पहले 1983 पीटीआई हटे और अब उनकी राह पर 816 कला अध्यापक
***************************
*************************
*****************************
कनीना। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कला अध्यापकों की याचिका खारिज करने के बाद आप 816 कला अध्यापकों के हटाए जाने की तलवार लटक गई है। जिला महेंद्रगढ़ में 29 ऐसे शिक्षक हैं वहीं इससे पहले 1983 शारीरिक शिक्षक सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए गए थे जिनका करीब 6 महीने तक आंदोलन चलने के बाद आखिरकार उन्हें 24,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से फिर से शिक्षा विभाग में समायोजित किया जा रहा है। एक और जहां कला शिक्षकों को हटाए जाने का समाचार मिलते ही शिक्षकों में मायूसी छा गई है। 10 वर्षों से शिक्षा विभाग में कार्यरत थे कि और बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे कि उनकी नौकरी बच जाएगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आया और कला शिक्षकों को हटाये जाने के निर्णय पर अब सरकार का रुख देखा जाना है। चाहे तो शारीरिक शिक्षकों की भांति उन्हें भी रख सकती है या फिर उन्हें न हटाने का फैसला लिया जा सकता है। बहरहाल कला शिक्षकों की एसएलपी डिसमिस कर दी है।
पुलिस ने मास्क न लगाने वालों के काटे चालान
********************************
***** कनीना। कनीना पुलिस सोमवार को मास्क न लगाने वालो के 15 तथा वाहनों के सात चालान काटे। तीन वाहनों को इंपाउंड भी किया। मास्क न लगाने वालों के 500 रुपये के प्रत्येक के चालान काटे।
एएसआई गोविंद सिंह ने बताया कि लोगों को समझाने के बावजूद भी अपने मुंह पर मास्क नहीं लगाते जिसके चलते 15 लोगों के चालान काटे गए वही उनको मास्क उपहार में दिया गया।
उन्होंने बताया कि कागज पूरे न करने वाले 7 वाहन पकड़े जिनमें से 3 को इंपाउंड कर दिया तथा चार के चालान काट दिये। उन्होंने कहा कि आज के दिन कोरोना फैल रहा है और कोरोना से बचाव के सभी उपाय करने बहुत जरूरी है। यदि कोरोना से बचाव के उपाय नहीं किए जाएंगे तो आने वाले समय में आफत बन जाएगी। कोरोना बढ़ता ही चला जाएगा। इसलिए उन्होंने इन लोगों को मास्क लगाकर चलने की अपील की।
किसानों के साथ हो रहा अन्याय बर्दाश्त नहीं
-सांसदो व विधायकों की पेंशन हो बंद- हेमसा
************************
कनीना। किसानों के साथ हो रहे अन्याय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा जिसके लिए चाहे बड़ी से बड़ी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। ये विचार हरियाणा मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के जिला प्रधान ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के लिए अनाज पैदा कर उसमें रहने वाले गरीब अमीर सभी लोगों का पेट भरने वाले किसानों ने जो बिलकुल जायज मांग केन्द्र सरकार के सामने रखी है जिसको सरकार द्वारा बिना देरी किए मानना चाहिए था लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए किसान के साथ अन्याय कर रही है जिसको वे किसी भी सुरत में बर्दाश्त नही करेंगे। उन्होंने कहा कि कभी सरकार कर्मचारी की पेंशन बंद कर देश को फायदा पहुंचाने का नाम लेती है तो कभी किसान के साथ अन्याय कर देश का फायदा सोचने की बात करती है जिसको कर्मचारी व किसान के साथ-साथ अन्य 36 बिरादरियों के लोगों ने भलीभांति पहचान लिया है कि वास्तव में सरकार करना क्या चाहती है? प्रधान ने सरकार पर बरसते हुए कहा कि अगर सरकार वास्तव में ही देश का भला चाहती है और किसान का भला चाहती है तो सबसे पहले केन्द्र सरकार सांसदों व विधायकों की पेंशन बंद करे। इस देश का अंधा कानून है जो आज पिछले 20 दिनों से सर्दी की इस काली रातों में खेत में काम करने वाला किसान दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन उन पर सरकार तरस नहीं खा रही है। हेमसा के प्रधान ने किसानों के साथ-साथ महेन्द्रगढ़ में धरने पर बैठे अधिवक्ताओं का भी समर्थन करते हुए कहा कि इस देश का कानून तो अंग्रेजों वाले कानून की याद दिलाता है कि अपनी बात रखने वालों पर बेहरहमी से लाठियां और उसके बाद उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते है। