विपक्षियों की हकीकत पहचान चुका है किसान : ओम प्रकाश यादव
*************************************************
**********************************************
*****************************************
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने ढाणा में किया एक करोड रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन
कनीना। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों से किसानों के पास उत्पादों की बिक्री के लिए ज्यादा विकल्प उपलब्ध होंगे। इससे बिचौलियों का रास्ता बंद हो जाएगा। विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी दाल नहीं गलेगी। किसान अब इनकी हकीकत का पहचान चुका है।
श्री यादव आज कनीना खंड के विभिन्न गांव ढाणा में उद्घाटन कार्यक्रमों में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उनके साथ अटेली के विधायक सीताराम यादव भी मौजूद थे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने आज गांव ढाणा में लगभग एक करोड़ रुपये के विकास कार्यों का उद्घाटन किया। इसमें पांच सड़क मार्ग तथा दो पार्क शामिल है। इसके अलावा उन्होंने गांव के विकास कार्यों के लिए 15 लाख रुपये दिए।
श्री यादव ने कहा कि कोरोना-19 की वजह से विकास कार्यों में थोड़ी रुकावट आई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जिला में तीन हाइवे, मेडिकल कालेज व किसानों की समय पर फसल खरीद तथा समय पर फसलों का भुगतान किया है। आजादी के बाद देश में जितना विकास इस सरकार में हुआ है उतना विकास पहले कभी नहीं हुआ।
तीन कृषि कानूनों के संबंध में उन्होंने कहा कि इन कानूनों से प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उत्पादों की बेहतर कीमत मिल पाएगी।
श्री यादव ने कहा कि किसानों को सभी प्रकार के आधुनिक कृषि उपकरण मिल पाएंगे। उत्पाद बेचने के लिए मंडियों या व्यापारियों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। खेत में ही उपज की गुणवत्ता जांच, ग्रेडिंग, बैगिंग व परिवहन जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। किसान को नियमित और समय पर भुगतान मिल सकेगा।
इस मौके पर अटेली के विधायक सीताराम यादव ने जिला में पीएटी ट्रांसफर लगाने की बात कही। पूरे जिला में यह ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे।
कृषि कानूनों पर बोलते हुए विधायक सीताराम यादव ने कहा कि इन तीनों कानूनों का लाभ किसानों को ही मिलेगा। किसान की स्वेच्छा और उसकी आत्मनिर्भरता के लिए यह ऐतिहासिक क़दम है।
इस अवसर पर भोजावास मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, कनीना चेयरमैन सतीश जेलदार, सिहमा चेयरमैन सुमेर, चेयरमैन रोहतास, सेहलंग से सत्यवीर यादव, सुरेश, प्रवक्ता ओमप्रकाश लिसानिया, मुन्नीलाल, महामंत्री लख्मीचंद चौहान, सुंदरह से सुरेश यादव, हरिराम मित्तल, कंवरसैन, ओम प्रकाश यादव, राजकुमार भारद्वाज, ढाणा सरपंच सुशील, इसराणा सरपंच विजेंद्र, भडफ़ सरपंच महेंद्र, भोजावास पूर्व सरपंच राम अवतार, रामबास सरपंच विक्रम, सेहलंग सरपंच विजय पाल, कृष्ण विनीत, कनीना बीडीपीओ देशबंधु, सतपाल व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 11: मंत्री ढ़ाणा में गली का उद्घाटन करते हुये।
अलविदा 2020
क्षेत्र के लिए ट्रेन व बसों का विशेष लाभ नहीं मिला
***************************************
***********************
कनीना। वैसे तो कोरोना काल में लंबे समय ट्रेन एवं बसें बंद रही वहीं वर्ष 2020 में जहां कोरोना काल से पहले विभिन्न ट्रेन रोकने के लिए आंदोलन भी चले, वही बसों की सुविधा भी बेहतर नहीं रही।
