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Wednesday, December 16, 2020


93 हजार पाक सैनिकों ने किया था समर्पण-महेश

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कनीना। आज का दिन इतिहास में कभी नहीं भुलाया जाएगा। क्योंकि भारत पाक युद्ध में 16 दिसंबर 1971 को 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। ये विचार 1971 के शहीदों को कनीना शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित करते हुए महेश बोहरा एवं उनके साथियों ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह दिन विजय दिवस कहलाता है। आज के हर भारतीय को गर्व महसूस होता रहेगा। आज के दिन ही वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान 16 दिसंबर को ही भारत ने पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी और उसी जीत को पूरा हिन्दुस्तान विजय दिवस के रूप में मनाता है। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस युद्ध के 12 दिनों में अनेक भारतीय जवान शहीद हुए और हजारों घायल हो गए। पाक सेना का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल एके नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण कर हार स्वीकार की थी। उन्होंने कहा कि करीब 3,900 भारतीय जवान इस जंग में शहीद हुए और 9,851 जवान घायल हुए थे।
एक समय था जब पाकिस्तान पर मिली इस जीत के दिन देश भर में प्रभातफेरियां निकाली जाती थीं और जश्न का माहौल रहता था जबकि वर्तमान समय में ऐसा नहीं देखने को नहीं मिलता है जो हमारी भूल है। कनीना के दो शहीद शेर सिह यादव एवं शेर सिंह खान ने इस युद्ध में शहीदी दी थी।
 विश्व हिंदू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष महेश बोहरा के नेतृत्व में आसपास के गणमान्य लोगों के साथ सूबेदार सुरेंद्र कुमार, संजय सिंगला, अरविंद जोशी,पवन खत्री सोनू सिंगला, मोनू, प्रवीण, विनोद कुमार मुकेश बचीनी वाले आदि ने पुष्प अर्पित किये।
फोटो कैप्शन 8: 1971 की लड़ाई के शहीदों को याद करते कनीना के गणमान्य जन।

1971 के कनीना के शहीद को याद किया

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कनीना। कनीना नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना में 1971 के कनीना के शहीद शेर सिंह को याद किया। उसके परिजनों नौरंग एवं लीलू आदि ने याद कर पुष्प अर्पित किये।
  ऐसे ही एक वीर शेर सिंह हुए हैं उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ाए और देश के लिए मर मिटे। किंतु युद्ध से पीछे नहीं हटे। शहीद शेर सिंह का जन्म 20 जून 1940 को कनीना में एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। अपने पिता फजर अली खान की सबसे बड़ी संतान थे। इसी कारण परिवार का पूरा बोझ बचपन में उनके कंधों पर आ गया था। वह आठ भाई बहन थे। परिवार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होने के कारण उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ी अपितु वो अपने पिता के साथ मजदूरी में हाथ बटाने लगे। जिंदगी में अचानक एक मोड़ आया और उनकी शादी हो गई। जिससे घर परिवार के खर्चे बढ़ गए। परिवार के खर्चों के लिए 20 जून 1963 को हुए 15 राजपूत रेजिमेंट में भर्ती हो गए 2 साल बाद ही पाकिस्तान ने भारत को ललकारा 1965 के इस युद्ध में राजपूत रेजिमेंट को मोर्चे पर भेजा गया। अपनी जिम्मेवारी को समझते हुए इस बटालियन ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए। बटालियन के इस सपूत को जीएस मैडल -1947 ,नागा हिल्स, रक्षा मेडल -1965 से नवाजा गया। उसके बाद पाँच वर्ष ही बीते थे की 1971 में पाकिस्तान ने एक बार फिर सर उठाया। सरकार ने फिर शेर सिंह की बटालियन को पुन: मोर्चे पर भेजा।वीर शेर सिंह को बहुत खुशी हुई और उन्होंने अपने घर पत्र लिखा जिसमें लिखा था की वे अपनी बटालियन के साथ बंग्लादेश ढ़ाका में जा रहे है। परिवार का ध्यान रखना मात्र कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करके युद्ध जीतकर 15 दिनों की छुट्टी आऊंगा पूरा परिवार खुश था लेकिन किस्मत में क्या लिखा होता है यह तो भविष्य के गर्भ में होता है। उन्हें क्या मालूम था कि उनकी यह आखिरी यात्रा है जो देश के काम आनी है। 8 दिसंबर को युद्ध के मैदान में दुश्मन की गोली भी लगी। बटालियन के साथियों ने उनको अस्पताल में भर्ती करवा दिया। लेकिन जिस देश के वीर सपूत में अपने देश की रक्षा करने की चिंता हिलोरे ले रही हो वह कैसे रुक सकता है। 8 दिसंबर की रात को वे बिना बताए शेर सिंह युद्ध के मैदान में जा डटे। 9 दिसंबर को बंग्लादेश ढाका में जब वो दुश्मनों से लोहा ले रहे थे तभी एक दुश्मन का गोला उनके सिर पर आ गिरा और वीर शेर सिंह सदा सदा के लिए अपनी धरती मां की गोद में समा गए और अपने देश के नाम अमर हो गए। वह: अपने पीछे पत्नी भतेरी,2 लड़के और 2 लड़कियों को छोड़ गए। उनके बड़े लड़के लीलू कनीना बस स्टैंड पर फल और जूस की दूकान खोल रखी है और छोटा बेटा नौरंग दिल्ली पोस्ट ऑफिस में सेवा कर रहा है। कनीना के शहीद स्मारक पर जिन शहीदों के नाम लिखे हैं उनमें वीर शेर सिंह का नाम आज भी नौजवानों को वीरता और कुर्बानी की याद दिला रहा है।
फोटो: शहीद शेर सिंह

