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Friday, December 11, 2020

 

दिनभर सूर्यदेव करते रहे लुक्का छिपी

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कनीना। कनीना क्षेत्र में शुक्रवार दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुये। आसमान पर बादल छाये रहे किंतु बारिश नहीं हुई। किसान बारिश  
  विगत लंबे समय के बाद मौसम में बदलाव के बाद किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग 12 दिसंबर को फिर मौसम बदलने की बात कह रहा है। हल्की बूंदाबांदी भी फसल के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। किसान कृष्ण कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र कुमार आदि ने बताया कि बारिश होने पर सर्दी एवं धुंध होगी जो फसलों के लिए लाभकारी मानी जाती है। वर्ष 2018 एवं 2019 में भी दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में सर्दी की पहली बारिश हुई थी।
 शुक्रवार को दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए हैं। इस वर्ष धुंध पडऩे का सिलसिला अभी तक शुरू नहीं हुआ है। सुबह सवेरे हल्की धुंध रहती है। विगत वर्ष नवंबर में धुंध पड़ी थी किंतु इस वर्ष करीब आधे दिसंबर जाने के बाद ही धुंध एवं सर्दी ने दस्तक नहीं दी है।
फोटो कैप्शन 7: कनीना क्षेत्र में आसमान पर छाये बादल।



शकरकंदी से कइयों को मिल रहा है रोजगार
मकर संक्रांति पर होती है विशेष मांग

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कनीना। सर्दी के मौसम में जहां गरीबों को आसानी से सुलभ होने वाली शकरकंदी का भरपूर उपभोग किया जाता है। किसान इस शकरकंदी को उगाना कम पसंद करते हैं किंतु बाजार में आलू के बाद इसी का सेवन जमकर किया जाता है। बहुत से लोगों को इसी से रोजगार मिलता है। मकर संक्रांति पर्व पर सबसे अधिक मांग होती है। इस बार अभी तक आलू 50 रुपये किलो है वहीं शकरकंदी 60 रुपये किलो तक पहुंच गई है। अभी बाजार में शकरकंदी आई है जिसके चलते ऊंचे भाव बताये जा रहे हें।
   ग्रामीण क्षेत्रों घर में उगाकर परिवार के लिए पर्याप्त मात्रा में शकरकंदी उपलब्ध हो जाती है वहीं किसान इसे उगाने से हिचकिचाते हैं। किसान अजीत कुमार एवं राजेंद्र कुमार ने बताया कि एक बार खेत में इसे डाल दिया जाए तो बहुत कठिन है इसे खत्म करना।  शकरकंदी अधिक मात्रा में महेंद्रगढ़ इलाके में अधिक उपजाई जाती है और बेची जाती है। जासावास के राजू ने बताया कि उन्होंने विगत वर्षों एक एकड़ में शकरकंदी उगाई थी जो पांच माह में तैयार हुई तथा एक लाख रुपये से अधिक की बिकी। बेल प्रजाति की इस शकरकंदी के लिए रेतीली मिट्टी अधिक कारगर साबित हो सकती है।  
  शकरकंदी रेहड़ी वालों के लिए वरदान साबित हो रही है। अपने परिवार की रोटी रोजी भूनी हुई शकरकंदी से कमाते हैं। कनीना के आस पास कई लोग रेहडिय़ों पर शकरकंदी एवं गर्मियों में मक्का  को भूनकर बेचते हैं। पूरी सर्दी उनकी शकरकंदी बिकती हैं और हर वर्ग के लोग बड़े ही चाव से उन्हें खाते हैं। उधर पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि शकरकंदी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख आहार बनती जा रही है जो रेतीली मिट्टी में बेहतर पैदावार देता है।
फोटो कैप्शन 7: ठेले पर शकरकंदी बेचता जन।
 