कभी बसें एवं ट्रेन सेवा बंद कर दी गई तो फिर बसें तो चला दी गई किंतु ट्रेन अभी तक नहीं चली हैं। उपमंडल स्तरीय कनीना खास रेलवे स्टेशन से जहां 21 गाडिय़ां प्रतिदिन आवागमन करती है किंतु पैसेंजर ट्रेन ही रुक पाती हैं। जिसके चलते कस्बे के विभिन्न समाजसेवियों ने बार-बार आंदोलन किया, स्टेशन मास्टर के जरिए ट्रेन रोकने के लिए उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भिजवाए किंतु हालात जस के तस रहे।
नवरात्रों में माता मेले के दृष्टिगत जहां अस्थाई रूप से कुछ गाडिय़ां रुकने के लिए प्रबंध भी किया गया किंतु वे भी कोरोना की भेंट चढ़ गये और सभी ट्रेन सेवा ही आगामी आदेश तक बंद कर दी गई। कुल मिलाकर ट्रेन अवस्था अच्छी नहीं रह,ी बार-बार के आंदोलन बेकार गए, विभिन्न लोग परेशान रहे। दूसरी ओर बसों की सुविधा भी बेहतर नहीं रही। दूरदराज जाने वाली बसें धीरे-धीरे बंद हो चुकी है। निजी वाहनों ने जमकर चांदी कूटी और सरकार को चूना लगाते देखा गया। कनीना बस स्टैंड से फतेहाबाद, यमुनानगर, बीकानेर आदि की बसें भी चलती थी वे भी बंद पड़ी रही। विभिन्न मार्गों पर रात्रि के समय कोई बस सुविधा नहीं मिली जिसकी बार-बार मांग चलती रही। यात्री निजी वाहनों से अपने गंतव्य तक गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच पाए। वर्ष भर निजी वाहनों की का सहारा लेना पड़ा।
कनीना खास रेलवे स्टेशन को कोसली से जोड़ते हुए नारनौल तक मिलाने की एक खुशखबरी जरूर कनीना वासियों को मिली थी किंतु अब यह रेलवे मार्ग कब तक बन जाएगा उसी पर नजरें टिकी हुई हैं।
फोटो कैप्शन: कनीना खास रेलवे स्टेशन।
किसानों के हित में पारित विधेयक किसान हितेषी- ओमप्रकाश एडीओ
*****************************************************
**********************************************
,कनीना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिए पारित तीनों विधेयक किसान हितेषी है किंतु कुछ नेता किसानों को गुमराह कर रहे हैं जिसके चलते किसान अपना हित नहीं देख पा रहे हैं। ये विचार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ने कनीना उप-मंडल के गांव ढाणा में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन करने के उपरांत जनसभा को व्यक्त किये। इस मौके पर अटेली विधायक सीताराम यादव भी उनके साथ थे।
मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सदा जनहितेषी काम करते आ रहे हैं। कितने ही ऐसे काम किये है जिनको लोग सदा याद रखेंगे। उन्होंने किसानों की भविष्य की सोच को साकार करने के लिए विधेयक पास किये थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार भी दिनोंदिन उन्नति के रास्ते पर चल रही है। सरकार किसानों के हित में चलती है। वहीं विभिन्न कर्मचारियों का भी सदा सोचती आई है। उन्होंने किसी के बहकावे में न आने की अपील की। इस मौके पर सरपंच ढाणा सुशील कुमार ने मंत्री एवं विधायक का स्वागत किया।
इस मौके पर ढाणा गांव में जहां सबसे प्रमुख समस्या रामबास से ढाणा लिंक मार्ग की थी वह 13 लाख रुपए की लागत से सड़क बनवाकर हल कर दी जिसका उद्घाटन किया गया। वही डी-प्लान द्वारा दो पार्क निर्मित किए गए जिन पर साढे चार लाख खर्चा आय,ा उनका भी उद्घाटन किया गया। गांव में जहां 15-15 लाख रुपये की लागत निर्मित दो गलियो, 13 लाख की बनी एक गली, 5-5 लाख की बनी दो गलियों सहित कुल 8 गलियों का उद्घाटन भी किया वहीं 5 लाख की लागत से बनाई जाने वाली एक गली का शिलान्यास भी किया। इस मौके पर गांव की तरफ से एक मांग पत्र भी सौंपा गया जिसमें पड़तल से ढाणा व ढाणा से कनीना वाया ककराला वाले पीडब्ल्यूडी रोड को 18 फुट चौड़ा बनवाने, कूड़ा उठाने के लिए गाड़ी प्रदान करने, ग्राम सचिवालय बनवाया बनवाने, श्मशान घाट की चारदीवारी एवं रास्ता पक्का करवाने, बाबा जिंदा देव पार्क की चारदीवारी बनाने, पीडब्ल्यूडी रोड से बीपीएल प्लाट तक रास्ता पक्का करवाने,
मोड़ी रोड़ से तेज सिंह एडवोकेट के मकान तक का रास्ता पक्का करवाने, रामबास माइनर का पुल ठीक करवाने आदि अनेक मांगे मांगे रखी जिनको अटेली विधायक सीताराम ने जल्द से जल्द पूरा करवाने का आश्वासन दिया।
