डर पर बैठकर भोले-भाले किसानोंं को बहका रहे हैं। कई वर्षों तक ये लोग स्वामीनाथन की रिपोर्ट को दबाए बैठे रहे।
श्री धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र मेंं सत्य चलता है। हम सत्य का समर्थन करने वाले हैं इसलिए हरियाणा का किसान इन तीनों बिलों का समर्थन करता है। अब यह आंदोलन किसान का नहींं बल्कि राजनीतिक हो गया है और लाल झंडे वालोंं का हो गया है। यहां के किसान इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
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यहां का किसान पूरी तरह से सरकार के साथ : ओमप्रकाश यादव
। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव रविवार को आयोजित जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दक्षिणी हरियाणा का किसान जानता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही उनके सच्चे हितैषी हैं। यहां का किसान पूरी तरह से सरकार के साथ है। इस बात का प्रमाण एक छोटे से नोटिस पर आईटीआई में उमड़ा जनसैलाब है।
श्री यादव ने कहा कि कुछ लोग किसान भाइयों को भ्रमित करने का कार्यक्रम चला रहे हैं। इसे किसी भी सूरत मेंं सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि एसवाईएल का पानी हमारा हक है। यहां एक हजार फिट से भी अधिक नीचे पानी चला गया था। बीजेपी के सत्ता मेंं आते ही 128 करोड़ की लागत से नहरों का सुधीरकरण किया गया। यह मांग हमने यहींं आईटीआई मेंं आयोजित पहली रैली मेंं रखी थी। आज हरियाणा मेंं उपलब्ध पानी का सामान बंटवारा हो रहा है और पानी का लेवल काफी सुधरा है। नकारा हो चुके कुएं अब चल चुके हैं। इसके अलावा भी पानी से संबंधित योजनाओंं को सिरे चढ़ाया जा रहा है जिसके बाद यहां और अधिक मात्रा में पानी उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि यह पार्टी कभी भी किसान के खिलाफ फैसला नहीं कर सकती। यहां की जनता विपक्षियों के बहकावे मेंं नहीं आएगी। हमारा किसान जानता है कि एसवाईएल का मुद्दा केवल बीजेपी ही सुलझा सकती है। श्री यादव ने इतनी संख्या मेंं लोगोंं का यहां पहुंंचने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद दक्षिणी हरियाणा का सही मायने मेंं विकास हुआ है। इस बात को हर नगारिक अच्छी तरह से जानता है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के विकास मेंं राव इंद्रजीत सिंह के योगदान को भी नहींं भुलाया जा सकता।
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए सभी पार्टियां एक मंच पर आएं : जेपी दलाल
नारनौल। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने रविवार को आयोजित जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र मेंं सुधार के लिए कृतसंल्पिक है। राज्य सरकार ने इस बार ढाई गुणा अधिक धान की खरीद की है तथा 100 गुणा अधिक दालों को खरीदी की है। साथ ही ऑनलाइन तरीके से समय पर किसान का भुगतान भी किया गया है। इसी श्रृंखला में किसान हित मेंं नए कृषि कानेन बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानोंं की हर बात को सुना है। भ्रांति को दूर करने की कोशिश की है लेकिन विपक्षी नेता तथा किसान हितैषी होने का स्वांग कर रहे कुछ लोग हरियाणा के हितों के साथ समझौता कर रहे हैं। यही कारण है कि वे एसवाईएल के मुद्दे पर मौन हो जाते हैं। दक्षिणी हरियाणा के लिए नहरी पानी जीवन-मरण का मुद्दा है। पंजाब ने हमारा हक मार रखा है। पंजाब इसे हमारी कमजोरी न समझे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने के लिए आपसी मतभेद भुलाकर सभी पार्टियां एक मंच पर आएं। इस राजनीति नहींं करनी चाहिए। अपना पानी मांगने का यह सही समय है। जो एसवाईएल का नहींं व हरियाणा का नहीं। ऐसे लोग कभी भी किसान हितैषी नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि पानी को लेकर किसानोंं की यह हुंकार दिल्ली तक जाएगी। आने वाले समय में बीजेपी ही इस मामले को सुलझाएगी। कांग्रेस पार्टी केवल राजनीति करती आई है और आज भी वे इस मुद्दे को न उठाकर अपनी सोच को दिखा रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी आज खत्म होने के कगार पर है। उन्होंने कृषि कानूनोंं को किसान हितैषी बताते हुए कहा कि ये कानून किसानोंं की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अहम हैं।
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पंजाब ने हमारा हक दबाया है : धर्मबीर सिंह