दौंगड़ा अहीर में कन्या के जन्म पर किया कुआं पूजन

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कनीना। बेटा और बेटी एक समान। बेटियों के बिना सृष्टि चल ही नहीं सकती। समाज को यही संदेश देने के लिए दौंगडा अहीर में कन्या के जन्म पर को कुआं पूजन करके खुशी मनाई गई।
 हुआ यूं कि राहुल और सोनिका के यहां कन्या ने जन्म लिया। इस पर घर में खुशी छा गई। कन्या के दादा राजबीर ने बताया कि उनके पोती का जन्म हुआ है जो कि बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की में कोई फर्क नहीं होता । आज हम इतनी खुशी है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। वहीं दूसरी तरफ कन्या की दादी ने खुशी जताई उन्होंने कहा कि दादी बनने की खुशी है। परिवार में पहले भी तीन पौतियां है। कन्या के पिता राहुल व कन्या की मां सोनिका ने सभी बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। राहुल ने कहा कि आज बेटियां किसी भी तरह बेटों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी कन्या को अच्छी शिक्षा दिलवा कर अफसर बनाएंगे। इस मौके पर अधिवक्ता सत्येंद्र, अधिवक्ता रमेश, अधिवक्ता हरिओम यादव, ईश्वर सिंह ठेकेदार, भगवान सिंह, रामनरेश, रिंकू, दीपक, राजकुमार और युवा शक्ति संघ के लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 7: कुआं पूजन के लिए जाती हुई महिलाएं।