इस मौके पर कनीना नगर पालिका के प्रधान सतीश जेलदार ने दौंगड़ा अहीर में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर द्वारा कनीना के विकास कार्यों के लिए घोषित 5 करोड रुपए की राशि अविलंब दिलवाने की मांग की, जिस पर विधायक सीताराम विधायक ने यह राशि मंजूर करवा कर उन्हें प्रदान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर
मंत्री का फूल मालाओं से स्वागत किया गया। इस मौके पर पालिका प्रधान सतीश जेलदार कनीना, सरपंच कृष्ण सिंह ककराला, सरपंच महेंद्र सिंह भडफ़, सरपंच दयाराम गोमला, सरपंच विजयपाल सेहलंग, सरपंच ढाणा सुशील कुमार, वेद प्रकाश पूर्व सरपंच, सरपंच दयाराम गोमला, पूर्व सरपंच विजेंद्र सिंह, पूर्व सरपंच रामसिंह गोमला, रमेश कुमार, चंदगी राम साहब, राम निवास, राम सिंह साहब आदि विभिन्न जन
मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 9 एवं 10: मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ढाणा गांव में मांग पत्र लेते हुए तथा संबोधित करते हुए।
दो लड़के रात से गायब,कनीना पुलिस मामले की जांच में जुटी
*******************************
कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा निवासी रूपेश कुमार ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि रविवार की रात करीब एक बजे उनका लड़का आदित्य 19 वर्ष तथा अमित पुत्र नरेंद्र 15 साल बिना बताए चले गए। उन्होंने उन्हें इधर-उधर ढूंढा लेकिन कहीं नहीं मिला। उन्होंने शक जताया है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें छुपा रखा है। जहां इस घटना को लेकर गांव में चर्चा है वही पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कोरोना एवं लाकडाउन के बाद अब सेना में भर्ती होने के लिए साइकिल की बढ़ी मांग
***********************************************************
*****************************
कनीना। पहले कोरोना महामारी ने तत्पश्चात जाकडाउन और तेल की महंगाई के बाद जहां युवा वर्ग साइकिल की ओर आकर्षित हुआ तो अब सेना में भर्ती होने व सेहत बनाने के लिए बेहतरीन दर्जे की साइकिल की ओर युवा वर्ग आकर्षित हो रहा है। वैसे भी सेहत को बरकरार रखने के लिए लोग साइकिल को बाइक से कहीं अधिक बेहतर समझते हैं। साइकिल पर चलने वाले को लोभी जैसे शब्दों से अलंकृत करने वालों की कमी नहीं किंतु सेहत का राज साइकिल चलाने में छुपा हुआ है।
वैश्विक प्रदूषण की समस्या से बचने तथा साइकिल चलाने की बात की जाती है। विदेशों में तो अमीर वर्ग भी साइकिल पर चलकर सेहत बनाता है। वही कनीना क्षेत्र में ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने साइकिल पर अपने जीवन का लंबा समय गुजार दिया है। साइकिल द्वारा सामान जैसे कुकिंग सिलेंडर ढोने, थोड़ी दूरी तय करने में, स्वास्थ्य को बनाए रखने में साइकिल का कोई सानी नहीं है।
प्रदेश सरकार 2 किलोमीटर दूर से आने वाली लड़कियों के लिए भी सरकार की साइकिल प्रदान करती है। साइकिल पर हरिद्वार से 350 किलोमीटर तक लोग कावड़ लेकर आते हैं। साइकिल यात्रा ,साइकिल रेस आदि प्रसिद्ध हैं।
कनीना के लोग जो साइकिल के लिए चर्चित रहे-
कनीना क्षेत्र के राव सतबीर सिंह बोहरा जो साइकिल चलाने में माहिर थे। उनकी शादी में साइकिल मिली थी। लंबी उम्र तक जीवन यापन कर के स्वर्ग सिधार गए हैं लेकिन उन्होंने चुनाव लड़े उस समय उनका चुनाव चिन्ह साइकिल था। वर्तमान में कनीना के श्यामलाल पंडित अभी जीवित है तथा करीब 40 वर्षों से उन्होंने साइकिल पर अपनी जिंदगी बिताई है। सुमेर सिंह 60 साल के है किंतु उन्होंने 1990 में साइकिल चलानी शुरू की थी और आज तक भी साइकिल चला रहे हैं। राव मोहर सिंह जो देश सेवा कर के सेवानिवृत्त हो गए हैं। विगत 23 वर्षों से लगातार साइकिल चला रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों को सरकार द्वारा सम्मानित करने की मांग उठ रही है ताकि साइकिल चलाने का क्रेज बढ़े।