नारनौल। भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश के हर खेत तक पानी पहुंचे। जब वे पीएम बने तब देश के पूर्व में लंबित नहरोंं से संबंधित 99 बड़े प्रोजेक्ट अटके हुए थे। इन प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री ने पूरा करवाया है। साथ ही देश में एक बिल लेकर आए जिसमेंं पानी व बांध से संबंधित सभी शक्तियां केंद्र के पास आनी थी लेकिन विपक्षी पार्टियोंं ने राज्यसभा में इसे पास नहींं होने दिया। यहीं कारण है कि एसवाईएल का मुद्दा आज भी नहींं सुलझ सका है। इसे बीजेपी की सरकार की सुलझाएगी।
सांसद ने कहा कि किसाउ-रेणुका बांध का मामला 27 साल से लंबित था। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसमेंं रुचि लेते हुए इस काम को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आज विश्व मानव कल्याण दिवस है। सभी का कल्याण तभी संभव है जब सभी को बराबर हक मिले। पंजाब ने हमारा हक दबाया हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सत्ता मेंं आते ही नेपाल से एक समझौता किया था। जिसकेतहत नहरोंं को लिंक करके विभिन्न प्रदेशो मेंं पानी पहुंचाना था लेकिन चीन ने कुछ रुकावट डालने की कोशिश की है। इस मामले में भी केंद्र सरकार गंभीर है।
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बीजेपी की सरकार एसवाईएल मामले को हर हाल मेंं सुलझाएगी : रामबिलास शर्मा
। पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिजारी वाजपेयी ने हरियाणा के हक मेंं एसवाईएल के फैसले आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री को साथ में बैठाकर इसे सुलझाने का प्रयास किया था लेकिन पंजाब की हठ के कारण यह संभव नहींं हो पाया।
उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस की सरकार में पंजाब के सीएम अमरेंद्र सिंह ने इसे विस मेंं अलोकतांत्रिक तरीके से रद्द कर दिया। बीजेपी की सरकार इस मामले को हर हाल मेंं सुलझाएगी। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री के समक्ष नारनौल-दादरी रोड़ को फोर लेन करने तथा खुडाना मेंं आईएमटी के मामले को जल्द सिरे चढ़ाने की मुख्यमंत्री के समक्ष अपील की। इस पर सीएम ने जल्द कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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एसवाईएल का सीधा संबंध दक्षिणी हरियाणा से : डा. अभय सिंह यादव
। नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने कहा कि सतलुत यमुना नहर दक्षिणी हरियाणा की जीवन रेखा है। प्रदेश मेंं पहले ऐसे मुख्यंत्री बने हैं जिन्होंने एसवाईएल के पानी आने तक उपलब्ध पानी का समान बंटवारा किया और दक्षिणी हरियाणा के लिए विशेष योजनाएं बनाई।
उन्होंने कहा कि वे जब भी पानी की समस्या को लेकर सीएम से मिले हैं तो कभी भी निराश नहीं होना पड़ा। मुख्यमंत्री ने सरकार बनते ही 148 करोड़ रूपए की लागत से नए पंप सेट लगवाने व नहरोंं को ठीक करवाया। इसके बाद आज हम कम से कम इस स्थिति मेंं हैं कि उपलब्ध पानी का पूरा हिस्सा हम ले सके हैं। एसवाईएल बनने के बाद यहां पर और अधिक मात्र मेंं पानी उपलब्ध होगा क्योंकि एसवाईएल का सीधा संबंध दक्षिणी हरियाणा से है। उन्होंने कहा कि अभी भी नांगल चौधरी क्षेत्र का दो तिहाई हिस्सा नहरी पानी से वंचित है। किसाऊ बांध का निर्माण जल्द करवाया जाए।
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एसवाईएल का पानी हमारी जायज मांग : सीताराम यादव
नारनौल। अटेली के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि एसवाईएल के पानी की मांग हमारी जायज मांग है। यह हमारे लिए जीवन-मरण का मुद्दा है। हमने पिछले दिनोंं केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन भी दिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी दक्षिणी हरियाणा मेंं पानी के लिए काम नहीं किया। बीजेपी की सरकार बनते ही यहां पर इस संबंध मेंं काम हुआ है। समय-समय पर बनने वाले मुख्यमंत्रियोंं ने अपने-अपने इलाके पर ध्यान दिया। मनोहर लाल ऐसे सीएम हैं जिन्होंने पानी का सामान बंटवारा किया। उन्होंने कहा कि अब पंजाब के किसान भाइयों के सामने हमें अपना एसवाईएल का मुद्दा रखना चाहिए। यह हमारा जायज हक है। इस हक की लड़ाई लडऩे में किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसान विरोधी रही है। बीजेपी सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानोंं का एक-एक दाना खरीदा है। पड़ोसी राज्य के किसान भी कहते हैं कि सरकार को हरियाणा में है जिसने बाजरे व कपास की पूरी फसल एमएसपी पर खरीदी है। विपक्षी पार्टियां किसानों के नाम पर केवल राजनीति करती हैं जबकि बीजेपी सही मायने में किसानोंं के लिए काम करती है।