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि अधिवक्ताओं व किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे तुरन्त प्रभाव से वापस लिए जाए।
फोटो कैप्शन 4: धरने का समर्थन देते बाबूलाल हेमसा एवं अन्य।
महेंद्रगढ़ में चल रहे आंदोलन को विभिन्न लोगों ने दिया समर्थन
***************************
कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न लोगों ने महेंद्रगढ़ में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया है।
भूतपूर्व सैनिक अर्ध सैनिक संगठन करीरा ने महेंद्रगढ़ जाकर समर्थन दिया। यहां कैप्टन सुमेर सिंह ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला का नाम महेंद्रगढ़ ही रहना चाहिए। उन्होंने पुरजोर मांग की है कि महेंद्रगढ़ का नाम न बदला जाए। इस मौके पर शिवलाल प्रधान ने कहा कि नाम महेंद्रगढ़ जिले का नाम बदलना अनुचित है उन्होंने भी महेंद्रगढ़ का स्थिति ज्यों का त्यों बनाए रखी जाए क्योंकि यह हरियाणा के अस्तित्व के समय का जिला है।
उधर कनीना बार एसोसिएशन महेंद्रगढ़ ने महेंद्रगढ़ जिले को मुख्यालय बनाने के लिए समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता गण साथियों के खिलाफ प्रशासन ने गैरकानूनी रूप से मुकदमा दर्ज किया है उसके लिए उन्होंने पूरा समर्थन दिया है। 14 दिसंबर 2020 को कनीना न्यायालय का कार्य पूर्ण रूप से स्थगित रखा तथा सभी अधिवक्ता महेंद्रगढ़ पहुंचे। उनकी अध्यक्षता कुलदीप रामबास प्रधान ने की।
महेंद्रगढ़ में चल रहे आंदोलन को विभिन्न लोगों ने दिया समर्थन
*****************************
कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न लोगों ने महेंद्रगढ़ में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया है।
भूतपूर्व सैनिक अर्ध सैनिक संगठन करीरा ने महेंद्रगढ़ जाकर समर्थन दिया। यहां कैप्टन सुमेर सिंह ने कहा कि महेंद्रगढ़ जिला का नाम महेंद्रगढ़ ही रहना चाहिए। उन्होंने पुरजोर मांग की है कि महेंद्रगढ़ का नाम न बदला जाए। इस मौके पर शिवलाल प्रधान ने कहा कि नाम महेंद्रगढ़ जिले का नाम बदलना अनुचित है उन्होंने भी महेंद्रगढ़ का स्थिति ज्यों का त्यों बनाए रखी जाए क्योंकि यह हरियाणा के अस्तित्व के समय का जिला है।
उधर कनीना बार एसोसिएशन महेंद्रगढ़ ने महेंद्रगढ़ जिले को मुख्यालय बनाने के लिए समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता गण साथियों के खिलाफ प्रशासन ने गैरकानूनी रूप से मुकदमा दर्ज किया है उसके लिए उन्होंने पूरा समर्थन दिया है। 14 दिसंबर 2020 को कनीना न्यायालय का कार्य पूर्ण रूप से स्थगित रखा तथा सभी अधिवक्ता महेंद्रगढ़ पहुंचे। उनकी अध्यक्षता कुलदीप रामबास प्रधान ने की।
दिनेश का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट में चयन होने पर कनीना में खुशी की लहर
*******************************
कनीना। पलड़ा गांव के दिनेश का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट में चयन होने पर कनीना वासियों में खुशी की लहर बन रही है। उनका जीवन कनीना में भी बीता है और उनकी दादी कनीना की रहने वाली है।
कनीना के महेश बोहरा ने बताया कि उनका भाई क्योंकि दिनेश जब भी उनके पास अवकाश होते थे यहां आता था। वो हमेशा यही कहता था कि देखना मैं एक दिन सेना में भर्ती होकर नाम कमाऊंगा।