क्या कहते हैं साइकिल विक्रेता-
कनीना में सुरेश कुमार भडफ़ निवासी वर्ष 1969 से साइकिल स्टोर चला रहे हैं। उनका कहना है कि प्रतिदिन औसत पांच साइकिल बिक जाती है। इसका मतलब है कि एक बार फिर से साइकिल की ओर रुझान बढ़ा है। उन्होंने बताया कि 1969 में 60 रुपये से लेकर 120 रुपये तक की साइकिल मिलती थी। बेहतरीन कंपनी की साइकिल 120 रुपये तक की थी। वैसे तो बैट्री से चलने वाली साइकिल भी बाजार में आ चुकी हैं किंतु
युवा वर्ग की पसंद 21 स्पीड वाली साइकिल नाम से जानी जाती है। उन्होंने बताया कि साइकिल 27 हजार रुपये तक की साइकिल उपलब्ध है। भविष्य में मांग बढऩे की उम्मीद है।
फोटो कैप्शन 6: 21 स्पीड की साइकिल दिखाते मिस्त्री
नए साल की ग्रीटिंग भेजने का ढंग भी बदला
*****************************************
**************************************
कनीना। अब नए साल की ग्रीटिंग देने का तौर तरीका ही बदल गया है। अब एसएमएस, व्हाट्सअप,मेल भेजकर ही ग्रीटिंग देते हैं। पत्र की शुभकामनाएं एवं ग्रीटिंग कार्ड भेजने की काम लगभग बंद हो गया है।
80 के दशक में मोबाइल का प्रचलन इतनी उन्नति पर नहीं था और ग्रामीण लोगों को नए साल पर या फिर किसी पर्व पर ग्रीटिंग भेजने के लिए डाकघर का सहारा लेना पड़ता था। ग्रीटिंग को लिफाफे में बंद करके पर्व या नए वर्ष से एक दो दिन पूर्व ही भेजते थे और पाने वाले को भी ये ग्रीटिंग अक्सर देर से मिलने की शिकायत होती थी। नए साल पूर्व डाकघरों में केवल ग्रीटिंग ही दिखाई पड़ते थे और पोस्टमैन को सबसे अधिक व्यस्त इन्हीं में रहते थे। रंगीन ग्रीटिंग कार्ड भेजने के लिए कई तैयारियां करनी होती थी किंतु बाद में समय बदला ओर ग्रीटिंग का प्रचलन कम होते होते महज इक्का दुक्का कार्ड ही अब भेजे जाते हैं।
आज के दिन गांव-गांव में मोबाइल की टावर लगी हुई हैं और उपभोक्ता भी ग्रीटिंग पर काफी पैसे खर्च करने की बजाए मोबाइल से बधाई संदेश भेजकर खुश हो जाते हैं। इस प्रकार न केवल समय की बचत होती है अपितु तुरंत संदेश पहुंचाया जाता है। ग्रीटिंग कार्ड बेचने वाले योगेश कुमार, रोहित कुमार एवं कृष्ण कुमार का कहना है कि अब तो कोई बच्चा ही बेशक ग्रीटिंग कार्ड लेने उनके पास आता हो। अब तो ग्रीटिंग महज एक बीते जमाने की बात बन गई है।
उधर डाकघर में काम कर चुके पोस्टमैन एवं वर्तमान में काम कर रहे पोस्टमैन राजेंद्र सिंह से बात की जाए तो दोनों के विचार एकदम विपरीत होते हैं। वर्तमान में काम करने वाले पोस्टमैन का कहना है कि अब तो कोई दो-चार ही ग्रीटिंग कार्ड नए वर्ष या किसी पर्व के मौके पर मिलते हैं जबकि पूर्व पोस्टमैन रामकिशन का कहना है कि उनके वक्त तो नए वर्ष के शुरू होने से दस दिनों पूर्व से लेकर दस दिन बाद तक केवल ग्रीटिंग कार्डों की ही धूम मची रहती थी। डाक पत्र तो शायद ही कोई मिलता था किंतु ग्रीटिंग कार्ड दिनभर बांटते-बांटते थक जाते थे।
फिर एसएमएस का जमाना आया जो कुछ ही समय में एसएमएस मिल जाता है वहीं ग्रीटिंग कार्ड पर कुल मिलाकर 05 से 10 रुपये का खर्चा आता था वहीं उसके समय पर मिलने की संभावना कम होती थी। वहीं एक सप्ताह का समय लगता था। अब तो मेल एवं व्हाट्स अप के जरिये भी संदेश त्वरित गति से भेजे जाते हैं। नये साल के लगने में जब एक मिनट हो तभी संदेश भेजने शुरू हो जाते हैं। तकनीक के आगे आग बुजुर्ग कायल हैं।
भाविप ने किये कई प्रस्ताव पारित
************************************
**********************************
,कनीना। नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना मे भारत विकास परिषद् कनीना की बैठक प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