दिनभर सूर्यदेव करते रहे लुक्का छिपी

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कनीना। कनीना क्षेत्र में शुक्रवार दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुये। आसमान पर बादल छाये रहे किंतु बारिश नहीं हुई। किसान बारिश  
  विगत लंबे समय के बाद मौसम में बदलाव के बाद किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग 12 दिसंबर को फिर मौसम बदलने की बात कह रहा है। हल्की बूंदाबांदी भी फसल के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। किसान कृष्ण कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र कुमार आदि ने बताया कि बारिश होने पर सर्दी एवं धुंध होगी जो फसलों के लिए लाभकारी मानी जाती है। वर्ष 2018 एवं 2019 में भी दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में सर्दी की पहली बारिश हुई थी।
 शुक्रवार को दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए हैं। इस वर्ष धुंध पडऩे का सिलसिला अभी तक शुरू नहीं हुआ है। सुबह सवेरे हल्की धुंध रहती है। विगत वर्ष नवंबर में धुंध पड़ी थी किंतु इस वर्ष करीब आधे दिसंबर जाने के बाद ही धुंध एवं सर्दी ने दस्तक नहीं दी है।
फोटो कैप्शन 7: कनीना क्षेत्र में आसमान पर छाये बादल।



शकरकंदी से कइयों को मिल रहा है रोजगार
मकर संक्रांति पर होती है विशेष मांग

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कनीना। सर्दी के मौसम में जहां गरीबों को आसानी से सुलभ होने वाली शकरकंदी का भरपूर उपभोग किया जाता है। किसान इस शकरकंदी को उगाना कम पसंद करते हैं किंतु बाजार में आलू के बाद इसी का सेवन जमकर किया जाता है। बहुत से लोगों को इसी से रोजगार मिलता है। मकर संक्रांति पर्व पर सबसे अधिक मांग होती है। इस बार अभी तक आलू 50 रुपये किलो है वहीं शकरकंदी 60 रुपये किलो तक पहुंच गई है। अभी बाजार में शकरकंदी आई है जिसके चलते ऊंचे भाव बताये जा रहे हें।
   ग्रामीण क्षेत्रों घर में उगाकर परिवार के लिए पर्याप्त मात्रा में शकरकंदी उपलब्ध हो जाती है वहीं किसान इसे उगाने से हिचकिचाते हैं। किसान अजीत कुमार एवं राजेंद्र कुमार ने बताया कि एक बार खेत में इसे डाल दिया जाए तो बहुत कठिन है इसे खत्म करना।  शकरकंदी अधिक मात्रा में महेंद्रगढ़ इलाके में अधिक उपजाई जाती है और बेची जाती है। जासावास के राजू ने बताया कि उन्होंने विगत वर्षों एक एकड़ में शकरकंदी उगाई थी जो पांच माह में तैयार हुई तथा एक लाख रुपये से अधिक की बिकी। बेल प्रजाति की इस शकरकंदी के लिए रेतीली मिट्टी अधिक कारगर साबित हो सकती है।  
  शकरकंदी रेहड़ी वालों के लिए वरदान साबित हो रही है। अपने परिवार की रोटी रोजी भूनी हुई शकरकंदी से कमाते हैं। कनीना के आस पास कई लोग रेहडिय़ों पर शकरकंदी एवं गर्मियों में मक्का  को भूनकर बेचते हैं। पूरी सर्दी उनकी शकरकंदी बिकती हैं और हर वर्ग के लोग बड़े ही चाव से उन्हें खाते हैं। उधर पूर्व खंड कृषि अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि शकरकंदी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख आहार बनती जा रही है जो रेतीली मिट्टी में बेहतर पैदावार देता है।
फोटो कैप्शन 7: ठेले पर शकरकंदी बेचता जन।