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ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, जिला प्रभारी महेश चौहान, प्रदेश सचिव मनीष मित्तल, जिला प्रधान राकेश शर्मा एडवोकेट, जेजेपी जिला प्रधान मंजू चौधरी, पूर्व चेयरमैन गोबिंद भारद्वाज, सह प्रवक्ता सत्यवर्त शास्त्री, विजय सांगवान, कंवर सिंह यादव, जिला प्रमुख राजेश देवी, नगर परिषद चेयरमैन भारती सैनी, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन जेपी सैनी, भाजपा महिला जिला अध्यक्ष लक्ष्मी सैनी, विक्रम यादव, मंदीप यादव एडवोकेट के अलावा पार्टी के अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
जल अधिकार रैली आयोजित-
एसवाईएल पर पंजाब को अपनी हठ छोड़ऩी होगी - मनोहर लाल
बार्डर पर बैठे पंजाब के किसान भाइयोंं से हमें एसवाइएल के पानी की बात रखनी चाहिए
एमएसपी पर कोई बात आए तो उससे पहले वे राजनीति छोड़ देंगे -सीएम
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,कनीना। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का मामलों दशकोंं से लटका पड़ा था। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही इस मामले को समय से पहले सुनने की याचिका लगाई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक मेंं फैसला दिया। दोनों प्रदेशोंं के मुख्यमंत्री को बैठकर फैसला करने को कहा था लेकिन पंजाब हमारा हक देने को राजी नहीं हुआ अब सुप्रीम कोर्ट कभी भी अंतिम फैसला सुनाएगा और हमें अपना हक मिलेगा। लोकतांत्रिक देश में राज्योंं की मनमानी नहींं चल सकती। एसवाईएल पर पंजाब को अपनी हठ छोडऩी होगी। मुख्यमंत्री नारनौल के आईटीआई मैदान में जल अधिकार रैली को संबोधित कर रहे थे।
सीएम ने कहा कि प्रजातंत्र मेंं विरोध करने का एक तरीका होता है। सदन व मीडिया के समक्ष या लोकतांत्रिक ढंग से सभा करके विरोध कर सकते हैं। धींगामस्ती करना किसी भी सूरत मेंं सही नहींं है। अगर ऐसा होता है तो वह डा. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के अनुसार नहीं है।
उन्होंने कहा कि एमएसपी पर कोई आंच आए तो उससे पहले वे राजनीति छोड़ देंगे। सरकार नए कृषि कानूनों केमाध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी से ऊपर की बात सोच रही है। एमएसपी कभी खत्म नहींं होगा। एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। इस प्रकार मंडियां भी रहेंगी। कुछ लोग राजनीतिक से प्रेरित होकर आंदोलन कर रहे हैं वे किसान हितैषी नहींं है। बार्डर पर बैठे पंजाब के किसान भाइयोंं से हमें एसवाईएल के पानी की बात रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। इससे किसानोंं को बंधन से मुक्ति मिलेगी। सरकार मंडी में किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदेगी लेकिन अगर किसान बाहर उससे अच्छे दाम में बेचना चाहेगा तो उसे आजादी दी गई है। इसके अलावा इस नए कानूनों में भंडारण की व्यवस्था सुधारने की बात की गई है। सरकार ने इसी सुधार प्रक्रिया के तहत प्रदेश की 104 मंडियों में से 88 मंडियोंं को आनलाइन किया है। उन्होंने कहा कि सही भंडारण न होने से हर वर्ष देश में 30 हजार करोड़ का अनाज का नुकसान होता है। हरियाणा प्रदेश में भी 700 करोड़ रुपये का अनाज खराब हो जाता है। सरकार इस अनाज को बचाने के लिए ये प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के सच्चे हितैषी हैं। देश में भंडारण सुधार व बिक्री सुधार की सख्त आवश्यक है। इसी की पूर्ति के लिए सरकार ये कानून बनाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियां किसानों को बहकाने का प्रयास कर रही हैं जिसमेंं वे कभी सफल नहींं होंगे। वो नहीं चाहते कि किसानोंं की आमदनी बढ़े और वे अपने बच्चों का अच्छी तरह से पालन पोषण करें। उन्होंने कहा कि 2010 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्ïडा की अध्यक्षता कांग्रेस सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। उसमें उन्होंने एपीएमसी एक्ट मेंं सुधार की वकालत की थी लेकिन आज यही विपक्षी पार्टियां लोगों को बरगलाकर बार्डर बंद करके बैठे हैं।
सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानोंं के हित मेंं हमने एक नई माइक्रो इरीगेशन योजना शुरू की है। इसके तहत जिन खेतोंं मेंं अब तक पानी नहींं पहुंचा है वहां पर पानी पहुंचाएंगे। वहां के किसानोंं को 80 फीसदी सब्सिडी पर सिंचाई यंत्र देंगे। उन्होंने कहा कि अब एक जनवरी से सिंचाई की एक साथ 25 एकड़ की योजना बनाकर लाएगा तो उसे किसी न किसी तरीके से पानी से भरने का प्रबंध सरकार करेगी। इस योजना के तहत भिवानी-दादरी और महेंद्रगढ़ जिला को शामिल किया है।
उन्होंने कहा कि हमने सरकार बनते ही उपलब्ध पानी का समान बंटवारा करके टेल तक पानी पहुंचाया है। दक्षिणी हरियाणा की कृष्णावती, दोहान व साहबी नदियों में बारिश का फालतू पानी छोड़कर यहां भूमि जल स्तर को ऊंचा उठाने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई है। इसी प्रकार सरकार ने रेणुका-किसाऊ बांध का एमओयू हो चुका है और जल्द ही रखवार बांध का एमओयू साइन होगा। इस कार्य को तय समय मेंं पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानोंं को धान की खेती छोडऩे का आह्वान किया था जिसके फलस्वरूप पिछले साल किसानोंं ने 80 हजार एकड़ कम जमीन पर धान लगाया। इससे बहुत सारा पानी बचा है। इस पानी को जहां जरूरत है वहां दिया जाएगा।
इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, कृषि मंत्री जेपी दलाल, भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, अटेली केविधायक सीताराम, पृथला के विधायक नैनपाल रावत व जेजेपी जिला अध्यक्ष मंजू चौधरी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर मंच सचालन नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने किया तथा बीजेपी जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा ने रैली मेंं पधारे लोगों का धन्यवाद किया तथा दयाराम यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, जिला प्रभारी महेश चौहान, प्रदेश सचिव मनीष मित्तल, पूर्व चेयरमैन गोबिंद भारद्वाज, सह प्रवक्ता सत्यवर्त शास्त्री, विजय सांगवान, कंवर सिंह यादव, जिला प्रमुख राजेश देवी, नगर परिषद चेयरमैन भारती सैनी के अलावा पार्टी के अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
फोटो कैप्शन 1 से 3: मुख्यमंत्री की नारनौल सभा का नजारा।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे कांग्रेसी देवेंद्र हुडीना हिरासत में
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कनीना। सीएम मनोहर लाल की जल अधिकार रैली से पहले ही कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं चौ. सुरेंद्र सिंह मेमोरियल क्लब के जिला प्रधान देवेंद्र हुडीना व उनके समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जब देवेंद्र हुडीना अपने समर्थकों के साथ गाडिय़ों द्वारा महेंद्रगढ़ रोड से आईटीआई की तरफ आ रहे थे, तब पुलिस को भनक लग गई और पुलिस ने इन्हें महेंद्रगढ़ रोड पर पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव की कोठी के सामने घेर लिया। वहां से देवेंद्र हुडीना व इनके समर्थक संजय सिहार को पुलिस हिरासत में ले लिया गया। इनके साथ दो-तीन गाडिय़ों में करीब एक दर्जन युवा शामिल थे, लेकिन पुलिस ने दूसरी गाडिय़ों में सवार युवाओं को इनसे अलग कर दिया। दूसरी ओर देवेंद्र यादव हुडीना ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए इसे शर्मनाक बताया है।
गौर हो कि 20 दिसंबर को सीएम मनोहर लाल की जल अधिकार रैली नारनौल की आईटीआई में आयोजित होनी थी और यह करीब साढ़े 11 बजे हुडीना से नारनौल आ रहे थे, तभी बीच रास्ते में इन्हें पुलिस ने रोक लिया और दो को हिरासत में ले लिया। पहले पुलिस इन्हें सदर, फिर सीटी एवं बाद में फैजाबाद चौकी ले गई और रैली खत्म होने के दो-तीन घंटे बाद भी इन्हें नहीं छोड़ा गया। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे अन्य किसान नेताओं की भी गिरफ्तारी के समाचार हैं।
दूसरी ओर कांग्रेसी नेता देवेंद्र हुडीना ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देेते हुए इसे भाजपा सरकार की तानाशाही बताया है। उन्होंने पत्रकारों से हुई बातचीत में बताया कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही एवं दमनकारी नीतियां अपना किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है। यह सरकार की सरासर मनमानी है और इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