बैठक में प्रारम्भ में भारत विकास परिषद् सदस्य स्व.रामेश्वर यादव व स्व.महावीर सिंह की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि भारत जाने प्रतियोगिता में प्रदेश स्तर पर दूसरा स्थान पाने वाली खुशी व सांत्वना पुरस्कार पाने वाली अंकिता एवं पूजा को भी सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित किया है।
इस मौके पर प्रस्ताव रखा कि सर्दी बढ़ गई है और सर्दियों के मौसम में गरीबों को कंबल आदि गर्म वस्त्र बांटे जाये जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। इस मौके पर सचिव अनिल सेहलंग ,जगदीश प्रसाद आचार्य, मोहन सिंह, दलिप पार्षद, गजराज साहब, मुख्याध्यापक कृष्ण सिंह, धनपत साहब, लखनलाल,शिव कुमार,आशा, सरिता, सुशीला, उर्मिला कौशिक आदि संस्थान के पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: भारत विकास परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित करते हुये विभिन्न पदाधिकारी।
पदोन्नति पर लगवाये 101 पौधे
***********************************
*********************************
कनीना। महेंद्रगढ़ क्षेत्र के छोर पर स्थित चुडिऩा में बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल सामाजिक संस्था द्वारा सीआरपीएफ में मुरारी लाल की पदोन्नति होने पर 101 पेड़ नीम, बड़, पीपल, जामुन, अनार व औषधीय पौधे तुलसी व पत्थर चट के पौधे बाबा बनवारीनाथ खेल परिसर, शहीद छाजूराम राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लगवाए।
संस्था के नवीन कौशिक ने जानकारी देते हुये बताया कि पेड़ पौधों से ही प्रकृति को बचाया जा सकता है। गर्व की बात है कि मुरारी लाल जो देश सेवा के साथ साथ ही छुट्टियों में पर्यावरण व अन्य सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। उनका प्रमोशन अब हवलदार पद पर होने पर संस्था की तरफ से पेड़ पौधे लगवाये। इस अवसर पर जयपाल जांगिड़, शंकर सिंह, संदीप, अमरसिंह, अजय, अभिनव,काकू व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: चुडिऩा में पदोन्नति पर बीइंग ह्यूमैन संस्था पौधारोपण करवाते हुए।
कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं सतीश जेलदार
-2000 लोगों को प्रतिदिन के हिसाब से 2 माह खाना खिलाया और उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक छुडवाया
*******************************************
*****************************************
कनीना। कोरोना काल तत्पश्चात लाकडाउन का नौ माह का कठिन समय गुजरा है जिसमें हर इंसान को कुछ न कुछ कष्ट झेलना पड़ा है। परंतु इस अवधि में कनीना के सतीश जेलदार ने एक जेम(हीरे) के रूप में उभरकर पूरे प्रदेश में नाम कमाया।
कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार कोरोना महायोद्धा के रूप में उभर कर सामने आए हैं। जिन्होंने 22 मार्च 2020 से लगातार प्रतिदिन 2000 लोगों को खाना खिलवाया तथा 17 मई 2020 तक जारी रहा। दूसरे राज्यों जिनमें यूपी,बिहार,मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के लोगों के खाने, ठहराने की अहम भूमिका अदा की है। जहां पालिका के सभी पार्षदों ने अपने दो-दो माह का पारिश्रमिक खाने के लिए दिया वही गांवों से तथा कनीना के लोगों ने जमकर दान दिया जिसके चलते यहां ठहरने खाने-पीने की समुचित व्यवस्था बाहर के लोगों के लिए बन पाई जो दो माह तक जारी रही। हालात ये बन गये कि लावणी करने आये मजदूर भी नगरपालिका का खाना खाने आते थे क्योंकि खाने में अनेकों व्यजंन भी होते थे।इसमें सबसे अहम भूमिका सतीश जेलदार की रही है। उन्होंने सात बार कनीना को सेनिटाइज करवाया छह बार फोगिंग करवाई, पांच बार मास्क वितरित करवाए,सैनिटाइजर दिए तथा हाथ में पहनने के लिए दस्तानों का वितरण भी करवाया ताकि रोग न फैल सके किंतु महामारी फैलने पर दूसरे राज्यों के लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में अपनी भूमिका अदा करते हुए रोडवेज तथा अन्य साधनों से उनको पहुंचाया।