उन्होंने बताया कि बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद एनडीए ज्वाइन किया। आईएमए देहरादून में 1 साल की ट्रेनिंग के बाद कमीशन प्राप्त हुआ। दिनेश ने परिवार के सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और उसकी मेहनत रंग लाई और उसका चयन सेना में लेफ्टिनेंट पद के लिए किया गया।
मोहन सिंह पार्षद ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका भतीजा युवा सेना में शामिल होकर देश की सेवा कर सकते हैं। इसके लिए युवा कड़ी मेहनत करें। मेहनत से कठिन से भी कठिन लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस मौके पर खुशी जताने वालों में कुलदीप, महेश बोहरा,बाबुलाल, कमलजीत, चन्द्रमोहन आदि हैं जिन्होंने उनकी उपलब्धि पर बधाई दी।
फोटो: ले.दिनेश।
कनीना क्षेत्र में आये 5 कोरोना संक्रमित
*******************
कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना के 5 संक्रमित केस मिले हैं। उनका अलग अलग तिथियों को सैंपल लिया था और सोमवार को उनकी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है।
प्राप्त विवरण अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेहलंग के तहत सेहलंग का 28 वर्षीय पुरुष कोरोना संक्रमित मिला है वहीं करीरा का 85 वर्षीय पुरुष भी संक्रमित मिला है। दोनों का 12 दिसंबर को सैंपल लिया था। उधर स्याणा में 95 वर्षीय महिला तथा भोजावास का का 60 वर्षीय पुरुष , मोहनपुर की 26 वर्षीय युवती तथा स्याणा की 95 वर्षीय महिला भी कोरोना संक्रमित ताई गई है। सभी की आगामी कार्रवाई कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित मामले खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
उधर एसएमओ मां डा धर्मेंद्र यादव ने सावधानी और बचाव करने पर बल दिया उन्होंने कहा कि लोग मास्क प्रयोग नहीं कर रहे और सावधानी नहीं बरत रहे हैं जिसके चलते कोरोना होने का भय बढ़ रहा है। उन्होंने ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करने पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में स्कूल कालेज खुले तथा विवाह शादियां शुरू हुई कोरोना के बढ़े थे। अब एक बार फिर से स्कूल कालेज बंद शरू हो गये हैं तथा विवाह शादियां लगभग बंद हो चुकी है जिसके चलते कोरोना केस घटने की प्रबल संभावना है।
सावधानी नहीं बरत रहे हैं लोग-
लोग अब अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे हैं। कोरोना को भूलकर सरेआम सड़कों पर बिना मास्क के घूम रहे हैं। किसी भी संस्थान कार्यालय आदि में जाकर देखें तो अधिकांश लोग मास्क प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जो मास्क प्रयोग कर रहे हैं वह भी इसको बार-बार हटा लेते हैं। उधर डाक्टर एवं वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार मास्क प्रयोग करने से कोरोना जैसी बीमारी से बचाव हो सकता है। वैसे भी प्रदूषण बढऩे से मास्क लगाना बहुत जरूरी है ताकि कुछ राहत मिल सके।
स्कूल खुले,ठंड बढ़ी और धुंध पड़ी
**********************************
कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां 10वीं और 12वीं के स्कूल खोल दिए हैं। यद्यपि सोमवार को भी बहुत से निजी स्कूलों में अवकाश रहा जबकि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम रही।
सरकार की हिदायतों का पालन करने के चलते उन्हें अस्पताल से स्वस्थ होने की पर्ची लेकर आना पड़ता है। अस्पताल का स्वस्थ होने के बहुत कम विद्यार्थी आए। अधिकांश स्कूलों में संख्या कम रही।
उधर स्कूल खुल गए लेकिन ठंड बढ़ती जा रही है। यूं तो रविवार को भी ठंड और धुंध पड़ी थी किंतु रविवार की अपेक्षा सोमवार को ठंड र्अधिक पड़ी। दोपहर तक सूर्य के दर्शन नहीं हुये। विगत दिनों जहां बूंदाबांदी हुई थी तत्पश्चात धुंध और ठंड बढ़ती जा रही है। दिसंबर माह में इस बार दो दिनों से ठंड बढ़ी है। ठंड से सर्दी मौसम का आभास हुआ है।