देवेंद्र हुडीना ने बताया कि जब पुलिस ने उन्हें रोका, तब उन्होंने इसका कारण जानना चाहा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया और अन्य साथियों के साथ भी ज्यादति की। समाचार लिखे जाने तक फैजाबाद चौकी में इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा रही थी। बाद में इन्हें सीटीएम या एसडीएम के सामने पेश किया जाएगा।
उनके साथ संजय सिहार, नरेश सोनी नांगलकाठा, बलजीत, प्रीतम, अजय, सुरेश, नित्यानंद, सुरेंद्र, हरपाल, सुनील शर्मा व राजेश आदि थे।
सड़क नहीं बनाई गई तो कपूरी के लोग देंगे धरना
-बैठक में लिया गया निर्णय
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कपूरी में सरपंच सत्यपाल सिंह की अध्यक्षता में ग्राम वासियों की एक बैठक हुई इसमें कपूरी से ककराला होते हुए कनीना जाने वाली सड़क के बारे में विचार विमर्श हुआ। सर्वसम्मति फैसला लिया गया कि कपूरी से कनीना जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसे अविलंब बनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। इस सड़क मार्ग को अगर 15 दिनों में नहीं बनाया गया तो अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि यह सड़क कनीना से कुंड होते हुए रेवाड़ी को जोड़ती है। जिसके चलते साधनों का आवागमन ज्यादा होता है। इस जर्जर सड़क के बारे में उच्चाधिकारियों व मौजूदा विधायक अटेली सीताराम यादव को भी बार-बार अवगत करवाया गया है लेकिन सुनवाई नहीं हुई। यदि 15 दिन के अंदर सड़क को चोरी करके पुन: निर्मित नहीं किया गया तो समस्त ग्रामवासी कपूरी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। बैठक में सत्यपाल सरपंच, पूर्व पंच किरण यादव, पंच शेर सिंह, पूर्व सरपंच राज सिंह चौहान, सुभाष, सूबे सिंह चौहान, नत्थू सिंह चौहान, जितेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि कनीना मंडी से होते हुये ककराला,कपूरी, कुंड, रेवाड़ी मार्ग दो जिलों को आपस में जोड़ता है और ग्रामीणों के लिए रेवाड़ी पहुंचने का अच्छा मार्ग है किंतु इसकी हालात जर्जर होने के कारण लोग बेहद परेशान हैं। इस मार्ग से दर्जनों गांवों के किसान अपनी पैदावार लेकर कनीना मंडी भी आते हैं किंतु उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है। इस मार्ग को चौड़ा करने की मांग ककराला सरपंच कृष्ण सिंह भी पहले कर चुके हैं। इस मार्ग पर आधा दर्जन शिक्षण संस्थान भी स्थित हैं वहीं कालेज भी स्थित है। इस मार्ग को अविलंब बनाये जाने की मांग उठ रही है।
फोटो कैप्शन 6: रोष जताते हुए कपूरी के लोग फोटो प्रदाता- सरपंच सत्यपाल स्वयं
स्वस्थ रहने के लिए दैनिक जीवन में अपनाएं योगा-सुरेश कुमार
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कनीना। योग एक जीवन दर्शन है, योग एक जीवन पद्धति है, योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति नहीं अपितु योग का प्रयोग परिणामों पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है, जो व्याधि को समूल करता है। यह एक संपूर्ण विद्या है जो शरीर के रोगों का ही नहीं बल्कि मानसिक, आध्यत्मिक रोगों का भी चिकित्सा शास्त्र है। ये विचार योग शिक्षक सुरेश कुमार ने कनीना में लगे योग शिविर में कहे। बीएमडी ग्रुप आफ इंस्टीट्शंस द्वारा इंडियन काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग सम्बन्धित नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोर्पोरेशन एवं ग्रामीण स्किल डेवलपमेंट मिशन के संयुक्त तत्वाधान में कान्हाजी स्कूल प्रांगण कनीना में योग ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया गया।
इस योग शिविर में योग शिक्षक सुरेश कुमार ने युवाओं को विभिन्न प्रकार के योग आसन, प्राणायाम, सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया। इनसे होने वाले लाभ व किन परिस्थितियों में इन आसनों को किया जाना है उससे संबंधित सावधानियां बताई गई। आसपास पाए जाने वाले औषधि युक्त पौधों की जानकारी के तहत निर्गुंडी गिलोय मंडूकपर्णी भालूमुश, भोजराज आदि की जानकारी शिविर के माध्यम से प्रदान किया। साथ ही नशा मुक्ति का आह्वान व दैनिक जीवन में योग को अपनाने का संदेश दिया। योग प्रशिक्षक ने बताया कि योग निर्मित करे तो कोई कोई रोग नहीं हो सकता। योगा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर लक्की सीगड़ा ने बताया कि योग को जीवन में अपनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है। कोविड -19 के दौर में इम्युनिटी को योग के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत अच्छे तरीके से करना चाहता है, यदि आपकी दिन की