 पशुओं को बचाएं सर्दी से
-सर्दी लगने से पशुओं का घट जाता है दूध
कनीना। इंसानों की भांति पशुओं को भी सर्दी लगती है। दुधारू पशु सर्दी लगने पर कम दूध देते हैं। ये विचार वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा लालचंद यादव ने व्यक्त किये।
  उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान पशु पालते हैं किंतु सर्दियों में उन पर ध्यान नहीं देते जिसके चलते सर्दी लग जाती है। उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में पशुओं को खुले आसमान तल न बांधे, जब तक धूप न हो जाये तब तक घर से बाहर न निकाले, ठंडा पानी न पिलाये, धूप आने पर ही पानी पिलाये, ताजा पानी पिलाये और पशु को कपड़े से या बोरी आदि से रात को ढके। उन्होंने कहा कि सर्दियों में मवेशियों को प्रमुख रूप से सर्दी लग जाती है और जिसका सीधा प्रभाव दूध पर पड़ता है।
उधर पशुओं के लिए लंबे समय से औषधियां बनाने के शोध कार्य में लगे हुए विक्की एवं शिब्बू पंसारी का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को भी सर्दी से बचाना चाहिए वरना वे दूध कम देंगे वहीं बीमार हो सकते हैं। उनका कहना है कि पशु भी इंसान की भांति रोगों से पीडि़त हो सकते हैं। उन्हें बचाना जरूरी है। ऐसे में उन्हें गर्म बोरी आदि से ढककर आराम दिलाना जरूरी होता है।
विक्की पंसारी का कहना है कि आने वाले सर्दियों के 4 महीने पशुओं के लिए काफी कठिनाई के होते हैं जिसमें पशुओं को सर्द गर्म हो जाना पैर अकड़ जाना दूध उत्पादन कम हो जाना आदि समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं। मगर पशुपालक पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करें तो सर्दी हो या गर्मी बसंत हो या बाहर हर मौसम में अपने पशुओं का स्वस्थ रख सकता है इस मौसम में पशुओं को अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, लहसुन, तुलसी, शतावर, मेथी, हालू ग्वारपाठा, इलाइची और आक के फूल का उपयोग करना चाहिए, जिससे पशु सर्द मौसम में बीमारियों से बचा रहेगा हमारे बुजुर्गों के अनुसार पशुओं की हर बीमारी का इलाज पशुओं के आस-पास भी उपलब्ध है। बशर्ते हमें उनकी जानकारी हो। अब वक्त आ चुका है जब हम हमारे देश की अनमोल विरासत हमारे पेड़ पौधे और घास पूस से जुड़े हर्बल ज्ञान को सम्मान दिलाने के लिए मिलकर पहल करें। हमारे बुजुर्ग अपने इस परंपरागत ज्ञान को लिखित रूप में नहीं रखते हैं। यह ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी शब्दों के जरिए मुंह से संचारित हुआ है। किसानों को चाहिए कि वह अपने बुजुर्गों से इस ज्ञान को एकत्रित करें और विलुप्त होते इस प्राचीन ज्ञान को बचाने में अपना योगदान दें। विकी पंसारी पिछले 20 सालों से इसी तरह के प्राचीन ज्ञान की खोज में लगे हुए हैं अब तक उन्होंने पशुओं की बीमारी के सैकड़ों नुसखे इजाद किए हैं जिनका उपयोग क्षेत्र के हजारों किसान बड़ी ही उत्साह से करते हैं।

कनीना क्षेत्र में आये 3 कोरोना संक्रमित 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में कोरोना के 3संक्रमित केस मिले हैं। उनका 13 दिसंबर को सैंपल लिया था और बुधवार को उनकी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है।
 प्राप्त विवरण अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  भोजावास में एक 24 वर्षीय पुरुष तथा दूसरा 50 वर्षीय पुरुष कोरोना संक्रमित मिला है वहीं सुंदराह से 18 वर्षीय युवक कोरोना संक्रमित मिला है।उनका सैंपल मोबाइल टीम ने लिया था। सभी की आगामी कार्रवाई कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमित मामले खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
सावधानी बरते-
 उधर एसएमओ  डा धर्मेंद्र यादव ने सावधानी और बचाव करने पर बल दिया उन्होंने कहा कि लोग मास्क प्रयोग नहीं कर रहे और सावधानी नहीं बरत रहे हैं जिसके चलते कोरोना होने का भय बढ़ रहा है। उन्होंने ऐतिहात के सभी नियमों का पालन करने पर बल दिया। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में स्कूल कालेज खुले तथा विवाह शादियां शुरू हुई कोरोना के बढ़े थे। अब एक बार फिर से स्कूल कालेज









शुरू हो गये हैं तथा विवाह शादियां लगभग बंद हो चुकी है जिसके चलते कोरोना केस घटने की प्रबल संभावना है।
सावधानी से काम ले-
 लोग अब अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे हैं। कोरोना को भूलकर सरेआम सड़कों पर बिना मास्क के घूम रहे हैं। किसी भी संस्थान कार्यालय आदि में जाकर देखें तो अधिकांश लोग मास्क प्रयोग नहीं कर रहे हैं। जो मास्क प्रयोग कर रहे हैं वह भी इसको बार-बार हटा लेते हैं। उधर डाक्टर एवं वैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार मास्क प्रयोग करने से कोरोना जैसी बीमारी से बचाव हो सकता है। वैसे भी प्रदूषण बढऩे से मास्क लगाना बहुत जरूरी है ताकि कुछ राहत मिल सके।