यही नहीं उन्होंने पालिका में कार्यरत कर्मियों के लिए जूते, जुराब, सेनिटाइजर, मास्क, दस्तानें, जैकेट आदि भी उपलब्ध करवाई ताकि कनीना को साफ सुथरा रख सके। उनके कार्य की पूरे राज्य और सीएम कार्यालय तक सराहना की गई। उत्तरप्रदेश सरकार ने हरियाणा के उच्चाधिकारियों से फोन करके पूछना पड़ा कि कनीना में आखिरकार ऐसा मजदूरों को क्या खिलाया कि उसे भूल ही नहीं पा रहे हैं। जिसके चलते वे एक कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं।
कनीना में जहां कहने को दो शेल्टर होम थे किंतु मुख्य सेंटर होम कनीना पालिका के समक्ष था जिसमें कहने को एक सौ लोग ठहरते थे किंतु दो हजार लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया जा रहा था जिसके पीछे भी उन्हीं का अहम योगदान था।
पालिका प्रधान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी देकर खाने की व्यवस्था करवा रखी थी। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी बाहर के लोगों को खाना खिलाते रहे। कनीना कस्बे को पूरे हरियाणा भर में एक नंबर पर लाकर सिद्ध कर दिया कि सतीश जेलदार की अध्यक्षता में सभी कार्य सही सुचारु रूप से चल सकते हैं।
पालिका में 22 मार्च से चले आ रहे प्रवासी लोगों को खाना खिलाने के लिए बनाए गए अस्थाई शेल्टर होम का विधि विधान से 17 मई को समापन कर दिया गया। मुख्य अतिथि अटेली विधायक सीताराम यादव थे। उन्होंने 175 क्षेत्र के लोगों ने कोरोना योद्धा से सम्मानित किया जिनमें सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवी, शिक्षकों पुलिस कर्मी आदि को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया।
यहां तक कि पालिका प्रधान सतीश जेलदार के यहां पोती होने की खुशी में जहां समापन समारोह में समस्त दूरदराज से आए हुए लोगों एवं प्रवासियों को मीठा भोजन खिलाया और मजदूरों को उनके प्रदेश छुड़वाने का सिलसिला शुरू हुआ। कनीना के लोगों, गरीब जन तथा असहायों की मदद में कनीना वासियों ने जो भूमिका निभाई है वो सदा याद रहेगी। कोरोना फैलने के चलते सरकार के आदेशों का पालन करते हुए उन्होंने शिविर बंद करना पड़ा था। यही नहीं अपितु सतीश जेलदार, एसडीएम रणवीर सिंह, पालिका के पूर्व प्रधान प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, मास्टर दिलीप सिंह, उपाध्यक्ष नगर पालिका अशोक ठेकेदार, पंकज कुमार एडवोकेट, सचिव नगर पालिका राजाराम उमेद सिंह, लेखाकार शिवचरण जोशी, पार्षद मोहन सिंह, पार्षद मुकेश रोकी, भारत विकास परिषद के कंवरसेन वशिष्ठ,सेवक श्रीश्याम मंडल, बाबा मोलडऩाथ मेला कमेटी, श्रीश्याम सेवक मंडल, आदि का भी योगदान सराहनीय रहा। खाना खिलाने में राजाराम सचिव, पूर्व पालिका प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, पालिका उपप्रधान अशोक ठेकेदार, महेंद्र सिंह हलवाई, पोंडा हलवाई तथा ठेकेदार ओमप्रकाश लेखाकार शिवचरण शमा ,केशव सहित सभी ने अहम भूमिका निभाई। आज तक भीइस कोरोना काल और कनीना के सतीश जेलदार को वे लोग नहीं भुला पाएंगे।
फोटो कैप्शन 2: कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करते सीताराम फाइल फोटो साथ में सतीश जेलदार
पशुओं पर गर्म कपड़े डालकर बचाएं सर्दी से
-सर्दी लगने से पशुओं का घट जाता है दूध
************************************
*****************************************
कनीना। इंसानों की भांति पशुओं को भी सर्दी लगती है। दुधारू पशु सर्दी लगने पर कम दूध देते हैं। ये विचार वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा लालचंद यादव ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान पशु पालते हैं किंतु सर्दियों में उन पर ध्यान नहीं देते जिसके चलते सर्दी लग जाती है। सर्दी के दिनों में पशुओं को खुले आसमान तल न बांधे, जब तक धूप न हो जाये तब तक घर से बाहर न निकाले, ठंडा पानी न पिलाये, धूप आने पर ही पानी पिलाये, ताजा पानी पिलाये और पशु को कपड़े से या बोरी आदि से रात को ढके। उन्होंने कहा कि सर्दियों में मवेशियों को प्रमुख रूप से सर्दी लग जाती है और जिसका सीधा प्रभाव दूध पर पड़ता है।