शुरुआत अच्छी हो जाती है, तो शाम तक सब कुछ अच्छा होता है, दिन की बेहतर शुरुआत करने के लिए आपको एक नियम बनाने की आवश्यकता है जैसे- आपको जल्दी उठना और फिर थोड़ी देर टहलना तथा व्यायाम करना इत्यादि, इसके द्वारा आपके शरीर में ऊर्जा का संचालन दिन भर होता रहता है और हमारा शरीर निरोगी बना रहता है, इस प्रकार से आपके दिन की शुरुआत एक सकारात्मक तरीके से कर सकते है। इस शिविर में अतुल कुमार, अनु लता, पंकज कुमार, पवन कुमार, नितिन कुमार, नवीन, अनिल कुमार, प्रवीण, जितेंद्र कुमार, सुखबीर सिंह, नरवीर सिंह, प्रियंका, रोनिका यादव, कर्मपाल यादव, रचना शर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3 व 4: कान्ह सिंह स्कूल में योग करवाते शिक्षक सुरेश कुमार फोटो: जागरण
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की बैठक में लिए गये कई निर्णय
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कनीना। चतुर्थ श्रेणी/पार्ट टाइम कर्मचारियों की एक बैठक नेताजी मेमोरियल का क्लब कनीना में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता जिला सचिव रविंद्र ककराला ने की। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो सभी से विचार-विमर्श कर एक सप्ताह के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय समक्ष धरना दिया जाएगा।
बैठक में कहा गया कि सरकार ने जिला महेंद्रगढ़ के 12 स्कूल कम छात्र संख्या के चलते बंद कर दिए। उनके कार्यरत पार्ट टाइम कर्मचारी, मिड डे मील वर्कर, एजुसेट चौकीदार आदि को किसी अन्य स्कूल में समायोजित नहीं किया गया जबकि शिक्षकों को अन्य स्कूलों में समायोजित कर दिया गया है। उन्होंने इन कर्मियों को भी किसी अन्य स्कूल में समायोजित करने की मांग की है। उन्होंने बैठक में कहा गया कि 2018 में जिला महेंद्रगढ़ में पार्ट टाइम कर्मचारियों का वेतन कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूलों में 10410 था जो अब 8115 कर दिया गया है जबकि अन्य जिलों में यह नहीं घटाया गया है। इस संबंध में कर्मचारी जिला शिक्षा अधिकारी से भी मिले हैं किंतु समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि पार्ट टाइम कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख के बाद दिए जाने संबंधित पत्र उच्च अधिकारियों द्वारा जारी हो चुका है जो सभी कार्यालयों में आ चुका है किंतु उन्हें वेतन 5 से 7 महीनों के बाद ही एक बार मिल पाता है। उन्होंने हर महीने की 7 तारीख के बाद वेतन देने और सरकार द्वारा जारी पत्र का पालन करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि सभी से विचार विमर्श किया जाएगा और यदि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। इस मौके पर जिला सचिव रविंद्र सिंह, उदय , अनिल, महेंद्र, राजेश कुमार,रामफल, संजय, सुनील, प्रवीण, महेश, बबलू आदि मौजूद थे
फोटो कैप्शन 5: पार्ट टाइम कर्मियों की कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब में आयोजित बैठक फोटो: सचिव यूनियन रविंद्र ककराला।
2 कोरोना संक्रमित मिले
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कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना के आए दिन संक्रमित केस मिल रहे हैं। इसी कड़ी में रविवार को दो संक्रमित पाये गये। 18 दिसंबर को मोबाइल टीम ने भोजावास में सैंपल लिया था जिसमें एक महिला और एक पुरुष भोजावास निवासी कोरोना संक्रमित पाए गए।
मिली जानकारी अनुसार 40 वर्षीय पुरुष तथा 30 वर्षीय महिला भोजावास निवासी कोरोना संक्रमित पाए गए। प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भोजावास आगामी कार्रवाई जुटा हुआ है। क्षेत्र में कोरोना केस कम नहीं हो रहे हैं।
एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि लोग कोरोना के प्रति लापरवाही बरत रहे जिसके चलते कोरोना फैल रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी घर से बाहर जाये तो मुंह पर मास्क तथा हाथों में ग्लव्ज पहने हुये हो। घर बाहर बार बार अनावश्यक न घूमने की सलाह दी। यदि कोरोना के प्रति सावधानी नहीं बरती तो भविष्य में बड़ी समस्या बन सकती है।
पीयूष यादव का एमबीबीएस में हुआ दाखिला
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कनीना। कनीना निवासी पीयूष यादव पुत्र विनोद कुमार का एमबीबीएस कोर्स में पीजीआई रोहतक प्रवेश मिला है। मूलत: उनका परिवार धवाना का रहने वाला है तथा वर्तमान में लंबे समय से कनीना में रह रहे हैं।