3 लोगों पर मार पिटाई का मामला दर्ज 

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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव ककराला की रोशनी के साथ मार पीटाई के मसले में ककराला के 3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। रोशनी देवी ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि 13 दिसंबर को शाम चार बजे अपने पशुओं को चारा लेने के लिए खेत गई थी। उसी समय रविंद्र उर्फ उप्पल ककराला निवासी उनके खेतों के बीच भी जा रहा था। रोशनी ने उन्हें खेत के बीच से जाने पर टोका तो वह गाली गलौज पर उतर आया। शोर सुनकर आवाज सुनकर रविंद्र की पत्नी मंजू तथा उनका पुत्र पुनीत लाठी डंडे लेकर आ गये और उन्हें पीटने लगे। रोशनी के अनुसार जब उन्होंने बीच-बचाव के लिए शोर किया तो बिमला ककराला ,युद्धवीर,कमला ककराला, धर्मेंद्र आदि पहुंच गये और उन्होंने रोशनी छुड़वाया उनकी शिकायत। उनकी शिकायत पर कनीना पुलिस ने तीन जनो रविंद्र, मंजू एवं पुनीत के विरुद्ध मारपिटाई का मामला दर्ज कर लिया है।

कार इंश्योरेंस में धोखाधड़ी का मामला दर्ज

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,कनीना। इसराणा गांव की कृष्ण कुमार ने कनीना पुलिस में कार की इंश्योरेंस पालिसी में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कृष्ण कुमार पुलिस में शिकायत की है कि कि उन्हें एक नंबर से फोन आया और कहा कि वे पालिसी बाजार डाट काम से बोल रहे हैं। उन्होंने उनकी कार का इंश्योरेंस जो 26 सितंबर 2020 को समाप्त हो रहा था के नवीनीकरण के बारे में बात की। उनके पास खाता नंबर और उसके आईएफएससी कोड नंबर भेजें जिस पर उन्होंने 13906 रुपए भेज दिए। बाद में उन्होंने बीते वर्ष की इंश्योरेंस पालिसी उनसे मंगवाई।पुरानी पालिसी भेजने के बाद उसमें कुछ फेरबदल करके पालिसी दे दी। बाद में उन्होंने कुछ पैसे वापस देने की भी बात की थी परंतु पैसे भी वापस नहीं लौटाए। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति ने किसानों संबंधित बिल वापस लेने संबंधित दिया ज्ञापन 

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 कनीना। भारतीय किसान यूनियन जनशक्ति जिला महेंद्रगढ़ के सदस्यों ने किसानों के लिए बनाये गये तीनों विधेयकों के विरोध में एक ज्ञापन एसडीएम के सुपरिटेंडेंट सुरेंद्र कुमार को सौंपा। चूंकि एसडीएम हाजिर न होने पर यह ज्ञापन उनके सुपरिटेंडेंट को दिया गया जिसमें उन्होंने कहा है कि ये अध्यादेश किसानों के हितों के खिलाफ हैं। उनकी समस्या का समाधान किया जाए, किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलना चाहिए, एमएसपी को लिखित रूप से जारी करें। जो किसानों के ऊपर केस दर्ज है उनको वापस लिया जाए तथा आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए इस मौके पर यूनियन के सुनील कुमार तथा नरवीर सिंह सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे ।
फोटो कैप्शन 3: किसानों के पक्ष में  सुरेंद्र कुमार को ज्ञापन देते हुए किसान यूनियन के पदाधिकारी


राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव संपन्न -महेंद्र सिंह को बनाया खंड प्रधान 

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 कनीना। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के चुनाव सर्वसम्मति से राजकीय प्राथमिक पाठशाला कनीना में संपन्न हो गये। इस मौके पर पर्यवेक्षक यशपाल तथा वीरेंद्र सिंह थे।
 इस मौके पर सर्वसम्मति से सभी नामों की घोषणा की गई। यशपाल सिंह पर्यवेक्षक एवं वीरेंद्र सिंह द्वारा जारी सूचना अनुसार प्रधान पद के लिए महेंद्र सिंह झाड़ली को सर्वसम्मति से चुना गया वहीं उप प्रधान गुलशन कुमार कपूरी, सचिव सुनील कुमार सुरजनवास, कोषाध्यक्ष संजीव सह सचिव सुनील धनौंदा, प्रेस सचिव नरेश कनीना को सर्वसम्मति से चुना गया है। इस मौके पर पद की शपथ दिलवाई तथा मिलकर काम करने की प्रेरणा दी।
फोटो कैप्शन 4: प्राथमिक शिक्षक संघ के चुनाव कनीना स्कूल में संपन्न कराते हुए।