ें उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में कृषि विस्तार सलाहकार डा देवराज ने बताया कि ने बताया कि खंड में 2018 में करीब 19300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की फसल की बिजाई की गई थीजो वर्ष 2019 में 19950 हेक्टेयर तो 2020 में 19500 हेक्टेयर पर बिजाई की गई है। गेहूं की पैदावार 2018 में 11020 हेक्टेयर पर, वर्ष 2019 में 10405 हेक्टेयर तो 2020 में 10200 हेक्टेयर पर बिजाई की गई है। चना वर्ष 2018 में 50 हेक्टेयर, 2019 में 40 हेक्टेयर तो 2020 में 15 हेक्टेयर पर उगाया गया है। इन फसलों को सर्दी जरूरी है।
जर्जर सड़क मार्ग परेशानी का सबब
***************************
कनीना। कनीना से छितरोली जाने वाला करीब 6 किलोमीटर दूर सिहोर मोड़ तक अति जर्जर हालात में बन चुका है। इस मार्ग पर अनेकों दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। यहां तक कि कनीना से करीब 3 किलोमीटर दूर मोड पर जहां दो व्यक्तियों की विगत दिनों दुर्घटना में मौत हो गई थी। आए दिन सड़क पर दुर्घटनाएं घट रही है कई पेड़ ऐसे नजर आते हैं जिन पर टक्कर के निशान बने हुये हैं।
इसी सड़क मार्ग पर सीएसडी कैंटीन भी है। जहां आवागमन अधिक है। सबसे बड़ी बात है कि चरखी दादरी जाने का छोटा मार्ग भी यही है।
अधिकांश वाहन अब सीधे कनीना से चलकर वाया बाघोत होकर दादरी जाते हैं। इस मार्ग के न होने पर वाया धनौंदा से होकर जाते थे जो लंबा मार्ग है। परंतु चरखी दादरी का छोटा मार्ग अब जर्जर होने से परेशानी बढ़ी है।
इसी मार्ग पर कनीना से तीन किमी दूर एक गड्ढा तो ऐसा बना हुआ है जहां साइड लेते वक्त अधिकांश वाहन खड़े पेड़ से छूते हुए गुजरते हैं जिसके कारण इस पेड़ के छिलके तक गायब हैं।
करीब एक दर्जन गांवों को जोडऩे वाला यह मार्ग जर्जर होने तथा पूर्व सैनिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। यदि मार्ग की सुध ली जाए तो आवागमन में सुविधा हो सकती है।
क्षेत्रवासी दिनेश कुमार, कुलदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र कुमार आदि ने बताया कि उन्हें खेतों में जाना पड़ता है और उनके खेत इसी मार्ग पर हैं। जर्जर मार्ग होने से उन्हें भारी परेशानी होती है और वे कई बार दुर्घटनाओं के होते-होते बचे हैं। उन्होंने प्रशासन से इस मार्ग की सुध लेने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना-छीथरोली जर्जर सड़क मार्ग।
पुल की दीवार न होना बनी आफत
***************************
कनीना। कनीना उप मंडल के गांव बाघोत के पास नहर का पुल बिना दीवार का होने से परेशानी बनी हुई है। कोई भी बड़ा
हादसा हो सकता है। विभिन्न वाहन इसी मार्ग से होकर गुजर रहे हैं। चरखी दादरी जाने का बेहतर मार्ग यही माना जाता है किंतु रास्ते में यह पुल दोनों तरफ से दीवार रहित होने के कारण तथा पास में बड़ा मोड़ होने के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। न कोई स्पीड ब्रेकर है न कोई पता चलता है कि नहर का पुल है। धुंध और कोहरे में दुर्घटना की आशंका अधिक होती है क्योंकि यह नहर दिखाई नहीं पड़ती है।
इधर से भारी वाहन भी गुजर रहे हैं और कभी भी दुर्घटना घट सकती है। बाघोत के हीरालाल संजय कुमार, महिपाल सिंह आदि ने बताया कि इसी मार्ग से कनीना जाना आना पड़ता हैं।
कनीना के सुमेर सिंह का कहना है कि वे उनके लिए बाघोत धाम धार्मिक धाम है। जहां वे अक्सर आते जाते हैं तथा कांवड़ अर्पित करते हैं। परंतु नहर पुल रहित होना एक समस्या बनी हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस नहर के पुल को अविलंब दीवार सहित बनाया जाए।
फोटो कैप्शन 2 व 3: बगैर दीवार का पुल, बाघोत गांव के पास।
No comments:
Post a Comment