पियूष यादव के पिता विनोद कुमार ने बताया कि वह एक मध्यमवर्ग से संबंध रखते हैं। स्वयं बाइक रिपेयर का कार्य करते जबकि उसकी मां सरिता यादव एक साधारण गृहणी है। परंतु बारहवीं की परीक्षा पास करने के महज दो वर्षों में एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास कर ली है। और इअब 23 दिसंबर को पीजीआई रोहतक में जाकर अपनी पढ़ाई शुरू कर देगा। विनोद कुमार ने बताया की पीयूष ने दसवीं की परीक्षा यूरो स्कूल कनीना से पास की और 86 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। तत्पश्चात 12वीं की परीक्षा मेडिकल संकाय में नजफगढ़ दिल्ली राव मोहर सिंह पब्लिक स्कूल से पास की। तत्पश्चात एक साल का दिल्ली में आकाश सेंटर से कोचिंग ली किंतु करीब करीब 9 महीने से कोरोना के चलते कोचिंग छोड़कर घर आ गये थे तथा घर पर ही अपनी तैयारी की। अपनी मेहनत के बल पर यह मुकाम पाया है। पीयूष ने बताया कि उनके दादा स्व. धर्मपाल की यही इच्छा थी जो पूरी करके ही दम लिया है। उनकी इस सफलता पर पार्षद मोहन सिंह, सुमेर सिंह याव, महेश कुमार, कुलदीप बोहरा, राजेश कुमार उन्हाणी, महेंद्र शर्मा, डा विनोद कुमार ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: पीयूष यादव फोटो विनोद कुमार पिता पियूष कुमार।
होशियार सिंह की एक और पुस्तक हरियाणा साहित्य अकादमी के अनुदान पर होगी प्रकाशित
कनीना। कनीना के लेखक होशियार सिंह यादव की एक और हरियाणवी पुस्तक का हरियाणा साहित्य अकादमी के अनुदान पर प्रकाशित की जाएगी। तब तक उनकी दो पुस्तकें अनुदान पर प्रकाशित हो चुकी है और अब यह तीसरी पुस्तक -भंडारा सै म्हारा नामक हरियाणवीं पुस्तक प्रकाशित होगी जिसमें हरियाणवीं रागिनियां एवं कुंडलियां दी गई हैं। अब तक 27 विभिन्न पुस्तकों के रचयिता होशियार सिंह यादव बतौर विज्ञान अध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत है। उन्होंने लेखन कार्य में अहम भूमिका अदा की है। एक कवि,लेखक, साहित्यकार आदि के रूपों में उन्हें जाना जाना जाता है। यही नहीं जितने श्रेष्ठ लेखक हैं उससे कहीं अधिक श्रेष्ठ विज्ञान अध्यापक हैं।
उनकी पत्नी आशा यादव जिनकी दो पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित करवाई जा चुकी है वहीं उनकी पुस्तक उपयोगी पेड़ पौधे ने आयुर्वेद के क्षेत्र में नाम कमाया है। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा इस पुस्तक को 31,000 रुपये के लिए श्रेष्ठ कृति के रूप में चुना गया है।
होशियार सिंह यादव पहले लंबे समय से शिक्षा विभाग में कार्यरत है और उन्हें सैकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें राज्यपाल द्वारा नारद सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें डा रामानंद यादव पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी, डा राजेंद्र सिंह यादव डीपीसी रेवाड़ी, प्राचार्य कृष्ण सिंह, पूर्व प्राचार्य कृष्ण कुमार, पूर्व प्राचार्य लालचंद यादव, राजेश शास्त्री,सतेंद्र शास्त्री, निर्मल शास्त्री, विजयपाल प्रवक्ता, डा मुंसीराम यादव, महिपाल सिंह, राजेश कुमार उन्हाणी सहित विभिन्न लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: होशियार सिंह यादव
होशियार सिंह की एक और पुस्तक हरियाणा साहित्य अकादमी के अनुदान पर होगी प्रकाशित
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कनीना। कनीना के लेखक होशियार सिंह यादव की एक और हरियाणवी पुस्तक का हरियाणा साहित्य अकादमी के अनुदान पर प्रकाशित की जाएगी। तब तक उनकी दो पुस्तकें अनुदान पर प्रकाशित हो चुकी है और अब यह तीसरी पुस्तक -भंडारा सै म्हारा नामक हरियाणवीं पुस्तक प्रकाशित होगी जिसमें हरियाणवीं रागिनियां एवं कुंडलियां दी गई हैं। अब तक 27 विभिन्न पुस्तकों के रचयिता होशियार सिंह यादव बतौर विज्ञान अध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में कार्यरत है। उन्होंने लेखन कार्य में अहम भूमिका अदा की है। एक कवि,लेखक, साहित्यकार आदि के रूपों में उन्हें जाना जाना जाता है। यही नहीं जितने श्रेष्ठ लेखक हैं उससे कहीं अधिक श्रेष्ठ विज्ञान अध्यापक हैं।
उनकी पत्नी आशा यादव जिनकी दो पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित करवाई जा चुकी है वहीं उनकी पुस्तक उपयोगी पेड़ पौधे ने आयुर्वेद के क्षेत्र में नाम कमाया है। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा इस पुस्तक को 31,000 रुपये के लिए श्रेष्ठ कृति के रूप में चुना गया है।