कौशल विकास कार्यक्रमों से आएगी क्षेत्र में क्रांति - लक्की 

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कनीना। कौशल विकास आजीविका सम्बन्धित कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कनीना में प्राची ब्यूटी पार्लर का शुभारम्भ किया गया हैं। इस शुभारम्भ पर मुख्य अतिथि के रूप में बीएमडी क्लब चेयरमैन समाजसेवी लक्की सीगड़ा ने किया।
लक्की सीगड़ा ने  संचालिका मोनिका शर्मा को इस नए कौशल पहल के लिए बधाई देते हुए कहा की युवक-युवतियों को कौशल विकास के माध्यम से सशक्तिकरण करना एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराना जैसी पहल एक सराहनीय कार्य हैं। एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में काम करने से स्वरोजगार के साथ-साथ रोजगार में क्रांति आएगी। चाहे कोई भी क्रांति हो उसकी शुरूआत एक विचार से होती है, एक ऐसा विचार जो जिंदगी में बदलाव लाये। बदलाव कुछ लोगों की जिंदगी में नहीं, बल्कि कइयों की जिंदगी में। बदलाव भी कोई मामूली बदलाव नहीं, बल्कि बड़ा बदलाव और सकारात्मक बदलाव। हमारे क्षेत्र के युवा प्रतिभावान हैं। यह कौशल विकास कार्यक्रम क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से रोजगार में क्रांति आएगी जिससे राÓय ही नहीं बल्कि देश की तस्वीर भी बदलेगी एवं निश्चित रूप से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी।
 इस अवसर पर नरवीर सिंह करीरा, प्रियंका, रोनिका यादव, नवीन स्वामी, प्रवीण स्वामी, ज्योति यादव, रचना शर्मा,कृष्ण स्वामी,मधु शर्मा, कर्मवीर चाहर, राहुल, मोहित, शिव कुमार,गौरव दायमा, मुकेश तंवर सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5: लक्की सिगड़ा ब्यूटी पार्लर केंद्र का उद्घाटन करते हुए।


ओवरलोड वाहनों ने लगाया जाम

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कनीना। कनीना ओवरलोड वाहनों के चलते कनीना के बस स्टैंड तथा आस पास सड़क मार्ग जाम मिलती है वहीं दुर्घटनाएं होनं का अंदेशा बना रहता है। पुलिस ने घंटों मशक्कत करके ही जाम खुलवाया। वर्ष 2017 में इन पर कुछ प्रतिबंध लगाया गया था। नाके लगाकर इन्हें पकड़ा गया था किंतु तब से लेकर आज तक इन पर नकेल नहीं कसी जा रही है। अब तो लोग इन्हें सड़कों पर दौड़ती हुई मौत नाम से पुकारते हैं।
 सड़कों पर सबसे ज्यादा मौत का कारण या तो डंपर एवं ट्राला होते हैं या फिर कुत्ते एवं नील गायें होती हैं। इनके नियम तक नहीं होत हैं। सड़क को तोडऩे में सबसे बड़ा रोल इन्हीं का होता है वहीं सड़क जाम करने में भी ये अग्रणी होते हैं।
  कनीना बस स्टैंड पर जहां दुकानों के सामने बना अतिक्रमण नासूर बन गया है वहीं सड़कों पर अवैध वाहन दौड़ रहे हैं। ये भी किसी के काबू में नहीं हैं। सड़क पर वाहनों के आवागमन के लिए पुलिस भी तैनात रहती है किंतु पुलिस भी परेशान रहती है। लोगों की मांग है कि भारी वाहनों पर नजर रखी जाये और सड़क मार्ग को साफ सुथरा बनाया जाए।  
फोटो कैप्शन 3: कनीना बस स्टैंड पर जाम जैसी स्थिति का नजारा।

कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए योगा व आयुर्वेद पर हुआ वेबिनार
-958 लोगों ने लिया वेबीनार में हिस्सा 