8 माह से बंद पड़ी बस फिर से शुरू हुई

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 कनीना। कनीना के सामान्य बस स्टैंड से जहां 22 मार्च से जयपुर के लिए बस बंद थी। यह बस 8 माह से बंद थी, वह बुधवार 16 दिसंबर से फिर से शुरू कर दी है।
 कनीना के इंद्रजीत, लक्की सीगड़ा, दिनेश कुमार, देशराज आदि ने बताया कि लंबे समय से जयपुर जाना समस्या बनी हुई थी। 22 मार्च को बस बंद हो गई थी किंतु अब एक बस प्रतिदिन 5 बजकर 40 मिनट पर जयपुर के लिए रवाना हुआ करेंगी दूसरी बस सात बजे कनीना से अटेली होकर नारनौल -जयपुर जाएगी। बस चलाये जाने पर क्षेत्र के लोगों में खुशी है। उल्लेखनीय है कि जयपुर में अस्पताल सुविधा के लिए विशेषकर एसएमस अस्पताल जाने वाले मरीजों की संख्या भारी है। उन्हें बार बार अस्पताल जाना पड़ता है। यही कारण है कि बस के चलाये जाने की मांग बार बार उठ रही थी। आखिरकार उनकी मांग पूरी हो गई है।

भूतपूर्व सैनिकों ने मनाया विजय पर्व

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कनीना। भूतपूर्व सैनिक व अर्ध सैनिक कल्याण संगठन द्वारा गांव करीरा में विजय दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी सैनिक, अर्ध सैनिक तथा गांव के नागरिकों ने भाग लिया। समारोह की अध्यक्षता संगठन के अध्यक्ष कैप्टन सुमेर सिंह ने की।
 इस दौरान के कै. सुमेर सिंह ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई पर प्रकाश डाला तथा लड़ाई की 50 वीं वर्षगांठ पर युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनकी वीरता शौर्य गाथा सुनाई।
 इस श्रद्धांजलि समारोह में कैप्टन राम सिंह, कैप्टन सत्यवीर सिंह, कैप्टन वीरेंद्र सिंह, धर्म सिंह, गणपत सिंह, संदेश, सूबेदार वेद प्रकाश, वेदप्रकाश, सुरेश कुमार, हंसराज, रोशनलाल राजवीर सिंह, सुखबीर सिंह, कमल किशोर, मातादीन, होशियार सिंह आदि ने हिस्सा लिया। फोटो कैप्शन एक: समारोह में भाग लेते हुए पूर्व सैनिक।
फोटो कैप्शन 1: करीरा में विजय दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिक एवं अन्य।


छात्रा ने पाया दूसरा स्थान, सम्मानित

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,कनीना। प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट, नारनौल द्वारा आयोजित जिला स्तरीय गीता जयंती प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में आरआरसीएम पब्लिक स्कूल,कनीना की 8वीं कक्षा की छात्रा पूजा ने दूसरा स्थान प्राप्त कर क्षेत्र व विद्यालय का गौरव बढाया है।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि गीता जयंती प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है। इस प्रतियोगिता के द्वारा विद्यार्थियों में गीता के के ज्ञान के प्रति समझ व रुचि उत्पन्न होती है तथा इस के साथ साथ विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति एवं प्राचीन धर्म ग्रंथों के प्रति आस्था,श्रद्धा व विश्वास भी जाग्रत होता है। आगे उन्होंने बताया कि गीता जयंती प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता से विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, मानवीय मूल्यों व सद्गुणों का विकास भी होता है जिससे समाज व राष्ट्र के लिए उत्तम नागरिकों का निर्माण करने में मदद मिलती है।
इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य नरेंद्र गौतम ने भी अपने विचार प्रकट किए व छात्रा पूजा को उनकी सफलता पर हार्दिक बधाई व शुभ कामनाएँ प्रदान की।
फोटो कैप्शन 2: आरआरसीएम की छात्रा पूजा को सम्मानित करते रोशनलाल। 

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