होशियार सिंह यादव पहले लंबे समय से शिक्षा विभाग में कार्यरत है और उन्हें सैकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें राज्यपाल द्वारा नारद सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें डा रामानंद यादव पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी, डा राजेंद्र सिंह यादव डीपीसी रेवाड़ी, प्राचार्य कृष्ण सिंह, पूर्व प्राचार्य कृष्ण कुमार, पूर्व प्राचार्य लालचंद यादव, राजेश शास्त्री,सतेंद्र शास्त्री, निर्मल शास्त्री, विजयपाल प्रवक्ता, डा मुंसीराम यादव, महिपाल सिंह, राजेश कुमार उन्हाणी सहित विभिन्न लोगों ने उन्हें बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: होशियार सिंह यादव
नहीं भुला पाए हैं चने का साग और नमक-मिर्च
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कनीना। 30 साल पहले जहां कनीना की बावनी भूमि पर भारी मात्रा में चने की पैदावार की जाती थी। बारिश कम होती थी, उसी पर आश्रित रबी फसल बतौर चने की पैदावार लेकर किसान प्रसन्न नजर आते थे। प्रत्येक किसान के यहां सैकड़ों मन चना होता था ।खाने पीने के लिए भी जहां चने की रोटी, मेसी रोटी खाते थे वही देसी सब्जियों से बहुत ज्यादा साग बनाकर मन को ललचाते थे। चना उस जमाने में प्रमुख रूप से उगाया जाता था। विवाह शादियों पर लड्डू बनाकर जब खाते तो एक आध दिन नहीं एक एक महीने तक लोग मजे से खाते थे। अब तो लड्डू को कुत्ते भी नहीं खाते,गाय तो दूर की बात है। परंतु बुजुर्गों को आज भी याद है हरे चने का साग और नमक-मिर्च। उस जमाने में जब चने कुछ बड़े हो जाते थे तो लोग उन्हें हरे रूप में तोड़कर इल्ली की तरह खाते थे। अपने साथ नमक मिर्च और लहसुन मिलाकर जेब में एक कागज में डालकर ले जाते थे। नमक मिर्च से खेत में बैठकर घंटों तक हरा साग खाते थे। जब मन भर जाता तो तोड़ कर अपने साथ लाते और घर में चटनी जिसे कुट्टी नाम से जाना जाता था बनाकर खाते थे। आज भी कुछ लोगों के जेहन में ये बातें रंगी बसी हुई हैं।
डा रामानंद यादव बताते हैं कि वे आज भी चने से इतने प्रभावित है 3 से 4 एकड़ जमीन पर चने उगाते हैं। उन्होंने बताया कि जब छोटे थे तो हरे चने खाकर बहुत आनंद महसूस करते थे। अब तो लोग चने को भूलाते जा रहे हैं। चने उगाने के बाद किसान भूखा नहीं रहता था। किसान हरे साग को तोड़कर, तत्पश्चात ठाट लग जाती उनको छोले के रूप में प्रयोग करतो। चटनी बनाकर छाछ के संग मजे से खाता था। तत्पश्चात चने बड़े होने पर होले बनाता था और उन्हें भी चाव से खाता था और पक जाते चने निकालकर न केवल विभिन्न रूपों में उसे रोटी आदि के रूप में प्रयोग करता था। विवाह शादियों में उनसे बने लड्डू खाते थे। अब तो लड्डू को खाने वाले लोग नहीं रहे हैं। एक जमाना था जब 58 लड्डे खाने वाले कनीना के कई व्यक्ति होते थे। पर अब लड्डू को कुत्ते भी नहीं खाते।
चने चारा भी पशुओं के काम आता था। सबसे बड़ी विशेषता वैज्ञानिक बताते हैं कि चने की जड़ों में गांठें होती है और इन पौधों की जड़ों में गांठों में सूक्ष्म जीव निवास करते हैं जो खेत की पैदावार बढ़ाते हैं। इसलिए कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि समय-समय पर दलहन जाति के पौधे जरूर उगाए जिससे पैदावार बढ़ जाती है। आज इन खेतों में चना उगाया जाए तो नहीं होता क्योंकि बारानी क्षेत्रों में ही जहां पानी की कमी होती वहीं पर चने पैदावार देते हैं अन्यथा नहीं दे पाते।
कनीना क्षेत्र में जाने पर नजर डाले तो 15 हेक्टेयर पर चने की खेती की गई है। 52,000 हेक्टेयर भूमि मानी जाती है जिसमें 20,000 हेक्टेयर तक चने की खेती की जाती थी और आज वह घटकर 30 सालों में 15 हेक्टेयर पर आ गई है और आने वाले समय में चने को ढूंढते रह जाएंगे।
चने की खेती करने वाले राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, गजराज सिंह मोड़ी, महावीर सिंह करीरा, आदि प्रमुख हैं जिन्होंने क्षेत्र में नाम कमाया है। पर बुजुर्ग लोग चने को नहीं भूल पाते पाए हैं। ताई धापा, प्यारी आदि ने बताया कि जब छोटे थे चने से ही घर का गुजारा करते थे। सारा काम चने से करते थे रोटी, चटनी, सब्जी खाटा का साग, रायता, कोफ्ता पराठे तथा विभिन्न रूपों में चने का प्रयोग करते थे। आज चने की पैदावार घट गई है, विवाह शादी पर भी चना दूसरे जगह से मंगाया जाता है।
फोटो कैप्शन 1: डा रामानंद यादव चने की खेती करते हुए।
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