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कनीना। कोरोना महामारी में आयुर्वेद व योगा की उपयोगिता पर शुक्रवार को एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में लाइफ विवा वैलनेस के डायरेक्टर जयवीर कुमार और विशिष्ट अतिथि के रूप में योगा इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर लक्की सिगडा शामिल हुए। वेबनर में मुख्य वक्ता डा एसपी यादव रहें।
वेबनर के संयोजक विनोद, विशाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह आयुर्वेद पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वैबनर में हरियाणा राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल, बिहार, उतर प्रदेश के करीब 958 लोगों ने हिस्सा लिया। इस वेबिनर में  आयुर्वेद व योगा के माध्यम से कोविड-19 से कैसे लड़ा जा सकता है, इस विषय पर जानकार अपने-अपने विचार रखें।
मुख्य वक्ता डा एसपी यादव ने  मधुमेह और मोटापा के बारे में जानकारी देेते हुए बताया कि ये दोनों बीमारियां समानांतर चलती हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद जीवन का ज्ञान है - यह निवारक और उपचारात्मक दोनों है। निवारक में दिनचर्या और ऋतु शामिल हैं, जिसका 10 प्रतिशत भी पालन नहीं करते हैं।
मधुमेह (डायबिटीज) के दौरान, पेशाब बार-बार आता है क्योंकि वात तत्व असंतुलित होता है और अग्नि तत्व कम हो जाती है। इसके निवारण के लिए उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है, जो पानी की मात्रा को कम करते हैं और अग्नि तत्व में सुधार करते हैं।
मधुमेह रोगियों को दही और दूध से बने उत्पादों से बचना चाहिए। सीमित घी और छाछ ठीक है।
रोगियों को चीनी या गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए, हालांकि खजूर का सेवन किया जा सकता है।
   उन्होंने ब्लड शुगर नियंत्रित करने के उपाय बताये। वही योगा इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर लक्की सिगडा ने बताया कि अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, तो बड़ी ही आसानी से आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। नियमित रूप से योग करने से इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाया जा सकता है। इम्यूनिटी ही हमें विभिन तरह के संक्रमण और वायरल से बचाने में मदद करती है। अगर व्यक्ति की इम्यूनिटी अच्छी है तो वो किसी भी वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से बच सकता हैं। योग एक नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। इस मौके पर उन्होंने त्रिकोणासन, पादंगुष्ठासन, भुजंगासन, ताड़ासन की जानकारी दी।
बेबनार के अंत में मुख्य अतिथि लाइफ विवा वैलनेस के डायरेक्टर जयवीर कुमार ने कहा कि हम अपने घर में उपलब्ध छोटी-छोटी जड़ी बूटियों से अपने इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। हेल्थ के क्षेत्र में युवा आगे आकर रोजगार कर सकते हैं।
फोटो कैप्शन 4: कनीना में आयोजित वेबिनार का एक दृश्य।


मौत अटल सत्य है-सीताराम यादव

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कनीना। मौत एक अटल सत्य है। यहै निश्चित रूप से आनी है। इंसान को उसकी मृत्यु के बाद उसके सत्कर्मों से जाना जाता है। पापी नरक का भागी होता है तथा पुण्य आत्मा स्वर्ग में वास करती है। ये विचार अटेली विधायक सीताराम यादव ने कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार की भाभी कमलेश यादव के निधन पर परिजनों को सांत्वना देते हुए व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा कि  सभी को एक ना एक दिन भगवान के घर जाना होगा। ऐसे में गम नहीं करके ईश्वर का ध्यान देना चाहिए ताकि दिवंगत आत्मा को शांति मिल सके और भगवान के चरणों में उस जीव का वास हो। उन्होंने परिजनों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस मौके पर विधायक दान सिंह, सुरेश प्रधान सुंदराह, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सत्यनारायण, पार्षद दलीप सिंह, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ, दयाराम यादव  आदि ने भी शोक जताया।
 

करीरा गांव का दूल्हा दुल्हन को हेलिकॉप्टर में ले कर आया
रेवाड़ी जिले के जैनाबाद की है दुल्हन 