उधर पशुओं के लिए लंबे समय से औषधियां बनाने के शोध कार्य में लगे हुए विक्की एवं शिब्बू पंसारी का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को भी सर्दी से बचाना चाहिए वरना वे दूध कम देंगे वहीं बीमार हो सकते हैं। उनका कहना है कि पशु भी इंसान की भांति रोगों से पीडि़त हो सकते हैं। उन्हें बचाना जरूरी है। विक्की पंसारी का कहना है कि आने वाले सर्दियों के 4 महीने पशुओं के लिए काफी कठिनाई के होते हैं जिसमें पशुओं को सर्द गर्म हो जाना पैर अकड़ जाना दूध उत्पादन कम हो जाना आदि समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं।
कैसे बचाते बुजुर्ग पशुओं को सर्दी से--
बुजुर्ग राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार, संतरा देवी, मेवा आदि बताती हैं कि सर्दी हो या गर्मी बसंत हो या बाहर हर मौसम में अपने पशुओं का स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए पशुओं को घरों एवं आस पास मिलने वाली अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, लहसुन, तुलसी, शतावर, मेथी, हालू ग्वारपाठा, इलाइची और आक के फूल का उपयोग करते थे और करना चाहिए, जिससे पशु सर्द मौसम में बीमारियों से बचा रहेगा। बुजुर्गों के अनुसार पशुओं की हर बीमारी का इलाज पशुओं के आस-पास भी उपलब्ध है। बशर्ते हमें उनकी जानकारी हो। अब वक्त आ चुका है जब हम हमारे देश की अनमोल विरासत हमारे पेड़ पौधे और घास पूस से जुड़े हर्बल ज्ञान को सम्मान दिलाने के लिए मिलकर पहल करें।
फोटो कैप्शन 3: पशुओं को गर्म बोरी से ढककर सेवा करती गृहणि।
गाहड़ा में 28 से होगी दो दिवसीय बाबा भैया वालीबाल प्रतियोगिता
*************************************************
कनीना। उपमंडल के गांव गाहड़ा में दो दिवसीय बाबा भैया वालीबाल प्रतियोगिता का आयोजन सोमवार व मंगलवार को होगा।
बाबा भैया समिति के खजांची मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि दो दिवसीय वालीबाल खेल प्रतियोगिता का आयोजन बाबा भैया समिति द्वारा करवाया जा रहा है। इस वालीबाल प्रतियोगिता में महेंद्रगढ़ जिले सहित अन्य जिलों की टीम भाग लेंगी। खेल प्रतियोगिता में एक पंचायत की एक टीम को ही टीम को शामिल किया।वॉलीबॉल में शूटिंग प्रतियोगिता होगी। कमेटी का फैसला सर्वमान्य होगा। वालीबाल प्रतियोगिता में शामिल होने वाली टीम को 100 रुपये एंट्री फीस जमा करानी होगी। खेल के अंतिम दिन प्रथम आने वाली टीम को 5100 रुपये, दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को 3100 रुपये का इनाम दिया जाएगा।
योग शिविर के समापन दिवस पर युवाओं को दी योग की जानकारी
-करो योग रहो निरोग का दिया सन्देश
*******************************************
*********************************
कनीना। बीएमडी ग्रुप आफ इंस्टिट्यूसंस द्वारा इंडियन काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग सम्बन्धित नेशनल स्किल डेवलपमेंट कोर्पोरेशन एवं ग्रामीण स्किल डेवलपमेंट मिशन के संयुक्त तत्वाधान में कान्हाजी स्कूल प्रांगण कनीना में लगातार चल रहे योगा ट्रेनिंग कैंप के समापन के समय आखिरी दिन युवाओं को योग के बारे में जानकारी दी। इस योगा ट्रेनिंग कैंप की अध्यक्षता इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने की।