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कनीना। शादी को यादगार बनाने के लिए उपमंडल के गांव करीरा में गुरुवार को  दूल्हा बारात लेकर जैनाबाद पहुंचा। शुक्रवार को सुबह दूल्हा हेलीकाप्टर से दुल्हन को लेकर करीरा पहुंचा। हेलीकाप्टर के आने की भनक लगते ही क्षेत्र में कौतूहल मच गया। हेलीकाप्टर देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग दूर-दूर खेतों में खड़े हो गए। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर  पुलिस बल मुस्तैद दिखा। दूल्हा, दुल्हन के स्वागत के लिए गांव में खास इंतजाम किए गए थे। करीब आधा एकड़ जमीन में अस्थाई हेलीपैड बनाया गया, क्योंकि दूल्हा- दुल्हन चापर में आया। दूल्हे के पिता वेद प्रकाश ने बताया कि दूल्हे की मां राजेश देवी का सपना था कि उनका बेटा हेलीकाप्टर से प्लान को लेकर के आए। चापर को आनलाइन बुक किया गया था। उधर महेंद्रगढ़ से फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी बुलाया हुआ था।
    उप मण्डल के गांव करीरा निवासी वेद प्रकाश के पुत्र पंकज की शादी जैनाबाद निवासी प्रीतम खोला की पुत्री नीलम खोला के साथ शुक्रवार को हुईं। दुल्हन को लेकर दूल्हा जब करीरा गांव में हेलीकाप्टर के माध्यम से पहुंचा तो गांव के लोग दूल्हा, दुल्हन के आने के लिए टकटकी लगाए बैठे।
अचानक आसमान में हेलीकाप्टर की गूंज सुनाई। मालूम करने पता चला कि दूल्हा दुल्हन को लेकर हेलीकाप्टर से पहुंचा, फिर क्या था कि आसपास गांव के लोग भी जुटने शुरू हो गए। वेद प्रकाश बताते हैं कि उनके पुत्र पंकज की शादी जैनाबाद निवासी प्रीतम की पुत्री नीलम खोला के शादी की रस्में निभाई गई । पंकज 2017 में आर्मी में भर्ती हो गया था। पंकज के तीन बहने हैं। दुल्हन ने बीएससी की हुई है। दुल्हन नीलम खोला का पिता प्रीतम कृषि विभाग में कार्यरत हैं। पंकज के पिता वेद प्रकाश 2003 में सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
   हेलीकाप्टर सरकारी स्कूल के खेल के मैदान में उतारा गया। भारी भीड़ जमा हो गई। लोग दूल्हा दुल्हन को कम तो हेलीकाप्टर को अधिक देख रहे थे। तत्पश्चात कार द्वारा दूल्हा-दुल्हन को घर तक ले जाया गया।
फोटो कैप्शन 1: शुक्रवार हेलीकाप्टर से दूल्हा दुल्हन को लेकर करीरा पहुंचने पर जमा भीड़।


पैर पर गोली मार ब्रेजा गाड़ी छीनी,
-गुढ़ा के पास मध्यरात्रि की घटना

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कनीना। गाड़ी मालिक(चालक) को गोली मार व गाड़ी छीन कर ले जाने का मामला दर्ज कर लिया है। मिली जानकारी के गुरुवार की करीब मध्यरात्रि अनिल निवासी डालनवास जो अपनी बे्रजा गाड़ी लेकर कनीना होकर डालनवास जा रहा था। वह कादिपुर में टूल मशीन बेचने का काम करता है।  जब वह कनीना बस स्टैंड के सामने पहुंचा तो वहा खड़े दो हट्टे कट्टे लोगों ने उसे लिफ्ट लेने के लिए हाथ का इशारा किया जिस पर रहम कर अनिल ने गाड़ी रोक लिया।  उन्होंने महेंद्रगढ़ तक लिफ्ट देने का आग्रह किया। वही इंसानियत को ध्यान में रख कर अनिल ने उन्हें गाड़ी बैठा लिए। एक व्यक्ति अगली सीट पर बैठ गया जबकि दूसरा पीछे की सीट पर बैठा था। वही पीडि़त अनिल ने यह भी बताया कि गुढ़ा गांव से कुछ ही दूरी तक पहुंचा था कि उन्होंने चालक के साथ गाली गलौच शुरू कर दी। यहां तक कि आगे की सीट पर बैठे युवक ने हैंड बे्रक खींच कर गाड़ी रोकने की कोशिश की। जिस पर चालक ने उनका विरोध किया। लेकिन चालक कुछ कर पाता कि उससे पहले पीछे की सीट पर बैठे व्यक्ति ने रिवाल्वर दिखाया। चालक ने गाड़ी रोक दी। उन्होंने चालक को जबरन नीचे उतार दिया तथा जब उन्होंने इसका विरोध किया तो  गोली मार दी जो उनके पैर मेंं जांघ में लगी और गिर गया। दोनों गाड़ी को लेकर भाग गये। जैसे-तैसे होश संभालते हुए किसी राहगीर कि मदद से 100 नंबर पर फोन किया और अपने साथ घटित घटना से अवगत कराया जिसको लेकर कंट्रोल रूम से कनीना थाने को इस सूचना देकर अवगत कराया गया। जहां पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घायल अनिल को कनीना के उप नागरिक अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। गाड़ी में उनके जरूरी कागजात एवं फोन आदि अज्ञात लुटेरे ले भगे।
 मामले की गंभीरता को देखते हुए पीडि़त के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।

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