हर रविवार को चलने वाले इस योगा कैंप का समापन किया गया। योगा कैंप में युवाओं को स्वस्थ रहने के टिप्स दिए गए । योगा शिविर में आंखों की नेत्र ज्योति को बचाए रखने के लिए योग, घुटनों में दर्द ना हो इसके लिए योग, माइग्रेन को खत्म करने का योग, बाल सफेद ना होने का योग, पेट से संबंधित बीमारियों के योग के बारे में जानकारी दी गई।आसनों की श्रेणी में बैठकर करने वाले आसनों से इसकी शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत जानुसिरासन, पश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, अर्द्धउष्ट्रासन का अभ्यास किया गया। इसके पश्चात् पीठ के बल किए जाने वाले आसनों में पवनमुक्तासन, उत्तानपादासन, सेतुबंधासन, नोकासन का अभ्यास कराया गया। क्रिया के रूप में कपालभांति का अभ्यास कराया गया। प्रणायाम में नाड़ी शोधन, भ्रामरी एवं ओम का दीर्घ उच्चारण करवाया गया।
योगा ट्रेनर इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने युवाओं को जानकारी देते हुए बताया कि दिन की शुरुआत योगा के साथ करनी चाहिए। योग व मेडिटेशन के माध्यम से खुद को तंदुरुस्त और तनाव मुक्त रखा जा सकता है। योगा के माध्यम से युवाओं को तंदुरुस्ती, ठहराव, चिंता, तनाव चिड़चिड़ेपन से दूर रहना और ध्यान को केंद्रित करना सिखाया गया।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के योग -
पलकें झपकाएं
आमतौर पर कंप्यूटर पर काम करने वाले व टीवी देखने वाले सामान्य की बजाय कम पलकें झपकाते हैं। इससे आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है और ड्रायनेस आ जाती है। पलकों के झपकने से आंखें फ्रेश और हाइड्रेटेड रहती हैं, साथ ही हम ज़्यादा देर तक फोकस कर पाते हैं। इसके लिए
2 मिनट में हर 3-4 सेकंड में पलकें झपकाएं. काम के दौरान थोड़ा समय निकालकर यह एक्सरसाइज करें।
हथेली से ढंकना :-
आंखों के स्ट्रेस को दूर करने और उन्हें रिलेक्स करने के लिए यह एक्सरसाइज करें. कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं. कोहनियों को टेबल पर टिका दें. कुछ देर तक गहरी सांसें लें. दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें और इनसे आंखों को ढंकें. 5-15 मिनट तक इसी तरह रहें और गहरी सांसें लें। रोज़ाना यह एक्सरसाइज़ कुछ मिनटों तक ज़रूर करें. इससे न सिर्फ आंखों का स्ट्रेस दूर होगा, बल्कि दिमाग के साथ-साथ पूरा शरीर भी रिलेक्स होगा. साथ ही इससे आंखों की रोशनी भी तेज होगी।
शवासन में
पीठ के बल लेट जाएं,दोनों पैरों के बीच लगभग 1 फीट की दूरी रखें,कमर व हाथों के बीच 6 इंच की दूरी रखें, हथेलियां खुली हुई हों। पैरों के पंजों की तरफ़ से शरीर को धीरे-धीरे ढीला छोड़ते जाएं। पूरे शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ दें। श्वास के अलावा पूरा तन और मन बिल्कुल शांत हो।
रोजगार के है अवसर-योगा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर लक्की सिगडा ने बताया कि योगा को हरियाणा सरकार ने सब्जेक्ट को में भी लागू करने की घोषणा की हुई है । अभी महेंद्रगढ़ जिले में तकरीबन 30 रिक्तियों का नोटिफिकेशन निकला हुआ है। इस वक्त युवा योगा में कैरियर बना सकते हैं । एनएसडीसी के योगा ट्रेनर डिप्लोमा में प्रवेश लेने के लिए किसी भी विषय में 12 वीं पास होना जरूरी है। योगा बहुत ही रोचक विषय है। इस कोर्स को कोई भी व्यक्ति कर सकता हैं। सरकार ने विभिन्न गांव में व्यायामशाला में बनवाई हुई हैं। योगा ट्रेनर का डिप्लोमा करने के बाद रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर खुलने जा रहे हैं। इससे रोजगार की दिशा में भी एक क्रांति आएगी।
इस योगा शिविर में नरवीर सिंह, प्रियंका प्रजापति, कर्मपाल यादव, अतुल कुमार, अन्नू लता, प्रवीण, पंकज कुमार, रोनिका यादव, पवन कुमार, रचना शर्मा, राकेश कुमार, सुनीता देवी, नवीन कुमार, जितेंद्र सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 1: कान्हाजी स्कूल में योग करवाते लक्की सिंगड़ा।
No comments:
Post a Comment